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Superb updates maaza agaya padkar bro" बेटा में समझ नहीं पा रहा हूं की ऐसा क्या करू की व्यूज और आ जाए "
में मम्मी की छाती पर मुंह रख के बोला " मम्मी आप दूसरों की वीडियो नही देखती हो क्या "
मम्मी बोली " देखती हूं पर ऐसा कुछ आइडिया नही मिलता है "
में थोड़ा झिझक के बोला " में कुछ आइडिया दूं। "
मम्मी बोली " हा दो ना "
में धीर से बोलने लगा " मम्मी आप मस्टरबेट का वीडियो दालों । और सबसे बड़ी बात लोगो को आप तब अट्रैक्ट कर पाओगे जब सेक्सी बातें करोगे । और आप वो । वो अपने अंग को क्लोजअप शॉट दिखाना । और मम्मी आप डिल्डो का यूज करो "
मम्मी मेरे कान में धीरे से शर्मीली आवाज में बोली " अब कहा से डिल्डो लाऊं में "
में थोड़ा रुक के बोला " में ला दूंगा "
मम्मी हम्मम कह कर मेरा माथा चूम के बोली " से जाओ बेटा । "
दूसरे दिन मम्मी काम पर नहीं गई । मैंने मम्मी के लिए डिल्डो ऑनलाइन ऑर्डर किया और साथ में कुछ सेक्सी कपरे भी ।
4 महीने पूरा होने वाला था । मैंने पता नही कैसे खुद को काबू किया अब तक मम्मी की वीडियो नही देखा था । और 4 महीने पूरा होने से दो दिन पहले मम्मी खुशी से झूूम झूम के आई मेरे पास और कहने लगी " बेटा बेटा ये देखो। 15 लाख "
में भी देख बोहोत खुश हुआ । मम्मी और में झूम उठे अब सारी परेशानी खतम । 4 महीने पूरे होते ही महाजन अपना पैसा लेने आ गए । जब उन्हें हमने 12 लाख कैश सामने रख कर दिया तो वो हैरान हो गए और बोला " क्या बैंक लूटा हे क्या"
मम्मी भी अकड़ दिखा के बोली " चुप चाप अपना पैसा लो और इत्तजत से चले जाओ "
महाजन को अपने पैसों से मतलब था वो मेरी मम्मी को बड़ी बेशर्मी से मम्मी को ऊपर से नीचे तक घूर के चला गया । मम्मी उसके जाते ही दरवाजा बंद कर के सोफे पे लेट के सकून भरी आह भर के मुस्कुराते हुए बोली " इतना सकून मुझे कभी नही मिला बेटा । अब सारी परेशानी खतम "
में भी ठंडी आह ले कर बोला " हा मम्मी । अब आप वो सब नही करना पड़ेगा । में अकाउंट डिलीट कर दूंगा "
मम्मी अचानक से उठ गई और कुछ सहमी हुई सी अजीब सी हरकत करती हुई बोली " अभी नही "
में बोला " क्यू मम्मी । अभी क्यू नही"
मम्मी बात घुमाती हुई बोली " बेटा आज हम घूमने जायेंगे । घूम फिर के थोड़ा मस्ती करेंगे । रुको शाय बनाती हूं "
मम्मी उठ कर चली गई । मुझे मम्मी का व्यवहार बोहोट अजीब लगा में सोचने लगा की अचानक मम्मी को क्या हो गया की उसने अभी अकाउंट डिलीट करने को माना कर दिया ।
में एक औरत की मन से वाकिफ नहीं था । एक औरत क्या चाहती है इसकी आभास मुझे ना था । बस में अपनी मम्मी को समझता था उसे एक मां की रूप में देख रहा था अब तक एक औरत की तरह नहीं। मुझे नही समझ थी की मम्मी भी एक औरत है उनकी भी एक व्यक्तिव है उनकी भी आम इंसान की तरह ख्वाइसें थी अपनी अरमान थी अपनी दिल की करने को इच्छा थी ।
उन बातों से अंजान में हवा में ही जवाब धुंध रहा था । पर धीरे धीरे मुझे समझ आ गया । मम्मी अब काम पर नहीं जाती घर पर ही रहने लगी । पापा से भी कुछ नहीं कहती जब पापा कुछ पूछे तो बस सीधा सीधा जवाब दे के अपने में मगन रहने लगी । मुझे भी कहने लगा की बेटा अब तुम्हे काम पे जाने की जरूरत नहीं है। अच्छे से पढ़ाई करो । कुछ पैसा है जिसमे में जल्दी ही एक ब्यूटी पार्लर खोल लुंगी । तुम भी मेरी मदद करना वोहा।
एक दिन मम्मी मुझे बोली की उसे शॉपिंग में ले जाने को । जब पापा की नौकरी थी तो हम अच्छे से सुख सुनिधा के साथ जीते थे । कोई साल हो गए मैने भी शोपिंग मल नही गया था 200 रूपए की शर्ट की हैसियत थी ।
में भी खुश था तो मैंने कहा की चलो फिर आप तैयार हो जाओ । मम्मी अपने कमरे में गई तैयार होने और में अपने कमरे में । मुझे तो बस अपनी दो जींस में से एक जींस पहनना था और एक टी-शर्ट और में 10 मिनिट में तैयार हुआ ।
में मम्मी को देखने गया मम्मी अपने कमरे का दरवाजा बंद था तो मैंने खटखटाया । मम्मी अंदर से बोली " बस 5 मिनिट बेटा "
में इंतजार करने लगा और 5 मिनट निकल कर 15 मिनिट हो गया तो मैंने तेज आवाज दी " मम्मी रात को जाना हे क्या । और कितना देर लगाओगी "
मम्मी अंदर से चिल्लाई " अरे रुको बाबा आ रही हूं "
करीब और 10 मिनिट बाद मम्मी बाहर निकली । में मम्मी को ऊपर से नीचे तक देखने लगा मेरी आंखे बड़ी थी। मम्मी भी कमर में हाथ रख के अदाह से मुस्कुराती हुई बोली " क्यू लग रही हूं ना सुपर मॉम "
में मुस्कुरा के बोला " वाओ मम्मी आप तो काफी सुंदर लग रही हो और काफी अमीर घराने की मालकिन लग रही हो "
मम्मी मुस्कुराती हे । मम्मी ने एक चॉकलेट रंग की थोरी सिल्की और थोरी सी ट्रांसपेरेंट किस्म की सारी पहनी हुई थी और साथ में स्लीवल्स ब्लाउज भी । मैंने गौर किया की मम्मी ब्लाउज की काफी दीप कट था जिससे उसकी चुचियों की दरार समझ आती थी मगर पल्लू से मम्मी ने अपनी छाती ढक रही थी पर फिर सारी तो ट्रांसपेरेंट था । मम्मी अपनी हैंडबैग हाथों में ले कर आती हुई दरवाजे तक गई " अरे आओ चलो अब क्या मुझे घूरता ही रहेगा क्या "
मैंने देखा मम्मी की ब्लाउज एकदम बैकलेस थी बस दो डोरी बंधी हुई । मम्मी की चिकनी गोरी सुथोल पीठ चमक रही थी । कमर के दोनो तरफ आकर्षक सरबी की परत बोहोत कामुक थी । मैंने देखा मम्मी ने आगे से तो सारी नाभि के काफी नीचे पहनी हुई थी लेकिन पीछे भी उनकी सारी एक दम उनकी बड़ी बड़ी हिलती हुई कूल्हों के ऊपर पहनी हुई थी । मम्मी ने हाई हील भी पहनी । हम दोनो जब फ्लैट से निकले तो मम्मी ने ताला लगा कर साबी मेट के नीचे छुपा दी ताकि पापा आए तो वो घर पे घुस चके। मैंने मम्मी की बदन से मोधोस कर देने वाली खुशबू मिला । एक तारो ताज़गी सा महसूस था । मैरी नजर मम्मी के ऊपर से हट ही नहीं रही थी मम्मी ने अपनी बालों को खोल के रखी थी होठों पे गहरी लाल लिपस्टिक गालों में भी मेकअप और उनकी गोल गोल आंखे काजल से और भी खूबसूरत और उनकी नजरे बोहोत आकर्षक लग रही थी । हमने कैब बुक किया और चल पड़े शोपिंग करने ।
