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Ch 50 - अधिपति युग अरोड़ा
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Amazing updateCh 50 - अधिपति युग अरोड़ा
राजीव ने उस सौदे को ध्यान से देखा और फिर अपने आप से कहा "मैंने कभी नहीं सोचा था एक साधारण परिवार का लड़का सात राजसी परिवार में से एक परिवार के साथ सौदा करने में कामयाब हो जाएगा। अब कौशिक परिवार खुद वर्मा परिवार की रक्षा करेगा और मुझे नहीं लगता कोई छोटा-मोटा परिवार वर्मा परिवार की तरफ आंख उठाकर भी देखेगा।"
इतना सोचने के बाद राजीव ने रूद्र को ध्यान से देखा और फिर अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाने के बाद कहा "रुद्र ये बड़े अफसोस की बात है तुम्हारी काबिलियत इस जगह पर खराब हो रही है तुम्हें हमारे राज परिवार का सदस्य बन जाना चाहिए।"
राजीव की बात सुनकर सभी की आंखें चौड़ी हो गई और सभी लोग अपना मुंह खोलकर रूद्र को देखने लगे आखिरकार राजीव खुद रूद्र को अपने परिवार का सदस्य बनाने के लिए तैयार था और राज परिवार का सदस्य बनने का मतलब था रुद्र की हैसियत राजसी परिवार के बराबर आ जाएगी।
राजीव को भी अपनी बातों पर परी तरह आत्मविश्वास था राजीव ने यह बात बहुत सोच समझकर कही थी आखिरकार जिस लड़के को राजसी परिवार भी अपने परिवार का सदस्य बनाने के लिए तैयार है वह लड़का कोई साधारण लड़का नहीं होगा।
राजीव की बात सुनकर रूद्र बिल्कुल शांत था उसके चेहरे पर किसी भी तरह के भाव नहीं थे जिस वजह से राजीव को भी पता लगाने में दिक्कत हो रही थी कि आखिरकार रुद्र के मन में क्या चल रहा है कुछ पल सोचने के बाद रूद्र ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाने के बाद कहा "राजकुमार मुझे माफ करना पर आप मेरे बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रहे हैं मेरे अंदर इतनी ज्यादा काबिलियत नहीं है कि मैं आपके परिवार का सदस्य बन जाऊं।"
रुद्र की बात सुनकर राजीव मायूस हो गया और उसने रुद्र की तरफ देखते हुए अपना सर हिलाया रुद्र के अंदर इतनी काबिलियत थी कि वह राज परिवार का सदस्य बन जाए पर रूद्र ने अपनी बातें घूमाकर राजीव को मना कर दिया जिससे राजीव को भी बुरा ना लगे और उसका काम भी हो जाए।
अब इस बात में कोई शक नहीं था की तीनों परिवार का मुखिया कौन बनने वाला है और राजीव ने भी इस बात को पक्का करते हुए कहा "चलो अब तय हो गया की तीनों परिवार का मुखिया कौन बनेगा आज से गुप्ता परिवार और कुमार परिवार, वर्मा परिवार के संरक्षण में काम करेगी।"
राजीव की बात समाप्त होने के बाद विवेक ने आपत्ति जताते हुए कहा "पर आप कैसे.?"
इससे पहले विवेक आगे कुछ कह पाता तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा और विवेक ने तुरंत अपने पीछे देखा उसके कंधे पर हाथ रखने वाला और कोई नहीं बल्कि उसका पिता था। विवेक बोला "पिताजी आप मुझे क्यों रोक रहे हैं?"
