• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy कालदूत(पूर्ण)

Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
Super-Moderator
41,908
59,049
304
भाग १४



राघव अपने ध्यान मैं उस इमारत की आवाजे सुनने की कोशिश कर रहा था, उसे इस जगह पर ये इमारत और ये लोग देख के अचंभा भा था क्युकी उसने नहीं सोचा था की शहर के इस इलाके या यु अकाहे की जंगल की तरफ कोई रह सकता है वो जानना चाहता था की ये लोग कौन है पर उसे क्या पता था की जिन लोगो की तलाश मैं वो निकला है किस्मत उसे वही ले आई है

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.

सारा-क्या कल की घटना को लेकर अभी तक चिंतित हो?

सुशेन-कल हमारे एक आदमी को पुलिस ने पकड़ लिया

सारा-चिंता मत करो विक्रांत अपना मुह कभी नहीं खोलेगा

सुशेन- मुझे उसकी चिंता नहीं है, मैं जनता हु विक्रांत अपना मुह नहीं खोलेगा मुझेतो एक बात समझ मैं नहीं आ रही है की ये ब्लू हुड वालो को कैसे पता चला की हम उस जगह अंतिम कुर्बानी देने वाले थे?

सारा-हा, पूरा प्लान एकदम सही था, कल के दिन हमने इतनी साडी कुर्बानिय दी और बस एक अंतिम कुर्बानी देनी बची थी लेकिन ब्लू हुड और पुलिस दोनों हमारी लोकेशन जान गए

सुशेन- हमारा एक आदमी अब इंस्पेक्टर रमण की गिरफ्त मैं है

सरह-ये रमण आजकल कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है तुम्हे हनी

सुशेन- इसका भी बंदोबस्त जल्द ही होगा सारा इसे भी भगवान कालदूत के काम मैं रोड़ा बनने की सजा मिलेगी

तभी एक २७ वर्ष का लड़का तेजी से दौड़ते हुए कमरे मैं आया,उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी और उसका पूरा चेहरा पसीने से भरा हुआ था

सुशेन(गुस्से से )- क्या है सिद्धार्थ? क्या हुआ जो तुमने दरवाजा खटखटाना जरुरी नहीं समझा

सिद्धार्थ-क्षमा करे लेकिन बात ही कुछ ऐसी है की..

सुशेन-क्या बात है

सिद्धार्थ-हमारे ब्लैक हुड का एक कालसैनिक रमेश जंगल मैं मरा पड़ा मिला है, पुलिस ने लाश बरामद कर ली है

सारा(चौक कर)- क्या! पर उसे कौन मार सकता है?

सुशेन-सामान्य व्यक्ति के लिए रमेश को मारना बड़ा मुश्किल था क्युकी रमेश telekinesis का अच्छा ज्ञाता है

सारा-तो क्या ये ब्लू हुड का काम हो सकता है ?

सुशेन-इशारा तो इसी तरफ है हर चीज़ का, मुझे अपने छोटे भाई से बात करनी होगी

सारा-तुम्हारा भाई शक्ति आखिर ऐसा कर क्यों रहा है? कालदूत की पूजा तो हम सबको मिलकर करनी चाहिए चाहे वो ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हम सबके आराध्य देव है

सुशेन (गहरी सास लेकर)- जैसा की तुम्हे पता है की कालसेना के मुखिया की मृतु होने पर मुखिया के पद के लिए कालसेना के सबसे काबिल सदस्यों के बीच जंग होती है, ये पद हमेशा से मेरे परिवार के पास रहा है क्युकी तंत्र, मंत्र और telekinesis मैं हमसे अच्छा ज्ञाता कोई नहीं है, जब पिताजी की मृतु हुयी तब मैंने भी हर शक्तिशाली कालसैनिक से लड़ कर ये पद जीता है लेकिन मुझे बराबर की चुनौती अगर किसी से मिली तो मेरे खुद भाई से, शक्ति से....लेकिन जब काफी समय तक लड़ते रहने के बाद भी हमारे बीच कोई हल नहीं निकला तो पूरी कालसेना के बीच मतदान कराया गया, उसमे भी ७५% लोगो ने मुझे ही अपना मुखिया चुना लेकिन शक्ति को ये गवारा नहीं हुआ और वो अपने २५% समर्थक लेकर कालसेना से अलग हो गया और तबसे ये कालसेना दो भागो मैं बट गयी...ब्लैक हुड और ब्लू हुड

सारा- एक मिनट! मुझे तो लगा था के ब्लू हुड और ब्लैक हुड को उगम एक साथ हुआ है

सुशेन-नहीं सारा! ब्लैक हुड जो की मुख्या रूप से कालसेना कहा जाता है उसकी स्थापना मेरे महँ पूर्वज बिरजू नाम के एक नाविक ने १००० साल पहले की थी जबकि बलुद हुड अभी ६ साल पहले बना है जिसे मेरे भाई शक्ति ने बनाया है, तुम ये सब बाते नहीं जानती क्युकी तब तुम हमारे साथ नहीं थी बाद मैं आई हो

सिद्धार्थ-तो...आपको लगता है के रमेश को बलौर हुड के लोगो ने मारा है?

