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Fantasy Kaale Jadu ki duniya) adultery adventure magic

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Update 10

आज अमावस्या की वो शुभ रात है जब मैं अपनी आख़िरी 101 बलि चढ़ा के शैतान को खुश कर दूँगा...उनके आशीर्वाद से मैं हमेशा के लिए अजय अमर हो जाउन्गा...फिर मैं अकेला इस पूरी दुनिया पर राज करूँगा...हा हा हा.” त्रिकाल ठहाका लगा के हँसने लगा.

इधर चट्टान के पीछे छुपे तीनो भाई बहन यह सब सुन रहे थे. उनको पता चल गया था कि आज त्रिकाल की आख़िरी बलि है, अगर आज उसे ना रोका गया तो वो पूरी दुनिया मे कोहराम मचा देगा.

“जाओ उस नयी लड़की को ले आओ...बलि का वक़्त आ गया है...” त्रिकाल शेर की तरह दहाड़ा. उसके आदेश पर उसके कुछ शिष्य अंदर एक कोठरी से एक लड़की को बाहर ले आए. वो लड़की कोई और नही सलमा थी और वह भी पूरी नंगी.

सलमा को त्रिकाल के चंगुल मे देख अर्जुन का खून खौल उठा. पर करण और काजल ने उसे समझाया और कोई भी ग़लत कदम उठाने से रोका.

“आअह...यह तो एक रूप सुंदरी है....इसे भोगने मे बहुत मज़ा आएगा...हा हा हा..” त्रिकाल की आँखे सलमा के गोरे चिकने जिस्म को देख कर चमक उठी.

“छोड़ दो मुझे....कॉन हो तुम लोग....मुझे प्लीज़ जाने दो..” सलमा अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली. तभी त्रिकाल के शिष्य ने उसे खीच के एक तमाचा मारा और वो वही ज़मीन पर गिर गयी.

तमाचा इतना ज़ोर का था कि सलमा का पूरा जबड़ा हिल गया. उसकी आँखो से आँसू बहने लगे. दूर चट्टानो के पीछे से अर्जुन उसे देख रहा था, पर वो चाह कर भी कुछ नही कर सकता था.

“पकडो इसे...और मेरे पास ले आओ..” त्रिकाल ने आदेश दिया. उसके शिष्यो ने सलमा के बाल पकड़ कर घसीट ते हुए उसे त्रिकाल के कदमो मे ला के गिरा दिया. इतनी ज़ोर से बाल खिचने की वजह से सलमा तड़प उठी और उसके सर से खून बहने लगा. वहशिपन का बड़ा गंदा नज़ारा था वो.

जब सलमा त्रिकाल के सामने खड़ी हुई तो वो उसके सामने कोई बच्ची लग रही थी. त्रिकाल का विकराल शरीर सलमा के फूल से बदन के सामने किसी राक्षस के समान लग रहा था.

त्रिकाल ने झुक के एक झटके मे ही सलमा को एक हाथ से उठा लिया और उसे बलि वेदी पर ले जाकर पटक दिया. सलमा अपने आपको छुड़ाने की बहुत कोशिश करने लगी पर त्रिकाल के सामने उसकी एक नही चल रही थी.

बलि वेदी के उपर शैतान की एक बड़ी सी ख़ौफफनाक मूर्ति थी जिसकी आँखे लाल लाल चमक रही थी. वो मूर्ति इतनी डरावनी थी कि अगर कोई कमज़ोर दिल का व्यक्ति उस मूर्ति को देख ले तो उसको वही दिल का दौरा आ जाए.यह सब तीनो चट्टान के पीछे से देख रहे थे, पर वो मजबूर थे. इधर त्रिकाल ने अपना काला चोगा उतार दिया और उसका भीमकाय हबशी शरीर नंगा हो गया. उसका पूरा शरीर बालो से किसी भालू की तरह भरा हुआ था. वो बहुत कुरूप और बदसूरत था. सलमा उसे ख़ौफ्फ भरी निगाहो से देख रही थी. ऐसा राक्षस जैसा आदमी उसने कभी नही देखा था.

