krish1152
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#94.
“अगर यह एलेक्स नहीं है तो एलेक्स कहां है?" क्रिस्टी ने युगाका की ओर देखते हुए कहा।
“कुछ कह नहीं सकते .... अब तो इसके होश में आने पर ही सब कुछ पता चलेगा।" शैफाली ने कहा।
तभी सुयश ने एक बोतल का पानी युगाका के सिर पर डाल दिया। सिर पर पानी पड़ते ही युगाका होश में आ गया।
होश में आते ही उसने अपने बंधे हाथो को देखा और चीख कर बोला- “मेरे सिर पर किसने चोट की.... जल्दी बताओ नहीं तो एक-एक को यहीं मार दूँगा।"
“बंधा तू खुद है और हमें मारने की बात कर रहा है।" जॉनी ने हंसते हुए कहा।
“लगता है पहले तेरी मौत आयी है।" युगाका ने कहा।
तभी आश्चर्यजनक तरीके से युगाका के हाथ पर बंधी जड़ अपने आप ही खुल गयी।
युगाका को इतनी आसानी से अपने हाथ खोलते देख सभी हैरान हो गये।
युगाका अब थोड़ा हिंसक नजर आने लगा था। यह देख तौफीक और ब्रेंडन ने अपने हाथ में चाकू निकाल लिया।
अब सभी सतर्क हो गये थे। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था। सभी बस युगाका के अगले कदम का इंतजार कर रहे थे।
युगाका अब अपने असली रूप में आ गया था। उसने गुस्से से एक पेड़ की ओर देखा। तुरंत उस पेड़ की डाली हिली और उसने जॉनी को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
पेड़ की डाली जॉनी के शरीर से लिपट गयी और उसने जॉनी को ऊपर हवा में उठा लिया।
यह देख ऐमू डर के मारे आसमान में उड़कर भाग गया।
तभी तौफीक ने पूरी ताकत से चाकू को युगाका की ओर उछाल दिया।
निशाना तो बिल्कुल सटीक था, पर उसी समय युगाका और चाकू के बीच एक पेड़ की डाल आ गयी। चाकू पेड़ की डाल में धंस गया।
युगाका ने अब घूरकर तौफीक की ओर देखा। तभी जमीन से पेड़ की एक जड़ निकली और तौफीक के चारो ओर लिपट कर उसे जमीन से इस कदर चिपका दिया कि अब तौफीक हिल भी नहीं सकता था।
“ठहरो ...!“ शैफाली ने युगाका की ओर देखकर चिल्लाकर कहा-“ मैंने मारा था तुम्हारे सिर पर डंडा....जो कहना हो मुझे कहो....बाकी सबको छोड़ दो।"
तभी एक पेड़ की डालियां बिल्कुल किसी राक्षस के हाथ की तरह से नीचे आई और शैफाली के शरीर को अपनी गिरफ़्त में ले हवा में टांग दिया।
“रुक जाओ .... ।"
अल्बर्ट यह देखकर चीखा- “उस बच्ची को छोड़ दो। वह अभी छोटी है। जो कुछ कहना है, हम लोगो को कहो।"
“ठीक है .... सबको एक साथ समझाता हूं।" इतना कहकर युगाका ने अपना हाथ हवा में हिलाया।
युगाका के ऐसा करते ही वहां मौजूद सभी पेड़ और पौधे आक्रामक अंदाज में वहां खड़े सभी लोगो से लिपट गये।
तभी एक पेड़ ने हवा में ही एक बड़ी सी कुर्सी का रूप लिया और उस पेड़ की जडों ने, युगाका को हवा में उठाकर, उस कुर्सी पर बैठा दिया।
यह देखकर सब समझ गये कि इस योद्धा से लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
“आप हो कौन?" सुयश ने दिमाग लगाते हुए पूछा।
“मेरा नाम युगाका है। मैं इस द्वीप का युवराज हूं। मेरे पास वृक्ष शक्ति है। इस लिये यहां के सारे पेड़ मेरा कहना मानते हैं।"
“हम आपसे लड़ना नहीं चाहते। शैफाली ने भी गलती से आपके सिर पर वार कर दिया था।" सुयश ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।
“तुम मनुष्यो की झूठ बोलने की आदत जायेगी नहीं ।" युगाका ने गुस्से में ही जवाब दिया- “अगर उस लड़की ने मुझे गलती से मारा तो तुम लोगो ने मुझे बांधा क्यों?"