जिस पर जंगशेर बोला "अब तय हो चुका है तीनों परिवार का मुखिया कौन बनेगा हमें पीछे हट जाना चाहिए।"
विवेक अपने पिता की बात मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था उसके हिसाब से वर्मा परिवार बहुत ज्यादा कमजोर है जिसके अंदर कुल चार सदस्य हैं भला एक चार सदस्यों वाला परिवार गुप्ता परिवार और कुमार परिवार का मुखिया कैसे बन सकता है उन दोनों परिवार के अंदर 500 से भी ज्यादा मार्शल आर्टिस्ट है और वही उनके परिवार के अंदर कुल 4 मार्शल आर्टिस्ट ।
जैसे ही विवेक वापस मुड़कर राजीव को देखता है उसके कदम अपने आप पीछे हट गए, क्योंकि राजीव गुस्से में उसे घूर कर देख रहा था जिसके आगे विवेक कुछ नहीं बोल पाया विवेक को चुप कराने के बाद राजीव ने जसवीर को घूर कर देखा जिस पर जसवीर ने शांति से कहा "राजकुमार आपको चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है मैं पूरी तरह से वर्मा परिवार की मदद करूंगा क्योंकि मेरी वजह से ही कनिका के पिता मारे गए थे।"
जसवीर की बात सुनकर राजीव ने अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए कहा "जबकि दोनों परिवार वर्मा परिवार को मुखिया बनाने के लिए तैयार हो गए है आज से तीनों परिवार एक है। और अब आप सभी यहां से जा सकते हैं।"
राजीव की बात सुनकर सभी लोग उस जगह से जाने लगते हैं हालांकि ये बात अलग थी कुमार परिवार अभी तक वर्मा परिवार को अपना मुखिया मानने के लिए तैयार नहीं था पर वह राजकुमार के सामने कुछ भी नहीं बोल सकता था इसलिए वह गुस्से में दांत पीसने के अलावा कुछ नहीं कर पाया।
रुद्र भी सभी के साथ उस जगह से जा रहा था पर तभी राजीव ने रूद्र को रोकते हुए कहा "रुद्र तुम यहीं पर रुको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।"
इतना कहने के बाद राजीव रूद्र को बगीचे के अंदर ले गया जहां रूद्र ने राजीव से पूछा "राजकुमार क्या आप मुझे कुछ कहना चाहते हैं?"
रुद्र की बात सुनकर राजीव रुक गया और उसने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए कहा "अब जैसा-जैसा में कहने वाला हूं तुम्हें बिल्कुल मेरे शब्दों को दोहराना है।"
इतना कहने के बाद राजीव ने अपना एक हाथ आगे बढाते हुए चिल्ला कर कहा "मैं राजीव राज परिवार का तीसरा राजकुमार आज से सूर्य देव के समक्ष रूद्र को अपना भाई मानता हूं।"
इतना कहने के बाद राजीव ने मुस्कुराहते हुए रुद्र से कहा "अब तुम्हारी बारी।"
रुद्र उलझन में था और उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वह इतना समझ गया था कि राजीव उसे अपना भाई बनाना चाहता है रुद्र के पास भी कोई चारा नहीं था इसलिए उसने अपना हाथ आगे बढाते हुए कहा "मैं रुद्र वर्मा परिवार का सलाहकार सूर्य देव के समक्ष राजीव को अपना भाई मानता हूं।"
रुद्र की बात सुनकर राजीव ने गहरी सांस ली जैसे की उसके ऊपर से बहुत भारी बोझ हलका हो गया हो रूद्र ने पूछा "राजीव मुझे समझ में नहीं आया तुमने ऐसा क्यों किया?"
रूद्र ने राजीव का नाम लेने में बिल्कुल भी संकोच नहीं किया आखिरकार जब राजीव, रूद्र को अपना भाई बना रहा था वह कम से कम उसे उसके नाम से तो बुला सकता था।
राजीव को भी रुद्र के मुंह से अपना नाम सुनकर कोई दिक्कत नहीं हुई राजीव बोला "मैं अभी तक हम दोनों की शर्त नहीं भुला हूं कल मैं तुमसे हार गया था और हारने वाले को जानवी का पीछा छोड़ना होगा जबकि अब तुम मेरे सौतेले भाई बन चुके हो अब मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि मैं इतना भी गिरा हुआ नहीं हूं जो भाई की पत्नी पर नजर डालु।"
राजीव की बात सुनकर रूद्र स्तब्ध रह गया और उसने तुरंत कहा "क्या तुमने यह सब उस शर्त की वजह से किया है वैसे मैं तुमको बता दूं मिस जानवी मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती और ना ही मुझे मिस जानवी पसंद है वो तो मिस जानवी ने तुमसे पीछा छुड़ाने के लिए मेरा सहारा लिया था।"
"इसका मतलब मेरे पास अभी भी एक मौका है मैं जानवी का पीछा कर सकता हूं।" राजीव के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट आ गई और वह खुशी के मारे उछलने लगा।
रुद्र बोला "हां तुम बिल्कुल मिस जानवी का पीछा कर सकते हो और उन्हें तुम्हारे साथ नाटक करने के लिए परेशान भी।"
"हा हा हा हा. तुम सच में मेरे भाई हो तुमने आज मेरी बहुत ज्यादा मदद की है।"
राजीव की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था वह कल से बेवजह परेशान हो रहा था तभी रूद्र बोला "वैसे राजीव ये 1200 साल पुरानी योजना क्या है क्या तुम्हें इसके बारे में कुछ और पता है?"
