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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

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#111.

चैपटर-2 अग्नि जाल

(11 जनवरी 2002, शुक्रवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

पिछली रात सभी ने एक छोटे से पानी के जोहड़ के पास बितायी थी। रात में किसी भी प्रकार की कोई नयी परेशानी नहीं आयी।

क्रिस्टी को जरुर ऐलेक्स के बिना ठीक से नींद नहीं आयी थी, वो रात भर ऐलेक्स को याद कर बेचैनी से करवट बदलती रही थी।

जेनिथ ने धीरे-धीरे स्वयं को सम्भाल लिया था, नक्षत्रा खाली समय में जेनिथ का मनोरंजन भी कर रहा था।

तौफीक को जेनिथ का यह बदलाव समझ आ गया था, लेकिन उसने भी जेनिथ से ज्यादा बात करना उचित नहीं समझा।

अलबर्ट रोज रात को अपने दिन भर की जंगल से बटोरी उपलब्धियों को देखता रहता था।

जैक स्वयं को अब बिल्कुल अकेला महसूस कर रहा था और शैफाली किसी ना किसी प्रकार से सभी का मनोरंजन कर माहौल को हल्का करने की कोशिश कर रही थी।

कुल मिलाकर बचे हुए 7 लोग अब जंगल में रहने के पूर्ण अभ्यस्त हो गये थे।

सभी ने हल्का-फुल्का नाश्ता कर लिया था। सुयश के एक इशारे पर सभी उठकर जंगल में आगे की ओर बढ़ गये।

चलते-चलते एक ऊंचे से टीले को पार करने के बाद, सभी को कई किलोमीटर लंबा एक घास का मैदान दिखाई दिया।

“अरे बाप रे!” क्रिस्टी ने आश्चर्य से भरते हुए कहा- “यहां तो दूर-दूर तक घास के मैदान के सिवा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है? अब क्या हमें इस घास के मैदान को पार करना पड़ेगा? इसमें तो बहुत से खतरे हो सकते हैं।”

“तुमने सही कहा क्रिस्टी ।” अलबर्ट ने घास की ऊंचाई का निरीक्षण करते हुए कहा- “यह घास कम से कम 4 फुट ऊंची है और काफी घनी भी है, अगर इसमें कोई खतरा मौजूद हुआ तो वह हमें दिखाई तक नहीं देगा।”

“मगर आगे बढ़ने का कोई और मार्ग हमें दिख भी तो नहीं रहा है।” सुयश ने कहा- “आगे देखिये कुछ किलोमीटर दूर मौजूद पहाड़ भी, घास से ही निर्मित नजर आ रहा है। वहां तक पहुंचने के बाद ही हमें आगे का मार्ग पता चल पा येगा। इसलिये हमें ना चाहते हुए भी इस घास के मैदान में घुसना ही पड़ेगा।”

“आपकी बात बिल्कुल सही है कैप्टेन।” तौफीक ने कहा- “वैसे भी युगाका ने हमें पोसाईडन पर्वत की ओर जाने को कहा था और पोसाइडन पर्वत तक पहुंचने के लिये, हमें इस रास्ते का प्रयोग करना ही पड़ेगा।”

आखिरकार सबको उस घास के रास्ते पर चलने के लिये मानना ही पड़ा, क्यों कि उनके पास और कोई चारा ही नहीं था।

सभी धीरे-धीरे घास के मैदान में प्रवेश कर गये।

घास बहुत ही मुलायम थी, उसका स्पर्श सभी को बहुत ही भला महसूस हो रहा था।

घास 4 फुट ऊंची होने की वजह से लगभग सभी के सीने तक पहुंच रही थी। घास के नीचे की जमीन भी नर्म और मुलायम थी।

सभी अपने हाथ में पकड़ी लकड़ी की मदद से घास को हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

सभी को घास में चलते हुए 1 घंटा बीत गया, तभी शैफाली को घास का स्पर्श अजीब सा महसूस हुआ।

“कैप्टेन अंकल मुझे घास का स्पर्श अब अच्छा महसूस नहीं हो रहा है।” शैफाली ने सुयश को देखते हुए कहा- “मतलब मैं जब इस घास के मैदान में घुसी थी तो मुझे घास का स्पर्श बहुत मुलायम और अच्छा महसूस हो रहा था, पर अब एक घंटे इस मैदान में चलने के बाद यह घास मुझे अपने शरीर पर थोड़ा रुखा अहसास दे रही है।”

शैफाली की बात सुनकर सभी अपनी जगह पर रुक गये और घास को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन! जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, घास का रंग भी बदलता जा रहा है। यह हरे रंग से सुनहरे रंग में परिवर्तित हो रही है।” अलबर्ट ने घास के मैदान को देखते हुए कहा- “शायद सूर्य की तेज धूप में यह घास पक रही है।”

यह सुन सबका ध्यान घास के रंग की ओर गया। अलबर्ट सही कह रहा था, अब घास कुछ जगहों से थोड़ी सुनहरी दिखने लगी थी।

“इसका मतलब है कि जैसे-जैसे सूर्य की रोशनी बढ़ेगी, घास सुनहरी और कठोर होती जायेगी।” सुयश ने कहा- “फिर तो हमें इस घास के मैदान को जल्द से जल्द पार करना होगा।”

सुयश के इतना कहते ही सभी और जोश से, तेज कदमों से आगे की ओर बढ़ने लगे।

धीरे-धीरे 1 घंटा और बीत गया। अब घास काफी जगह से सुनहरी दिखने लगी थी। पर अब उस घास के मैदान में चलते-चलते सभी को तेज गर्मी महसूस होने लगी थी।

सभी बार-बार पानी की बोतल निकालकर पानी को पी रहे थे।

“कैप्टेन!" जैक ने चलते हुए कहा- “इस मैदान में गर्मी बहुत तेज बढ़ती जा रही है। अगर हम ऐसे ही चलते रहे तो हमारा सारा पानी इस मैदान में ही खत्म हो जायेगा। क्या हमें इस मैदान को रात में नहीं पार करना चाहिये था?”

“बिल्कुल नहीं।” अलबर्ट ने बीच में बोलते हुए कहा- “जब दिन में यह मैदान लगातार गर्म हो रहा है, तो पूरी सम्भावना है कि रात में यह मैदान बर्फ सा ठण्डा हो जायेगा, उस स्थिति में तो इस मैदान को पार करना और भी मुश्किल हो जाता।”

“ठंड में क्या परेशानी होती कैप्टेन?” तौफीक ने कहा- “हम अपने हाथ में पकड़ी लकड़ियों को जला कर अपने शरीर की गर्मी को बनाए रख सकते थे।”

“आप भूल रहे हैं तौफीक कि अब हमारे पास एक भी लाइटर नहीं है।” सुयश ने कहा- “हमारे पास 2 ही लाइटर थे, जो असलम और ब्रैंडन के पास थे, जो कि उनके साथ ही हमारे पास से चले गये। अब तो हमें
आग जलाने के लिये भी पत्थरों का सहारा लेना पड़ेगा।”

अचानक तेज हवाएं चलने लगीं, जो दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर चल रहीं थीं।

“वाह.... हवाएं चलने लगीं।” क्रिस्टी ने खुश होते हुए कहा- “अब गर्मी कम लगेगी और हम आसानी से इस रास्ते को पार कर लेंगे।”

“एक बात और भी अच्छी है कि इन हवाओं का प्रवाह हमारे चलने के अनुकूल है।” शैफाली ने कहा- “ऐसा लग रहा है कि जैसे ये तेज हवाएं हमें धक्का देकर आगे बढ़ा रही हों।”

हवाओं से थोड़ी राहत मिलने के बाद सबके चलने की स्पीड में तेजी आ गयी। अब यह लोग घास के मैदान का आधे से ज्यादा रास्ता तय कर चुके थे।

तभी सुयश को आसमान में धुंआ फैलता हुआ दिखाई दिया। सुयश ने हैरानी से उस धुंए के स्रोत की ओर अपनी दृष्टि घुमायी। धुंए के स्रोत पर दृष्टि पड़ते ही सुयश पूरी तरह से डर गया।

वह धुंआ इनके पीछे मौजूद घास के मैदान से ही उठ रहा था। जहां पर तेज आग की लपटें दिखाई दे रहीं थीं।

“प्रोफेसर!” सुयश ने चीखकर कहा- “पीछे घास के मैदान में आग लग गयी है और वह तेजी से हमारी ओर बढ़ रही है।”

सुयश की आवाज सुन सबकी निगाहें पीछे की ओर गयी। वहां पर आग की ऊंची उठती लपटें देख सभी डर गये।

“जल्दी भागो यहां से।” जैक ने चीखकर कहा- “पीछे घास में लगी आग तेज हवा की वजह से जल्दी ही हम तक पहुंच जायेगी। हम उस आग के स्वयं तक पहुंचने से पहले इस घास के मैदान को पार करना ही पड़ेगा, नहीं तो हम सब इस आग में जलकर भस्म हो जायेंगे।”

“असंभव!” शैफाली ने कहा- “हमने लगभग ढाई घंटे में इस मैदान को आधा ही पार किया है, ऐसी स्थिति में अगर हम इस घास के मैदान को दौड़कर भी पार करने की चेष्टा करेंगे तो हमें कम से कम इस मैदान को पूरा पार करने के लिये डेढ़ घंटे का समय चाहिये होगा और आग को हम तक पहुंचने में ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा ही लगेगा। ऐसी स्थिति में हमारा अब बच पाना बिल्कुल असंभव है।”

“तो क्या हुआ? हमें यहां पर खड़े हो कर मौत का इंतजार करने से अच्छा है कि हम दौड़कर इस मैदान को पार करने की एक कोशिश तो करें।” जैक ने कहा- “हो सकता है हम वहां पहुंचने में कामयाब हो ही
जाएं।”

“नहीं पहुंच पायेंगे।” अलबर्ट ने भी गहरी साँस भरते हुए कहा-“मुझे शैफाली की कैलकुलेशन पर पूरा भरोसा है।“

अब सभी के चेहरे पर खौफ के भाव साफ नजर आने लगे। सभी मैदान पर आगे बढ़ रही विनाशकारी आग को पास आते हुए देख रहे थे।

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा से बात करते हुए कहा- “क्या तुम्हारे पास भी इस आग से बचने का कोई उपाय नहीं है?”

