• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy BHARATENDU --- Creator of Solar system, Time and Dimension

Status
Not open for further replies.

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
1
करोड़ों करोड़ साल पहले जब ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं था सिवाय अंधकार के तभी बहुत दूर से प्रकाश की एक किरण आती दिखाई दी और वह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म कर उजाले को ला रही थी। एक बहुत ही प्रचलित शब्द है energy neither be created nor be destroyed it can change one form to another form उसी तरह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म नहीं कर रही थी बल्कि अंधकार को उजाले में परिवर्तित कर रही थी। देखते ही देखते अंधकार खत्म होने लगा और लाखों साल प्रकाश के फैलने के बाद अंधकार 99% खत्म हो गया लेकिन 1% अंधकार 10 भागों में विभाजित होकर ब्रह्मांड के दसों दिशाओं में जाकर कहीं छुप गई जहां प्रकाश पहुंच ना सके। देखते ही देखते अंधकार पूरी तरह से खत्म हो गया और जब प्रकाश के स्रोत को ध्यान से देखा गया तो वहां पर एक आकृति बननी शुरू हुई । जिसे हम लोग आज भगवान के नाम से जानते हैं। भगवान ने सबसे पहले ब्रह्मांड में करोड़ों आकाशगंगा बनाएं और उन आकाशगंगा में लाखों सौरमंडल उसके बाद उन्होंने सभी आकाशगंगा के लिए रक्षक को उत्पन्न किया और उन रक्षकों ने सभी सौरमंडल के लिए एक एक रक्षक को उत्पन्न किया। भगवान ने आकाशगंगा और सौरमंडल के रक्षकों के बीच कुछ नियम बना दिया ।कोई भी रक्षक दूसरे रक्षक के इलाके में उसकी मर्जी के बिना कुछ नहीं कर सकता था। भगवान ने एक ऐसा नियम बना है जिसके तहत यदि कोई आकाशगंगा का रक्षक अपने पद से हटना चाहता
हो या वह अपने उम्र को पार कर जाए तो उसकी जगह उसके सबसे विकसित सौरमंडल का रक्षक लेगा और उस सौरमंडल में एक नया रक्षक नियुक्त किया जाएगा। और कभी भगवान की अनुपस्थिति में उनकी जगह सबसे विकसित आकाशगंगा का रक्षक कुछ समय के लिए संभालेगा
खैर इस बात को यहीं छोड़ हम चलते हैं अपने सौरमंडल की तरफ हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह और एक सूर्य है और हर एक ग्रह के पास अपने कुछ उपग्रह है या कुछ के पास नहीं । हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में पड़ता है उसके रक्षक ने हमारे सौरमंडल के लिए एक रक्षक उत्पन्न किया जिसका नाम था भारतेंदु। हमारे आकाशगंगा के सभी सौरमंडल के रक्षकों में से भारतेंदु सबसे होशियार था उसने सबसे पहले इस सौरमंडल की एक ग्रह पृथ्वी पर इंसान तथा अन्य जीवो की रचना की। और देखते ही देखते इंसानों के कारण पृथ्वी पर विकास होना शुरू हो गया। लाखों साल बीत गए और आज भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल को इतना विकसित कर दिया जितना इस आकाशगंगा में कोई भी सौरमंडल नहीं है जिस कारण हमारे आकाशगंगा का आने वाला रक्षक लोग भारतेंदु को ही मानने लगे। भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल में समय चक्र को बनाए और साथ ही उसने इस सौरमंडल के अंदर ही कई सौरमंडल बनाएं जो काल्पनिक है जिन्हें समांतर सौरमंडल या डायमेंशन कहा जाता है। एक बार जब भारतेंदु सो रहा था तो उसके सपने में खुद भगवान है और उन्होंने भारतेंदु को कुछ बातें बताएं तथा एक अंगूठी दिया जिसके बाद भगवान उसके सपने से चले गए। भगवान के जाने के थोड़ी देर बाद ही भारतेंदु के शरीर से उसकी आत्मा बाहर निकली और वह ध्यान मुद्रा में बैठ गई और कुछ ही समय बाद वह भविष्य में पहुंच गई
साल 2000 भारतेंदु की आत्मा एक मंदिर में प्रकट हुई। जहां एक पति पत्नी अपनी संतान के लिए मन्नत मांग रहे थे भारतेंदु ने अपना एक अंश उस औरत के गर्भ में डाल दिया और फिर वहां से गायब हो गई इसके बाद भारतेंदु की आत्मा एक हॉस्पिटल में पहुंची। जहां उसी औरत ने एक बालक को जन्म दिया बालक के जन्म के तुरंत बाद ही भारतेंदु में उस बालक की उंगली में भगवान का दिया हुआ अंगूठी डाल दिया जो उंगली में जाते हैं अदृश्य हो गया।
इन इन सभी घटनाओं के बाद भारतेंदु की आत्मा उसके शरीर में पुनः वापस आ गई। थोड़ी देर बाद जब भारतेंदु की नींद टूटी तो उसे कुछ भी याद नहीं रहा।
अगले अपडेट से भारतेंदु की जगह मैं लिखूंगा

