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UPDATE 205
राज के घर
उपर के कमरे मे अनुज बेड पर बैठा आहे भर रहा था क्योकि निशा उसके पैरो मे बैठी हुई उसका लन्ड चुस रही थी ।
अनुज - आह्ह दिदीईई ऊहह कितने दिन बाद आज्ज्ज उह्ह्ह मजा रहा है उम्म
निशा उसके लन्ड को मुह मे भर कर चुबलाती हुई उसके जांघो को सहला रही थी और अनुज उस्के सर को पकड़े हुए अपनी गाड़ उठा कर लन्ड को गले तक ले जा रहा था - अह्ह्ह दिदीईई उह्ह्ह अफ्फ्च और चुसो
वही निचे राज के कमरे मे राज और उसके पापा छत पर डोलते पंखे को निहार रहे थे
करने को कुछ बातें नही थी और राज का दिमाग शिला बुआ की कहानियों मे उल्झा हुआ था , आज के कोटे की दो बार की चुदाई वो कर चुका था , मगर बुआ की रसदार कहानियो के बारे मे सोच कर उसका लन्ड अक्ड़ा हुआ था ।जिसे वो बार बार भींच रहा था ।
रन्गी - क्या हुआ बेटा किसे याद करके मिज रहा है हां
राज मुस्कुरा कर - अरे पापा बस बुआ के बारे मे सोच रहा हु , कितना मजा आया आज आपके साथ हिहिही
रंगी - हा भाई मजा तो आया , लेकिन आज रात पता नही क्यूँ नीद नही आ रही है ।
राज - मम्मी को बुलाऊ क्या हिहिही
रन्गी आहे भरता - काशस्स ऐसा हो पाता , ये औरते ना जाने क्या रस बातें करने मे पाती है जो लन्ड का त्याग कर देती है
राज हसता हुआ - हिहिही पापा ये तो मम्मी से ही पुछना पड़ेगा
रंगी करवट लेकर - सो जा बेटा , कल सुबह पुछ लेना
राज हसता हुआ वापस से शिला के घर की महाभारत सोचने लगता है ।
तभी दरवाजे पर फुसफुसाहट भरी दसत्क होती है ।
रंगी - अरे इतनी रात को कौन होगा
राज ह्स कर - आपके सवाल का जवाब
रंगी - मतलब
राज - अरे मम्मी है , खोलो जल्दी
रंगी खुश हुआ और जल्दी से दरवाजा खोलता है ।
सामने देखता है कि रागिनी एक चुन्नी ओढ़े पूरी की पूरी नंगी खडी थी और उसकी मोटी मोटी चुचिया उस जालीदार दुपट्टे से साफ साफ झलक रहो थी, और निचे से उसकी चुत के फाके भी दिखाई दे रहे थे ।
दोनो बाप बेटे हैरत मे थे कि मम्मी इस हालत मे कैसे और क्यू ?
राज - मम्मी आप ऐसे यहा , बुआ और मौसी कहा है ?
रागिनी नाटक करती हुई - अरे आज तेरे बुआ को ना जाने क्या हो गया है हाय मेरी तो इज्जत लूट रही थी वो
रन्गी और राज चौक कर - क्या ?
रागिनी चेहरा बनाती हुई - हा राज के पापा आपकी बहन पगला गयि है मै तो किसी तरह अपनी इज्जत बचा के भागी लेकिन
राज - लेकिन क्या मम्मी
रागिनी - लेकिन वो , वो रज्जो दीदी के उपर
रंगी - क्या बक रही हो तुम , मुझे समझ नही आ रहा
रागिनी - आओ दिखाती हु आपको , आ राज तु भी
दोनो बाप बेटे हैरत मे रागिनी के पीछे उसके कमरे मे गये और सामने का नाजारा देख के दोनो बाप बेटे चौक गये ।
उन्हे समझ नही आ रहा था कि वो क्या रियेक्शन दे
हैरानी और अचरज से भरे चेहरे पर खुशी के भाव उभर रहे थे
सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था
शिला बुआ और रज्जो मौसी दोनो नंगी थी
शिला रज्जो के उपर चढ़ी हुई उसकी मोटी मोटी थन जैसी चुचियों को मिजते हुए उसके होठ चुस रही थी और पीछे से दोनो का बड़ा बड़ा हाथीयो वाला पिछवाड़ा,भोसडीदार बुर के साथ खुला पड़ा ।
दोनो बाप बेटे चहक उठे और उछलते हुए बिना कोई देरी किये रंगी पीछे से तो राज आगे से टूट पड़ा
शिला रज्जो के होठ चुबला रही थी दोनो की कामुक सिसकिया और कुलर की हनहनाहट मे मानो उन्हे रागिनी की शरारत का पता ही नही चला कि कब वो अपने पति और बेटे को बुलाने पहुच गयी
इधर राज झटपट अपना चढ़ढा निकालकर उन दोनो के सर के पास पहुचा और होठों का रसपान कर रही मौसी बुआ के होठों के बीच मे अपना कड़क तना हुआ मुसल सुपाडा की टोपी सरकाता हुआ घुसा दिया
अगले ही समूच मे दोनो की होठ गर्म हो गये और नथुनो मे राज के लाल सुपाड़े की मादक गंध भर गयी ।
कुछ मिली सेकेंड भर की हैरत हुई होगी दोनो को और सब भूल कर वो राज के सुपाड़े को आधा बाट कर चुबलाने लगी ।
उनकी हैरानी तब बढ़ी जब पीछे से रंगी ने अपनी बहन की मोटी गाड़ के दरखतो को फैलाता हुआ जीभ की टिप सीधे ass होल पर लगा दी और वही दूसरे हाथ की दो उंगली रज्जो की चुत मे ।
मचल सी उठी दोनो इस दोहरे घात से और आंखे खोल कर रज्जो से सामने देखा तो राज आंखे बंद कर सिस्किया ले रहा था और सामने एक और मर्द था ।
रज्जो को समझते देर नही लगी कि ये बाप बेटे ही है और सारी शरारत रागिनी की है ।
उसका जोश आज चौगुना हो गया था उसने राज का लन्ड हाथ मे पकड़ लिया और उसको चूमने लगी,
शिला रज्जो के होठ और राज लन्ड, रंगी के उसके गाड़ पर टूटने से छोड़ चुकी थी, उसकी भड़ास पर रज्जो की चुचियों पर निकल रही थी
उसकी नजर अपनी भौजाई रागिनी को भी खोज रही थी
लेकिन वो तो अपने पति अपने साजन के टांगो के बीच घुसी हुई लन्ड को गले मे घोट रही थी ।
शिला - आह्ह्ह तु बाप बेटे ने उह्ह्ह बहुत कुछ छिपा रखा है मुझसे उम्म्ंम
राज हस कर रज्जो के होठों पर अपने लन्ड को दरता हुआ - अह्ह्ह बुआ कहा कुछ छिपा रखा है उम्म्ं सब तो खोल दिया लो,तुम भी लो ना
ये बोल कर राज ने अपना लन्ड हस्ते हुए रज्जो से शिला की ओर घुमा दिया और शिला ने लपक कर उसको मुह मे ले लिया
वही पीछे रन्गी की हालत भी कम बुरी नही थी , रागिनी उसके आड़ो को टटोल टटोल कर उसके लन्ड को चुस रही थी, उसके जिस्म को सहला रही थी और रन्गी अपनी बहन और साली के गाड़ और चुत के गंध से पागल हुआ जा रहा था
रज्जो के छेद से शिला की गहरी सुराख तक , चाट चाट कर उसकी जीभ चख्ट गयी थी , चार चार छेद सामने रहते हुए उसे अपने लन्ड की फड़कन अपनी बीवी के मुह मे शान्त करनी पड रही थी,
