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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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कुछेक अपडेट से उलझे हुए गांठ को खोलने की कोशिश की है आपने ।कुछ गांठ खुल गए है और कुछ बाकी है ।
इन गांठो के खुलने के बाद यही समझ आ रहा है कि सम्राट के पैसेंजर के मौत के जिम्मेदार युफासा और सनूरा है । और यह भेद भी खुला कि युफासा और सनूरा मकोटा के प्यादे है ।
शलाका के प्रति समर्पित युफासा से ऐसी उम्मीदें नही थी ।

इधर मांत्रिक उर्फ मकोटा ने अपने स्वामी , अपने देवता को जागृत करने के लिए इंसानों के खून से होली खेल रहा है और एक नई फौज भी तैयार कर रहा है ।
शलाका मैडम स्टैचू की मुद्रा मे बुत बनी हुई है । आकृति उनके क्लोन का काम कर रही है । युगाका साहब का चरित्र पोजिटिव है या नेगेटिव समझ नही आ रहा है ।

कुल मिलाकर सुयश साहब और उनकी टीम के लिए काफी मुश्किल चुनौतिपूर्ण स्थिति दिखाई दे रहा है ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
अब आप बोल रहें है, तो मानना ही पडेगा सर,:pray:
लुफासा और सनूरा करें भी तो क्या करें? मकोटा से सीधा तो टकरा नहीं सकते :shhhh: क्यूंकि मकोटा उन दोनों की सामूहिक शक्ति से ज्यादा ताकतवर है।:declare:, मकोटा सिर्फ देवी शलाका के ना होने का फायदा उठा रहा है, :approve: ये ही समझ लीजिए कि जैगन को जिंदा करने के लिए ही इंसानो की बली ली जा रही है। रही बात सुयश एंड पार्टी की, तो तिलिस्मा तो यही ...:shhhh: क्यूंकि अगर जैगन जिंदा हो गया तो फिर मकोटा किसी के बस मे नही आने वाला:nope: आपके इस शानदार रिव्यू के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद संजू भैया।🙏🏼 आप तो बस साथ बनाए हुए रखना🙏🏼
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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#85.

द्वीप से कुछ आगे जाते ही लुफासा को हरे कीड़े, एक बूढ़ी स्त्री को लेकर उड़नतस्तरी की ओर जाते दिखाई दिये।

वह स्त्री मारिया थी। अल्बर्ट की पत्नी मारिया।

तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज ने लुफासा का ध्यान आसमान की ओर कर दिया।

लुफासा को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखाई दिया।

लुफासा की नजर अब कीडो को छोड़ आसमान की ओर थी। तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखाई दिया।

लुफासा कुछ देर तक हेलीकाप्टर को देखता रहा। तभी लुफासा को द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकलती दिखाई दी, जो समुद्र में दूर तक चली गयी।

“मुझे अराका के बारे में लगभग सब कुछ पता है, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि इस द्वीप को पानी पर चलाता कौन है? और द्वीप से जो तरंगे निकलती हैं, उसे कौन छोड़ता है?"

लुफासा मन ही मन बुदबुदाया- “हो सकता है, यह भी मान्त्रिक का कोई मायाजाल हो?"

लुफासा को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखाई दिया। लुफासा समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर क्रैश होने वाला है।

हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।

थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया। लुफासा अभी भी बाज के रूप में आसमान में था और उसकी तीखी निगाहें हेलीकाप्टर की ओर थी।

लुफासा के देखते ही देखते वह हेलीकाप्टर एक बोट में परिवर्त्तित हो गयी। अब वह बोट अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा ने अपने दाँतो को भीचा और आसमान से पानी में एक डुबकी मारी।

डुबकी मारते ही लुफासा ने अपने आप को एक विशालकाय व्हेल मछली में परिवर्त्तित कर लिया।

अब वह उस बोट के बिल्कुल पीछे था।

लुफासा ने बिना कोई आवाज किये पानी में एक जबर्दस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया और इतनी ऊंचाई से वह पूरा पानी एक लहर बनकर, बहुत तेजी से बोट पर आकर गिरा।

तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।

तभी लुफासा को कुछ हरे कीड़े व्योम की ओर बढ़ते दिखाई दिये।

लुफासा समझ गया कि अब हरे कीड़े व्योम को निपटा देंगे। इसिलये वह अब सुप्रीम की ओर बढ़ने लगा।

तभी उसे सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिया।

अचानक से उन लोगो ने पानी में गोलियां चलानी शुरू कर दी। “तड़...तड़....तड़....तड़.....तड़...।"

गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रही थी।

लुफासा की नजर गोलियों की दिशा में गयी। उसने देखा कि शार्को का एक झुंड सुप्रीम की ओर बढ़ रहा था और सुप्रीम के डेक पर खड़े कुछ लोग उन शार्को पर गोलियां चला रहे थे।

लुफासा ने तुरंत व्हेल की जगह एक विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लिया और पानी के नीचे ही नीचे ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ने लगा।

लुफासा के आसपास शार्को का झुंड बढ़ता जा रहा था। शायद कुछ शार्को को गोलियां भी लग गयी थी, क्यों कि लुफासा को पानी में बिखरा कुछ खून भी दिख रहा था।

अच्छा हुआ कि लुफासा ने इतने विशालकाय जीव का रूप लिया था, नहीं तो इन शार्को ने लुफासा को मिनटो में चट् कर जाना था।

तभी लुफासा को पानी में गिरा एक इंसान दिखाई दिया, जो कि लोथार था।

सभी शार्को अब घेरा बनाकर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा बीच में आ गया।

चूंकि लुफासा ऑक्टोपस बना पानी की गहराई में था। इसिलये सुप्रीम के लोगो को वह दिखाई नहीं दे रहा था।

पर पानी में मौजूद शार्को को वह विशालकाय ऑक्टोपस दिखाई दे गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फुट की दूरी पर ही रुक गयी।

यह देखकर सुप्रीम पर खड़े लोगो ने रस्सी के द्वारा लोथार को खींचना शुरु कर दिया।

लोथार अब तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर जाने लगा।

लुफासा ने यह देख ऑक्टोपस के 2 हाथो से लोथार के दोनों पैर पकड़ लिए जिसकी वजह से रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचनी बंद हो गई।

