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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Behad hi sundar kahani Or shandar update
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Thank you very much for your valuable words man :thanx:
Welcome to the story, maybe aaj rat ko Update aayega
 

ARCEUS ETERNITY

"अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च।"
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माया
अल्बर्ट भी ऊपर वाले को प्यारे हो गए, अब डायनासोर के पड़कने के बाद भला कोई जीवित रहा, अब फैंटेसी दुनिया का जादू ही प्रोफेसर को बचा सकता है,

लग रहा था तौफीक का नंबर आ गया, लेकिन तौफीक की जगह प्रोफेसर ही निपट गए, ये गलत हुआ, एक अच्छे इंसान के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए,

अब अल्बर्ट के ना होने से सुयश की टीम में अनुभव की कमी खलेगी,

गुरुत्व की बूँद ने रीजेनेरेट होकर कमाल कर दिया, हनुका भी एक पल के लिए शॉक हो गये लेकिन वो समझ गये कि गुरुत्व किसी सही इंसान को ही मिला ,

अब सुयश की टीम का बहुत सारा खाना डायनासोर बेबी ने खा लिया है, इससे सुयश की टीम को खाने की परेशानियों से जूझना पड़ेगा

कुलमिला कर अपडेट अच्छा है,
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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अल्बर्ट भी ऊपर वाले को प्यारे हो गए, अब डायनासोर के पड़कने के बाद भला कोई जीवित रहा, अब फैंटेसी दुनिया का जादू ही प्रोफेसर को बचा सकता है,

लग रहा था तौफीक का नंबर आ गया, लेकिन तौफीक की जगह प्रोफेसर ही निपट गए, ये गलत हुआ, एक अच्छे इंसान के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए,
मैने क्या किया भाई, अलबर्ट कि नियति यही थी।:notme:
अब किसको डायनासोर खायेगा और किसको नहीं? उसमें मै क्या कर सकता हू?:cold:

अब अल्बर्ट के ना होने से सुयश की टीम में अनुभव की कमी खलेगी,
सो तो है।:approve:
गुरुत्व की बूँद ने रीजेनेरेट होकर कमाल कर दिया, हनुका भी एक पल के लिए शॉक हो गये लेकिन वो समझ गये कि गुरुत्व किसी सही इंसान को ही मिला ,
सो तो है भाई, गुरुत्व शक्ति का वापस डिबिया में आना इस बात को साबित करता है कि वह शक्ति किसी गलत हाथ में नहीं गयी।:declare:
अब सुयश की टीम का बहुत सारा खाना डायनासोर बेबी ने खा लिया है, इससे सुयश की टीम को खाने की परेशानियों से जूझना पड़ेगा

कुलमिला कर अपडेट अच्छा है,
खाने की समस्या तो है , पर जंगल मे फल मिल जाएँगे।:roll:
Thank you very much for your wonderful review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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#116.

त्रिशक्ति: (
12 जनवरी 2002, शनिवार, 13:25, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका)

वेगा अचानक से अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान हो गया था। वह अपनी बातें अपने भाई युगाका से शेयर भी नहीं कर सकता था, नहीं तो युगाका डरकर उसे अराका द्वीप पर बुला लेता।

वेगा के जन्मदिन को बीते आज 3 दिन हो गये थे। इन तीन दिनों में वेगा ना तो वीनस से मिला था और ना ही कहीं घर से बाहर निकला था। पर वेगा घर में बैठे-बैठे बिल्कुल बोर हो गया था। इसलिये आज उसने घर से निकलने का प्लान कर ही लिया।

वेगा ने आज अपने क्लब जाकर स्वीमिंग करने का प्लान कर लिया।

यह सोच वेगा कार की चाबी ले, घर से बाहर निकल गया, पर वह भैया की दी हुई जोडियाक वॉच पहनना नहीं भूला।