रन्गी से रहा नही गया तो उसने हरकत की , रागिनी समझ गयि और उसने लन्ड छोड़ दिया
अगले ही पल की देरी मे रंगी खड़ा हुआ और रज्जो की चुत मलता हुआ थोड़ा सा उसकी बुर मे सुपाड़े को घुसाया अगले ही पल उसको शिला की गाड़ के मुहाने पर दे दिया
दोनो बुरी तरह मचल उठी और सिसकिया उठने लगी
हचक के रन्गी ने पुरा का पुरा लन्ड शिला की गाड़ मे घुसेडा , चिकनी तो पहले से थी और लन्ड को चिकना रागिनी ने किया था , थोड़ी बहुत चिकनाई रज्जो की बजब्जाती बुर से लेके आधा लन्ड शिला की गाड़ मे भरा कसा अक्ड़ा हुआ पुरा
आंखे भींच कर दर्द भरी अकड़न से शिला ने आह्ह भरी - अह्ह्ह मयाअह्ह्ह
रज्जो ने भी देरी नही की और उसके रसिले गदराये जोबन को पकडा और इंच भर लंबे कड़े कड़े निप्प्ल अपने होठों से लगाते हुए , सिरिंज की तरह चुसने लगी
शिला के लिए तो दोनो तरफ मस्ती ही मस्ती थी
वही बेड के दूसरी ओर भी मस्ती कम नही थी , रागिनी की टाँगे फैली हुई थी और राज की थूथ उसके बुर मे
मांसल मोटी मोटी जांघो के बीच अपना मुह दिया हुआ राज अपनी मा के चुत के रस को चुस रहा था,
लपलपाती जीभ उसके चिकने बुर के फाको पर एक मिठास पैदा कर रही थी
रागिनी उसके बाल नोचते हुए उसके मुह को जोरो से अपनी चुत पर दिये हुए - अह्ह्ह लल्ला चाट उह्ह्ह आह्ह कितना दिन हो गया ऊहह उम्म्ं
शिला - अह्ह्ह भौजी तुम भी कम नही निकली उम्म्ं अकेले अकेले कुवारे बेटे की सील तोड़ दी
रागिनी सिस्क कर - अकेली कहा दीदी ,तुम तो थी ना उस रात , तुमने ही आदत दिलवाई और तुम्हारे भैया पक्के बहिनचोद ये कहा मानने वाले थे ।
" इनकी बहिन बीवी बाजार मे रान्ड बनके घूमे इन्हे तो मजा आता है ,अह्जह्ह्ब लल्ला उह्ह्ह फ़ाड दिया रेह्ह ऊहह " , रागिनी अपनी बात पूरी कर रही थी तब तक राज अपना लन्ड हचाक से आधे बुर के उतार दिया ।
रंगी पूरे जोश मे उसकी गाड़ मार रहा था और लन्ड को भितर तक ले जा रहा था
मगर शिला के सवाल कहा कम होने वाले थे अगला सवाल उसने रज्जो पर दागा - और तुम भौजी आह्ह बहिनचोद तुम भी कम नही निकली , भतिजे का लन्ड गटक गयी और बताया भी नही ।
रज्जो नीचे लेटी हुई उसके चुचे मसलती हुई - खड़ा लन्ड मेरी कमजोरि है शिला अह्ह्ह उम्म्ंम जमाई जी आराम से
रंगी ने छेद बदला और रज्जो की बुर मे लन्ड घुसेड़ दिया
हचक हचक के लन्ड देने लगा और शिला की गाड़ नोचता हुआ उसपे थपेड लगाई
शिला - अह्ह्ह भैयाह्ह्ह अराम्म्म्ं से उह्ह्ह्ह
" कसम से दीदी आज आपकी गाड़ बहुत सेक्सी लग रही है , जी कर रहा है खा जाउ" , रंगी उसके गाड़ को सहलाता हुआ मसलता है
अगले ही पल शिला अपने घुटने से एड़ियो के बल होकर अपनी गाड़ चुत सहित रंगी के आगे परोसती हुई - आह्ह भैयया लो ना , खाओ ना अपनी प्यारी बहना की गाड़ अह्ह्ह उम्म्ंम
नथुनो मे शिला के गाड़ की मादक गन्ध पाते ही उसने दोनो हाथो से उसे पकड कर अपना मुह उसमे दे दिया और रसाती चुत के सिरे चाटता हुआ जीभ से गाड़ को कुरेदने लगा ,
इस दौरान रज्जो निचे उसके करारे झटके खाती हुई शिला के लटके हुए मोटे मोटे खरबूजे हथेलियो मे भरने लगी
शिला और रज्जो दोनो सिस्क रहे थे आहे भर रहे थे और दोनो के बिच आई कॉन्टैक्ट भि बना हुआ था और देर ना करते हुए शिला ने अपनी गाड़ उकुडू होकर रज्जो के मुह पर रख दी
शिला की भोसडी दार चुत के फाके होठों मे भर का चुबलाती हुई कस कस के निचोड रही थी और शिला की चिखे तेज हो रही थी, वो झड़ रही थी इधर रन्गी और राज हचक ह्चक के लन्ड दोनो बहनो को बुर मे दिये जा रहे थे
रागिनी - आह्ह बेटा अह्ह्ह रुकना मत ऊहह आयेगा मेरा ऊहह उह ऐसे ही ऐसे उह्ह्ह
राज - हा मा लोह्ह उह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह कितना मजा आ रहा है उह्ह्ह्ह येस्स्स
राज पेल मम्मी को रहा था उसकी नजरे रज्जो मौसी पर थी जो अपनी गाड़ उठा उठा कर झड़ रही थी ।
इधर राज और रन्गी की आंखे टकराई और दोनो मुस्कराए , राज की गुजारिश रन्गी समझ गया और रज्जो के आगे से हट गया ,
राज अपनी मा को छोड़ कर रज्जो के जांघो के बीच आ कर उसकी चुत चाटते हुए जान्घे उठा कर गाड़ के सुराख पर मुह दे दिया
उधर रन्गी ने शिला को खिंच कर उसकी गाड़ उठा कर उसके बुर मे उठ रही खुजलाहट पर अपना मुह लगा दिया
इधर रागिनी ने भी काफी सुस्त चुकी थी उसकी नजर भाईबहनो की जोड़ी पर गयी और वो बेड से उठ कर उधर बढ़ गयी
वही उपर के कमरे मे अनुज की आज कुछ अलग ट्राई करने का मौका मिला ,
निशा घोड़ी बनी हुई थी और तेल की शिशी अनुज के हाथ मे थी , वो निशा की गाड़ की सुराख को पीछे 4 मिंट से उन्ग्की घुसा घुसा कर नरम कर रहा था ,
निशा के गाड़ की गर्मी और कसावट से उसकी उत्तेजना तेज तो थी लेकिन एक अजीब सी गिनगिनाहट सी हो रही थी उसे , मानो गु ना लग जाए
वही निशा अपनी गाड़ उठाये इस धीमे गति वाली उंगली पेलाई से मस्त हो चुकी थी उसकी बुर लार टपका रही थी , उन्मुक्ता ने उसने अनुज को कहा - भाई डाल ना उह्ह्ह्ह प्लिज्ज्ज
अनुज के लिए हैरत की बात थी कि निशा की गाड़ वो खोल रहा था , ये दूसरी बार था कि उसने किसी की गाड़ के छेद पर सुपाड़े को टिकाया था ,
उसे यकीन था उसका ये प्रयास निशा के लिए दर्दकारी होने वाला था , उसने लन्ड को भिडाया और कसकर दबाते हुए पचक के आवाज के साथ सुपाडा निशा की गाड़ मे
निशा ने अपने जिस्म को ऐठा और गहरि गहरि सास लेती हुई गाड़ के सुराख को फैलाता , अनुज को ढील मह्सूस होते ही उसने कमर को झटका और आधा लन्ड उसकी गाड़ को चीरता भीतर घुस गया - अह्ह्ह उह्ह्ह बहिनचोद कितना टाइट है रे तेरा अह्ह्ह उह्ह्ब
अनुज फ़िकर से - निकाल लू दीदी