जब सलमा ने त्रिकाल के झूलते हुए काले लौडे को देखा तो उसके होश उड़ गये. किसी हाथी के लौडे के समान त्रिकाल का लॉडा भी विकराल था करीब एक फुट लंबा और बहुत मोटा, एकदम उसके चेहरे की तरह काला जो किसी आम आदमी का हो ही नही सकता था. लौडे की नसे उभर कर साफ दिखाई दे रही थी. भीमकाय लौडे के नीचे भीमकाय अंडकोष लटक रहे थे जिसमे ना जाने कितना वीर्य भरा था. त्रिकाल उसे बड़ी वासना भरी नजरो से देख रहा था.

“हे मेरे शैतानो के देवता...मैं आज यह आख़िरी 101वी कुवारि लड़की को तुझे बलि के रूप मे सौंप रहा हू.....मेरी बलि स्वीकार करना...” त्रिकाल ज़ोर से दहाड़ता हुआ बोला.

जो उसके साथ आगे होने वाला था वो सोच कर सलमा बिलख बिलख कर रोने लगी, “प्लीज़ मुझे छोड़ दो....मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है....मुझे प्लीज़ मत मारो...मैं जीना चाहती हू...” सलमा गिडगिडाने के सिवा और कुछ नही कर सकती थी.

“चुप हो जा साली रंडी...तू आज रात मेरी वासना की भूक को शांत करेगी...अभी शैतान मेरे शरीर मे प्रवेश कर के तेरे साथ संभोग करेगा...फिर तेरी बलि उसे चढ़ाई जाएगी....हा हा हा..” त्रिकाल ठहाका लगाके हँसने लगा.

फिर उस गुफा मे अचानक धूआ सा फैल गया. करण अर्जुन और काजल ने देखा कि शैतान की मूर्ति से कुछ साया निकल के त्रिकाल के शरीर मे घुस गया. उस साए के घुसते ही त्रिकाल की आँखो मे खून उतर आया और वासना से पागल हो गया.

किसी जंगली जानवरो की तरह वो फूल सी नाज़ुक सलमा पर टूट पड़ा और उस से अपनी वासना की प्यास बुझाने लगा. इधर कारण अर्जुन और काजल को यह सब देख कर बहुत दुख हो रहा था. बेचारी सलमा का क्या कसूर था कि भगवान उसे ऐसी सज़ा दे रहा है.

सारे तांत्रिक शिष्य अपने काले जादू मे लीन हो गये. इधर सलमा चीखती चिल्लाती रही, त्रिकाल से रहम की भीक मांगती रही पर उस शैतान पर कोई असर नही पड़ा.

त्रिकाल के बड़े बड़े कठोर हाथ सलमा की नाज़ुक चुचियो को बड़े ज़ोर से दबोच रहे थे. ऐसा लग रह था कि कोई शेर किसी बकरी के उपर लेटा हो. अपनी चुचि को इतने ज़ोर से मसले जाने पर सलमा चीख उठी. त्रिकाल ने उसके निपल को इतने ज़ोर से मूह मे लेकर काटा कि वहाँ से खून बहने लगा.सलमा बचने की नाकाम कोशिश कर रही थी. उसको इतना दर्द हो रहा था कि उसे लगा कि वो उस दर्द से ही मर जाएगी. त्रिकाल के कठोर हाथ सलमा की कमसिन बुर को बड़े बेरहमी से सहला रहे थे. सलमा को बहुत दर्द हो रहा था जिसके कारण वो अपने होश संभाल के नही रख पाई और बेहोश हो गयी.

त्रिकाल मे समाए शैतान की वासना चरम पर थी. उसने सलमा को बड़े गौर से देखा. सलमा के पूरे जिस्म पर काटने और चिल्लाने के निशान थे. चुचियो के निपल और होंठो के किनारे से लगातार खून बह रहा था. सलमा की गोरी गान्ड पर भी त्रिकाल के नाखूनो के निशान थे जो उसके वहशिपन का सबूत थे.

“अब यह लड़की हमेशा के लिए शैतान की हुई....हा हा हा..” त्रिकाल के अंदर समाए शैतान ने ठहाका लगा के कहा. वो अपने हाथ मे अपना एक फुट लंबा काला हलब्बी लॉडा हिला रहा था. उसके लौडे का सुपाडा बहुत की विकराल और डरावना था.