कुछ ही देर में ड्राइव करते हुए वेगा अपने स्वीमिंग क्लब तक पहुंच गया। वेगा ने चेंजिंग रुम में जा कर अपने कपड़े चेन्ज किये और स्वीमिंग पूल के पास पहुंच गया।

स्वीमिंग पूल में सिर्फ 2 लोग ही और स्वीमिंग कर रहे थे। वेगा ने डाइविंग बोर्ड पर खड़े होकर पानी में डाइव मार दी।

नीले रंग के स्वीमिंग पूल का पानी बेहद साफ सुथरा दिख रहा था। स्वीमिंग हमेशा से ही वेगा का फेवरेट शुगल रहा था।

वेगा जब भी पानी में उतरता, वह अपने आप को बहुत फ्रेश महसूस करने लगता था। चूंकि वेगा एक अटलांटियन था, इसलिये उसे पानी में भी साँस लेना आता था, पर वह दुनिया को दिखाने के लिये हर कुछ देर में पानी से बाहर आकर साँस लेने का नाटक करता था।

डाइव लगाने के बाद वेगा पानी के अंदर ही अंदर, स्वीमिंग पूल के एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर चल दिया।

तभी वेगा को पानी में एक बहुत छोटी सी मछली दिखाई दी। वह मछली 2 सेमी छोटी थी।

वह मछली बिल्कुल पारदर्शी थी। अगर उसकी आँखें काली ना होतीं तो शायद वेगा उसे देख भी नहीं पाता।

“ये तो ‘टैबियस’ मछली है, यह तो झील के फ्रेश वॉटर में पायी जाती है, यह यहां स्वीमिंग पूल के पानी में कैसे आ गयी? वेगा अभी उस नन्हीं मछली को देख ही रहा था कि तभी वह नन्हीं मछली एक ‘इलेक्ट्रिक ईल मछली’ में बदल गई और इससे पहले कि वेगा अपना बचाव कर पाता, उस ईल मछली ने वेगा को छूकर करंट का एक तेज झटका दिया।

वेगा का पूरा शरीर पानी में झनझना गया। वह करंट कम से कम 600 वॉट का तो जरुर रहा होगा।

वेगा के शरीर का आधा करंट उसकी जोडियाक वॉच ने खींच लिया, नहीं तो वेगा इतने तेज करंट से मर भी
सकता था।

वेगा ने पलटकर ईल मछली को देखा, वह पानी में तैरती हुई फिर उसकी ओर बढ़ रही थी।

वेगा यह देख तेजी से पानी से निकलने के लिये, किनारे की ओर तैरने लगा। तभी पीछे से आकर ईल ने वेगा को फिर एक बार करंट लगा दिया।

वेगा को इस बार पिछले वाले से भी ज्यादा करंट महसूस हुआ। वह समझ गया कि अब अगर एक बार भी ईल ने उसे और करंट मारा, तो वह मर जायेगा।

यह सोच वेगा ने अपनी पूरी शक्ति एक बार फिर एकत्रित की और किनारे की ओर तेजी से तैरने लगा।
इससे पहले कि ईल दोबारा पलट कर आती वेगा स्वीमिंग पूल से बाहर निकल गया।

वेगा अब किनारे पर लेटा हुआ, पानी में घूम रही ईल मछली को देख रहा था।

वेगा के साथ जो कुछ भी हुआ, वह वहां तैर रहे बाकी दोनों लड़को ने नहीं देखा था। वह अभी भी पानी में मस्ती कर रहे थे।

तभी वेगा के देखते ही देखते वह ईल पानी में गायब हो गई।

यह देख वेगा की आँखें कुछ सोचने वाले अंदाज में सिकुड़ गयीं। वेगा क्लब में और कोई हंगामा होते नहीं देखना चाहता था। इसलिये चेंजिंग रुम में जा कर कपड़े बदले और अपनी कार की ओर चल पड़ा।