सुशेन-मुझे शक्ति से इस बारे मैं बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह पाउँगा मुझे उससे मिलना होगा

सारा-पर तुम अकेले नहीं जाओगे सिद्धार्थ भी तुम्हारे साथ जायेगा

सुशेन- ठीक है उसके पहले सिद्धार्थ तुम ब्लू हुड से संपर्क करो और उन्हें मिलने की जगह बताओ

सिद्धार्थ- ठीक है

उसके बाद सिद्धार्थ ने ब्लू हुड के लोगो से फ़ोन पर बात की और उन्हें सुशेन की बताई जगह पर मिलने बुलाया,

राघव जो उस इमारत से कुछ दुरी पर बैठा था उसने अपनी शक्ति के इस्तमाल से ये सारी बाते सुनी थी, राघव ने अनजाने मैं ही कालसेना के मुखिया का पता लगा लिया था साथ ही उसे ये भी पता चल गया था की १००० वर्षो पुराणी इस कालसेना मैं फूट गिरी है, इसके लोग आपस मैं ही एकदूसरे को पसंद नहीं करते और इसका उदहारण भी वो पिछली रात को देख चूका था जब भैक और बलुद हुड के लोगो ने एकदूसरे पर बन्दूक तानी हुयी थी,

अब राघव ने वहा से न हटने की ठान ली वो अब इस कालसेना को पूरी तरह से जानना चाहता था इनकी शक्तियों के बारे मैं पता लगाना चाहता था, कुछ समय बाद राघव को उस घर मैं कुछ हलचल होती दिखी वहा उस घर के बहार कुछ काले रंग की कार आकर खडी हुयी और उसमे एक कालसैनिक कुछ सामान रखने लगा जिसके बाद वो अंदर चला गया, इस वक़्त घर के बहार पहरा देने केवल एक आदमी खड़ा था और वो हर दिशा मैं घूम कर निगरानी कर रहा था, बाकि सब लोगो अंदर बुलाया गया था, अंदर कोई मीटिंग चल रही थी

राघव ने इसी बात का फायदा उठाया और बगैर किसी की नजर मैं आये cctv कैमरे से बचते हुए वो एक कार की डिक्की मैं जाकर छिप गया, कुछ समय बाद कुछ कालसैनिक आकर उस गाड़ी मैं बैठे और मीटिंग वाली जगह की और निकल गए.....
 

ashish_1982_in

Well-Known Member
5,573
18,936
188
भाग १३


अगली सुबह रमण जल्दी पुलिस स्टेशन के लिए निकल गया वो विक्रांत से मिल कर जल्द से जल्द उसके मुह से कालसेना के ठिकाने का पता लगाना चाहता था, साथ ही उसके दिमाग मैं संतोष की बताई बाते भी थी, कल संतोष ने उन्हें बताया था के उसके और रोहित के हाथो से एक आदमी का खून हुआ था, रमण ने संतोष से इस घटना की पूरी जानकारी ली और एक सर्च टीम भी उस लाश की तलाश मैं लगायी थी और पुलिस को उस 7 फूट के इंसान की लाश भी मिल गयी थी

विक्रांत को इस वक़्त एक अँधेरे लॉकअप मैं बंद किया हुआ था, उस कमरे मैं केवल एक बल्ब की मधिम रोशनी थी और वो मद्धिम रौशनी उस पुरे कमरे के लिए काफी नहीं थी, रमण और विक्रांत एक दुसरे के सामने लकड़ी की खुर्ची पर बैठे हुए थे, विक्रांत के चेहरे पर पिछली लादे के कारन कई चोटों के निशान थे और उसके हाथो मैं हथकड़ी लगी हुयी थी, उस लॉकअप मैं मौत जैसा सन्नाटा था जिसे रमण की आवाज ने भंग किया

रमण- मैंने हर एक पुलिस वाले तुम्हरू सेल से दूर रहने को कहा है ताकि मैं तुमसे अकेले मैं कुछ पूछताछ कर सकू

विक्रांत- क्या जानना चाहते हो इंस्पेक्टर जो तुम्हे बताना था मैं बता चूका हु इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बताऊंगा, काफी हिम्मत मैं तुममे तुम भी मेरी तरह कालदूत की भक्ति करो ताकतवर भक्तो की वे कदर करते है

रमण-अपनी बकवास बंद करो और मुझे अपने मुखिया के अड्डे का पता बता दो

विक्रांत(कुटिल मुस्कराहट के साथ)- तुम उसे कभी ढूंढ नहीं पाओगे, एक आखरी कुर्बानी और कालदूत को स्वतंत्र करा देंगे हम लोग

रमण-तुम अंधविश्वासी लोगो से तंग आ गया हु मैं, तुम लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हो

विक्रांत-यानि की तुम्हे लगता है कालदूत सिर्फ एक मिथ्या रचना है? काश मेरे हाथ इस वक़्त खुले होते तो मैं तुम्हे बताता, telekinesis करके तुम्हारी खोपड़ी खोल देता

रमण-मुझे यकीन है की ये जो telekinesis तुम लोग करते हो इसके पीछे भी अवश्य कोई वैज्ञानिक कारण होगा,

विक्रांत-गलत इंस्पेक्टर, हमारे देवता ने हमें ये शक्तिया दी है

रमण-यानि कालदूत ने? वो इतना ही शक्तिशाली है तो अपनी कैद से खुद आजाद क्यों नहीं हो जाता? उसे तुम लोगो की जरुरत क्यों है?

विक्रांत-चाहे कोई भी आराध्य देव हो, उसे अपने भक्तो की शक्ति की जरुरत होती है जैसे तुम्हारे इश्वर को तुम्हारी भक्ति की अवशकता है वैसे ही हमारे इश्वर को हमारी भक्ति की अवशकता है, कालदूत तुम्हारे देवताओ के शाराप के कारन युगों युगांतर से समुद्रतल की गहराइयों मैं कैद है, उनको आत्माओ की शक्त चाहिए जिससे वो अपने बन्धनों से आजाद हो सके, बस एक इंसानी रूह और हमारा देवता समुद्रतल से धरातल पर आ जायेगा, हमारी १००० वर्षो की तपस्या रंग लाएगी

रमण- बस बहुत हुआ मैं तुम्हारी बकवास और नहीं सुनूंगा, तुम्हारा तथाकथित भगवान आजाद होगा या नहीं मैं नहीं जनता पर इतना जरूर जनता हु की तुम अब इस चारदीवारी से कभी बहार की दुनिया नहीं देख पाओगे,