इधर सभी को युगाका ने असहाय कर दिया था, उधर पोसाइडन पर्वत की मूर्ति की आँखें शैफाली को हवा में लटके देख लाल हो गयी।
वहां से एक अंजान ऊर्जा शैफाली की ओर बढ़ी और हवा में लटकी शैफाली से आकर टकरायी।
उस ऊर्जा के टकराते ही शैफाली को एक तेज झटका लगा और उसके बाल हवा में लहराये।
“आपने हमें मनुष्य क्यों बोला? क्या आप मनुष्य नहीं हो?" सुयश ने फ़िर युगाका को बातों में फंसाया।
“नहीं....मैं मनुष्य नहीं हूं। मैं अटलांटियन हूं और अटलांटियन मनुष्य से श्रेष्ठ होता है।" युगाका के शब्दो में घमंड साफ नजर आ रहा था।
“तो फ़िर तुम्हे मनुष्यो की मदद की आवश्यकता क्यों है?" इस बार शैफाली ने बीच में बोलते हुए कहा।
युगाका शैफाली के शब्द सुनकर हड़बड़ा सा गया- “किसने कहा कि मुझे मनुष्यो की मदद चाहिये?"
“क्यों देवी क्लिटो को स्वतंत्र नहीं कराना क्या?" शैफाली के शब्द अब रहस्य से भरे थे।
शैफाली के शब्द युगाका को छोड़ किसी की भी समझ में नहीं आ रहे थे।
“त.... तुम्हे कैसे पता?" युगाका के शब्दो में पूरे जहान का आश्चर्य था।
“तुम्हे क्या लगता है कि इस जंगल के सारे पेड़ तुम्हारा कहना मानते है?" शैफाली ने युगाका की बात को काटते हुए, धीरे से हवा में इशारा किया।
सभी पेडों ने शैफाली सहित सभी लोग को नीचे उतार दिया।
“य.... ये कैसे किया तुमने....म... मेरा मतलब है कि आपने?"अचानक से युगाका के अंदर शैफाली के लिये आदर के भाव आ गये।
तभी शैफाली का हाथ पुनः हवा में लहराया और युगाका की कुर्सी बने सभी पेडों ने युगाका का साथ छोड़ दिया।
शान से कुर्सी पर बैठा युगाका ‘धड़ाम’ से जमीन पर आकर गिरा।
युगाका ने हवा में हाथ हिलाया, पर किसी भी पेड़ ने युगाका की बात नहीं मानी।
“मैंने तुम्हे जानबूझकर मारा था।" तभी शैफाली ने गुस्से से कहा-“ क्यों की मैं तुम्हे पहचान गयी थी। तुम 'नयनतारा' पेड़ की दृष्टि को भ्रमित नहीं कर सकते।"
“आप कौन हो? और आप इन पेडों के बारे में इतना कैसे जानती हो?" युगाका ने आदर भरे स्वर में पूछा।
“मैं तो एक साधारण सी लड़की हूं। मुझे भी नहीं पता कि मैं ये सब कैसे जानती हूं?" अचानक से शैफाली फ़िर से सामान्य लगने लगी- “पर अब तुम्हे बताना पड़ेगा कि एलेक्स भैया कहां है?"
“मैंने एलेक्स को यहां से कुछ दूर पहले बेहोश करके एक पेड़ के किनारे छोड़ दिया था। हमें वो वहीं मिल जायेगा।" युगाका ने कहा।
“मुझे आपसे अभी बहुत कुछ पूछना है?" सुयश ने युगाका को देखते हुए कहा- “पर पहले हमें एलेक्स को अपने साथ लेना होगा, कहीं वह किसी मुसीबत में ना फंस जाए।"
सभी ने सुयश की बात पर अपनी सहमित जताई। पर जैसे ही युगाका आगे बढ़ने चला, उसके हाथ में बंधे एक रिस्ट-बैंड पर लगा लाल रंग का रत्न जोर से चमकने लगा। उसे चमकता देख युगाका विचलित हो गया।
“मैं आप लोगो से माफ़ी मांगता हूं, पर मुझे कुछ ज़रूरी काम से तुरंत यहां से जाना पड़ेगा, मगर मैं आपसे वादा करता हूं कि जल्दी ही आप लोगो से वापस आकर मिलूंगा, फ़िर आप जो कुछ पूछेंगे, वो सब मैं बताऊंगा। और हां यहां से 3 दिन की पैदल दूरी पर आपको पोसाइडन पर्वत मिलेगा, वहीं से आपको वापस जाने का मार्ग भी मिल जायेगा।" युगाका ने सभी से माफ़ी मांगते हुए कहा।
वापस जाने के मार्ग के बारे में सुनकर सभी के चेहरे खिल उठे।
सुयश को महसूस हो गया कि युगाका को वास्तव में ही कुछ ज़रूरी काम है, इसिलये उसने कहा-
“ठीक है आप जा सकते हो, पर एलेक्स को जहां छोड़ा था वह स्थान हमें बता दो।"
युगाका ने जल्दी से एलेक्स के बारे में उन्हें बताया और वहां से दौड़ते हुए जंगल में गायब हो गया।
कुछ ही देर में सभी युगाका के बताए स्थान पर पहुंच गये, पर उन्हें वहां कोई नजर नहीं आया।
यह देख जैक बोला- “कहीं वह जंगली हमें बेवकूफ तो नहीं बना गया?"