निशा ने ना मे गरदन झटका और गहरि सास लेती हुई - रुका क्यू है भोस्डी के पेल ना
निशा की डांट अनुज के लिए सबक सी थी और वो पूरे जोश मे उसके कुल्हे थामता हुआ करारे झटके से ह्चक हच्क के लन्ड को अन्दर बाहर करने लगा
जलद ही निशा की गाड़ गर्म हो गयी और उसका दर्द मजे मे बदलने लगा वो अपनी एक हाथ से अपनी बुर सहलाती हुई -आह्ह भाई ऐसे ही उह्ह्ह फक्क मीई और डाल आह्ह कितना कड़ा लन्ड है रे तेरा उह्ह्ह उम्म्ं मजा आ गया
निशा की तारिफ से अनुज का जोश बढ़ने लगा और वो कस कस के लन्ड उसकी गाड़ मे देने लगा - आह्ह दीदी मुझे भी बहुत मजा आ रहा है, राहुल भैया से खुलवाया है क्या आपने इसको
निशा को हसी आई और उसने हा मे सर हिला अब वो क्या बताती कि ये छेद उसने अपने बाप को सौपी थी
इधर इनका अपना चल रहा था
वही निचे रागिनी और रंगी दोनो मिल कर शिला को निचोड रहे थे
रन्गी शिला की गाड़ के छेद पर मुह दिये हुआ था तो रागिनी उसकी बुर के फाको को चुबला रही थी
इस दोहरे प्रहार से शिला बुरी तरह छ्टपटा रही थी - अह्ह्ह उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह घुसा दो ना उम्म्ंम्ं अह्ह्ह डाल दो ऊहह
रागिनी उसकी बुर रगड़ती हुई - क्या चाहिये किसमे चाहिये साफ साफ बोलो दीदी
शिला - तेरे भतार का लन्ड चाहिये साली रन्डी
रागिनी खिलखिलाई और रन्गी को देख कर - तो मेरे रन्डीबाज साजन देदो जो माग रही थी तुम्हारि माल
रन्गी ने भी देरी नही कि और लन्ड को सेट कर गाड़ के सुराख को भेदता हुआ गचागच के अंदर
उधर हचर ह्चर उसकी पेलाई चालू थी इधर राज भी अपनी मौसी को घोड़ी बना कर कर लण्ड उसकी गाड़ मे दे चुका था
राज - आह्ह मौसी हर बार मजा आता है उह्ह्ह कितना गर्म और कसा है
रज्जो - आह्ह लल्ला तो ले ले ना मजे ऊहह देख ना कैसे तेरी छिनार बुआ हचक के ले रही थी तेरे पापा से
राज - आह्ह सच मे मौसी पहली ये मजा मिल रहा है , सबसे मिल कर चुदाई करने का उह्ह्ह
ये बोल कर राज ने हाथ बढा कर अपनी मा के गाड़ को सहलाने लगा जो आगे झुकी हुई शिला के बुर के फाके चुबला रही
रंगी हचक कर शिला की गाड़ मे लन्ड भर रहा था सामने शिला रागिनी के सर को पकड़े हुए ऐठ रही थी उस्का जिस्म अकड़ रहा था , उसके भैया भाभी ने मिलकर उसके दोनो छेद पर टूट पड़े थे , रन्गी के तेज करारे झटकों से शिला की मोटी मोटी चुचिया खुब हिल रही थी और हर बार जब सुपाडा उसकी गाड़ को चीरता हुआ भीतर घुसता उसके चेहरे भीच जाते
दर्द और सिसकी भरी गालियां देते हुए शिला झड रही थी और रागिनी उसकी बुर मल कर उसे सहला रही थी - आह्ह्ह भैयाआ जल रहा है उह्ह्ह कितना तप रहा है आपका लन्ड उह्ह्ह माह्ह्ह ऊहह
शिला की बात सूनते ही रागिनी ने मुह मे घुली हुई उसके चुत की रस मे अपनी लार मिलाते हुए रंगी के लन्ड के तने पर थुका और जल्द ही वो शिला की गाड़ मे लन्ड के साथ घुस गया
शिला को भीतर उठ रही तपिस मे एक गाड़ की दिवारों मे कही ठंडक सी मह्सूस हुई ये अहसास उसे और उत्तेजित कर गया
वही बगल मे हचर हचर अपनी मौसी को घोड़ी बना कर पेलता हुआ राज अपनी मा की हरकत देख कर पागल होने लगा ।
उसकी नजर बुआ की गाड़ मे निकल रही थी सफेद मलाई थी जो उसके बाप के लन्ड पर लिभ्डी हुई थी और उसकी बुर पहले से चिकनी थी ।
राज - पापा बदली करें
रंगी मुस्कुराया और लन्ड बाहर करता हुआ - आजा बेटा, मै भी जरा रज्जो जीजी के मुलायम गाड़ का रस लेलू
" तुम एक नम्बर के बहिनचोद हो अपनी रन्डीइह्ह्ह अह्ह्ह आराम से जमाई बाबू उह्ह्ह उह्ह्ह क्या हुआ आज उफ्फ्फ कितना फूला है ये जैसे लग रहा है मोटा बास ही डाल दिया उह्ह्ह " रज्जो अपनी गाड़ मे रंगी का लन्ड लेते हुए बोली
वही राज ने भी उसी पोजीशन मे सीधा शिला की गाड़ मे लन्ड उतार दिया - आह्ह बुआ ऊहह कितना कसा है आपका गाड़ उह्ह्ह कितना गर्म है हहह
रागिनी की खुमारि अब बढ़ने लगी थी उसे भी लन्ड की चाह उठने लगी वो राज के लन्ड के तने पर जीभ लगाते हुए अपनी बुर सहला रही थी और उसकी गाड़ अब रन्गी के आगे हिल रही थी
रंगी अपनी बीवी की मोटी गाड़ हिलाती हुई देख कर और उसे अपनी बुर टटोलता देख कर उसे छूने से खुद को रोक ना सका और उसकी बुर के सिरे छूते हुए रज्जो की गाड़ मारने लगा
राज अपनी मा की बेताबी देख कर अपना लन्ड बाहर निकाला जिसे रागिनी ने लपक कर अपने मुह मे भर लिया
ये नजारा देख कर राज और रन्गी दोनो की सासे गरमाने लगी, शिला के गाड़ के लन्ड निकाल के रागिनी उसे ऐसे चुस रही थी जैसे सारी मलाई टोपे मे भी लिभडी हो और राज का लन्ड और भी कसने
लगा
रागिनी ने अपने हाथ से लन्ड पक्ड कर शिला की गाड मे घुसाते हुए उसकी बुर सहलाने लगी - अब चोद बेटा, तेरी बुआ एक नमबर की रन्डी है क्यू दीदी
शिला राज के लन्ड की मोटाई मे इजाफे से और भी तडप उठी उसकी सिस्क्किया और तेज हो गयी- हाआ मेरी रन्डी, साली साड़ पैदा किया है तेरे भोस्डे मे तो 4 4 दूँगी
रागिनी जोश मे उठी और शिला के पेट पर पैर फेक कर बैठती हुऊ उस्की दोनो छातियां नोचती हुई उसके होठ से अपने होठ जोड़ लिये - अच्छा कहा से लाओगी चार चार लन्ड उम्म्ंम लग रहा है आज कल खुब ले रही हो उम्म्ं ससुराल मे , ये बोलते हुए रागिनी ने शिला को आंख मारी ।
शिला ने उसे आंख दिखाई और रंगी के पास होने का इशारा किया
रागिनी धीरे से उसको चूमते हुए उसके कान मे बोली - अरे अपने दोनो भैया को बता दो ना उस बारे मे ,फिर दोनो मायके मे दो दो लन्ड के मजे ले पाओगी और तुम्हारि वो बड़ी फाकों वाली मस्टराईन (कामिनी) उसको भी मिलेगा
राज और रंगी भी अब झडे तब झडे की हालत मे थे