रमण बहार आकर अपने केबिन मैं बैठा हुआ था, विक्रांत की बातो ने उसके दिमाग को विचलित किया हुआ था,

वही घर पर राघव इस समय ध्यान लगाये बैठा था और कल से उसने जितनी भी बाते उसने कालसेना और कालदूत के बारे मैं देखि और सुनी थी उन सबका आकलन अपने दिमाग मैं कर रहा था

राघव के दादाजी की उस सिद्ध माला का असर इतना जबरदस्त था की जिसे पहनते ही राघव की सुनने की क्षमता बढ़ गयी थी वो अगर पूर्ण एकाग्र होकर किसी आवाज पर धयान लगाये तो करीब १ किलोमीटर तक की आवाज सुन सकता था और अपनी इस काबिलियत का पता उसे कल शाम ही चला था जब उन्होंने विक्रांत को पकड़ा था तब राघव को कुछ लोगो की अस्पष्ट आवाजे आये थी जो जंगल मैं किसी ठिकाने की बात कर रहे थे, राघव ने जब आजू बाजु मैं नजर दौडाई तो उसे वहा कोई नहीं दिखा और फिर विक्रांत की बातो ने उसका ध्यान अपनी और खीचा था, इस वक़्त राघव अपना मस्तिष्क एकाग्र करके उन्ही आवाजो को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा था पर उसका कोई खास फायदा नहीं हो रहा था आखिर मैं उसे उन आवाजो से जो इन्फो मिली थी उसी के सहारे उसने आगे जाने का सोचा, राघव ने अपना ध्यान समाप्त किया और बगैर किसी को बताये घर से निकल गया, कहा जाना है वो नहीं जनता था बस उन अनजान आवाजो से उसे एक ठिकाने का पता चला था और राघव उसी की खोज मैं निकला....

राघव ने अपनी खोज की शुरुवात कल की घटना वाली जगह से करने की सोच और वो जंगल मैं उस पुराने कब्रिस्तान मैं पहुच गया पर कल ही तरह उसे आज भी वहा कुछ नहीं मिला तभी उसे कुछ दुरी पर कदमो की हलकी हलकी आवाजे सुने दी और राघव ने उनका पीछा किया, वो कदमो की आवाजे उसे जंगल के दूसरी तरफ वाले बहरी इलाके की और ले आयी,

जंगल के बहार वीरान इकले मैं एक दो मंजिला इमारत बनी हुयी थी और इस दो मंजिला ईमारत मैं कुछ हलचल हो रही थी, उस इमारत की सुरक्षा के लिए कुछ १०-१२ लोग हाथ मैं बन्दूक लिए बहार तैनात खड़े थे राघव कुछ समझ नहीं पा रहा था, उसने कभी सपने मैं भी नहीं सोचा था की उसके शहर के बहार उसे ऐसा कुछ देखने मिलेगा, राघव ने अब अपनी दूर का सुनने की काबिलियत का इस्तमाल करने का सोचा और वही छिप कर उस इमारत से आती आवाजो पर ध्यान केन्द्रित किया,

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.....


To be continue......
nice update bhai
 

Naik

Well-Known Member
22,322
79,010
258
भाग १३


अगली सुबह रमण जल्दी पुलिस स्टेशन के लिए निकल गया वो विक्रांत से मिल कर जल्द से जल्द उसके मुह से कालसेना के ठिकाने का पता लगाना चाहता था, साथ ही उसके दिमाग मैं संतोष की बताई बाते भी थी, कल संतोष ने उन्हें बताया था के उसके और रोहित के हाथो से एक आदमी का खून हुआ था, रमण ने संतोष से इस घटना की पूरी जानकारी ली और एक सर्च टीम भी उस लाश की तलाश मैं लगायी थी और पुलिस को उस 7 फूट के इंसान की लाश भी मिल गयी थी

विक्रांत को इस वक़्त एक अँधेरे लॉकअप मैं बंद किया हुआ था, उस कमरे मैं केवल एक बल्ब की मधिम रोशनी थी और वो मद्धिम रौशनी उस पुरे कमरे के लिए काफी नहीं थी, रमण और विक्रांत एक दुसरे के सामने लकड़ी की खुर्ची पर बैठे हुए थे, विक्रांत के चेहरे पर पिछली लादे के कारन कई चोटों के निशान थे और उसके हाथो मैं हथकड़ी लगी हुयी थी, उस लॉकअप मैं मौत जैसा सन्नाटा था जिसे रमण की आवाज ने भंग किया

रमण- मैंने हर एक पुलिस वाले तुम्हरू सेल से दूर रहने को कहा है ताकि मैं तुमसे अकेले मैं कुछ पूछताछ कर सकू

विक्रांत- क्या जानना चाहते हो इंस्पेक्टर जो तुम्हे बताना था मैं बता चूका हु इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बताऊंगा, काफी हिम्मत मैं तुममे तुम भी मेरी तरह कालदूत की भक्ति करो ताकतवर भक्तो की वे कदर करते है

रमण-अपनी बकवास बंद करो और मुझे अपने मुखिया के अड्डे का पता बता दो

विक्रांत(कुटिल मुस्कराहट के साथ)- तुम उसे कभी ढूंढ नहीं पाओगे, एक आखरी कुर्बानी और कालदूत को स्वतंत्र करा देंगे हम लोग

रमण-तुम अंधविश्वासी लोगो से तंग आ गया हु मैं, तुम लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हो

विक्रांत-यानि की तुम्हे लगता है कालदूत सिर्फ एक मिथ्या रचना है? काश मेरे हाथ इस वक़्त खुले होते तो मैं तुम्हे बताता, telekinesis करके तुम्हारी खोपड़ी खोल देता

रमण-मुझे यकीन है की ये जो telekinesis तुम लोग करते हो इसके पीछे भी अवश्य कोई वैज्ञानिक कारण होगा,

विक्रांत-गलत इंस्पेक्टर, हमारे देवता ने हमें ये शक्तिया दी है

रमण-यानि कालदूत ने? वो इतना ही शक्तिशाली है तो अपनी कैद से खुद आजाद क्यों नहीं हो जाता? उसे तुम लोगो की जरुरत क्यों है?

