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Thriller शतरंज की चाल

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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आज के अपडेट में कोई रिव्यू का मसाला नहीं है

Ab kya naya locha ho gaya? Kya mittal nikalne wala hai abhi? Mujhe lagta hai ki shivika ne pahchaan liya hai manish ko😊

इन कुछ दिनो मे दो बातें हुई । पहला , रजत मित्तल साहब कोमा से बाहर आए , और दूसरा हमारे शूरवीर मनीष साहब पुलिस के हत्थे चढ़ गए ।
लेकिन एक और भी खास बात हुई और वह था शिविका का कन्फेशन । शिविका का एक चिट्ठी के माध्यम से अपने प्यार का कन्फेशन ।
यह वास्तव मे सुखद खबर है लेकिन हमारे सुखद और दुखद से क्या लाभ जब तक मनीष साहब को यह सुखद न लगे । मनीष साहब के रिएक्शन से पता ही नही चल रहा है कि शिविका का लव प्रपोजल उनके किसी काम का है या नही !
बुरे वक्त मे दोस्त तो दूर परिवार भी आप का साथ छोड़ देते है । पर शिविका पहले दिन से अपने निश्चय और अपने अंकल के आदेश पर डटी हुई है ।
हीरे और कंकड़ मे अंतर करना मनीष साहब को इस आपातकाल स्थिति मे भी नही आया ।

खैर , मनीष साहब के लिए पुलिस कोई बड़ा इशू नही होना चाहिए क्यों की रजत साहब बहुत जल्द उसके साथ खड़े होते हुए दिखाई देंगे ।

रजत मित्तल साहब पर कातिलाना हमला करने वाला व्यक्ति कहीं दूर का नही बल्कि उनके अपने घर का ही है ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।

Romanchak Pratiksha agle rasprad update ki

Awesome update
Mittal sahab koma se bahar aa gye lekin shayad abhi apni statement nhi di hai
Kya unki statement manish ke paksh me hogi
Shayad shivika manish ko pahchan chuki hai aur akhir me police ne bhi pahchan liya
Kya shivika ne koi tip di police ko ya manish apne chutiyapa ki vajah se fasa Kyoki jis sayanpat se wo regular 4 din se hospital ja rha hai aur mittal sahab jaise High profile case ki investigation chal rahi ho to kya police ki najar se bach paya hoga, uski hi kisi galati ki vajah se bhi ho pahchan me aa gya ho dekhte hai kya hota hai aage

WOW ye kuch ajeeb ho raha hai yaha
Pakka nahi lekin shyad Mittal sir ke hosh me aane ke bad SP ko shyad bata dia ho Manish bekasoor hai
Ya
JAne kya bat hue ho
Lekin
Shivika jis tarh se Manish ko get up me dekh rhe thi esa lagata hai usne pehchan leya Manish ko
Lekin
Ye last me esa lagata hai ki shyad ye simple kapde me Police na hoke shyad Shivika ke bheje hue log ho ya fir shyad Samar wapas aa gaya ho or usne he ye kia ho
.
Kher ye update se lagata hai ab kuch or naya aane wala hai next update me
Very well update Riky007 bhai

Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update.....

ले करले जासूसी और, भईए जब समर ने मना करा था ना तुझको की बाहर मत निकलना तो कौनसे कीड़े काट रहे तुझे अंदर जो बाहर आ गया।
अब भुगत ।।
शिविका ने नहीं बताया होगा, शायद।
कोई डील तो नहीं हो रही श्रेय और पोलिस अधीक्षक की?
समर का काम बढ़ा दिया इसने तो।
इतने सांप तो सांप सीढ़ी मैं नहीं आते जितने मनीष के जीवन में आ रहे है।

बहुत ही रोमांचक होती जा रही है कहानी।
अदभुत रिकी भाई

Bahut hi umda update he Riky007 Bhai,

Shivika ke man me manish ke liye abhi bhi soft corner he...........

Manish ke phone ki cloning ho chuki thi un dino..............ye shayad samar bhi na padak paya tha........