पहले राज - अह्ह्हबुआआ ऊहह मम्मीई मेरा आयेगाआ
शिला ने लजाते हस्ते हुए उसे उठाया और रागिनी भी भाग कर राज के पास आ गयी
इधर रंगी अपना ओवर लोड लन्ड रज्जो की गाड मे भर चुका था तो रज्जो भी उठ कर राज के पास आ गयी
राज ने लन्ड के आगे तीनो जीभ निकाले हुए उसे टोपे से छूट रही पिचकारी का रस लेने लगी
और रन्गी वही बगल मे खड़ा होकर अपना लन्ड हिलाकर फिर से तैयार करने लगा ।
इधर जहा इनकी पिचकारी छूट रही वही उपर अनुज ने भी निशा की गाड़ पर अपना लन्ड झाड़ कर एक राउंड और उसकी चुदाई की ।
फिर दोनो सो गये मगर निचे का शो लम्बा चलने वाला था ।
रागिनी और रज्जो ने मिल कर ना सिर्फ शिला को दोहरे लन्ड मजा दिलाया बल्कि खुद भी इसका मजा लिया ।
और फिर सारे लोग एक साथ ही सो गये बहुत सारे सपने के साथ कि अगली सुबह उन्हे कैसे हकिकत किया जाये ।
THE NEXT MORING
अमन के घर
सुबह 7 बज रहे थे , हाल मे एक ट्रॉली बैग के साथ बैठा हुआ था और चाय की चुस्कियां चल रही थी और साथ देने के लिए मुरारी बैठा था ।
मदन बाथरूम गया हुआ था
रीना किचन मे थी ।
अमन सोनल अभी उपर ही थे वही ममता अपने कमरे से फ्रेश होकर मुह धूल कर अपने दुपट्टे से अपना चेहरा पोछती हुई हाल मे दाखिल होती हुई मुरारी के पीछे सोफे से लग कर खड़ी हो जाती है
ममता और भोला की नजरे आपस मे टकराती है , ममता भोला का उतरा हुआ चेहरा देख कर चुपके से एक हाथ से कान पकड़ कर सॉरी फुसफुसाती है ।
भोला के भी अपने नखरे थे अपनी नाराजगी थी और वो नाराज होता भी क्यूँ ना रात मे 2 घन्टे तक ममता के लिए बाल्किनी के चक्कर काटने के बाद उसे बीवी भी चोदने को नही मिली क्योकि वो तो सो चुकी थी । अब उसे सूखा सूखा ही जाना पड़ रहा था , मजबूर तो ममता भी थी , कारण था मुरारी ।
अपने बेटे से बातें कर और जवानी के दिन की रसदार बाते ताजा होने से उसका उतावलापन उसे रोक ना सका और उसने ममता को उपर जाने ही नही दिया ।
दो बार हचक कर पेलाई की और जब ममता उपर गयी तो भोला के कमरे का दरवाजा बन्द हो गया था ।
कुछ ही देर मे ही भोला अपने सफर के लिए निकल चुका था और रीना अमन के कमरे का दरवाजा खटखटा रही होती है ।
देर रात की जगाई और सुबह की अन्गडाई के साथ सोनल ने दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनी और लपक कर अपने कपडे लेकर बाथरूम मे घुस गयी ।
इधर अमन अपने अंडरबियर मे उबासी लेता हुआ कमरे का दरवाजा खोला तो सामने रिना नहा धो कर तैयार खड़ी थी ।
रीना की नजर जैसे ही अमन के बॉक्सर पर गयि उसने हाथ आगे बढा कर आड़ो सहित उसके लन्ड को हाथ मे भरते हुए सीसकी और कमरे का जायजा लेते हुए बोली - अह्ह्ह बहिनचोद सुबह सुबह कितना कड़ा है तेरा ।
अमन कसमसाया और बाथरूम की ओर देखता हुआ फुसफुसाकर - अह्ह्ह भाभीई क्या करती हो , सोनल बाथरूम मे है
रीना ने एक नजर गैलरी मे देखा और फिर उसका हाथ पकड़ कर खिंचती हुई अपने कमरे की ओर ले जाने लगी
अमन को अजीब लगा और उसे डर भी लग रहा था वो भुनभुनाता हुआ - कहा ले जा रही हो भाभीई कोई देख लेगा ऐसे
रीना उसको चुप रहने का इशारा कर धीरे से अपने कमरे की खिडकी से भीतर झ्काया - उधर देखो तुम्हारा माल
अमन ने जैसे ही कमरे मे देखा उसका लन्ड और भी फड़क उठा ।
सामने कमरे मे रिन्की आईने के आगे खड़ी थी ,
उसके जिस्म पर एक कुर्ती थी और निचे से सिर्फ पैंटी । वो अपने बाल संवार रही थी ।
उसकी चिकनी टांग और पैंटी मे कसे हुए चुतड देख कर वो हिल गया ।
रीना ने हाथ आगे बढा कर उसका लन्ड दबोचा और उसके कान मे बोली - क्यू है ना एक दम कड़क, बोल लेगा इसकी एकदम सील पैक है
अमन का लन्ड अब रीना के हाथ मे फूलने लगा था उसकी सासे चढने लगी थी
उधर कमरे मे रिन्की अपनी चुतड पर लैगी चढा रही थी , पीछे से कुर्ती उठी हुई थी और नरम नरम चर्बीदार गाड़ खिल कर उसमे कस गयी थी ।
अमन थुक गटक कर उसकी नरम नरम फुल्के जैसी गोल गोल चुतड निहार रहा था जो चलने पर और भी गद्दर दिख रहे थे , उन्हे देख कर अमन का मन हो रहा था कि अभी नोच खाये ।
तभी रिन्की कमरे से बाहर होने को आई और दुलारी अमन स्टोर रूम मे सरक गये ।
वो कपडे लेकर जीने से उपर जाने लगी तो अमन वापस स्टोर रूम से निकला और रिन्की को जीने से उपर जाते देखा तो कुर्ती के निचे से हिल्कोरे खाती उसकी गाड़ साफ साफ झलक रही थी ।
जिन्हे देख कर अमन और बेचैन हो उठा ।
दुलारी - क्यू देवर जी , उड़ गये ना होश
अमन अपना मुसल मसल कर - आह्ह भाभी मै तो इसे अभी बच्ची समझ रहा था ये तो पूरा पका आम है
दुलारी उसके करीब आकर उसके नन्गे जिस्म को सहलाती हुई - अरे मेरे राजा , असल मलाईवाला खजाना देखोगे तो पागल हो जाओगे ।
अमन उससे अलग होकर - अभी नही भाभी प्लीज मुझे नहाने जाना है ,
दुलारी ने मुह बनाया क्योकि सुबह सुबह अमन का लन्ड छू कर उसका मूड हो गया था , वही अमन अपने कमरे मे जाता है और कमरे का दरवाजा बन्द कर बाथरूम मे घुस जाता है
जहा सोनल सॉवर के निचे खड़ी अपने जिस्म को भिगो रही थी
अमन अपना अंडरवियर निकाल कर अपना कड़ा कसा हुआ मुसल बाहर निकाला ,
लन्ड की कसावट और उसे खूँटे सा तना देख कर सोनल उसे पक्डते हुए अमन के होठ से अपने होठ जोड़ लेती है ।
मगर अमन का मूड कुछ और ही होता है उसकी नजर सोनल की मखमाली चर्बीदार गाड़ पर थी , वो उसे घुमाते हुए दिवाल से लगा देता है और थुक लेकर सुपाडे को चिकना कर उसकी चुत पर टिकाता है ।
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As soon as Sonal became drowsy, he also stood up and under the shower, Sonal captured his lips once again.
It will continue.