विक्रांत-चाहे कोई भी आराध्य देव हो, उसे अपने भक्तो की शक्ति की जरुरत होती है जैसे तुम्हारे इश्वर को तुम्हारी भक्ति की अवशकता है वैसे ही हमारे इश्वर को हमारी भक्ति की अवशकता है, कालदूत तुम्हारे देवताओ के शाराप के कारन युगों युगांतर से समुद्रतल की गहराइयों मैं कैद है, उनको आत्माओ की शक्त चाहिए जिससे वो अपने बन्धनों से आजाद हो सके, बस एक इंसानी रूह और हमारा देवता समुद्रतल से धरातल पर आ जायेगा, हमारी १००० वर्षो की तपस्या रंग लाएगी

रमण- बस बहुत हुआ मैं तुम्हारी बकवास और नहीं सुनूंगा, तुम्हारा तथाकथित भगवान आजाद होगा या नहीं मैं नहीं जनता पर इतना जरूर जनता हु की तुम अब इस चारदीवारी से कभी बहार की दुनिया नहीं देख पाओगे,

रमण बहार आकर अपने केबिन मैं बैठा हुआ था, विक्रांत की बातो ने उसके दिमाग को विचलित किया हुआ था,

वही घर पर राघव इस समय ध्यान लगाये बैठा था और कल से उसने जितनी भी बाते उसने कालसेना और कालदूत के बारे मैं देखि और सुनी थी उन सबका आकलन अपने दिमाग मैं कर रहा था

राघव के दादाजी की उस सिद्ध माला का असर इतना जबरदस्त था की जिसे पहनते ही राघव की सुनने की क्षमता बढ़ गयी थी वो अगर पूर्ण एकाग्र होकर किसी आवाज पर धयान लगाये तो करीब १ किलोमीटर तक की आवाज सुन सकता था और अपनी इस काबिलियत का पता उसे कल शाम ही चला था जब उन्होंने विक्रांत को पकड़ा था तब राघव को कुछ लोगो की अस्पष्ट आवाजे आये थी जो जंगल मैं किसी ठिकाने की बात कर रहे थे, राघव ने जब आजू बाजु मैं नजर दौडाई तो उसे वहा कोई नहीं दिखा और फिर विक्रांत की बातो ने उसका ध्यान अपनी और खीचा था, इस वक़्त राघव अपना मस्तिष्क एकाग्र करके उन्ही आवाजो को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा था पर उसका कोई खास फायदा नहीं हो रहा था आखिर मैं उसे उन आवाजो से जो इन्फो मिली थी उसी के सहारे उसने आगे जाने का सोचा, राघव ने अपना ध्यान समाप्त किया और बगैर किसी को बताये घर से निकल गया, कहा जाना है वो नहीं जनता था बस उन अनजान आवाजो से उसे एक ठिकाने का पता चला था और राघव उसी की खोज मैं निकला....

राघव ने अपनी खोज की शुरुवात कल की घटना वाली जगह से करने की सोच और वो जंगल मैं उस पुराने कब्रिस्तान मैं पहुच गया पर कल ही तरह उसे आज भी वहा कुछ नहीं मिला तभी उसे कुछ दुरी पर कदमो की हलकी हलकी आवाजे सुने दी और राघव ने उनका पीछा किया, वो कदमो की आवाजे उसे जंगल के दूसरी तरफ वाले बहरी इलाके की और ले आयी,

जंगल के बहार वीरान इकले मैं एक दो मंजिला इमारत बनी हुयी थी और इस दो मंजिला ईमारत मैं कुछ हलचल हो रही थी, उस इमारत की सुरक्षा के लिए कुछ १०-१२ लोग हाथ मैं बन्दूक लिए बहार तैनात खड़े थे राघव कुछ समझ नहीं पा रहा था, उसने कभी सपने मैं भी नहीं सोचा था की उसके शहर के बहार उसे ऐसा कुछ देखने मिलेगा, राघव ने अब अपनी दूर का सुनने की काबिलियत का इस्तमाल करने का सोचा और वही छिप कर उस इमारत से आती आवाजो पर ध्यान केन्द्रित किया,

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.....


To be continue......
Bahot zaberdast update bhai
Shaandaar mazedaar lajawab
 

Naik

Well-Known Member
22,322
79,010
258
भाग १४



राघव अपने ध्यान मैं उस इमारत की आवाजे सुनने की कोशिश कर रहा था, उसे इस जगह पर ये इमारत और ये लोग देख के अचंभा भा था क्युकी उसने नहीं सोचा था की शहर के इस इलाके या यु अकाहे की जंगल की तरफ कोई रह सकता है वो जानना चाहता था की ये लोग कौन है पर उसे क्या पता था की जिन लोगो की तलाश मैं वो निकला है किस्मत उसे वही ले आई है

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.

सारा-क्या कल की घटना को लेकर अभी तक चिंतित हो?

सुशेन-कल हमारे एक आदमी को पुलिस ने पकड़ लिया

सारा-चिंता मत करो विक्रांत अपना मुह कभी नहीं खोलेगा

सुशेन- मुझे उसकी चिंता नहीं है, मैं जनता हु विक्रांत अपना मुह नहीं खोलेगा मुझेतो एक बात समझ मैं नहीं आ रही है की ये ब्लू हुड वालो को कैसे पता चला की हम उस जगह अंतिम कुर्बानी देने वाले थे?