वेगा की कार आउटडोर खड़ी थी, इसलिये वह बाहर की ओर चल दिया।

रास्ते में एक छोटा सा फव्वारा बना था, जिसमें पानी के फव्वारे चारो ओर पानी छीट रहे थे।

उस फव्वारे के दूसरी साइड एक बड़ी सी किसी अप्सरा की मूर्ति बनी थी, जो एक बड़ी सी मटकी अपने सिर पर रखे हुई थी।

जैसे ही वेगा उस फव्वारे के बगल से निकला, एक 10 फुट लंबा काला नाग उस फव्वारे वाले स्थान से निकलकर वेगा के पैर से लिपट गया।

वेगा यह देखकर हैरान हो गया। उसे क्लब जैसी जगह पर इतने खतरनाक नाग के होने का अंदेशा भी नहीं था।

नाग अपना पूरा फन फैला कर वेगा को काटने चला, पर वेगा का भी पूरा बचपन जंगल में ही बीता था। उसे नाग से बचना अच्छी तरह से आता था।

इससे पहले कि नाग वेगा को कोई नुकसान पहुंचा पाता, वेगा ने नाग के फन को, अपने सीधे हाथ से जोर से पकड़ लिया।

वेगा के द्वारा फन पकड़ लिये जाने पर नाग वेगा को काट नहीं पा रहा था, तभी उसने अपनी पूंछ से वेगा के पैर को जोर से उमेठना शुरु कर दिया।

नाग के ताकत बहुत ज्यादा थी, वेगा बांये हाथ से नाग की पूंछ को अपने पैर से छुड़ाने की कोशिश तो कर रहा था, पर एक हाथ से वह सफल नहीं हो पा रहा था।

इसी प्रयास में वेगा जमीन पर गिर पड़ा, पर गिरने के बाद भी वेगा ने नाग के फन को नहीं छोड़ा था।
तभी वेगा को उस अप्सरा की मूर्ति के नीचे, झाड़ी काटने वाली एक बड़ी सी कैंची दिखाई दी।

अब वेगा जमीन पर सरक कर धीरे-धीरे उस कैंची की ओर बढ़ने लगा।

तभी खतरा देख वेगा की जोडियाक वॉच स्वतः हरकत में आ गयी। उससे निकलकर धरा-कण मूर्ति के सिर पर रखी मटकी में समा गया।

उधर वेगा घिसटता हुआ मूर्ति के नीचे पहुंच गया। वेगा ने जमीन पर पड़ी कैंची की ओर अपना बांया हाथ बढ़ाया।

वेगा को कैंची की ओर हाथ बढ़ाते देख नाग ने पूरी ताकत लगा कर अपना फन वेगा के हाथ से छुड़ा लिया।

अब नाग वेगा के शरीर को छोड़कर उसके सामने आ गया। वेगा अभी भी गिरा पड़ा हुआ था। वेगा अचानक से उस नाग की आक्रामकता देख कर हैरान रह गया।

नाग ने अपना फन जोर से फैलाया और वेगा को काटने चला। वेगा के पास अब स्वयं को बचाने का बिल्कुल भी समय नहीं था।

तभी मूर्ति के सिर पर रखा मटका तेजी से हवा में लहराया और नाग के फन पर आकर जोर से गिरा। इतने भारी मटके के नीचे दबकर नाग मारा गया।

वेगा के देखते ही देखते नाग का शरीर वहां से धुंआ बनकर उड़ गया। वेगा की आँखें एक बार फिर सिकुड़ गयीं।

अब वेगा को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उस पर बार-बार हो रहे यह हमले एक इत्तेफाक नहीं थे, इसके पीछे अवश्य ही कोई गहरा राज था? वेगा तुरंत कार में बैठकर अपने घर की ओर चल दिया।

वेगा कार को ड्राइव करके भीड़ भरे रास्ते से अपने घर की ओर जा रहा था, पर अब एक कार उसकी कार का पीछा कर रही थी।

वेगा का पीछा कर रही कार में धरा और मयूर बैठे थे।

“यह तो एक साधारण बालक लग रहा है।” धरा ने मयूर से कहा-“इसके पास हमारी धरा शक्ति कैसे पहुंची?”