कैब अंदर मम्मी मुझसे बात कर रही थी । उनकी मुस्कान बोहोत खुशाल नजर आ रही थी । मम्मी मुखसे पूछने लगी " बेटा तुम क्या लोगे । अपनी पसंद की ड्रेस बताओ "
में जवाब दिया " देखते हे वाहा पोहोछ के क्या पसंद आता है। आप क्या लोगे "
मम्मी उंगलियों में गिनती करती हुई बोली " उम्म्म्म मुझे तो बोहोत कुछ लेना है"
मम्मी और बाते करते रहे और पता ही नहीं चला कब मल पोहोछ गए । मम्मी और में मोल के अंदर गया पहले थोड़ा घुमा फिरा और 2nd फ्लोर पर हम चले गए और हमे एक बड़ी कपरे की दुकान देखी जहा हर तरह कपरे थे । हम उस दुकान में गए और मम्मी बोली " चलो पहले तुम्हारे कपरे लेते हे "
मैंने अपने लिए जल्दी से एक जींस और एक हाफ शर्ट पसंद किया पर मम्मी बोली " क्या बेटा तुम भी । कितनी ओल्ड फैशन है तुम्हारी पसंद । " और मम्मी ने खुद मेरे लिए चार जोड़ी ड्रेस पसंद की जिसकी प्राइस टैग देख के में हैरान था लेकिन पता नहीं क्यू मैने मम्मी को माना नही किया और जैसे मुझे उनका जवाब पहले ही पता था की वो ऐसा ही कुछ कहेगी जिससे मेरी बात दब जायेगी ।
फिर मैने वो ड्रेस एक बास्केट में लिया और मम्मी अपनी लेडिस सेक्शन में जाने लगी में भी जाने लगा उनके पीछे पीछे । में बस लोगो को देख रहा था और उनको देख के असंभित था की मम्मी और में इतने हाई स्टैंडर्ड लोगो के बीच शोपिंग कर रहा हूं ।
मुझे ध्यान ही नहीं रहा मम्मी की तरह । मम्मी अचानक बोली " बेटा में ट्रायल ले के आती हूं "
मम्मी के हाथों में चार जोड़ी डिजाइनर ब्रा पैंटी की सेट थी और मम्मी मुझे अपना हैंडबेग थामा के ट्रायल रूम में चली गई । में बस ट्रायल रूम के सामने थोड़ा दूर रह के इंतजार करने लगा ।
करीब 10 मिनिट बाद मम्मी बाहर आई अपनी बालों को सबारती हुई मेरे पास आई और दो जोड़ी ब्रा पैंटी का सेट मेरे बास्केट में रख कर बोली " ये दो लुंगी " और बाकी दो जोड़ी बापच रख दी उसने ।
मम्मी मुझे अपने साथ ले कर अपनी पसंद की कपरे देखने लगी । एक जगह रुक कर मम्मी ने ऐसी ड्रेस पसंद करी जिसको देख के में रुक नही पाया और मम्मी की कान में बोला " मम्मी अब क्या आप ऐसी ड्रेस पहनेगी "
मम्मी प्यार से मेरे पेट में कोहनी मार के बोली " धेत्त बुद्धू वीडियो के लिए ले रही हूं "
मम्मी ने दो ड्रेस उठाई एक गोल्डन रंग की सिल्की वन पीच ड्रेस और दूसरी भी लाल और काले रंग चेक ड्रेस । मम्मी बोली " बताओ कौनसा पसंद आ रहा हे तुम्हे "
में बोला " दोनो ही पसंद है "
मम्मी बोली " ठीक हे दोनो ही लेते हे"
मेरे मन में जो जिज्ञासा था वो मैंने बोल दिया " एक बार ट्रायल तो लो दिखने में तो काफी छोटी लग रही है आपको फीट आएगा क्या "
मम्मी बोली " गधे ऐसी ही ही स्किन टाइट । तुझे में क्या मोटी लगती हूं "
में शरारती मुस्कान दे के बोला " मोटी हाथी जैसी हो । कम खाया करो आप "
मम्मी प्यार भरी गुस्से की नजर से मुझे घूरने लगी तो में बोला " मम्मी सच कहूं । आप मोटी हो भी और नही भी आपकी शरीर की बनवाट बोहोत खुसुरत है। सही सही अंग पर आपकी बदन में चर्बी हे । सच्ची में आप बोहोत खुसबूरत हो । सही मायनो में आज आप इस सारी में आपकी खूबसूरती निखर आई है आप जच रही हो "
मम्मी मुस्कुराई और बोली " ठीक हे अब इतना भी तारीफ मत करो की में अपने आपको 16 साल की समझने लगूं। चलो दो सारी लेते हे फिर चलते हे "
मम्मी ने दो कैजुअल सारी ली और मल में ही हम दोनो ने लांच किया और फिर घर लौट आए ।
ऐसे ही दिन बीतने लगा । और मेरे मन सवाल सब कर ही रह गया की मम्मी अकाउंट क्यू डिलीट नही कर रही है । में मौका धुंध रहा था पूछने का पर मम्मी से इतनी बात नही हो पा रहा था ।
पर एक दिन मैंने जान लिया । मम्मी को एक दिन बुखार चढ़ गई ज्यादा नही बस ऐसे ही नॉर्मल। मैने दवाई ला के दिया और मैने घर का काम किया मम्मी बेड रेस्ट कर रही थी । उस दिन तेज बारिश हो रही थी पापा भी फोन कर के बताया की वो चाचा के घर गए हुए हे वाहा गांव में बान आई है और वो आज नहीं आ पाएंगे । दोपहर का वक्त था वैसे तो ज्यादातर गर्मी का ही मौसम था पर उस दिन ठंड की मौसम थी ।
दोपहर का खाना बना के में मम्मी के कमरे में पूछने गया की वो अभी खान खायेगी या देर से क्यू की अक्सर हम 3 बजे खाते थे और तब 2 बज रहे थे । मम्मी कंबल ओढ़े सो रही थी । मुझे देख के बोली " बेटा तू कॉलेज से कब आया "
मेने जवाब दिया " में तो कॉलेज गया ही नहीं वो बोहोत तेज बारिश हो रही हे ना। अच्छा मैने खाना बना दिया है आप अभी खाओगे। यहां पर ला दूं "
मम्मी मेरी और प्यार भरी निगाहों से देख के बोली " अभी नही भूख नही हे। बेटा आ जा थोरी देर मेरे पास लेट जा "
में भी ममता की आगोश में मम्मी की कंबल में घुस गया । मम्मी मुझसे लिपट के मुझे बाहों में भर कर मेरी माथे पर चूम कर फिर आखों की पलकों में भी चूम कर बोली " मेरा सोना बच्चा । "
मम्मी की बदन बोहोत गर्म थी मुझे फिक्र होने लगी " मम्मी बुखार उतरा नही अभी तक क्या । "
मम्मी बोली " नही सुबह से थोड़ी आराम मिला है। बस थोड़ा जोड़ों में दर्द सा है कोमजोरी सा । ऐसा बुखार में होता ही है तू फिकर मत कर। साधारण बुखार 2 से तीन दिन तक रहता ही है उसके बाद भी ठीक नही हुई में तो तू मुझे डॉक्टर के पास ले जाना "
में बोला " मम्मी में आपकी घुटनो की मालिश कर दूं क्या "
मम्मी बोली ", अभी नही। बेटा तुमसे कुछ बात करनी है "
में बोला " हा बोलो मम्मी क्या बात है "
मम्मी थोड़ा ऊपर हुई और मेरे शर को अपनी छाती में छुपा के बोली " बेटा तुम्हारी आखों में देख के बात नही कर पाऊंगी बात ही ऐसी हे "
में समझ गया की मम्मी कुछ पर्सनल कहनी वाली हे । में भी मम्मी की पीठ पर हाथ रख के मम्मी की मुलायम छाती पर मुंह छुपाया और बोला " ठीक हे मुंह बोलो में आंखे भी बंद कर ली हे " मम्मी ने नहाए नही थे उनकी जिस्म तेज़ खुसबू मुझे भा रहा था ।
