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में रोहित 18 , अपने अपार्टमेंट की छत पर सिगरेट फूंक रहा था और सामने से नीचे के फ्लैट की खिड़की की तरफ झांक रहा था जिसमे एक मस्त आंटी मॉडर्न ड्रेस पहनकर झाड़ू लगा रही थी तभी पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा ।
मेने घूमकर देखा तो सामने हरि अंकल थे जो हमारे अपार्टमेंट में पांचवे तल्ले पर एक मात्र फ्लेट के मालिक थे क्योंकि बाकी के तीन फ्लेट खाली थे । हरि अंकल को देखकर में डर गया और सिगरेट फर्श पर गिर गयी जिसे हरि अंकल ने उठाया और बोले ।
हरि अंकल ,--बेटा इतनी महंगी सिगरेट को तूने आधी पीकर फेंक क्यों दिया।
मैं ,--वो....... अंकल सॉरी .
हरि अंकल ,--सॉरी क्यो बेटा ,ले पी में भी ऊपर सिगरेट पीने ही आया था ।
मैं ,--नही अंकल ,गलती हो गयी आगे से नही पियूँगा । इतना बोलकर में रोने लगा ।
हरि अंकल ने मेरे सर पर हाथ रखा और बोले ,--अरे रो क्यों रहे हो में किसी को कुछ नही बोलूंगा ।
में अपने आंसू पोछकर ,--पक्का अंकल ।
हरि अंकल ,--पक्का लेकिन मुझे तुम झूठ नही बोलोगे तब ।
में ,--प्रॉमिस अंकल ,आप पूछिये ।
हरि अंकल ,--ठीक है चलो फिर नीचे मेरे रूम में वहीं बात करेंगे ।
उसके बाद हम दोनों हरि अंकल के फ्लैट में आये जहां हरि अंकल अपने तीन बी एच के के फ्लैट में अकेले रहते थे क्योंकि आंटी एक साल पहले मर चूकी थी और बेटा यू एस चला गया था और बेटी की शादी हो चुकी थी ।
में अंकल के फ्लैट में पहली बार आया था जो अच्छे ढंग से डेकोरेट किया हुआ था अंदर आकर हरि अंकल मुझे अपने बेडरूम में ले गए जो अस्त व्यस्त पड़ा था और उसमे मैगजीन और सी डी बिखरी पड़ी थी ।
किंग साइज बेड पर बेठकर अंकल ने सिगरेट सुलगाई और सिगरेट का पैकेट मुझे देकर बोले ,--लो पियो ।
मैं पैकेट लेने से गर्दन हिलाकर इनकार करने लगा तो अंकल बोले ,--रोहित बेटा डरो मत ,में हूँ ना । तुझे जब भी सिगरेट पीने का मन करे मेरे पास आ जाना ।
में ,--पर अंकल ।
हरि अंकल ,--पर वर कुछ नही अब तू इतना भी छोटा नही की तुझे डर लगे देख तेरी मूछें निकलने लगी है ।
इतना बोलकर हरि अंकल ने मेरे हाथ मे सिगरेट का पैकेट थमा दिया जिसे मेने पकड़ लिया तो हरि अंकल ने कहा ।
हरि अंकल ,--अब सुलगा भी ले ,वैसे भी तेरी आधी सिंगरेट तो खराब हो गयी ।
मेने धुजते हाथों से सिगरेट सुलगाई तो हरि अंकल ने मुझे आंखों से हिम्मत दी और एक कश लगाने के बाद बोले ।
हरि अंकल ,-रोहित बेटा मेरा दोस्त बनेगा ।
मैं ,--पर अंकल आप तो मेरे से बहुत बड़े हैं ।
हरि अंकल ,--बेटा दोस्त बड़े छोटे नही होते बस दोस्त होतें है ,में तेरी आंटी के मरने के बाद बहुत अकेला हो गया हूँ और दिनभर अकेला बोर हो जाता हूं ।इसलिए मेरा दोस्त बन जा ।
मैं ,--ठीक है पर आप किसी को बोलना मत ।
हरि अंकल ,--नही बेटा ,उल्टा में तो कहता हूँ तू किसी को मत बोलना की हम दोस्त है ।
मैं ,--ठीक है अंकल ।
हरि अंकल ,--तो फिर अपने दोस्त को एक बार नाम से बुला फिर ।
मैं ,--ह....री ।
हरि अंकल ,--शाबास ,अब मुझे सच सच बता तू सिगरेट पीते हुए रेणुका को देख रहा था ना ।
मैं ,--नही ,वो........