Abhi tumko new I'd banani pdegi pdhne ke liyePura update nahi pada srif scroll kia hai usdin pure Maje se parunga his din anuj ka bhi ragini rangi k k sath Kuch scene ho aur Tumne kaha tha ki anuj ko raj ki Tarah banne mein aur 50 update lagenge aur Tumne pure 15 din bad update diya hai Matlab is hisab se 1-2 Saal lagenge aur Sonal k Apne bap Bhai se toh dur ki baat hai
Kyu block mara hai kyaAbhi tumko new I'd banani pdegi pdhne ke liye
Bye bye tata![]()
Kardo block ignore Jo bhi ho mujhe KyaAbhi tumko new I'd banani pdegi pdhne ke liye
Bye bye tata![]()
अब पता चला क्यों शादियों में फूफा जी मुँह फुलाए बैठे रहते हैं।ममता और भोला की नजरे आपस मे टकराती है , ममता भोला का उतरा हुआ चेहरा देख कर चुपके से एक हाथ से कान पकड़ कर सॉरी फुसफुसाती है ।
भोला के भी अपने नखरे थे अपनी नाराजगी थी और वो नाराज होता भी क्यूँ ना रात मे 2 घन्टे तक ममता के लिए बाल्किनी के चक्कर काटने के बाद उसे बीवी भी चोदने को नही मिली क्योकि वो तो सो चुकी थी । अब उसे सूखा सूखा ही जाना पड़ रहा था , मजबूर तो ममता भी थी , कारण था मुरारी ।
अपने बेटे से बातें कर और जवानी के दिन की रसदार बाते ताजा होने से उसका उतावलापन उसे रोक ना सका और उसने ममता को उपर जाने ही नही दिया ।
दो बार हचक कर पेलाई की और जब ममता उपर गयी तो भोला के कमरे का दरवाजा बन्द हो गया था ।
Thanks For Update Bhai After Long TimeNEW UPDATE IS POSTED
Super Update 205UPDATE 205
राज के घर
उपर के कमरे मे अनुज बेड पर बैठा आहे भर रहा था क्योकि निशा उसके पैरो मे बैठी हुई उसका लन्ड चुस रही थी ।
अनुज - आह्ह दिदीईई ऊहह कितने दिन बाद आज्ज्ज उह्ह्ह मजा रहा है उम्म
निशा उसके लन्ड को मुह मे भर कर चुबलाती हुई उसके जांघो को सहला रही थी और अनुज उस्के सर को पकड़े हुए अपनी गाड़ उठा कर लन्ड को गले तक ले जा रहा था - अह्ह्ह दिदीईई उह्ह्ह अफ्फ्च और चुसो
वही निचे राज के कमरे मे राज और उसके पापा छत पर डोलते पंखे को निहार रहे थे
करने को कुछ बातें नही थी और राज का दिमाग शिला बुआ की कहानियों मे उल्झा हुआ था , आज के कोटे की दो बार की चुदाई वो कर चुका था , मगर बुआ की रसदार कहानियो के बारे मे सोच कर उसका लन्ड अक्ड़ा हुआ था ।जिसे वो बार बार भींच रहा था ।
रन्गी - क्या हुआ बेटा किसे याद करके मिज रहा है हां
राज मुस्कुरा कर - अरे पापा बस बुआ के बारे मे सोच रहा हु , कितना मजा आया आज आपके साथ हिहिही
रंगी - हा भाई मजा तो आया , लेकिन आज रात पता नही क्यूँ नीद नही आ रही है ।
राज - मम्मी को बुलाऊ क्या हिहिही
रन्गी आहे भरता - काशस्स ऐसा हो पाता , ये औरते ना जाने क्या रस बातें करने मे पाती है जो लन्ड का त्याग कर देती है
राज हसता हुआ - हिहिही पापा ये तो मम्मी से ही पुछना पड़ेगा
रंगी करवट लेकर - सो जा बेटा , कल सुबह पुछ लेना
राज हसता हुआ वापस से शिला के घर की महाभारत सोचने लगता है ।
तभी दरवाजे पर फुसफुसाहट भरी दसत्क होती है ।
रंगी - अरे इतनी रात को कौन होगा
राज ह्स कर - आपके सवाल का जवाब
रंगी - मतलब
राज - अरे मम्मी है , खोलो जल्दी
रंगी खुश हुआ और जल्दी से दरवाजा खोलता है ।
सामने देखता है कि रागिनी एक चुन्नी ओढ़े पूरी की पूरी नंगी खडी थी और उसकी मोटी मोटी चुचिया उस जालीदार दुपट्टे से साफ साफ झलक रहो थी, और निचे से उसकी चुत के फाके भी दिखाई दे रहे थे ।
दोनो बाप बेटे हैरत मे थे कि मम्मी इस हालत मे कैसे और क्यू ?
राज - मम्मी आप ऐसे यहा , बुआ और मौसी कहा है ?
रागिनी नाटक करती हुई - अरे आज तेरे बुआ को ना जाने क्या हो गया है हाय मेरी तो इज्जत लूट रही थी वो
रन्गी और राज चौक कर - क्या ?
रागिनी चेहरा बनाती हुई - हा राज के पापा आपकी बहन पगला गयि है मै तो किसी तरह अपनी इज्जत बचा के भागी लेकिन
राज - लेकिन क्या मम्मी
रागिनी - लेकिन वो , वो रज्जो दीदी के उपर
रंगी - क्या बक रही हो तुम , मुझे समझ नही आ रहा
रागिनी - आओ दिखाती हु आपको , आ राज तु भी
दोनो बाप बेटे हैरत मे रागिनी के पीछे उसके कमरे मे गये और सामने का नाजारा देख के दोनो बाप बेटे चौक गये ।
उन्हे समझ नही आ रहा था कि वो क्या रियेक्शन दे
हैरानी और अचरज से भरे चेहरे पर खुशी के भाव उभर रहे थे
सामने का नजारा ही कुछ ऐसा था
शिला बुआ और रज्जो मौसी दोनो नंगी थी
शिला रज्जो के उपर चढ़ी हुई उसकी मोटी मोटी थन जैसी चुचियों को मिजते हुए उसके होठ चुस रही थी और पीछे से दोनो का बड़ा बड़ा हाथीयो वाला पिछवाड़ा,भोसडीदार बुर के साथ खुला पड़ा ।
दोनो बाप बेटे चहक उठे और उछलते हुए बिना कोई देरी किये रंगी पीछे से तो राज आगे से टूट पड़ा
शिला रज्जो के होठ चुबला रही थी दोनो की कामुक सिसकिया और कुलर की हनहनाहट मे मानो उन्हे रागिनी की शरारत का पता ही नही चला कि कब वो अपने पति और बेटे को बुलाने पहुच गयी
इधर राज झटपट अपना चढ़ढा निकालकर उन दोनो के सर के पास पहुचा और होठों का रसपान कर रही मौसी बुआ के होठों के बीच मे अपना कड़क तना हुआ मुसल सुपाडा की टोपी सरकाता हुआ घुसा दिया
अगले ही समूच मे दोनो की होठ गर्म हो गये और नथुनो मे राज के लाल सुपाड़े की मादक गंध भर गयी ।
कुछ मिली सेकेंड भर की हैरत हुई होगी दोनो को और सब भूल कर वो राज के सुपाड़े को आधा बाट कर चुबलाने लगी ।
उनकी हैरानी तब बढ़ी जब पीछे से रंगी ने अपनी बहन की मोटी गाड़ के दरखतो को फैलाता हुआ जीभ की टिप सीधे ass होल पर लगा दी और वही दूसरे हाथ की दो उंगली रज्जो की चुत मे ।
मचल सी उठी दोनो इस दोहरे घात से और आंखे खोल कर रज्जो से सामने देखा तो राज आंखे बंद कर सिस्किया ले रहा था और सामने एक और मर्द था ।
रज्जो को समझते देर नही लगी कि ये बाप बेटे ही है और सारी शरारत रागिनी की है ।
उसका जोश आज चौगुना हो गया था उसने राज का लन्ड हाथ मे पकड़ लिया और उसको चूमने लगी,
शिला रज्जो के होठ और राज लन्ड, रंगी के उसके गाड़ पर टूटने से छोड़ चुकी थी, उसकी भड़ास पर रज्जो की चुचियों पर निकल रही थी
उसकी नजर अपनी भौजाई रागिनी को भी खोज रही थी
लेकिन वो तो अपने पति अपने साजन के टांगो के बीच घुसी हुई लन्ड को गले मे घोट रही थी ।