सारा-हा, पूरा प्लान एकदम सही था, कल के दिन हमने इतनी साडी कुर्बानिय दी और बस एक अंतिम कुर्बानी देनी बची थी लेकिन ब्लू हुड और पुलिस दोनों हमारी लोकेशन जान गए

सुशेन- हमारा एक आदमी अब इंस्पेक्टर रमण की गिरफ्त मैं है

सरह-ये रमण आजकल कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है तुम्हे हनी

सुशेन- इसका भी बंदोबस्त जल्द ही होगा सारा इसे भी भगवान कालदूत के काम मैं रोड़ा बनने की सजा मिलेगी

तभी एक २७ वर्ष का लड़का तेजी से दौड़ते हुए कमरे मैं आया,उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी और उसका पूरा चेहरा पसीने से भरा हुआ था

सुशेन(गुस्से से )- क्या है सिद्धार्थ? क्या हुआ जो तुमने दरवाजा खटखटाना जरुरी नहीं समझा

सिद्धार्थ-क्षमा करे लेकिन बात ही कुछ ऐसी है की..

सुशेन-क्या बात है

सिद्धार्थ-हमारे ब्लैक हुड का एक कालसैनिक रमेश जंगल मैं मरा पड़ा मिला है, पुलिस ने लाश बरामद कर ली है

सारा(चौक कर)- क्या! पर उसे कौन मार सकता है?

सुशेन-सामान्य व्यक्ति के लिए रमेश को मारना बड़ा मुश्किल था क्युकी रमेश telekinesis का अच्छा ज्ञाता है

सारा-तो क्या ये ब्लू हुड का काम हो सकता है ?

सुशेन-इशारा तो इसी तरफ है हर चीज़ का, मुझे अपने छोटे भाई से बात करनी होगी

सारा-तुम्हारा भाई शक्ति आखिर ऐसा कर क्यों रहा है? कालदूत की पूजा तो हम सबको मिलकर करनी चाहिए चाहे वो ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हम सबके आराध्य देव है

सुशेन (गहरी सास लेकर)- जैसा की तुम्हे पता है की कालसेना के मुखिया की मृतु होने पर मुखिया के पद के लिए कालसेना के सबसे काबिल सदस्यों के बीच जंग होती है, ये पद हमेशा से मेरे परिवार के पास रहा है क्युकी तंत्र, मंत्र और telekinesis मैं हमसे अच्छा ज्ञाता कोई नहीं है, जब पिताजी की मृतु हुयी तब मैंने भी हर शक्तिशाली कालसैनिक से लड़ कर ये पद जीता है लेकिन मुझे बराबर की चुनौती अगर किसी से मिली तो मेरे खुद भाई से, शक्ति से....लेकिन जब काफी समय तक लड़ते रहने के बाद भी हमारे बीच कोई हल नहीं निकला तो पूरी कालसेना के बीच मतदान कराया गया, उसमे भी ७५% लोगो ने मुझे ही अपना मुखिया चुना लेकिन शक्ति को ये गवारा नहीं हुआ और वो अपने २५% समर्थक लेकर कालसेना से अलग हो गया और तबसे ये कालसेना दो भागो मैं बट गयी...ब्लैक हुड और ब्लू हुड

सारा- एक मिनट! मुझे तो लगा था के ब्लू हुड और ब्लैक हुड को उगम एक साथ हुआ है

सुशेन-नहीं सारा! ब्लैक हुड जो की मुख्या रूप से कालसेना कहा जाता है उसकी स्थापना मेरे महँ पूर्वज बिरजू नाम के एक नाविक ने १००० साल पहले की थी जबकि बलुद हुड अभी ६ साल पहले बना है जिसे मेरे भाई शक्ति ने बनाया है, तुम ये सब बाते नहीं जानती क्युकी तब तुम हमारे साथ नहीं थी बाद मैं आई हो

सिद्धार्थ-तो...आपको लगता है के रमेश को बलौर हुड के लोगो ने मारा है?

सुशेन-मुझे शक्ति से इस बारे मैं बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह पाउँगा मुझे उससे मिलना होगा

सारा-पर तुम अकेले नहीं जाओगे सिद्धार्थ भी तुम्हारे साथ जायेगा

सुशेन- ठीक है उसके पहले सिद्धार्थ तुम ब्लू हुड से संपर्क करो और उन्हें मिलने की जगह बताओ

सिद्धार्थ- ठीक है

उसके बाद सिद्धार्थ ने ब्लू हुड के लोगो से फ़ोन पर बात की और उन्हें सुशेन की बताई जगह पर मिलने बुलाया,

राघव जो उस इमारत से कुछ दुरी पर बैठा था उसने अपनी शक्ति के इस्तमाल से ये सारी बाते सुनी थी, राघव ने अनजाने मैं ही कालसेना के मुखिया का पता लगा लिया था साथ ही उसे ये भी पता चल गया था की १००० वर्षो पुराणी इस कालसेना मैं फूट गिरी है, इसके लोग आपस मैं ही एकदूसरे को पसंद नहीं करते और इसका उदहारण भी वो पिछली रात को देख चूका था जब भैक और बलुद हुड के लोगो ने एकदूसरे पर बन्दूक तानी हुयी थी,

अब राघव ने वहा से न हटने की ठान ली वो अब इस कालसेना को पूरी तरह से जानना चाहता था इनकी शक्तियों के बारे मैं पता लगाना चाहता था, कुछ समय बाद राघव को उस घर मैं कुछ हलचल होती दिखी वहा उस घर के बहार कुछ काले रंग की कार आकर खडी हुयी और उसमे एक कालसैनिक कुछ सामान रखने लगा जिसके बाद वो अंदर चला गया, इस वक़्त घर के बहार पहरा देने केवल एक आदमी खड़ा था और वो हर दिशा मैं घूम कर निगरानी कर रहा था, बाकि सब लोगो अंदर बुलाया गया था, अंदर कोई मीटिंग चल रही थी