हरि अंकल ,--रोहित दोस्त से छुपाते नंही खुलकर बोलते हैं । ओके
में ,--जी अंकल वो रेणुका आंटी बहुत मॉडर्न ड्रेस पहनती है तो अच्छी लगती है ।
हरि अंकल ,--हां साली पूरी सोसाइटी में आग लगा कर रखती है ।तुझे उसमे सबसे ज्यादा क्या अच्छा लगता है मुझे तो उसकी बड़ी गाँड अच्छी लगती है ।
अंकल ने जब खुलकर गाँड शब्द बोला तो मेरे मन और लण्ड दोनों को झटका लगा और लण्ड में पहली बार तनाव महसूस हुआ ।
मैं ,--मुझे तो अंकल उसकी अर्धनग्न छाती देखने मे मज़ा आता है
अंकल ,--गुड, लगना भी चाहिए वैसे भी अब तुम जवान हो रहे हो । अंकल ये बोलकर अपने लण्ड को पजामे के ऊपर से मसलने लगे जो काफी विशाल लग रहा था।
मेरी नजर अंकल में लण्ड पर थी तभी मुझे उनके पास एक मैगजीन दिखी जिसमे एक मॉडल बिकनी पहने थी में उसको घूर रहा था तभी अंकल ने वो किताब अठाई और बोले ।
अंकल ,--देखनी है क्या फोटो , ये लो ।
मेने ना नुकर करते हुए किताब पकड़ी तो अंकल ने पन्ने पलटने शुरू किए जिसमे अंदर एक से एक सुंदर मॉडल ब्रा पेंटी और बिकनी में थी । जिनको देखकर मेरे पेंट में हलचल शुरू हो गयी और पहली बार लण्ड खड़ा होकर पेंट को उठा दिया जिसे देखकर अंकल बोले ।
अंकल ,--रोहित तुम तो पूरे मर्द बन चुके हो देखो तुम्हारा लण्ड खड़ा हो गया ।
अंकल की बात सुनकर में शरमा गया और लण्ड को बिठाने का प्रयास करने लगा जिसे देखकर अंकल बोले ।
अंकल ,--अरे ये छुपाने कीचीज नही है बल्कि दीखने की चीज है इसी के लिए तो लड़कियां पागल रहती है आरामसे बेठकर देखो इन हसीनाओं की मदमस्त जवानी ,
मैं अंकल की बात से थोड़ा रिलेक्स हुआ और पन्ने पलटकर देखने लगा ।अंकल जब तक कॉफी बनाकर लाये तब तक पूरी बुक खत्म हो गयी तो अंकल बोले ।
अंकल ,--मेरे पास ऐसी बहुत सारी किताबें है तुम को जब सिगरेट पीनी हो मेरे पास बेझिझक आ जाना और देख लेना ।
उसके बाद दोनों ने एक दूसरे के राज किसी को नही बताने का बोलकर मैं अपने खड़े लण्ड के साथ खड़ा हुआ और अंकल को बाय बोलकर नीचे आ गया ।
नीचे मम्मी खाना बना चुकी थी उसने मुझे खाना दिया जिसे खाकर में जल्दी से रूम में गया और नंगा होकर उस किताब की फोटोज को याद करके मूठ मारकर सो गया।
अगले दिन उठकर स्कूल गया और शाम में छह बजे मम्मी को दोस्तों के साथ खेलने की बोलकर ऊपर गया जहां पर अंकल के फ्लैट की बेल बजाई तो अंकल ने गेट खोला और मेरे को गले लगा कर बोले।
अंकल ,--वेलकम फ्रेंड में तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था ।
मैं ,--क्यों अंकल ।
अंकल ,--अकेला बोर हो जाता हूँ इसलिए ।
उसके बाद हम अंदर आये तो अंकल ने मुझे सिगरेट का पैकेट दिया और दोनों पीने लगे ।
अंकल ,--और बता दोस्त रात में मज़ा आया ।
मैं ,--कैसे अंकल ।
अंकल ,--अब तुम जवान हो चुके हो तो तुमने मूठ तो मारी ही होगी ।