karodon karod saal pahale jab brahmaand mein kuchh bhee nahin tha sivaay andhakaar ke keval bahut door se prakaash kee ek kiran aatee dikhaee dee aur vah prakaash kee kiran andhakaar ko khatm kar ujaale ko la rahee thee. ek bahut hee prachalit shabd hai oorja na to banaee jaatee hai aur na hee nasht kee jaatee hai, yah ek roop ko doosare roop mein badal sakatee hai usee tarah prakaash kee kiran andhakaar ko khatm nahin kar rahee thee balki andhakaar ko ujaale mein sanshodhit kar rahee thee. keval dekhane ke lie andhakaar khatm hone laga aur laakhon saal prakaash ke phailane ke baad andhakaar 99% khatm ho gaya, lekin 1% andhakaar 10 bhaagon mein vibhaajit hokar brahmaand ke dason dishaon mein vibhaajit ho gaya. dekhate hee dekhate andhakaar pooree tarah se khatm ho gaya aur jab prakaash ke srot ko dhyaan se dekha gaya to vahaan par ek aakrti bananee shuroo huee. jise ham log aaj bhagavaan ke naam se jaanate hain. bhagavaan ne sabase pahale brahmaand mein karodon buteek banaen aur un buteek mein laakhon sauramandal usake baad unhonne sabhee bhoot ke lie gaard ko utpann kiya aur un rakshakon ne sabhee sauramandal ke lie ek ek rakshak ko utpann kiya. bhagavaan ne darshan aur sauramandal ke rakshakon ke beech kuchh niyam bana die. par bhee doosare ke rakshak ke pados mein usakee marjee ke bina kuchh nahin kar sakata tha. bhagavaan ne ek aisa niyam banaaya hai jisake tahat yadi koee bhoot ka rakshak apane pad se hatana chaahata hai ho ya vah apane umr ko paar kar jae to usakee jagah usake sabase vikasit sauramandal ka rakshak lega aur us sauramandal mein ek naee khoj kee gaee. aur kabhee bhagavaan kee anupasthiti mein unakee jagah sabase vikasit buteek ka rakshak kuchh samay ke lie sambhaalega khair is baat ko yaheen chhod ham chalate hain apane sauramandal kee or hamaare sauramandal mein 8 grah aur ek soory hai aur har ek grah ke paas apane kuchh upagrah hai ya kuchh ke paas nahin hai. hamaara sauramandal jis bhoot mein girata hai usake rakshak ne hamaare sauramandal ke lie ek rakshak utpann kiya jisaka naam tha bhaaratendu. hamaare hastashilp ke sabhee sauramandal ke rakshakon mein se bhaaratendu sabase hoshiyaar tha usane sabase pahale is sauramandal kee ek grah prthvee par insaan aur any jeevo kee rachana kee. aur dekhate hee dekhate insaanon ke kaaran prthvee par vikaas hona shuroo ho gaya hai. laakhon saal beet gae aur aaj bhaaratendu ne hamaare sauramandal ko itana vikasit kar diya jaisa is buteek mein koee bhee sauramandal nahin hai jisake kaaran hamaare buteek ka aane vaala rakshak log bhaaratendu ko hee maanane lage. bhaaratendu ne hamaare sauramandal mein samay chakr ko banae rakha aur saath hee usane is sauramandal ke andar hee kaee sauramandal banaen jo kaalpanik hai jise samata sauralaind ya daayamenshan kaha jaata hai. ek baar jab bhaaratendu so rahee thee to usake sapane mein khud bhagavaan hai aur unhonne bhaaratendu ko kuchh baaten bataee aur ek angoothee dee jisake baad bhagavaan usake sapane se chale gae. bhagavaan ke jaane ke thode der baad hee bhaaratendu ke shareer se usakee aatma baahar nikalee aur vah dhyaan mudra mein baith gaya aur kuchh samay baad vah bhavishy mein pahunch gaya. varsh 2000 bhaaratendu kee aatma ek mandir mein prakat huee. jahaan ek pati patnee apanee santaan ke lie mannat maang rahe the bhaaratendu ne apana ek ansh us aurat ke garbh mein daal diya aur phir vahaan se gaayab ho gae isake baad bhaaratendu kee aatma ek aspataal mein pahunchee. jahaan usee mahila ne ek ladake ko janm diya ladake ke janm ke turant baad hee bhaaratendu mein us ladake kee ungalee mein bhagavaan ka diya hua angoothee daal diya jo ungalee mein jaate hain adrshy ho gae hain. in sabhee ghatanaon ke baad bhaaratendu kee aatma usake shareer mein phir se aa gaee. thodee der baad jab bhaaratendu kee neend tootee to use kuchh bhee yaad nahin raha.
agale apadet se bhaaratendu kee jagah main likhoonga
 