राघव ने इसी बात का फायदा उठाया और बगैर किसी की नजर मैं आये cctv कैमरे से बचते हुए वो एक कार की डिक्की मैं जाकर छिप गया, कुछ समय बाद कुछ कालसैनिक आकर उस गाड़ी मैं बैठे और मीटिंग वाली जगह की और निकल गए.....
Zaberdast update bhai
Ab dekhte raghav ko meeting wali jagah aur information milti h
 

ashish_1982_in

Well-Known Member
5,573
18,936
188
भाग १४



राघव अपने ध्यान मैं उस इमारत की आवाजे सुनने की कोशिश कर रहा था, उसे इस जगह पर ये इमारत और ये लोग देख के अचंभा भा था क्युकी उसने नहीं सोचा था की शहर के इस इलाके या यु अकाहे की जंगल की तरफ कोई रह सकता है वो जानना चाहता था की ये लोग कौन है पर उसे क्या पता था की जिन लोगो की तलाश मैं वो निकला है किस्मत उसे वही ले आई है

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.

सारा-क्या कल की घटना को लेकर अभी तक चिंतित हो?

सुशेन-कल हमारे एक आदमी को पुलिस ने पकड़ लिया

सारा-चिंता मत करो विक्रांत अपना मुह कभी नहीं खोलेगा

सुशेन- मुझे उसकी चिंता नहीं है, मैं जनता हु विक्रांत अपना मुह नहीं खोलेगा मुझेतो एक बात समझ मैं नहीं आ रही है की ये ब्लू हुड वालो को कैसे पता चला की हम उस जगह अंतिम कुर्बानी देने वाले थे?

सारा-हा, पूरा प्लान एकदम सही था, कल के दिन हमने इतनी साडी कुर्बानिय दी और बस एक अंतिम कुर्बानी देनी बची थी लेकिन ब्लू हुड और पुलिस दोनों हमारी लोकेशन जान गए

सुशेन- हमारा एक आदमी अब इंस्पेक्टर रमण की गिरफ्त मैं है

सरह-ये रमण आजकल कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है तुम्हे हनी

सुशेन- इसका भी बंदोबस्त जल्द ही होगा सारा इसे भी भगवान कालदूत के काम मैं रोड़ा बनने की सजा मिलेगी

तभी एक २७ वर्ष का लड़का तेजी से दौड़ते हुए कमरे मैं आया,उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी और उसका पूरा चेहरा पसीने से भरा हुआ था

सुशेन(गुस्से से )- क्या है सिद्धार्थ? क्या हुआ जो तुमने दरवाजा खटखटाना जरुरी नहीं समझा

सिद्धार्थ-क्षमा करे लेकिन बात ही कुछ ऐसी है की..

सुशेन-क्या बात है

सिद्धार्थ-हमारे ब्लैक हुड का एक कालसैनिक रमेश जंगल मैं मरा पड़ा मिला है, पुलिस ने लाश बरामद कर ली है

सारा(चौक कर)- क्या! पर उसे कौन मार सकता है?

सुशेन-सामान्य व्यक्ति के लिए रमेश को मारना बड़ा मुश्किल था क्युकी रमेश telekinesis का अच्छा ज्ञाता है

सारा-तो क्या ये ब्लू हुड का काम हो सकता है ?

सुशेन-इशारा तो इसी तरफ है हर चीज़ का, मुझे अपने छोटे भाई से बात करनी होगी

सारा-तुम्हारा भाई शक्ति आखिर ऐसा कर क्यों रहा है? कालदूत की पूजा तो हम सबको मिलकर करनी चाहिए चाहे वो ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हम सबके आराध्य देव है

सुशेन (गहरी सास लेकर)- जैसा की तुम्हे पता है की कालसेना के मुखिया की मृतु होने पर मुखिया के पद के लिए कालसेना के सबसे काबिल सदस्यों के बीच जंग होती है, ये पद हमेशा से मेरे परिवार के पास रहा है क्युकी तंत्र, मंत्र और telekinesis मैं हमसे अच्छा ज्ञाता कोई नहीं है, जब पिताजी की मृतु हुयी तब मैंने भी हर शक्तिशाली कालसैनिक से लड़ कर ये पद जीता है लेकिन मुझे बराबर की चुनौती अगर किसी से मिली तो मेरे खुद भाई से, शक्ति से....लेकिन जब काफी समय तक लड़ते रहने के बाद भी हमारे बीच कोई हल नहीं निकला तो पूरी कालसेना के बीच मतदान कराया गया, उसमे भी ७५% लोगो ने मुझे ही अपना मुखिया चुना लेकिन शक्ति को ये गवारा नहीं हुआ और वो अपने २५% समर्थक लेकर कालसेना से अलग हो गया और तबसे ये कालसेना दो भागो मैं बट गयी...ब्लैक हुड और ब्लू हुड

सारा- एक मिनट! मुझे तो लगा था के ब्लू हुड और ब्लैक हुड को उगम एक साथ हुआ है

सुशेन-नहीं सारा! ब्लैक हुड जो की मुख्या रूप से कालसेना कहा जाता है उसकी स्थापना मेरे महँ पूर्वज बिरजू नाम के एक नाविक ने १००० साल पहले की थी जबकि बलुद हुड अभी ६ साल पहले बना है जिसे मेरे भाई शक्ति ने बनाया है, तुम ये सब बाते नहीं जानती क्युकी तब तुम हमारे साथ नहीं थी बाद मैं आई हो

सिद्धार्थ-तो...आपको लगता है के रमेश को बलौर हुड के लोगो ने मारा है?

