भाई बहुत बहुत धन्यवाद कहानी फिर से प्रारंभ करने के लिए, इस forum की ये मेरी सबसे पसंदीदा कहानी में से एक है। I hope की update ऐसे ही बीच बीच में आते रहेंगे फिर चाहे वो 10–15 दिन में एक ही क्यों ना हो।
10-15 din ka antaraal to nahi hoga bhai lekin haan daily update dena mere liye possible nahi hai. Dusri baat, mere paas samay ka bahut abhaav rahta hai jiske chalte update aane me der ho jati hai. Khair puri koshish rahegi ki der se hi sahi lekin update deta rahu....
दादा ठाकुर का वैभव को गांव से दूर भेजने का फैसला गलत था और इस एक गलत फैसले ने 2 जाने ले ली और इनपर निर्भर लोगो को अनाथ कर दिया।
Niyati ke aage kisi ki nahi chalti dost, honi to ho ke hi rahti hai. Baad me ham sirf kisi na kisi par sirf blame hi karte hain..
खैर जो नुकसान दादा ठाकुर और वैभव को होना था वो हो चुका इस से ज्यादा अब और क्या ही नुकसान होगा, ज्यादा से ज्यादा दादा ठाकुर को भी मार देंगे, वो तो फिरभी मार जायेगा इतना बड़ा दुख सहते सहते
Let's see..
तो मेरे खयाल से कहानी इस नएअपडेट के साथ एक नई शुरुवात तक पहुंच गई है, अब तक खेल दुश्मन खेल रहा था अब शायद वैभव अपना खेल खेलना शुरू करेगा, and i hope की ये कहानी अपनी ऊंचाइयों को फिर से छुएगी।
Kya sach me ye itna asaan hoga
मुझे सबसे ज्यादा दुख रागिनी के लिए है इस बेचारी को कभी ठीक से पत्नी बनने का सुख ही नही मिला, और अब बेचारी विधवा हो गई।
क्या ऐसा होगा की आगे वैभव अपनी भाभी के साथ भी शादी कर ले, क्योंकि बहुत से जगह ऐसा होता है की भाभी के जल्दी विधवा हो जाने पर देवर से शादी करा देते है।
Dekhte hain niyati kya khel rachti hai..
अब ये तो आने वाला वक्त बताएगा, नया अपडेट पढ़ कर बहुत खुशी हुई भाई, i hope ऐसे अपडेट आते रहेंगे ।
धन्यवाद.....
Thanks bhai, koshish jaari rahegi
