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धन्यवाद भाईबहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

अपडेट आने ही वाला है बस।
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धन्यवाद भाईबहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
धन्यवाद भाईSuperb apdet Bhai
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Bahut hi badhiya update diya hai Riky007 bhai....
Nice and beautiful update....
Awesome update
Neha to bahut pahunchi huyi lag rahi hai
Wo apne ma bap aur bhai se khilaf rahi, manish ki kaha se hoti,
Aur bap ne jo bataya uske anusar wo ek mohare ke rup me mittal sahab ki company me aayi thi aur manish ko fasaya apne jal me aur koi aur mastermind hai in sab ke pichhe
Koun koi Outsider or Mittal house member or both
अब उज्जैन और दिल्ली से ही पता चलेगा कि वहां नेहा किसके सम्पर्क में रहती थी
संजीव के फौज से निकलने के पीछे भी नेहा के संपर्क के वही लोग थे, जरुर नेहा ने ही संजीव के ड्रिंक में कोई ड्रग मिलाया होगा
जबरदस्त अपडेट
Bahut hi umda update he Riky007 Bhai,
Neha ne jaane kitne jhuth bole manish se...........aur na jaane kitni baate chhupayi..........
Ab samar ujjain jakar kuch aur khabar b=nikaal kar layega.........
Keep rocking Bro
बहुत ही सुंदर लाजवाब और जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Nice update....
सही तरीके से देखभाल या फिर परवरिश मे कुछ कमी ने नेहा को गलत रास्ते पर ढकेल दिया । लेकिन उसके भाई निशांत के साथ ऐसा नही था , वह अपने लक्ष्य पर फोकस रहा और एक कामयाब इंसान बना ।
बहुत साल पहले एक फिल्म आई थी । देव आनंद साहब की फिल्म " हरे रामा हरे कृष्णा " । इस फिल्म मे भी बहन अच्छी परवरिश के वगैर नशेड़ी बन गई । उसका पुरा समय चरसी और नशेड़ी हिप्पीयों के साथ बितने लगा और अंत मे वह अपनी जान गंवा दी ।
नेहा स्कूल लाइफ से ही गलत संगत मे रही । गलत संगत का प्रभाव व्यक्ति पर न पड़े , हो ही नही सकता ।
लेकिन मनीष साहब को नेहा के डैड से बिट्टू के बारे मे बात करनी चाहिए थी । वैसे बिट्टू उस व्यक्ति का वास्तविक नाम नही हो सकता पर एक बार उसके बारे मे पूछताछ तो अवश्य करनी चाहिए थी ।
मनीष साहब इस बात का भी पता लगाएं कि मित्तल निवास मे किसी के पुकार का नाम बिट्टू है की नही !
मनीष साहब को इस काम या मित्तल निवास मे किसी भी छानबीन करने के लिए घर के अंदर एक अपना एक गुड फेथ का व्यक्ति भी जरूर होना चाहिए । शायद शिविका इस काम के लिए परफेक्ट लड़की होनी चाहिए ।
आखिर शिविका ने अस्पताल मे मनीष को पहचान कर भी इग्नोर कर दिया था , क्यों की अस्पताल मे पुलिस उस वक्त थी ।
खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
Neha paki ashiq nikli apne ashiq ke bare me usne akhri tak socha sach me
Wow bro kya card khela hai *Shrey* ne jo Mittal sir ki wife aur uski beti ko uske hi khilaf kar diya, ye Shrey jarur kuchh bada plan kar raha Manish ke sath lag to aisa hi raha hai. ... Phir Neha ko Manish ko ignore kar kya mil raha hai yadi wo Manish ke sath rahegi to aur achhe se Manish ki le payegi??? Khair dekhte hain Neha kya khichdi paka rahi hai.
Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
नेहा नेहा नेहा नेहा , कितने झूठ बोले,
नहीं बल्कि उसने सिर्फ झूठ ही बोला ,सच तो क्या होता है वो बेचारी तो जानती ही नहीं थी।
अब झूठों से सच की उम्मीद रखना भी तो समझदारी नहीं भाई मनीष।
अब हमारे त्रिमूर्ति नंबर1 समर साहब ही कुछ खोद के लाएंगे।
हर अपडेट के साथ हमारी पुरानी सोच की वॉट लगा देते हो भाई , कुछ नया मसाला लगाके कहानी में
निशांत और नेहा ऐसे निकले जैसे एक ही पेड़ से आम और धतूरा निकले हों! परवरिश एक हद तक ही असर देती है, उसके बाद अपना खुद का चरित्र अपने व्यवहार पर हावी होने लगता है।
बिट्टू वाला कोण थोड़ा अजीब लगा - क्योंकि पहले यह लग रहा था कि मित्तल परिवार में से ही कोई है, जो इस साज़िश के पीछे है। लेकिन जिस परिवेश में नेहा पली बढ़ी है, वहाँ मित्तल परिवार का भला कौन सा सदस्य आ सकता था?
और यह मान लेना कि बिट्टू कोई पुरुष है, गलत होता - लड़की भी हो सकती है। नेहा समलैंगिक भी हो सकती थी!
ऐसे में रजत मित्तल की बेटी वो बिट्टू हो सकती है। मैंने कहा है पहले भी कि मोनू के होने का सबसे बड़ा आर्थिक नुक़सान उसी को है।
और ये पैसा जो न करवाए वो कम !
अपडेट पोस्टेडAb ja kar kahani rang me aagai hai Riky, neha ke saare jhooth manish ke saamne aa chuke hai, main to abb bhi yahi kahunga ki neha ke sath jo bhi tha, matlab uski seel todne wala mittal pariwar ka hi koi hai, aur 90% to shrey hi hai
Nice update![]()
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अरे कैसे नहीं है?आज के अपडेट में कोई रिव्यू का मसाला नहीं है
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धन्यवाद मैं भी यही कहने वाला थाअरे कैसे नहीं है?
मित्तल साहब बच गए, और मनीष को शायद शिविका के कहने पर पकड़ा गया...
Ab kya naya locha ho gaya? Kya mittal nikalne wala hai abhi? Mujhe lagta hai ki shivika ne pahchaan liya hai manish ko#अपडेट ३१
अब तक आपने पढ़ा -
फिर यही तय हुआ, और अगले दिन शाम में उसको निकलना था। अगला दिन भी होटल में रह कर ही बिताया मैने, समर ने मुझे ज्यादा बाहर न घूमने की सलाह दी थी। शाम को जाने से पहले वो मुझसे मिलने आया, और जाते जाते उसने मुझे एक चिट्ठी पकड़ाई....
अब आगे -
मैने उसे सवालिया नजरों से देखा।
"ये शिविका की है।"
"तुमने बताया उससे कि मैं.."
"तुम्हारे जाने के बाद जब वो मुझसे मिलने आई थी तब ही दी थी उसने, कहा था कि मैं पक्का तुम्हारे टच में हूं तो ये चिट्ठी कभी न कभी तुमको मिल जाएगी। इसीलिए मैने दे दी तुम्हे।"
मैने उसे खोल कर पढ़ना शुरू किया।
मनीष,
कैसे कहूं ये समझ नहीं आ रहा, इसीलिए इस चिट्ठी का सहारा ले रही हूं।
मनीष हमारे घर में शादी ब्याह के मामले में बड़ों की राय ही सबसे महत्वपूर्ण है। मगर मुझे बड़े होते ही ये बताया गया कि मेरी और तुम्हारी शादी होगी, पहले तो मैं इसके खिलाफ थी, मगर जब तुम यहां आए और मैने तुमको जाना, तुम्हारे लिए मेरे मन में प्यार अंकुरित होने लगा था। याद है एक बार मैने तुमको कहा था कि सबसे पहले मुझे बताना अगर जो तुम्हे कोई पसंद आए तो। मगर शायद तुम समझे नहीं।