मैं शरमाकर नीचे देखने लगा तो अंकल ने मुझे फिर से जवान होने का हवाला दिया और एक किताब पकड़ा कर बोले ।
अंकल ,--लो तुम जैसे जवान मर्द को इस उम्र में यही पढ़ना चाहिए तभी कुछ सिख पाओगे ।
मैं अंकल के हाथ से बुक लेकर पढ़ने लगा और अंकल कॉफी बनाने चले गए मस्त राम की उस किताब का टाइटल पढ़कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया जिसका शिर्षक था सलमा की चुदाई । उसके बाद कहानी पढ़ना शुरूकिया तो लण्ड प्रीकम छोड़ना शुरू कर दिया ।आधी कहानी पढ़ने केबाद मेरा ध्यान भंग हुआ जब अंकल ने मुझे कॉफी पीने को कहा तो मेने अपना हाथ लण्ड पर से हटाया तो अंकल बोले ।
अंकल ,--कैसी है दोस्त कहानी ।
मैं ,--मस्त है अंकल ।
अंकल ,--पानी निकला या नही ।
मेने इनकार में सर हिलाया तो अंकल बोले ,--कोई बात नही तू एक काम करना ये बुक लेजाना और रात में आराम से पढ़कर मूठ मारना ।
मैं अंकल की बात पर कुछ नही बोला और कॉफी पीने लगा । कॉफी पीने के बाद कुछ देर बात की फिर अंकल ने वो किताब मुझे दी जिसें में शर्ट के अंदर छुपाकर नीचे आ गया ।
नीचे आकर जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर रूम बन्द करके नंगा हो गया और किताब में कहानी पढ़कर मूठ मारने लगा । चुदाई की वो कहानी पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया और में बहुत जल्द झड़ गया और मूठ मारकर सो गया ।
उसके बाद ये मेरा रोज का रूटीन हो गया अंकल ने शुरू शुरू में तो मुझे नॉर्मल चुदाई की कहानी की किताब देते फिर मुझे एक दिन बहन की चुदाई की किताब दी जिसे पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया ।
और फिर में मांग कर बहन की चुदाई की कहानियाँ की किताबें पढ़कर मूठ मारने लगा ।
ऐसे ही दो महीने तक चलता रहा कि एक दिन मेरी नजर माँ की चुदाई की किताब पर पड़ी तो मेने वो किताब उठा ली और जब रात में उस किताब को पढ़कर में उसमे खो गया उसमे में खुद को कहानी का हीरो समझने लगा और मेरी मोम मुझे उसमे हेरोइन की तरह दिखने लगी क्योंकि हेरोइन फिगर विल्कुल मम्मी जैसा ही बताया गया था ।
उस रात मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आया और वीर्य भी बहुत निकला लेकिन मोम का पूरा शरीर मुझे नंगा दिखा सोचकर मुझे थोड़ा ग्लानि महसूस हुआ । पर मुझे बहुत मज़ा आया,मन मे संतुष्टि हुई और में सो गया ।
अंकल से मेरी खुलकर बात होने लगी थी अब हम दोनों दोस्तों की तरह खुलकर चुदाई की बातें करने लगे थे साथ ही ब्लू फिल्म भी देखने लगे थे ।अंकल ने मुझे सिगरेट के साथ थॉडी थॉडी बियर भी पिलानी शुरू कर दी थी जो मुझे अच्छी लगने लगी और में शराब के एक आध पेग लेना शुरू कर दिया था ।
शराब पीने के बाद अब हम दोनों आपस मे गाली गलौच भी करने लगे थे ऐसे ही संडे के दिन में जब दोपहर में अंकल के फ्लैट पर पहुंचा तो अंकल का फ्लैट का गेट खुला था।
