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Update 04



रात के खाने के बाद सुधा महेक के साथ उसके बिस्तर पर बैठी और परम उसके बिस्तर पर लेटा। महेक ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और सीधे मुद्दे पर आ गयी।

जब परम रूम में घुसा उस से पहले दोनों सहेलिया आपस में बात करती हुई....

महक: “आजा सुधा यहाँ आके बैठ।“

सुधा उसके पास जाके पलंग पर बैठी और बोलती है, “हां बोल क्या बात है?”

महक; “वैसे तो तुजे सब पता है अब बोलने में क्या है जो है अब एक्शन ही होगा ना!” उसने सुधा को अपनी ओर खींचते हुए और उसके बोबले को थोडा पकड़ते हुए बोली।

सुधा: “अरे यार ये क्या कर रही हो! छोडो यह सब तुम जानती तो हो की मेरा बाप और नौकरानी की चुदाई देख-देख के मई कितनी चुदासी महसूस कर रही हु और तू है की खजाने पर हाथ रख के उस आग को भडका रही हो।

महक: “हां, तो क्या बुरा है इस आग को बढ़ने दे ना यहाँ कौनसा तेरा बाप आके तुजे रोकनेवाला है!”

वैसे महक ने सुबह से ही तय किया था की आज अपने भाई को एक नया ताज़ा माल देगी और उसके लिए उसे सुधा से बात कर के थोड़ी गरम कर के उसकी चूत को गीली कर के भाई के सामने पेश करना होगा। और उसके लिए ही वह आज उसके साथ बाते करके सुधा को अपने भाई के लिए तैयार करने में लगी हुई थी।
आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

सुधा:”हा बात तो सही है लेकिन क्या करू कुछ समज नहीं आता! एक तरफ लगता है की कोई लंड ले लू और दूसरी तरफ डर भी लगता है की कही कुछ ऐसा वैसा ना हो जाए जिस से मेरी और माँ-बाप की इज्जत पर लांछन ना लग जाए।

महक:”अब इतना सोचेगी तो कुछ होनेवाला नहीं है, चल छोड़ अब ऐसी बाते नहीं करते जिस से तुम्हारी इज्जत जाने का डर बना रहे।

सुधा को लगा की बात कुछ बिगड़ गई, तो उसने तुरंत जवाब दिया; “अरे ऐसा भी नहीं है की हम बात नहीं कर सकते, वैसे भी मैंने कहा ना मुझे चुदासी का अनुभव होता है पर डर भी लगता है, वैसे एक बात कहू कोई भरोसेमंद लड़का भी तो मिलना चाहिए।“

महक को लगा ली अब रेलगाड़ी पटरी पे आई है;”देख ऐसा है और तू तैयार है तो मई आने भाई से बात करके तेरा शील तोड़ने का प्रबंध कर सकती हु। लेकिन तेरी रजामंदी होनी जरुरी है आखिर मैं भी तो फिमेल हु और मुझे तेरी फिकर भी है। महक ने दाना डाला।

सुधा: ”तू तो मेरी सबसे अच्छी सहेली है अब तुज से कुछ छुपा नहीं है , पर क्या परम मेरे बारे में ऐसा सोचता होगा!”

महक: “अरे, सोचता क्या होगा! वह तो कब से तेरी आस लगाए बैठा हुआ है तुम्हे क्या पता मेरी डार्लिंग!”

धीरे-धीरे महक ने सुधा के पेड़ो को चौड़ा कर दिया और उसकी परी पर अपना हाथ रखते हुए बोली: “देख अगर तू तेरा शील मेरे भाई के लंड को गिफ्ट करेगी तो मैं भी कुछ सोचूंगी ना तेरे बाप के बारे में!”