“नहीं...वह झूठ नहीं बोलेगा।" शैफाली ने कहा।
“तो बेहोश एलेक्स इतनी जल्दी कहां चला गया?" क्रिस्टी ने रुंधे गले से कहा- “कहीं वह किसी दूसरे खतरे में तो नहीं पड़ गया?"
“मुझे लगता है कि युगाका जल्दी ही हमसे आकर वापस मिलेगा और वही बताएगा कि एलेक्स इस समय कहां होगा? क्योंकि तुम लोगो ने देखा कि उसके पास कितनी जादुई शक्तियां थी।" जेनिथ ने कहा।
“शक्तियां तो हमारी शैफाली में भी कम नहीं हैं, बस इसे कुछ याद नहीं आ रहा।" अल्बर्ट ने शैफाली को प्यार से देखते हुए कहा।
“सही कह रहे हैं आप प्रोफेसर।" सुयश ने भी शैफाली की तारीफ की- “अगर शैफाली हमारे साथ ना होती तो हम लोग कब का इस जंगल में मारे गये होते?"
“मेरे ख़याल से अब हमें जल्दी से जल्दी पोसाइडन पर्वत पर पहुंचना चाहिए।"
ब्रेंडन ने कहा- “वहीं से हमें निकलने का मार्ग मिलेगा और तब तक युगाका भी आकर हमें सब कुछ बता ही देगा।"
ब्रेंडन की बात सुनकर क्रिस्टी को छोड़ सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। क्रिस्टी अभी भी एलेक्स के लिये चिन्तित नजर आ रही थी।
सभी फ़िर से आगे की ओर बढ़ गये, पर इस बार सभी के कदमो में उत्साह दिख रहा था।
जारी रहेगा_______![]()
Thanks brothernice update
Thank you very much for your wonderful review bhai,Bahut adhbhud aur lajawab update he Raj_sharma Bhai,
Rahasay he ki khatam hone ka naam hi nahi le rahe he..........
Keep rocking Bro
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....#94.
“अगर यह एलेक्स नहीं है तो एलेक्स कहां है?" क्रिस्टी ने युगाका की ओर देखते हुए कहा।
“कुछ कह नहीं सकते .... अब तो इसके होश में आने पर ही सब कुछ पता चलेगा।" शैफाली ने कहा।
तभी सुयश ने एक बोतल का पानी युगाका के सिर पर डाल दिया। सिर पर पानी पड़ते ही युगाका होश में आ गया।
होश में आते ही उसने अपने बंधे हाथो को देखा और चीख कर बोला- “मेरे सिर पर किसने चोट की.... जल्दी बताओ नहीं तो एक-एक को यहीं मार दूँगा।"
“बंधा तू खुद है और हमें मारने की बात कर रहा है।" जॉनी ने हंसते हुए कहा।
“लगता है पहले तेरी मौत आयी है।" युगाका ने कहा।
तभी आश्चर्यजनक तरीके से युगाका के हाथ पर बंधी जड़ अपने आप ही खुल गयी।
युगाका को इतनी आसानी से अपने हाथ खोलते देख सभी हैरान हो गये।
युगाका अब थोड़ा हिंसक नजर आने लगा था। यह देख तौफीक और ब्रेंडन ने अपने हाथ में चाकू निकाल लिया।
अब सभी सतर्क हो गये थे। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था। सभी बस युगाका के अगले कदम का इंतजार कर रहे थे।
युगाका अब अपने असली रूप में आ गया था। उसने गुस्से से एक पेड़ की ओर देखा। तुरंत उस पेड़ की डाली हिली और उसने जॉनी को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