अचानक लोथार को पानी के नीचे किसी विशाल जीव के होने का अहसास हुआ। लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्त्तित हो गए।

‘सुप्रीम’ पर खड़े लोगो को भी यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्के अपने आप नहीं रुकी थी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लुफासा ने पूरी ताकत से लोथार को पानी के अंदर खींचा।

‘गुलुप’ की आवाज के साथ लोथार पानी में समा गया।

चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसिलए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।

अब ऑक्टोपस बना लुफासा लोथार को पकड़ अराका द्वीप की ओर चल दिया।


चैपटर-9:

ब्रूनो के पंख:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

रात में ब्रेंडन के डरावने सपने ने किसी को भी ठीक से सोने नहीं दिया। इसिलये सुबह सभी के उठने में थोड़ा देर हो गया था।

सभी ने ताजा होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा लिया था।

शैफाली चलती हुई ब्रेंडन के पास पहुंचकर बोली- “ब्रेंडन अंकल, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"

“अब बेहतर महसूस कर रहा हूं।" ब्रेंडन ने मुस्कुराते हुए कहा- “कल रात सच में मैं काफ़ी डर गया था।
मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं डरा।"

“कोई बात नहीं अंकल...वैसे भी यह जंगल इतना विचित्र है कि यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है।"

शैफाली ने कहा- “वैसे अंकल,जब आप रात में उठ गये थे, तो आपने किसी को जगाया क्यों नहीं?"

“मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।" ब्रेंडन ने शैफाली का शुक्रिया अदा करते हुए कहा- “पर मुझसे इतनी बात करने के लिये धन्यवाद। तुमसे बात करके मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।"

“क्या सब लोग तैयार हैं आगे चलने के लिये?" सुयश ने सभी को देखते हुए पूछा।

“यस कैप्टन।" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“कैप्टन ।" तौफीक ने जमीन से खड़े होते हुए कहा- “मैं आप लोगो को एक सुझाव देना चाहता हूं।"

यह सुनकर सभी तौफीक की ओर देखने लगे।

“कैप्टन, मैंने यह ध्यान दिया है कि ब्रूनो नयनतारा पेड़ के पास शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बैठ गया था। शायद उसे पता था कि वह पेड़ शैफाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचायेगा। उस समय ब्रूनो पेड़ के काफ़ी पास भी था, पर पेड़ ने उसे कुछ नहीं कहा।

ठीक वैसे ही जब आपको उस आदमखोर पेड़ ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया था, तब भी ब्रूनो उस पेड़ को काट रहा था, पर उस पेड़ ने भी ब्रूनो को कुछ नहीं कहा। तो मेरा ये कहने का मतलब है कि ब्रूनो यहां के खतरे को भली-भाँति पहचान रहा है और यहां के पेड़ भी ब्रूनो को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। तो क्यों ना हम जंगल में चलते समय ब्रूनो को सबसे आगे रक्खे। ब्रूनो जहां भी खतरा देखेगा, हमें उस दिशा में ले ही नहीं जायेगा।"

“मैं मिस्टर तौफीक की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं।" अल्बर्ट ने तौफीक की बातों का समर्थन करते हुए कहा।

बाकी सभी को भी तौफीक की बातें सही लगी। इसिलये अब चलते समय ब्रूनो को आगे कर लिया गया। अब सभी फ़िर से जंगल की ओर चल दिये।

ब्रूनो धीरे-धीरे सूंघकर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कुछ सूंघकर अपना रास्ता भी बदल देता।

इस तरह सभी लोग ब्रूनो के पीछे सतर्कता से चल रहे थे।

युगाका पेडों के पीछे छिपता हुआ, बेआवाज उनका पीछा कर रहा था।

जब भी ब्रूनो खतरा सूंघकर रास्ता बदलता युगाका के चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते। शायद वह नहीं चाहता था कि ब्रूनो सबको बचाता चले।

धीरे-धीरे छोटे पेड़ पीछे छूट गये। अब रास्ते में ऊंचे देवदार सरीखे वृक्ष दिखाई देने लगे थे।

ब्रूनो ने एक नजर उन पेडों पर मारी और उन पेडों के बीच बने पगडंडी वाले रास्ते पर चल दिया।

मौसम शांत था। आज ज़्यादा हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी मौसम में गरमी प्रतीत नहीं हो रही थी।

इन सभी का पीछा कर रहे युगाका की नजर, इस समय उन देवदार सरीखे वृक्ष की ओर थी।

अचानक युगाका के होंठ गोल हुए और उसमें से एक अजीब सी सरसराहट निकली। जो वातावरण में गूंज गयी।

चूंकि वह सरसराहट पेड़ की ध्वनि जैसी प्रतीत हो रही थी, इसिलये किसी का भी ध्यान उधर नहीं गया।

तभी देवदार के वृक्ष भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जैसी ध्वनि युगाका के मुंह से निकली थी।
अब वह वृक्ष हिलने भी लगे थे।

उन देवदार सरीखे वृक्ष पर बेर के समान छोटे फल लगे थे।

“हवा तो चल भी नहीं रही है, फ़िर यह वृक्ष अचानक कैसे हिलने लगे?" अल्बर्ट ने देवदार के वृक्ष की ओर देखते हुए कहा।

“कहीं कोई नया खतरा तो नहीं?" सुयश ने सबको सावधान करते हुए कहा।

तभी ऐमू विचलित होकर जोर-जोर से अपने पंख फड़फड़ाने लगा।

अब ब्रूनो के कान भी खड़े हो गये। वह बार-बार अपने कान उठाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा।

तभी एक देवदार के वृक्ष से एक बेर रूपी फल टूटा और ब्रूनो के सिर पर आकर गिर गया।

फल के सिर पर लगते ही ब्रूनो ‘कूं-कूं’ करता हुआ वहीँ जमीन पर गिर पड़ा। यह देख शैफाली भागकर ब्रूनो के पास पहुंच गयी।

ब्रूनो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सभी आश्चर्य से इधर-उधर देख रहे थे।



जारी रहेगा________✍️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bhoi..log padhte to he...but keh nahi pate...

This was the best written update.
Very beautiful. Wow. 👏👏👏❤️

Mene kaha tak read Kiya bhul gyi😥

Nice start

Sahi kaha... Bina padhe bol diya...