Ab mittal sir ko kya ho gaya..........shayad unko hosh aa gaya he............

Keep rocking Bro

बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
मित्तल साहब के होश में आने के बाद एस पी अमरकांत को क्या बयान दिया और उसके बाद शायद शिविका या एस पी के कहने पर मनिष को उठाया गया है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
अपडेट पोस्टेड 🙏🏼
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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वैसे तो अभी तक तो समर ने ऐसा कुछ किया नहीं कि उस पर शक करूं, लेकिन वो भी तो इंदौर का ही है रहने वाला, क्या वही बिट्टू तो नहीं? लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है?"
:banghead:
फिर एक नया शक

इस मनीष को सब पर शक रहता है
इन कुछ दिनों में मैने इतने धोखे खाए हैं कि अब मुझे किसी पर विश्वास नहीं हो रहा। शिविका की चिट्ठी झूठ नहीं थी

बस अपनी छम्मकछल्लो नेहा पर कभी शक नहीं हुआ। पूरा भरोसा था जब तक उसने निशाने पर नहीं ले लिया :D
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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:banghead:
फिर एक नया शक

इस मनीष को सब पर शक रहता है


बस अपनी छम्मकछल्लो नेहा पर कभी शक नहीं हुआ। पूरा भरोसा था जब तक उसने निशाने पर नहीं ले लिया :D
दूध का जला है, कुछ तो रहम करिए इस पर अब 😂
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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बस अपनी छम्मकछल्लो नेहा पर कभी शक नहीं हुआ। पूरा भरोसा था जब तक उसने निशाने पर नहीं ले लिया :D

शक कहां से होता भैया? वो तो मोनू को अपने आधे इंच लंबे नमकपारे जो चखा रही थी 🤣
 

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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#अपडेट ३३

अब तक आपने पढ़ा -

मैने हां में गर्दन हिला कर उन दोनों के साथ नीचे की ओर चल दिया। नीचे बेसमेंट पार्किंग में एक पुलिस की कार लगी थी, और मुझे उसी में बैठ कर बाहर ले जाया गया। गेट पर करते ही मुझे शिविका गेट के बाहर खड़ी दिखी, शायद किसी का इंतजार कर रही थी....

अब आगे -

मुझे पुलिस हैडक्वाटर ले जाया गया, और एक कमरे में बैठा दिया गया। इस कमरे में एक पलंग लगा था, और कुछ कुर्सियां थी। और एक पंखा और लाइट। कोई खिड़की नहीं थी इसमें।

मुझे पलंग पर बैठने बोला गया, और वो लोग दरवाजा बाहर से बंद करके चले गए। मेरे हाथ खुले थे। कुछ समय बाद दरवाजा खुला और SP अमरकांत अंदर आए, उनके साथ वही इंस्पेक्टर था जिसने मुझे हॉस्पिटल में साथ चलने कहा था।

"और कुछ चाय पानी पिलाया की नहीं इनको, हरीश।" बैठते हुए अमरकांत ने उस इंस्पेक्टर से पूछा।

"अभी नहीं सर।"

"ठीक है दो चाय मंगवाओ।"

"और मनीष बाबू, बहुत छकाया हमे अपने। क्या किया जाय आपके साथ अब?"

"देखिए मैने कुछ नहीं किया।" मैने घबराते हुए कहा।

"वो तो हम पता ही कर लेंगे। या तो आप सीधे से बताइए या फिर हम अपना तरीके से पूछेंगे।"

तब तक चाय आ चुकी थी।

"लीजिए चाय पीजिए। और जब मन हो बताने का, बस दरवाजा खटखटा दीजिएगा। फिलहाल आप समर के दोस्त हैं, और उसकी थ्योरी के मुताबिक अपने कुछ नहीं किया। आपके कॉल रिकॉर्डिंग भी सुनी है मैने। लेकिन वो कोई सबूत नहीं है आपके पक्ष में। क्योंकि वाल्ट की सारी एक्सेस आपके पास ही थी, लुटेरे आपके इश्यू किए हुए पास से अंदर आए। मित्तल साहब के पास भी आपही पाए गए। ये सारे सबूत आपके खिलाफ है मनीष बाबू। बस दो कड़ी नहीं मिल रही, हथियार वाल्ट के अंदर कैसे पहुंचा और फॉर्महाउस से नेहा से साथ और कौन भागा था?"