“उसने धरा शक्ति के हमारे कण को किसी आधुनिक तरीके से बनी एक घड़ी में डाल रखा है और वह घड़ी राशियों का रुप लेकर इसे बचा रही है।” मयूर ने कहा- “पर एक बात कहूं मुझे लगता है कि इस बालक को भी धरा शक्ति के बारे में कुछ भी पता नहीं है?”

“सही कहा मयूर, पर हमें इस लड़के को अपने अधिकार में लेकर उससे यह तो पूछना ही पड़ेगा कि उसे यह घड़ी किसने दी?”

धरा ने कार को ड्राइव करते हुए कहा- “और हम इस तरह से किसी मनुष्य को इतनी बड़ी धरा शक्ति का अधिकार भी नहीं दे सकते, हमें इससे वह घड़ी छीननी ही पड़ेगी। लेकिन इसके लिये हमें इस लड़के के किसी एकांत जगह में जाने का इंतजार करना होगा क्यों कि हम अपनी शक्तियों का प्रयोग मनुष्यों के सामने नहीं कर सकते।”

तभी वेगा की कार एक ऐसी रोड पर आ गयी, जहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं थी।

वेगा ने एक जगह पर कार को रोका और कार से उतरकर एक फल की दुकान की ओर बढ़ गया।

यह देख मयूर ने धरा को इशारा किया।

धरा ने अपनी कार को वेगा की कार से कुछ दूरी पर रोका और कार से उतरकर वेगा की ओर बढ़ने लगी।

मयूर कार में ही बैठकर धरा को देख रहा था। धरा अब फल खरीद रहे वेगा के बिल्कुल पीछे पहुंच गयी, तभी जाने कहां से एक पागल सांड अनियंत्रित हो कर वेगा की ओर दौड़ पड़ा।

अनियंत्रित सांड अपने रास्ते में आ रही हर चीज को हटाता जा रहा था।

चूंकि धरा और मयूर का ध्यान पूरी तरह से वेगा की ओर था, इसलिये वेगा की ओर तेजी से बढ़ रहा सांड उन्हें भी दिखाई नहीं दिया। और इससे पहले कि धरा वेगा का कुछ भी कर पाती, पागल सांड जा कर तेजी से धरा से जा टकराया।

सांड की टक्कर इतनी प्रभावशाली थी कि धरा उछलकर काफी दूर जा गिरी और उसका सिर एक कंक्रीट की दीवार से टकराने की वजह से, उसकी चेतना भी लुप्त हो गयी।

धरा को टक्कर मारने के बाद सांड वेगा की झपटा, पर वेगा की नजर इस जोरदार आवाज की वजह से सांड पर पड़ गयी थी।

वेगा ने तेजी से अपने शरीर को एक ओर गिरा कर स्वयं को बचा लिया।

सांड अपनी झोंक में वेगा के पीछे मौजूद एक बड़े से पेड़ से जा टकराया। सांड गुस्सा कर पलटा और वेगा को अपनी लाल-लाल आँखों से घूरने लगा।

उधर मयूर ने जैसे ही धरा को गिरते देखा, गुस्साकर कार से बाहर आया और गिरी पड़ी धरा की ओर भागा। मयूर ने धरा को हिलाया, पर धरा बेहोश थी।

गुस्साकर मयूर ने उस सांड की ओर देखा, सांड पेड़ के नीचे खड़ा गुस्से से फुंफकारता हुआ खूनी नजरों से वेगा की ओर देख रहा था।