अब तब कमेंट करुंगा जब पुरा पढ़ लुंगा
Till then :nocomment:

Intresting update Raj_sharma bhai
Ek bat samj nahi aayee aakhir Yugaka ye karke karna kya chahta tha
Kya Yugaka ne sirf Branden ko darane ke leye ye sab kia
Ya
Yugaka ko kuch janna tha or lagata hai shyad Yugaka jaan chuka hai kuch to

Awesome update

Nic

Nice update....

:idk1:wo hi to bataya hai🤦

Oh toh kahani ka villan Makota :roll3: hai! Poore aarka 🏝️ dweep par raaj karne ke liye usne Jaigan 🐛 ka sahara liya.

Aakruti 🤵‍♀️ ko Shalaka 👸 banakar usne Lufasa 🦁 aur Sanura 🐈‍⬛ ko bhi behka diya.

Supreme 🛳️ ke Bermuda Triangle mei aane ke baad jo bhi musibate aayi woh kahina kahi usi ke wajah se hai.

Supreme par se sabhi laasho ke gayab hone ka raaz toh woh keede 🐛 hi thay.

Lekin Lufasa 🐀 aur Sanura 🐈‍⬛ ne Aakruti aur Makota ki baate sunn hi li. Shayad ab ab woh sahi raasta chune.

Iss Aarka / Atlantis ke chakkar mei hum Supreme par hue sab se pehle khoon ki baat toh bhool hi gaye Aur kyo Aslam ne jahaaz ko Bermuda Triangle ki taraf moda! Aur Woh Vega ki kahani bhi wahi chhut gayi.
Lekin aaj ke iss update mei kaafi sawaalo ke jawaab mil hi gaye. :cool3:





अब जहाज के साथ हुई पुरानी घटनाओं के पीछे का सच हमारे सामने आ रहा है

Gajab ka rahasya aur romanch hai aapki kahani me bhai ji :bow:
Ab tak ki sabse best story padh raha hu main, mujh lagta hai ki ye kitaab wahi ke kisi aadmi ne likhi hai🤔 shandaar update :applause::applause:

Ab dhere dhere saare rahesya khul rhe h raj sharma bhai
Bahut acha update

Bhut hi badhiya update
Ab dheere dheere sab sawalo se parda ut raha hai aur hame pata chal raha hai ki us samay supreme par kya huva tha

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
तो ये था सुप्रीम से लारेन की लाश गायब होने का रहस्य उसके पिछे भी लुफासा ही था
वैसे ये जैगन और ये वुल्फा कौन हैं
मकोटा का इनसे क्या संबंध हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और रहस्यमयी अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Mujhe to aaya tha

Nice brother lash ka gayab hone ke pichhe itna bada Raaz hai par name thoda anjaan hai isliye name ko turant yaad rakhna kathin hoga kyonki aapne sabhi characters ko ek jagah par likh kar rakha bhi nahi hai. Railing mein kapda ka tukda paya jana, Albert ka wahan hone se Albert par pahle doubt hua tha. Lauren ki lash phir Mariya ki lash bhi gayab hi hai. Mujhe laga tha makhi ke marne se *Luphasha() mar jayega par ye kya mystery hai ki wo sirf ab makhi ka roop dharan nahi kar sakta hai.

Wonderful update brother.

nice update

Nice Update..dhire dhire sab raaz khulte jaa rahe hai ki kaise motor boat dub gayi aur teeno maare gaye ..aur kaise laashe gayab ho rahi thi ..

Bahut hi umda update he Raj_sharma Bhai,

Na jaane kitne rahasay aur shadyantra bhare he is kahani me.........

Ek ko suljhane baitho to do samne aa jate he.............

Keep rocking Bro

To shak ho gaya ha Lufasa ko Akriti per jo devi shalaka bane ghoom rahi ha baharhal dekhte han ki kab tak ye khel chalta rahta ha kyonki devi Shalaka wapas jinda ho gayi ha sath me uske 7 bhai bhi lekin wo yahan kyon nahi aa rahe kya wo abhi bhi udhar fanse hue ha lagta ha wo bhi kisi tilism me kaid ha or wo tilism shayd suyesh and party hi todengi shayd jab shalaka idhar entry maregi tab dekhte han makota kya karta ha kyonki use to nahi pata shayd ki Shalaka wapas jinda ho gayi ha

Raj_sharma bhai next update kab tak aayega?

कुछेक अपडेट से उलझे हुए गांठ को खोलने की कोशिश की है आपने ।कुछ गांठ खुल गए है और कुछ बाकी है ।
इन गांठो के खुलने के बाद यही समझ आ रहा है कि सम्राट के पैसेंजर के मौत के जिम्मेदार युफासा और सनूरा है । और यह भेद भी खुला कि युफासा और सनूरा मकोटा के प्यादे है ।
शलाका के प्रति समर्पित युफासा से ऐसी उम्मीदें नही थी ।

इधर मांत्रिक उर्फ मकोटा ने अपने स्वामी , अपने देवता को जागृत करने के लिए इंसानों के खून से होली खेल रहा है और एक नई फौज भी तैयार कर रहा है ।
शलाका मैडम स्टैचू की मुद्रा मे बुत बनी हुई है । आकृति उनके क्लोन का काम कर रही है । युगाका साहब का चरित्र पोजिटिव है या नेगेटिव समझ नही आ रहा है ।

कुल मिलाकर सुयश साहब और उनकी टीम के लिए काफी मुश्किल चुनौतिपूर्ण स्थिति दिखाई दे रहा है ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।

Update Posted friends :declare:
 

parkas

Well-Known Member
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303
#85.

द्वीप से कुछ आगे जाते ही लुफासा को हरे कीड़े, एक बूढ़ी स्त्री को लेकर उड़नतस्तरी की ओर जाते दिखाई दिये।

वह स्त्री मारिया थी। अल्बर्ट की पत्नी मारिया।

तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज ने लुफासा का ध्यान आसमान की ओर कर दिया।

लुफासा को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखाई दिया।

लुफासा की नजर अब कीडो को छोड़ आसमान की ओर थी। तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखाई दिया।

लुफासा कुछ देर तक हेलीकाप्टर को देखता रहा। तभी लुफासा को द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकलती दिखाई दी, जो समुद्र में दूर तक चली गयी।

“मुझे अराका के बारे में लगभग सब कुछ पता है, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि इस द्वीप को पानी पर चलाता कौन है? और द्वीप से जो तरंगे निकलती हैं, उसे कौन छोड़ता है?"