"देखिए मैं सच कह रहा हूं, मैने इनमें से कुछ भी नहीं किया।"

"मैं अभी बताने कह भी नहीं रहा आपको। समर के दोस्त हैं आप, कुछ करने से पहले सब मौका आपको दूंगा मैं।"

"पर आप लोग ने मुझे पकड़ा कैसे?"

"पुलिस का क्या आप बेवकूफ समझते हैं? पिछले चार दिन से आप आईसीयू वार्ड में हैं, न किसी से बात कर रहे हैं, न किसी मरीज की खोज खबर ले रहे हैं, बस आते हैं और बैठ जाते हैं। हमें आप पर शक क्यों नहीं होता? बस हमने आपकी फोटो ली और दाढ़ी मूंछ हटा कर देख लिया आप कौन हो।"

"मतलब किसी ने बताया नहीं आपको मेरे बारे में?"

"वैसे तो ये किसी सस्पेक्ट को बताना बनता नहीं है, पर सच में किसी ने नहीं बताया कि आप हॉस्पिटल में मौजूद हैं।"

मैने एक राहत की सांस ली। अब तक चाय भी खत्म हो चुकी थी। अमरकांत अपनी कुर्सी से खड़े हो कर

"मनीष बाबू, अब चलता हूं, भूख लगी हो तो बताइए, खाना भी भिजवा दूंगा। वैसे अब भूख तो मर ही है होगी आपकी।" एक टेडी मुस्कान के साथ अमरकांत ने मुझे बोला, और बाहर निकल गया।

हरीश ने मुझसे कहा, "तीन साल से इनके साथ हूं मैं, आज पहली बार देखा है कि किसी मुजरिम के साथ ऐसे पेश आ रहे हैं। वरना आते ही टॉर्चर शुरू कर देता हैं। वैसे भी अभी आपकी गिरफ्तारी ऑफिशियल नहीं दिखाई गई है। सारा सच जल्द से जल्द बता दीजिए, वरना कब इनका दिमाग घूम जाए, कुछ पता नहीं।"


हरीश ने एक वार्निंग दी थी मुझे।

"बुला लो उनको, जो बोलना है अभी ही बोलूंगा।" मैंने कहा।

कुछ देर बाद अमरकांत वापस मेरे पास आए। इस बार एक वीडियो कैमरा भी उनके साथ था। उसको सेट करने के बाद,

"बोलिए मनीष जी, क्या कहना है आपका?"

मैने भी शुरू से लेकर अभी अपने पकड़े जाने तक की सारी बात बता दी। सब सुनने के बाद।

"देखिए मनीष जी, आपने जो कहा वो सब हम लोग को पता ही है। समर ने भी यही थ्योरी बनाई थी। और कुछ ऐसा जो नया हो?"

"नहीं, मैने सब सच बता दिया आपको।"

"अगर जो आपके इस बयान को सच मानू तो आप लूट में शामिल नहीं थे। लेकिन मित्तल सर पर जो हमला किया उसका क्या?"

"क्या उन्होंने अपना बयान नहीं दिया?"

"हां दिया न, उनका कहना है कि उन्होंने गोली मारने वाले को नहीं देखा। पहले पीठ में गोली लगी उनको, और फिर वो बेहोश हो गए तो उन्हें नहीं पता किसने मारी गोली उनको। लेकिन आपको रिवॉल्वर के साथ प्रिया और मिसेज मित्तल ने देखा। फिर? और आपके अलावा कोई और बाहर का आदमी नहीं गया मेंशन में। इस मामले में तो बहुत सबूत हैं आपके खिलाफ।"

ये सुन कर मुझे एक और झटका लगा।

"और कुछ बताना रह गया हो तो बता दो मनीष बाबू।" अमरकांत ने फिर कहा मुझसे।

"बस समर को आ जाने दीजिए, वो बहुत सारी इनफॉर्मेशन ले कर आएगा।"

"समर तो अपने घर गया है, वो कौन सी इनफॉर्मेशन ले आएगा?"