जब में अंदर पहुंचा तो देखा अंकल टी वी पर ब्लू फिल्म देख रहे थे और अपनी लूंगी को ऊपर करके अपने हबलबी लोडे को मुठिया रहे थे । मुझे देखकर उन्होंने लुंगी को नीचे नही किया और बोले ।
अंकल ,--आओ दोस्त आज तो सन्डे है ।
मैं ,--अंकल आप आज तो पूरे गेट खोलकर मुठ मारने में लगे हो ।
अंकल हंसते हुए ,--आज वो एक रण्डी धोका दे दी साली ने वादा किया था चुदवाने का।
मैं ,-तो आप रंडियां भी चोदते हैं ।
अंकल ,--रण्डी तो मुंह से निकल गया वैसे है तो वो एक घरेलू औरत पर आज उसके मेहमान आ गए ।
मैं ,--घरेलू औरत ,पर वो क्यों।
अंकल ,--ये देख रहे हो ना मूसल एकबार जिसकी चुत में घुस गया वो रण्डी बन जाती है । वैसे उसका पति उसको ठंडी नही कर पाता इसलिए मुझसे अपनी प्यास बुझवा लेती है ।
मैं ,--ओह्ह , वैसे अंकल आपका लण्ड बहुत सॉलिड है ऐसा लण्ड मेने सिर्फ ब्लू फिल्मों में ही देखा है ।
अंकल ,--क्यों कभी तेरे पापा का लण्ड नही देखा ।
मैं ,--देखा है एक बार, पर वो आप से बहुत छोटा और पतला है ।
अंकल ,--ओह्ह लगता है तेरे पापा ने सही शमय पर लण्ड की मसाज और खुराक का ध्यान नही रखा ।पर तु चिंता मत कर में तेरा भी लण्ड मेरे जैसा बना दूंगा ।
मैं ,--थैंक्स अंकल ।
अंकल ,--अंकल नही हरि बोल ।
में ,--अच्छा यार हरि अब खुश ।
अंकल ,--चल तुझे आज स्पेशल फ़िल्म दिखाता हूँ देख तेरा जैसा कमसिन लौंडा अपनी मम्मी की चुत मार रहा है ।
अंकल ने ये बोलकर पोज की हुई ब्लू फिल्म को चालू किया और में देखकर हैरान हो गया कि एक कमसिन लड़का एक चालीस साल की गदराई जिस्म की हसीना की चीखें निकलवा रहा था ।जिसे देखकर मुझे एक बार फिर से उस औरत में अपनी मम्मी का चेहरा दिखने लगा।
अंकल ने फिर से अपनी लुंगी को ऊपर किया और अपने हबलबी लोडे को मुठियाते हुए कहा ,--रोहित तू भी अपना बरमूडा खोलकर एन्जॉय कर , देख कैसे फ़िल्म वाला रोहित अपनी माँ चोद रहा है ।
अंकल के द्वारा फ़िल्म वाले लड़के को रोहित बुलाने पर मुझे बिल्कुल भी बुरा नही लगा क्योंकि उस समय मुझे उस औरत में अपनी मम्मी हेमा का चेहरा दिख रहा था मैं अंकल की बात सुनकर हसने लगा और अपना बरमूडा खोल कर नंगा हो गया ।
अंकल ने मुझे अपने पास बुलाया औरमेरे पांच इंच के लण्ड को पकड़कर कहा ,--बहुत बड़ा है तेरा लोड़ा तेरी उम्र के हिसाब से ,देखना में तेरा लोड़ा बहुत जल्द अपने जितना बड़ा करवा दूंगा ।
मैं ,--आह...कैसे अंकल ।
अंकल ,--कुछ एक्सरसाइज ,मसाज और फिर दवा से फिर तू भी लड़कियों और औरतों का चहेता मर्द बन जायेगा ।
मैं ,--थैंक्स अंकल ।
अंकल ,--तू भी मेरा लोड़ा पकड़ जैसे मेने पकड़ा है और हाथ फिरा ।
मेने अंकल का विशाल लोड़ा पकड़ा जो बहुत गर्म था और फुफकारते हुए नाग की तरह फन उठाये था जिसे छूने से मेरे शरीर मे करंट सा लगा ।
जारी है .....