“ओह्ह तो तू भी मेरे बाप के साथ......!” सुध ने महक का हाथ थोडा दबाते हुए कहा।

अब हमारी चूत है की लंड के हाथ मार खाने को तो फिर सोच्नेवाल्ली क्या बात है हम दोनों मिल के कुछ करेंगे. लेकिन अभी नहीं, अभी तो सिर्फ तू मेरे भाई के लंड को ठंडा कर और खुद भी चुदाई का मजा ले, बस सिर्फ तू चाहे तो!”

थोड़ी सोचने के बाद सुधा ने हामी भर दी लेकिन शर्त राखी के वह अकेली नहीं रहेगी और महक भी साथ रहे गी और कुछ साथ भी देगी। इसतरह दोनों की सम्मति हो गई और दोनों ने मुस्कुराते हुए अपने-अपने हाथ एकदुसरे के बोबले पे रख दिया। और महक ने बता भी दीया की वह और परम एकदूसरे के साथ सोते है और एक दुसरे के साथ खेल भी चुके है बस चुदाई नहीं हुई।


तभी परम ने रूम में एंट्री मारी....
Wonderful...ekdum suspence mein chhoda hai is update ko.... :)

Funlover
 

Ajju Landwalia

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दोनों अलग हो गये। तुरंत सुंदरी बेड पर सीधा हो गयी। लेकिन परम ने लोडे को अंदर नहीं घुसाया। उसने सुंदरी की टांगों को पूरा फैला दिया और पूरी चूत को मुँह में भरकर चूसने लगा। चूत को चूसते-चूसते क्लिट को काट लेता था और सुंदरी उछल पड़ती थी। अभी तक सुंदरी ने 8 लंड का मजा लिया था लेकिन कभी किसी मर्द ने उसकी चूत को चूमा या चाटा नहीं था। सिर्फ़ उसकी एक नौकरानी और माँ ने कभी-कभी चूत को चूमा चाटा था लेकिन ऐसा मजा कभी नहीं आया था। परम पूरी जीभ चूत में डालकर चूत का स्वाद ले रहा था और दो उंगली गांड में घुसाकर मजा ले रहा था। पिछली रात बहन ने चूत को चटवाकर मजा लेना सिखाया था और परम माँ की चूत को चूस-चूस कर मजा ले रहा था। उंगली करते-करते गांड बिल्कुल गीली हो गयी थी और परम को लगा की गांड में लंड भी घुस जाएगा लेकिन पहले वो चूत का पूरा मजा लेना चाहता था। उसने एक बार फिर पूरी चूत को चूसा और आगे बढ़कर माँ के होंठों को चूमने लगा और एक हाथ से लंड को चूत में डालकर चोदने लगा। जोर-जोर से धक्का मारने लगा। हर धक्के के साथ सुंदरी की आह्ह निकल जाती थी। आप यह कहानी मैत्री और नीता के द्वारा अनुवादित कहानी पढ़ रहे है


सुंदरी- “कैसा लग है बेटे, माँ को चोदने में…”

परम- “आह्ह माँ बहुत अच्छा लग रहा है। रोज चुदवाओगी?”

सुंदरी- “मैं हमेशा लंड लेने को तैयार हूँ। बहुत साल पहले एक साथ 5-5 आदमियों से चुदवाई थी उस दिन भी इतना मजा नहीं आया था। लेकिन बेटा धीरे-धीरे चोदो…अन्दर दुखता है साला।”

परम चुदाई करता रहा। कभी रुक कर धइले को मसलने लगता था।

सुंदरी चीख उठती थी- “मादरचोद, रुकता क्यों है? गांड में दम नहीं है तो चोदना शुरू क्यों किया?”

और परम जोर-जोर से धक्का मारने लगा और पूछता- “विनोद का लंड अपनी चूत में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… बेटा, विनोद से चुदवाऊँगी…और उसका लंड भी शांत कर दूंगी।”

परम- “शेठ का लंड चूत में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… शेठ से भी चुदवाऊँगी…मुझे तो बस लंड चाहिए बेटे।”

परम- “शेठानी के सामने शेठ का लंड चूसोगी?”