" वो नेहा के अतीत को खंगालने गया है, और हम दोनो के यकीन है कि उससे ही सब सुलझ जाएगा।"

मेरी ये बात सुनते ही अमरकांत ने अपना फोन निकला और कहीं फोन लगाया। कुछ देर बाद, "समर का फोन स्विच ऑफ बता रहा है मनीष जी। खैर कल तक की छुट्टी है उसकी, हम कल तक देखते हैं, फिर उसके बाद न मैं आपकी गिरफ्तारी छुपा सकता हूं, और न आपको बचा सकता हूं।"

ये बोल कर वो कमरे से बाहर निकल गए। और थोड़ी देर बाद खाना भी आ गया मेरे लिए।

खाना खा कर मैं सोच में डूब गया।

"इन कुछ दिनों में मैने इतने धोखे खाए हैं कि अब मुझे किसी पर विश्वास नहीं हो रहा। शिविका की चिट्ठी झूठ नहीं थी लेकिन, वो मुझसे सच में प्यार करती है। और शायद इसीलिए नेहा और मेरे संबंध के जानने के बाद वो मुझसे कटी कटी रहने लगी। वैसे तो वो मुझे अच्छी लगती थी, मगर मैं ही खुद को मित्तल सर की फैमिली से दूर रखता आया था, क्या इसी कारण शिविका के इशारे मुझे समझ नहीं आ रहे थे? दूसरी तरफ समर, क्या कहूं उसको मैं दोस्त या तारणहार, लेकिन अब उसका फोन क्यों स्विचऑफ है? वैसे तो अभी तक तो समर ने ऐसा कुछ किया नहीं कि उस पर शक करूं, लेकिन वो भी तो इंदौर का ही है रहने वाला, क्या वही बिट्टू तो नहीं? लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है?"

यही सब सोचते सोचते मेरी आंख लग गई। सुबह एक हवलदार ने मुझे उठाया और अपने साथ ले कर चला गया बाथरूम वगैरा के लिए। मैं फ्रेश हो कर वापस उसी कमरे में आ गया। आज का दिन भी ऐसे ही निकल गया। शाम को अमरकांत मेरे पास आया, और मुझे कुछ घंटों की मोहलत और दे दी। देर रात तक तो समर नहीं ही आया था।

अगले दिन सुबह मुझे उठाने हरीश आया।

"मनीष जी अब चलिए, अब हम आपकी और सहायता नहीं कर सकते, क्योंकि मीडिया को आपके यहां पर होने की खबर लग गई है, और अब आपकी गिरफ्तारी हम छुपा नहीं सकते।"

"क्या समर से कोई कॉन्टेक्ट हुआ, या वो आया?" मैने उससे पूछा।

"नहीं।"

ये बोल कर वो मुझे अपने साथ ले कर ऑफिस में गया और कुछ जगह मेरे सिग्नेचर करवा कर इंटेरोगेशन रूम में ले गया, जहां दो और लोग मौजूद थे। ये दोनों बहुत हट्टे कट्टे आदमी थे, और दोनों बिना शर्ट के थे, देख कर ही डर लग रहा था उनको।

वहां जाते ही मुझे दोनों हाथ बांध कर लटका दिया गया और वो लोग मुझसे बोले, "मनीष जी सच सच बता दीजिए, हम फिर से आपसे कह रहे हैं, वरना हमको आपको मजबूरन टॉर्चर करना पड़ेगा।"

"मैने सब सच ही बताया है sp साहब को।"


मेरे ये बोलते ही वो दोनों और हरीश मेरे ऊपर डंडे बरसाने लगे, कुछ देर तो मैं सहता रहा, पर जब बर्दाश्त के बाहर हो गया तो मैं बेहोश हो गया.....

