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Thanks a lot dear lovely Kiran sisLove from Karachi princess
Thanks a lot dear lovely Kiran sisGood
Thanks a lot Dear Komal didi & same 2 uरंगो का पर्व, आपके जीवन में रंग, हर्ष उल्लास लाये होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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Thanks a lot dearGood writing skills bro, but too many characters .wish you stick probably 3 or 4 characters
Thanks a lot dear lovely Kiran sisLove from Karachi princess
Thanks a lot dear Preetme soch hi rahi c.. eh punjabi che hai story.. achi story hai g
Apki profile pr 2023 se pehle ke comment nhi milte. Unko padhne ke liya kya kare. Apke comment padhne ke liye is story pr ana padta haiसम्भोग का असली सुख तो तब है ज़ब एक दमदार हवसी पुरुष हमारी गुदाज चुतरो के निचे तकिया लगा दे जिससे हमारी योनि की फांके खुल के फूल जाये और वो ज़ालिम अपनी होंठो से बुर के भग्नासे को चूसे और दाँतो से खींचे अपनी जीभ की नोक से बुर की फांको को चाटे पूरी जीभ डाल के चुतरस का स्वाद ले बिलकुल गदरायी घोड़ी की सवारी का मजा ही कुछ और है.. भारी बदन वाली को ठोकने से जो पछ पछ और गाड़ मरने से थाप था की आवाज आती है क्या बात
कोमल जी आपकी बात सोलह आने सही है। बड़े बड़े शेर हमारी गुफा में फुस हो जाते हैं लेकिन सम्भोग का असली सुख भी तो तब है ज़ब एक दमदार पुरुष हमारी गुदाज चुतरो के निचे तकिया लगा दे जिससे हमारी योनि की फांके खुल के फूल जाये और वो ज़ालिम अपनी होंठो से बुर के भग्नासे को चूसे और दाँतो से खींचे अपनी जीभ की नोक से बुर की फांको को चाटे पूरी जीभ डाल के चुतरस का स्वाद ले और हमारी जैसी बिलकुल गदरायी घोड़ी की सवारी का मजा ले. भारी बदन वाली को ठोकने से जो पछ पछ और गाड़ मरने से थाप था की आवाज आती है क्या बात उसकी
Too hotPart 2
पिया मिलन की घड़ी आ रही थी
बदन में मेरी मस्ती छा रही थी
साजन ने आके घूंघट उठाया
चौडे से सिने पे कसके दबाया
होंठो पे मेरे होंठो को लगया
चोली के ऊपर से चुची को दबया
कपड़े उतार गए द दोनों के सारे
आँखों से हम एक दूजे को निहारे
देख के लौड़ा मैं रह गई दंग
लग रहा जैसे कोई काला भुजंग
हाथ में पकड़ते ही मैं तो हिल गई
गर्मी से उसकी मेरी चुत पिगल गई
बिस्तर पे साजन ने मुझको लिटाया
फिर खोल के मेरी जांघो को फेलया
चुत की फांको पे लौड़े को रगड़ा
पेल दिया पूरा देके धक्का तगड़ा
दर्द से मेरे आंसू निकल गए
देख के पीड़ा साजन पिगल गए
प्यार से मुझको फिर चुम के बोले
लगाओ का धक्का अब होले होले
पीड़ा तो कब से मस्ती में बदल गई
मुँह से मेरे सिसकी निकल गई
खनकती थी पायल बजाती थी चूड़ी
चुदाई के नशे में मैं खोई थी पूरी
पूरा जड़ तक अंदर घुसा दो
काली से मुझे फूल बना दो
तुम्हारी प्रेमिका मुझको बन के है रहना
ये भयानक लौड़ा है अब मेरा गहना
हर रोज अब इसे चाहिए चुदाई
चाटुंगी सारी मैं इसकी मलाई
पूरी रात साजन ने जाम के बजाई
चुत चूड़ी मेरी और गांड भी मारवाई
अंग अंग मेरा दे रहा था गवाही
बिस्तर पे मची जाम की तबाही
उस रात की है ये अद्भुत कहानी
मेरे हर छेद से बह रहा था पानी
चुद चुद के निखार आई है मेरी जवानी
अपने साजन की है ये "आरुषि" दीवानी