मम्मी बोली " बेटा कुछ दिन पहले तुमने अकाउंट डिलीट करने की बात की थी पर मैंने मना कर दिया था । क्यू पता हे "
में पूछा क्यू तो मम्मी कुछ देर तक जवाब नहीं दिया और देर से जवाब देने लगी ", बेटा तुम्हे साएद ठीक से समझ ना पर तुम अभी एक औरत को नही समझ सकते । तुम जवान हो समझदार हो लेकिन तुम्हे तजुर्बा नही हे । बेटा पहली बात तो ये की तुम मुझेसे किसी तरह की नाराज ना होना । में तुम्हारी नाराजगी सह नही पाऊंगी तुम्ही मेरी जान हो तुम्ही मेरी खुशी हो । बस में थोड़ा मतलबी होना चाहती हू की में थोरी अपनी हिस्से की खुशी पाना चाहती हूं । बेटा प्लीज समझने की कशिश करना मुझे। बेटा कैसे कहूं शर्म आ रही हे पर बेटा। बात ये हे की में चैनल को रखना चाहती हूं । तुम्हारी भविष्य के लिए और हमें किसी तरह की पैसों की सुख की कमी ना हो और और । बेटा मुझे भी अब आदत सी हो गई है वीडियो डालने में। बेटा हे तो ये गलत पर फिर भी मुझे अब इतना गलत नही लगता बस लगता हे की में तो सिर्फ अपनी वीडियो डालता हूं खुद की तो इसमें इतना क्या गलत कोई ऐसे औरतों की चेनल है मेरी जैसी । बेटा तुम क्या कहते हो । तुम्हे अगर पसंद नही तो में अकाउंट डिलीट करने को तैयार हूं "
मम्मी की छाती में मैने सांस छोड़ के बोला " नही मम्मी मुझे भी अब इतना कोई फर्क नही पड़ता । पहले लगता था की लोग आपकी वीडियो देख के गंदी गंदी नजर से देखेंगे गंदी सोच रखेंगे आपके बारे में । पर धीरे धीरे मुझे एहसास हुआ की हर औरत को बाहर गंदी नजर से ही देखा जाता है । तो किसी किस को रोकेंगे हम । आपका चेहरा तो छुपा ही रहता है पहचान तो कोई नहीं पाएगा । बस मैने ये सोच के अकाउंट डिलीट करने को कहा की मुझे लगा की आपको पसंद नही हे । में समझ सकता हूं । सॉरी मम्मी मुझे खुल के बोलना पड़ रहा हे। आपकी शादीशुदा जिंदगी तो खराब ही है साएद आपकी कुछ जरूरतें पूरी हो रही हे इससे । अगर आपको ठीक लगता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं बस आप अपना ध्यान रखना की कभी भी गलती से भी आपकी पहचान नही होनी चाहिए "
मम्मी मेरा सर सहलाते हुए बोली " बेटा शुक्रिया मुझे समझने के लिए। "
मम्मी और में कुछ देर चुप रहे। में मम्मी से अलग हो के बोला " मम्मी आप आराम करो "
मम्मी मुझे खींच ली अपनी तरफ में मम्मी की ऊपर गिर पड़ा मम्मी बोली " रुको ना बाबू । मेरे साथ लेते रहो थोड़ी देर अच्छा लग रहा हे "
मैंने भी शरारत से बोला " तो फिर में आपकों जोर से झप्पी दूंगा " इतना कह कर मैने दो बाहुपेशी मम्मी की बगल से घुसा के उनकी पीठ पकड़ के अपनी बाजू में जकड़ा ।
मम्मी ठंडी उठा के होंठ खोल के घुट्टी हुई आवाज निकाली " आह बेटा "
में अपनी पकड़ ढीला छोड़ के बोला " आपको जकड़ ने तोड़ दूंगा में "
मम्मी शरमाई और मुस्कुरा के बोली " और एक बार जकड़ों तो बदन में जान आती हे जोड़ो की कमजोरी दूर होने लगती हे "
में फिर से मम्मी को दबोचा बाहों मे और इस बार कुछ पल के लिए मैने वैसे ही पकड़ के रखा । मम्मी मेरे कंधे पर हाथ रख के " आई उई मां उई मां " करती हुई आवाज निकाली ।
मुझे नही पता था की में तब कैसे बहक गया मेरे दिमाग में गंदा खयाल आया की जैसे मेने अपना लंद मम्मी की चूत में डाल के दावा के रखा है और मम्मी कराह रही हे । मेरे दिल की अरमान और दिमाग की सोच से में इतना बहक गया की मैने मम्मी की गुलाबी होठ चूम लिया। में मोढोसी से मम्मी की आखों में देखने लगा मम्मी मुझे हैरानी से देख रही थी ।
में फिर मम्मी की होठ पे होठ रख कर उनकी होठ धीरे धीरे अपनी होठों से चूसने लगा । मम्मी अचानक मुंह फेरने लगीं पर नजाने मुझमें क्या भूत सवार हो गया था अपने दोनो हाथों से मम्मी की चेहरे को पकड़ा और मम्मी की होठ चूसने लगा ।
मम्मी की हरकत पर विरोध तो थी लेकिन साएद सबसे ज्यादा हैरानी और शर्म थी । में चूसता गया मम्मी जिस्म ढीला पड़ने की महसूस हुई मुझे और धीर धीरे मम्मी ने मेरे कमर में हाथ रख दी।
मम्मी की सांस गर्म होने लगी उनकी आंखे तो पहले से ही बंद थी में उनकी होठ चूसता रहा जिससे हमारी मुंह की सलाइवा घुलने लगे । मम्मी भी मुझे अपनी आलिंगन में लिया और उसने अपनी होठों से मेरी निचली होठ प्यार से चूसा तो मुझे बोहोत खुशी हुई और में तब मम्मी की मुंह में जीव डालने लगा मम्मी भी मेरी जीव से जीव लड़ाती हुई मुझे चूमने लगी ।
जब दिल भर आया तो मैंने होठ हटा लिया में मम्मी को देखने लगा और मुझे आज मम्मी मेरी आखों के सामने करीब बोहोत कामुक नजर आ रही थी । मम्मी अधि खुली पलको से मुझे देखने लगी ।
और में मम्मी चेहरे को टपक से चूम चूम के बोलने लगा " आई लव यू मम्मी। आई लव यू मम्मी। आई लव यू"
और फिर में बपाछ अपनी होठ मम्मी की होठ ने रखना चाहा पर मम्मी तुरंत अपनी मुंह घुमा के मुझे बाहों में भर के करवट में ले कर मेरे शर को बापाच अपनी छाती में छुपा कर मेरे शर पर चूम चूम के बोलने लगी" आई लव यू मेरा बच्चा । आई लव यू। आई लव यू बेटा । मिरा बाबू मेरा सोना । मेरा मुन्नू आई लव यू "
मम्मी मुझसे प्यार झटाती रही । मुझे भी बोहोत अच्छा लग रहा था ।मम्मी की बुखार दो दिनों में उतार गए । अपना काम काज करने लगी वो लेकिन मम्मी का पता नहीं पर मुझे मम्मी से एक शर्म महसूस हो रही थी । हमेशा सोचने लगा की क्या मम्मी मुझसे नाराज़ है जो मैं मां बेटे की रिश्ते को तोड़ कर उसकी होठों को किस्स किया था । मुझे लग रहा था की मम्मी को बुरा लगा होगा लेकिन मम्मी भी शायद शरम की वजह से मुझसे कुछ कह नहीं पा रही थी । पता चल रहा था की मम्मी मुझसे मेरी आखों में देख के ठीक तरह से कुछ भी बात कह भी नहीं पा रही थी ।
