दोस्त मै इस बार अपना review सबसे पहले देना चाहता था, लेकिन पिछले दो update से आपने मेरी कहानी पर कोई शब्द नहीं लिख कर मुझे निराश किया..... भाई हम तो आज के जमाने के बेवफा माशूक है, लेन देन बराबर से होता रहे तो मोहब्बत में खुल कर मजा देते है...... आपकी मेरी कहानी से बेरुखी के लिए अर्ज किया है.....
""इस बरस सावन में हमारे साथ एक शरारत हुयी.... हमारे घर के आंगन को छोड़, सारे शहर में बरसात हुयी। ""
फिल्म का नाम खुद याद करो

पिछले कुछ दिनों से ये साइट भी मेरी माशूका की तरह ही बेवफा निकल गयी.... जब उसका मन करता है तब झलक दिखा देती है...... बार बार पेज लोडिंग problm हो रहा है। लिखता हूँ मिट जाता है। Xforam के स्टाफ मेंबर से विनती है ये परेशानी जल्द से जल्द खतम करे।
खैर कीर्ति अंजलि की हमराज बनकर एक अच्छी दोस्त होने का सबूत दे रही है, और अंजलि के सेक्स वीडियो को देख कर अपना हाथ जगग्नाथ कर आत्मसुख लेती रहती


लेकिन इस राज को ज्यादा दिन सीने में छिपा कर रखना आसान नही होगा।"" इस युग के समस्त आश्लील फोरम के सीनियर सिटीजन पृथ्वी के समस्त ग्रंथो/ पुराणो के ज्ञाता (आप समझ तो गये होंगे

) ऐसा कहते है कि कोई भी लड़की/स्त्री कोई भी राज अपने सीने
में हमेशा के लिए छिपा कर नही रख सकती है। वैसे भी लंबी लंबी फेंकना भी एक कला है, आप और हम जैसे कम प्रतिभाशाली लोग इसमें शून्य होते है
मगर यहाँ तो अंजलि का राज कीर्ति के मोबाइल फोन में है, और आज के आधुनिक युग में अंजलि का भाई के साथ सेक्स वीडियो वाइरल होना तय है। ये भी पक्का है कि कीर्ति आगे चल कर अंजलि का भरोसा तोड़ देगी कि अंजलि को भरोसा शब्द ही भोसड़ा लगने लगेगा


कीर्ति के भाई ने लोन लेकर mba कर privaate नौकरी करने की राह पर है, जबकि उसके पिताजी सरकारी नौकर बनाना चाहते है, उनके अनुभव के हिसाब से वो सही कह रहे है।
"जबकि मेरा ऐसा अनुभव है कि नौकरी से अच्छा बिजनिस् होता है। क्योकि ऐसे मोड़ पर ले आती है नौकरी...... कि अपने ही घर जाने के लिए दूसरो की इजाजत लेनी पड़ती है।"
कीर्ति जिसने खुद काम शास्त्र पढ़कर हस्थ मैथुन की महारथ हासिल की है, और काम की " रति देवी " है, उसकी पढाई हुयी छात्रा रम्भा, उर्वशी, मेनका बनना भी तय है।


कीर्ति ने बच्चो को टूशन से जो 300 रुपए कमा कर घर में ही जो खाने पीने की छोटी सी पार्टी रखी वो कहानी के हिसाब से ठीक है, यहाँ पर भी मेरा अनुभव ये है कि गरीबों को यह केहकर भी bewkoof बनाया जाता है कि बाहर का जंक फूड या होटेलो और रेस्ट्रो में खाने में घर जैसा स्वाद का, मजा नही आता है, बाहर का खाने वाले अक्सर लोग ज्यादा बीमार होते है


अबे बुद्ध जीवियो घर के खाने में अगर स्वाद होता तो ये ढाबे और रेस्टो की बाढ़ क्या झक मारने के लिए आ रही है।
अंत में आपने कीर्ति की कहानी में पढाई, लिखाई, शिक्षा पर जो लिखा है वो विचारणीय है.... ?? ?
आजकल युवा पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं. कई बार हालात और जवानी का जोश उनको किसी दूसरी राह पर धकेल देती हैं. जिस तरह से शिक्षा के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है उसे देखते हुए देश में एजुकेशन का रेश्यो भी काफी हद तक बढ़ गया है. आज के जमाने में हर इन्सान और हर माता पिता अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने की सोचता है.
इसके लिए सब कोशिश में लगे हुए हैं. मैं इस प्रयास में कोई कमी निकाल कर लोगों के मन में कोई गलत धारणा पैदा करना नहीं चाहता हूं किंतु मुझे लगता है कि हर सिक्के के दो पहलू हैं.
इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि शिक्षा के उच्च स्तर से लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता है लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि किसी चीज का कोई फायदा होता है तो उसका नुकसान भी होता है. आजकल के जमाने में ये जो लव आजकल चल रहा है इसके बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है. इसलिए युवाओं को काफी सोच समझ कर आगे कदम बढ़ाना चाहिए.
इसी को सोच कर मैंने ये आत्म अनुभव लिखा है ताकि दोनों पहलुओं को आपके सामने रख सकूं.
आजकल बहुत से स्लोगन सोशल मीडिया पर आ रहे हैं, "खुद की बेटी पढ़ाओ ससुर की बेटी नही।" "बेटी पढ़ाओ.. बीबी नही" भला खुद की बेटी भी किसी की बहू , बीबी बनेगी......???? इसलिए जिसको भी पढ़ाओ लेकिन उसके साथ साथ खुद भी पढ़ो।

कोरोना काल के दोरान मेरे पड़ोस में बाहर रहकर पढाई करने वाली एक लड़की वापस आई और उसके घर में दो महीने के लोक डाउन में उस लड़की के अर्धनग्न कपड़ो में रहन सहन को देखकर उनके माता पिता भी शर्मा गये..... मुझ जैसे ठरकी पड़ोसी को तो उनका सच तब पता चला जब उनके घर की बात छत पर आ गयी और वो लड़की छत पर अपने मोबाइल से अपने आशिक से पूर्ण नग्न अवस्ता में वीडियो काल में बात करते हुए पकड़ी गयी। मजे की बात तो ये थी हंगामा ज्यादा होने पर मुझे पता चला कि वो लड़की तीन महीने पेट से थी। उसकी माँ चिल्ला रही थी कि बिटिया मैंने तुझे तीन साल की डिग्री लेने भेजा था और तू तीन महीने का डिप्लोमा लेकर आई हैं

आखिर में एक सवाल......
जब कोई 12 में फैल हो जाता है तो कुछ लोग जानबूजकर बदनाम करते है........ वो चूतिये लोग 12 फैल होने की जगह 11 पास भी तो बोल सकते है


पूछता है भारत.....????
Short and sweet update

इसी तरह तरह लिखते


रहो।
धन्यवाद।