पेड़ की डाली जॉनी के शरीर से लिपट गयी और उसने जॉनी को ऊपर हवा में उठा लिया।
यह देख ऐमू डर के मारे आसमान में उड़कर भाग गया।
तभी तौफीक ने पूरी ताकत से चाकू को युगाका की ओर उछाल दिया।
निशाना तो बिल्कुल सटीक था, पर उसी समय युगाका और चाकू के बीच एक पेड़ की डाल आ गयी। चाकू पेड़ की डाल में धंस गया।
युगाका ने अब घूरकर तौफीक की ओर देखा। तभी जमीन से पेड़ की एक जड़ निकली और तौफीक के चारो ओर लिपट कर उसे जमीन से इस कदर चिपका दिया कि अब तौफीक हिल भी नहीं सकता था।
“ठहरो ...!“ शैफाली ने युगाका की ओर देखकर चिल्लाकर कहा-“ मैंने मारा था तुम्हारे सिर पर डंडा....जो कहना हो मुझे कहो....बाकी सबको छोड़ दो।"
तभी एक पेड़ की डालियां बिल्कुल किसी राक्षस के हाथ की तरह से नीचे आई और शैफाली के शरीर को अपनी गिरफ़्त में ले हवा में टांग दिया।
“रुक जाओ .... ।"
अल्बर्ट यह देखकर चीखा- “उस बच्ची को छोड़ दो। वह अभी छोटी है। जो कुछ कहना है, हम लोगो को कहो।"
“ठीक है .... सबको एक साथ समझाता हूं।" इतना कहकर युगाका ने अपना हाथ हवा में हिलाया।
युगाका के ऐसा करते ही वहां मौजूद सभी पेड़ और पौधे आक्रामक अंदाज में वहां खड़े सभी लोगो से लिपट गये।
तभी एक पेड़ ने हवा में ही एक बड़ी सी कुर्सी का रूप लिया और उस पेड़ की जडों ने, युगाका को हवा में उठाकर, उस कुर्सी पर बैठा दिया।
यह देखकर सब समझ गये कि इस योद्धा से लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
“आप हो कौन?" सुयश ने दिमाग लगाते हुए पूछा।
“मेरा नाम युगाका है। मैं इस द्वीप का युवराज हूं। मेरे पास वृक्ष शक्ति है। इस लिये यहां के सारे पेड़ मेरा कहना मानते हैं।"
“हम आपसे लड़ना नहीं चाहते। शैफाली ने भी गलती से आपके सिर पर वार कर दिया था।" सुयश ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।
“तुम मनुष्यो की झूठ बोलने की आदत जायेगी नहीं ।" युगाका ने गुस्से में ही जवाब दिया- “अगर उस लड़की ने मुझे गलती से मारा तो तुम लोगो ने मुझे बांधा क्यों?"
इधर सभी को युगाका ने असहाय कर दिया था, उधर पोसाइडन पर्वत की मूर्ति की आँखें शैफाली को हवा में लटके देख लाल हो गयी।
वहां से एक अंजान ऊर्जा शैफाली की ओर बढ़ी और हवा में लटकी शैफाली से आकर टकरायी।
उस ऊर्जा के टकराते ही शैफाली को एक तेज झटका लगा और उसके बाल हवा में लहराये।
“आपने हमें मनुष्य क्यों बोला? क्या आप मनुष्य नहीं हो?" सुयश ने फ़िर युगाका को बातों में फंसाया।
“नहीं....मैं मनुष्य नहीं हूं। मैं अटलांटियन हूं और अटलांटियन मनुष्य से श्रेष्ठ होता है।" युगाका के शब्दो में घमंड साफ नजर आ रहा था।
“तो फ़िर तुम्हे मनुष्यो की मदद की आवश्यकता क्यों है?" इस बार शैफाली ने बीच में बोलते हुए कहा।
युगाका शैफाली के शब्द सुनकर हड़बड़ा सा गया- “किसने कहा कि मुझे मनुष्यो की मदद चाहिये?"