शिला - आह्ह्ह तु बाप बेटे ने उह्ह्ह बहुत कुछ छिपा रखा है मुझसे उम्म्ंम
राज हस कर रज्जो के होठों पर अपने लन्ड को दरता हुआ - अह्ह्ह बुआ कहा कुछ छिपा रखा है उम्म्ं सब तो खोल दिया लो,तुम भी लो ना
ये बोल कर राज ने अपना लन्ड हस्ते हुए रज्जो से शिला की ओर घुमा दिया और शिला ने लपक कर उसको मुह मे ले लिया
वही पीछे रन्गी की हालत भी कम बुरी नही थी , रागिनी उसके आड़ो को टटोल टटोल कर उसके लन्ड को चुस रही थी, उसके जिस्म को सहला रही थी और रन्गी अपनी बहन और साली के गाड़ और चुत के गंध से पागल हुआ जा रहा था
रज्जो के छेद से शिला की गहरी सुराख तक , चाट चाट कर उसकी जीभ चख्ट गयी थी , चार चार छेद सामने रहते हुए उसे अपने लन्ड की फड़कन अपनी बीवी के मुह मे शान्त करनी पड रही थी,
रन्गी से रहा नही गया तो उसने हरकत की , रागिनी समझ गयि और उसने लन्ड छोड़ दिया
अगले ही पल की देरी मे रंगी खड़ा हुआ और रज्जो की चुत मलता हुआ थोड़ा सा उसकी बुर मे सुपाड़े को घुसाया अगले ही पल उसको शिला की गाड़ के मुहाने पर दे दिया
दोनो बुरी तरह मचल उठी और सिसकिया उठने लगी
हचक के रन्गी ने पुरा का पुरा लन्ड शिला की गाड़ मे घुसेडा , चिकनी तो पहले से थी और लन्ड को चिकना रागिनी ने किया था , थोड़ी बहुत चिकनाई रज्जो की बजब्जाती बुर से लेके आधा लन्ड शिला की गाड़ मे भरा कसा अक्ड़ा हुआ पुरा
आंखे भींच कर दर्द भरी अकड़न से शिला ने आह्ह भरी - अह्ह्ह मयाअह्ह्ह
रज्जो ने भी देरी नही की और उसके रसिले गदराये जोबन को पकडा और इंच भर लंबे कड़े कड़े निप्प्ल अपने होठों से लगाते हुए , सिरिंज की तरह चुसने लगी
शिला के लिए तो दोनो तरफ मस्ती ही मस्ती थी
वही बेड के दूसरी ओर भी मस्ती कम नही थी , रागिनी की टाँगे फैली हुई थी और राज की थूथ उसके बुर मे
मांसल मोटी मोटी जांघो के बीच अपना मुह दिया हुआ राज अपनी मा के चुत के रस को चुस रहा था,
लपलपाती जीभ उसके चिकने बुर के फाको पर एक मिठास पैदा कर रही थी
रागिनी उसके बाल नोचते हुए उसके मुह को जोरो से अपनी चुत पर दिये हुए - अह्ह्ह लल्ला चाट उह्ह्ह आह्ह कितना दिन हो गया ऊहह उम्म्ं
शिला - अह्ह्ह भौजी तुम भी कम नही निकली उम्म्ं अकेले अकेले कुवारे बेटे की सील तोड़ दी
रागिनी सिस्क कर - अकेली कहा दीदी ,तुम तो थी ना उस रात , तुमने ही आदत दिलवाई और तुम्हारे भैया पक्के बहिनचोद ये कहा मानने वाले थे ।
" इनकी बहिन बीवी बाजार मे रान्ड बनके घूमे इन्हे तो मजा आता है ,अह्जह्ह्ब लल्ला उह्ह्ह फ़ाड दिया रेह्ह ऊहह " , रागिनी अपनी बात पूरी कर रही थी तब तक राज अपना लन्ड हचाक से आधे बुर के उतार दिया ।
रंगी पूरे जोश मे उसकी गाड़ मार रहा था और लन्ड को भितर तक ले जा रहा था
मगर शिला के सवाल कहा कम होने वाले थे अगला सवाल उसने रज्जो पर दागा - और तुम भौजी आह्ह बहिनचोद तुम भी कम नही निकली , भतिजे का लन्ड गटक गयी और बताया भी नही ।
रज्जो नीचे लेटी हुई उसके चुचे मसलती हुई - खड़ा लन्ड मेरी कमजोरि है शिला अह्ह्ह उम्म्ंम जमाई जी आराम से
रंगी ने छेद बदला और रज्जो की बुर मे लन्ड घुसेड़ दिया
हचक हचक के लन्ड देने लगा और शिला की गाड़ नोचता हुआ उसपे थपेड लगाई
शिला - अह्ह्ह भैयाह्ह्ह अराम्म्म्ं से उह्ह्ह्ह
" कसम से दीदी आज आपकी गाड़ बहुत सेक्सी लग रही है , जी कर रहा है खा जाउ" , रंगी उसके गाड़ को सहलाता हुआ मसलता है
अगले ही पल शिला अपने घुटने से एड़ियो के बल होकर अपनी गाड़ चुत सहित रंगी के आगे परोसती हुई - आह्ह भैयया लो ना , खाओ ना अपनी प्यारी बहना की गाड़ अह्ह्ह उम्म्ंम
नथुनो मे शिला के गाड़ की मादक गन्ध पाते ही उसने दोनो हाथो से उसे पकड कर अपना मुह उसमे दे दिया और रसाती चुत के सिरे चाटता हुआ जीभ से गाड़ को कुरेदने लगा ,
इस दौरान रज्जो निचे उसके करारे झटके खाती हुई शिला के लटके हुए मोटे मोटे खरबूजे हथेलियो मे भरने लगी
शिला और रज्जो दोनो सिस्क रहे थे आहे भर रहे थे और दोनो के बिच आई कॉन्टैक्ट भि बना हुआ था और देर ना करते हुए शिला ने अपनी गाड़ उकुडू होकर रज्जो के मुह पर रख दी
शिला की भोसडी दार चुत के फाके होठों मे भर का चुबलाती हुई कस कस के निचोड रही थी और शिला की चिखे तेज हो रही थी, वो झड़ रही थी इधर रन्गी और राज हचक ह्चक के लन्ड दोनो बहनो को बुर मे दिये जा रहे थे
रागिनी - आह्ह बेटा अह्ह्ह रुकना मत ऊहह आयेगा मेरा ऊहह उह ऐसे ही ऐसे उह्ह्ह
राज - हा मा लोह्ह उह्ह्ह फ्क्क्क आह्ह कितना मजा आ रहा है उह्ह्ह्ह येस्स्स
राज पेल मम्मी को रहा था उसकी नजरे रज्जो मौसी पर थी जो अपनी गाड़ उठा उठा कर झड़ रही थी ।
इधर राज और रन्गी की आंखे टकराई और दोनो मुस्कराए , राज की गुजारिश रन्गी समझ गया और रज्जो के आगे से हट गया ,
राज अपनी मा को छोड़ कर रज्जो के जांघो के बीच आ कर उसकी चुत चाटते हुए जान्घे उठा कर गाड़ के सुराख पर मुह दे दिया
उधर रन्गी ने शिला को खिंच कर उसकी गाड़ उठा कर उसके बुर मे उठ रही खुजलाहट पर अपना मुह लगा दिया
इधर रागिनी ने भी काफी सुस्त चुकी थी उसकी नजर भाईबहनो की जोड़ी पर गयी और वो बेड से उठ कर उधर बढ़ गयी
वही उपर के कमरे मे अनुज की आज कुछ अलग ट्राई करने का मौका मिला ,
निशा घोड़ी बनी हुई थी और तेल की शिशी अनुज के हाथ मे थी , वो निशा की गाड़ की सुराख को पीछे 4 मिंट से उन्ग्की घुसा घुसा कर नरम कर रहा था ,
निशा के गाड़ की गर्मी और कसावट से उसकी उत्तेजना तेज तो थी लेकिन एक अजीब सी गिनगिनाहट सी हो रही थी उसे , मानो गु ना लग जाए
वही निशा अपनी गाड़ उठाये इस धीमे गति वाली उंगली पेलाई से मस्त हो चुकी थी उसकी बुर लार टपका रही थी , उन्मुक्ता ने उसने अनुज को कहा - भाई डाल ना उह्ह्ह्ह प्लिज्ज्ज
अनुज के लिए हैरत की बात थी कि निशा की गाड़ वो खोल रहा था , ये दूसरी बार था कि उसने किसी की गाड़ के छेद पर सुपाड़े को टिकाया था ,
उसे यकीन था उसका ये प्रयास निशा के लिए दर्दकारी होने वाला था , उसने लन्ड को भिडाया और कसकर दबाते हुए पचक के आवाज के साथ सुपाडा निशा की गाड़ मे
निशा ने अपने जिस्म को ऐठा और गहरि गहरि सास लेती हुई गाड़ के सुराख को फैलाता , अनुज को ढील मह्सूस होते ही उसने कमर को झटका और आधा लन्ड उसकी गाड़ को चीरता भीतर घुस गया - अह्ह्ह उह्ह्ह बहिनचोद कितना टाइट है रे तेरा अह्ह्ह उह्ह्ब