थर्ड डिग्री लग गई भाई।
अब तो वो मित्तल साहब तो क्या, केनेडी के खून का भी जुर्म भी कबूल कर लेगा 🤣🤣
 

Rekha rani

Well-Known Member
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Awesome update
Jaisa anuman tha apne chutiyapa ke vajah se hi pakda gya manish, kisi ne khabar nhi di
Abhi samar ki vajah se kuchh narmi barati ja rahi hai aur ye lodu use hi bittu hone ka soch rha hai,
Mittal sahab ne bayan me saf nhi kaha kuchh bhi isse saf lag rha hai ki wo apne kisi niji ko bachane ke liye manish ki bali de rahe hai,
Dekhna ab ye hai Third degree se manish pahle tutta hai ya samar ki vapishi pahle hoti hai
 

Sunli

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#अपडेट ३३

अब तक आपने पढ़ा -

मैने हां में गर्दन हिला कर उन दोनों के साथ नीचे की ओर चल दिया। नीचे बेसमेंट पार्किंग में एक पुलिस की कार लगी थी, और मुझे उसी में बैठ कर बाहर ले जाया गया। गेट पर करते ही मुझे शिविका गेट के बाहर खड़ी दिखी, शायद किसी का इंतजार कर रही थी....

अब आगे -

मुझे पुलिस हैडक्वाटर ले जाया गया, और एक कमरे में बैठा दिया गया। इस कमरे में एक पलंग लगा था, और कुछ कुर्सियां थी। और एक पंखा और लाइट। कोई खिड़की नहीं थी इसमें।

मुझे पलंग पर बैठने बोला गया, और वो लोग दरवाजा बाहर से बंद करके चले गए। मेरे हाथ खुले थे। कुछ समय बाद दरवाजा खुला और SP अमरकांत अंदर आए, उनके साथ वही इंस्पेक्टर था जिसने मुझे हॉस्पिटल में साथ चलने कहा था।

"और कुछ चाय पानी पिलाया की नहीं इनको, हरीश।" बैठते हुए अमरकांत ने उस इंस्पेक्टर से पूछा।

"अभी नहीं सर।"

"ठीक है दो चाय मंगवाओ।"

"और मनीष बाबू, बहुत छकाया हमे अपने। क्या किया जाय आपके साथ अब?"

"देखिए मैने कुछ नहीं किया।" मैने घबराते हुए कहा।

"वो तो हम पता ही कर लेंगे। या तो आप सीधे से बताइए या फिर हम अपना तरीके से पूछेंगे।"

तब तक चाय आ चुकी थी।

"लीजिए चाय पीजिए। और जब मन हो बताने का, बस दरवाजा खटखटा दीजिएगा। फिलहाल आप समर के दोस्त हैं, और उसकी थ्योरी के मुताबिक अपने कुछ नहीं किया। आपके कॉल रिकॉर्डिंग भी सुनी है मैने। लेकिन वो कोई सबूत नहीं है आपके पक्ष में। क्योंकि वाल्ट की सारी एक्सेस आपके पास ही थी, लुटेरे आपके इश्यू किए हुए पास से अंदर आए। मित्तल साहब के पास भी आपही पाए गए। ये सारे सबूत आपके खिलाफ है मनीष बाबू। बस दो कड़ी नहीं मिल रही, हथियार वाल्ट के अंदर कैसे पहुंचा और फॉर्महाउस से नेहा से साथ और कौन भागा था?"

"देखिए मैं सच कह रहा हूं, मैने इनमें से कुछ भी नहीं किया।"

"मैं अभी बताने कह भी नहीं रहा आपको। समर के दोस्त हैं आप, कुछ करने से पहले सब मौका आपको दूंगा मैं।"

"पर आप लोग ने मुझे पकड़ा कैसे?"

"पुलिस का क्या आप बेवकूफ समझते हैं? पिछले चार दिन से आप आईसीयू वार्ड में हैं, न किसी से बात कर रहे हैं, न किसी मरीज की खोज खबर ले रहे हैं, बस आते हैं और बैठ जाते हैं। हमें आप पर शक क्यों नहीं होता? बस हमने आपकी फोटो ली और दाढ़ी मूंछ हटा कर देख लिया आप कौन हो।"

"मतलब किसी ने बताया नहीं आपको मेरे बारे में?"