सुंदरी- “हाँ… चूसूँगी…”

परम- “अपनी बेटी के सामने मेरा लंड चूत और गांड में लोगी?”

सुंदरी- “हाँ… लूँगी…और गांड भी मस्ती से मरवाउंगी।”

परम- “मेरे और दोस्तों से भी चुदवाओगी?”

सुंदरी- “हाँ… सबसे चुदवाऊँगी…”

परम- “साली, वेश्या बनोगी?”

सुंदरी- “हाँ… मैं वेश्या हूँ… हाँ…”

दोनों गंदी-गंदी बातें करते-करते चुदाई कर रहे थे। दोनों ने एक दूसरे को कसकर जकड़ लिया और परम ने माँ की चूत में वीर्यदान कर दिया। सुंदरी उसे चूमने लगी और तब तक चूमती रही जब तक दोनों बिल्कुल ठंडे ना हो गये। परम बेड से उतरकर खड़ा हो गया और घूर-घूर कर प्यार से सुंदरी के बदन को देखने लगा।

परम- “आखिर क्या है सुंदरी में की सभी मर्द उसकी जवानी से खेलना चाहते हैं…” परम ने अबतक सुंदरी के अलावा अपनी बहन महेक और रेखा को ही ध्यान से देखा था।

कल शेठानी को जोश में आकर चोद लिया लेकिन आज जो मजा माँ को चोदने में आया वैसा कल नहीं आया था। शेठानी थोड़ी मोटी थी और कोई खास सुंदर भी नहीं थी।


लेकिन सुंदरी का एक-एक अंग छील-छील कर बनाया गया था, करीब 5’5” लंबी, घने काले और लंबे बाल, आलमोस्ट गोल चेहरा, बहुत गोरा नहीं लेकिन बहुत आकर्षक रंग, बड़ी और चमकीली आँखें, गालों में बड़े-बड़े गड्ढे, आकर्षक होंठ, ऊपरी होंठ पतले जब की निचले होंठ मोटे और कूबसूरत कताव, जब वो हँसती थी तो उसके सफेद चमकदार दाँत दिखाई देते थे। उसकी आँखों और चेहरे पर हमेशा मुशकुराहट रहती थी। परम की नजर उसकी लंबी गर्दन और चौड़े कंधों के नीचे फिसली, उसकी बांहें मोटी नहीं लेकिन मांसल थीं बिना मोटापा के, कुहनी तक शंकु के आकार में। उसके बोबले पूरे गोल, कसी और रसीली थीं, जिसका मज़ा वो ले चुका था। अब निपल्स सामान्य आकार में थे, आधा इंच लंबे और मोटे।

परम अपनी कुँवारी बहन, शेठानी और अपनी प्रेमिका रेखा कि धइले मसल चुका था। हालांकी महेक और रेखा की बोबले कसे थे, जब की सुंदरी की बोबले स्पंजी थी। ये अपने भार के कारण थोड़ा लटक गईं थीं।

सुंदरी मुश्कुराई और परम से पूछा- “अब तो चोद लिया, फिर क्या देख रहा है?” उसने अँगड़ाई ली- “फिर चोदना है तो चढ़ जाओ। मेरी चूत तैयार है…मेरी चूत का भोसड़ा बनाओगे!!!”

परम- “मैं देख रहा हूँ की आखिर तुममें क्या है की सभी तुम्हें चोदना चाहते हैं…”

आशा करती हु आपको यह एपिसोड्स पसंद आये होंगे!!!!!!!!!!!!

प्लीज़ कोमेंट कर के अपनी राय देते रहिये..............

Sabhi updates ek se badhkar ek he insotter Ji,

Param ne aakhirkar sundari ka bhi bhog laga hi liya.......

Sundri ne bhi ji khol ke apne bete se chudwaya.........

