इन अपडेट्स मे बहुत कुछ हो गया। अधर्मी को दूसरे प्लेनेट से पृथ्वी पर ला वही मौत दिया गया जैसा उसने गुरू निशी और मासूम बच्चो को आग मे झोंक कर दी थी। पहली बार इन एलियन को डर का एहसास दिलाया गया। पहली बार इनके सम्राट करेना राय को मात खानी पड़ी।
लेकिन सबसे बेहतर था अलबेली की वो बुलंद भरी ललकार जो उसने करेना राय को दी थी। चराचर जगत मे जितने भी प्राणी अब तक हुए , उनमे सबसे शक्तिशाली मनुष्य ही हुए। या वो राक्षस के रूप मे हुए या ईश्वर के रूप मे या आज के दौर मे साइंटिस्ट के रूप मे हुए।
पलक ने कहा , करेना राय के पास तीन सौ करोड़ की सेना है। इसी पृथ्वी पर महिषासुर और शुम्भ - निशुम्भ भाईयों के पास तो कई अरबों की सेना थी। इसके अलावा खुद कई चमत्कारिक शक्तियों से लैस भी थे। लेकिन फिर भी उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा। सिर्फ माता भगवती ने इन सभी का विनाश कर दिया।
शिवम जी ने भी सही कहा , जब तक दुश्मन के शिविर मे भय का माहौल न होगा , तब तक दुश्मन सांप की तरह अपना फन यदा कदा उठाता रहेगा।
और शायद मुझे लगता है गुरियन प्लेनेट से सौभाग्य पत्थर , अंतहीन पत्थर और अन्य करिश्माई पत्थर आने के बाद उन्हे डर का एहसास तो हो ही गया होगा।
इन पत्थर के जिक्र से याद आया , ओजल , निशांत और शिवम मुनि ने गजब का कारनामा कर दिखाया। सौभाग्य पत्थर को प्राप्त करना बेहद मुश्किल था। खासकर ओजल की शाबाशी तो बनती है।
आर्य के पैक पर पहले मै थोड़ा कन्फ्यूज था। लेकिन अब समझ आया कि इस पैक के वगैर आर्य यह युद्ध जीत ही नही सकता था। सभी एक से बढ़कर एक है।
बहुत बहुत खुबसूरत अपडेट नैन भाई। आउटस्टैंडिंग।
और जगमग जगमग।