उसने अपने शिष्यो को इशारा किया जो काला जादू करने मे लगे हुए थे. वो सबने भी अपना चोगा उतार दिया और नंगे होकर त्रिकाल के पास आ गये. उन सब के लौडे भी हुंकार भर रहे थे. इशारा पाते ही उनमे से एक ने बेहोश पड़ी सलमा का मूह खोलकर अपना बदबूदार लॉडा अंदर पेल दिया और उसके मूह मे ही झटके मारने लगा.

दो शिष्य सलमा की दोनो चुचियो पर टूट पड़े और बेरहमी से उसका दूध पीने लगे. अभी सलमा बेहोश थी, कम से कम इस दर्द से अंजान थी. त्रिकाल ने अपनी एक उंगली सलमा की गान्ड के अंदर कर दी. अगर सलमा बेहोश ना होती तो उसको बहुत दर्द होता.

“बलि का वक़्त निकला जा रहा है, तांत्रिक राज त्रिकाल...” त्रिकाल के एक शिष्य ने उसको याद दिलाया.

त्रिकाल का हलब्बी लंड किसी साँप की तरह फुफ्कार रहा था उसने अपना सुपाडा बेहोश सलमा की चूत पर टिका के उसपे तेल मलने लगा, जिस से सलमा की चूत और उसका विकराल लंड दोनो तेल मे नहा गये.

वासना का ऐसा गंदा खेल देख कर करण अर्जुन और काजल के सर शर्म से झुक गये. ख़ास कर काजल का जिसे ऐसा दृश्य अपने भाइयो के साथ देखना पड़ रहा था.शैतान की जय हो.....” हुंकार भरते त्रिकाल ने सलमा की गान्ड को दबोच कर अपने फुफ्कार्ते लौडे का भयंकर झटका सलमा की बुर पे मारा और उसका सुपाडा चूत को किसी चाकू की तरह चीरता हुआ अंदर प्रवेश कर गया.

बेहोश सलमा को इतना तेज़ दर्द हुआ कि उसको होश आ गया और वो छटपटाने लगी. बेचारी चीख भी नही पा रही थी क्यूकी उसके मूह मे पहले से ही एक मोटा लंड फसा पड़ा था. ऐसा दर्द उसने अपने पूरे जीवन मे कभी महसूस नही किया था. उसकी चूत मे तेज़ जलन हो रही थी और उपर से दो तांत्रिक उसकी दोनो चुचियो को ऐसे चूस रहे थे जैसे उसके निपल को उसकी चुचियो से उखाड़ देंगे.

इतने विशाल लंड ने सलमा की चूत की दीवारो की सारी नसे फाड़ दी थी जिनसे बेतहाशा खून बह रहा था. इतना ज़्यादा खून निकलने से सलमा ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, पर उसकी आवाज़ उसके मूह मे ठूँसे लंड की वजह से दब कर रह गयी.

यह दृश्य चट्टान के पीछे छुपि काजल देख ना सकी. आख़िर वो भी एक औरत थी और वो औरतो का दर्द अच्छे से समझती थी इसलिए उसने अपना मूह फेर लिया. करण और अर्जुन भी ऐसा दर्दनाक दृश्य देख कर भावुक हो गये और उनकी आँखे भी नम हो गयी.

इधर त्रिकाल ने सलमा की टाइट चूत मे फँसे अपने बालिश्ट लंड का एक तगड़ा झटका ऐसा मारा कि उसके लौडे ने सलमा की चूत की दीवारो को ज़रूरत से ज़्यादा फैलाते हुए सारी नसों को फाड़ कर पूरा अंदर घुस गया और बच्चेदानी से जा टकराया. खून की ताज़ा धार सलमा की चूत से बह निकली और सलमा दर्द की दबी हुई चीख मारते हुए अपना सर इधर उधर पटाकने लगी. दर्द इतना असहनीय था कि वो फिर से बेहोशी की दुनिया मे चली गयी.

“देख शैतान...आज मैने तेरे लिए यह कुवारि लड़की से संभोग किया है...अब इसकी बलि स्वीकार करना...हा हा हा..” त्रिकाल को लेकिन यह नही पता था कि सलमा एक बार पहले ही अर्जुन के लंड से चुद चुकी थी. त्रिकाल का लॉडा था ही इतना विकराल कि अगर वो फटे हुए भोस्डे को भी चोदे तो भी उसको फाड़ के उसमे से खून निकाल दे. इसी चक्कर मे त्रिकाल को यह नही पता चल पाया कि सलमा अब कुवारि नही थी बल्कि चुदि चुदाई थी.

