अभी इरम भी आ रही एक घंटे तक उसे भी लेने जाना है...”
मैंने कहा- “चलो ये भी अच्छा ही है।
वैसे अब इम के आने के बाद क्या प्रोग्राम है?”
अंकल ने कहा- “यार अभी तुम उसे जानते नहीं हो। बस आते ही उसने बोलना है कि पापा जल्दी से घुसा दो।
फिर सुनूंगी..”मैंने कहा- “तो फिर आज का प्रोग्राम क्या होगा?”
अंकल ने कहा- “यार जब इरम को लेकर आऊँगा तो तुम्हें बता दूंगा, तुम आ जाना 15 मिनट रुक के।
और फिर जब आओगे तो दरवाजा खुला मिलेगा। उसे लाक करके मेरे रूम में आ जाना।
बाकी मैं देख लूंगा, और हाँ अपनी अम्मी को मना कर देना आज के लिए...
"मैंने ओके कहा और काल कट कर दी,
और खुश हो गया।
क्योंकी आज एक और फुद्दी मिलने वाली थी,
वो भी अंकल की जवान बेटी की।
मैंने अम्मी को रूम में बुलाया और अंकल के साथ हुई बात बताई तो अम्मी ने मेरे गाल पे चुटकी काटते हुये कहा-
“चल ठीक है, आज अपने अंकल सफदर के साथ मिलकर उसकी बेटी का मजा भी ले लो,
बड़ी गरम लड़की है।
जरा खयाल से कहीं मेरा बेटा ही ना छीन ले मुझसे...”
मैं अम्मी की बात सुनकर मुश्कुरा दिया और बोला-
“नहीं अम्मी, ऐसा कुछ नहीं होगा।
आपका बेटा जहाँ मर्जी मुँह मारता रहे,
आएगा तो आपके पास ही ना... कब तक बाहर मुँह मारूंगा?
आखिरकार, घर का खाना खींच ही लाता है...
अम्मी भी हँस दी और बोली- “हाँ जानती हूँ कि तू मेरे लिए आए या ना आए?
अपनी बड़ी बहन फरी के लिए तो जरूर आएगा।
वैसे सन्नी बेटा एक बात पूछू तुमसे, बुरा तो नहीं मानोगे मेरी बात का?”