भाग ४२)
नाश्ता कर के उठा ही था की मेरे कमरे का फ़ोन घनघना उठा..
रिसीव किया,
क्रैडल को अभी उठा कर माउथपीस में ‘हैलो’ बोलने ही वाला था कि दूसरी ओर से एक व्याकुलता भरी आवाज़ आई,
“हैलो, अभय?”
“शंकर?.. बोलो भई .. क्या बात है... बड़े व्या...”
मेरी बात को बीच में ही काटते हुए शंकर बोला,
“तुम्हें...