Last edited:

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
1
करोड़ों करोड़ साल पहले जब ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं था सिवाय अंधकार के तभी बहुत दूर से प्रकाश की एक किरण आती दिखाई दी और वह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म कर उजाले को का रही थी। एक बहुत ही प्रचलित शब्द है energy neither be created nor be destroyed it can change one form to another form उसी तरह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म नहीं कर रही थी बल्कि अंधकार को उजाले में परिवर्तित कर रही थी। देखते ही देखते अंधकार खत्म होने लगा और लाखों साल प्रकाश के फैलने के बाद अंधकार 99% खत्म हो गया लेकिन 1% अंधकार 10 भागों में विभाजित होकर ब्रह्मांड के दसों दिशाओं में जाकर कहीं छुप गई जहां प्रकाश पहुंच ना सके। देखते ही देखते अंधकार पूरी तरह से खत्म हो गया और जब प्रकाश के स्रोत को ध्यान से देखा गया तो वहां पर एक आकृति बननी शुरू हुई । जिसे हम लोग आज भगवान के नाम से जानते हैं। भगवान ने सबसे पहले ब्रह्मांड में करोड़ों आकाशगंगा बनाएं और उन आकाशगंगा में लाखों सौरमंडल उसके बाद उन्होंने सभी आकाशगंगा के लिए रक्षक को उत्पन्न किया और उन रक्षकों ने सभी सौरमंडल के लिए एक एक रक्षक को उत्पन्न किया। भगवान ने आकाशगंगा और सौरमंडल के रक्षकों के बीच कुछ नियम बना दिया ।कोई भी रक्षक दूसरे रक्षक के इलाके में उसकी मर्जी के बिना कुछ नहीं कर सकता था। भगवान ने एक ऐसा नियम बना है जिसके तहत यदि कोई आकाशगंगा का रक्षक अपने पद से हटना चाहता
हो या वह अपने उम्र को पार कर जाए तो उसकी जगह उसके सबसे विकसित सौरमंडल का रक्षक लेगा और उस सौरमंडल में एक नया रक्षक नियुक्त किया जाएगा। और कभी भगवान की अनुपस्थिति में उनकी जगह सबसे विकसित आकाशगंगा का रक्षक कुछ समय के लिए संभालेगा
खैर इस बात को यहीं छोड़ हम चलते हैं अपने सौरमंडल की तरफ हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह और एक सूर्य है और हर एक ग्रह के पास अपने कुछ उपग्रह है या कुछ के पास नहीं । हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में पड़ता है उसके रक्षक ने हमारे सौरमंडल के लिए एक रक्षक उत्पन्न किया जिसका नाम था भारतेंदु। हमारे आकाशगंगा के सभी सौरमंडल के रक्षकों में से भारतेंदु सबसे होशियार था उसने सबसे पहले इस सौरमंडल की एक ग्रह पृथ्वी