यह देख मयूर ने गुस्से से जमीन को धीरे से थपथपाया। तभी सांड के पीछे खड़े, उस पेड़ की जड़ों के पास की धरती में कुछ परिवर्तन होना शुरु हो गया।

मयूर के थपथपाते ही पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी जमीन में समाने लगी, जिसकी वजह से 1 सेकेण्ड में ही पेड़ की जड़ें मिट्टी के बाहर दिखाई देने लगीं और इससे पहले कि वेगा को कुछ समझ आता, वह पेड़ एक चरचराहट की आवाज के साथ उस सांड के ऊपर आ गिरा।

सांड उस बड़े से पेड़ के नीचे पूरी तरह से दब गया।

वेगा को लगा कि पेड़ सांड की टक्कर की वजह से कमजोर हो गया था, इसलिये ही वह गिर पड़ा।

अब वेगा का ध्यान बेहोश पड़ी धरा की ओर गया, जिसे उसके पास बैठा मयूर हिला कर उठाने की कोशिश कर रहा था। वेगा भागकर धरा के पास पहुंच गया।

“इन्हें तो काफी चोट आयी लगती है, जल्दी चलिये मैं आपको हॉस्पिटल छोड़ देता हूं।” वेगा ने मयूर को देखते हुए कहा।

“नहीं...नहीं...इसे कुछ नहीं हुआ है, बस यह डर की वजह से बेहोश है, यह अपने आप सही हो जायेगी।
हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरुरत नहीं है।” हॉस्पिटल का नाम सुनते ही मयूर थोड़ा डर सा गया।

“पर ये बेहोश हैं और मैंने देखा, उस सांड की सीधी टक्कर इन्हें लगी थी, ऐसे में इन्हें अंदरुनी चोट आयी हो सकती है, हमें इन्हें किसी ना किसी डॉक्टर को दिखाना जरुरी है।” वेगा ने धरा को देखते हुए अपनी सलाह
दी।

“देखिये ये हॉस्पिटल के नाम पर बहुत पैनिक हो जाती हैं, इसलिये मैं इन्हें हॉस्पिटल तो किसी भी कीमत पर नहीं ले जा सकता।” मयूर ने भी बहाना बनाते हुए कहा।

“तो फिर ठीक है, आप इन्हें मेरे घर पर ले चलिये, मैं वहीं पर किसी डॉक्टर को कॉल करके बुला लूंगा।” वेगा ने सॉल्यूशन निकालते हुए कहा- “और मेरा घर भी यहां से बिल्कुल पास में ही है।”

मयूर को वेगा का यह सुझाव बहुत अच्छा लगा, उसने सोचा कि इसी बहाने वेगा के घर का भी पता चल जायेगा।

“ठीक है, हम आपके घर चल सकते हैं।” मयूर ने अपनी स्वीकृति दे दी।

मयूर की बात सुनते ही वेगा अपनी कार की ओर भागा। मयूर ने अपनी कार वहीं खड़ी छोड़ी और धरा को लेकर वेगा की कार की पिछली सीट पर बैठ गया।

मयूर, धरा के लिये ज्यादा चिंतित नहीं था, उसे पता था कि धरा को कैसी भी चोट लगी हो, उसके अंदर मौजूद धरा शक्ति कुछ ही देर में धरा को सही कर देगी।

अंजाने में वेगा, उन्हें ही अपने घर ले जा रहा था, जो कि उसे ही मारने वाशिंगटन डी.सी. आये थे।


जारी रहेगा_______
✍️
 

Raj_sharma

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Congrats for completing 400 page