लुफासा मन ही मन बुदबुदाया- “हो सकता है, यह भी मान्त्रिक का कोई मायाजाल हो?"

लुफासा को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखाई दिया। लुफासा समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर क्रैश होने वाला है।

हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।

थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया। लुफासा अभी भी बाज के रूप में आसमान में था और उसकी तीखी निगाहें हेलीकाप्टर की ओर थी।

लुफासा के देखते ही देखते वह हेलीकाप्टर एक बोट में परिवर्त्तित हो गयी। अब वह बोट अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा ने अपने दाँतो को भीचा और आसमान से पानी में एक डुबकी मारी।

डुबकी मारते ही लुफासा ने अपने आप को एक विशालकाय व्हेल मछली में परिवर्त्तित कर लिया।

अब वह उस बोट के बिल्कुल पीछे था।

लुफासा ने बिना कोई आवाज किये पानी में एक जबर्दस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया और इतनी ऊंचाई से वह पूरा पानी एक लहर बनकर, बहुत तेजी से बोट पर आकर गिरा।

तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।

तभी लुफासा को कुछ हरे कीड़े व्योम की ओर बढ़ते दिखाई दिये।

लुफासा समझ गया कि अब हरे कीड़े व्योम को निपटा देंगे। इसिलये वह अब सुप्रीम की ओर बढ़ने लगा।

तभी उसे सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिया।

अचानक से उन लोगो ने पानी में गोलियां चलानी शुरू कर दी। “तड़...तड़....तड़....तड़.....तड़...।"

गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रही थी।

लुफासा की नजर गोलियों की दिशा में गयी। उसने देखा कि शार्को का एक झुंड सुप्रीम की ओर बढ़ रहा था और सुप्रीम के डेक पर खड़े कुछ लोग उन शार्को पर गोलियां चला रहे थे।

लुफासा ने तुरंत व्हेल की जगह एक विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लिया और पानी के नीचे ही नीचे ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ने लगा।

लुफासा के आसपास शार्को का झुंड बढ़ता जा रहा था। शायद कुछ शार्को को गोलियां भी लग गयी थी, क्यों कि लुफासा को पानी में बिखरा कुछ खून भी दिख रहा था।

अच्छा हुआ कि लुफासा ने इतने विशालकाय जीव का रूप लिया था, नहीं तो इन शार्को ने लुफासा को मिनटो में चट् कर जाना था।

तभी लुफासा को पानी में गिरा एक इंसान दिखाई दिया, जो कि लोथार था।

सभी शार्को अब घेरा बनाकर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा बीच में आ गया।

चूंकि लुफासा ऑक्टोपस बना पानी की गहराई में था। इसिलये सुप्रीम के लोगो को वह दिखाई नहीं दे रहा था।

पर पानी में मौजूद शार्को को वह विशालकाय ऑक्टोपस दिखाई दे गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फुट की दूरी पर ही रुक गयी।

यह देखकर सुप्रीम पर खड़े लोगो ने रस्सी के द्वारा लोथार को खींचना शुरु कर दिया।

लोथार अब तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर जाने लगा।

लुफासा ने यह देख ऑक्टोपस के 2 हाथो से लोथार के दोनों पैर पकड़ लिए जिसकी वजह से रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचनी बंद हो गई।

अचानक लोथार को पानी के नीचे किसी विशाल जीव के होने का अहसास हुआ। लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्त्तित हो गए।

‘सुप्रीम’ पर खड़े लोगो को भी यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्के अपने आप नहीं रुकी थी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लुफासा ने पूरी ताकत से लोथार को पानी के अंदर खींचा।

‘गुलुप’ की आवाज के साथ लोथार पानी में समा गया।

चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसिलए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।

अब ऑक्टोपस बना लुफासा लोथार को पकड़ अराका द्वीप की ओर चल दिया।


चैपटर-9:

ब्रूनो के पंख:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

रात में ब्रेंडन के डरावने सपने ने किसी को भी ठीक से सोने नहीं दिया। इसिलये सुबह सभी के उठने में थोड़ा देर हो गया था।

सभी ने ताजा होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा लिया था।

शैफाली चलती हुई ब्रेंडन के पास पहुंचकर बोली- “ब्रेंडन अंकल, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"

“अब बेहतर महसूस कर रहा हूं।" ब्रेंडन ने मुस्कुराते हुए कहा- “कल रात सच में मैं काफ़ी डर गया था।
मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं डरा।"

“कोई बात नहीं अंकल...वैसे भी यह जंगल इतना विचित्र है कि यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है।"

शैफाली ने कहा- “वैसे अंकल,जब आप रात में उठ गये थे, तो आपने किसी को जगाया क्यों नहीं?"

“मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।" ब्रेंडन ने शैफाली का शुक्रिया अदा करते हुए कहा- “पर मुझसे इतनी बात करने के लिये धन्यवाद। तुमसे बात करके मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।"

“क्या सब लोग तैयार हैं आगे चलने के लिये?" सुयश ने सभी को देखते हुए पूछा।

“यस कैप्टन।" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“कैप्टन ।" तौफीक ने जमीन से खड़े होते हुए कहा- “मैं आप लोगो को एक सुझाव देना चाहता हूं।"

यह सुनकर सभी तौफीक की ओर देखने लगे।

“कैप्टन, मैंने यह ध्यान दिया है कि ब्रूनो नयनतारा पेड़ के पास शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बैठ गया था। शायद उसे पता था कि वह पेड़ शैफाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचायेगा। उस समय ब्रूनो पेड़ के काफ़ी पास भी था, पर पेड़ ने उसे कुछ नहीं कहा।

ठीक वैसे ही जब आपको उस आदमखोर पेड़ ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया था, तब भी ब्रूनो उस पेड़ को काट रहा था, पर उस पेड़ ने भी ब्रूनो को कुछ नहीं कहा। तो मेरा ये कहने का मतलब है कि ब्रूनो यहां के खतरे को भली-भाँति पहचान रहा है और यहां के पेड़ भी ब्रूनो को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। तो क्यों ना हम जंगल में चलते समय ब्रूनो को सबसे आगे रक्खे। ब्रूनो जहां भी खतरा देखेगा, हमें उस दिशा में ले ही नहीं जायेगा।"