“क्यों देवी क्लिटो को स्वतंत्र नहीं कराना क्या?" शैफाली के शब्द अब रहस्य से भरे थे।
शैफाली के शब्द युगाका को छोड़ किसी की भी समझ में नहीं आ रहे थे।
“त.... तुम्हे कैसे पता?" युगाका के शब्दो में पूरे जहान का आश्चर्य था।
“तुम्हे क्या लगता है कि इस जंगल के सारे पेड़ तुम्हारा कहना मानते है?" शैफाली ने युगाका की बात को काटते हुए, धीरे से हवा में इशारा किया।
सभी पेडों ने शैफाली सहित सभी लोग को नीचे उतार दिया।
“य.... ये कैसे किया तुमने....म... मेरा मतलब है कि आपने?"अचानक से युगाका के अंदर शैफाली के लिये आदर के भाव आ गये।
तभी शैफाली का हाथ पुनः हवा में लहराया और युगाका की कुर्सी बने सभी पेडों ने युगाका का साथ छोड़ दिया।
शान से कुर्सी पर बैठा युगाका ‘धड़ाम’ से जमीन पर आकर गिरा।
युगाका ने हवा में हाथ हिलाया, पर किसी भी पेड़ ने युगाका की बात नहीं मानी।
“मैंने तुम्हे जानबूझकर मारा था।" तभी शैफाली ने गुस्से से कहा-“ क्यों की मैं तुम्हे पहचान गयी थी। तुम 'नयनतारा' पेड़ की दृष्टि को भ्रमित नहीं कर सकते।"
“आप कौन हो? और आप इन पेडों के बारे में इतना कैसे जानती हो?" युगाका ने आदर भरे स्वर में पूछा।
“मैं तो एक साधारण सी लड़की हूं। मुझे भी नहीं पता कि मैं ये सब कैसे जानती हूं?" अचानक से शैफाली फ़िर से सामान्य लगने लगी- “पर अब तुम्हे बताना पड़ेगा कि एलेक्स भैया कहां है?"
“मैंने एलेक्स को यहां से कुछ दूर पहले बेहोश करके एक पेड़ के किनारे छोड़ दिया था। हमें वो वहीं मिल जायेगा।" युगाका ने कहा।
“मुझे आपसे अभी बहुत कुछ पूछना है?" सुयश ने युगाका को देखते हुए कहा- “पर पहले हमें एलेक्स को अपने साथ लेना होगा, कहीं वह किसी मुसीबत में ना फंस जाए।"
सभी ने सुयश की बात पर अपनी सहमित जताई। पर जैसे ही युगाका आगे बढ़ने चला, उसके हाथ में बंधे एक रिस्ट-बैंड पर लगा लाल रंग का रत्न जोर से चमकने लगा। उसे चमकता देख युगाका विचलित हो गया।
“मैं आप लोगो से माफ़ी मांगता हूं, पर मुझे कुछ ज़रूरी काम से तुरंत यहां से जाना पड़ेगा, मगर मैं आपसे वादा करता हूं कि जल्दी ही आप लोगो से वापस आकर मिलूंगा, फ़िर आप जो कुछ पूछेंगे, वो सब मैं बताऊंगा। और हां यहां से 3 दिन की पैदल दूरी पर आपको पोसाइडन पर्वत मिलेगा, वहीं से आपको वापस जाने का मार्ग भी मिल जायेगा।" युगाका ने सभी से माफ़ी मांगते हुए कहा।
वापस जाने के मार्ग के बारे में सुनकर सभी के चेहरे खिल उठे।
सुयश को महसूस हो गया कि युगाका को वास्तव में ही कुछ ज़रूरी काम है, इसिलये उसने कहा-
“ठीक है आप जा सकते हो, पर एलेक्स को जहां छोड़ा था वह स्थान हमें बता दो।"
युगाका ने जल्दी से एलेक्स के बारे में उन्हें बताया और वहां से दौड़ते हुए जंगल में गायब हो गया।
कुछ ही देर में सभी युगाका के बताए स्थान पर पहुंच गये, पर उन्हें वहां कोई नजर नहीं आया।
यह देख जैक बोला- “कहीं वह जंगली हमें बेवकूफ तो नहीं बना गया?"
“नहीं...वह झूठ नहीं बोलेगा।" शैफाली ने कहा।
“तो बेहोश एलेक्स इतनी जल्दी कहां चला गया?" क्रिस्टी ने रुंधे गले से कहा- “कहीं वह किसी दूसरे खतरे में तो नहीं पड़ गया?"