“मैं समय को कुछ क्षणों के लिये, तुम्हारे लि ये रोक सकता हूं।” नक्षत्रा ने कहा- “ऐसी स्थिति में तुम यहां से बचकर भाग सकती हो, पर उस कंडीशन में तुम्हारे साथी भी, आग की ही भांति ठहर जायेंगे।
ऐसी स्थिति में तुम किसी को उठा कर तो भाग नहीं सकती, फिर बाकी के सारे लोग मारे जायेंगे। अब अगर तुम्हें यह मंजूर है तो बताओ, मैं समय को तुम्हारे लिये रोक देता हूं और अगर मंजूर नहीं है, तो तुम्हें भी इन सभी के साथ इस मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।”

“मैं अकेले यहां से नहीं भाग सकती, मैं सबके साथ यहीं पर रहूंगी।” जेनिथ ने कहा- “अब जो होगा देखा जायेगा। हां अगर तुम जाना चाहो तो मुझे छोड़कर जा सकते हो नक्षत्रा।”

“इसी बात पर तो मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं दोस्त।” नक्षत्रा ने जेनिथ से कहा- “अगर तुम अपने दोस्तों को इस मुसीबत भरे समय में छोड़ने को तैयार नहीं हो, तो मैं तुम्हें क्यों छोड़ूं? और वैसे भी मैं तुम्हें बता दूं कि यह अग्नि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ खसकती।”

“प्रोफेसर आप क्या सोच रहे हैं?” सुयश ने अलबर्ट को सोचते देख पूछा- “आप ही बताइये कि हम ऐसी स्थिति में क्या करें? क्या हमारे पास बचने का कोई रास्ता है?”

सुयश के घबराए हुए शब्द सुन अलबर्ट मुस्कुराते हुए बोला- “दुनिया में ऐसी कोई परेशानी नहीं है, जिसका कि कोई उपाय ना हो।”

अलबर्ट के शब्द सुन सबको थोड़ी राहत हुई। उन्हें लग गया कि अवश्य ही अलबर्ट के पास इस मुसीबत से बचने का कोई ना कोई उपाय है।

“कैप्टेन क्या आप बता सकते हैं कि जंगल में लगी आग को कैसे बुझाते हैं?” अलबर्ट ने सुयश से सवाल किया।

“जंगल में लगी आग को पानी या किसी भी गैस से नहीं बुझाया जा सकता। इसलिये जंगल की वह आग जिस चीज का सहारा लेकर आगे बढ़ रही होती है, उस चीज को रास्ते से हटा दिया जाता है। यानि जंगल की आग को रोकने के लिये जिस तरफ आग बढ़ रही है, उधर के पेड़ों को कुछ दूरी तक काट दिया जाता है। अब जब आगे पेड़ ही नहीं रह जाते तो आग वहां तक आकर रुक जाती है और फिर बुझ जाती है।” सुयश ने अपने ज्ञान का परिचय देते हुए कहा।

“बिल्कुल ठीक।” अलबर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा- “तो फिर इसी प्रकार यदि हम अपने आसपास मौजूद घास को भी उखाड़कर फेंक दें, तो आग के समीप आने पर हम उस खाली जगह में अपने आपको बचा सकते हैं।”

“वाह!” जेनिथ ने अलबर्ट की तारीफ करते हुए कहा- “मान गयी आपको प्रोफेसर। क्या आइडिया निकाला है आपने?”

यह सुनते ही जैक अपने आसपास की घास को नोंचने के लिये नीचे झुका और दोनों हाथों से घास के एक बड़े टुकड़े को पकड़कर घसीटने लगा। पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह एक मुठ्ठी भी घास नहीं नोंच
पाया।

“कैप्टेन!” जैक ने आश्चर्य से उस घास को देखते हुए कहा- “यह घास जमीन से उखड़ नहीं रही है।”
जैक के शब्द सुन तौफीक ने भी घास को उखाड़ने का प्रयास किया, पर वह भी घास को जमीन से उखाड़ नहीं पाया।

“प्रोफेसर!” तौफीक ने चिंतित निगाहों से अलबर्ट को देखते हुए कहा- “शायद यह घास भी मायावी है? हम लोग एक बार फिर किसी प्रकार के तिलिस्म में फंस गये हैं?”

तौफीक के शब्द सुन सभी ने घास को नोंचने की कोशिश की, पर सभी असफल रहे। कोई भी जमीन से घास का एक तिनका भी नहीं उखाड़ पाया।

“अब क्या करें प्रो फेसर?” सुयश के शब्दों में फिर बेचैनी उभरी।

अलबर्ट कुछ देर तक घास पर आगे बढ़ रही आग को देखता रहा फिर बोला- “यहां की घास सिर्फ आग से ही नष्ट हो सकती है। हमें अपने
आगे मौजूद घास को जलाना होगा।”

“क्या पागलपन है?” जैक ने चीखकर कहा- “एक आग हमारे पीछे आ रही है, हम उससे ही अभी नहीं बच पा रहे हैं और आप कह रहे हैं कि हम अपने आगे भी आग लगा दें।”

“प्रोफेसर सही कह रहे हैं।” सुयश ने खुश होते हुए कहा- “हवा की स्पीड दक्षिण से उत्तर की ओर है और काफी तेज है, ऐसे में हमारे द्वारा लगायी गयी आग से हमें कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि जब तक हमारे पीछे की आग हमारे पास पहुंचेगी, हमारे आगे लगी आग ने कुछ क्षेत्र को जला कर राख कर दिया होगा और हम उसी जले क्षेत्र में खड़े हो कर पीछे की आग से बच जायेंगे।”

सुयश के पूरा समझाने पर अब जैक को भी समझ आ गया।

“पर कैप्टेन, एक परेशानी और है?” तौफीक ने कहा- “हमारे पास अब लाईटर तो है नहीं और ना ही आसपास कोई पत्थर है, तो फिर हम इस स्थान पर आग लगा येंगे कैसे?”

यह सुनकर सभी सोच में पड़ गये। तौफीक की बातों में दम था। सभी अपने कपड़ों में कोई ऐसी चीज ढूंढने लगे जिससे घास में आग लगायी जा सके।

आखिरकार इस समस्या का समाधान भी अलबर्ट ने दिया। अलबर्ट ने एक बार आसमान में चमक रहे सूर्य को देखा और फिर अपने चेहरे पर लगाये हुए चश्में को उतार कर अपने हाथ में ले लिया।

अलबर्ट ने सबको थोड़ा पीछे आने को इशारा किया और सबके पीछे आते ही चश्में में लगे लेंस को, सूर्य की तेज रोशनी में रख दिया।

मुश्किल से 3 मिनट एक स्थान पर चश्मा रखते ही, चश्में ने सूर्य की रोशनी को केन्द्रित कर, सभी के सामने लगी घास में आग लगा दी।

उनके सामने लगी घास ने तेजी से, आगे की घास को जलाना शुरु कर दिया। अलबर्ट ने अब चश्मा पहन लिया था। अचानक हवाएं और तेज हो गयीं, पर जैसे-जैसे उनके पीछे की आग बढ़ रही थी, वैसे-वैसे उनके आगे की घास भी जलती जा रही थी।

कुछ ही देर में उनके पीछे की आग उनके बिल्कुल समीप आ गयी। यह देख सभी आगे वाले जले हुए क्षेत्र में खड़े हो गये।

पीछे की आग किसी दैत्य की तरह उनसे कुछ दूरी पर आकर रुक गयी। सभी डरी-डरी निगाहों से उस दैत्यरुपी आग को देख रहे थे।

ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आग अपने शिकार को दूर खड़े देख गुस्से से निहार रही हो।

यह देख जैक जोर-जोर से हंसकर अपनी जान बचने की खुशियां मनाने लगा।

क्रिस्टी को जाने क्यों यह सब रास नहीं आया, वह गुस्से से आगे आयी और जैक को एक जोर का धक्का मारा। क्रिस्टी के धक्के की वजह से जैक उछलकर सामने लगी आग में गिर गया।

एक पल के लिये तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। उधर जैक के शरीर में आग लग गयी, अब वह जोर-जोर से चीखता हुआ, उस आग से बचकर खाली जगह पर आने की कोशिश करने लगा।

पर वह आग पता नहीं किस प्रकार की थी, जैक अब उन लोगों के पास आ ही नहीं पा रहा था।

“ये तुमने क्या कि या क्रिस्टी?” सुयश ने हैरानी भरी नजरों से क्रिस्टी को निहारते हुए कहा।

बाकी सारे लोग भी आश्चर्य भरी नजरों से क्रिस्टी को देख रहे थे।

“वह इसी लायक था। काश मैं उसे पहले मार सकती।” क्रिस्टी ने घृणा भरी नजरों से जलते हुए जैक को देखकर कहा ।

उधर अब जैक के शरीर का भी पता नहीं चल रहा था। यह देख सब वापस क्रिस्टी की ओर पलटे।

क्रिस्टी ने सुयश को अपनी ओर देखते पाकर बोलना शुरु कर दिया-
“इसने बैंक में जिस आदमी को गोली मारी थी, वह मेरे पिता थे।”

क्रिस्टी के शब्द सुन सभी हैरान रह गये- “मैं कॉलेज से निकलकर एक सीक्रेट एजेंट बन गयी। अभी मैं ट्रेनिंग पीरियड में ही चल रही थी कि तभी मुझे मेरे पिता के मरने का समाचार मिला, मैं यह सुनकर ट्रेनिंग से वापस आ गयी। जब मैंने बैंक में मौजूद कैमरे से देखा तो मुझे ऐलेक्स, जैक और जॉनी नकाब पहने बैंक में दिखाई दिये। वहां पर एक पल के लिये ऐलेक्स का नकाब उतर गया, जिससे मैंने उसका चेहरा देख लिया था। मुझे जैक और जॉनी के बारे में उस समय कुछ नहीं पता चला, पर मुझे ऐलेक्स के सुप्रीम पर जाने का पता चल गया। मैंने भी सुप्रीम पर अपनी टिकट करा ली।

सुप्रीम पर मैं जानबूझकर ऐलेक्स के सामने ‘वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी’ नामक किताब पढ़ रही थी। मुझे पता था कि ऐलेक्स उस किताब को देखकर मेरी ओर आकर्षित होगा और फिर मैं उसे जाल में फंसा कर, उसे मारकर अपने पिता की मौत का बदला ले लेती। सबकुछ मेरे प्लान के हिसाब से ही हुआ। मेरी द्वारा जानबूझकर छोड़ी गयी किताब को, ऐलेक्स मेरे कमरे में वापस करने आया। पर अगर मैं तुरंत मान जाती तो ऐलेक्स को शक हो सकता था, इसलिये मैं उस समय जानबूझकर ऐलेक्स से थोड़ा दूर रहने लगी।

बाद में मैंने ऐलेक्स से अपने प्यार का झूठा इजहार किया और उससे इन दोनों साथियों का नाम पता करने के बारे में पूछना चाहा, पर उससे पहले ही सुप्रीम विचित्र परिस्थितियों में समुद्र में डूब गया।
मगर ऐलेक्स बच गया। शायद मैं ऐलेक्स को अब तक मार चुकी होती, पर कुछ दिन पहले ही ऐलेक्स ने स्वतः ही इन दोनों का भेद खोल दिया।