खैर यह सब से अंजान त्रिकाल तो अपनी वासना शांत करने मे लगा था. ताबड़तोड़ धक्को से बेहोश सलमा का पूरा जिस्म हिचकोले खा रहा था. बाकी शिष्य अब तक सलमा के मूह और दोनो चुचियो को अपने वीर्य से नहला कर हट चुके थे.
अगर त्रिकाल का लॉडा हाथी की तरह था तो वो चोदता भी हाथी की तरह था. वो अपना लंड सुपाडे तक निकाल के दोबारा सलमा की कमसिन चूत मे पेल देता था. करीब एक घंटे लगातार चोदने के बाद त्रिकाल हाफने लगा हुंकार भरते हुए ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.अब वो झड़ने वाला था. सलमा बीच बीच मे होश मे तो आती थी लेकिन दर्द की वजह से दोबारा बेहोश हो जाती थी. त्रिकाल ज़ोर ज़ोर से लौडे को चूत मे पेल रहा था. अब उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने लौडे को चूत मे अंदर बच्चेदानी तक पेल के झड़ने लगा. लंड से गरम गरम गाढ़ा वीर्य निकलते ही सलमा हो होश आ गया. उसने अपने गर्भ मे त्रिकाल का गरम वीर्य भरता महसूस किया और वह ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

लौडे से इतना ज़्यादा वीर्य निकल रहा था कि चूत पूरी तरह से गाढ़े गरम वीर्य से लबा लब भर गयी थी. दस आदमियो के बराबर अकेले का वीर्य निकला था त्रिकाल के अंडकोष से. लॉडा बाहर खीचने के बाद चूत से वीर्य बाहर चुहुने लगा और उसकी गान्ड के छेद मे घुसने लगा.

“यह ले शैतान....मैने तेरी वासना को शांत कर दिया...अब इस लड़की की बलि के बाद तुझे अपना वादे पूरा करना पड़ेगा और मुझे अमर बनाना पड़ेगा...” दहाड़ता हुआ त्रिकाल सलमा से उठ खड़ा हुआ.

सलमा बिल्कुल बेजान पड़ी थी. किस्मत ने भी उसके साथ कैसा खेल खेला था. एक तो जिसे उसने इतना प्यार किया उसने उसका बलात्कार किया और आज किसी काला जादू करने वाले तांत्रिक ने उसकी इज़्ज़त की धज्जिया उड़ा दी. अब अगर वो उसका बलि दे भी दे तो कोई गम नही था उसे क्यूकी ऐसी ज़िल्लत भरी जिंदगी वो नही जीना चाहती थी. अगर वो त्रिकाल से बच भी जाती तो सुसाइड कर लेती.

करण अर्जुन और काजल ने ऐसा नज़ारा कभी नही देखा था. उन्हे उस वहशी दरिंदे पर पर बहुत गुस्सा आ रहा था. तभी उन्होने देखा कि त्रिकाल के शरीर से वो काला साया निकल कर वापस शैतान की मूर्ति मे समा गया.

“अब इस लड़की को बलि चढ़ाने की बारी है....अब मुझे अमर होने से कोई नही रोक सकता...इस बलि के बाद शैतान साक्षात मुझे दर्शन देंगे और मुझे अमर बना देंगे....हा हा हा..” हंसता हुआ त्रिकाल पास मे पड़ी हुई कुल्हाड़ी उठा लिया.
अर्जुन से अब नही रहा गया, वो उठ कर त्रिकाल से लड़ना चाहता था, वो अपनी सलमा को हर हाल मे बचाना चाहता था, लेकिन मौके की नज़ाकत देख कर करण ने उसे शांत करवा दिया. उसे पता था कि कोई भी त्रिकाल के काले जादू के सामने नही टिक पाएगा.

“तय्यार हो जा लड़की मरने के लिए...तू उन 101 खुशनसीब लड़कियो मे से है जिन्हे शैतान की वासना शांत करने का मौका मिला है....” हुंकारता हुआ त्रिकाल बोला.सलमा ने अपनी मौत निश्चित समझ कर अपनी आँखो को बंद कर लिया. वो अपने को याद करने लगी. उसे पूरा विश्वास था कि एक ना एक दिन का कोई बंदा आएगा और इस दुष्ट तांत्रिक को मार कर बुराई पर सच की जीत साबित करेगा.
कुल्हाड़ी का वार हुआ और सलमा का खूबसूरत चेहरा उसके सर के साथ उसके धड़ से अलग हो गया.