Maja aa raha story me

Keep rocking
 

Ajju Landwalia

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“हमारे पास समय बहुत कम है…” रेखा फुसफुसाई। उसने ब्रा को खोलकर उसके स्तनों को मुक्त कर दिया और परम के मुँह में एक निपल पेल दिया- “एक बेटे की तरह मुझे चूसो, तुमको बहुत भूख लगी है…!”

परम ने सिर हिलाया और एक के बाद एक दोनों स्तनों को चूसा और रेखा को बिस्तर पर धक्का दे दिया। परम ने रेखा के पैरों से चड्डी को नीचे खींच लिया और उसको नंगा कर दिया। वह खड़ा होकर उसके सौंदर्य को देखता रहा। वह केवल 20 साल की थी और पतले शरीर की थी। न तो वह अपनी बहन महेक की तरह नाजुक और प्यारी थी और न ही सुंदरी की तरह सेक्सी और आकर्षक। फिर भी वह सुंदर थी। परम को बुरा लगा की वह उससे शादी नहीं कर सकता था।

रेखा- “परम… जैसा मैंने पिछली शाम को तुमसे कहा था, मैंने तुमको सबकुछ दिया है। तुम्हें और अधिक देखना है या मैं कपड़े पहन लूँ?”

परम नीचे झुका और योनी को सहलाया- “रेखा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। मैं शादी करना चाहता था, हालांकि की मैं जानता हूँ की यह संभव नहीं है…” उसने योनी के होठों को चूमा और झाँटों को सहलाया। वह योनी को सहलाता और क्लिट को मसलता रहा।

उसकी मां सुंदरी ने चोदते समय उसे सिखाया था की सिर्फ सहलाने और क्लिट मसलने से एक मृत महिला को भी कैसे उत्तेजित किया जा सकता है।

जैसे ही परम ने क्लिट दबाया, रेखा उछल गई- “आह…”


परम ने उसके क्लिट को दांत से पकड़ा लिया और धीरे-धीरे उसे चबाने लगा। रेखा उत्तेजित हो गई। परम क्लिट के साथ ही योनी के होंठों को चबा गया था और आनंद ले रहा था। उसने तो सुंदरी के क्लिट और चूत को भी चखा था लेकिन उसकी स्वाद और गंध बेहतर थी। वह अपनी बहन की चूत का स्वाद भूल गया जो उसने कल रात को खाया था। अब उसने रेखा को उंगली की।

“ओह परम, ऐसा मत करो… मैं कुंवारी रहना चाहती हूँ, मेरी शादी सिर्फ कुछ ही दिन दूर है। आह्ह… परम, बहुत मजा, मत करो, मैं मर जाऊँगी। ओह्ह… मुझे मेरी अपनी आँखों से मत गिराओ… जो आपने किया है उससे मेरी चूत जल रही है, मेरी निपल कस रही है। उसने अपनी चूची को मसला। आह्ह… नहीं, एक उंगली और पुश करो दोनों एक साथ। हाँ हाँ, तेजी से, तेजी से और जोर से, तुम क्या कर रहे हो? आह्ह… मेरी गांड खोद रहे हो, चाटो, मेरी गांड चाटो। आह तेजी से गांड में दो उंगली से चोदो। मैं चुदना चाहती हूँ, लेकिन मैं कुंवारी रहना चाहती हूँ। तुम चाहेंगे कि कुछ दिन बाद मेरे पति मेरी ‘सील’ (कौमार्य) टूटी हुई देखकर मुझे गाली दें… और साथ ही मेरे परिवार को भी… मुझे चोदो। आह्ह…”

परम ने उसके शरीर से मुँह और उंगली हटा लिया और अचानक अपनी प्रेमिका की गांड के अंदर अपने लंड को पेल दिया।

“उह म...र....गई......ओ...म...री...म..अ....म...मी....ओह राजा… मेरी गांड में दर्द हो रही है…गांड फट जायेगी राजा मत मार इतना उसे...थोडा धीरे-धीरे डाल... अपने लंड को काबू में रख...वह मेरी गांड चीरे जा रहा है....ओ...माँ.....मैं गई आज....इस लंड से!!!!”