जिससे मुझे यह पता चला कि ऐलेक्स की कोई गलती नहीं थी। गलती तो इन दोनों कमीनों की थी। मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ, जिसकी वजह से मुझे सच में ऐलेक्स से प्यार हो गया। मैं अब इन दोनों को मारने के बारे में सोचने लगी। तभी जॉनी अपने कर्मों का फल अपने आप पा गया। अब मुझे लगा कि अगर मैं कुछ दिन और रुक गयी तो यह कमीना भी इस जंगल में अपने आप ही मारा जायेगा और ये मेरी आत्मा को गंवारा नहीं था।
मैं अपने पिता की मौत का बदला स्वयं अपने हाथों से लेना चाहती थी। इसीलिये मैंने अभी जानबूझकर जैक को धक्का दिया। मुझे खुशी है कैप्टेन कि मेरा बदला पूरा हुआ।”

“तुमने बिल्कुल ठीक किया क्रिस्टी।” जेनिथ ने क्रिस्टी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा- “यह जैक इतना कमीना था कि न्यूईयर की रात दूसरी गोली इसने अपने ही दोस्त जॉनी पर चलाई थी। वह जॉनी को मारकर पूरा पैसा लेना चाहता था। जो अपने दोस्त का नहीं हुआ, वह किसी का सगा नहीं हो सकता।”

“तुम्हें कैसे पता कि जॉनी ने ही न्यू ईयर की रात दूसरी गोली चलाई थी?” सुयश ने जेनिथ को देखते हुए पूछा।

“मुझे पहले से ही पता था कैप्टेन, पर मैंने पहले यह बताना जरुरी नहीं समझा।” जेनिथ ने सपाट निगाहों से तौफीक की ओर देखते हुए कहा।

तौफीक को जेनिथ की निगाहें अपने चेहरे पर चुभती हुई सी महसूस हुईं, पर उसने कुछ कहा नहीं और अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया।

अब शैफाली ने भी जाकर क्रिस्टी के दूसरे हाथ को थाम लिया।

उधर आग घास को जलाकर पूरी तरह से बुझ गयी थी, पर वहां जैक की लाश का कोई अवशेष दिखाई नहीं दे रहा था।

सुयश को समझ नहीं आया कि वह क्रिस्टी से क्या बोले, उसने एक बार प्रोफेसर की ओर देखा और फिर आगे की ओर बढ़ गया। बाकी बचे 5 लोग भी सुयश के पीछे-पीछे चल दिये।


जारी रहेगा_______✍️
 

Raj_sharma

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avsji बन्धु आपका तर्क स्वीकारणीय है लेकिन अकाट्य नहीं।
वास्तव में किसी भी
उपलब्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्ति और सामाजिक व्यवस्था से पहले भी संस्कृति, परम्परा और समाज होता था।
Raj_sharma भाई अपनी संस्कृति दूसरे पर थोप रहे हैं ऐसा आपको लगा, लेकिन मुझे इसका दूसरा पहलू जो समझ आया, आपके सामने रख रहा हूं, पढ़कर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें
सम्पूर्ण पृथ्वी पर समान संस्कृति या सभ्यता थी, समय के साथ नये सामाजिक, सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक समूह बनने पर उन समूहों ने सभ्यता या संस्कृति को अपने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अलग-अलग रुप में परिभाषित किया जिससे अलग-अलग शब्दों में एक ही बात को कहा जाने लगा और साधारण मनुष्यों ने उनको अलग-अलग ही सभ्यता मान लिया।
विदेशी सभ्यताओं के ऊपर कुछ साम्प्रदायिक समूह इतने हावी हो गये कि वहां के आमजन उन सम्प्रदायों के संस्थापकों और पुस्तकों को ही सभ्यता और संस्कृति का सृजन मानने लगे और उनके पूर्व की सभ्यता-संस्कृति का अस्तित्व ही मानने को तैयार नहीं।
जबकि भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े ज्यादातर लोग आज भी संस्कृति, परम्परा, सभ्यता को अपने आराध्य व्यक्ति और पुस्तकों से प्राचीन मानते हैं
इसीलिए उनकी सभ्यता की कहानी 1500-2000 साल पहले जन्मे व्यक्ति और उसकी लिखी पुस्तक पर समाप्त हो जाती है जबकि हम सांस्कृतिक इतिहास को किसी विशेष क्षेत्र, व्यक्ति या पुस्तक से भी पहले सम्पूर्ण पृथ्वी ही नहीं सम्पूर्ण विश्व तक गणना करते हैं सृष्टि काल से....
जो शर्मा जी यहां कर रहे हैं।

शब्दों का फेर है पोसाइडन कहो या वरुण, जैसे ऑसन कहो या समुद्र....मूल में तत्व तो एक ही है

सबसे पहले तो एक बार फिर से इस पोसाइडन महाराज की - :hammer: यह देवता तो आदमी छोड़ो राक्षस से भी अधिक हैवान है । इसे वहां के लोगों ने देवता कैसे मान लिया !
इस बार उसने जलपरियों के साथ धृष्टता करी और उन्हे शायद मार भी डाला । यह व्यक्ति खुद को समुद्र का देवता कहता है और इसे यह भी पता नही है कि समुद्र के अंदर कुछ गुफाएँ भी है ।

समुद्र के देवता हमलोगों के लिए वरूण है । इन्हे भी एक बार अपने शक्ति पर अभिमान हो गया था लेकिन सिर्फ अभिमान ही हुआ था और कोई गलत विकार पैदा नही हुआ था । सिर्फ इस घमंड की वजह से प्रभु राम इन पर क्रोधित हो गए थे और समुद्र का अस्तित्व ही समाप्त करने पर उतारू थे । लेकिन जल्द ही वरूण को अपनी गलती का एहसास हो गया ।
" विनय न मानत जलधि जड़ , गए तीन दिन बीति ।
बोले राम सकोप तब , भय बिनु होइ न प्रीति ।। "

और जहां तक बात है लंका की , लंका का निर्माण भोलेनाथ के निर्देश पर विश्वकर्मा ने किया था । लेकिन पुलस्तय ऋषि के पुत्र विश्रवा मुनि लोभ मे पड़कर लंका को खुद के लिए मांग लिया । बाद मे इन्होने इसे अपने पुत्र कुबेर को सौंप दिया । इन्ही विश्रवा मुनि की दूसरी पत्नी कैकसी से उत्पन्न रावण ने आगे चलकर इस लंका को कुबेर से छीन लिया था ।
कैकसी मायासुर की पुत्री थी ।

इन विषय पर बहुत लंबी चर्चा हो सकती है लेकिन प्रोब्लम यह है कि इसके लिए यह फ्लैटफार्म सही नही है ।

खैर , देखते है कैस्पर और मैग्ना इस तथाकथित समुद्री गाॅड पोसाइडन का सामना किस तरह से करते है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत अप्रतिम रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
एक के बाद एक नये नये रोमांचक प्रसंग ,
वाह भाई वाह जबरदस्त अपडेट
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा


Bhai, abhi tak 5 epi padh chuka hoon.

2001 mein New York se Sydney ke liye nikalne wala bada ship Supreme apne saath kaafi saare raaz le kar jaa raha hai. Is journey mein shamil hain, saal ki Shefali, jo andhi hai lekin uske paas kuch extraordinary powers hain, uske parents Michael aur Martha, aur Michael ke purane professor Albert.

Ship par ek purane dost bhi phir milte hai Kristy aur Lauren ki, jo ek famous dance group ka hissa hain. Kristy ka past secrets se bhara hua hai, aur ek aadmi Alex, uske karib aane ki koshish karta hai.

Isi beech Interpol se ek message aata hai ki ship par kuch criminals bhi hain. Captain Suyash aur uski team ek plan banate hain taaki un criminals ko dhoondha ja sake.


Abhi tak story kaafi interesting lag rahi hai, full maza aa raha hai! Dekhte hain aage kya hota hai!!

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

उन्नीस हज़ार साल पहले के जहाज़ का नाम अंग्रेजी भाषा पर नहीं हो सकता, क्योंकि अंग्रेज़ी ठीक से बनी (organised) कोई छः सात सौ साल पहले, और उत्पत्ति में आई कोई डेढ़ हज़ार साल पहले! उसी तरह मीटर शब्द की उत्पत्ति भी कोई ढाई सौ साल पहले हुई। इसलिए माया किलोमीटर जैसे शब्द का प्रयोग नहीं कर सकतीं।
लेकिन मैं बूढ़ी सास की तरह बाल की खाल नहीं उखाड़ूँगा... यह व्यर्थ की बहस हो जाएगी। 😂 पहले ही आपका मन खट्टा कर चुका हूँ, पिछले कमेंट से!

ज़ीउस और हेड्स दोनों भाई थे - मतलब सोफ़िआ और मेरॉन दोनों कजिन हैं।
लिहाज़ा कैस्पर में भी दैवीय शक्तियाँ होनी चाहिए।

मणिका ने भी क्या पंगा ले लिया - जिस देवी की स्तुति करने आई थी, उसी के बालक को बुरी भली बातें बोल दीं।
घंटा कोई वरदान मिलने वाला है देवी से। उल्टा गणेश जी ने दण्ड अलग से दे दिया।
वैसे मणिका और गणेश भगवान वाले एपिसोड और कैस्पर वाले एपिसोड में 900 साल बीत गए हैं।

क्या मणिका और कैस्पर की शादी होगी? [आकाश का राजा + स्वर्ग की अप्सरा]
अगर हाँ, तो आधुनिक काल में उनका पुत्र कौन होगा? रोचक!

बहुत ही बढ़िया लिख रहे हो राज भाई। 👏👏

Nice update....

Wonderful update brother!!

Lekin kuch baat clear kar do.

Pahli baat Maya jahan rehti hai wo jagah manushya aur devta ke pahuch se bahar hai phir Maya kya hai???? Kya wo manushya aur devta dono nahi hai????

Dusri baat Poshaidan ka trishul jo hai wo gold ki bani hai???? Pahle jo weapons hote the* wo gold se banti thi kya????

Tisri baat yadi Poshaidan se samudra mein koi jagah chhupa hua hai matlab Shefali aur Suyash ke liye aur bhi jyada mystery se bhara hone wala hai ye Maya mahal ki journey ya phir wo sab samudra ke andar dakhil nahi hone wale hain????

Ek aur baat jahan tak mujhe yaad hai Casper aur Mahashakti Megra ne Mayavan ka nirman kiya hai phir bhi Casper ek sadharan insaan kaise ho sakta hai????

Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,

Lambodar ke dwara Manika ko shraap dene ki katha bhi bahut hi rochak thi.............

Casper to apne dada ke krodh se bach gaya, aur sath hi sath Maron aur Sophiya bhi

Maya ne bacha liya in tino ko................aur abhi to casper ki bahan ko bhi paida hona he.............