पर इंसान तथा अन्य जीवो की रचना की। और देखते ही देखते इंसानों के कारण पृथ्वी पर विकास होना शुरू हो गया। लाखों साल बीत गए और आज भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल को इतना विकसित कर दिया जितना इस आकाशगंगा में कोई भी सौरमंडल नहीं है जिस कारण हमारे आकाशगंगा का आने वाला रक्षक लोग भारतेंदु को ही मानने लगे। भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल में समय चक्र को बनाए और साथ ही उसने इस सौरमंडल के अंदर ही कई सौरमंडल बनाएं जो काल्पनिक है जिन्हें समांतर सौरमंडल या डायमेंशन कहा जाता है। एक बार जब भारतेंदु सो रहा था तो उसके सपने में खुद भगवान है और उन्होंने भारतेंदु को कुछ बातें बताएं तथा एक अंगूठी दिया जिसके बाद भगवान उसके सपने से चले गए। भगवान के जाने के थोड़ी देर बाद ही भारतेंदु के शरीर से उसकी आत्मा बाहर निकली और वह ध्यान मुद्रा में बैठ गई और कुछ ही समय बाद वह भविष्य में पहुंच गई
साल 2000 भारतेंदु की आत्मा एक मंदिर में प्रकट हुई। जहां एक पति पत्नी अपनी संतान के लिए मन्नत मांग रहे थे भारतेंदु ने अपना एक अंश उस औरत के गर्भ में डाल दिया और फिर वहां से गायब हो गई इसके बाद भारतेंदु की आत्मा एक हॉस्पिटल में पहुंची। जहां उसी औरत ने एक बालक को जन्म दिया बालक के जन्म के तुरंत बाद ही भारतेंदु में उस बालक की उंगली में भगवान का दिया हुआ अंगूठी डाल दिया जो उंगली में जाते हैं अदृश्य हो गया।
इन इन सभी घटनाओं के बाद भारतेंदु की आत्मा उसके शरीर में पुनः वापस आ गई। थोड़ी देर बाद जब भारतेंदु की नींद टूटी तो उसे कुछ भी याद नहीं रहा।
अगले अपडेट से भारतेंदु की जगह मैं लिखूंगा
Yah Raha is story ka first update yadi aap chahe to main Hinglish for main bhi post kar sakta hu

Aapke reply aur Rai Ka intezar
 

Rohit1988

Well-Known Member
2,596
7,289
158
DISCLAIMER






IS KAHANI KO PORI TARAH SE KALPNIK TOUR PER LIKHA GYA HAI. ISKA KISI BHI JATI YA DHARM SE KOI LENA DENA NAHI HAI. ISE KEVAL MANORANJAN KE LIYE HI LIKHA GYA HAI . TO MERA SABHI SE BINAMR AAGRAH HAI KI ISE USI NAJARIYE SE DEKHE OR INJOY KARE.



or bas aapsab se itna hi kehna chahunga ki meri galtiyon ko najarandaj kare or mujhe apne keemti sujhav comments box me jarur likhe. Jisse mujhe is story ko bhi complete karne ka hosla mile.