अर्जुन यह सब दहशत भरी निगाहो से देख रह था. उसके सामने उसकी प्रेमिका से बलात्कार कर के मार दिया गया और वह कुछ ना कर सका. करण का भी यही हाल था.

लेकिन काजल से यह घिनोना दृश्या देखा नही गया. सलमा का सर कट ते ही उसकी चीख निकल पड़ी. अर्जुन और करण ने जब तक काजल का मूह बंद किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी. त्रिकाल का ध्यान उस तरफ चला गया था जहाँ वो तीनो छुपे हुए थे.

“हे भगवान अब क्या करे....” अर्जुन बोला.

“अब तो भागने मे ही भलाई है....” करण बोला और भागने लगा. उसके पीछे अर्जुन भी था लेकिन काजल वही खड़ी रही. सलमा की मौत और बलात्कार को अपनी आँखो से देखने के बाद वो सदमे मे आ गई थी.

करण और अर्जुन जब तक वापस आते तब तक देर हो चुकी थी. उनके सामने त्रिकाल के दो शिष्य काजल को पकड़े खड़े थे.

“कमिनो जाने दो मुझे....भैया बचाओ मुझे...” काजल अपने आपको छुड़ाने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली.

“छोड़ दे हमारी बहन को वरना यह खंजर सीधा तेरे सीने के आर पार कर दूँगा...” अर्जुन जेब से खंजर निकालते हुए बोला.

तब तक त्रिकाल भी वहाँ आ गया. उसने अपना हाथ फेरा और काले जादू के असर से खंजर अर्जुन के हाथ से अपने आप निकल कर दूर जा गिरा. “कॉन है यह कुत्ते और यहाँ क्या कर रहे है...” त्रिकाल गुस्से मे गुर्राया.

“मालिक यह लोग हमे छुप कर तन्त्र साधना करते हुए देख रहे थे...शायद टीवी रिपोर्टर लगते है...” त्रिकाल के एक शिष्य ने कहा जो एक हाथ से काजल को पकड़ के रखा था.

“कमीने जिस लड़की का अभी तूने बलात्कार किया और उसे जान से मार दिया वो मेरी मंगेतर थी...” अर्जुन का खून पास मे पड़ी सलमा का कटा हुआ जिस्म देख कर उबल रहा था.

“जब तुम कुत्तो ने मुझे इतना करते देख ही लिया है तो आगे भी देख लो कि मैं कैसे अमर होता हू...हा हा हा....पकड़ लो इन दोनो को..” त्रिकाल ने भारी आवाज़ मे अपने शिष्यो को आदेश दिया.

करण और अर्जुन ने पलटवार करने की कोशिश की पर त्रिकाल के काले जादू के सामने उनके हाथ पैर वही जम गये और उसके शिष्यो ने करण अर्जुन को आसानी से पकड़ लिया.

त्रिकाल का समय खराब हो रहा था इसलिए उसने जल्दी से सलमा का कटा हुआ सर शैतान की खौफ्फ्नाक मूर्ति को अर्पण कर के तन्त्र साधना करने लगा.
“अब मैं अमर हू....मुझे कोई नही मार सकता...हा हा हा...पूरी दुनिया मे मेरा राज होगा..” तन्त्र साधना पूरी हो जाने के बाद त्रिकाल ठहाका लगा के हँसने लगा.

पर आश्चर्य की बात त्रिकाल के लिए यह थी कि शैतान ने उसे अभी तक दर्शन नही दिए. त्रिकाल का माथा चकरा गया कि आख़िर जब उसने आख़िरी लड़की की बलि चढ़ा दी तो शैतान उसे दर्शन क्यू नही दे रहा.

तभी शैतान की मूर्ति से एक आवाज़ आई, “मूर्ख त्रिकाल तूने मेरी काम वासना तो शांत कर दी पर जिस लड़की की बलि तूने चढ़ाई है वो कुवारि नही है...उसका कौमार्य पहले ही भंग हो चुका था
...”
 

Yug Purush

सादा जीवन, तुच्छ विचार
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Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 25th March ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th April 2025 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.

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