में कसमकस में था । मम्मी पहले तो साधारण सारी या नाइटी में रहती थी घर पर लेकिन आज काल वो घर पर अक्सर ती-शर्ट और लैगिंग्स या शॉर्ट्स पहनी रहती थी । स्ववाभ में बदलाव थी अपनी जिस्म की ज्यादा खयाल रखना जब भी वक्त मिले नाखून और बालों की देखभाल करना । अपनी बालों को खुला रख के अपनी जुल्फों को लहराना अदाह में हरकत देना । ज्यादा गर्मी होने पर दो या कभी तीन वक्त नहाती थी। कुछी दिन पहले पार्लर जा कर हेयरस्टाइल बना के आई है। पहले बाल उनकी पीठ के नीचे तक जाती थी इतनी लंबी थी लेकिन अब छोटा कर के बस उनकी ब्लाउस तक ही जाती हैं।
मुझे नहीं पता था की मुझे क्या हो रहा था या फिर पता होते हुए भी मुझे एहसास नही था । अपने खुदरते मन को रोक नहीं पाया । एक रात में काफी इच्छुक हो के उत्तेजक रोमांचक हो के मैने अपनी लैपटॉप खोला । आज मैंने लैपटॉप टेबल पर रखा और कुर्सी पर आराम से बैठ कर मम्मी की चैनल खोला ।
लेकिन ये क्या आई दी लोग आउट है। तो मैंने आई दी और पासवर्ड डाल में लोग इन किया तो पासवर्ड गलत बताने लगा । मुझे समझने में देर नहीं लगी की मम्मी ने पासवर्ड बदल दिया । लेकिन सवाल ये बन रहा था की क्यू आखिर मम्मी ने पासवर्ड बदला क्यू । क्या मुझे अब चेक नहीं करना दे चाह रही थी या फिर कुछ और । हो सकता है मम्मी अपनी वीडियो मुझसे नही दिखाना चाहती हो । लेकिन वीडियो तो ऐसे भी में देख सकता हूं ।
मैंने वेबसाइट पर तुम्हारी मम्मी कर के सर्च किया लेकिन और मम्मी की विडियो फ्लैश होने लगी लेकिन मैंने देखा मम्मी ने आईडी नाम भी चेंज कर के your mom कर रखा है। मैंने चेनल पर क्लिक किया और विडियोज सेक्शन में देखा मम्मी ने अब तक 63 विडियो डाल चुकी है । और तो और चार लाइव वीडियो भी पड़ी है जो एक घंटे से भी ज्यादा लंबी थी ।
मैंने एक लाइव वीडियो देखा । मेरी धड़कन तेज हो गई एक अंदर से गर्मी महसूस होने लगी । लाइव वीडियो पर मम्मी नही दिख रही थी । कुछ सेकंड बाद मम्मी कैमरे के सामने आई । में देख के हैरान रह गया और तभी लाइव चैट चालू हो गई एक से एक लाइव चैट पर मैसेज आने लगे । किसी की तारीफें तो किसी की सवाल गंदी गंदी टिप्पणी । एक कमेंट पढ़ा मैने जिसमे चैट भेजने वाले ने कहा " मर गया मम्मी । क्या बॉम्ब लग रही हो। जल्दी आ जाओ मेरे लौड़े में मम्मी घच घच के पेलूंगा "
में हैरान था की मम्मी ने भी उसकी चैट का मुंह से जवाब देते हुए बोली " हाय मेरा बच्चा । अपनी मम्मी की मांग बोहोत हे पूरी कर पाएगा मेरा बच्चा अपनी मम्मी की मांग । अपनी मम्मी को खुश करना आचान काम नही हे चढ़ के दावा पिलर गड़ना होगा तभी मम्मी खुश होगी "
में हैरान था की मम्मी इतनी गन्दी बात कहने लगी हे और कोई शर्म भी नही उनकी हरकत में लफ्ज़ में कामुकता झलक रही थी । मम्मी फिर खड़ी हो के अपनी अदाह से ड्रेस दिखानी लगी ।
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गोल्डन सिल्की वन पीच ड्रेस जो मम्मी की बदन से चिपकी हुई थी आज वो पायेल पहनी हुई थी । बालों को भी घुंगराले कर रखी थी। चेहरे पर तो मास्क थी तो पता नही चला उसने कितना मेकअप पोती हे । उनकी आमों की आकार शरीर की धेनुकर लचीली रसीली बदन की आकार साफ नजर से पकड़ चकता था देखने वाले । फिलहाल तो में देख रहा था उनकी ड्रेस घुटनो से काफी ऊपर थी जांघ बोहोत चिकनी लग रही थी । मम्मी धीरे धीरे 360 डिग्री में अपनी कातिलाना अदाह से अपनी जिस्म को दिखाने लगी ।
चैट के अवांछित मैसेज आने लगे की मम्मी अपनी चूत दिखाओ। मम्मी पढ़ के कहने लगी " ओह मेरे बच्चो । तुम सबको मम्मी की चूत देखनी हे। थोड़ा सब्र करो ना बच्चो माहोल तो बनने दो । ऐसा कैसे चलेगा सब्र नहीं करोगे तो मम्मी को कैसे खुश करोगे । याद है ना मेने क्या कहा था "
चैट पर जवाब आए सबकी की " हा मम्मी आपको लंबे रेस का घोड़ा पसंद है । " और कोई बोलने लगा एक घंटा दो घंटा मम्मी को चोदेगा। एक ने लिखा था था की पूरी रात मम्मी को पेलेगा नॉन स्टॉप। तो मम्मी ने उनका जवाब देते हुए बोली " हाय पूरी रात । उह्ह्ह्ह्ह मम्मी की चूत लाल हो जायेगी ना मेरा बच्चा पूरी रात मत करना मम्मी की पानी खतम हो जायेगी और फीर मम्मी को दर्द होगी और फिर मम्मी रोएगी ।" कहती हुई मम्मी ने अपनी दोनो चूचियां कस के दवाई ।
मम्मी की नजर जिस भी सवाल जवाब पर नजर पड़ रही थी वो उसका सवाल जवाब दे रही थी उसी हिसाब से । मम्मी की कांख देखी मेने जो क्लीन थी कामुक थी मुझे एहसास हुआ की मेने अपने पैंट के अंदर हाथ घुसा के अपना लंद मसल रहा हूं । मुझे एहसास नही था इस बात का की में कितनी उदारता से मर्यादा लांघ के मम्मी की वीडियो देख के मम्मी के बारे में सोच के अपना लंद मसलने लगा ।
मेरी सांसे गर्म हो रही थी मम्मी की जिस्म को उस सेक्सी ड्रेस में देख के । अपनी जिस्म से खेलती हुई कामुक स्वर से जिस तरह मम्मी बातें करने लगी अंदाज तो यही था देखने वालो की मुठ जरूर गिरेगा आज । तभी कैमरा हिलने लगी । मम्मी मोबाइल को पकड़ के बिस्तर पर चढ़ गई ।
और मम्मी ने मोबाइल ऐसे रखा की कैमरा सीधा उनकी टांगो के बीच फोकास हो गया । मम्मी ने पैंटी नहीं पहनी थी उसने अपनी मोटी जांघें फैला दी । उनकी ड्रेस अपने आप जांघों से उठ गई । और मेरा गला सुख गया देख के कुछ इस तरह दिखाई दे रही थी मम्मी की चूत ।
पता नही मुझे क्या हुआ एकदम से मेरे बदन में कुछ अजीब सा महसूस हुआ जोशीला उत्तेजूत एहसास जिससे में कस के अपने लंद की अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया अपने आप ही मेरे मुंह से आह निकल आया ।
मम्मी की नजर जिस भी सवाल जवाब पर नजर पड़ रही थी वो उसका सवाल जवाब दे रही थी उसी हिसाब से । मम्मी की कांख देखी मेने जो क्लीन थी कामुक थी मुझे एहसास हुआ की मेने अपने पैंट के अंदर हाथ घुसा के अपना लंद मसल रहा हूं । मुझे एहसास नही था इस बात का की में कितनी उदारता से मर्यादा लांघ के मम्मी की वीडियो देख के मम्मी के बारे में सोच के अपना लंद मसलने लगा ।