रुद्र को शक हो गया था कि इस योजना के पीछे सात राजसी परिवार को संतुलन में लाना नहीं बल्कि कुछ और भी है जो शायद राजीव रुद्र से छुपा रहा था।
पर रुद्र की बात सुनकर राजीव ने अपना मासूम चेहरा बनाते हुए कहा "मुझे भी इस बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता है पिताजी ने मुझे जो कुछ भी बताया था वो मैंने तुमको बता दिया।"
रुद्र की भौहे चढ़ गई और उसने राजीव को घूर कर देखा रुद्र किसी के भी भाव देखकर यह पता लगाने में सक्षम था कि सामने वाला बंदा झूठ बोल रहा है या फिर नहीं।
पर राजीव का मासूम चेहरा देखकर रूद्र को कुछ भी पता नहीं चला रूद्र ने अपने आप से कहा "या तो ये सब सच बोल रहा है या फिर इसका नाटक इतना ज्यादा अच्छा है मैं भी कुछ पता नहीं लगा पा रहा हूं।"
"पर मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है तुम्हारे राज परिवार की इस गुप्त योजना को मेहरा परिवार ने कैसे पता लगाया।" रूद्र गंभीर होकर बोला
जिस पर राजीव ने कहा 'राज परिवार बहुत ज्यादा बड़ा है इसके अंदर बहुत ज्यादा सदस्य हैं शायद उन्ही में से किसी ने इस खबर को मेहरा परिवार तक पहुंचाया है।"
राजीव की बात सुनकर रूद्र ने अपना सर हिलाया और कहा "ये तुम्हारे परिवार का मामला है मैं इसके अंदर नहीं आना चाहता।"
इतने कहने के बाद रूद्र ने राजीव के साथ अलविदा लेते हुए कहा "राजीव में फिलहाल यहां से चलता हूं जल्द मिलेंगे।"
इतना कहने के बाद रुद्र पीछे मुंडा और उस जगह से जाने लगा राजीव की आंखों से रूद्र जैसे ही ओझल हुआ तभी उसके कानों में किसी की आवाज आई "ये लड़का सच में बहुत ज्यादा तेज और चालाक है।"
राजीव के पीछे और कोई नहीं बल्कि मास्टर जगत खड़े थे जिन्होने राजीव और रुद्र की सारी बातें सुनी थी मास्टर जगत बोले "मैं जितना उस बच्चों को जानता जा रहा हूं वह बच्चा मुझे किसी की याद दिलाता है।"
मास्टर जगत की बात सुनकर राजीव बोला "मास्टर आप किसके बारे में बात कर रहे हैं?"
राजीव की बात सुनकर मास्टर जगत की आंखों में चमक आ गई और उन्होंने कहा "चारों उत्तम श्रेष्ठ के मुखिया अधिपति युग अरोड़ा।"
मास्टर जगत की बात सुनकर राजीव स्तब्ध रह गया उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था इसलिए उसने पुष्टि करते हुए कहा "क्या आप अधिपति की बात कर रहे हैं?"
राजीव की बात सुनकर मास्टर जगत ने अपना सर हिलाया "उस बच्चों को अपना सौतेला भाई बनाना तुम्हारे जीवन का सबसे अच्छा फैसला था मुझे पूरा विश्वास है आगे चलकर ये चार उत्तम श्रेष्ठ में से एक बन जाएगा और उस वक्त ये तुम्हें सिंहासन दिलाने में मदद करेगा।"
मास्टर जगत की बात सुनकर राजीव उस जगह पर देखने लगा जिस जगह से रूद्र गया था हालांकि अब तक रूद्र उनकी नजर से ओझल हो गया था पर उसकी आंखों में रुद्र के लिए चमक थी।
अब आगे क्या होगा, क्या रुद्र मास्टर जगत की उम्मीद पर खरा उतरेगा? और कौन था अधिपति युग अरोड़ा जो की चार उत्तम श्रेष्ठ का मुखिया था? जानने के लिए पढ़ते रहिए l