"यार कपड़े तो है ही नही नहाएंगे कैसे?"ऋतु
"मालकिन कपडे आपको मिल जाएंगे मगर हमारे यहां ऐसे कपड़े नही है आपको धोती और ब्लाउज़ मिलेगा "
"ठीक है वही ले आओ।"
एक नौकरानी जाती है और तुरंत ले आती है।
तब तक तीनो ब्रा पँटी में पानी मे जाने लगती है मगर एक नौकरानी बोलती है "मालकिन बिना कपड़ों के जाइये क्यों के यहाँ कोई मर्द नही आएगा आप आराम से नहाइये।"
तीनो ब्रा पँटी उतार देती है। नहाने लगती है।
फिर नहाने के बाद निकल के बदन पोछ के कपड़े पहनती है तो हाई स्लिट की स्कर्ट और ब्रा टाइप का ब्लाउज़ मिलता है जिसको पहन के तीनों तयार होती है।
एक दूसरे को देखती रह जाती है तीनो बहुत हॉट और कामुक लग रही थी।
फिर खाने के लिए जाती है टेबल पे और वहां राजकुमार आ जाते है राज कुमार की बॉडी और फिजिक देख के तीनों दीवानी हो जाती है। बस उसको ही निहारती रहती है और राजकुमार खाना खा के बोलता है
" आप लोग खाना खाओ और मुझे आप तीनो पसंद हो मैं तीनो से शादी करूँगा।"
अब तीनो एक दूसरे का मुह देखती रहती है।
फिर खाना खाने के बाद हवेली के बाहर छोटी तालाब और झरना के पास बैठ के तीनों बात करती है "राजकुमार बहुत सुंदर और मजबूत है बहुत ताकतवर भी मगर हम तीनों कैसे शादी कर सकती है।"शलिनी
"अरे उसको देखा नही मैं तो उसका लण्ड देख रही थी बहुत बड़ा है।"रोमा
"तूने जब कैसे देख लिया?मैं तो उसके बॉडी और लंबाई देख रही थी।"ऋतु
"अरे जब वो आया तो मैं उसको आंख उठा के देखने लगी तो देखा उंसके पैंट वाली जगह बहुत फूली और बड़ी लग रही थी मेरे अंदाज़ से सिकुड़े हुए लण्ड की लंबाई 7 इंच होगी और खड़े होने पे 10 या 11 इंच और मोटा तो शायद 5 इंच होगा।"रोमा
"चल झूठी"
"अरे वो हम तीनों को एक साथ चोद सकता है।"
"अरे हम है कहा ओ पता नही है हम वापस जा पाएंगे या नही वो नही पता बस चुदाई सोच रही हो।मुझे तो घर की माँ की बाप की याद आ रही है।"
"हा वो तो है "
फिर बहुत देर तक तीनो बैठी रहती है वहां।
वहां सरोज को पता था कि तीनों लड़कियां शैतान के भेजे हुए है तो वो वैसे ही रियेक्ट करती रही जैसे नॉर्मल करती थी।
रजनी का रिश्ता तय कर दिया भोला ने और शादी की तैयारी भी जोरो से चल रही थी मगर लड़के के बाप एक दिन आते है भोला के घर और बोलते है "एक बात आपसे कहना भूल गया था मैं सोचा आपको बता दु "
"जी बोलिये "भोला डर से गया
"जी वो हम लोग नास्तिक है भगवान और किसी को नही मानते है हम, तो शादी में पंडित और मंत्र वगैरह की ज़रूरत नही है केवल अंगूठी पहना के एक साधारण कार्यक्रम रख के लड़के और लड़की को एक गांठ में बंध के हम एक दूसरे के पति पत्नी हुए ऐसा बोल के विदा कर देना आप।
"मगर हम लोग तो ......"
"हा मैं जांनता हु आप क्या कहना चाहते है मगर मेरी भी मजबूरी है।""हम किसी की भावना को ठेस नही पहुचा सकते"
"तो ठीक है जैसा आप चाहोगे वैसा होगा।"
"बस बस और कुछ नही चाहिए"