इसमें थोड़ा टाइम लगेगा। पहले अपनी माँ कको खूबसूरत होने की तारीफ करो, जब ऐसे कपडे पहने की उनकी घाटियां (cleavage ) दिखाई देता हो या नाभि दिखाई देती हो तो और ज्यादा तारीफ करो उनकी सुंदरता की।
मेरे मादरचोद बनने मैं थोड़ी आसानी थी क्योकि मेरी मम्मी पैंटी सिर्फ महीने में चार या पांच दिन पहनती थी जब उनका पीरियड्स आते थे, वैसे कई बार ब्रा भी नहीं पहनती थी। मैं जहाँ रहता हूँ वहां भांग (पाउडर मैं) मिलती है, उसने बहुत अच्छा काम किया। क्योकि मैं दोपहर के खाने मैं भांग मिला देता था, मम्मी मेरी भांग खा कर जब थोड़ा मदहोश हो जाती थी, तो मैं उनसे चिपक कर लेट जाता था। फिर एक दिन मैंने उनसे कहा की आप थकी-थकी लग रही हो मैं आपका बदन ढाबा देता हू। पीठ से शुरआत करके मैंने उनकी गांड दबाई, थोड़ा nighty खिसका कर उनकी चिकनी जांघो पर माज़ा लिया और फिर अपनी मेहनत के बदले में उनके पेट छूने का मौका लिया। उसके बाद मैंने उनको तेल से मालिश करने को बोलै जिसको वह मान गयी , मैंने जब उनके पैरो पर तेल लगाया तो उनकी nighty खिसक कर उनकी चूत के दर्शन करवा दी और पैर की मालिश के बहाने मैंने उनकी उनकी चूत मैं भी हाथ लगाया और शायद उनको को भी बहुत माज़ा आया। एक दिन मैंने उनको मालिश करने के बहाने की तेल बिस्तर और कपड़ो में लग जायेगा उसी बहाने से उनको एक तौलिया दी की वह नंगी हो कर सिर्फ थोड़ी सी झांगे और गांड ढकी थी। उस दिन मैंने उनको अच्छे से तेल लगाया, बीच मैं तौलिया हटा कर उनकी गांड मैं तेल लगाया, पैर के बहाने उनकी चूत मैं हाथ लगाया। फिर मेहनत के बदले में उनकी चूँची पीने के लिए बोलै, मम्मी मान गयी और फिर मैंने मस्त उनकी एक चूँची पी और दुसरे पर हाथ फिरता रहा।
और इस तरह उनकी चूँची कभी भी पीने की राह खुल गयी, एक दिन भांग की मात्रा बड़ा दी और उस दिन मालिश करते समय उनकी चूत में अपनी ऊँगली घुसा दी, और उनकी एक चूची पीने लगा और दूसरीको हाथ से दबाने लगा और नीचे अपनी ऊँगली अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर मैं मम्मी इतनी गरम हो गयी की मेरे चेहरे को ऊपर उठाया और मेरे मुंह में मुंह डाल कर मेरे को चूमने लग गयी और फिर जोर से काँपी और झड गयी। उसके बाद कई दिन तक मम्मी ने पास नहीं आने दिया पर हर दिन प्रयास करता थ। एक दिन मैंने भांग की मात्रा और बड़ा दी और उस दिन शायद मम्मी भी चुदना चाहती थी तो वह मालिश के लिए मान गय। पर इस बार मैंने चूँची पीते हुए धीरे से नीचे गया और उनकी टाँगे फैला कर उनकी चूत में अपना मुँह लगा कर चाटने लगा, थोड़ी देर में मम्मी के हाथ मेरे सर पर थे और मुझे अपनी चूत की तरफ धक्का दे रहे थ। बस फिर मम्मी थोड़ी देर में झड गयी और उन्होंने मेरे मुँह को अपनी दोनों टांगो से जकड लिया और ढेर सारा पानी मेरे मुँह में छोड दिय। कुछ दिन तक चूत चाटने का कार्यक्रम चलता रहा।
फिर एक दिन नीचे चूत की तरफ जाने की बजाये मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी टाँगे फैला कर उनकी चूत में अपना लण्ड रगड़ने लगा थोड़ी देर में मम्मी ने अपने हाथ से अपनी चूत के छेद में मेरा लण्ड लगा दिया और मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना लण्ड अपनी मम्मी की चूत में डाल दिया और मम्मी के मुँह से आह निकल गयी । एक-या दो मिनट तक वैसे ही रहा क्योकि मैं मम्मी को देख रहा था जिनकी आँखे बंद हो चुकी थी और उनके होंठ थोड़े खुले हुए थे। मैंने अपने होंठ उनके होंठ पर रखे तो वह अपने आप उनको चूसने लगी, मैंने भी देर नहीं की अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा साथ में उनकी चूँचियाँ दबाता raha, थोड़ी देर बाद मम्मी झड गयी और उन्होंने अपनी दोनों टांगो से मुझे जकड लिया, मैं भी यह सोच-सोच की अपनी मम्मी की चुदाई कर रहा हूँ अपने चरम सीमा पर पहुँच गया था और उनकी चूत में ही अपना वीर्य झड गया। झड करके अपनी मम्मी के बगल में लेट गया और उनकी चूँचियाँ दबाने लगा।
मैंने जब थोड़ा टाइम बीता तो मम्मी का मुँह अपनी तरफ किया और पूछा की मज़ा आया की नहीं , मेरी मम्मी बोली मज़ा तो आया पर यह गलत है उस पर मैंने कहा की जब मुझे भी मज़ा आया और तुमको भी तो क्या गलत है और मैंने अपनी मम्मी के होंठ चूसने लग गया। थोड़ी देर में हमारा दूसरा राउंड भी हो गया। उसके बाद मेरी मम्मी की चूत मेरे लण्ड की मयान हो गय। मेरे बाप के बाद मैंने अपनी मम्मी की चूत की चुदाई की और जब मम्मी का दिल दूधवाले पर आया तो मुझसे पूछ कर दूधवाले से मम्मी ने चुदवाया।