“मुझे लगता है कि युगाका जल्दी ही हमसे आकर वापस मिलेगा और वही बताएगा कि एलेक्स इस समय कहां होगा? क्योंकि तुम लोगो ने देखा कि उसके पास कितनी जादुई शक्तियां थी।" जेनिथ ने कहा।
“शक्तियां तो हमारी शैफाली में भी कम नहीं हैं, बस इसे कुछ याद नहीं आ रहा।" अल्बर्ट ने शैफाली को प्यार से देखते हुए कहा।
“सही कह रहे हैं आप प्रोफेसर।" सुयश ने भी शैफाली की तारीफ की- “अगर शैफाली हमारे साथ ना होती तो हम लोग कब का इस जंगल में मारे गये होते?"
“मेरे ख़याल से अब हमें जल्दी से जल्दी पोसाइडन पर्वत पर पहुंचना चाहिए।"
ब्रेंडन ने कहा- “वहीं से हमें निकलने का मार्ग मिलेगा और तब तक युगाका भी आकर हमें सब कुछ बता ही देगा।"
ब्रेंडन की बात सुनकर क्रिस्टी को छोड़ सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। क्रिस्टी अभी भी एलेक्स के लिये चिन्तित नजर आ रही थी।
सभी फ़िर से आगे की ओर बढ़ गये, पर इस बार सभी के कदमो में उत्साह दिख रहा था।
जारी रहेगा_______![]()
क्रिस्टी#94.
“अगर यह एलेक्स नहीं है तो एलेक्स कहां है?" क्रिस्टी ने युगाका की ओर देखते हुए कहा।
“कुछ कह नहीं सकते .... अब तो इसके होश में आने पर ही सब कुछ पता चलेगा।" शैफाली ने कहा।
तभी सुयश ने एक बोतल का पानी युगाका के सिर पर डाल दिया। सिर पर पानी पड़ते ही युगाका होश में आ गया।
होश में आते ही उसने अपने बंधे हाथो को देखा और चीख कर बोला- “मेरे सिर पर किसने चोट की.... जल्दी बताओ नहीं तो एक-एक को यहीं मार दूँगा।"
“बंधा तू खुद है और हमें मारने की बात कर रहा है।" जॉनी ने हंसते हुए कहा।
“लगता है पहले तेरी मौत आयी है।" युगाका ने कहा।
तभी आश्चर्यजनक तरीके से युगाका के हाथ पर बंधी जड़ अपने आप ही खुल गयी।
युगाका को इतनी आसानी से अपने हाथ खोलते देख सभी हैरान हो गये।
युगाका अब थोड़ा हिंसक नजर आने लगा था। यह देख तौफीक और ब्रेंडन ने अपने हाथ में चाकू निकाल लिया।
अब सभी सतर्क हो गये थे। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था। सभी बस युगाका के अगले कदम का इंतजार कर रहे थे।
युगाका अब अपने असली रूप में आ गया था। उसने गुस्से से एक पेड़ की ओर देखा। तुरंत उस पेड़ की डाली हिली और उसने जॉनी को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।
पेड़ की डाली जॉनी के शरीर से लिपट गयी और उसने जॉनी को ऊपर हवा में उठा लिया।
यह देख ऐमू डर के मारे आसमान में उड़कर भाग गया।
तभी तौफीक ने पूरी ताकत से चाकू को युगाका की ओर उछाल दिया।
निशाना तो बिल्कुल सटीक था, पर उसी समय युगाका और चाकू के बीच एक पेड़ की डाल आ गयी। चाकू पेड़ की डाल में धंस गया।
युगाका ने अब घूरकर तौफीक की ओर देखा। तभी जमीन से पेड़ की एक जड़ निकली और तौफीक के चारो ओर लिपट कर उसे जमीन से इस कदर चिपका दिया कि अब तौफीक हिल भी नहीं सकता था।
“ठहरो ...!“ शैफाली ने युगाका की ओर देखकर चिल्लाकर कहा-“ मैंने मारा था तुम्हारे सिर पर डंडा....जो कहना हो मुझे कहो....बाकी सबको छोड़ दो।"
तभी एक पेड़ की डालियां बिल्कुल किसी राक्षस के हाथ की तरह से नीचे आई और शैफाली के शरीर को अपनी गिरफ़्त में ले हवा में टांग दिया।
“रुक जाओ .... ।"
अल्बर्ट यह देखकर चीखा- “उस बच्ची को छोड़ दो। वह अभी छोटी है। जो कुछ कहना है, हम लोगो को कहो।"
“ठीक है .... सबको एक साथ समझाता हूं।" इतना कहकर युगाका ने अपना हाथ हवा में हिलाया।
युगाका के ऐसा करते ही वहां मौजूद सभी पेड़ और पौधे आक्रामक अंदाज में वहां खड़े सभी लोगो से लिपट गये।
तभी एक पेड़ ने हवा में ही एक बड़ी सी कुर्सी का रूप लिया और उस पेड़ की जडों ने, युगाका को हवा में उठाकर, उस कुर्सी पर बैठा दिया।
यह देखकर सब समझ गये कि इस योद्धा से लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
“आप हो कौन?" सुयश ने दिमाग लगाते हुए पूछा।
“मेरा नाम युगाका है। मैं इस द्वीप का युवराज हूं। मेरे पास वृक्ष शक्ति है। इस लिये यहां के सारे पेड़ मेरा कहना मानते हैं।"
“हम आपसे लड़ना नहीं चाहते। शैफाली ने भी गलती से आपके सिर पर वार कर दिया था।" सुयश ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।
“तुम मनुष्यो की झूठ बोलने की आदत जायेगी नहीं ।" युगाका ने गुस्से में ही जवाब दिया- “अगर उस लड़की ने मुझे गलती से मारा तो तुम लोगो ने मुझे बांधा क्यों?"