आपकी मेहनत हैं भाई

avsji बन्धु आपका तर्क स्वीकारणीय है लेकिन अकाट्य नहीं।
वास्तव में किसी भी
उपलब्ध इतिहास, प्रसिद्ध व्यक्ति और सामाजिक व्यवस्था से पहले भी संस्कृति, परम्परा और समाज होता था।
Raj_sharma भाई अपनी संस्कृति दूसरे पर थोप रहे हैं ऐसा आपको लगा, लेकिन मुझे इसका दूसरा पहलू जो समझ आया, आपके सामने रख रहा हूं, पढ़कर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें
सम्पूर्ण पृथ्वी पर समान संस्कृति या सभ्यता थी, समय के साथ नये सामाजिक, सांस्कृतिक व साम्प्रदायिक समूह बनने पर उन समूहों ने सभ्यता या संस्कृति को अपने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अलग-अलग रुप में परिभाषित किया जिससे अलग-अलग शब्दों में एक ही बात को कहा जाने लगा और साधारण मनुष्यों ने उनको अलग-अलग ही सभ्यता मान लिया।
विदेशी सभ्यताओं के ऊपर कुछ साम्प्रदायिक समूह इतने हावी हो गये कि वहां के आमजन उन सम्प्रदायों के संस्थापकों और पुस्तकों को ही सभ्यता और संस्कृति का सृजन मानने लगे और उनके पूर्व की सभ्यता-संस्कृति का अस्तित्व ही मानने को तैयार नहीं।
जबकि भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े ज्यादातर लोग आज भी संस्कृति, परम्परा, सभ्यता को अपने आराध्य व्यक्ति और पुस्तकों से प्राचीन मानते हैं
इसीलिए उनकी सभ्यता की कहानी 1500-2000 साल पहले जन्मे व्यक्ति और उसकी लिखी पुस्तक पर समाप्त हो जाती है जबकि हम सांस्कृतिक इतिहास को किसी विशेष क्षेत्र, व्यक्ति या पुस्तक से भी पहले सम्पूर्ण पृथ्वी ही नहीं सम्पूर्ण विश्व तक गणना करते हैं सृष्टि काल से....
जो शर्मा जी यहां कर रहे हैं।

शब्दों का फेर है पोसाइडन कहो या वरुण, जैसे ऑसन कहो या समुद्र....मूल में तत्व तो एक ही है

सबसे पहले तो एक बार फिर से इस पोसाइडन महाराज की - :hammer: यह देवता तो आदमी छोड़ो राक्षस से भी अधिक हैवान है । इसे वहां के लोगों ने देवता कैसे मान लिया !
इस बार उसने जलपरियों के साथ धृष्टता करी और उन्हे शायद मार भी डाला । यह व्यक्ति खुद को समुद्र का देवता कहता है और इसे यह भी पता नही है कि समुद्र के अंदर कुछ गुफाएँ भी है ।

समुद्र के देवता हमलोगों के लिए वरूण है । इन्हे भी एक बार अपने शक्ति पर अभिमान हो गया था लेकिन सिर्फ अभिमान ही हुआ था और कोई गलत विकार पैदा नही हुआ था । सिर्फ इस घमंड की वजह से प्रभु राम इन पर क्रोधित हो गए थे और समुद्र का अस्तित्व ही समाप्त करने पर उतारू थे । लेकिन जल्द ही वरूण को अपनी गलती का एहसास हो गया ।
" विनय न मानत जलधि जड़ , गए तीन दिन बीति ।
बोले राम सकोप तब , भय बिनु होइ न प्रीति ।। "

और जहां तक बात है लंका की , लंका का निर्माण भोलेनाथ के निर्देश पर विश्वकर्मा ने किया था । लेकिन पुलस्तय ऋषि के पुत्र विश्रवा मुनि लोभ मे पड़कर लंका को खुद के लिए मांग लिया । बाद मे इन्होने इसे अपने पुत्र कुबेर को सौंप दिया । इन्ही विश्रवा मुनि की दूसरी पत्नी कैकसी से उत्पन्न रावण ने आगे चलकर इस लंका को कुबेर से छीन लिया था ।
कैकसी मायासुर की पुत्री थी ।

इन विषय पर बहुत लंबी चर्चा हो सकती है लेकिन प्रोब्लम यह है कि इसके लिए यह फ्लैटफार्म सही नही है ।

खैर , देखते है कैस्पर और मैग्ना इस तथाकथित समुद्री गाॅड पोसाइडन का सामना किस तरह से करते है !

खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।


उन्नीस हज़ार साल पहले के जहाज़ का नाम अंग्रेजी भाषा पर नहीं हो सकता, क्योंकि अंग्रेज़ी ठीक से बनी (organised) कोई छः सात सौ साल पहले, और उत्पत्ति में आई कोई डेढ़ हज़ार साल पहले! उसी तरह मीटर शब्द की उत्पत्ति भी कोई ढाई सौ साल पहले हुई। इसलिए माया किलोमीटर जैसे शब्द का प्रयोग नहीं कर सकतीं।
लेकिन मैं बूढ़ी सास की तरह बाल की खाल नहीं उखाड़ूँगा... यह व्यर्थ की बहस हो जाएगी। 😂 पहले ही आपका मन खट्टा कर चुका हूँ, पिछले कमेंट से!

ज़ीउस और हेड्स दोनों भाई थे - मतलब सोफ़िआ और मेरॉन दोनों कजिन हैं।
लिहाज़ा कैस्पर में भी दैवीय शक्तियाँ होनी चाहिए।

मणिका ने भी क्या पंगा ले लिया - जिस देवी की स्तुति करने आई थी, उसी के बालक को बुरी भली बातें बोल दीं।
घंटा कोई वरदान मिलने वाला है देवी से। उल्टा गणेश जी ने दण्ड अलग से दे दिया।
वैसे मणिका और गणेश भगवान वाले एपिसोड और कैस्पर वाले एपिसोड में 900 साल बीत गए हैं।

क्या मणिका और कैस्पर की शादी होगी? [आकाश का राजा + स्वर्ग की अप्सरा]
अगर हाँ, तो आधुनिक काल में उनका पुत्र कौन होगा? रोचक!

बहुत ही बढ़िया लिख रहे हो राज भाई। 👏👏

Wonderful update brother!!

Lekin kuch baat clear kar do.

Pahli baat Maya jahan rehti hai wo jagah manushya aur devta ke pahuch se bahar hai phir Maya kya hai???? Kya wo manushya aur devta dono nahi hai????

Dusri baat Poshaidan ka trishul jo hai wo gold ki bani hai???? Pahle jo weapons hote the* wo gold se banti thi kya????

Tisri baat yadi Poshaidan se samudra mein koi jagah chhupa hua hai matlab Shefali aur Suyash ke liye aur bhi jyada mystery se bhara hone wala hai ye Maya mahal ki journey ya phir wo sab samudra ke andar dakhil nahi hone wale hain????

Ek aur baat jahan tak mujhe yaad hai Casper aur Mahashakti Megra ne Mayavan ka nirman kiya hai phir bhi Casper ek sadharan insaan kaise ho sakta hai????

Bahut acha update aapne supreme ka saransh bhi de diya

nice update

Bhai read krne aaye kese, jab aaye tab forum chali jati hai, kabhi kabhi to lagta hai me hi panoti hu kya🤣🤣🤣🤣

Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....

Awe

Awesome update and nice story

बहुत ही जबरदस्त लाजवाब और अद्भुत मनमोहक रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Bhut hi jabardast update bhai

To vyom us panchsul Ki shakti se mar hi gaya tha vo to us gurutva shakti se bach gaya aur ab uske pass vo panchsul ki shakti bhi hai