Jiske sar par Mahadev ka haath ho uska koi kya bigaad sakta he

Superb Bro, simply outstanding

Bhut hi badhiya update
Kahani ke pahle baag ka ek sankshipt varnan diya gaya hai
Agle update ki pratiksha rahegi

Bahut acha update aapne supreme ka saransh bhi de diya

Nice update👌

Update review 21 to 53

Starting mein socha tha 10 -10 updates ka review du , but usse story reading ka flow tut raha tha .
Ab first part end ho gaya hai toh,
Lets review Begin's

Supreme the Cruise ka dehant ho chuka hai , bohat se yatri maare gaye , aaj titanic movie ke drashya aanko ke samne aa rahe the .

Suyash ke decision ek captain ke roop mein bohat controversial hai , wo science or fantasy ke bich mein fasa raha , usne logic lagaya hai Ki amu (totta) ne English language mein baat kari matlab wah civilized society se belong karta hai .
Jabki Ki Golden man Ke bataye raste par wo sahi jaa rahe the uss samay supreme par Koi bhi durghatna nahi ghati thi.
Agar suyash ship Ko dweep Ki jagah dusre aur nahi lejane ka aadesh dete toh shayad kuch jindgiya bach jaati par kehte hai ki har coins me two sides rehte hai thik waise hi kya pata dweep par rah kar unlogo log jyada buri maut Milti .

Suyash ka bhi ek connection hai uss dweep se , par kya connection hoga , woh amu (totta) aisa kyo behave kar raha tha Ki suyash aur wo dono purane Mitra hai.

Shaffali ke jariye aapne ne jiss tarah ki calculations ki wo kabilya taarif hai calculations ko main khud test kiya ,
Isse pata chalta hai aapne kitni reasearch Ki story KO lekar .

Shaffali ke parents nahi bache Michael aur martha dono upper wale KO pyaare hogaye .
Raaz ab bhi wahi shaffali ka uss dweep se kya connection hai kya sapne mein dikhi wo ladki hi shaffali Ka rebirth hai ya kuch aur hai.

Albert se related bhi iss dauran bohat se incident hue hue unme Albert suspect bhi dikhaye gaye , wo supreme ke dekh par aadhi raat ko cigrate pina Albert KO shakk ke dayre mein laate hai.

In 33 update Ki sabse badi news aslam hai kya wajah hogi Ki ek shaks aslam ka bhesh dharan kar supreme par chadta hai aur supreme KO barmuda triangle Ki aur dhakelta hai.

Kya aslam koi scientist , researcher , ya archciologist hai jisse barmuda triangle Ki mystery solve karni hai ya fir kuch aur.

Kya hai aslam ke purse mein situation toh yahi kehti Ki aslam bhi barmuda se judaa vyaskti hi hai aur purse mein kuch fantasy power related element ho sakti hai.

Lara aur rogers dono bhi upper wale ko pyaare hogaye par kya wo sach mein maare gaye hai ya wo Atlantic ke logo ki kaid main hai .

Mariya bhi kaise gayab hogayi kya uske picha Albert Ki altantis ko leke jigyasa ke chalte use gayab kiya gaya.

Lothar ke pani ke niche gayab hone ka kya rashya ho sakta hai .
Kya Laurain aur roger Ki aatma sach mein exist karti hai .
Lauran ka katil toh aslam hi lag raha hai.
Wo lab Ko jalane wala bhi aslam hi lag raha.

Vyoom ka sure hu wo zinda hai uske baare jaisa description diya gaya wo mujhe special character Ki feeling ka ahsah dilata hai .
Atlantis mein wo kon the jo vyoom KO lekar gaye hai .

Cristi ka vyavhaar kuch badla badla sa nazar aa raha hai , kuch toh gadbad hai ,
Taufik aur jenith par shak ki gunjaise ab kam lag rahi hai , taufik ka kuch makshad hai jise usse pura karna hai par kya makshad ho sakta hai .

Alex ne abhi tak aisa kuch nahi kiya hai jisse uss par shak kiya jaasake.


jonny Ki shadow mein rah kar jake kuch jake kuch kar sakta kyuki jake mujhe jyada shatir lagta hai jonny ke mukable, jonny ek tarah bewkoof Hi .

Mujhe bradon par shak gaya tha par ab sure hai Ki bradon kuch aisa waisa nahi karega .

Kuch bhi kaho waterboat mein laurain ka qatil jinda hai.

Sunehra manav kya wapis aayega , kya rahasya hai usse lekar, kya wo subhchinkat hai .

Supreme ka dubna bina kisi karan chinta jank hai jo bhi mystery ho barmuda lekar par wo dangerous jaroor hai .

Iss kahani ke do mukhya character ab clear ho gaye hai ek hai shaffali aur dusre hai suyash.

sare updates bohut ache hai , har updates ke sath suspense badhta hai Ki aage kya hoga hai .

Ab story purn tah fantasy ki aur rukh kar rahi hai .

Overall update shandar dhamaker

Next review jaldi hi Raj_sharma bhaj

"Supreme ka ek aur yatri ab next part Atlantis Ki aur rukh kar raha hai."
Iron Man
अटलांटिक सागर और भूतकाल मे कभी बसी हुई एक उन्नत सभ्यता अटलांटिस, अपने आप मे ही रहस्यों की खान मानी जाती है। और अब शैफाली के तकिए के नीचे उसी सभ्यता के सिक्के का मिलना नये रहस्यों को जन्म दे रहा है।सूर्य की वो टैटू का विवरण पढकर ही मेरे मन में सूर्यवंशी आ गया था, और सुयष ने खुद अपने सूर्यवंशी होने की बात कही। अटलांटिस नाम पर ही ढेरों फिल्में बनी है, जिनमे से एक फिल्म (Journey 2: The Mysterious Island) याद आ गया ।
सुप्रीम अब नए रहस्यों की ओर बढ रहा है, सफर मे मजा आयेगा ही।
अपडेट हमेशा की तरह लाजवाब है।
Baawri Raani
lovely update
DEVIL MAXIMUM
nice update

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Update Posted Friends :declare:
 

Raj_sharma

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#111.

चैपटर-2 अग्नि जाल

(11 जनवरी 2002, शुक्रवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

पिछली रात सभी ने एक छोटे से पानी के जोहड़ के पास बितायी थी। रात में किसी भी प्रकार की कोई नयी परेशानी नहीं आयी।

क्रिस्टी को जरुर ऐलेक्स के बिना ठीक से नींद नहीं आयी थी, वो रात भर ऐलेक्स को याद कर बेचैनी से करवट बदलती रही थी।

जेनिथ ने धीरे-धीरे स्वयं को सम्भाल लिया था, नक्षत्रा खाली समय में जेनिथ का मनोरंजन भी कर रहा था।

तौफीक को जेनिथ का यह बदलाव समझ आ गया था, लेकिन उसने भी जेनिथ से ज्यादा बात करना उचित नहीं समझा।

अलबर्ट रोज रात को अपने दिन भर की जंगल से बटोरी उपलब्धियों को देखता रहता था।

जैक स्वयं को अब बिल्कुल अकेला महसूस कर रहा था और शैफाली किसी ना किसी प्रकार से सभी का मनोरंजन कर माहौल को हल्का करने की कोशिश कर रही थी।

कुल मिलाकर बचे हुए 7 लोग अब जंगल में रहने के पूर्ण अभ्यस्त हो गये थे।

सभी ने हल्का-फुल्का नाश्ता कर लिया था। सुयश के एक इशारे पर सभी उठकर जंगल में आगे की ओर बढ़ गये।

चलते-चलते एक ऊंचे से टीले को पार करने के बाद, सभी को कई किलोमीटर लंबा एक घास का मैदान दिखाई दिया।

“अरे बाप रे!” क्रिस्टी ने आश्चर्य से भरते हुए कहा- “यहां तो दूर-दूर तक घास के मैदान के सिवा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है? अब क्या हमें इस घास के मैदान को पार करना पड़ेगा? इसमें तो बहुत से खतरे हो सकते हैं।”

“तुमने सही कहा क्रिस्टी ।” अलबर्ट ने घास की ऊंचाई का निरीक्षण करते हुए कहा- “यह घास कम से कम 4 फुट ऊंची है और काफी घनी भी है, अगर इसमें कोई खतरा मौजूद हुआ तो वह हमें दिखाई तक नहीं देगा।”

“मगर आगे बढ़ने का कोई और मार्ग हमें दिख भी तो नहीं रहा है।” सुयश ने कहा- “आगे देखिये कुछ किलोमीटर दूर मौजूद पहाड़ भी, घास से ही निर्मित नजर आ रहा है। वहां तक पहुंचने के बाद ही हमें आगे का मार्ग पता चल पा येगा। इसलिये हमें ना चाहते हुए भी इस घास के मैदान में घुसना ही पड़ेगा।”

“आपकी बात बिल्कुल सही है कैप्टेन।” तौफीक ने कहा- “वैसे भी युगाका ने हमें पोसाईडन पर्वत की ओर जाने को कहा था और पोसाइडन पर्वत तक पहुंचने के लिये, हमें इस रास्ते का प्रयोग करना ही पड़ेगा।”

आखिरकार सबको उस घास के रास्ते पर चलने के लिये मानना ही पड़ा, क्यों कि उनके पास और कोई चारा ही नहीं था।

सभी धीरे-धीरे घास के मैदान में प्रवेश कर गये।

घास बहुत ही मुलायम थी, उसका स्पर्श सभी को बहुत ही भला महसूस हो रहा था।

घास 4 फुट ऊंची होने की वजह से लगभग सभी के सीने तक पहुंच रही थी। घास के नीचे की जमीन भी नर्म और मुलायम थी।

सभी अपने हाथ में पकड़ी लकड़ी की मदद से घास को हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

सभी को घास में चलते हुए 1 घंटा बीत गया, तभी शैफाली को घास का स्पर्श अजीब सा महसूस हुआ।

“कैप्टेन अंकल मुझे घास का स्पर्श अब अच्छा महसूस नहीं हो रहा है।” शैफाली ने सुयश को देखते हुए कहा- “मतलब मैं जब इस घास के मैदान में घुसी थी तो मुझे घास का स्पर्श बहुत मुलायम और अच्छा महसूस हो रहा था, पर अब एक घंटे इस मैदान में चलने के बाद यह घास मुझे अपने शरीर पर थोड़ा रुखा अहसास दे रही है।”

शैफाली की बात सुनकर सभी अपनी जगह पर रुक गये और घास को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन! जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, घास का रंग भी बदलता जा रहा है। यह हरे रंग से सुनहरे रंग में परिवर्तित हो रही है।” अलबर्ट ने घास के मैदान को देखते हुए कहा- “शायद सूर्य की तेज धूप में यह घास पक रही है।”

यह सुन सबका ध्यान घास के रंग की ओर गया। अलबर्ट सही कह रहा था, अब घास कुछ जगहों से थोड़ी सुनहरी दिखने लगी थी।

“इसका मतलब है कि जैसे-जैसे सूर्य की रोशनी बढ़ेगी, घास सुनहरी और कठोर होती जायेगी।” सुयश ने कहा- “फिर तो हमें इस घास के मैदान को जल्द से जल्द पार करना होगा।”

सुयश के इतना कहते ही सभी और जोश से, तेज कदमों से आगे की ओर बढ़ने लगे।

धीरे-धीरे 1 घंटा और बीत गया। अब घास काफी जगह से सुनहरी दिखने लगी थी। पर अब उस घास के मैदान में चलते-चलते सभी को तेज गर्मी महसूस होने लगी थी।

सभी बार-बार पानी की बोतल निकालकर पानी को पी रहे थे।

“कैप्टेन!" जैक ने चलते हुए कहा- “इस मैदान में गर्मी बहुत तेज बढ़ती जा रही है। अगर हम ऐसे ही चलते रहे तो हमारा सारा पानी इस मैदान में ही खत्म हो जायेगा। क्या हमें इस मैदान को रात में नहीं पार करना चाहिये था?”