“मैं मिस्टर तौफीक की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं।" अल्बर्ट ने तौफीक की बातों का समर्थन करते हुए कहा।

बाकी सभी को भी तौफीक की बातें सही लगी। इसिलये अब चलते समय ब्रूनो को आगे कर लिया गया। अब सभी फ़िर से जंगल की ओर चल दिये।

ब्रूनो धीरे-धीरे सूंघकर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कुछ सूंघकर अपना रास्ता भी बदल देता।

इस तरह सभी लोग ब्रूनो के पीछे सतर्कता से चल रहे थे।

युगाका पेडों के पीछे छिपता हुआ, बेआवाज उनका पीछा कर रहा था।

जब भी ब्रूनो खतरा सूंघकर रास्ता बदलता युगाका के चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते। शायद वह नहीं चाहता था कि ब्रूनो सबको बचाता चले।

धीरे-धीरे छोटे पेड़ पीछे छूट गये। अब रास्ते में ऊंचे देवदार सरीखे वृक्ष दिखाई देने लगे थे।

ब्रूनो ने एक नजर उन पेडों पर मारी और उन पेडों के बीच बने पगडंडी वाले रास्ते पर चल दिया।

मौसम शांत था। आज ज़्यादा हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी मौसम में गरमी प्रतीत नहीं हो रही थी।

इन सभी का पीछा कर रहे युगाका की नजर, इस समय उन देवदार सरीखे वृक्ष की ओर थी।

अचानक युगाका के होंठ गोल हुए और उसमें से एक अजीब सी सरसराहट निकली। जो वातावरण में गूंज गयी।

चूंकि वह सरसराहट पेड़ की ध्वनि जैसी प्रतीत हो रही थी, इसिलये किसी का भी ध्यान उधर नहीं गया।

तभी देवदार के वृक्ष भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जैसी ध्वनि युगाका के मुंह से निकली थी।
अब वह वृक्ष हिलने भी लगे थे।

उन देवदार सरीखे वृक्ष पर बेर के समान छोटे फल लगे थे।

“हवा तो चल भी नहीं रही है, फ़िर यह वृक्ष अचानक कैसे हिलने लगे?" अल्बर्ट ने देवदार के वृक्ष की ओर देखते हुए कहा।

“कहीं कोई नया खतरा तो नहीं?" सुयश ने सबको सावधान करते हुए कहा।

तभी ऐमू विचलित होकर जोर-जोर से अपने पंख फड़फड़ाने लगा।

अब ब्रूनो के कान भी खड़े हो गये। वह बार-बार अपने कान उठाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा।

तभी एक देवदार के वृक्ष से एक बेर रूपी फल टूटा और ब्रूनो के सिर पर आकर गिर गया।

फल के सिर पर लगते ही ब्रूनो ‘कूं-कूं’ करता हुआ वहीँ जमीन पर गिर पड़ा। यह देख शैफाली भागकर ब्रूनो के पास पहुंच गयी।

ब्रूनो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सभी आश्चर्य से इधर-उधर देख रहे थे।



जारी रहेगा________✍️
Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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259
#85.

द्वीप से कुछ आगे जाते ही लुफासा को हरे कीड़े, एक बूढ़ी स्त्री को लेकर उड़नतस्तरी की ओर जाते दिखाई दिये।

वह स्त्री मारिया थी। अल्बर्ट की पत्नी मारिया।

तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज ने लुफासा का ध्यान आसमान की ओर कर दिया।

लुफासा को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखाई दिया।

लुफासा की नजर अब कीडो को छोड़ आसमान की ओर थी। तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखाई दिया।

लुफासा कुछ देर तक हेलीकाप्टर को देखता रहा। तभी लुफासा को द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकलती दिखाई दी, जो समुद्र में दूर तक चली गयी।

“मुझे अराका के बारे में लगभग सब कुछ पता है, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि इस द्वीप को पानी पर चलाता कौन है? और द्वीप से जो तरंगे निकलती हैं, उसे कौन छोड़ता है?"

लुफासा मन ही मन बुदबुदाया- “हो सकता है, यह भी मान्त्रिक का कोई मायाजाल हो?"

लुफासा को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखाई दिया। लुफासा समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर क्रैश होने वाला है।

हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।

थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया। लुफासा अभी भी बाज के रूप में आसमान में था और उसकी तीखी निगाहें हेलीकाप्टर की ओर थी।

लुफासा के देखते ही देखते वह हेलीकाप्टर एक बोट में परिवर्त्तित हो गयी। अब वह बोट अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा ने अपने दाँतो को भीचा और आसमान से पानी में एक डुबकी मारी।

डुबकी मारते ही लुफासा ने अपने आप को एक विशालकाय व्हेल मछली में परिवर्त्तित कर लिया।

अब वह उस बोट के बिल्कुल पीछे था।

लुफासा ने बिना कोई आवाज किये पानी में एक जबर्दस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया और इतनी ऊंचाई से वह पूरा पानी एक लहर बनकर, बहुत तेजी से बोट पर आकर गिरा।

तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।

तभी लुफासा को कुछ हरे कीड़े व्योम की ओर बढ़ते दिखाई दिये।

लुफासा समझ गया कि अब हरे कीड़े व्योम को निपटा देंगे। इसिलये वह अब सुप्रीम की ओर बढ़ने लगा।

तभी उसे सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिया।

अचानक से उन लोगो ने पानी में गोलियां चलानी शुरू कर दी। “तड़...तड़....तड़....तड़.....तड़...।"

गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रही थी।

लुफासा की नजर गोलियों की दिशा में गयी। उसने देखा कि शार्को का एक झुंड सुप्रीम की ओर बढ़ रहा था और सुप्रीम के डेक पर खड़े कुछ लोग उन शार्को पर गोलियां चला रहे थे।

लुफासा ने तुरंत व्हेल की जगह एक विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लिया और पानी के नीचे ही नीचे ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ने लगा।

लुफासा के आसपास शार्को का झुंड बढ़ता जा रहा था। शायद कुछ शार्को को गोलियां भी लग गयी थी, क्यों कि लुफासा को पानी में बिखरा कुछ खून भी दिख रहा था।