Dhanyabaad......



New story Congratulations bhai ji
 

Rohit1988

Well-Known Member
2,596
7,289
158
1
करोड़ों करोड़ साल पहले जब ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं था सिवाय अंधकार के तभी बहुत दूर से प्रकाश की एक किरण आती दिखाई दी और वह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म कर उजाले को ला रही थी। एक बहुत ही प्रचलित शब्द है energy neither be created nor be destroyed it can change one form to another form उसी तरह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म नहीं कर रही थी बल्कि अंधकार को उजाले में परिवर्तित कर रही थी। देखते ही देखते अंधकार खत्म होने लगा और लाखों साल प्रकाश के फैलने के बाद अंधकार 99% खत्म हो गया लेकिन 1% अंधकार 10 भागों में विभाजित होकर ब्रह्मांड के दसों दिशाओं में जाकर कहीं छुप गई जहां प्रकाश पहुंच ना सके। देखते ही देखते अंधकार पूरी तरह से खत्म हो गया और जब प्रकाश के स्रोत को ध्यान से देखा गया तो वहां पर एक आकृति बननी शुरू हुई । जिसे हम लोग आज भगवान के नाम से जानते हैं। भगवान ने सबसे पहले ब्रह्मांड में करोड़ों आकाशगंगा बनाएं और उन आकाशगंगा में लाखों सौरमंडल उसके बाद उन्होंने सभी आकाशगंगा के लिए रक्षक को उत्पन्न किया और उन रक्षकों ने सभी सौरमंडल के लिए एक एक रक्षक को उत्पन्न किया। भगवान ने आकाशगंगा और सौरमंडल के रक्षकों के बीच कुछ नियम बना दिया ।कोई भी रक्षक दूसरे रक्षक के इलाके में उसकी मर्जी के बिना कुछ नहीं कर सकता था। भगवान ने एक ऐसा नियम बना है जिसके तहत यदि कोई आकाशगंगा का रक्षक अपने पद से हटना चाहता
हो या वह अपने उम्र को पार कर जाए तो उसकी जगह उसके सबसे विकसित सौरमंडल का रक्षक लेगा और उस सौरमंडल में एक नया रक्षक नियुक्त किया जाएगा। और कभी भगवान की अनुपस्थिति में उनकी जगह सबसे विकसित आकाशगंगा का रक्षक कुछ समय के लिए संभालेगा
खैर इस बात को यहीं छोड़ हम चलते हैं अपने सौरमंडल की तरफ हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह और एक सूर्य है और हर एक ग्रह के पास अपने कुछ उपग्रह है या कुछ के पास नहीं । हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में पड़ता है उसके रक्षक ने हमारे सौरमंडल के लिए एक रक्षक उत्पन्न किया जिसका नाम था भारतेंदु। हमारे आकाशगंगा के सभी सौरमंडल के रक्षकों में से भारतेंदु सबसे होशियार था उसने सबसे पहले इस सौरमंडल की एक ग्रह पृथ्वी पर इंसान तथा अन्य जीवो की रचना की। और देखते ही देखते इंसानों के कारण पृथ्वी पर विकास होना शुरू हो गया। लाखों साल बीत गए और आज भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल को इतना विकसित कर दिया जितना इस आकाशगंगा में कोई भी सौरमंडल नहीं है जिस कारण हमारे आकाशगंगा का आने वाला रक्षक लोग भारतेंदु को ही मानने लगे। भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल में समय चक्र को बनाए और साथ ही उसने इस सौरमंडल के अंदर ही कई सौरमंडल बनाएं जो काल्पनिक है जिन्हें समांतर सौरमंडल या डायमेंशन कहा जाता है। एक बार जब भारतेंदु सो रहा था तो उसके सपने में खुद भगवान है और उन्होंने भारतेंदु को कुछ बातें बताएं तथा एक अंगूठी दिया जिसके बाद भगवान उसके सपने से चले गए। भगवान के जाने के थोड़ी देर बाद ही भारतेंदु के शरीर से उसकी आत्मा बाहर निकली और वह ध्यान मुद्रा में बैठ गई और कुछ ही समय बाद वह भविष्य में पहुंच गई
साल 2000 भारतेंदु की आत्मा एक मंदिर में प्रकट हुई। जहां एक पति पत्नी अपनी संतान के लिए मन्नत मांग रहे थे भारतेंदु ने अपना एक अंश उस औरत के गर्भ में डाल दिया और फिर वहां से गायब हो गई इसके बाद भारतेंदु की आत्मा एक हॉस्पिटल में पहुंची। जहां उसी औरत ने एक बालक को जन्म दिया बालक के जन्म के तुरंत बाद ही भारतेंदु में उस बालक की उंगली में भगवान का दिया हुआ अंगूठी डाल दिया जो उंगली में जाते हैं अदृश्य हो गया।
इन इन सभी घटनाओं के बाद भारतेंदु की आत्मा उसके शरीर में पुनः वापस आ गई। थोड़ी देर बाद जब भारतेंदु की नींद टूटी तो उसे कुछ भी याद नहीं रहा।
अगले अपडेट से भारतेंदु की जगह मैं लिखूंगा



