UPDATE - 7
रश्मि दीदी को तो साप सूंघ गया वो कुछ बोल ही नहीं रही थी
तो मैं बोला हम यहाँ सर्वे करने आये है.
कैसा सर्वे.
जी हम लोगो को साफ़ सफाई के बारे में बता रहे है.
वाह बहुत नेक काम है जरा मुझे भी तो कुछ बताइए.
आइये मैडम मेरा घर पास ही में है. वो आदमी मुझे पूरी तरह इग्नोर कर रहा था
और उसने दीदी से इशारे में कुछ कहा.
दीदी ने अपनी नज़रे नीची कर ली.
चलिये न मेरे घर. सामने ही है. वो फिर बोला
न..न..नहीं. हमारा काम पूरा हो गया अब हमे घर जाना है. दीदी ने कापती आवाज़ में बोला.
पर वो भी बड़ा हरामी आदमी था.
वो इतना अच्छा मौका कैसे जाने देता.
उसने फ़ौरन दीदी का गोरा हाथ पकड़ लिया और
बोला, अरे ऐसे कैसे.. आप तो मेरी मेहमान है. मुझे भी सेवा का कुछ मौका दे.
और वो दीदी को सामने वाले घर की तरफ ले जाने लगा.
दीदी तो काठ की गुडिया की तरह उसके साथ चल दी.
मैं चाहता तो उनको रोक सकता था
पर मेरे अन्दर का हवस का शैतान मुझे ऐसा करने से रोक रहा था.
मैं भी उन दोनों के पीछे उस घर के अन्दर आ गया.
झोपड़े जैसा घर था. एक कमरा आगे और एक पीछे बना था.
एक कोने में शराब की कुछ खाली बोतले पड़ी थी.
सामान के नाम पर एक पुरानी चारपाई, एक मेज़, एक बड़ा बक्सा आगे वाले कमरे में था.
उसने दीदी को चारपाई पर बिठा दिया.
देखा मैडम हमारा हवा महल हा हा हा.
वो अपनी जेब से एक क्वाटर निकाल कर मेज़ पर रखता हुआ बोला.
वो आदमी अन्दर चला गया और
2 मिनट बाद जब वो बाहर आया तो उसके हाथ में एक स्टूल था
और सिर्फ लुंगी में था. वो एकदम दुबला पतला था.
उसने बनियान भी नहीं पहनी थी.
अरे मैडम मुझे भी तो बताइए सफाई के फायदे.
देखो मेरा घर कितना गन्दा है और
मेरे घर में सफाई करने वाली भी कोई नहीं है.
वो दीदी के बिलकुल पास स्टूल रखकर बैठ गया.
अब दीदी की साँसे कुछ तेज़ चलने लगी.
दीदी की घबराहट मैंने और उस आदमी ने भी नोट की.
वो फिर बोला अरे कुछ जवाब नहीं दिया आपने.
दीदी ने कुछ संभलते हुए एक फॉर्म निकाला
और उससे कहा, पहले ये फॉर्म भर दो.
वो बोला मैडम मैं इतना पढ़ा लिखा होता तो मेरी ये हालत होती.
मैं बोल देता हूँ आप ही भर दो.
दीदी ने बैग से पेन निकालते हुए पुछा, तुम्हारा नाम
मेरा नाम सलमान है.
ये कह कर उसने अपना उल्टा हाथ दीदी की जांघ पर रख दिया.
दीदी को तो मानो ४४० वाल्ट का करेंट लग गया
और उनके बदन ने झटका सा लिया.
हम लेट हो रहे है. हम कल आकर आपको बता देंगे.
दीदी ने एक बार फिर से वहां से निकलने की कोशिश की.
अरे अभी तो 2 ही बजे है और बाहर कितनी तेज़ धुप है.
थोड़ी देर में चली जाना मैडम.
सलमान जिसका हाथ अभी भी दीदी की जांघ पर था
उससे दीदी की जांघ सहलाता हुआ बोला.
दीदी ने फॉर्म को सर्वे के रजिस्टर में रखा
और बोली नहीं हम कल आ जायेंगे.
कितनी गर्मी है. पानी पियोगी मैडम.
जी पिला दीजिये. दीदी ने सोचा वो पानी लेने जायेगा तो हम भाग भी सकते है.
पर वो बहुत मंझा खिलाडी था.
उसने मुझसे कहा जा बेटा जरा अन्दर से एक गिलास पानी तो ले आ.
गिलास अन्दर अलमारी में है और पानी मटके में.
ये कहते हुए वो स्टूल से उठ कर दीदी के बगल में चारपाई पर आ बैठा.
और सीधा दीदी की छातियो को घूरता हुआ बोला तुम्हारा नाम क्या है मैडम.
जी मेरा नाम रश्मि है.
दीदी को देख कर वो बहुत उत्तेजित हो रहा था
मुझे लगा अगर मैं वहां नहीं होता तो
वो अब तक दीदी के कपडे फाड़ चूका होता.
तुम इतना क्यों डर रही हो रश्मि. फॉर्म तो पूरा भर लो.
वो बोला और मैं मन मारकर पानी लेने अन्दर चला गया.
MY STORY - ZINDGI KE HASEEN LAMHE