इधर सभी को युगाका ने असहाय कर दिया था, उधर पोसाइडन पर्वत की मूर्ति की आँखें शैफाली को हवा में लटके देख लाल हो गयी।
वहां से एक अंजान ऊर्जा शैफाली की ओर बढ़ी और हवा में लटकी शैफाली से आकर टकरायी।
उस ऊर्जा के टकराते ही शैफाली को एक तेज झटका लगा और उसके बाल हवा में लहराये।
“आपने हमें मनुष्य क्यों बोला? क्या आप मनुष्य नहीं हो?" सुयश ने फ़िर युगाका को बातों में फंसाया।
“नहीं....मैं मनुष्य नहीं हूं। मैं अटलांटियन हूं और अटलांटियन मनुष्य से श्रेष्ठ होता है।" युगाका के शब्दो में घमंड साफ नजर आ रहा था।
“तो फ़िर तुम्हे मनुष्यो की मदद की आवश्यकता क्यों है?" इस बार शैफाली ने बीच में बोलते हुए कहा।
युगाका शैफाली के शब्द सुनकर हड़बड़ा सा गया- “किसने कहा कि मुझे मनुष्यो की मदद चाहिये?"
“क्यों देवी क्लिटो को स्वतंत्र नहीं कराना क्या?" शैफाली के शब्द अब रहस्य से भरे थे।
शैफाली के शब्द युगाका को छोड़ किसी की भी समझ में नहीं आ रहे थे।
“त.... तुम्हे कैसे पता?" युगाका के शब्दो में पूरे जहान का आश्चर्य था।
“तुम्हे क्या लगता है कि इस जंगल के सारे पेड़ तुम्हारा कहना मानते है?" शैफाली ने युगाका की बात को काटते हुए, धीरे से हवा में इशारा किया।
सभी पेडों ने शैफाली सहित सभी लोग को नीचे उतार दिया।
“य.... ये कैसे किया तुमने....म... मेरा मतलब है कि आपने?"अचानक से युगाका के अंदर शैफाली के लिये आदर के भाव आ गये।
तभी शैफाली का हाथ पुनः हवा में लहराया और युगाका की कुर्सी बने सभी पेडों ने युगाका का साथ छोड़ दिया।
शान से कुर्सी पर बैठा युगाका ‘धड़ाम’ से जमीन पर आकर गिरा।
युगाका ने हवा में हाथ हिलाया, पर किसी भी पेड़ ने युगाका की बात नहीं मानी।
“मैंने तुम्हे जानबूझकर मारा था।" तभी शैफाली ने गुस्से से कहा-“ क्यों की मैं तुम्हे पहचान गयी थी। तुम 'नयनतारा' पेड़ की दृष्टि को भ्रमित नहीं कर सकते।"
“आप कौन हो? और आप इन पेडों के बारे में इतना कैसे जानती हो?" युगाका ने आदर भरे स्वर में पूछा।
“मैं तो एक साधारण सी लड़की हूं। मुझे भी नहीं पता कि मैं ये सब कैसे जानती हूं?" अचानक से शैफाली फ़िर से सामान्य लगने लगी- “पर अब तुम्हे बताना पड़ेगा कि एलेक्स भैया कहां है?"