खैर, प्यार पर किसका जोर चलता है। तुम्हारे जीवन में नेहा आई और तुम उससे प्यार बैठे। सच कहती हूं जब मुझे ये पता चला, मेरा दिल बहुत बुरी तरह से टूट गया था। मगर तुम्हारी खुशी अगर जो नेहा में थी, तो मैं कौन होती हूं बीच में आने वाली। श्रेय ने मुझे कई बार अपनी बात बताने के लिए कहा, मगर मैने तुम्हारी खुशी को देखते हुए कभी ये बात तुमसे कहने की हिम्मत नहीं जुटाई।
ये चिट्ठी भी अभी मैने तुमको ये बताने के लिए नहीं, बल्कि ये कहने के लिए लिखी है कि भले ही दुनिया तुमको गलत समझ रही हो, मगर मैं तुमको बिल्कुल गलत नहीं मानती, और मैं हर समय तुम्हारे साथ खड़ी हूं। इस सबके पीछे जो कोई भी है, कोई हमारी कंपनी का ही है। याद है तुम्हे उस दिन चाचा ने फोन करके तुमको बुलाया था और कहा था कि तुम्हे फंसाया जा रहा है इन सब में, और उसके बाद जैसे ही तुम आए उनके ऊपर हमला हो चुका था।
उस समय मैं चाची से किसी काम से मिलने आई थी, और वो तुमसे बात कर रहे थे। मैं पूछना चाहती थी कि क्या हुआ है, मगर तब तक मां ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया, और मैं पूछ भी नहीं पाई और चाचा जी इस हालत में आ गए। इस बात का मैं खुद को गुनाहगार मानती हूं मनीष। इसीलिए तुम मुझे बताओ, जो होगा मैं करूंगी उसको बेनकाब करने के लिए।
मुझे पता है कि नेहा ने जो तुम्हारे साथ किया उससे शायद मुझ पर क्या किसी पर भी तुम्हारा विश्वास करना कठिन है, लेकिन मैं आज भी तुम्हे एक दोस्त के रूप में देखती हूं और तुम्हारी हर संभव मदद करना चाहती हूं।
तुम्हारी हमेशा
शिविका
चिट्ठी पढ़ कर मुझे एक और झटका लगा, मित्तल सर ने मुझे फोन किया था?
मैने फौरन समर से पूछा, "मित्तल सर का फोन रिकॉर्ड चेक किया था तुमने?"
"हां, मगर क्यों?"
"उनका लास्ट कॉल किसे था?"
"तुमको।"
"मगर मैने तो उनका कोई कॉल रिसीव नहीं किया?"
"क्या?" अब चौंकने की बारी समर की थी। "अच्छा रुक दो मिनिट।" ये बोल कर वो किसी को फोन लगाने लगा।
पांच मिनिट बाद उसने मुझे एक रिकॉर्डिंग सुनवाई।
"हेलो मनीष?" मित्तल सर
"ह्म्म्म"
"बेटा जल्दी घर आओ, तुमको इन सब में फंसाया जा रहा है बेटा, यहां आओ मैं सब बताता हूं तुमको।
"ह्म्म्म"
इतनी ही रिकॉर्डिंग थी।
समर, "ये ही आखिरी कॉल थी तुम्हारे फोन पर, और मित्तल सर के फोन से भी। तुम्हारा फोन जो रिकॉर्डिंग पर डाला था उसमें आखिरी रिकॉर्डिंग यही हुई थी, फिर मैने बंद करवा दिया था। वैसे भी ये अनऑफिशियल था।"
"मगर मैने ये कॉल नहीं ली।"
"अच्छा चलो अभी फिलहाल तो मुझे उज्जैन से आने दो, पहले इस बिट्टू का पता लगाना जरूरी है। फिर इस कॉल का रहस्य भी सुलझाया जाएगा। और हां अपना ख्याल रखना, और बाहर कम से कम निकलना, मैं आता हूं 2 3 दिन में।" ये बोल कर समर निकल गया। जाते जाते उसने मुझे फिलहाल शिविका से मिलने को मना किया था।
अगले दिन मैं बैठा बोर हो रहा था तो दोपहर में फिर एक बार हॉस्पिटल के लिए निकल गया। और वहीं उसी वेटिंग रूम में शाम तक बैठ कर देखता रहा। आज मित्तल सर को देखने महेश अंकल और दोनो आंटी आईं थी।
अगले दिन मैं फिर से वहां चला गया। आज फिर शिविका आई थी, और फिर वो किसी को ढूंढ रही थी। उसकी नजर एक बार फिर मुझ पर टिकी, और वो कुछ देर ध्यान से मुझे देखती रही। तभी श्रेय ने उसके कंधे पर हाथ रखा, और वो दोनों फिर मित्तल सर के कमरे में चले गए।
थोड़ी देर बाद शिविका बदहवास सी कमरे से निकल कर नर्स को अंदर बुला ले गई, और नर्स ने भी फौरन किसी को कॉल किया....