“बिल्कुल नहीं।” अलबर्ट ने बीच में बोलते हुए कहा- “जब दिन में यह मैदान लगातार गर्म हो रहा है, तो पूरी सम्भावना है कि रात में यह मैदान बर्फ सा ठण्डा हो जायेगा, उस स्थिति में तो इस मैदान को पार करना और भी मुश्किल हो जाता।”

“ठंड में क्या परेशानी होती कैप्टेन?” तौफीक ने कहा- “हम अपने हाथ में पकड़ी लकड़ियों को जला कर अपने शरीर की गर्मी को बनाए रख सकते थे।”

“आप भूल रहे हैं तौफीक कि अब हमारे पास एक भी लाइटर नहीं है।” सुयश ने कहा- “हमारे पास 2 ही लाइटर थे, जो असलम और ब्रैंडन के पास थे, जो कि उनके साथ ही हमारे पास से चले गये। अब तो हमें
आग जलाने के लिये भी पत्थरों का सहारा लेना पड़ेगा।”

अचानक तेज हवाएं चलने लगीं, जो दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर चल रहीं थीं।

“वाह.... हवाएं चलने लगीं।” क्रिस्टी ने खुश होते हुए कहा- “अब गर्मी कम लगेगी और हम आसानी से इस रास्ते को पार कर लेंगे।”

“एक बात और भी अच्छी है कि इन हवाओं का प्रवाह हमारे चलने के अनुकूल है।” शैफाली ने कहा- “ऐसा लग रहा है कि जैसे ये तेज हवाएं हमें धक्का देकर आगे बढ़ा रही हों।”

हवाओं से थोड़ी राहत मिलने के बाद सबके चलने की स्पीड में तेजी आ गयी। अब यह लोग घास के मैदान का आधे से ज्यादा रास्ता तय कर चुके थे।

तभी सुयश को आसमान में धुंआ फैलता हुआ दिखाई दिया। सुयश ने हैरानी से उस धुंए के स्रोत की ओर अपनी दृष्टि घुमायी। धुंए के स्रोत पर दृष्टि पड़ते ही सुयश पूरी तरह से डर गया।

वह धुंआ इनके पीछे मौजूद घास के मैदान से ही उठ रहा था। जहां पर तेज आग की लपटें दिखाई दे रहीं थीं।

“प्रोफेसर!” सुयश ने चीखकर कहा- “पीछे घास के मैदान में आग लग गयी है और वह तेजी से हमारी ओर बढ़ रही है।”

सुयश की आवाज सुन सबकी निगाहें पीछे की ओर गयी। वहां पर आग की ऊंची उठती लपटें देख सभी डर गये।

“जल्दी भागो यहां से।” जैक ने चीखकर कहा- “पीछे घास में लगी आग तेज हवा की वजह से जल्दी ही हम तक पहुंच जायेगी। हम उस आग के स्वयं तक पहुंचने से पहले इस घास के मैदान को पार करना ही पड़ेगा, नहीं तो हम सब इस आग में जलकर भस्म हो जायेंगे।”

“असंभव!” शैफाली ने कहा- “हमने लगभग ढाई घंटे में इस मैदान को आधा ही पार किया है, ऐसी स्थिति में अगर हम इस घास के मैदान को दौड़कर भी पार करने की चेष्टा करेंगे तो हमें कम से कम इस मैदान को पूरा पार करने के लिये डेढ़ घंटे का समय चाहिये होगा और आग को हम तक पहुंचने में ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा ही लगेगा। ऐसी स्थिति में हमारा अब बच पाना बिल्कुल असंभव है।”

“तो क्या हुआ? हमें यहां पर खड़े हो कर मौत का इंतजार करने से अच्छा है कि हम दौड़कर इस मैदान को पार करने की एक कोशिश तो करें।” जैक ने कहा- “हो सकता है हम वहां पहुंचने में कामयाब हो ही
जाएं।”

“नहीं पहुंच पायेंगे।” अलबर्ट ने भी गहरी साँस भरते हुए कहा-“मुझे शैफाली की कैलकुलेशन पर पूरा भरोसा है।“

अब सभी के चेहरे पर खौफ के भाव साफ नजर आने लगे। सभी मैदान पर आगे बढ़ रही विनाशकारी आग को पास आते हुए देख रहे थे।

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा से बात करते हुए कहा- “क्या तुम्हारे पास भी इस आग से बचने का कोई उपाय नहीं है?”

“मैं समय को कुछ क्षणों के लिये, तुम्हारे लि ये रोक सकता हूं।” नक्षत्रा ने कहा- “ऐसी स्थिति में तुम यहां से बचकर भाग सकती हो, पर उस कंडीशन में तुम्हारे साथी भी, आग की ही भांति ठहर जायेंगे।
ऐसी स्थिति में तुम किसी को उठा कर तो भाग नहीं सकती, फिर बाकी के सारे लोग मारे जायेंगे। अब अगर तुम्हें यह मंजूर है तो बताओ, मैं समय को तुम्हारे लिये रोक देता हूं और अगर मंजूर नहीं है, तो तुम्हें भी इन सभी के साथ इस मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।”

“मैं अकेले यहां से नहीं भाग सकती, मैं सबके साथ यहीं पर रहूंगी।” जेनिथ ने कहा- “अब जो होगा देखा जायेगा। हां अगर तुम जाना चाहो तो मुझे छोड़कर जा सकते हो नक्षत्रा।”

“इसी बात पर तो मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं दोस्त।” नक्षत्रा ने जेनिथ से कहा- “अगर तुम अपने दोस्तों को इस मुसीबत भरे समय में छोड़ने को तैयार नहीं हो, तो मैं तुम्हें क्यों छोड़ूं? और वैसे भी मैं तुम्हें बता दूं कि यह अग्नि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ खसकती।”

“प्रोफेसर आप क्या सोच रहे हैं?” सुयश ने अलबर्ट को सोचते देख पूछा- “आप ही बताइये कि हम ऐसी स्थिति में क्या करें? क्या हमारे पास बचने का कोई रास्ता है?”

सुयश के घबराए हुए शब्द सुन अलबर्ट मुस्कुराते हुए बोला- “दुनिया में ऐसी कोई परेशानी नहीं है, जिसका कि कोई उपाय ना हो।”

अलबर्ट के शब्द सुन सबको थोड़ी राहत हुई। उन्हें लग गया कि अवश्य ही अलबर्ट के पास इस मुसीबत से बचने का कोई ना कोई उपाय है।

“कैप्टेन क्या आप बता सकते हैं कि जंगल में लगी आग को कैसे बुझाते हैं?” अलबर्ट ने सुयश से सवाल किया।

“जंगल में लगी आग को पानी या किसी भी गैस से नहीं बुझाया जा सकता। इसलिये जंगल की वह आग जिस चीज का सहारा लेकर आगे बढ़ रही होती है, उस चीज को रास्ते से हटा दिया जाता है। यानि जंगल की आग को रोकने के लिये जिस तरफ आग बढ़ रही है, उधर के पेड़ों को कुछ दूरी तक काट दिया जाता है। अब जब आगे पेड़ ही नहीं रह जाते तो आग वहां तक आकर रुक जाती है और फिर बुझ जाती है।” सुयश ने अपने ज्ञान का परिचय देते हुए कहा।

“बिल्कुल ठीक।” अलबर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा- “तो फिर इसी प्रकार यदि हम अपने आसपास मौजूद घास को भी उखाड़कर फेंक दें, तो आग के समीप आने पर हम उस खाली जगह में अपने आपको बचा सकते हैं।”

“वाह!” जेनिथ ने अलबर्ट की तारीफ करते हुए कहा- “मान गयी आपको प्रोफेसर। क्या आइडिया निकाला है आपने?”

यह सुनते ही जैक अपने आसपास की घास को नोंचने के लिये नीचे झुका और दोनों हाथों से घास के एक बड़े टुकड़े को पकड़कर घसीटने लगा। पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह एक मुठ्ठी भी घास नहीं नोंच
पाया।

“कैप्टेन!” जैक ने आश्चर्य से उस घास को देखते हुए कहा- “यह घास जमीन से उखड़ नहीं रही है।”
जैक के शब्द सुन तौफीक ने भी घास को उखाड़ने का प्रयास किया, पर वह भी घास को जमीन से उखाड़ नहीं पाया।

“प्रोफेसर!” तौफीक ने चिंतित निगाहों से अलबर्ट को देखते हुए कहा- “शायद यह घास भी मायावी है? हम लोग एक बार फिर किसी प्रकार के तिलिस्म में फंस गये हैं?”

तौफीक के शब्द सुन सभी ने घास को नोंचने की कोशिश की, पर सभी असफल रहे। कोई भी जमीन से घास का एक तिनका भी नहीं उखाड़ पाया।

“अब क्या करें प्रो फेसर?” सुयश के शब्दों में फिर बेचैनी उभरी।

अलबर्ट कुछ देर तक घास पर आगे बढ़ रही आग को देखता रहा फिर बोला- “यहां की घास सिर्फ आग से ही नष्ट हो सकती है। हमें अपने
आगे मौजूद घास को जलाना होगा।”

“क्या पागलपन है?” जैक ने चीखकर कहा- “एक आग हमारे पीछे आ रही है, हम उससे ही अभी नहीं बच पा रहे हैं और आप कह रहे हैं कि हम अपने आगे भी आग लगा दें।”

“प्रोफेसर सही कह रहे हैं।” सुयश ने खुश होते हुए कहा- “हवा की स्पीड दक्षिण से उत्तर की ओर है और काफी तेज है, ऐसे में हमारे द्वारा लगायी गयी आग से हमें कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि जब तक हमारे पीछे की आग हमारे पास पहुंचेगी, हमारे आगे लगी आग ने कुछ क्षेत्र को जला कर राख कर दिया होगा और हम उसी जले क्षेत्र में खड़े हो कर पीछे की आग से बच जायेंगे।”

सुयश के पूरा समझाने पर अब जैक को भी समझ आ गया।

“पर कैप्टेन, एक परेशानी और है?” तौफीक ने कहा- “हमारे पास अब लाईटर तो है नहीं और ना ही आसपास कोई पत्थर है, तो फिर हम इस स्थान पर आग लगा येंगे कैसे?”