Nice start
 

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
Staff member
Sr. Moderator
46,480
39,485
304
:congrats: for new story
 

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
Staff member
Sr. Moderator
46,480
39,485
304
1
करोड़ों करोड़ साल पहले जब ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं था सिवाय अंधकार के तभी बहुत दूर से प्रकाश की एक किरण आती दिखाई दी और वह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म कर उजाले को ला रही थी। एक बहुत ही प्रचलित शब्द है energy neither be created nor be destroyed it can change one form to another form उसी तरह प्रकाश की किरण अंधकार को खत्म नहीं कर रही थी बल्कि अंधकार को उजाले में परिवर्तित कर रही थी। देखते ही देखते अंधकार खत्म होने लगा और लाखों साल प्रकाश के फैलने के बाद अंधकार 99% खत्म हो गया लेकिन 1% अंधकार 10 भागों में विभाजित होकर ब्रह्मांड के दसों दिशाओं में जाकर कहीं छुप गई जहां प्रकाश पहुंच ना सके। देखते ही देखते अंधकार पूरी तरह से खत्म हो गया और जब प्रकाश के स्रोत को ध्यान से देखा गया तो वहां पर एक आकृति बननी शुरू हुई । जिसे हम लोग आज भगवान के नाम से जानते हैं। भगवान ने सबसे पहले ब्रह्मांड में करोड़ों आकाशगंगा बनाएं और उन आकाशगंगा में लाखों सौरमंडल उसके बाद उन्होंने सभी आकाशगंगा के लिए रक्षक को उत्पन्न किया और उन रक्षकों ने सभी सौरमंडल के लिए एक एक रक्षक को उत्पन्न किया। भगवान ने आकाशगंगा और सौरमंडल के रक्षकों के बीच कुछ नियम बना दिया ।कोई भी रक्षक दूसरे रक्षक के इलाके में उसकी मर्जी के बिना कुछ नहीं कर सकता था। भगवान ने एक ऐसा नियम बना है जिसके तहत यदि कोई आकाशगंगा का रक्षक अपने पद से हटना चाहता
हो या वह अपने उम्र को पार कर जाए तो उसकी जगह उसके सबसे विकसित सौरमंडल का रक्षक लेगा और उस सौरमंडल में एक नया रक्षक नियुक्त किया जाएगा। और कभी भगवान की अनुपस्थिति में उनकी जगह सबसे विकसित आकाशगंगा का रक्षक कुछ समय के लिए संभालेगा
खैर इस बात को यहीं छोड़ हम चलते हैं अपने सौरमंडल की तरफ हमारे सौरमंडल में 8 ग्रह और एक सूर्य है और हर एक ग्रह के पास अपने कुछ उपग्रह है या कुछ के पास नहीं । हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में पड़ता है उसके रक्षक ने हमारे सौरमंडल के लिए एक रक्षक उत्पन्न किया जिसका नाम था भारतेंदु। हमारे आकाशगंगा के सभी सौरमंडल के रक्षकों