मेरी गुस्सैल बहन.... ना तो ये बहस के लिए लिखा मैंने और ना ही हवाई बातें हैं.... हमारी योग्यता सर्टिफिकेट या हम क्या जानते हैं उससे नहीं.... हम क्या कर पाये, इससे पता चलती है.... मैं एक ऐसे गाँव में बचपन में रहा जहाँ सरकारी कर्मचारी चौपाल पर हाजिरी देने आते थे.... 14 साल
फिर बहुत बड़े शहर में रहा... 20 साल
अब 14+ साल से एक ऐसे गाँव में रह रहा हूँ जो आपके देखे सुने किसी भी गाँव से छोटा और पिछड़ा हुआ था.... बिजली, सड़क, स्कूल, नाली, खड़ंजा तक सबकुछ पहली बार ... 15-16 मकान वाले इस गाँव के लिए इन्हीं सरकारी कार्यालयों, कर्मचारियों और योजनाओं से कराया है मैंने..... मेरे बच्चे इसी गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़कर बड़े हुये... और इस गाँव में मेरे पास मात्र 300 वर्ग मीटर खेती की जमीन है... पूर्ण रूप से भूमिहीन...
जिस गाँव में 15 साल पहले कोई मेरी फरियाद भी नहीं सुनता था अब वहीं आसपास के गाँव के लोग ही नहीं सरकारी कर्मचारी तक मुझसे अपने काम निकलवाने को फरियाद लेकर आते हैं.... कृषि, बागवानी, लेखपाल, पंचायत सचिव, आँगनबाड़ी, स्कूल, राशन,निर्वाचन सब विभागों में अपने गाँव का निर्वाचित/निर्विरोध प्रतिनिधि हूँ... ग्राम प्रधान से खिलाफ़ रहकर भी.....
बस एक ही काम किया है मैंने... जब बाबर ने श्री रामजन्मभूमि पर हमला किया... मैंने श्री राम की मूर्ति को धनुष-बाण देकर उनसे रक्षा की प्रार्थना करते हुये मरने की बजाय उनके धनुष-बाण लेकर उनकी रक्षा प्राण रहने तक करने का प्रयास किया..... बाबर को दोष देने से मन्दिर नहीं लौटा, हमें ही स्वयं बनाना पड़ा दोबारा...
दूसरे ने आपके साथ बुरा किया कहने से आपकी समस्या खत्म नहीं हो सकती.... जब कुछ बचा ही नहीं और मिल भी नहीं रहा तो कोई आपका क्या बिगाड़ सकता है..... जो चाहिये, जो हक है उसे पाने के लिये हर रास्ते के पत्थर को तोड़कर कदमों में बिछा दो... दशरथ माँझी की तरह
ये जो शहतीर है पलकों पे उठा लो यारो
अब कोई ऐसा तरीक़ा भी निकालो यारो
दर्द-ए-दिल वक़्त को पैग़ाम भी पहुँचाएगा
इस कबूतर को ज़रा प्यार से पालो यारो
लोग हाथों में लिए बैठे हैं अपने पिंजरे
आज सय्याद को महफ़िल में बुला लो यारो
आज सीवन को उधेड़ो तो ज़रा देखेंगे
आज संदूक़ से वो ख़त तो निकालो यारो
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो
कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता
एक पत्थर तो तबीअ'त से उछालो यारो
लोग कहते थे कि ये बात नहीं कहने की
तुम ने कह दी है तो कहने की सज़ा लो यारो
No one is innocent...
सभी अपनी गलतियों से दुखी हैं
और सुखी कोई दूसरा नहीं करेगा. .आपको स्वयं प्रयास करना होगा