यह सुनकर सभी सोच में पड़ गये। तौफीक की बातों में दम था। सभी अपने कपड़ों में कोई ऐसी चीज ढूंढने लगे जिससे घास में आग लगायी जा सके।

आखिरकार इस समस्या का समाधान भी अलबर्ट ने दिया। अलबर्ट ने एक बार आसमान में चमक रहे सूर्य को देखा और फिर अपने चेहरे पर लगाये हुए चश्में को उतार कर अपने हाथ में ले लिया।

अलबर्ट ने सबको थोड़ा पीछे आने को इशारा किया और सबके पीछे आते ही चश्में में लगे लेंस को, सूर्य की तेज रोशनी में रख दिया।

मुश्किल से 3 मिनट एक स्थान पर चश्मा रखते ही, चश्में ने सूर्य की रोशनी को केन्द्रित कर, सभी के सामने लगी घास में आग लगा दी।

उनके सामने लगी घास ने तेजी से, आगे की घास को जलाना शुरु कर दिया। अलबर्ट ने अब चश्मा पहन लिया था। अचानक हवाएं और तेज हो गयीं, पर जैसे-जैसे उनके पीछे की आग बढ़ रही थी, वैसे-वैसे उनके आगे की घास भी जलती जा रही थी।

कुछ ही देर में उनके पीछे की आग उनके बिल्कुल समीप आ गयी। यह देख सभी आगे वाले जले हुए क्षेत्र में खड़े हो गये।

पीछे की आग किसी दैत्य की तरह उनसे कुछ दूरी पर आकर रुक गयी। सभी डरी-डरी निगाहों से उस दैत्यरुपी आग को देख रहे थे।

ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आग अपने शिकार को दूर खड़े देख गुस्से से निहार रही हो।

यह देख जैक जोर-जोर से हंसकर अपनी जान बचने की खुशियां मनाने लगा।

क्रिस्टी को जाने क्यों यह सब रास नहीं आया, वह गुस्से से आगे आयी और जैक को एक जोर का धक्का मारा। क्रिस्टी के धक्के की वजह से जैक उछलकर सामने लगी आग में गिर गया।

एक पल के लिये तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। उधर जैक के शरीर में आग लग गयी, अब वह जोर-जोर से चीखता हुआ, उस आग से बचकर खाली जगह पर आने की कोशिश करने लगा।

पर वह आग पता नहीं किस प्रकार की थी, जैक अब उन लोगों के पास आ ही नहीं पा रहा था।

“ये तुमने क्या कि या क्रिस्टी?” सुयश ने हैरानी भरी नजरों से क्रिस्टी को निहारते हुए कहा।

बाकी सारे लोग भी आश्चर्य भरी नजरों से क्रिस्टी को देख रहे थे।

“वह इसी लायक था। काश मैं उसे पहले मार सकती।” क्रिस्टी ने घृणा भरी नजरों से जलते हुए जैक को देखकर कहा ।

उधर अब जैक के शरीर का भी पता नहीं चल रहा था। यह देख सब वापस क्रिस्टी की ओर पलटे।

क्रिस्टी ने सुयश को अपनी ओर देखते पाकर बोलना शुरु कर दिया-
“इसने बैंक में जिस आदमी को गोली मारी थी, वह मेरे पिता थे।”

क्रिस्टी के शब्द सुन सभी हैरान रह गये- “मैं कॉलेज से निकलकर एक सीक्रेट एजेंट बन गयी। अभी मैं ट्रेनिंग पीरियड में ही चल रही थी कि तभी मुझे मेरे पिता के मरने का समाचार मिला, मैं यह सुनकर ट्रेनिंग से वापस आ गयी। जब मैंने बैंक में मौजूद कैमरे से देखा तो मुझे ऐलेक्स, जैक और जॉनी नकाब पहने बैंक में दिखाई दिये। वहां पर एक पल के लिये ऐलेक्स का नकाब उतर गया, जिससे मैंने उसका चेहरा देख लिया था। मुझे जैक और जॉनी के बारे में उस समय कुछ नहीं पता चला, पर मुझे ऐलेक्स के सुप्रीम पर जाने का पता चल गया। मैंने भी सुप्रीम पर अपनी टिकट करा ली।

सुप्रीम पर मैं जानबूझकर ऐलेक्स के सामने ‘वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी’ नामक किताब पढ़ रही थी। मुझे पता था कि ऐलेक्स उस किताब को देखकर मेरी ओर आकर्षित होगा और फिर मैं उसे जाल में फंसा कर, उसे मारकर अपने पिता की मौत का बदला ले लेती। सबकुछ मेरे प्लान के हिसाब से ही हुआ। मेरी द्वारा जानबूझकर छोड़ी गयी किताब को, ऐलेक्स मेरे कमरे में वापस करने आया। पर अगर मैं तुरंत मान जाती तो ऐलेक्स को शक हो सकता था, इसलिये मैं उस समय जानबूझकर ऐलेक्स से थोड़ा दूर रहने लगी।

बाद में मैंने ऐलेक्स से अपने प्यार का झूठा इजहार किया और उससे इन दोनों साथियों का नाम पता करने के बारे में पूछना चाहा, पर उससे पहले ही सुप्रीम विचित्र परिस्थितियों में समुद्र में डूब गया।
मगर ऐलेक्स बच गया। शायद मैं ऐलेक्स को अब तक मार चुकी होती, पर कुछ दिन पहले ही ऐलेक्स ने स्वतः ही इन दोनों का भेद खोल दिया।

जिससे मुझे यह पता चला कि ऐलेक्स की कोई गलती नहीं थी। गलती तो इन दोनों कमीनों की थी। मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ, जिसकी वजह से मुझे सच में ऐलेक्स से प्यार हो गया। मैं अब इन दोनों को मारने के बारे में सोचने लगी। तभी जॉनी अपने कर्मों का फल अपने आप पा गया। अब मुझे लगा कि अगर मैं कुछ दिन और रुक गयी तो यह कमीना भी इस जंगल में अपने आप ही मारा जायेगा और ये मेरी आत्मा को गंवारा नहीं था।
मैं अपने पिता की मौत का बदला स्वयं अपने हाथों से लेना चाहती थी। इसीलिये मैंने अभी जानबूझकर जैक को धक्का दिया। मुझे खुशी है कैप्टेन कि मेरा बदला पूरा हुआ।”

“तुमने बिल्कुल ठीक किया क्रिस्टी।” जेनिथ ने क्रिस्टी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा- “यह जैक इतना कमीना था कि न्यूईयर की रात दूसरी गोली इसने अपने ही दोस्त जॉनी पर चलाई थी। वह जॉनी को मारकर पूरा पैसा लेना चाहता था। जो अपने दोस्त का नहीं हुआ, वह किसी का सगा नहीं हो सकता।”

“तुम्हें कैसे पता कि जॉनी ने ही न्यू ईयर की रात दूसरी गोली चलाई थी?” सुयश ने जेनिथ को देखते हुए पूछा।

“मुझे पहले से ही पता था कैप्टेन, पर मैंने पहले यह बताना जरुरी नहीं समझा।” जेनिथ ने सपाट निगाहों से तौफीक की ओर देखते हुए कहा।

तौफीक को जेनिथ की निगाहें अपने चेहरे पर चुभती हुई सी महसूस हुईं, पर उसने कुछ कहा नहीं और अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया।

अब शैफाली ने भी जाकर क्रिस्टी के दूसरे हाथ को थाम लिया।

उधर आग घास को जलाकर पूरी तरह से बुझ गयी थी, पर वहां जैक की लाश का कोई अवशेष दिखाई नहीं दे रहा था।

सुयश को समझ नहीं आया कि वह क्रिस्टी से क्या बोले, उसने एक बार प्रोफेसर की ओर देखा और फिर आगे की ओर बढ़ गया। बाकी बचे 5 लोग भी सुयश के पीछे-पीछे चल दिये।


जारी रहेगा_______✍️
Nice update....
 
Last edited:

parkas

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#111.

चैपटर-2 अग्नि जाल

(11 जनवरी 2002, शुक्रवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

पिछली रात सभी ने एक छोटे से पानी के जोहड़ के पास बितायी थी। रात में किसी भी प्रकार की कोई नयी परेशानी नहीं आयी।

क्रिस्टी को जरुर ऐलेक्स के बिना ठीक से नींद नहीं आयी थी, वो रात भर ऐलेक्स को याद कर बेचैनी से करवट बदलती रही थी।

जेनिथ ने धीरे-धीरे स्वयं को सम्भाल लिया था, नक्षत्रा खाली समय में जेनिथ का मनोरंजन भी कर रहा था।

तौफीक को जेनिथ का यह बदलाव समझ आ गया था, लेकिन उसने भी जेनिथ से ज्यादा बात करना उचित नहीं समझा।

अलबर्ट रोज रात को अपने दिन भर की जंगल से बटोरी उपलब्धियों को देखता रहता था।

जैक स्वयं को अब बिल्कुल अकेला महसूस कर रहा था और शैफाली किसी ना किसी प्रकार से सभी का मनोरंजन कर माहौल को हल्का करने की कोशिश कर रही थी।

कुल मिलाकर बचे हुए 7 लोग अब जंगल में रहने के पूर्ण अभ्यस्त हो गये थे।

सभी ने हल्का-फुल्का नाश्ता कर लिया था। सुयश के एक इशारे पर सभी उठकर जंगल में आगे की ओर बढ़ गये।

चलते-चलते एक ऊंचे से टीले को पार करने के बाद, सभी को कई किलोमीटर लंबा एक घास का मैदान दिखाई दिया।

“अरे बाप रे!” क्रिस्टी ने आश्चर्य से भरते हुए कहा- “यहां तो दूर-दूर तक घास के मैदान के सिवा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है? अब क्या हमें इस घास के मैदान को पार करना पड़ेगा? इसमें तो बहुत से खतरे हो सकते हैं।”

“तुमने सही कहा क्रिस्टी ।” अलबर्ट ने घास की ऊंचाई का निरीक्षण करते हुए कहा- “यह घास कम से कम 4 फुट ऊंची है और काफी घनी भी है, अगर इसमें कोई खतरा मौजूद हुआ तो वह हमें दिखाई तक नहीं देगा।”

“मगर आगे बढ़ने का कोई और मार्ग हमें दिख भी तो नहीं रहा है।” सुयश ने कहा- “आगे देखिये कुछ किलोमीटर दूर मौजूद पहाड़ भी, घास से ही निर्मित नजर आ रहा है। वहां तक पहुंचने के बाद ही हमें आगे का मार्ग पता चल पा येगा। इसलिये हमें ना चाहते हुए भी इस घास के मैदान में घुसना ही पड़ेगा।”