मेने घूमकर देखा तो सामने हरि अंकल थे जो हमारे अपार्टमेंट में पांचवे तल्ले पर एक मात्र फ्लेट के मालिक थे क्योंकि बाकी के तीन फ्लेट खाली थे । हरि अंकल को देखकर में डर गया और सिगरेट फर्श पर गिर गयी जिसे हरि अंकल ने उठाया और बोले ।
हरि अंकल ,--बेटा इतनी महंगी सिगरेट को तूने आधी पीकर फेंक क्यों दिया।
मैं ,--वो....... अंकल सॉरी .
हरि अंकल ,--सॉरी क्यो बेटा ,ले पी में भी ऊपर सिगरेट पीने ही आया था ।
मैं ,--नही अंकल ,गलती हो गयी आगे से नही पियूँगा । इतना बोलकर में रोने लगा ।
हरि अंकल ने मेरे सर पर हाथ रखा और बोले ,--अरे रो क्यों रहे हो में किसी को कुछ नही बोलूंगा ।
में अपने आंसू पोछकर ,--पक्का अंकल ।
हरि अंकल ,--पक्का लेकिन मुझे तुम झूठ नही बोलोगे तब ।
में ,--प्रॉमिस अंकल ,आप पूछिये ।
हरि अंकल ,--ठीक है चलो फिर नीचे मेरे रूम में वहीं बात करेंगे ।
उसके बाद हम दोनों हरि अंकल के फ्लैट में आये जहां हरि अंकल अपने तीन बी एच के के फ्लैट में अकेले रहते थे क्योंकि आंटी एक साल पहले मर चूकी थी और बेटा यू एस चला गया था और बेटी की शादी हो चुकी थी ।
में अंकल के फ्लैट में पहली बार आया था जो अच्छे ढंग से डेकोरेट किया हुआ था अंदर आकर हरि अंकल मुझे अपने बेडरूम में ले गए जो अस्त व्यस्त पड़ा था और उसमे मैगजीन और सी डी बिखरी पड़ी थी ।
किंग साइज बेड पर बेठकर अंकल ने सिगरेट सुलगाई और सिगरेट का पैकेट मुझे देकर बोले ,--लो पियो ।
मैं पैकेट लेने से गर्दन हिलाकर इनकार करने लगा तो अंकल बोले ,--रोहित बेटा डरो मत ,में हूँ ना । तुझे जब भी सिगरेट पीने का मन करे मेरे पास आ जाना ।
में ,--पर अंकल ।
हरि अंकल ,--पर वर कुछ नही अब तू इतना भी छोटा नही की तुझे डर लगे देख तेरी मूछें निकलने लगी है ।
इतना बोलकर हरि अंकल ने मेरे हाथ मे सिगरेट का पैकेट थमा दिया जिसे मेने पकड़ लिया तो हरि अंकल ने कहा ।
हरि अंकल ,--अब सुलगा भी ले ,वैसे भी तेरी आधी सिंगरेट तो खराब हो गयी ।
मेने धुजते हाथों से सिगरेट सुलगाई तो हरि अंकल ने मुझे आंखों से हिम्मत दी और एक कश लगाने के बाद बोले ।
हरि अंकल ,-रोहित बेटा मेरा दोस्त बनेगा ।
मैं ,--पर अंकल आप तो मेरे से बहुत बड़े हैं ।
हरि अंकल ,--बेटा दोस्त बड़े छोटे नही होते बस दोस्त होतें है ,में तेरी आंटी के मरने के बाद बहुत अकेला हो गया हूँ और दिनभर अकेला बोर हो जाता हूं ।इसलिए मेरा दोस्त बन जा ।
मैं ,--ठीक है पर आप किसी को बोलना मत ।
हरि अंकल ,--नही बेटा ,उल्टा में तो कहता हूँ तू किसी को मत बोलना की हम दोस्त है ।
मैं ,--ठीक है अंकल ।
हरि अंकल ,--तो फिर अपने दोस्त को एक बार नाम से बुला फिर ।
मैं ,--ह....री ।
हरि अंकल ,--शाबास ,अब मुझे सच सच बता तू सिगरेट पीते हुए रेणुका को देख रहा था ना ।
मैं ,--नही ,वो........