मेरी सांसे गर्म हो रही थी मम्मी की जिस्म को उस सेक्सी ड्रेस में देख के । अपनी जिस्म से खेलती हुई कामुक स्वर से जिस तरह मम्मी बातें करने लगी अंदाज तो यही था देखने वालो की मुठ जरूर गिरेगा आज । तभी कैमरा हिलने लगी । मम्मी मोबाइल को पकड़ के बिस्तर पर चढ़ गई ।
और मम्मी ने मोबाइल ऐसे रखा की कैमरा सीधा उनकी टांगो के बीच फोकास हो गया । मम्मी ने पैंटी नहीं पहनी थी उसने अपनी मोटी जांघें फैला दी । उनकी ड्रेस अपने आप जांघों से उठ गई । और मेरा गला सुख गया देख के कुछ इस तरह दिखाई दे रही थी मम्मी की chut
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बड़ा पाओ की तरह फूली हुई दाने सिकुड़ी हुई ऊपर की हिस्सा और भी फूली हुई। बस बिना शब्द बयान किए मेरे मन ने अपने आप कहा की मम्मी की चूत कितनी मस्तानी हे कितनी ही नमकीन होगी । कहते है जिस औरत की कूल्हे भारी हो गदराई हुई जिस्म हो उस औरत की चूत भी कसी हुई किसी भी लंद को छोटा बड़ा उसी हिसाब से कस के पकड़ रख के निचोड़ लेती हे । मेरा खयाल आया की मेरा लन्ड भी 6 इंच का है तो मेरा लंद भी मम्मी का चूत कस के पकड़ लेगी । थिरक थिरक मेरा लन्ड झटका मारने लगा और संकेत था की में मसलू नहीं ठीक से मूठ मारू। और जो होगा देखा जायेगा यह सोच के में मूठ मारने लगा ।
अब तक बस संका था लेकिन धीरे धीरे विश्वास हो गया की मम्मी पूरी तरह कंफर्ट हो गई हे विडियो डालने में । भले ही वो मम्मी की रोल में आती थी लोगो के सामने लेकिन उसकी हर एक हरकत सच्ची थी वो गर्म और उत्तेजित थी जो साफ साफ पता चलता था ।
मम्मी अपनी चूत की फांक को उंगली से सहलाती हुई बोली " लो देख लो मम्मी की पुसी। कैसा लगा आज मजा आया । देखो ये देखो लो" मम्मी अपनी उंगलियों से अपनी चूत की फांक खोल के दिखाया मम्मी की चूत की दरार में उनकी लाल हिस्सा नज़र आई जो कामरस से चिपचिपी सा नजर आ रही थी। मुंह में पानी आ गया था मन हुआ मम्मी की रसीली चूत चाटने को ।
मम्मी ने डिल्डो निकाली जो मैने ला कर दिया था । धीरे धीरे डिल्डो की टोपी से अपनी चूत सहलाने लगी और कहने लगी " बच्चो आज तुमेसे कौन मम्मी की लेगा "
सब चैट पर में में चिल्लाने लगे । लेकिन मम्मी ने एक को चून के बोली " एनसीआर राजू । हा आज तुम्हें मौका देती हूं आजा मम्मी के ऊपर चढ़ जा" ये बोल के मम्मी ने अपनी चूत पर डिल्डो डालने लगी धीरे धीरे।
मम्मी धीरे धीरे अपनी चूत पर डिल्डो डाल के अंदर बाहर करती हुई धीरे धीरे आहे भरने लगी । में भी मूठ मारने लगा मेरा कान गर्म महसूस हो रहा था जोश में मूठ मारने लगा । लेकिन तभी मम्मी बोली " ओह हो टाइम खतम हो गई हे । अब जिसको भी वीडियो चैट करनी है अकेले में वो टोकन खरीद के मुझे बस हेलो बोल दो । बाई बच्चों गुड नाईट और थोड़ी पढ़ाई भी कर लो । "
मम्मी ने वीडियो कट कर दी। मेरा भी मूड थोड़ा ऑफ हो गया लेकिन मैने दूसरे वीडियो देखा के मूठ मार के शांत हो गया। क्या एहसास था झड़ते वक्त बोहोत सकून मिला और फिर मुझे एहसास होने लगा की में कुछ ज्यादा ही बहक रहा हूं ये ठीक नही हे । और में लैपटॉप बंद कर के सोने की कशिश करने लगा ।
दूसरे दिन सुबह में कॉलेज गया और दोपरेह 3 बजे कॉलेज से लौटा। देखा मम्मी सोफे पे आराम से बैठ कर टीवी देख रही थी कोई नेटफ्लिक्स का शो देख रही थी। और गोद में एक पतीले में मटर छिल रही थी । मुझे देख कर बोली " आ गया तू "
में बस हा बोल के अपने कमरे में जा कर अपनी यूनीफ्रॉम चेंज कर के बनियान और हॉफपेंट पहन कर मुंह हाथ धो के डाइनिंग टेबल पर बैठ गया। मम्मी मुझे खाना पोरोचते हुए बोली " तुझसे एक बात करनी थी "
में रोटी तोड़ते हुए बोला " क्या बात मम्मी "
मम्मी सोचती हुई बोली " बेटा में सोच रही हूं एक इससे बड़ा घर ले लूं। तुम क्या कहते हो "
में रुका और सोचने लगा क्या ये सही है " घर । पर आपने तो पार्लर खुलने की बात की थी ...."
मम्मी बोली " हा वो भी हो जायेगा। मैंने एक मल के सामने एक किराए की दुकान देख कर आया है। और पैसों की भी बात कर ली हे । पर मेरे दिमाग में एक और खयाल है की ऐसी जगह एक घर ले लूं ताकि घर के सामने ही अपनी पार्लर भी खोल चकु
और तेरे पापा को भी एक दुकान खोल दूं शायद सुधार जाय कुछ जमीदारी ले। "
में बोला " ये सब तो ठीक है लेकिन इतने पैसा कहा से आयेंगे । मेरे अकाउंट में तो सिर्फ चार लाख रूपए है।"
मम्मी पहले तो मुस्कुराई लेकिन फिर थोड़ा झिझक के बोली " बेटा माफ करना वो मैंने सोचा की लेन देन मुझे ही करना हे तो सोचा की । वो मतलब मैने अपनी अकाउंट लिंक कर दिया । प्लीज बेटा बुरा मत मानना तुम्हे जब भी पैसा चाहिए मेरा atm ले जाना "
कुछ देर के लिए मुझे बुरा लगा लेकिन फिर समझने की कशिश की बात भी सही हे । तो मैंने बोला " अच्छा ही हुआ ना मम्मी इससे आपको जब भी कोई लेन देन करनी हो आपको मुझ से कहना नही पड़ेगा और हो सकता है आपको कभी लेन देन करने जरूरत पड़े और ने तब बाहर राहु "
मम्मी मुस्कुरा के बोली " मुझे अच्छा लगा बेटा तुम समझदार हो ।"
ऐसे ही कुछ इधर उधर की बाते करते हुए मैने खाना खतम किया । मम्मी बर्तन उठा कर सींक पर धोने लगी । में अभी भी कुर्सी पर बैठा था मैने पीछे मुड़ के देखा तो मैंने देखा मम्मी बर्तन माज रही थी और उसकी चूचियां हिल रही थी और थोड़ा नीचे लटकी हुई भी तो मुझे पता चला की मम्मी ब्रा नही पहनी थी । वो सफेद टी शर्ट और टाइट लैगिंग्स पहनी हुई थी जिससे उसकी मोटी उभरी हुई गोल मोटोल गांड का नजारा बोहोत कामुक दिखाई दे रही थी ।
मेरा मन मचल उठा पर मैंने सोचा की थोड़ा बोहोत हग कर के मजा लेने में क्या बुरा हे । आखिर लालच भी बुरी भला है। में उठा और धीरे धीरे चलते हुए मम्मी के पीछे खड़ा हो गया उसे आभास हुई पर उसने कुछ नही कहा ।