सुशेन-मुझे शक्ति से इस बारे मैं बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह पाउँगा मुझे उससे मिलना होगा

सारा-पर तुम अकेले नहीं जाओगे सिद्धार्थ भी तुम्हारे साथ जायेगा

सुशेन- ठीक है उसके पहले सिद्धार्थ तुम ब्लू हुड से संपर्क करो और उन्हें मिलने की जगह बताओ

सिद्धार्थ- ठीक है

उसके बाद सिद्धार्थ ने ब्लू हुड के लोगो से फ़ोन पर बात की और उन्हें सुशेन की बताई जगह पर मिलने बुलाया,

राघव जो उस इमारत से कुछ दुरी पर बैठा था उसने अपनी शक्ति के इस्तमाल से ये सारी बाते सुनी थी, राघव ने अनजाने मैं ही कालसेना के मुखिया का पता लगा लिया था साथ ही उसे ये भी पता चल गया था की १००० वर्षो पुराणी इस कालसेना मैं फूट गिरी है, इसके लोग आपस मैं ही एकदूसरे को पसंद नहीं करते और इसका उदहारण भी वो पिछली रात को देख चूका था जब भैक और बलुद हुड के लोगो ने एकदूसरे पर बन्दूक तानी हुयी थी,

अब राघव ने वहा से न हटने की ठान ली वो अब इस कालसेना को पूरी तरह से जानना चाहता था इनकी शक्तियों के बारे मैं पता लगाना चाहता था, कुछ समय बाद राघव को उस घर मैं कुछ हलचल होती दिखी वहा उस घर के बहार कुछ काले रंग की कार आकर खडी हुयी और उसमे एक कालसैनिक कुछ सामान रखने लगा जिसके बाद वो अंदर चला गया, इस वक़्त घर के बहार पहरा देने केवल एक आदमी खड़ा था और वो हर दिशा मैं घूम कर निगरानी कर रहा था, बाकि सब लोगो अंदर बुलाया गया था, अंदर कोई मीटिंग चल रही थी


राघव ने इसी बात का फायदा उठाया और बगैर किसी की नजर मैं आये cctv कैमरे से बचते हुए वो एक कार की डिक्की मैं जाकर छिप गया, कुछ समय बाद कुछ कालसैनिक आकर उस गाड़ी मैं बैठे और मीटिंग वाली जगह की और निकल गए.....
fantastic update bhai
 

mashish

BHARAT
8,032
25,931
218
भाग १४



राघव अपने ध्यान मैं उस इमारत की आवाजे सुनने की कोशिश कर रहा था, उसे इस जगह पर ये इमारत और ये लोग देख के अचंभा भा था क्युकी उसने नहीं सोचा था की शहर के इस इलाके या यु अकाहे की जंगल की तरफ कोई रह सकता है वो जानना चाहता था की ये लोग कौन है पर उसे क्या पता था की जिन लोगो की तलाश मैं वो निकला है किस्मत उसे वही ले आई है

उस इमारत के उपरी हिस्से मैं एक बहुत ही आलिशान शयनकक्ष बना हुआ था वहा बिस्तर पर एक व्यक्ति चिंता की मुद्रा मैं बैठा हुआ था, लगभग ३५ की उम्र और बलिष्ट शारीर वाला वो व्यक्ति जिसकी दाढ़ी उसकी छाती तक आ रही थी, चेहरा दाढ़ी से ढका हुआ लेकिन बहुत प्रभावशाली था, जीन्स और ढीली ढली बनियान पहने वो व्यक्ति ठोड़ी पर हाथ रखकर किसी गहन चिंतन मैं डूबा हुआ था, घडी की टिक टिक उस शांत कमरे की शांति को भंग कर रही थी तभी उस कमरे मैं एक खबसूरत महिला आई और व्यक्ति की तन्द्रा को उसके कंधे पर हाथ रखकर भंग कर दिया.

सारा-क्या कल की घटना को लेकर अभी तक चिंतित हो?

सुशेन-कल हमारे एक आदमी को पुलिस ने पकड़ लिया

सारा-चिंता मत करो विक्रांत अपना मुह कभी नहीं खोलेगा

सुशेन- मुझे उसकी चिंता नहीं है, मैं जनता हु विक्रांत अपना मुह नहीं खोलेगा मुझेतो एक बात समझ मैं नहीं आ रही है की ये ब्लू हुड वालो को कैसे पता चला की हम उस जगह अंतिम कुर्बानी देने वाले थे?

सारा-हा, पूरा प्लान एकदम सही था, कल के दिन हमने इतनी साडी कुर्बानिय दी और बस एक अंतिम कुर्बानी देनी बची थी लेकिन ब्लू हुड और पुलिस दोनों हमारी लोकेशन जान गए

सुशेन- हमारा एक आदमी अब इंस्पेक्टर रमण की गिरफ्त मैं है

सरह-ये रमण आजकल कुछ ज्यादा ही तंग कर रहा है तुम्हे हनी

सुशेन- इसका भी बंदोबस्त जल्द ही होगा सारा इसे भी भगवान कालदूत के काम मैं रोड़ा बनने की सजा मिलेगी

तभी एक २७ वर्ष का लड़का तेजी से दौड़ते हुए कमरे मैं आया,उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी और उसका पूरा चेहरा पसीने से भरा हुआ था

सुशेन(गुस्से से )- क्या है सिद्धार्थ? क्या हुआ जो तुमने दरवाजा खटखटाना जरुरी नहीं समझा

सिद्धार्थ-क्षमा करे लेकिन बात ही कुछ ऐसी है की..

सुशेन-क्या बात है

सिद्धार्थ-हमारे ब्लैक हुड का एक कालसैनिक रमेश जंगल मैं मरा पड़ा मिला है, पुलिस ने लाश बरामद कर ली है

सारा(चौक कर)- क्या! पर उसे कौन मार सकता है?