"वैसे तो ये किसी सस्पेक्ट को बताना बनता नहीं है, पर सच में किसी ने नहीं बताया कि आप हॉस्पिटल में मौजूद हैं।"

मैने एक राहत की सांस ली। अब तक चाय भी खत्म हो चुकी थी। अमरकांत अपनी कुर्सी से खड़े हो कर

"मनीष बाबू, अब चलता हूं, भूख लगी हो तो बताइए, खाना भी भिजवा दूंगा। वैसे अब भूख तो मर ही है होगी आपकी।" एक टेडी मुस्कान के साथ अमरकांत ने मुझे बोला, और बाहर निकल गया।

हरीश ने मुझसे कहा, "तीन साल से इनके साथ हूं मैं, आज पहली बार देखा है कि किसी मुजरिम के साथ ऐसे पेश आ रहे हैं। वरना आते ही टॉर्चर शुरू कर देता हैं। वैसे भी अभी आपकी गिरफ्तारी ऑफिशियल नहीं दिखाई गई है। सारा सच जल्द से जल्द बता दीजिए, वरना कब इनका दिमाग घूम जाए, कुछ पता नहीं।"


हरीश ने एक वार्निंग दी थी मुझे।

"बुला लो उनको, जो बोलना है अभी ही बोलूंगा।" मैंने कहा।

कुछ देर बाद अमरकांत वापस मेरे पास आए। इस बार एक वीडियो कैमरा भी उनके साथ था। उसको सेट करने के बाद,

"बोलिए मनीष जी, क्या कहना है आपका?"

मैने भी शुरू से लेकर अभी अपने पकड़े जाने तक की सारी बात बता दी। सब सुनने के बाद।

"देखिए मनीष जी, आपने जो कहा वो सब हम लोग को पता ही है। समर ने भी यही थ्योरी बनाई थी। और कुछ ऐसा जो नया हो?"

"नहीं, मैने सब सच बता दिया आपको।"

"अगर जो आपके इस बयान को सच मानू तो आप लूट में शामिल नहीं थे। लेकिन मित्तल सर पर जो हमला किया उसका क्या?"

"क्या उन्होंने अपना बयान नहीं दिया?"

"हां दिया न, उनका कहना है कि उन्होंने गोली मारने वाले को नहीं देखा। पहले पीठ में गोली लगी उनको, और फिर वो बेहोश हो गए तो उन्हें नहीं पता किसने मारी गोली उनको। लेकिन आपको रिवॉल्वर के साथ प्रिया और मिसेज मित्तल ने देखा। फिर? और आपके अलावा कोई और बाहर का आदमी नहीं गया मेंशन में। इस मामले में तो बहुत सबूत हैं आपके खिलाफ।"

ये सुन कर मुझे एक और झटका लगा।

"और कुछ बताना रह गया हो तो बता दो मनीष बाबू।" अमरकांत ने फिर कहा मुझसे।

"बस समर को आ जाने दीजिए, वो बहुत सारी इनफॉर्मेशन ले कर आएगा।"

"समर तो अपने घर गया है, वो कौन सी इनफॉर्मेशन ले आएगा?"

" वो नेहा के अतीत को खंगालने गया है, और हम दोनो के यकीन है कि उससे ही सब सुलझ जाएगा।"

मेरी ये बात सुनते ही अमरकांत ने अपना फोन निकला और कहीं फोन लगाया। कुछ देर बाद, "समर का फोन स्विच ऑफ बता रहा है मनीष जी। खैर कल तक की छुट्टी है उसकी, हम कल तक देखते हैं, फिर उसके बाद न मैं आपकी गिरफ्तारी छुपा सकता हूं, और न आपको बचा सकता हूं।"