अच्छा हुआ कि लुफासा ने इतने विशालकाय जीव का रूप लिया था, नहीं तो इन शार्को ने लुफासा को मिनटो में चट् कर जाना था।

तभी लुफासा को पानी में गिरा एक इंसान दिखाई दिया, जो कि लोथार था।

सभी शार्को अब घेरा बनाकर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा बीच में आ गया।

चूंकि लुफासा ऑक्टोपस बना पानी की गहराई में था। इसिलये सुप्रीम के लोगो को वह दिखाई नहीं दे रहा था।

पर पानी में मौजूद शार्को को वह विशालकाय ऑक्टोपस दिखाई दे गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फुट की दूरी पर ही रुक गयी।

यह देखकर सुप्रीम पर खड़े लोगो ने रस्सी के द्वारा लोथार को खींचना शुरु कर दिया।

लोथार अब तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर जाने लगा।

लुफासा ने यह देख ऑक्टोपस के 2 हाथो से लोथार के दोनों पैर पकड़ लिए जिसकी वजह से रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचनी बंद हो गई।

अचानक लोथार को पानी के नीचे किसी विशाल जीव के होने का अहसास हुआ। लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्त्तित हो गए।

‘सुप्रीम’ पर खड़े लोगो को भी यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्के अपने आप नहीं रुकी थी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लुफासा ने पूरी ताकत से लोथार को पानी के अंदर खींचा।

‘गुलुप’ की आवाज के साथ लोथार पानी में समा गया।

चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसिलए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।

अब ऑक्टोपस बना लुफासा लोथार को पकड़ अराका द्वीप की ओर चल दिया।


चैपटर-9:

ब्रूनो के पंख:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

रात में ब्रेंडन के डरावने सपने ने किसी को भी ठीक से सोने नहीं दिया। इसिलये सुबह सभी के उठने में थोड़ा देर हो गया था।

सभी ने ताजा होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा लिया था।

शैफाली चलती हुई ब्रेंडन के पास पहुंचकर बोली- “ब्रेंडन अंकल, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"

“अब बेहतर महसूस कर रहा हूं।" ब्रेंडन ने मुस्कुराते हुए कहा- “कल रात सच में मैं काफ़ी डर गया था।
मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं डरा।"

“कोई बात नहीं अंकल...वैसे भी यह जंगल इतना विचित्र है कि यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है।"

शैफाली ने कहा- “वैसे अंकल,जब आप रात में उठ गये थे, तो आपने किसी को जगाया क्यों नहीं?"

“मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।" ब्रेंडन ने शैफाली का शुक्रिया अदा करते हुए कहा- “पर मुझसे इतनी बात करने के लिये धन्यवाद। तुमसे बात करके मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।"

“क्या सब लोग तैयार हैं आगे चलने के लिये?" सुयश ने सभी को देखते हुए पूछा।

“यस कैप्टन।" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“कैप्टन ।" तौफीक ने जमीन से खड़े होते हुए कहा- “मैं आप लोगो को एक सुझाव देना चाहता हूं।"

यह सुनकर सभी तौफीक की ओर देखने लगे।

“कैप्टन, मैंने यह ध्यान दिया है कि ब्रूनो नयनतारा पेड़ के पास शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बैठ गया था। शायद उसे पता था कि वह पेड़ शैफाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचायेगा। उस समय ब्रूनो पेड़ के काफ़ी पास भी था, पर पेड़ ने उसे कुछ नहीं कहा।

ठीक वैसे ही जब आपको उस आदमखोर पेड़ ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया था, तब भी ब्रूनो उस पेड़ को काट रहा था, पर उस पेड़ ने भी ब्रूनो को कुछ नहीं कहा। तो मेरा ये कहने का मतलब है कि ब्रूनो यहां के खतरे को भली-भाँति पहचान रहा है और यहां के पेड़ भी ब्रूनो को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। तो क्यों ना हम जंगल में चलते समय ब्रूनो को सबसे आगे रक्खे। ब्रूनो जहां भी खतरा देखेगा, हमें उस दिशा में ले ही नहीं जायेगा।"

“मैं मिस्टर तौफीक की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं।" अल्बर्ट ने तौफीक की बातों का समर्थन करते हुए कहा।

बाकी सभी को भी तौफीक की बातें सही लगी। इसिलये अब चलते समय ब्रूनो को आगे कर लिया गया। अब सभी फ़िर से जंगल की ओर चल दिये।

ब्रूनो धीरे-धीरे सूंघकर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कुछ सूंघकर अपना रास्ता भी बदल देता।

इस तरह सभी लोग ब्रूनो के पीछे सतर्कता से चल रहे थे।

युगाका पेडों के पीछे छिपता हुआ, बेआवाज उनका पीछा कर रहा था।

जब भी ब्रूनो खतरा सूंघकर रास्ता बदलता युगाका के चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते। शायद वह नहीं चाहता था कि ब्रूनो सबको बचाता चले।

धीरे-धीरे छोटे पेड़ पीछे छूट गये। अब रास्ते में ऊंचे देवदार सरीखे वृक्ष दिखाई देने लगे थे।

ब्रूनो ने एक नजर उन पेडों पर मारी और उन पेडों के बीच बने पगडंडी वाले रास्ते पर चल दिया।

मौसम शांत था। आज ज़्यादा हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी मौसम में गरमी प्रतीत नहीं हो रही थी।

इन सभी का पीछा कर रहे युगाका की नजर, इस समय उन देवदार सरीखे वृक्ष की ओर थी।

अचानक युगाका के होंठ गोल हुए और उसमें से एक अजीब सी सरसराहट निकली। जो वातावरण में गूंज गयी।

चूंकि वह सरसराहट पेड़ की ध्वनि जैसी प्रतीत हो रही थी, इसिलये किसी का भी ध्यान उधर नहीं गया।

तभी देवदार के वृक्ष भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जैसी ध्वनि युगाका के मुंह से निकली थी।
अब वह वृक्ष हिलने भी लगे थे।

उन देवदार सरीखे वृक्ष पर बेर के समान छोटे फल लगे थे।

“हवा तो चल भी नहीं रही है, फ़िर यह वृक्ष अचानक कैसे हिलने लगे?" अल्बर्ट ने देवदार के वृक्ष की ओर देखते हुए कहा।

“कहीं कोई नया खतरा तो नहीं?" सुयश ने सबको सावधान करते हुए कहा।

तभी ऐमू विचलित होकर जोर-जोर से अपने पंख फड़फड़ाने लगा।

अब ब्रूनो के कान भी खड़े हो गये। वह बार-बार अपने कान उठाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा।

तभी एक देवदार के वृक्ष से एक बेर रूपी फल टूटा और ब्रूनो के सिर पर आकर गिर गया।

फल के सिर पर लगते ही ब्रूनो ‘कूं-कूं’ करता हुआ वहीँ जमीन पर गिर पड़ा। यह देख शैफाली भागकर ब्रूनो के पास पहुंच गयी।

ब्रूनो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सभी आश्चर्य से इधर-उधर देख रहे थे।



जारी रहेगा________✍️
ब्रूनो के पंख निकलने का इन्तज़ार कर रहे थे हम

आप ने तो 'पंख कतर दिए'
 

dhalchandarun

[Death is the most beautiful thing.]
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#85.