“मैंने एलेक्स को यहां से कुछ दूर पहले बेहोश करके एक पेड़ के किनारे छोड़ दिया था। हमें वो वहीं मिल जायेगा।" युगाका ने कहा।
“मुझे आपसे अभी बहुत कुछ पूछना है?" सुयश ने युगाका को देखते हुए कहा- “पर पहले हमें एलेक्स को अपने साथ लेना होगा, कहीं वह किसी मुसीबत में ना फंस जाए।"
सभी ने सुयश की बात पर अपनी सहमित जताई। पर जैसे ही युगाका आगे बढ़ने चला, उसके हाथ में बंधे एक रिस्ट-बैंड पर लगा लाल रंग का रत्न जोर से चमकने लगा। उसे चमकता देख युगाका विचलित हो गया।
“मैं आप लोगो से माफ़ी मांगता हूं, पर मुझे कुछ ज़रूरी काम से तुरंत यहां से जाना पड़ेगा, मगर मैं आपसे वादा करता हूं कि जल्दी ही आप लोगो से वापस आकर मिलूंगा, फ़िर आप जो कुछ पूछेंगे, वो सब मैं बताऊंगा। और हां यहां से 3 दिन की पैदल दूरी पर आपको पोसाइडन पर्वत मिलेगा, वहीं से आपको वापस जाने का मार्ग भी मिल जायेगा।" युगाका ने सभी से माफ़ी मांगते हुए कहा।
वापस जाने के मार्ग के बारे में सुनकर सभी के चेहरे खिल उठे।
सुयश को महसूस हो गया कि युगाका को वास्तव में ही कुछ ज़रूरी काम है, इसिलये उसने कहा-
“ठीक है आप जा सकते हो, पर एलेक्स को जहां छोड़ा था वह स्थान हमें बता दो।"
युगाका ने जल्दी से एलेक्स के बारे में उन्हें बताया और वहां से दौड़ते हुए जंगल में गायब हो गया।
कुछ ही देर में सभी युगाका के बताए स्थान पर पहुंच गये, पर उन्हें वहां कोई नजर नहीं आया।
यह देख जैक बोला- “कहीं वह जंगली हमें बेवकूफ तो नहीं बना गया?"
“नहीं...वह झूठ नहीं बोलेगा।" शैफाली ने कहा।
“तो बेहोश एलेक्स इतनी जल्दी कहां चला गया?" क्रिस्टी ने रुंधे गले से कहा- “कहीं वह किसी दूसरे खतरे में तो नहीं पड़ गया?"
“मुझे लगता है कि युगाका जल्दी ही हमसे आकर वापस मिलेगा और वही बताएगा कि एलेक्स इस समय कहां होगा? क्योंकि तुम लोगो ने देखा कि उसके पास कितनी जादुई शक्तियां थी।" जेनिथ ने कहा।
“शक्तियां तो हमारी शैफाली में भी कम नहीं हैं, बस इसे कुछ याद नहीं आ रहा।" अल्बर्ट ने शैफाली को प्यार से देखते हुए कहा।
“सही कह रहे हैं आप प्रोफेसर।" सुयश ने भी शैफाली की तारीफ की- “अगर शैफाली हमारे साथ ना होती तो हम लोग कब का इस जंगल में मारे गये होते?"
“मेरे ख़याल से अब हमें जल्दी से जल्दी पोसाइडन पर्वत पर पहुंचना चाहिए।"
ब्रेंडन ने कहा- “वहीं से हमें निकलने का मार्ग मिलेगा और तब तक युगाका भी आकर हमें सब कुछ बता ही देगा।"
ब्रेंडन की बात सुनकर क्रिस्टी को छोड़ सभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। क्रिस्टी अभी भी एलेक्स के लिये चिन्तित नजर आ रही थी।
सभी फ़िर से आगे की ओर बढ़ गये, पर इस बार सभी के कदमो में उत्साह दिख रहा था।
जारी रहेगा_______
Yugaka sach hi bol raha tha, use wapas to aana chahiye, per us se pahle kuch or raaj saamne aayege,Badhiya update ha bhai
Yugaka khud ko tus markhan samajh raha tha idhar Shefali ne okat dukha di lekin fir wahi sawal ha ki akhir kyon shefali hi kyon akhir kya ha shefali ke ander aisa to konsi importnat chij ha uske ander ki khud island hi bachane aa jata ha use ka hi kis roop me to kabhi kis roop me baharhal dekhte han ki Yugaka sach me i he chakma dekar bhag gaya ya wo wapas ayega
क्रिस्टी
Behtareen update![]()
Thank you so much for your valuable review parkas bhaiBahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....