हरि अंकल ,--रोहित दोस्त से छुपाते नंही खुलकर बोलते हैं । ओके
में ,--जी अंकल वो रेणुका आंटी बहुत मॉडर्न ड्रेस पहनती है तो अच्छी लगती है ।
हरि अंकल ,--हां साली पूरी सोसाइटी में आग लगा कर रखती है ।तुझे उसमे सबसे ज्यादा क्या अच्छा लगता है मुझे तो उसकी बड़ी गाँड अच्छी लगती है ।
अंकल ने जब खुलकर गाँड शब्द बोला तो मेरे मन और लण्ड दोनों को झटका लगा और लण्ड में पहली बार तनाव महसूस हुआ ।
मैं ,--मुझे तो अंकल उसकी अर्धनग्न छाती देखने मे मज़ा आता है
अंकल ,--गुड, लगना भी चाहिए वैसे भी अब तुम जवान हो रहे हो । अंकल ये बोलकर अपने लण्ड को पजामे के ऊपर से मसलने लगे जो काफी विशाल लग रहा था।
मेरी नजर अंकल में लण्ड पर थी तभी मुझे उनके पास एक मैगजीन दिखी जिसमे एक मॉडल बिकनी पहने थी में उसको घूर रहा था तभी अंकल ने वो किताब अठाई और बोले ।
अंकल ,--देखनी है क्या फोटो , ये लो ।
मेने ना नुकर करते हुए किताब पकड़ी तो अंकल ने पन्ने पलटने शुरू किए जिसमे अंदर एक से एक सुंदर मॉडल ब्रा पेंटी और बिकनी में थी । जिनको देखकर मेरे पेंट में हलचल शुरू हो गयी और पहली बार लण्ड खड़ा होकर पेंट को उठा दिया जिसे देखकर अंकल बोले ।
अंकल ,--रोहित तुम तो पूरे मर्द बन चुके हो देखो तुम्हारा लण्ड खड़ा हो गया ।
अंकल की बात सुनकर में शरमा गया और लण्ड को बिठाने का प्रयास करने लगा जिसे देखकर अंकल बोले ।
अंकल ,--अरे ये छुपाने कीचीज नही है बल्कि दीखने की चीज है इसी के लिए तो लड़कियां पागल रहती है आरामसे बेठकर देखो इन हसीनाओं की मदमस्त जवानी ,
मैं अंकल की बात से थोड़ा रिलेक्स हुआ और पन्ने पलटकर देखने लगा ।अंकल जब तक कॉफी बनाकर लाये तब तक पूरी बुक खत्म हो गयी तो अंकल बोले ।
अंकल ,--मेरे पास ऐसी बहुत सारी किताबें है तुम को जब सिगरेट पीनी हो मेरे पास बेझिझक आ जाना और देख लेना ।
उसके बाद दोनों ने एक दूसरे के राज किसी को नही बताने का बोलकर मैं अपने खड़े लण्ड के साथ खड़ा हुआ और अंकल को बाय बोलकर नीचे आ गया ।
नीचे मम्मी खाना बना चुकी थी उसने मुझे खाना दिया जिसे खाकर में जल्दी से रूम में गया और नंगा होकर उस किताब की फोटोज को याद करके मूठ मारकर सो गया।
अगले दिन उठकर स्कूल गया और शाम में छह बजे मम्मी को दोस्तों के साथ खेलने की बोलकर ऊपर गया जहां पर अंकल के फ्लैट की बेल बजाई तो अंकल ने गेट खोला और मेरे को गले लगा कर बोले।
अंकल ,--वेलकम फ्रेंड में तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था ।
मैं ,--क्यों अंकल ।
अंकल ,--अकेला बोर हो जाता हूँ इसलिए ।
उसके बाद हम अंदर आये तो अंकल ने मुझे सिगरेट का पैकेट दिया और दोनों पीने लगे ।
अंकल ,--और बता दोस्त रात में मज़ा आया ।
मैं ,--कैसे अंकल ।
अंकल ,--अब तुम जवान हो चुके हो तो तुमने मूठ तो मारी ही होगी ।