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Ye kya riky manish ka ek baar fir chutiya kaat diya gaya.#अपडेट ३२
अब तक आपने पढ़ा -
अगले दिन मैं फिर से वहां चला गया। आज फिर शिविका आई थी, और फिर वो किसी को ढूंढ रही थी। उसकी नजर एक बार फिर मुझ पर टिकी, और वो कुछ देर ध्यान से मुझे देखती रही। तभी श्रेय ने उसके कंधे पर हाथ रखा, और वो दोनों फिर मित्तल सर के कमरे में चले गए।
थोड़ी देर बाद शिविका बदहवास सी कमरे से निकल कर नर्स को अंदर बुला ले गई, और नर्स ने भी फौरन किसी को कॉल किया....
अब आगे -
अब उस तरफ थोड़ी आगरा तफरी मची हुई थी। मेरा दिल भी किसी अंजानी आशंका से घिर गया था। कुछ देर बाद पूरी मित्तल फैमिली भी आ चुकी थी।
मैं भी उठ कर थोड़ा उस तरफ गया और सुनने की कोशिश की क्या हो रहा है। पता चला कि मित्तल सर कोमा से बाहर आ गए थे। ये सुन मुझे बहुत राहत मिली कि अब कम से कम सच बाहर आयेगा।
आज का दिन भी बीत गया। समर ने अभी तक मुझे कोई फोन नहीं किया था।
अगले दिन फिर से मैं वैसे ही जा कर हॉस्पिटल में बैठ गया। कल मित्तल सर को होश आने के बाद अभी उनको डॉक्टर ने किसी भी तरह के स्ट्रेस से दूर रखने को कहा था, इसीलिए पुलिस का स्टेटमेंट।नहीं हुआ था। आज पुलिस स्टेटमेंट लेने वाली थी।
दोपहर में पुलिस को हलचल बढ़ी हॉस्पिटल में और थोड़ी देर बाद एक SP रैंक का ऑफिसर आया उनके कमरे में जाने के लिए। शायद यही SP अमरकांत थे, इस केस के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर। थोड़ी देर बाद वो मित्तल सर के कमरे में जाते हैं, और वहां पर पहले से मौजूद शिविका और मित्तल सर की पत्नी बाहर आते हैं।
वो दोनों भी आ कर इधर ही बैठ जाते हैं, लेकिन मुझसे थोड़ा दूर, जहां से हम लोग एक दूसरे को देख तो सकते थे मगर हमारी बात नहीं हो सकती थी। शिविका आंटी से बात करते हुए मुझे ही देख रही थी। कुछ देर बाद अमरकांत रूम से निकले और वो दोनों उनके पास जा कर कुछ बात करने लगे। फिर अमरकांत चले गए और वो दोनों भी मित्तल सर के कमरे में चले गए। जाते जाते एक बार फिर शिविका ने मेरी ओर देखा। इसके बाद फिर दिन भर कुछ खास नहीं हुआ।
अगले दिन फिर वही सिलसिला चला। आज समर को गए हुए चौथा दिन था, मगर मेरी उससे कोई बात नहीं हुई थी। शाम को शिविका वापस जाने हुए फिर से मुझे देखा, और इस बात वो थोड़ा मुस्कुराई, और चली गई।
मुझे बैठे हुए बहुत देर हो गई थी, तो मैं भी अपनी जगह से उठा और बाहर की ओर जाने लगा।
वेटिंग रूम से बाहर निकलते ही एक हाथ मेरे कंधे पर पड़ा, और मैने घूम कर देखा। ये एक इंस्पेक्टर था।
"चलिए मनीष बाबू, बहुत भाग लिए अब आप।"
उसके इतना कहते ही दो लोग सादे कपड़ों में मेरे आजू बाजू खड़े हो गए।
"चुपचाप इन दोनों के साथ नीचे जाइए, हम अभी हॉस्पिटल में आपको गिरफ्तार करके कोई हंगामा नहीं करना चाहते, और वैसे भी sp साहब ने आपको चुपचाप लाने कहा है पुलिस स्टेशन में।" वो इंस्पेक्टर फिर से बोला।
मैने हां में गर्दन हिला कर उन दोनों के साथ नीचे की ओर चल दिया। नीचे बेसमेंट पार्किंग में एक पुलिस की कार लगी थी, और मुझे उसी में बैठ कर बाहर ले जाया गया। गेट पर करते ही मुझे शिविका गेट के बाहर खड़ी दिखी, शायद किसी का इंतजार कर रही थी....
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