अनुज फ़िकर से - निकाल लू दीदी
निशा ने ना मे गरदन झटका और गहरि सास लेती हुई - रुका क्यू है भोस्डी के पेल ना
निशा की डांट अनुज के लिए सबक सी थी और वो पूरे जोश मे उसके कुल्हे थामता हुआ करारे झटके से ह्चक हच्क के लन्ड को अन्दर बाहर करने लगा
जलद ही निशा की गाड़ गर्म हो गयी और उसका दर्द मजे मे बदलने लगा वो अपनी एक हाथ से अपनी बुर सहलाती हुई -आह्ह भाई ऐसे ही उह्ह्ह फक्क मीई और डाल आह्ह कितना कड़ा लन्ड है रे तेरा उह्ह्ह उम्म्ं मजा आ गया
निशा की तारिफ से अनुज का जोश बढ़ने लगा और वो कस कस के लन्ड उसकी गाड़ मे देने लगा - आह्ह दीदी मुझे भी बहुत मजा आ रहा है, राहुल भैया से खुलवाया है क्या आपने इसको
निशा को हसी आई और उसने हा मे सर हिला अब वो क्या बताती कि ये छेद उसने अपने बाप को सौपी थी
इधर इनका अपना चल रहा था
वही निचे रागिनी और रंगी दोनो मिल कर शिला को निचोड रहे थे
रन्गी शिला की गाड़ के छेद पर मुह दिये हुआ था तो रागिनी उसकी बुर के फाको को चुबला रही थी
इस दोहरे प्रहार से शिला बुरी तरह छ्टपटा रही थी - अह्ह्ह उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह घुसा दो ना उम्म्ंम्ं अह्ह्ह डाल दो ऊहह
रागिनी उसकी बुर रगड़ती हुई - क्या चाहिये किसमे चाहिये साफ साफ बोलो दीदी
शिला - तेरे भतार का लन्ड चाहिये साली रन्डी
रागिनी खिलखिलाई और रन्गी को देख कर - तो मेरे रन्डीबाज साजन देदो जो माग रही थी तुम्हारि माल
रन्गी ने भी देरी नही कि और लन्ड को सेट कर गाड़ के सुराख को भेदता हुआ गचागच के अंदर
उधर हचर ह्चर उसकी पेलाई चालू थी इधर राज भी अपनी मौसी को घोड़ी बना कर कर लण्ड उसकी गाड़ मे दे चुका था
राज - आह्ह मौसी हर बार मजा आता है उह्ह्ह कितना गर्म और कसा है
रज्जो - आह्ह लल्ला तो ले ले ना मजे ऊहह देख ना कैसे तेरी छिनार बुआ हचक के ले रही थी तेरे पापा से
राज - आह्ह सच मे मौसी पहली ये मजा मिल रहा है , सबसे मिल कर चुदाई करने का उह्ह्ह
ये बोल कर राज ने हाथ बढा कर अपनी मा के गाड़ को सहलाने लगा जो आगे झुकी हुई शिला के बुर के फाके चुबला रही
रंगी हचक कर शिला की गाड़ मे लन्ड भर रहा था सामने शिला रागिनी के सर को पकड़े हुए ऐठ रही थी उस्का जिस्म अकड़ रहा था , उसके भैया भाभी ने मिलकर उसके दोनो छेद पर टूट पड़े थे , रन्गी के तेज करारे झटकों से शिला की मोटी मोटी चुचिया खुब हिल रही थी और हर बार जब सुपाडा उसकी गाड़ को चीरता हुआ भीतर घुसता उसके चेहरे भीच जाते
दर्द और सिसकी भरी गालियां देते हुए शिला झड रही थी और रागिनी उसकी बुर मल कर उसे सहला रही थी - आह्ह्ह भैयाआ जल रहा है उह्ह्ह कितना तप रहा है आपका लन्ड उह्ह्ह माह्ह्ह ऊहह
शिला की बात सूनते ही रागिनी ने मुह मे घुली हुई उसके चुत की रस मे अपनी लार मिलाते हुए रंगी के लन्ड के तने पर थुका और जल्द ही वो शिला की गाड़ मे लन्ड के साथ घुस गया
शिला को भीतर उठ रही तपिस मे एक गाड़ की दिवारों मे कही ठंडक सी मह्सूस हुई ये अहसास उसे और उत्तेजित कर गया
वही बगल मे हचर हचर अपनी मौसी को घोड़ी बना कर पेलता हुआ राज अपनी मा की हरकत देख कर पागल होने लगा ।
उसकी नजर बुआ की गाड़ मे निकल रही थी सफेद मलाई थी जो उसके बाप के लन्ड पर लिभ्डी हुई थी और उसकी बुर पहले से चिकनी थी ।
राज - पापा बदली करें
रंगी मुस्कुराया और लन्ड बाहर करता हुआ - आजा बेटा, मै भी जरा रज्जो जीजी के मुलायम गाड़ का रस लेलू
" तुम एक नम्बर के बहिनचोद हो अपनी रन्डीइह्ह्ह अह्ह्ह आराम से जमाई बाबू उह्ह्ह उह्ह्ह क्या हुआ आज उफ्फ्फ कितना फूला है ये जैसे लग रहा है मोटा बास ही डाल दिया उह्ह्ह " रज्जो अपनी गाड़ मे रंगी का लन्ड लेते हुए बोली
वही राज ने भी उसी पोजीशन मे सीधा शिला की गाड़ मे लन्ड उतार दिया - आह्ह बुआ ऊहह कितना कसा है आपका गाड़ उह्ह्ह कितना गर्म है हहह
रागिनी की खुमारि अब बढ़ने लगी थी उसे भी लन्ड की चाह उठने लगी वो राज के लन्ड के तने पर जीभ लगाते हुए अपनी बुर सहला रही थी और उसकी गाड़ अब रन्गी के आगे हिल रही थी
रंगी अपनी बीवी की मोटी गाड़ हिलाती हुई देख कर और उसे अपनी बुर टटोलता देख कर उसे छूने से खुद को रोक ना सका और उसकी बुर के सिरे छूते हुए रज्जो की गाड़ मारने लगा
राज अपनी मा की बेताबी देख कर अपना लन्ड बाहर निकाला जिसे रागिनी ने लपक कर अपने मुह मे भर लिया
ये नजारा देख कर राज और रन्गी दोनो की सासे गरमाने लगी, शिला के गाड़ के लन्ड निकाल के रागिनी उसे ऐसे चुस रही थी जैसे सारी मलाई टोपे मे भी लिभडी हो और राज का लन्ड और भी कसने
लगा
रागिनी ने अपने हाथ से लन्ड पक्ड कर शिला की गाड मे घुसाते हुए उसकी बुर सहलाने लगी - अब चोद बेटा, तेरी बुआ एक नमबर की रन्डी है क्यू दीदी
शिला राज के लन्ड की मोटाई मे इजाफे से और भी तडप उठी उसकी सिस्क्किया और तेज हो गयी- हाआ मेरी रन्डी, साली साड़ पैदा किया है तेरे भोस्डे मे तो 4 4 दूँगी
रागिनी जोश मे उठी और शिला के पेट पर पैर फेक कर बैठती हुऊ उस्की दोनो छातियां नोचती हुई उसके होठ से अपने होठ जोड़ लिये - अच्छा कहा से लाओगी चार चार लन्ड उम्म्ंम लग रहा है आज कल खुब ले रही हो उम्म्ं ससुराल मे , ये बोलते हुए रागिनी ने शिला को आंख मारी ।
शिला ने उसे आंख दिखाई और रंगी के पास होने का इशारा किया
रागिनी धीरे से उसको चूमते हुए उसके कान मे बोली - अरे अपने दोनो भैया को बता दो ना उस बारे मे ,फिर दोनो मायके मे दो दो लन्ड के मजे ले पाओगी और तुम्हारि वो बड़ी फाकों वाली मस्टराईन (कामिनी) उसको भी मिलेगा
राज और रंगी भी अब झडे तब झडे की हालत मे थे
पहले राज - अह्ह्हबुआआ ऊहह मम्मीई मेरा आयेगाआ
शिला ने लजाते हस्ते हुए उसे उठाया और रागिनी भी भाग कर राज के पास आ गयी
इधर रंगी अपना ओवर लोड लन्ड रज्जो की गाड मे भर चुका था तो रज्जो भी उठ कर राज के पास आ गयी
राज ने लन्ड के आगे तीनो जीभ निकाले हुए उसे टोपे से छूट रही पिचकारी का रस लेने लगी
और रन्गी वही बगल मे खड़ा होकर अपना लन्ड हिलाकर फिर से तैयार करने लगा ।
इधर जहा इनकी पिचकारी छूट रही वही उपर अनुज ने भी निशा की गाड़ पर अपना लन्ड झाड़ कर एक राउंड और उसकी चुदाई की ।