लेकिन परम ने धीरे-धीरे उसकी गांड के छेद को चिकना बनाया और फिर उसकी गांड में पेल दिया। वह उसे अपने सीने की ओर करके उसके पैरों को धक्का देकर आगे से उसे गांड में चोदा था। उसने रेखा को चूमा और उसके कसे बोबले को निचोड़ा। बोला- “रानी, मैं तुम्हारे पास चुदाई करने के लिए आया था, लेकिन टूटी सील देखकर तुम्हारा पति तुम पर क्रोधित हो सकता है, इसलिए मैंने अपने लंड को तम्हारी कसी गांड का स्वाद देने के बारे में सोचा…सही है ना!”

तब परम उसकी गांड चोदता रहा। लगा वो उसके लंड से खुल जाएगी। उसे सुंदरी और शेटानी की चुदाई किया था जो कभी दर्द महसूस कर रही थी। रेखा कि गांड का छेद बहुत तंग था। रेखा के पूरे शरीर में अकड़न हो गयी।

रेखा “परम प्लीज लंड बाहर निकालो, बहुत दर्द कर रहा है। मेरी छोटी सी गांड फट गयी। लगता है खून भी निकलेगा आह्ह… परम जिद मत करो इससे अच्छा है की लंड निकालकर मेरी चूत ही फाड़ डालो, मर जाऊँगी… आ कोई मजा नहीं… आह… परम धीरे-धीरे मारो। थोड़ा और धीरे… आह्ह अब ठीक लग रहा है…”

कुछ समय के बाद रेखा ने भी आराम मिला और अपने जीवन की पहली चुदाई का मज़ा लिया। उसकी गांड का कौमार्य टूटा चुका था और असली कौमार्य बचा हुअ था। उन लोगों ने चुदाई की। जब परम चरमोत्कर्ष के कगार पर आया तो उसने रेखा के मुँह में झड़ने का अनुरोध किया।

वो शुरू में विरोध किया लेकिन बहुत मनाने के बाद मान गई। परम ने गांड से लंड बाहर निकाला और सीधे उसके मुँह में पेल दिया। उसको निश्चित रूप से गंध पसंद नहीं आई और उसने मुँह बनाया लिकिन सब पी गयी, कुछ वीर्य उसके होठों से बाहर बहने लगा। उसने उंगलियों से उसे साफ किया। लंड सिकुड़ने के बाद उसने बाहर खींच लिया। परम ने चूत को सहलाया और कहा- “वह हमेशा से इस सुंदर माल को चाहता था और अब कोई और इसका मज़ा लेगा।“
मैत्री और नीता द्वारा अनुवादित कहानी आप पढ़ रहे है



जाइएगा नहीं लिख रही हु ..................

Bahut hi gazab ki update insotter Ji,

Param rekha ki chut na chod paya, lekin usne uski sealpack gaand ka maja le liya

Keep posting
 

Ajju Landwalia

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शेठजीने उसे बैठने के लिये कहा।

परम :- “शेठजी, सुंदरी आपसे चुदवाने को तैयार हो गयी है, और वह आपके लंड को शांत करने के लिए रेडी हो गई है, आखिर आप हमारे अन्नदाता जो हो। उसने रुपये लाने को कहा है। पूरा 50000/- जो आपने कहा था…!”

शेठ के चेहरा ख़ुशी से चमक उठा। उन्होंने परम का हाथ पकड़ा और पूछा, “सच में!!! सुंदरी ने ऐसा कहा?"

“हाँ, शेठजी....वैसे मुझे उसको मनाने में काफी पसीना बहाना पड़ा, पर खेर आखिर मान ही गई,और कौन कहेगा आपका माल है अब आपको ही तो संभालना है लेकिन आप उसे चोदेंगे कहाँ पर? आपके घर में…? शेठानी तैयार नहीं होगी… !”