मैं शरमाकर नीचे देखने लगा तो अंकल ने मुझे फिर से जवान होने का हवाला दिया और एक किताब पकड़ा कर बोले ।
अंकल ,--लो तुम जैसे जवान मर्द को इस उम्र में यही पढ़ना चाहिए तभी कुछ सिख पाओगे ।
मैं अंकल के हाथ से बुक लेकर पढ़ने लगा और अंकल कॉफी बनाने चले गए मस्त राम की उस किताब का टाइटल पढ़कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया जिसका शिर्षक था सलमा की चुदाई । उसके बाद कहानी पढ़ना शुरूकिया तो लण्ड प्रीकम छोड़ना शुरू कर दिया ।आधी कहानी पढ़ने केबाद मेरा ध्यान भंग हुआ जब अंकल ने मुझे कॉफी पीने को कहा तो मेने अपना हाथ लण्ड पर से हटाया तो अंकल बोले ।
अंकल ,--कैसी है दोस्त कहानी ।
मैं ,--मस्त है अंकल ।
अंकल ,--पानी निकला या नही ।
मेने इनकार में सर हिलाया तो अंकल बोले ,--कोई बात नही तू एक काम करना ये बुक लेजाना और रात में आराम से पढ़कर मूठ मारना ।
मैं अंकल की बात पर कुछ नही बोला और कॉफी पीने लगा । कॉफी पीने के बाद कुछ देर बात की फिर अंकल ने वो किताब मुझे दी जिसें में शर्ट के अंदर छुपाकर नीचे आ गया ।
नीचे आकर जल्दी जल्दी खाना खाया और फिर रूम बन्द करके नंगा हो गया और किताब में कहानी पढ़कर मूठ मारने लगा । चुदाई की वो कहानी पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया और में बहुत जल्द झड़ गया और मूठ मारकर सो गया ।
उसके बाद ये मेरा रोज का रूटीन हो गया अंकल ने शुरू शुरू में तो मुझे नॉर्मल चुदाई की कहानी की किताब देते फिर मुझे एक दिन बहन की चुदाई की किताब दी जिसे पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आया ।
और फिर में मांग कर बहन की चुदाई की कहानियाँ की किताबें पढ़कर मूठ मारने लगा ।
ऐसे ही दो महीने तक चलता रहा कि एक दिन मेरी नजर माँ की चुदाई की किताब पर पड़ी तो मेने वो किताब उठा ली और जब रात में उस किताब को पढ़कर में उसमे खो गया उसमे में खुद को कहानी का हीरो समझने लगा और मेरी मोम मुझे उसमे हेरोइन की तरह दिखने लगी क्योंकि हेरोइन फिगर विल्कुल मम्मी जैसा ही बताया गया था ।
उस रात मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आया और वीर्य भी बहुत निकला लेकिन मोम का पूरा शरीर मुझे नंगा दिखा सोचकर मुझे थोड़ा ग्लानि महसूस हुआ । पर मुझे बहुत मज़ा आया,मन मे संतुष्टि हुई और में सो गया ।
अंकल से मेरी खुलकर बात होने लगी थी अब हम दोनों दोस्तों की तरह खुलकर चुदाई की बातें करने लगे थे साथ ही ब्लू फिल्म भी देखने लगे थे ।अंकल ने मुझे सिगरेट के साथ थॉडी थॉडी बियर भी पिलानी शुरू कर दी थी जो मुझे अच्छी लगने लगी और में शराब के एक आध पेग लेना शुरू कर दिया था ।
शराब पीने के बाद अब हम दोनों आपस मे गाली गलौच भी करने लगे थे ऐसे ही संडे के दिन में जब दोपहर में अंकल के फ्लैट पर पहुंचा तो अंकल का फ्लैट का गेट खुला था।