मम्मी की बदन महक रही थी मुझे मम्मी की घ्राण बोहोत कामुक लगा मेरा लन्ड में भी तनाव महसूस हुआ । में मम्मी की कमर में हाथ डाल के उनकी उभरी हुई पेट हाथो से लपेट के बाहों में भर लिया लेकिन जान बुझ के मैने कमर थोड़ा पीछे रखा ताकि मेरा खड़ा लंद मम्मी की गांड में चुभ के मम्मी को पता ना चले।
मम्मी मुस्कुरा के बोली " क्या बात हे आज मम्मी पर इतना लाड"
एक प्यार उमंग आया मम्मी के लिए और मैने दात पीच के कहा " मम्मी कभी कभी आप बोहोत प्यारी लगती हो मन करता है आपकी मुलायम गाल खा जाऊं " ये कहते हुए मेरे मन में मम्मी की आम खाने की खयाल थी । और मैने हल्के से उनकी गाल कट भी लिया ।
मम्मी हास पड़ी " बदमाश "
में मम्मी की कंधे पर ठंडी रख के बोला " आप बाई क्यू नेही रख लेती कितना काम करती हो । जिंदगी भर काम करती आई हो "
मम्मी बोली " क्यू की इसलिए काम करती हूं में मेरा बदन ठीक रहे सुस्त रहे । बैठे बैठे खाऊंगी तो बीमार जल्दी पडूंगी और मोटी हो जाऊंगी सो अलग ।"
मम्मी की बर्तन धोना भी हो गया था । वो कपरे पर हाथ पोछ के मेरी तरफ घूमी । मम्मी और मेरा चेहरा एकदम करीब था हमारी सांसें महसूस हो रही थी । मम्मी मुस्कुराते हुए देखने लगी " क्या । ऐसे क्या देख रहे हो "
में बोला मुस्कुरा के " आपकी आईब्रो बोहोत अच्छी लग रही हे । और चेहरा भी खिली खिली निखरी हुई गोरा लाल लग रही है क्या लगाती हो आप "
मम्मी मुस्कुराई " राज हे में नही बता सकती ।"
में हासा फिर एकदम से गंभीर भाव से अपना होंठ मम्मी के होंठो पर लगा दिया और दो पल के लिए मम्मी भी कुछ ना बोली और मैने धीरे से मम्मी की लबों को पीने लगा बस 10 या 12 सेकंड में ही मम्मी अपनी गर्दन पीछे कर के मेरे होठों पर उंगली रख के ना में सर हिलाते हुए मुस्कुरा के लेकिन एक समझदार लहेजे में बोली " ना बेटा । ऐसे किस नही होते "
और टपक से मेरे होठों पर अपनी बंद होठों पर चूम के बोली " बस इतना और ऐसे मां बेटे का प्यार होता है "
मम्मी मुस्कुराती हुई मेरे छीने पर ठप ठपा के बोली " अब तुम्हे गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए "
मम्मी ऐसा बोल कर अपनी कमरे में चली गई । तभी पापा भी आ गए लड़खड़ते हुए आ गए और सीधा अपने कमरे में चले गए। मुझे पापा की हालत देख के गुस्सा आया और अपने रूम में चला गया । लेकिन थोड़ी देर पहले जो हुआ उसको सोच के में बेचैन था ऐसा लगा जैसे ठंडा पानी डाल के मुझे ठंडा कर दिया हो। शर्म आने लगी खुद पर की क्यू में मम्मी को किस किया आखिर मां है मेरी ।
आखिर ये दिन भी तल गया पर मैंने खुद को बोहोत रोका पर नही रोक पाया बेलगाम घोड़े की तरह मम्मी की नंगी वीडीयो देख के मूठ भी मारने लगा । मम्मी हम जैसे आम इंसान की हिसाब से वीडियो अपलोड और लाइव और टोकन बेच के पर्सनल वीडियो चैट कर के बोहोत पैसा कमाने लगी । 20वे जन्मदिन पर मम्मी ने मुझे एक नई बाइक भी गिफ्ट में दी। किसी तरह की कमी ना पा कर में भी खुश था । पापा को थोड़ा थोड़ा सक होने लगा की हमे इतना पैसा इतना अच्छा रहन सहन कैसे मिल रहा हे । पापा ने मम्मी से पूछा भी लेकिन मम्मी हर बार बात घुमा देती थी ।
एक दिन मम्मी बोली " बेटा चलो हमे एक घर मिला है देख कर आते है"
में और मम्मी तैयार हो के बाइक पर चले गए । कुछ 30 km की दूरी थी हम पोहॉच गए । मम्मी मुझे चारों ओर दिखाने लगी " देखो चारों तरफ दुकान ही दुकान हे और लोगो की भीड़ भी हे। वो रहा हमारी होने वाली घर की रास्ता "
मम्मी और में दुकानों के बीच से निकली हुई रास्ते से चले गए और कुछ 500 मीटर दूरी पे एक सुंदर घर दिखा । घर दो मंजिला था इतना बड़ा भी नही था । हम उस घर के अंदर चले गए ब्रोकार हमे घर दिखाने लगा । हम घर पसंद आया ऊपर चार कमरे नीचे की फ्लोर पर एक किचन एक हल और एक रूम भी था । जो की स्टोर रूम के तौर पे था लेकिन हम उसे एक बेडरूम भी बना सकते थे ।
मम्मी और में काफी देर तक घर देख फैसला लिया। ब्रोकार ने 30 लाख की डील रखी पर मैंने आई मम्मी ने मस्का मार मार के 23 लाख में डील कर लिया । मम्मी कहा की आपसे दो दुकान भी तो खरीदना है । सामने मिल जाए तो अच्छा हे। दलाल भी खुश हो कर बोला की एक हफ्ते में आपको बढ़िया डील देंगे । मम्मी ने 5 लाख एडवांस दी।
फिर हम चले आए मम्मी और में बाते करते हुए धीरे धीरे आ रहे थे हम । सिटी से मैने हाइवे लिया लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद ही हमने देखा की रोड पर एक ट्रेलर पलटी खा के रोड पूरा ब्लॉक कर रखा । काफी भीड़ और पुलिस वाले मजूद थे । और पूरे रास्ते पर कोई तेल गिरी हुई थी जो चाह कर भी कोई गाड़ी भी किनारे से पार नहीं कर सकते थे ।
तो मुझे याद आया की पुराने फॉरेस्ट की और से एक रास्ता है लेकिन टेड़ी मेड़ी मोड़ के कारण लंबा पड़ता है और शाम भी होने लगी थी फिर भी मम्मी से मैने पूछा तो उसने बताया की पता नही यहां कितना समय लगेगा रास्ता खुलने में और क्या कर सकते है चलते है।
मैंने बाइक घुमाई मम्मी को बिठा के उस फॉरेस्ट की रास्ते से चलने लगा । रास्ता एक तो सुनसान था और ऊपर से रास्ता बोहोत खराब था । उबर खाबर उसी वजह से मम्मी ने मेरे कमर में कस के पकड़ रखी थी और उनकी एक चूची बार बार मेरी पीठ पर धस रही थी और मुझे सुखद एहसास मिल रहा था ।
मम्मी सड़क के किनारे टूटे फूटे घर को देख के बोल रही थी " एक जमाने में ये सब क्वार्टर देख के कितना अच्छा लगता था । इन क्वार्टर में बड़े बड़े ऑफचर रहते थे फैमिली के साथ । लेकिन अब देखो तो कैसे वीरान पड़ गया हे । मील भी खंडार बन गया है"
तभी बदल गरजने लगी और ठंडी हवा भी चलने लगी । तब इतना शाम हो गया था की मुझे बाइक की हैडलाइट की रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा था खराब रास्तों की गड्ढे देखने के लिए ।
मम्मी बोली " बेटा जल्दी चलो लगता है बारिश होने वाली है"
में बोला " मम्मी ऐसे रास्ते में जल्दी जायेंगे तो दोनो ऊपर पोहौच जायेंगे "
मम्मी मेरे पीठ पर मार के बोली ", शुभ शुभ बोल बदमाश "