सुशेन-सामान्य व्यक्ति के लिए रमेश को मारना बड़ा मुश्किल था क्युकी रमेश telekinesis का अच्छा ज्ञाता है

सारा-तो क्या ये ब्लू हुड का काम हो सकता है ?

सुशेन-इशारा तो इसी तरफ है हर चीज़ का, मुझे अपने छोटे भाई से बात करनी होगी

सारा-तुम्हारा भाई शक्ति आखिर ऐसा कर क्यों रहा है? कालदूत की पूजा तो हम सबको मिलकर करनी चाहिए चाहे वो ब्लैक हुड हो या ब्लू हुड, कालदूत हम सबके आराध्य देव है

सुशेन (गहरी सास लेकर)- जैसा की तुम्हे पता है की कालसेना के मुखिया की मृतु होने पर मुखिया के पद के लिए कालसेना के सबसे काबिल सदस्यों के बीच जंग होती है, ये पद हमेशा से मेरे परिवार के पास रहा है क्युकी तंत्र, मंत्र और telekinesis मैं हमसे अच्छा ज्ञाता कोई नहीं है, जब पिताजी की मृतु हुयी तब मैंने भी हर शक्तिशाली कालसैनिक से लड़ कर ये पद जीता है लेकिन मुझे बराबर की चुनौती अगर किसी से मिली तो मेरे खुद भाई से, शक्ति से....लेकिन जब काफी समय तक लड़ते रहने के बाद भी हमारे बीच कोई हल नहीं निकला तो पूरी कालसेना के बीच मतदान कराया गया, उसमे भी ७५% लोगो ने मुझे ही अपना मुखिया चुना लेकिन शक्ति को ये गवारा नहीं हुआ और वो अपने २५% समर्थक लेकर कालसेना से अलग हो गया और तबसे ये कालसेना दो भागो मैं बट गयी...ब्लैक हुड और ब्लू हुड

सारा- एक मिनट! मुझे तो लगा था के ब्लू हुड और ब्लैक हुड को उगम एक साथ हुआ है

सुशेन-नहीं सारा! ब्लैक हुड जो की मुख्या रूप से कालसेना कहा जाता है उसकी स्थापना मेरे महँ पूर्वज बिरजू नाम के एक नाविक ने १००० साल पहले की थी जबकि बलुद हुड अभी ६ साल पहले बना है जिसे मेरे भाई शक्ति ने बनाया है, तुम ये सब बाते नहीं जानती क्युकी तब तुम हमारे साथ नहीं थी बाद मैं आई हो

सिद्धार्थ-तो...आपको लगता है के रमेश को बलौर हुड के लोगो ने मारा है?

सुशेन-मुझे शक्ति से इस बारे मैं बात करनी होगी तभी मैं कुछ कह पाउँगा मुझे उससे मिलना होगा

सारा-पर तुम अकेले नहीं जाओगे सिद्धार्थ भी तुम्हारे साथ जायेगा

सुशेन- ठीक है उसके पहले सिद्धार्थ तुम ब्लू हुड से संपर्क करो और उन्हें मिलने की जगह बताओ

सिद्धार्थ- ठीक है

उसके बाद सिद्धार्थ ने ब्लू हुड के लोगो से फ़ोन पर बात की और उन्हें सुशेन की बताई जगह पर मिलने बुलाया,

राघव जो उस इमारत से कुछ दुरी पर बैठा था उसने अपनी शक्ति के इस्तमाल से ये सारी बाते सुनी थी, राघव ने अनजाने मैं ही कालसेना के मुखिया का पता लगा लिया था साथ ही उसे ये भी पता चल गया था की १००० वर्षो पुराणी इस कालसेना मैं फूट गिरी है, इसके लोग आपस मैं ही एकदूसरे को पसंद नहीं करते और इसका उदहारण भी वो पिछली रात को देख चूका था जब भैक और बलुद हुड के लोगो ने एकदूसरे पर बन्दूक तानी हुयी थी,

अब राघव ने वहा से न हटने की ठान ली वो अब इस कालसेना को पूरी तरह से जानना चाहता था इनकी शक्तियों के बारे मैं पता लगाना चाहता था, कुछ समय बाद राघव को उस घर मैं कुछ हलचल होती दिखी वहा उस घर के बहार कुछ काले रंग की कार आकर खडी हुयी और उसमे एक कालसैनिक कुछ सामान रखने लगा जिसके बाद वो अंदर चला गया, इस वक़्त घर के बहार पहरा देने केवल एक आदमी खड़ा था और वो हर दिशा मैं घूम कर निगरानी कर रहा था, बाकि सब लोगो अंदर बुलाया गया था, अंदर कोई मीटिंग चल रही थी


राघव ने इसी बात का फायदा उठाया और बगैर किसी की नजर मैं आये cctv कैमरे से बचते हुए वो एक कार की डिक्की मैं जाकर छिप गया, कुछ समय बाद कुछ कालसैनिक आकर उस गाड़ी मैं बैठे और मीटिंग वाली जगह की और निकल गए.....
superb update
 

KEKIUS MAXIMUS

Supreme
15,835
32,616
259
nice update ...raman ko viktant se kuch jyada pata nahi chala ..
aur yaha pe raghav apne dadaji ki mala ki wajah se dur dur ki aawaje sun raha tha ,,aur wo pahuch gaya black hood ke thikane par ..
raghav ko bahut si jaankari mil gayi hai kaalsena ke baare me ..

ab wo dikki me baithkar pichha karna chahta hai aur bluehood ka bhi pata lagana chahta hai ..

par ye vikrant ko santosh ke baare me pata kaise nahi chala ki wo bluehood se hai 🤔.
 
Top