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  1. S

    kaun si story bhai

    kaun si story bhai
  2. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

  3. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    उन्होंने धीरे से कहा, “इतनी देर से तुम कह रहे थे… लेकिन मैं सुन ही नहीं पा रही थी। शायद डर था कि ये सपना है, और जागते ही सब छिन जाएगा।” अंकल ने उसकी उंगलियाँ और कसकर थाम लीं। “अगर ये सपना है,” उन्होंने कहा, “तो मैं कभी नहीं चाहूँगा कि तुम जागो। और अगर हकीकत है, तो मैं वादा करता हूँ — अब कोई...
  4. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    अंकल ने दीदी को अपनी बाहों में भरा तो ऐसा लगा जैसे समय कुछ पलों के लिए थम गया हो। दीदी की साँसें उनकी छाती से टकराकर लौट रही थीं, और उन धड़कनों में एक नर्म कम्पन था — जैसे दोनों की आत्माएँ एक ही लय में साँस ले रही हों। दीदी ने धीरे-से अपना सिर उनकी गर्दन में छुपा लिया। वह सुकून, वह अपनापन —...
  5. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    कमरा अब पूरी तरह अंधेरे में डूब चुका था। माँ की सांसों की गूंज, पंखे की धीमी आवाज़ और रात की खामोशी—सब एक साथ मिलकर एक साज़ जैसा बज रहे थे। दीदी धीरे-धीरे उठीं। चादर एक कोने में सरकाई, फिर नंगे पाँव फर्श पर कदम रखा ताकि कोई आवाज़ न हो। दुपट्टा ठीक किया, और एक आखिरी बार दरवाज़े की ओर देखा—सब...
  6. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    अंकल ने एक गहरी हँसी छोड़ी, जो उसकी हद से बाहर की गर्माहट लेकर आई। मगर तभी… तभी नीचे दरवाज़े के खुलने की अचानक आवाज़ आई—“खट्ट!” दीदी एकदम चौंक गईं। जैसे किसी ने उन्हें नींद से जगा दिया हो। उनकी आँखों में डर तैर गया। “कोई… कोई आ गया क्या?” वह फुसफुसाईं, और झटके से अंकल की बाँहों से अलग हो...
  7. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    thanks
  8. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    अंकल ने धीरे-धीरे अपनी उँगलियाँ दीदी के नाज़ुक होंठों पर फेरनी शुरू कीं। उनका स्पर्श हल्का और बेहद कोमल था, जैसे किसी कीमती खिलौने को संभाल रहे हों। दीदी की पलकों ने शर्म से झपक कर अपनी आँखें बंद कर लीं। उसके चेहरे पर एक हल्की लालिमा फैल गई, जो उसके भीतर की नाज़ुकता और बेपनाह मासूमियत को बयाँ...
  9. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    वो एक और रात थी। गर्मी की, चुपचाप बहती हवा वाली। पूरा घर गहरी नींद में डूबा था, पर दीदी की आँखों में नींद नहीं, कुछ और था — कुछ जो उन्हें खींच लाया था उस सन्नाटे में छुपी छत पर। धीरे से दरवाज़ा खोला, चप्पलों को हाथ में लिया और कदम-दर-कदम वो ऊपर पहुँचीं — जैसे कोई राज़ छुपा हो उस छत पर, कोई...
  10. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    (कुछ दिन बाद) अब ये रोज़ की बात हो गई थी। सुबह करीब दस बजे के आस-पास, जब मोहल्ले की छतों पर कपड़े झूलने लगते, दीदी भी ऊपर आ जातीं — कभी हाथ में फोल्डिंग स्टूल, कभी कोई किताब, कभी बस यूँ ही। अंकल अक्सर पहले से छत पर होते — एक छोटा रेडियो पास में रखे हुए, जिसमें पुरानी ग़ज़लें चल रही होतीं।...
  11. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    अगली सुबह हल्की ठंडी हवा चल रही थी। धूप अब पूरी तरह फैल चुकी थी, लेकिन उसमें जून वाली तपिश नहीं थी — बस एक नर्म-सी गरमाहट थी, जैसे कोई हाथ सहला रहा हो पीठ पर। मैं अभी तक सोकर उठा भी नहीं था कि दीदी की चप्पलों की आवाज़ सुनाई दी — ठप-ठप करती हुई वो छत की सीढ़ियों की ओर जा रही थीं। खिड़की से देखा...
  12. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    कमरे में घुली उस चुप्पी ने जैसे वक्त को थाम लिया था। दीदी की आँखों में एक अजीब सी नरमी थी — वो नरमी जो कभी माँ की आँखों में देखी थी मैंने, जब वो पापा की ओर देखती थीं। अंकल भी खामोश थे, लेकिन उनकी मुस्कान में एक सुकून था, जैसे उन्हें अब किसी जवाब का इंतज़ार नहीं रहा। उन्होंने दीदी की ओर देखा...
  13. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    आपकी इतनी सुंदर और सच्ची प्रतिक्रिया पढ़कर मन अत्यंत आनंदित हुआ। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मेरी लेखनी ने आपको प्रभावित किया। आपके शब्दों ने न केवल मेरा उत्साह बढ़ाया है, बल्कि मुझे इस बात की भी ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाया है कि आगे भी मैं इसी स्तर को बनाए रखूं और पाठकों की अपेक्षाओं पर खरा...
  14. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    अगली सुबह कुछ अलग ही थी। हवा में ताज़गी थी, और सूरज की हल्की-हल्की किरणें कमरे में आ रही थीं। हमेशा की तरह मैं सबसे पहले उठने वाला था, लेकिन उस दिन दीदी मुझसे भी पहले जाग चुकी थीं। रसोई से चाय की खुशबू आ रही थी। मैंने चौंककर देखा — दीदी चाय बना रही थीं। ये थोड़ा अजीब था, क्योंकि आमतौर पर वो देर...
  15. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    उस रात करीब साढ़े आठ बजे की बात है। मैं अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था, तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई। देखा तो अंकल खड़े थे, हाथ में एक स्टील का डब्बा लिए। चेहरे पर हमेशा की तरह हल्की मुस्कान थी। "अरे, मैं कुछ स्पेशल बना रहा था — मटन। सोचा तुम्हें भी चखवाऊँ।" फिर रुककर बोले, "और हाँ, वंदना जी को भी...
  16. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    फिर जब दीदी उनकी तरफ देखतीं, तो वे जल्दी से नजरें हटा लेते। धीरे-धीरे मैंने नोटिस किया कि अंकल का घर पर आना कुछ ज़्यादा ही बढ़ गया था। कभी सब्ज़ी देने के बहाने आ जाते, कभी कहते कि मम्मी से कोई पुरानी किताब चाहिए, तो कभी पंखा ठीक करने लग जाते। असल में, अंकल दीदी को अंदर ही अंदर बहुत पसंद करने...
  17. S

    Adultery Didi Ki Dilchaspiyaan

    दोस्तों, ये कहानी मैंने पहले इंग्लिश में लिखी थी, लेकिन अब मैं इसे हिंदी में लिखकर पूरा करूंगा। हमारे परिवार में चार लोग हैं — मैं, मेरी बड़ी दीदी, मम्मी और पापा। पहले हम शहर में रहा करते थे। सब कुछ व्यवस्थित चल रहा था, जब तक पापा की नौकरी किसी दूर के शहर में ट्रांसफर नहीं हो गई। मजबूरी में...
  18. S

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    thank you for asking, i am also doing great
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