में हास के बाइक चलाने लगा । लेकिन कुची देर में बारिश होने लगी । मम्मी कहने लगी " कहा फांस गया "
में बाइक चाह कर भी अब तेज़ नही चला सकता । बारिश भी अचानक तेज हो गई और मम्मी मेरे कान मे चिल्लाई " बेटा कही रुको बाइक । भीग गए तो बीमार पड़ जायेंगे "
में बाइक साइड में रोका और बाई तरफ एक टूटी फूटी क्वार्टर देख के बोला " मम्मी उधर चलो "
मम्मी और में लगभग दौड़ते हुए उस क्वार्टर की चट्ट के नीचे शर बचाने को चले गए । बरामदे में रह कर अपनी कपरे जाड़ने लगे लेकिन हम दोनो आधा आधी भीग चुके थे । मैंने मम्मी को देखा वो अपनी बालों को जाड़ रही थी। वो एक घुटनो के नीचे तक आने वाली स्लीवलेस कुर्ता पहनी हुई थी और नीचे जींस। गीले जुल्फों में बोहोत खूबसूरत लग रही थी ।
मम्मी मुझे ऐसे घूरते देख के बोली " अब क्या देख रहा है"
शाम भी हो गई थी थोरी थोरी दिखाई दे रहा था । में हास के बोला " आपकी मेकअप उतार गई हे भूतनी लग रही हो "
मम्मी मजाक में मेरी बाजू मे मार के बोली " मार खायेगा तेरी वजह से "
तो में बोला " अब मैंने क्या किया । मैंने बारिश बुलाया क्या "
मम्मी मुझे टेढ़ी नजर से देखती हुई चेहरे की पानी पोंछने लगी । में मुस्कुराने लगा और अपने जैप से रुमाल निकाल कर मम्मी की तरफ बढ़ाया हाथ " लाओ इधर "
मम्मी भी ठूंडी उठा कर चेहरा आगे कर दी । मैंने नजाकत से धीरे धीरे वक्त लेते हुए मम्मी की चेहरे को पॉचने लगा । अंधेरा हो रहा था फिर भी मम्मी का कम रोशनी में भी देख के मेरा ईमान डोल गया और मम्मी से मिन्नते की स्वर से बोला " मम्मी मुझे आपको हग करना है "
मम्मी इधर उधर इशारा कर के बोली " यहां कोई देखेगा तो गलत सोचेगा "
" कौन आने वाला है इस सुनसान रास्ते से इतनी बारिश में" मैने मम्मी की गले में बाहें डाल के उन्हे बाहों में भर लिया ।
मम्मी भी मेरे कमर में हाथ डाल के मेरी पीठ पर अपनी नाजुक हाथ रख के मेरे बाएं छीने पर अपनी गाल राख दी। बारिश की तेज़ आवाज़ में हमे अपनी सांसों की आवाज सुनाई और महसूस होने लगी । एक दूसरे की बदन की गरमाहट मम्मी की जिस्म की औरतों वाली नजुकता महसूस होने लगा मुझे और में मम्मी को बाहों में भर के आनंद में उड़ने लगा ।
कुछ एक मिनट बाद मेरी बाहों से निकलने के लिए कसमसाई तो में अपनी बाहुपेश जकड़ के बोला " जब तक बारिश नही रुकता तब तक में आपको नही छोडूंगा "
मम्मी को हसी आई उन्हे बचपना लगा मेरा । वो हास के बोली " ठीक हे मेरा बाबू । "
करीब 10 मिनिट तक हमने एक दूसरे की बाहों में समाए रहे और उन पोलो में हमारी कोई बात नही हुई बस हमारी सासें महसूस हुई बाहुबंधन का मीठा आनंद महसूस हुई ।
मैंने हिम्मत किया और दिल की प्यास मिटाने को मजबूर हो कर मैने प्यार से मम्मी की चेहरे को उठा कर अपने चेहरे के करीब रख के धीरे धीरे उनकी चेहरे को फुक मारने लगा मम्मी आंखे बंद कर के मुस्कुराई । और में उनकी चेहरे को चूम चूम के उनकी तरसती हुई निचले होंठ अपनी होठों में दबा लिया तो मम्मी तुरंत ना की हरकत करने लगी ।
पर मैने उनके चेहरे को थोड़ा जोर दे कर पकड़ा और उनकी होठ चूसने लगा । मम्मी चाहती तो मुझे धक्का दे कर थप्पड़ मार कर विरोध कर सकती थी लेकिन उसने ज्यादा विरोध नहीं दिखाई । में उसकी होठों को चूसने लगा मम्मी भी धीरे धीरे विरोध करना बंद कर देती है और फिर मम्मी मेरे कमर में हाथ रख देती है । तो मैंने उनके चेहरे से हाथ हटा कर उनकी कमर पर हाथ रख कर अपनी और कस के लपेट लिया मम्मी की मुंह से आह निकल आई । उनकी आंखे बंद थी मैंने उनकी होठों पर हल्का सा किस कर के बोला " मम्मी आई लव यू"
मम्मी जवाब नहीं देती है बस अपनी खोल के रखती हुई गहरी सांस लेती रहती है। में दुबारा उनको किस कर के बोला " मम्मी आई लव यू"
मम्मी इस बार भी कुछ ना बोली तो में उनकी होठ धीरेसे काट के फिर बोला " आई लव यू मम्मी "
मम्मी आंखे खोल के मेरे चेहरे को पकड़ के मेरी आखों में पैनी नजर से जागते हुए बोली " बेटा गलत है"
में बोला " कुछ गलत नहीं। प्यार जताना तरीका ऐसा ही होता है "
और में उनकी होठों को चूसने लगा । इस बार मम्मी मेरा बाल पकड़ के मेरे होठों से होठ अलग कर के बोली " आई लव यू। देर सारा आई लव यू मुन्ना। बोहोत प्यार करती हूं मुन्नू मेरा बाबू उन्ह्ह्ह "
और मम्मी खुद अपनी होठ से मेरा होठ चूसने लगी । मम्मी ने थोड़ी गर्दन टेढ़ी कर दी और मेंने भी विपरित दिशा में टेढ़ी कर लिया और किस करने में बोहोत सुविधा मिली । एक बार में मम्मी की होठ चूसता हूं और एक बार वो मेरी होठ चूसती है। जीव भी टकराते हुए खेलने लगे। मम्मी मेरे बदन में समा जाने की कशिश कर रही थी और में उनको जकड़ रहा था । क्या आनंद था क्या एहसास था मेरी पहली औरत थी और वो भी अपनी मम्मी ।
बारिश रुक गया में तो होश में ही नही रहा । मम्मी चुम्बन तोड़ के बोली " रात हो गई हे बारिश रुक गई है।अब चलो"
मन तो नहीं था पर जाना तो था हम दोनों बाइक जे पास गए लेकिन मैने ख्वाइश जताई " मम्मी दोनो तरफ पेड़ रख के बैठो ना "
मम्मी ने भी दोनो पेरो को ईर्द गिर्द टांगे रख के बाइक पे बैठ गई । मैंने मम्मी की दोनो हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख के बाइक स्टार्ट कर के बाइक चलाने लगा । एक दो किलोमीटर आराम से ही चलने लगा लेकिन अचानक एक गड्ढा के कारण तेज ब्रेक मारा तो मम्मी धक्का खा के मुझसे लिपट गई । अच्छा लगा मम्मी की नाजुक बदन का एहसाह ।
लेकिन ये क्या मम्मी ने मुझे मेरे छाती पर हाथ रखती हुई मुझसे और चिपक कर मेरे कंधे पर सर रख दी । मैंने प्यार से पूछा " मम्मी क्या हुआ "
मम्मी लाड से बोली " तुम बोहोत बिगड़ गए हो मुन्ना घर पोहोच्ते ही तेरी पिटाई करनी पड़ेगी "
में मुस्कुरा के बोला " मुन्ना बिगड़ेगा नही तो दादू बिगड़ेगा "
मुझे नही पता था मम्मी के मन में क्या चल रहा है उसने मेरे कंधे पर प्यार से मेरे कपड़ो के ऊपर ही काटा और बोली " तू घर पोहोच फिर बताती हूं "