में से भारतेंदु सबसे होशियार था उसने सबसे पहले इस सौरमंडल की एक ग्रह पृथ्वी पर इंसान तथा अन्य जीवो की रचना की। और देखते ही देखते इंसानों के कारण पृथ्वी पर विकास होना शुरू हो गया। लाखों साल बीत गए और आज भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल को इतना विकसित कर दिया जितना इस आकाशगंगा में कोई भी सौरमंडल नहीं है जिस कारण हमारे आकाशगंगा का आने वाला रक्षक लोग भारतेंदु को ही मानने लगे। भारतेंदु ने हमारे सौरमंडल में समय चक्र को बनाए और साथ ही उसने इस सौरमंडल के अंदर ही कई सौरमंडल बनाएं जो काल्पनिक है जिन्हें समांतर सौरमंडल या डायमेंशन कहा जाता है। एक बार जब भारतेंदु सो रहा था तो उसके सपने में खुद भगवान है और उन्होंने भारतेंदु को कुछ बातें बताएं तथा एक अंगूठी दिया जिसके बाद भगवान उसके सपने से चले गए। भगवान के जाने के थोड़ी देर बाद ही भारतेंदु के शरीर से उसकी आत्मा बाहर निकली और वह ध्यान मुद्रा में बैठ गई और कुछ ही समय बाद वह भविष्य में पहुंच गई
साल 2000 भारतेंदु की आत्मा एक मंदिर में प्रकट हुई। जहां एक पति पत्नी अपनी संतान के लिए मन्नत मांग रहे थे भारतेंदु ने अपना एक अंश उस औरत के गर्भ में डाल दिया और फिर वहां से गायब हो गई इसके बाद भारतेंदु की आत्मा एक हॉस्पिटल में पहुंची। जहां उसी औरत ने एक बालक को जन्म दिया बालक के जन्म के तुरंत बाद ही भारतेंदु में उस बालक की उंगली में भगवान का दिया हुआ अंगूठी डाल दिया जो उंगली में जाते हैं अदृश्य हो गया।
इन इन सभी घटनाओं के बाद भारतेंदु की आत्मा उसके शरीर में पुनः वापस आ गई। थोड़ी देर बाद जब भारतेंदु की नींद टूटी तो उसे कुछ भी याद नहीं रहा।
अगले अपडेट से भारतेंदु की जगह मैं लिखूंगा
Bahut hi acchi shuruat bhai...abhi to pahla update hai jyada kuch nahi kahunga par...kammal ka likha hai ye....

Kya ye HATE STORY hone wali hai jaisa ki aapko pasand hai..

Keep writing men
 

Vk248517

I love Fantasy and Sci-fiction story.
5,859
17,982
189
Nice story bro
 

Anshu0Kraj

Member
324
867
109
Bahut hi acchi shuruat bhai...abhi to pahla update hai jyada kuch nahi kahunga par...kammal ka likha hai ye....

Kya ye HATE STORY hone wali hai jaisa ki aapko pasand hai..

Keep writing men
HATE STORY to Nahi hogi
Sayad future me love seen dala Ka Sakta hai
Thanks for reply
 
Status
Not open for further replies.
Top