जब में अंदर पहुंचा तो देखा अंकल टी वी पर ब्लू फिल्म देख रहे थे और अपनी लूंगी को ऊपर करके अपने हबलबी लोडे को मुठिया रहे थे । मुझे देखकर उन्होंने लुंगी को नीचे नही किया और बोले ।
अंकल ,--आओ दोस्त आज तो सन्डे है ।
मैं ,--अंकल आप आज तो पूरे गेट खोलकर मुठ मारने में लगे हो ।
अंकल हंसते हुए ,--आज वो एक रण्डी धोका दे दी साली ने वादा किया था चुदवाने का।
मैं ,-तो आप रंडियां भी चोदते हैं ।
अंकल ,--रण्डी तो मुंह से निकल गया वैसे है तो वो एक घरेलू औरत पर आज उसके मेहमान आ गए ।
मैं ,--घरेलू औरत ,पर वो क्यों।
अंकल ,--ये देख रहे हो ना मूसल एकबार जिसकी चुत में घुस गया वो रण्डी बन जाती है । वैसे उसका पति उसको ठंडी नही कर पाता इसलिए मुझसे अपनी प्यास बुझवा लेती है ।
मैं ,--ओह्ह , वैसे अंकल आपका लण्ड बहुत सॉलिड है ऐसा लण्ड मेने सिर्फ ब्लू फिल्मों में ही देखा है ।
अंकल ,--क्यों कभी तेरे पापा का लण्ड नही देखा ।
मैं ,--देखा है एक बार, पर वो आप से बहुत छोटा और पतला है ।
अंकल ,--ओह्ह लगता है तेरे पापा ने सही शमय पर लण्ड की मसाज और खुराक का ध्यान नही रखा ।पर तु चिंता मत कर में तेरा भी लण्ड मेरे जैसा बना दूंगा ।
मैं ,--थैंक्स अंकल ।
अंकल ,--अंकल नही हरि बोल ।
में ,--अच्छा यार हरि अब खुश ।
अंकल ,--चल तुझे आज स्पेशल फ़िल्म दिखाता हूँ देख तेरा जैसा कमसिन लौंडा अपनी मम्मी की चुत मार रहा है ।
अंकल ने ये बोलकर पोज की हुई ब्लू फिल्म को चालू किया और में देखकर हैरान हो गया कि एक कमसिन लड़का एक चालीस साल की गदराई जिस्म की हसीना की चीखें निकलवा रहा था ।जिसे देखकर मुझे एक बार फिर से उस औरत में अपनी मम्मी का चेहरा दिखने लगा।
अंकल ने फिर से अपनी लुंगी को ऊपर किया और अपने हबलबी लोडे को मुठियाते हुए कहा ,--रोहित तू भी अपना बरमूडा खोलकर एन्जॉय कर , देख कैसे फ़िल्म वाला रोहित अपनी माँ चोद रहा है ।
अंकल के द्वारा फ़िल्म वाले लड़के को रोहित बुलाने पर मुझे बिल्कुल भी बुरा नही लगा क्योंकि उस समय मुझे उस औरत में अपनी मम्मी हेमा का चेहरा दिख रहा था मैं अंकल की बात सुनकर हसने लगा और अपना बरमूडा खोल कर नंगा हो गया ।
अंकल ने मुझे अपने पास बुलाया औरमेरे पांच इंच के लण्ड को पकड़कर कहा ,--बहुत बड़ा है तेरा लोड़ा तेरी उम्र के हिसाब से ,देखना में तेरा लोड़ा बहुत जल्द अपने जितना बड़ा करवा दूंगा ।
मैं ,--आह...कैसे अंकल ।
अंकल ,--कुछ एक्सरसाइज ,मसाज और फिर दवा से फिर तू भी लड़कियों और औरतों का चहेता मर्द बन जायेगा ।
मैं ,--थैंक्स अंकल ।
अंकल ,--तू भी मेरा लोड़ा पकड़ जैसे मेने पकड़ा है और हाथ फिरा ।
मेने अंकल का विशाल लोड़ा पकड़ा जो बहुत गर्म था और फुफकारते हुए नाग की तरह फन उठाये था जिसे छूने से मेरे शरीर मे करंट सा लगा ।
जारी है .....