“अरे नहीं, यही पीछे वाले कमरे में।"

उन्होंने आगे बोला “उस कमरे को दो दरवाजे है। एक दरवाजा इस कार्यालय से और एक दरवाजा पीछे से है। मैं और मेरे दोस्त इस कमरे का उपयोग आराम करने के लिए करते है। एक चाबी तुम अपने पास रख लो और सुंदरी को पीछले दरवाजे से अंदर ले आना।“

शेठजीने उनके मुनीमको (सुंदरी के पति) आवाज देकर बुलाया और उसे कुछ निर्देश दिये।

परम के पिता ने तिजोरी से पैसे निकाल लिए और एक बैग में डालके शेठ को दिये । मुनीम के कमरे से बाहर जाने के बाद शेठजीने वो बैग परम के हाथ में थमा दिया और कहा,


“कल शाम को सुंदरी को साथ लेकर आना.... मैं वो पीछे वाला कमरा तैयार रक्खुंगा और किसीको इस बात का पता भी नही चलने दुंगा…! तुम्हारी माँ को आराम से छोड़ कर वापिस आराम से उसके घर ले जा सकोगे।”

“मेरे बाप को इस बारेमे भनक भी नही पडनी चाहीए....वर्ना भेन्चोद मेरे जैसा बुरा ..... इस बात का भी आपको खयाल रखना पडेगा…”, परम ने कहा ।

एक नौकर शरबत के दो गिलास ले आया। अपने बेटे के साथ शेठ इतनी अच्छी तरह पेश आ रहा है यह देखकर मुनीम को आश्चर्य हुआ। वो बेचारा तो इस बात से अनजान था कि कल पीछे के कमरे में उसकी नाक के नीचे उसकी अपनी बीवी शेठ के लंड अपने मुँह में और चूत में लेने वाली है। उसकी बीवी का सौदा जो हो चुका था।

शरबत पिते पिते परम ने अचानक पूछा, “शेठजी, आपकी बेटी रेखा बहोत प्यारी है, जब वो ससुराल चली जाएगी …आप बहोत अकेला महसूस करेंगे।"

“हाँ परम, मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ। इकलौती बेटी है वो मेरी!” और मुझे पता है, वह भी तुम्हे बहुत ज्यादा पसंद करती है। है ना?"

“हाँ… शेठजी, शादी के बाद वो कही दूर चली जाएगी ये सोच के ही मुझे बहुत दु:ख होता है। उसने मेरी जिंदगी खुशियोंसे भर दी थी…।।!”

शेठजी को कहां पता था यह जवान लड़का पहले ही उसकी मोटी बिवी की चूत से खेला है और बेटी की गांड मार चुका है।

परम:- “शेठजी, आप सुंदरी के पीछे क्यों पडे हैं ? क्या शेठानी आपको अच्छी नही लगती? मुझे तो वो बहुत प्यारी लगती है।"

शेठजी:- “तू बच्चा है, तुझे नहीं मालूम, साली (शेठानी) बिल्कुल थूल-थूल हो गयी है। उसमें कुछ मजा नहीं है कही भी हाथ लगाओ तो लगता है की माँस के लोथडे (मीट लोफ) को दबा रहा हूँ। लेकिन तेरी माँ सुंदरी को देखते ही पूरे बदन में खुन दौड़ने लगता है, बहुत मजा आएगा साली को दबाने में…चोदने में।”
आप नीता और मैत्री की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

शेठ पुरा गरमा गया था । परम ने फिर पूछा, “शेठानी के अलावा और किस-किस को चोदा है अब तक?”

“अरे बेटे, जवानी के दिनों में तो बहुतो को चोदा है, जो औरत घर में आती थी सबको बहला फुसलाकर या पैसा देकर चोद लेता था…!”

“तो फिर सुंदरी को क्यों नहीं चोदा? वो भी तो आपके घर में आती-जाती थी! आज 36 साल की उम्रमें ऐसी मस्त माल लगती है तो पहले कैसी लगती होगी…?”