द्वीप से कुछ आगे जाते ही लुफासा को हरे कीड़े, एक बूढ़ी स्त्री को लेकर उड़नतस्तरी की ओर जाते दिखाई दिये।

वह स्त्री मारिया थी। अल्बर्ट की पत्नी मारिया।

तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज ने लुफासा का ध्यान आसमान की ओर कर दिया।

लुफासा को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखाई दिया।

लुफासा की नजर अब कीडो को छोड़ आसमान की ओर थी। तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखाई दिया।

लुफासा कुछ देर तक हेलीकाप्टर को देखता रहा। तभी लुफासा को द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकलती दिखाई दी, जो समुद्र में दूर तक चली गयी।

“मुझे अराका के बारे में लगभग सब कुछ पता है, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि इस द्वीप को पानी पर चलाता कौन है? और द्वीप से जो तरंगे निकलती हैं, उसे कौन छोड़ता है?"

लुफासा मन ही मन बुदबुदाया- “हो सकता है, यह भी मान्त्रिक का कोई मायाजाल हो?"

लुफासा को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखाई दिया। लुफासा समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर क्रैश होने वाला है।

हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।

थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया। लुफासा अभी भी बाज के रूप में आसमान में था और उसकी तीखी निगाहें हेलीकाप्टर की ओर थी।

लुफासा के देखते ही देखते वह हेलीकाप्टर एक बोट में परिवर्त्तित हो गयी। अब वह बोट अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा ने अपने दाँतो को भीचा और आसमान से पानी में एक डुबकी मारी।

डुबकी मारते ही लुफासा ने अपने आप को एक विशालकाय व्हेल मछली में परिवर्त्तित कर लिया।

अब वह उस बोट के बिल्कुल पीछे था।

लुफासा ने बिना कोई आवाज किये पानी में एक जबर्दस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया और इतनी ऊंचाई से वह पूरा पानी एक लहर बनकर, बहुत तेजी से बोट पर आकर गिरा।

तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।

तभी लुफासा को कुछ हरे कीड़े व्योम की ओर बढ़ते दिखाई दिये।

लुफासा समझ गया कि अब हरे कीड़े व्योम को निपटा देंगे। इसिलये वह अब सुप्रीम की ओर बढ़ने लगा।

तभी उसे सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिया।

अचानक से उन लोगो ने पानी में गोलियां चलानी शुरू कर दी। “तड़...तड़....तड़....तड़.....तड़...।"

गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रही थी।

लुफासा की नजर गोलियों की दिशा में गयी। उसने देखा कि शार्को का एक झुंड सुप्रीम की ओर बढ़ रहा था और सुप्रीम के डेक पर खड़े कुछ लोग उन शार्को पर गोलियां चला रहे थे।

लुफासा ने तुरंत व्हेल की जगह एक विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लिया और पानी के नीचे ही नीचे ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ने लगा।

लुफासा के आसपास शार्को का झुंड बढ़ता जा रहा था। शायद कुछ शार्को को गोलियां भी लग गयी थी, क्यों कि लुफासा को पानी में बिखरा कुछ खून भी दिख रहा था।

अच्छा हुआ कि लुफासा ने इतने विशालकाय जीव का रूप लिया था, नहीं तो इन शार्को ने लुफासा को मिनटो में चट् कर जाना था।

तभी लुफासा को पानी में गिरा एक इंसान दिखाई दिया, जो कि लोथार था।

सभी शार्को अब घेरा बनाकर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगी।

यह देख लुफासा बीच में आ गया।

चूंकि लुफासा ऑक्टोपस बना पानी की गहराई में था। इसिलये सुप्रीम के लोगो को वह दिखाई नहीं दे रहा था।

पर पानी में मौजूद शार्को को वह विशालकाय ऑक्टोपस दिखाई दे गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फुट की दूरी पर ही रुक गयी।

यह देखकर सुप्रीम पर खड़े लोगो ने रस्सी के द्वारा लोथार को खींचना शुरु कर दिया।

लोथार अब तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर जाने लगा।

लुफासा ने यह देख ऑक्टोपस के 2 हाथो से लोथार के दोनों पैर पकड़ लिए जिसकी वजह से रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचनी बंद हो गई।

अचानक लोथार को पानी के नीचे किसी विशाल जीव के होने का अहसास हुआ। लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्त्तित हो गए।

‘सुप्रीम’ पर खड़े लोगो को भी यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्के अपने आप नहीं रुकी थी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लुफासा ने पूरी ताकत से लोथार को पानी के अंदर खींचा।

‘गुलुप’ की आवाज के साथ लोथार पानी में समा गया।

चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसिलए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।

अब ऑक्टोपस बना लुफासा लोथार को पकड़ अराका द्वीप की ओर चल दिया।


चैपटर-9:

ब्रूनो के पंख:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)

रात में ब्रेंडन के डरावने सपने ने किसी को भी ठीक से सोने नहीं दिया। इसिलये सुबह सभी के उठने में थोड़ा देर हो गया था।

सभी ने ताजा होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा लिया था।

शैफाली चलती हुई ब्रेंडन के पास पहुंचकर बोली- “ब्रेंडन अंकल, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"

“अब बेहतर महसूस कर रहा हूं।" ब्रेंडन ने मुस्कुराते हुए कहा- “कल रात सच में मैं काफ़ी डर गया था।
मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं डरा।"

“कोई बात नहीं अंकल...वैसे भी यह जंगल इतना विचित्र है कि यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है।"

शैफाली ने कहा- “वैसे अंकल,जब आप रात में उठ गये थे, तो आपने किसी को जगाया क्यों नहीं?"

“मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।" ब्रेंडन ने शैफाली का शुक्रिया अदा करते हुए कहा- “पर मुझसे इतनी बात करने के लिये धन्यवाद। तुमसे बात करके मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।"

“क्या सब लोग तैयार हैं आगे चलने के लिये?" सुयश ने सभी को देखते हुए पूछा।

“यस कैप्टन।" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।

“कैप्टन ।" तौफीक ने जमीन से खड़े होते हुए कहा- “मैं आप लोगो को एक सुझाव देना चाहता हूं।"

यह सुनकर सभी तौफीक की ओर देखने लगे।

“कैप्टन, मैंने यह ध्यान दिया है कि ब्रूनो नयनतारा पेड़ के पास शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बैठ गया था। शायद उसे पता था कि वह पेड़ शैफाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचायेगा। उस समय ब्रूनो पेड़ के काफ़ी पास भी था, पर पेड़ ने उसे कुछ नहीं कहा।

ठीक वैसे ही जब आपको उस आदमखोर पेड़ ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया था, तब भी ब्रूनो उस पेड़ को काट रहा था, पर उस पेड़ ने भी ब्रूनो को कुछ नहीं कहा। तो मेरा ये कहने का मतलब है कि ब्रूनो यहां के खतरे को भली-भाँति पहचान रहा है और यहां के पेड़ भी ब्रूनो को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। तो क्यों ना हम जंगल में चलते समय ब्रूनो को सबसे आगे रक्खे। ब्रूनो जहां भी खतरा देखेगा, हमें उस दिशा में ले ही नहीं जायेगा।"

“मैं मिस्टर तौफीक की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं।" अल्बर्ट ने तौफीक की बातों का समर्थन करते हुए कहा।

बाकी सभी को भी तौफीक की बातें सही लगी। इसिलये अब चलते समय ब्रूनो को आगे कर लिया गया। अब सभी फ़िर से जंगल की ओर चल दिये।

ब्रूनो धीरे-धीरे सूंघकर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कुछ सूंघकर अपना रास्ता भी बदल देता।

इस तरह सभी लोग ब्रूनो के पीछे सतर्कता से चल रहे थे।

युगाका पेडों के पीछे छिपता हुआ, बेआवाज उनका पीछा कर रहा था।

जब भी ब्रूनो खतरा सूंघकर रास्ता बदलता युगाका के चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते। शायद वह नहीं चाहता था कि ब्रूनो सबको बचाता चले।

धीरे-धीरे छोटे पेड़ पीछे छूट गये। अब रास्ते में ऊंचे देवदार सरीखे वृक्ष दिखाई देने लगे थे।

ब्रूनो ने एक नजर उन पेडों पर मारी और उन पेडों के बीच बने पगडंडी वाले रास्ते पर चल दिया।

मौसम शांत था। आज ज़्यादा हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी मौसम में गरमी प्रतीत नहीं हो रही थी।

इन सभी का पीछा कर रहे युगाका की नजर, इस समय उन देवदार सरीखे वृक्ष की ओर थी।

अचानक युगाका के होंठ गोल हुए और उसमें से एक अजीब सी सरसराहट निकली। जो वातावरण में गूंज गयी।

चूंकि वह सरसराहट पेड़ की ध्वनि जैसी प्रतीत हो रही थी, इसिलये किसी का भी ध्यान उधर नहीं गया।

तभी देवदार के वृक्ष भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जैसी ध्वनि युगाका के मुंह से निकली थी।
अब वह वृक्ष हिलने भी लगे थे।

उन देवदार सरीखे वृक्ष पर बेर के समान छोटे फल लगे थे।

“हवा तो चल भी नहीं रही है, फ़िर यह वृक्ष अचानक कैसे हिलने लगे?" अल्बर्ट ने देवदार के वृक्ष की ओर देखते हुए कहा।

“कहीं कोई नया खतरा तो नहीं?" सुयश ने सबको सावधान करते हुए कहा।

तभी ऐमू विचलित होकर जोर-जोर से अपने पंख फड़फड़ाने लगा।

अब ब्रूनो के कान भी खड़े हो गये। वह बार-बार अपने कान उठाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा।

तभी एक देवदार के वृक्ष से एक बेर रूपी फल टूटा और ब्रूनो के सिर पर आकर गिर गया।

फल के सिर पर लगते ही ब्रूनो ‘कूं-कूं’ करता हुआ वहीँ जमीन पर गिर पड़ा। यह देख शैफाली भागकर ब्रूनो के पास पहुंच गयी।

ब्रूनो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सभी आश्चर्य से इधर-उधर देख रहे थे।



जारी रहेगा________✍️
Ye Yugaka itna strange kyun behave kar raha hai???
Kya Yugaka Shefali and Suyash ke group ko apne liye koi khatra feel kar raha hai ya phir wo kisi ko janta hai???
Lufasha bahut sari Lashen Makota ke liye prapt kar chuka hai, kya wo aur bhi lashe le jane wala hai yadi *yes* then kya aur kisi ki maut hone wali hai???

Wonder update brother. Keep writing.
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
29,630
68,165
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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ब्रूनो के पंख निकलने का इन्तज़ार कर रहे थे हम

आप ने तो 'पंख कतर दिए'
Pankh bhi nikaal denge sir, aap saath bane rahiye:dost:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
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68,165
304
Ye Yugaka itna strange kyun behave kar raha hai???
Kya Yugaka Shefali and Suyash ke group ko apne liye koi khatra feel kar raha hai ya phir wo kisi ko janta hai???
Lufasha bahut sari Lashen Makota ke liye prapt kar chuka hai, kya wo aur bhi lashe le jane wala hai yadi *yes* then kya aur kisi ki maut hone wali hai???

Wonder update brother. Keep writing.
LtThank you so much for your wonderful review and support bhai :thanx:
Lufasha to sabko maar bhi sakta hai, aur sach kahu to maarna nahi chahta, lekin yugaka sach me kisi ko maarna hi nahi chahta, balki wo unki pariksha le raha hai, ab usme koi mar jaye to kaha nahi ja sakta:roll:
 
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