ये बोल कर वो कमरे से बाहर निकल गए। और थोड़ी देर बाद खाना भी आ गया मेरे लिए।

खाना खा कर मैं सोच में डूब गया।

"इन कुछ दिनों में मैने इतने धोखे खाए हैं कि अब मुझे किसी पर विश्वास नहीं हो रहा। शिविका की चिट्ठी झूठ नहीं थी लेकिन, वो मुझसे सच में प्यार करती है। और शायद इसीलिए नेहा और मेरे संबंध के जानने के बाद वो मुझसे कटी कटी रहने लगी। वैसे तो वो मुझे अच्छी लगती थी, मगर मैं ही खुद को मित्तल सर की फैमिली से दूर रखता आया था, क्या इसी कारण शिविका के इशारे मुझे समझ नहीं आ रहे थे? दूसरी तरफ समर, क्या कहूं उसको मैं दोस्त या तारणहार, लेकिन अब उसका फोन क्यों स्विचऑफ है? वैसे तो अभी तक तो समर ने ऐसा कुछ किया नहीं कि उस पर शक करूं, लेकिन वो भी तो इंदौर का ही है रहने वाला, क्या वही बिट्टू तो नहीं? लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है?"

यही सब सोचते सोचते मेरी आंख लग गई। सुबह एक हवलदार ने मुझे उठाया और अपने साथ ले कर चला गया बाथरूम वगैरा के लिए। मैं फ्रेश हो कर वापस उसी कमरे में आ गया। आज का दिन भी ऐसे ही निकल गया। शाम को अमरकांत मेरे पास आया, और मुझे कुछ घंटों की मोहलत और दे दी। देर रात तक तो समर नहीं ही आया था।

अगले दिन सुबह मुझे उठाने हरीश आया।

"मनीष जी अब चलिए, अब हम आपकी और सहायता नहीं कर सकते, क्योंकि मीडिया को आपके यहां पर होने की खबर लग गई है, और अब आपकी गिरफ्तारी हम छुपा नहीं सकते।"

"क्या समर से कोई कॉन्टेक्ट हुआ, या वो आया?" मैने उससे पूछा।

"नहीं।"

ये बोल कर वो मुझे अपने साथ ले कर ऑफिस में गया और कुछ जगह मेरे सिग्नेचर करवा कर इंटेरोगेशन रूम में ले गया, जहां दो और लोग मौजूद थे। ये दोनों बहुत हट्टे कट्टे आदमी थे, और दोनों बिना शर्ट के थे, देख कर ही डर लग रहा था उनको।

वहां जाते ही मुझे दोनों हाथ बांध कर लटका दिया गया और वो लोग मुझसे बोले, "मनीष जी सच सच बता दीजिए, हम फिर से आपसे कह रहे हैं, वरना हमको आपको मजबूरन टॉर्चर करना पड़ेगा।"

"मैने सब सच ही बताया है sp साहब को।"

मेरे ये बोलते ही वो दोनों और हरीश मेरे ऊपर डंडे बरसाने लगे, कुछ देर तो मैं सहता रहा, पर जब बर्दाश्त के बाहर हो गया तो मैं बेहोश हो गया.....
धमाकेदार अपडेट भाई
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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शक कहां से होता भैया? वो तो मोनू को अपने आधे इंच लंबे नमकपारे जो चखा रही थी 🤣
😂😂
थर्ड डिग्री लग गई भाई।
अब तो वो मित्तल साहब तो क्या, केनेडी के खून का भी जुर्म भी कबूल कर लेगा 🤣🤣
लगता तो नहीं मुझे 😌
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
20,589
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Awesome update
Jaisa anuman tha apne chutiyapa ke vajah se hi pakda gya manish, kisi ne khabar nhi di
Abhi samar ki vajah se kuchh narmi barati ja rahi hai aur ye lodu use hi bittu hone ka soch rha hai,
Mittal sahab ne bayan me saf nhi kaha kuchh bhi isse saf lag rha hai ki wo apne kisi niji ko bachane ke liye manish ki bali de rahe hai,

हो सकता है ये, या सच में उन्होंने कुछ नहीं देखा हो।
Dekhna ab ye hai Third degree se manish pahle tutta hai ya samar ki vapishi pahle hoti hai
बस अगले अपडेट में
 

Riky007

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