आपकी राय की अपेक्षा.........

Mast updates he insotter Ji,

Keep posting
 

sunoanuj

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बहुत ही शानदार कहानी है एक दम मस्त ! 👏🏻👏🏻👏🏻
 

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"भैया तुम भी मेरी चूत चाट-चाट कर चूत चोद ने के लिए ब्याकुल हो और सुधा भी रेनू को अपने बाप से रोज चुदवाते देख-देख कर लंड की दीवानी बन गई है। इसकी चूत भी लंड खाने के लिए तरस रही है। आ जाओ, साली को चोद-चोद कर पूरा मजा लो और दो, कुतिया की अभी तक सील भी नहीं टूटी है। एक दम कुंवारी है…समजे ना एकदम पेटी पेक माल है सभी जगह से! बस अपने चूत का टला खुलने की राह देख रही है। तुमने तो मेरी चूत को मसल-मसल कर और चाट-चाट कर फूला दिया है लेकिन इसकी चूत बिल्कुल कोरी है…। अपने इस मुसल चाबी से उसकी चूत का ताला खोलो और उसकी चूत के अन्दर अपने लोहे का सलिया डालो।”

महेक ने परम को अपने बिस्तर पर खींच लिया और उसको फटा-फट नंगा कर दिया। नंगा होते ही परम सुधा पर झपट पड़ा और उसका फ्रॉक और पैंटी उतार कर उसे भी नंगा कर दिया।

सुधा और महेक एक ही उम्र की थीं और शारीरिक बनावट भी लगभग एक जैसी थी। सुधा महेक की तरह गोरी तो नहीं थी लेकिन त्वचा पर चमक जरुर थी। उसके स्तन 34" आकार के थे और कूल्हे भी उसी आकार के थे। उसकी कमर पतली थी और जघन क्षेत्र बालों से भरा हुआ था। परम ने उसे बिस्तर पर सपाट लेटा दिया। उसने उसके प्रत्येक पैर को पकड़ लिया और जितना संभव हो उतना अलग कर दिया। पैरो के फैलते ही सुधा की चूत अपने आप बहार आके अपना मुह दिखाई देने लगी। उसकी जांघें पूरी तरह से विकसित हो गई हैं और सुंदरी की तरह मोटी नहीं हैं। परम ने सुधा की चूत पर अपने हाथ फेरे और चूत के होंठ और भगनासा को रगड़ा। महेक सुधा के पास बैठी थी और वह उसके बोब्लो को सहला रही थी। वह सुधा की चूत में लंड को घूमते और घुसते हुए देखने के लिए उत्सुक थी।

"भैया, माल (सुधा) पूरी गर्म है। चूत को चोदो और चूसो, सब से पहले साली को चुदाई का मजा दो, लंड चूत में पेल कर साली को एक मस्त औरत बना दो, चूत फाड़ डालो। मुझे चोदने के लिए तो रोज तैयार रहते हो और आज जब नंगी और अनछुई चूत सामने पड़ी है तो लंड छिपा रहा हो।” उसने अपने भाई का लंड हाथ में पकड़ा और अपने सहेली की चूत के सामने रख दिया। आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

परम कुंवारी चूत के छेद में प्रवेश करने के लिए तैयार ही था। सुबह उसने अपनी मां की पूरी तरह से चुदाई की थी और दोपहर के बाद परम ने रेखा की गांड मारी थी और करीब करीब चूत को चोद ही डाला था। यही सोचते-सोचते उसका जोश आया वह जोश उसके लंड पे चला गया और जोर से धक्का मारा।

“ओह माँ...ऊऊऊ ईईइ....म...आ...आआ....” सुधा चिल्लायी…”बाप रे बहुत दर्द करता है.... लंड बाहर निकालो…”

परम ने कस कर सुधा का कमर को जकड़ा और फिर जोर से धक्का मारा…”