फिर दोनो सो गये मगर निचे का शो लम्बा चलने वाला था ।
रागिनी और रज्जो ने मिल कर ना सिर्फ शिला को दोहरे लन्ड मजा दिलाया बल्कि खुद भी इसका मजा लिया ।
और फिर सारे लोग एक साथ ही सो गये बहुत सारे सपने के साथ कि अगली सुबह उन्हे कैसे हकिकत किया जाये ।
THE NEXT MORING
अमन के घर
सुबह 7 बज रहे थे , हाल मे एक ट्रॉली बैग के साथ बैठा हुआ था और चाय की चुस्कियां चल रही थी और साथ देने के लिए मुरारी बैठा था ।
मदन बाथरूम गया हुआ था
रीना किचन मे थी ।
अमन सोनल अभी उपर ही थे वही ममता अपने कमरे से फ्रेश होकर मुह धूल कर अपने दुपट्टे से अपना चेहरा पोछती हुई हाल मे दाखिल होती हुई मुरारी के पीछे सोफे से लग कर खड़ी हो जाती है
ममता और भोला की नजरे आपस मे टकराती है , ममता भोला का उतरा हुआ चेहरा देख कर चुपके से एक हाथ से कान पकड़ कर सॉरी फुसफुसाती है ।
भोला के भी अपने नखरे थे अपनी नाराजगी थी और वो नाराज होता भी क्यूँ ना रात मे 2 घन्टे तक ममता के लिए बाल्किनी के चक्कर काटने के बाद उसे बीवी भी चोदने को नही मिली क्योकि वो तो सो चुकी थी । अब उसे सूखा सूखा ही जाना पड़ रहा था , मजबूर तो ममता भी थी , कारण था मुरारी ।
अपने बेटे से बातें कर और जवानी के दिन की रसदार बाते ताजा होने से उसका उतावलापन उसे रोक ना सका और उसने ममता को उपर जाने ही नही दिया ।
दो बार हचक कर पेलाई की और जब ममता उपर गयी तो भोला के कमरे का दरवाजा बन्द हो गया था ।
कुछ ही देर मे ही भोला अपने सफर के लिए निकल चुका था और रीना अमन के कमरे का दरवाजा खटखटा रही होती है ।
देर रात की जगाई और सुबह की अन्गडाई के साथ सोनल ने दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनी और लपक कर अपने कपडे लेकर बाथरूम मे घुस गयी ।
इधर अमन अपने अंडरबियर मे उबासी लेता हुआ कमरे का दरवाजा खोला तो सामने रिना नहा धो कर तैयार खड़ी थी ।
रीना की नजर जैसे ही अमन के बॉक्सर पर गयि उसने हाथ आगे बढा कर आड़ो सहित उसके लन्ड को हाथ मे भरते हुए सीसकी और कमरे का जायजा लेते हुए बोली - अह्ह्ह बहिनचोद सुबह सुबह कितना कड़ा है तेरा ।
अमन कसमसाया और बाथरूम की ओर देखता हुआ फुसफुसाकर - अह्ह्ह भाभीई क्या करती हो , सोनल बाथरूम मे है
रीना ने एक नजर गैलरी मे देखा और फिर उसका हाथ पकड़ कर खिंचती हुई अपने कमरे की ओर ले जाने लगी
अमन को अजीब लगा और उसे डर भी लग रहा था वो भुनभुनाता हुआ - कहा ले जा रही हो भाभीई कोई देख लेगा ऐसे
रीना उसको चुप रहने का इशारा कर धीरे से अपने कमरे की खिडकी से भीतर झ्काया - उधर देखो तुम्हारा माल
अमन ने जैसे ही कमरे मे देखा उसका लन्ड और भी फड़क उठा ।
सामने कमरे मे रिन्की आईने के आगे खड़ी थी ,
उसके जिस्म पर एक कुर्ती थी और निचे से सिर्फ पैंटी । वो अपने बाल संवार रही थी ।
उसकी चिकनी टांग और पैंटी मे कसे हुए चुतड देख कर वो हिल गया ।
रीना ने हाथ आगे बढा कर उसका लन्ड दबोचा और उसके कान मे बोली - क्यू है ना एक दम कड़क, बोल लेगा इसकी एकदम सील पैक है
अमन का लन्ड अब रीना के हाथ मे फूलने लगा था उसकी सासे चढने लगी थी
उधर कमरे मे रिन्की अपनी चुतड पर लैगी चढा रही थी , पीछे से कुर्ती उठी हुई थी और नरम नरम चर्बीदार गाड़ खिल कर उसमे कस गयी थी ।
अमन थुक गटक कर उसकी नरम नरम फुल्के जैसी गोल गोल चुतड निहार रहा था जो चलने पर और भी गद्दर दिख रहे थे , उन्हे देख कर अमन का मन हो रहा था कि अभी नोच खाये ।
तभी रिन्की कमरे से बाहर होने को आई और दुलारी अमन स्टोर रूम मे सरक गये ।
वो कपडे लेकर जीने से उपर जाने लगी तो अमन वापस स्टोर रूम से निकला और रिन्की को जीने से उपर जाते देखा तो कुर्ती के निचे से हिल्कोरे खाती उसकी गाड़ साफ साफ झलक रही थी ।
जिन्हे देख कर अमन और बेचैन हो उठा ।
दुलारी - क्यू देवर जी , उड़ गये ना होश
अमन अपना मुसल मसल कर - आह्ह भाभी मै तो इसे अभी बच्ची समझ रहा था ये तो पूरा पका आम है
दुलारी उसके करीब आकर उसके नन्गे जिस्म को सहलाती हुई - अरे मेरे राजा , असल मलाईवाला खजाना देखोगे तो पागल हो जाओगे ।
अमन उससे अलग होकर - अभी नही भाभी प्लीज मुझे नहाने जाना है ,
दुलारी ने मुह बनाया क्योकि सुबह सुबह अमन का लन्ड छू कर उसका मूड हो गया था , वही अमन अपने कमरे मे जाता है और कमरे का दरवाजा बन्द कर बाथरूम मे घुस जाता है
जहा सोनल सॉवर के निचे खड़ी अपने जिस्म को भिगो रही थी
अमन अपना अंडरवियर निकाल कर अपना कड़ा कसा हुआ मुसल बाहर निकाला ,
लन्ड की कसावट और उसे खूँटे सा तना देख कर सोनल उसे पक्डते हुए अमन के होठ से अपने होठ जोड़ लेती है ।
मगर अमन का मूड कुछ और ही होता है उसकी नजर सोनल की मखमाली चर्बीदार गाड़ पर थी , वो उसे घुमाते हुए दिवाल से लगा देता है और थुक लेकर सुपाडे को चिकना कर उसकी चुत पर टिकाता है ।
गर्म सुपाड़े का स्पर्श पाकर सोनल अपनी जान्घे खोल कर गाड़ फैलाती है और अमन पोजिसन सेट कर लन्ड को कच्च से उसकी कसी हुई बुर मे घुसेड़ देता है
सोनल के लिए ये पहल अनुभव था खड़े खड़े लन्ड़ लेने का , अमन का लन्ड उसके बुर की चिपकी हुई दिवारो को छीलती हुई भीतर घुस रही थी - अह्ह्ह बेबी उह्ह्ह अराम्म से सोना उह्ह्ह मम्मीईआह्ह फ्क्क्क्क उह्ह्ह
अमन उसको पीछे से पक्ड कर उसके नंगी चुचियों को मसलने लगा और उसका लन्ड सोनल की बुर मे हचर हचर अन्दर बाहर हो रहा हौ
सोनल - आह्ह मेरे राजा क्या हुआ है आपको उह्ह्ह उम्म्ं फक्क मीईई अह्ह्ह
अमन उसको आगे झुका कर उसकी गाड़ पकड कर मसलता हुआ तेजी से पेलने लगता है , सोनल की चिखे बाथरूम गुजने लगती है और अगले ही पल वो अपना लन्ड निकालकर निचे बैठता हुआ सोनल के गाड़ के छेद पर अपना मुह दे देता है
उसकी उन्ग्लिया सोनल की बुर को टटोल रही थी और सोनल अमन की इस हरकत से पागल हो गयी , वो भलभल कर झडने लगी - आह्ह बेबी आ रहा है डोंट स्टॉप डोंट उह्ह्ह येस्स्स बेबी स्क स्क्क्क ऊहह ऊहह उम्म्ं येअह्ह्ह आई लव उह्ह्ह लव ऊहह माय सेक्सी अह्ह्ह आह्ह
सोनल तेजी से झडे जा रही थी और अमन उसकी गाड़ बुर चाट रहा था ।
सोनल के सुस्त होते ही वो भी खड़ा हुआ और शॉवर के निचे सोनल ने उसके होठ एक बार फिर से अपने गिरफत मे ले लिये ।
जारी रहेगी ।