अपडेट हमेशा की तरह लाजवाब था गुरूजी 🧡। मेरा पूर्वानुमान की गुरुत्व शक्ति गिरने के बाद नष्ट नही हुई होगी ,सत्य हो गया इस अपडेट में। रिंजो और शिंजो की जोड़ी अपने में ही अलग है, अतरंगी तथा हास्यास्पद कृत्य करने में अव्वल है दोनो, द्वीप पर घूम घूम कर शक्ति को खोजना और उसे अपने किसी यंत्र में प्रयोग करके उसे अपनी खोज बताना यही उनका मुख्य काम है, किरीट से शाबाशी जो मिलती है इन सबसे। व्योम भी समय के साथ शक्तिशाली होता जा रहा है पहले उस दिव्य पेड़ से , फिर गुरुत्व शक्ति और अब पंचशूल , व्योम का क्या किरदार होने वाला है आने वाले समय में ये तो लेखक ही जाने पर इतना तो जरूर है की व्योम, सुयश, शैफ़ाली हमें दिखेंगे ही लगातार बाकी का सफर कहा तक रहेगा ये अभी कहा नही जा सकता। अब व्योम और बाकी के सदस्यों का मेल मिलाप कब होगा ये भी देखने योग्य दृश्य होगा।

एक चीज़ जिसपे मैने गौर किया है की ये 114 अपडेट्स कहानी के समय के 1 महीने से भी कम समय के हैं ।

बहुत ही कमाल की कहानी है इंतजार रहे अगले प्रसंग का।

Raj_sharma bhai next update kab tak aayega?

Bhut hi badhiya update Bhai
To professor Albert ko tero sour uta kar le gaya hai
Dhekte hai ab aage kya hota hai

waiting next

Awesome update and nice story

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

साथियों के बिछड़ने

साथियों के बिछड़ने का सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा


Nice update👌👌

nice update. hanuka ne nakhush hokar dibiya rudraksh ko di par usme gurutv shakti ko dekhkar khush ho gaya ,hanuka ke alawa kisi ko bhi pata nahi chal paya asli baat ka ,ki shakti kisi achche insan ko mili isliye nayi shakti dibiya me aa gayi ..

terosor se taufik ne himmat se ladhai ki par bechara albert ko bada terosor utha le gaya ,kya wo jinda bachne ki koi ummeed hai ya suyash ,jenith milkar kuch kar paaye bachane ke liye ..

English name hai na isliye main bhi thodi bhool jati but story achhi hai name se itna problem nhi hai story pdte pdte name rat jayenge

Nice update....

Bahut hi romanchak update he Raj_sharma Bhai,

Hanuka ke khali hath aane ke bavjood guurtav shakti dibiya me wapis aa gayi

Shayad vyom sahi vyakti he jise gurutav shakti mili he............

Ab shalaka vapis aa rahi he.............shayad vo suyash aur vyom ki kuch madad kar sake...........

Terosours ne taufiq ko ghayal kar diya.........

Lemin Albert ko nahi bacha sake suyash and party...............

Ek ek karke sab bichde ja rahe he...........

Keep rocking Bro

Behad hi sundar kahani Or shandar update
Waiting for more

अल्बर्ट भी ऊपर वाले को प्यारे हो गए, अब डायनासोर के पड़कने के बाद भला कोई जीवित रहा, अब फैंटेसी दुनिया का जादू ही प्रोफेसर को बचा सकता है,

लग रहा था तौफीक का नंबर आ गया, लेकिन तौफीक की जगह प्रोफेसर ही निपट गए, ये गलत हुआ, एक अच्छे इंसान के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए,

अब अल्बर्ट के ना होने से सुयश की टीम में अनुभव की कमी खलेगी,

गुरुत्व की बूँद ने रीजेनेरेट होकर कमाल कर दिया, हनुका भी एक पल के लिए शॉक हो गये लेकिन वो समझ गये कि गुरुत्व किसी सही इंसान को ही मिला ,

अब सुयश की टीम का बहुत सारा खाना डायनासोर बेबी ने खा लिया है, इससे सुयश की टीम को खाने की परेशानियों से जूझना पड़ेगा

कुलमिला कर अपडेट अच्छा है,

Update posted friends, kindly provide your valuable review 🙏🏼
 
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