सुधा को पसीना आने लगा। इस समय उसका मुंह और आंखें चौड़ी हो गईं थी, महेक ने सुधा के बोबे को बेरहमी से दबा दिया।। “चुदासी चिल्ला क्यों रही है।। अभी तक तो लौड़ा खाने के लिए मर रही थी और अब जब लौड़ा चूत में घुस रहा है तो बाप को याद कर रही है… तेरा बाप तो तुझे चोदेगा ही…” उसने परम की तरफ देखा और कहा भैया रुकना मत, साली की चूत फाड़ डालो…उसकी चूत को अब भोसड़ा बना दो।”

सुधा सचमुच दर्द में थी। उसे महसूस हुआ कि उसकी चूत से तरल पदार्थ की एक धारा उसकी जांघों तक बह रही है। उसने अपना हाथ वहाँ रखा और उसे देखा।

“बाप रे....मेरी चूत फाड़ डाला.... खून निकल रहा है… साला हरामी इतना ही चोदने का जोश है तो मेरे चूत से लंड निकाल कर अपनी बहन के चूत में डाल दो।। बहुत प्यार से चुदवाएगी… रोज तो चटवाती है आज लंड को चूत के अन्दर भी ले लेगी… मा....र डा....ला सा....ला… जा कर अपनी माँ को चोद ह....रा....मी... बाप रे बाप बहुत दर्द कर रहा है....नहीं चुदना है मुझे।
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अब तक पूरा लंड सुधा की चूत में जा चुका था और अब परम हल्के-हल्के धक्के लगा रहा था। अब सिल की परदी तो वह चूत में थी ही नहीं, और हलके धक्को से अब सुधा का दर्द भी कम होने लगा और जल्द ही उसने परम को अपनी बाहों में जकड़ लिया। "आआह्ह्ह.... राजा.... आह्ह्ह.... अच्छा लग रहा है!"

महेक ने सुधा के गालों पर चुटकी लेते हुए कहा, "साली, अभी तक तो बाप-बाप चिल्ला रही थी और अब पूरा लंड अंदर गपक गई है। मरवाले बापचोदी, चूत को ढीला कर ले, अपने बाप से चुदवाने के लिए। तेरा सिल मेरे भाई के लंड से टूटना था तो तूट गया।"

सुधा ने अपने कूल्हे उचकाए: ”मादरचोद तू क्यों बक-बक कर रही है…तुझे चुदाई का इतना दुख है तो चल अपने बाप के मोटे लंड से चुदवा दूंगी…। बहुत मजा आएगा हरामजादी…। लेगी ना मेरे बाप का लंड तेरी इस खुबसूरत चूत में!”


इतनी देर में महेक भी चुदासी होकर नंगी हो गई थी। परम सुधा की चूत को चोद रहा था और महेक के चूत को प्यार से देख कर सोच रहा था कि अब जल्दी से अपनी बहन की चूत भी चोदेगा…

बने रहिये
 

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Bahut hi mast update he insotter Ji

Kaha param rekha ko chodne ke liya aaya tha, lekin chud uski maa gayi......

Sethani ne to ab param ke liye ghar ki sabhi chuto ka intezam kar diya he........

Keep rocking dear
Ha ha ha
Kabhi kabhi aisa hota hai jo kaam ham karne jate hai lekin dusara hi kaam purn karke aate hai....
 

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Bahut hi mast update he insotter Ji

Kaha param rekha ko chodne ke liya aaya tha, lekin chud uski maa gayi......

Sethani ne to ab param ke liye ghar ki sabhi chuto ka intezam kar diya he........

Keep rocking dear
Bhai yah insotter kaun hai????
 

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Wah kya baat he insotter

Mahak ne to sudha ko badi aasani se sheese me utar liya.....

Param ki to mauj ho gayi
Kabhi kabhi kuchh mehanat kiye bina hi bahot kuchh hath me aa jata hai. Mahak ko bhi jyada mahenat nahi karni padi apne bhai ke liye.
Par yah insotter kaun hai???????
 

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