में भी हस के चुप चाप बाइक चलाने लगा।
घर पोहोच कर हमने कपरे चेंज किए । मम्मी खाना बनाने लगी में अपने रूम में बैठ गया और सोचने लगा की मम्मी ने मेरा साथ दिया इसका मतलब उनको भी अच्छा लगा था लेकिन रिश्ते में बंधी हे मम्मी । पर हा ये तो गलत हे में अपने आपको कितना रोकने की कशिश करता हूं लेकिन मम्मी के सामने में बहक जाता हूं। कुछी देर में मम्मी मुझे खाना खाने को आवाज दी उसने पापा को भी उठने की कशिश की पर पापा नही उठा ।
मम्मी और में खाना खाने लगे मम्मी खाने में ध्यान थी वो मेरी तरफ ध्यान नही दे रहे थी और मेरे लिए ये बुरा संकेत जैसा लगने लगा । मुझे लगा अगली बार शायेद मम्मी पूरा विरोध करेगी और हो सकता हे बोहोत गुस्सा करेगी लेकिन उनके पास होने की एहसास से ही मेरा कुछ कुछ होने लगता था पता नही क्या चुम्बकीय आकर्षण था ।
रात को मुझे नींद नहीं आई । बस खुली आखों से पंखे को निहारता हुआ मम्मी के बारे भी सोच रहा था । बस अजीब अजीब खयाल आ रहे थे । रात के 12 बज गए मुझे नींद नहीं आया तो मैंने चैक किया की क्या मम्मी ने नया वीडियो डाला है पर नही मम्मी ने तीन दिन से वीडियो नही डाला है और लाइव भी नही आई है हा अगर किसी से पर्सनल चैट कर रही है तो वो मुझे पता नहीं था ।
अपने दिल की पंखों को बांध के रख नही पा रहा था । एक दर एक झिझक ले कर में मम्मी की कमरे की दरवाजा खटखटाया । कुछ देर में मम्मी ने दरवाजा खोला और नींद की आगोश में पूछा " क्या हुआ बेटा "
में मुंह नीचे कर के बोला " मुझे आपके साथ रहना हे"
मम्मी कुछ नही बोली और दरवाजा पूरा खोल के मुझे अंदर जाने की रास्ता दिया । और में घुस गया मम्मी सिल्की आरामदायक नाइत ड्रेस पहनी रखी एक ढीली टॉप और एक ढीली पैंट।
मम्मी ने बिस्तर पर लेट के मेरे लिए जगह दी ।पहले तो में मम्मी की तरफ पीठ कर के लेट गया और मम्मी मेरे कमर में हाथ रख के मुझसे पूछने लगा प्यार से " नींद नही आ रही हे क्या "
में कुछ नही बोला और मम्मी ने भी दुबारा कुछ नही पूछा । बस मेरा सर सहलाती रही मुझे अच्छा लग रहा था । और में धीरे से घूम के मम्मी की होठों पे किस करने लगा तो मम्मी फट से मेरे गाल पर थप्पड़ मार कर थोड़े गुस्से में बोली " पागल हो गए हो क्या । समझ नही आता तुझे में तेरी मां हूं "
मम्मी की थप्पड़ और उनकी दात चुभा मुझे नजरे झुकने लगा मेरा । और में धीरे धीरे उठ कर कमरे से निकल आया । और अपने कमरे में आ गया अब नींद कभी नही आने वाला था ।
सुबह उठा में नींद पूरी ना होने के कारण मेरी तबियत ठीक नही लग रहा था आंखे जल रही थी और थोड़ा दर्द भी लेकिन मुझे घर पर रहने दिल नही था । क्यू की में मम्मी का सामना नही करना चाहता था । में सुबह उठ कर नहा धो के छुप के से निकल गया अपना बैग ले कर में बाइक निकाल कर चला गया । वैसे तो दोस्त बोहोत थे लेकिन दो दोस्त मेरे करीब थे उनके पास चला गया दोनो ही पीजी में रहता था तो में उनके रूम में गया और कुछ चार घंटे में उनके रूम में सो गया था। जागा तो देखा मोबाइल पे मम्मी का 7 मिस्कल और मैसेज था की " हमे घर लेने जाना हे और पेपरवर्क भी करना हे । कहा हो जल्दी आ जाओ "
में दोस्तो से विदा ले कर निकला और रास्ते पर मैंने मम्मी को फोन किया । फ़ोन रिसीव करते ही मम्मी की दांत कहा हो क्यू कॉल नही उठाया कितना फिक्र हो रही थी यही बाते। मैंने कहा आ रहा हूं तो उसने बोला की वो हमारे नए घर पर हे वोही चला जाऊ ।
मैंने बाइक दौड़ाई और अपने नए घर पर पोहोचा । काफी लेट पोहोछा था तब तक मम्मी घर पुराने मालिक और दलाल के साथ सभी काम कर चुकी थी । वो लोग चले गए जब में घुस रहा था ।
मम्मी बाहें फैला के हल में घूमती हुई मुस्कुराती हुई खुशी जाहिर करने लगी । में बोला " अब ये घर हमारा हो गया क्या "
मम्मी बोली " हा पूरी तरह से । बस कोई लॉयर की एक दो फॉर्मेलिटी बाकी है एक हफ्ते में वो भी हो जायेगा। अगले हफ्ते की मैने मुहरत देख रखी है ।"
मैंने पूछा " मम्मी पापा को क्या कहोगे। पापा पूछा की इतने पैसे कहा से आए तो आप क्या बहाना देगी "
मम्मी की बोलती बंद हो गई और थोड़ा रुक कर नजरे झुका कर कहने लगी " जब तू कॉलेज जाता है तो तेरे पापा आ जाते हे । मुझसे पैसा मांगते हे और में माना करती हूं वो मुझपे इल्जाम लगाता है की में धंधे वाली हूं । अमीरों की बिस्तर गर्म कर के लाखों कमाती हूं बोलते है।"
पापा से तो कोई उम्मीद ही नही थी पर इतना बड़ा इल्जाम लगाएगा इतना मैनें सोचा नही था पापा के बारे में । में मम्मी के पास गया और मम्मी को गले लगा के बोला " दुखी मत हो मम्मी । उनका जाने दो कोई बात दिल पे मत लो उनकी । अब कुछ बचा नही उनमें। में हूं ना "
मम्मी की आखों से आसू आई और बोली " हा मैरी सारी खुशी अब तो तुझमें है उम्मीद भी तुम हो । बस तू खुश तो में खुश"
मैंने मम्मी की आसू पॉच के बोला " अब रो मत "
मम्मी बोली " कैसे ना रोऊं। तु भी कल बात पे नाराज हे"
में बोला " रात गई बात गई खतम । अब आगे की सोचों नया घर ले रहे हे पूजा पाठ कैसा करनी है ये सोचो "
मम्मी अब भी सुबक रही थी तो मैने बोला " अब बस करो मम्मी । ऐसे आप बोहोत प्यारी लग रही हो और जब आप प्यारी लगती हो तो में कंट्रोल खो देता हूं "
मम्मी एकदम गंभीर हुई बोली " बेटा तुम्हे समझना पड़ेगा । ये सब नही चलेगा ठीक नही हे ये "
में जवाब दिए बिना मुड़ के ऊपर की फ्लोर पर जाने लगा । मम्मी भी मेरे पिछे पिछे आई । में एक खाली कमरे में गया और कमरे की पेंटिंग देख कर बोला " ये कमरा में लूंगा "
मम्मी मुस्कुरा के शरारत से बोली " नही ये मेरा कमरा होगा "
में बोला " नही में लूंगा । खिड़की बड़ा हे बाहर का नजारा और रोशनी भी अच्छी आएगी । आप बगल लेना उसकी चट्ट तो और भी डिजाइन है"
मम्मी फिर बोली " नही मैने कहा ना में लुंगी "
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