“आपकी बात बिल्कुल सही है कैप्टेन।” तौफीक ने कहा- “वैसे भी युगाका ने हमें पोसाईडन पर्वत की ओर जाने को कहा था और पोसाइडन पर्वत तक पहुंचने के लिये, हमें इस रास्ते का प्रयोग करना ही पड़ेगा।”

आखिरकार सबको उस घास के रास्ते पर चलने के लिये मानना ही पड़ा, क्यों कि उनके पास और कोई चारा ही नहीं था।

सभी धीरे-धीरे घास के मैदान में प्रवेश कर गये।

घास बहुत ही मुलायम थी, उसका स्पर्श सभी को बहुत ही भला महसूस हो रहा था।

घास 4 फुट ऊंची होने की वजह से लगभग सभी के सीने तक पहुंच रही थी। घास के नीचे की जमीन भी नर्म और मुलायम थी।

सभी अपने हाथ में पकड़ी लकड़ी की मदद से घास को हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

सभी को घास में चलते हुए 1 घंटा बीत गया, तभी शैफाली को घास का स्पर्श अजीब सा महसूस हुआ।

“कैप्टेन अंकल मुझे घास का स्पर्श अब अच्छा महसूस नहीं हो रहा है।” शैफाली ने सुयश को देखते हुए कहा- “मतलब मैं जब इस घास के मैदान में घुसी थी तो मुझे घास का स्पर्श बहुत मुलायम और अच्छा महसूस हो रहा था, पर अब एक घंटे इस मैदान में चलने के बाद यह घास मुझे अपने शरीर पर थोड़ा रुखा अहसास दे रही है।”

शैफाली की बात सुनकर सभी अपनी जगह पर रुक गये और घास को ध्यान से देखने लगे।

“कैप्टेन! जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, घास का रंग भी बदलता जा रहा है। यह हरे रंग से सुनहरे रंग में परिवर्तित हो रही है।” अलबर्ट ने घास के मैदान को देखते हुए कहा- “शायद सूर्य की तेज धूप में यह घास पक रही है।”

यह सुन सबका ध्यान घास के रंग की ओर गया। अलबर्ट सही कह रहा था, अब घास कुछ जगहों से थोड़ी सुनहरी दिखने लगी थी।

“इसका मतलब है कि जैसे-जैसे सूर्य की रोशनी बढ़ेगी, घास सुनहरी और कठोर होती जायेगी।” सुयश ने कहा- “फिर तो हमें इस घास के मैदान को जल्द से जल्द पार करना होगा।”

सुयश के इतना कहते ही सभी और जोश से, तेज कदमों से आगे की ओर बढ़ने लगे।

धीरे-धीरे 1 घंटा और बीत गया। अब घास काफी जगह से सुनहरी दिखने लगी थी। पर अब उस घास के मैदान में चलते-चलते सभी को तेज गर्मी महसूस होने लगी थी।

सभी बार-बार पानी की बोतल निकालकर पानी को पी रहे थे।

“कैप्टेन!" जैक ने चलते हुए कहा- “इस मैदान में गर्मी बहुत तेज बढ़ती जा रही है। अगर हम ऐसे ही चलते रहे तो हमारा सारा पानी इस मैदान में ही खत्म हो जायेगा। क्या हमें इस मैदान को रात में नहीं पार करना चाहिये था?”

“बिल्कुल नहीं।” अलबर्ट ने बीच में बोलते हुए कहा- “जब दिन में यह मैदान लगातार गर्म हो रहा है, तो पूरी सम्भावना है कि रात में यह मैदान बर्फ सा ठण्डा हो जायेगा, उस स्थिति में तो इस मैदान को पार करना और भी मुश्किल हो जाता।”

“ठंड में क्या परेशानी होती कैप्टेन?” तौफीक ने कहा- “हम अपने हाथ में पकड़ी लकड़ियों को जला कर अपने शरीर की गर्मी को बनाए रख सकते थे।”

“आप भूल रहे हैं तौफीक कि अब हमारे पास एक भी लाइटर नहीं है।” सुयश ने कहा- “हमारे पास 2 ही लाइटर थे, जो असलम और ब्रैंडन के पास थे, जो कि उनके साथ ही हमारे पास से चले गये। अब तो हमें
आग जलाने के लिये भी पत्थरों का सहारा लेना पड़ेगा।”

अचानक तेज हवाएं चलने लगीं, जो दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर चल रहीं थीं।

“वाह.... हवाएं चलने लगीं।” क्रिस्टी ने खुश होते हुए कहा- “अब गर्मी कम लगेगी और हम आसानी से इस रास्ते को पार कर लेंगे।”

“एक बात और भी अच्छी है कि इन हवाओं का प्रवाह हमारे चलने के अनुकूल है।” शैफाली ने कहा- “ऐसा लग रहा है कि जैसे ये तेज हवाएं हमें धक्का देकर आगे बढ़ा रही हों।”

हवाओं से थोड़ी राहत मिलने के बाद सबके चलने की स्पीड में तेजी आ गयी। अब यह लोग घास के मैदान का आधे से ज्यादा रास्ता तय कर चुके थे।

तभी सुयश को आसमान में धुंआ फैलता हुआ दिखाई दिया। सुयश ने हैरानी से उस धुंए के स्रोत की ओर अपनी दृष्टि घुमायी। धुंए के स्रोत पर दृष्टि पड़ते ही सुयश पूरी तरह से डर गया।

वह धुंआ इनके पीछे मौजूद घास के मैदान से ही उठ रहा था। जहां पर तेज आग की लपटें दिखाई दे रहीं थीं।

“प्रोफेसर!” सुयश ने चीखकर कहा- “पीछे घास के मैदान में आग लग गयी है और वह तेजी से हमारी ओर बढ़ रही है।”

सुयश की आवाज सुन सबकी निगाहें पीछे की ओर गयी। वहां पर आग की ऊंची उठती लपटें देख सभी डर गये।

“जल्दी भागो यहां से।” जैक ने चीखकर कहा- “पीछे घास में लगी आग तेज हवा की वजह से जल्दी ही हम तक पहुंच जायेगी। हम उस आग के स्वयं तक पहुंचने से पहले इस घास के मैदान को पार करना ही पड़ेगा, नहीं तो हम सब इस आग में जलकर भस्म हो जायेंगे।”

“असंभव!” शैफाली ने कहा- “हमने लगभग ढाई घंटे में इस मैदान को आधा ही पार किया है, ऐसी स्थिति में अगर हम इस घास के मैदान को दौड़कर भी पार करने की चेष्टा करेंगे तो हमें कम से कम इस मैदान को पूरा पार करने के लिये डेढ़ घंटे का समय चाहिये होगा और आग को हम तक पहुंचने में ज्यादा से ज्यादा आधा घंटा ही लगेगा। ऐसी स्थिति में हमारा अब बच पाना बिल्कुल असंभव है।”

“तो क्या हुआ? हमें यहां पर खड़े हो कर मौत का इंतजार करने से अच्छा है कि हम दौड़कर इस मैदान को पार करने की एक कोशिश तो करें।” जैक ने कहा- “हो सकता है हम वहां पहुंचने में कामयाब हो ही
जाएं।”

“नहीं पहुंच पायेंगे।” अलबर्ट ने भी गहरी साँस भरते हुए कहा-“मुझे शैफाली की कैलकुलेशन पर पूरा भरोसा है।“

अब सभी के चेहरे पर खौफ के भाव साफ नजर आने लगे। सभी मैदान पर आगे बढ़ रही विनाशकारी आग को पास आते हुए देख रहे थे।

“नक्षत्रा !” जेनिथ ने नक्षत्रा से बात करते हुए कहा- “क्या तुम्हारे पास भी इस आग से बचने का कोई उपाय नहीं है?”

“मैं समय को कुछ क्षणों के लिये, तुम्हारे लि ये रोक सकता हूं।” नक्षत्रा ने कहा- “ऐसी स्थिति में तुम यहां से बचकर भाग सकती हो, पर उस कंडीशन में तुम्हारे साथी भी, आग की ही भांति ठहर जायेंगे।
ऐसी स्थिति में तुम किसी को उठा कर तो भाग नहीं सकती, फिर बाकी के सारे लोग मारे जायेंगे। अब अगर तुम्हें यह मंजूर है तो बताओ, मैं समय को तुम्हारे लिये रोक देता हूं और अगर मंजूर नहीं है, तो तुम्हें भी इन सभी के साथ इस मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।”

“मैं अकेले यहां से नहीं भाग सकती, मैं सबके साथ यहीं पर रहूंगी।” जेनिथ ने कहा- “अब जो होगा देखा जायेगा। हां अगर तुम जाना चाहो तो मुझे छोड़कर जा सकते हो नक्षत्रा।”

“इसी बात पर तो मैं तुम्हारा दीवाना हो गया हूं दोस्त।” नक्षत्रा ने जेनिथ से कहा- “अगर तुम अपने दोस्तों को इस मुसीबत भरे समय में छोड़ने को तैयार नहीं हो, तो मैं तुम्हें क्यों छोड़ूं? और वैसे भी मैं तुम्हें बता दूं कि यह अग्नि मेरा कुछ नहीं बिगाड़ खसकती।”

“प्रोफेसर आप क्या सोच रहे हैं?” सुयश ने अलबर्ट को सोचते देख पूछा- “आप ही बताइये कि हम ऐसी स्थिति में क्या करें? क्या हमारे पास बचने का कोई रास्ता है?”

सुयश के घबराए हुए शब्द सुन अलबर्ट मुस्कुराते हुए बोला- “दुनिया में ऐसी कोई परेशानी नहीं है, जिसका कि कोई उपाय ना हो।”

अलबर्ट के शब्द सुन सबको थोड़ी राहत हुई। उन्हें लग गया कि अवश्य ही अलबर्ट के पास इस मुसीबत से बचने का कोई ना कोई उपाय है।

“कैप्टेन क्या आप बता सकते हैं कि जंगल में लगी आग को कैसे बुझाते हैं?” अलबर्ट ने सुयश से सवाल किया।

“जंगल में लगी आग को पानी या किसी भी गैस से नहीं बुझाया जा सकता। इसलिये जंगल की वह आग जिस चीज का सहारा लेकर आगे बढ़ रही होती है, उस चीज को रास्ते से हटा दिया जाता है। यानि जंगल की आग को रोकने के लिये जिस तरफ आग बढ़ रही है, उधर के पेड़ों को कुछ दूरी तक काट दिया जाता है। अब जब आगे पेड़ ही नहीं रह जाते तो आग वहां तक आकर रुक जाती है और फिर बुझ जाती है।” सुयश ने अपने ज्ञान का परिचय देते हुए कहा।

“बिल्कुल ठीक।” अलबर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा- “तो फिर इसी प्रकार यदि हम अपने आसपास मौजूद घास को भी उखाड़कर फेंक दें, तो आग के समीप आने पर हम उस खाली जगह में अपने आपको बचा सकते हैं।”

“वाह!” जेनिथ ने अलबर्ट की तारीफ करते हुए कहा- “मान गयी आपको प्रोफेसर। क्या आइडिया निकाला है आपने?”

यह सुनते ही जैक अपने आसपास की घास को नोंचने के लिये नीचे झुका और दोनों हाथों से घास के एक बड़े टुकड़े को पकड़कर घसीटने लगा। पर पूरी ताकत लगाने के बाद भी वह एक मुठ्ठी भी घास नहीं नोंच
पाया।

“कैप्टेन!” जैक ने आश्चर्य से उस घास को देखते हुए कहा- “यह घास जमीन से उखड़ नहीं रही है।”
जैक के शब्द सुन तौफीक ने भी घास को उखाड़ने का प्रयास किया, पर वह भी घास को जमीन से उखाड़ नहीं पाया।

“प्रोफेसर!” तौफीक ने चिंतित निगाहों से अलबर्ट को देखते हुए कहा- “शायद यह घास भी मायावी है? हम लोग एक बार फिर किसी प्रकार के तिलिस्म में फंस गये हैं?”

तौफीक के शब्द सुन सभी ने घास को नोंचने की कोशिश की, पर सभी असफल रहे। कोई भी जमीन से घास का एक तिनका भी नहीं उखाड़ पाया।

“अब क्या करें प्रो फेसर?” सुयश के शब्दों में फिर बेचैनी उभरी।

अलबर्ट कुछ देर तक घास पर आगे बढ़ रही आग को देखता रहा फिर बोला- “यहां की घास सिर्फ आग से ही नष्ट हो सकती है। हमें अपने
आगे मौजूद घास को जलाना होगा।”

“क्या पागलपन है?” जैक ने चीखकर कहा- “एक आग हमारे पीछे आ रही है, हम उससे ही अभी नहीं बच पा रहे हैं और आप कह रहे हैं कि हम अपने आगे भी आग लगा दें।”

“प्रोफेसर सही कह रहे हैं।” सुयश ने खुश होते हुए कहा- “हवा की स्पीड दक्षिण से उत्तर की ओर है और काफी तेज है, ऐसे में हमारे द्वारा लगायी गयी आग से हमें कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि जब तक हमारे पीछे की आग हमारे पास पहुंचेगी, हमारे आगे लगी आग ने कुछ क्षेत्र को जला कर राख कर दिया होगा और हम उसी जले क्षेत्र में खड़े हो कर पीछे की आग से बच जायेंगे।”

सुयश के पूरा समझाने पर अब जैक को भी समझ आ गया।

“पर कैप्टेन, एक परेशानी और है?” तौफीक ने कहा- “हमारे पास अब लाईटर तो है नहीं और ना ही आसपास कोई पत्थर है, तो फिर हम इस स्थान पर आग लगा येंगे कैसे?”

यह सुनकर सभी सोच में पड़ गये। तौफीक की बातों में दम था। सभी अपने कपड़ों में कोई ऐसी चीज ढूंढने लगे जिससे घास में आग लगायी जा सके।

आखिरकार इस समस्या का समाधान भी अलबर्ट ने दिया। अलबर्ट ने एक बार आसमान में चमक रहे सूर्य को देखा और फिर अपने चेहरे पर लगाये हुए चश्में को उतार कर अपने हाथ में ले लिया।

अलबर्ट ने सबको थोड़ा पीछे आने को इशारा किया और सबके पीछे आते ही चश्में में लगे लेंस को, सूर्य की तेज रोशनी में रख दिया।

मुश्किल से 3 मिनट एक स्थान पर चश्मा रखते ही, चश्में ने सूर्य की रोशनी को केन्द्रित कर, सभी के सामने लगी घास में आग लगा दी।

उनके सामने लगी घास ने तेजी से, आगे की घास को जलाना शुरु कर दिया। अलबर्ट ने अब चश्मा पहन लिया था। अचानक हवाएं और तेज हो गयीं, पर जैसे-जैसे उनके पीछे की आग बढ़ रही थी, वैसे-वैसे उनके आगे की घास भी जलती जा रही थी।

कुछ ही देर में उनके पीछे की आग उनके बिल्कुल समीप आ गयी। यह देख सभी आगे वाले जले हुए क्षेत्र में खड़े हो गये।

पीछे की आग किसी दैत्य की तरह उनसे कुछ दूरी पर आकर रुक गयी। सभी डरी-डरी निगाहों से उस दैत्यरुपी आग को देख रहे थे।

ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आग अपने शिकार को दूर खड़े देख गुस्से से निहार रही हो।

यह देख जैक जोर-जोर से हंसकर अपनी जान बचने की खुशियां मनाने लगा।

क्रिस्टी को जाने क्यों यह सब रास नहीं आया, वह गुस्से से आगे आयी और जैक को एक जोर का धक्का मारा। क्रिस्टी के धक्के की वजह से जैक उछलकर सामने लगी आग में गिर गया।

एक पल के लिये तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। उधर जैक के शरीर में आग लग गयी, अब वह जोर-जोर से चीखता हुआ, उस आग से बचकर खाली जगह पर आने की कोशिश करने लगा।

पर वह आग पता नहीं किस प्रकार की थी, जैक अब उन लोगों के पास आ ही नहीं पा रहा था।

“ये तुमने क्या कि या क्रिस्टी?” सुयश ने हैरानी भरी नजरों से क्रिस्टी को निहारते हुए कहा।

बाकी सारे लोग भी आश्चर्य भरी नजरों से क्रिस्टी को देख रहे थे।

“वह इसी लायक था। काश मैं उसे पहले मार सकती।” क्रिस्टी ने घृणा भरी नजरों से जलते हुए जैक को देखकर कहा ।

उधर अब जैक के शरीर का भी पता नहीं चल रहा था। यह देख सब वापस क्रिस्टी की ओर पलटे।

क्रिस्टी ने सुयश को अपनी ओर देखते पाकर बोलना शुरु कर दिया-
“इसने बैंक में जिस आदमी को गोली मारी थी, वह मेरे पिता थे।”

क्रिस्टी के शब्द सुन सभी हैरान रह गये- “मैं कॉलेज से निकलकर एक सीक्रेट एजेंट बन गयी। अभी मैं ट्रेनिंग पीरियड में ही चल रही थी कि तभी मुझे मेरे पिता के मरने का समाचार मिला, मैं यह सुनकर ट्रेनिंग से वापस आ गयी। जब मैंने बैंक में मौजूद कैमरे से देखा तो मुझे ऐलेक्स, जैक और जॉनी नकाब पहने बैंक में दिखाई दिये। वहां पर एक पल के लिये ऐलेक्स का नकाब उतर गया, जिससे मैंने उसका चेहरा देख लिया था। मुझे जैक और जॉनी के बारे में उस समय कुछ नहीं पता चला, पर मुझे ऐलेक्स के सुप्रीम पर जाने का पता चल गया। मैंने भी सुप्रीम पर अपनी टिकट करा ली।

सुप्रीम पर मैं जानबूझकर ऐलेक्स के सामने ‘वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी’ नामक किताब पढ़ रही थी। मुझे पता था कि ऐलेक्स उस किताब को देखकर मेरी ओर आकर्षित होगा और फिर मैं उसे जाल में फंसा कर, उसे मारकर अपने पिता की मौत का बदला ले लेती। सबकुछ मेरे प्लान के हिसाब से ही हुआ। मेरी द्वारा जानबूझकर छोड़ी गयी किताब को, ऐलेक्स मेरे कमरे में वापस करने आया। पर अगर मैं तुरंत मान जाती तो ऐलेक्स को शक हो सकता था, इसलिये मैं उस समय जानबूझकर ऐलेक्स से थोड़ा दूर रहने लगी।

बाद में मैंने ऐलेक्स से अपने प्यार का झूठा इजहार किया और उससे इन दोनों साथियों का नाम पता करने के बारे में पूछना चाहा, पर उससे पहले ही सुप्रीम विचित्र परिस्थितियों में समुद्र में डूब गया।
मगर ऐलेक्स बच गया। शायद मैं ऐलेक्स को अब तक मार चुकी होती, पर कुछ दिन पहले ही ऐलेक्स ने स्वतः ही इन दोनों का भेद खोल दिया।

जिससे मुझे यह पता चला कि ऐलेक्स की कोई गलती नहीं थी। गलती तो इन दोनों कमीनों की थी। मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ, जिसकी वजह से मुझे सच में ऐलेक्स से प्यार हो गया। मैं अब इन दोनों को मारने के बारे में सोचने लगी। तभी जॉनी अपने कर्मों का फल अपने आप पा गया। अब मुझे लगा कि अगर मैं कुछ दिन और रुक गयी तो यह कमीना भी इस जंगल में अपने आप ही मारा जायेगा और ये मेरी आत्मा को गंवारा नहीं था।
मैं अपने पिता की मौत का बदला स्वयं अपने हाथों से लेना चाहती थी। इसीलिये मैंने अभी जानबूझकर जैक को धक्का दिया। मुझे खुशी है कैप्टेन कि मेरा बदला पूरा हुआ।”

“तुमने बिल्कुल ठीक किया क्रिस्टी।” जेनिथ ने क्रिस्टी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा- “यह जैक इतना कमीना था कि न्यूईयर की रात दूसरी गोली इसने अपने ही दोस्त जॉनी पर चलाई थी। वह जॉनी को मारकर पूरा पैसा लेना चाहता था। जो अपने दोस्त का नहीं हुआ, वह किसी का सगा नहीं हो सकता।”

“तुम्हें कैसे पता कि जॉनी ने ही न्यू ईयर की रात दूसरी गोली चलाई थी?” सुयश ने जेनिथ को देखते हुए पूछा।

“मुझे पहले से ही पता था कैप्टेन, पर मैंने पहले यह बताना जरुरी नहीं समझा।” जेनिथ ने सपाट निगाहों से तौफीक की ओर देखते हुए कहा।

तौफीक को जेनिथ की निगाहें अपने चेहरे पर चुभती हुई सी महसूस हुईं, पर उसने कुछ कहा नहीं और अपना चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया।

अब शैफाली ने भी जाकर क्रिस्टी के दूसरे हाथ को थाम लिया।

उधर आग घास को जलाकर पूरी तरह से बुझ गयी थी, पर वहां जैक की लाश का कोई अवशेष दिखाई नहीं दे रहा था।

सुयश को समझ नहीं आया कि वह क्रिस्टी से क्या बोले, उसने एक बार प्रोफेसर की ओर देखा और फिर आगे की ओर बढ़ गया। बाकी बचे 5 लोग भी सुयश के पीछे-पीछे चल दिये।


जारी रहेगा_______✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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