• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वशीकरण

Rinkp219

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
3,735
5,418
158
Fantastic update Bhai...

Bhai aapse ek request hai chudai wala scenes details main describe karo......
Waiting
 
  • Like
Reactions: Ashokafun30

Motaland2468

Well-Known Member
3,675
4,204
159
इसलिए उन्होने अपना लॅंड दीदी की चूत से निकाला और मेरी तरफ आ गये
मेरा पूरा शरीर सुन्न पड़ गया
क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी
और वो भी अपने सगे बाप से

पिताजी ने उसी चाशनी में डूबे लॅंड को मेरी चूत के उपर लगाया और उसे धक्का देकर अंदर धकेला
पर वो इतनी टाइट थी की वहीँ फिसल कर रह गया

वो समझ गये की अभी तक मैं कुँवारी हूँ
पता नही दीदी के बारे में उन्होने क्या सोचा होगा जब उनका लॅंड आसानी से अंदर चला गया
पर मेरी कुँवारी चूत देखकर एक पल के लिए उनके चेहरे पर खुशी ज़रूर आ गयी
आख़िर एक बाप की जिंदगी में ये पल हर रोज नही आता जब वो अपनी कुँवारी लड़की की चूत मारे

उन्होने मेरी दोनो जाँघो को दोनो तरफ फेला दिया
और अपने लॅंड को पकड़ कर मेरी चूत के होंठो के बीच फँसाया
और उसके बीच अपने लॅंड को घिसकर उसे रगड़ने लगे



मुझे तो बाद में एहसास हुआ की वो मेरी चूत का लुब्रीकेशन अपने लॅंड पर मल कर उसे अंदर जाने के लिए तैयार कर रहे थे
और जब वो लॅंड पूरा मेरे काम रस से भीग कर रसीला हो गया तो उन्होने चूत के होंठो को फेलाया और जितना अंदर हो सकता था अपने लॅंड के सिरे को पहुँचा दिया ताकि उनके लॅंड का टोपा होंठो के बीच फँस कर फिसले ना

और जब उसके बाद उन्होने धक्का मारा तो मेरी चूत के छेड़ का वो छोटा सा दरवाजा उनकी मोटी तोप के सामने ध्वस्त होता चला गया और पिताजी अपनी तोप लेकर दनादन मेरी चूत का टोल नाका तोड़ते हुए अंदर घुसते चले गये

“आआआआआआआआययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईई……….. उहह……… मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई”

दीदी ने दूसरी तरफ से आकर मेरे चेहरे को पकड़ा और मुझे ढाढ़स बँधाया
वो शायद जानती थी की पहली चुदाई का दर्द कैसा होता है
मेरे अंदर तो जैसे पिताजी ने अपनी गर्म तलवार उतार दी थी
बहुत दर्द हो रहा था चूत के उपर
शायद खून भी निकल रहा था अंदर से
पर पिताजी अपनी ही मस्ती में धीरे-2 झटके मारकर इंच दर इंच अपना लॅंड अंदर धकेल रहे थे

मेरी चीखे निकलती चली जा रही थी
पर पिताजी तो जैसे जानवर बन चुके थे इस वक़्त
उन्हे मेरी चीखों से भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था
उनकी स्पीड अब तेज हो गयी



और उसके बाद तो मेरी चूत में कब दर्द गायब हो गया मुझे पता ही नही चला
अब चुदाई का असली मज़ा आने लगा था
जो जैसा पढ़ा - सुना था मैने उस से कहीं ज़्यादा मजेदार था
हाय
इतने सालो तक मैं इस सुख से वंचित रही
काश ये वशीकरण वाला आइडिया पिताजी को पहले आ गया होता
ऐसे ही जवानी के 2-3 साल बर्बाद कर दिए
पर अब नही करूँगी बर्बाद
पहली बार का डर था जो अब जा चुका था
अब ऐसा नही होने दूँगी अपनी प्यारी पुस्सी के साथ
जितना हो सके उतना मज़ा दूँगी इसे

दीदी साइड में लेटी हुई अपनी चूत मसल रही थी
अब मैं भी पिताजी से चिपक -2 कर उनके लॅंड को और ज़्यादा अंदर ले रही थी
उचक कर उनके होंठो को चूस भी रही थी
उनके सिर को अपनी नन्ही बूबीयों के उपर घिस भी रही थी

और जैसे ही उनके होंठो ने मेरे पिंक निप्पल्स को चूसते हुए 2-4 तेज झटके मारे , मेरे अंदर का ज्वार भाटा बाहर निकलता चला गया
मैं झटके मार-मारकर झड़ने लगी

ऐसा लग रहा था की बरसों से जिस बाँध को अंदर रखा हुआ था वो आज पूरी तरहा टूटकर बाहर आने को तैयार था
झड़ते हुए मेरे मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी

“उगगगगगगगगघह ….. उम्म्म्मममममममममममममममम……. अहह …सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स….. पीईईईईईईईईताजी…….”

और अंत में ना चाहते हुए भी मेरे मुँह से पिताजी निकल ही गया
पर गनीमत रही की पिताजी ने नही सुना वरना उन्हे पता चल जाता की मैं होश में हूँ.

कुछ देर मेरे अंदर घिसाई करने के बाद पिताजी फिर से एक बार दीदी की तरफ चल दिए
मेरी चूत से निकले लॅंड पर लाल रंग लगा हुआ था जो मेरी सील टूटने का प्रमाण था
मैने कपड़े से अपनी चूत से निकल रहा खून सॉफ किया और फिर ढेर सारा थूक लगा कर उसे अपनी उंगलियों से रगड़ने लगी

अब पिताजी ने दीदी को घोड़ी बना कर अपना मोटा लॅंड पीछे से अंदर डाल दिया
दीदी भी हिनहीना कर उनके लॅंड को लेकर दौड़ती चली गयी
पिताजी के लॅंड की स्पीड और उनकी गांड हिलाने की स्पीड एक से बढ़कर एक थी



और जल्द ही वो पल आ गया जब पिताजी के लॅंड से पानी निकलने को हो गया
उन्होने जल्दी से लॅंड को बाहर खींचा और हम दोनो को सामने बैठने को कहा
और जैसे ही दोनो सामने बैठी उनके लॅंड से निकले सफेद रस ने हम दोनो के चेहरों को रंगना शुरू कर दिया
उफ़फ्फ़
कितना गर्म था वो रस
एकदम दूध से उतरी मलाई जैसा
गाड़ा और रसीला
मीठा और स्वादिष्ट
हम दोनो ने जी भरकर वो रस पिया



और फिर एक दूसरे को चेहरे को भी चाट -चाटकर सॉफ किया
हम दोनो ये सब करने में लगे थे और पिताजी ने जल्दी-2 अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए
अभी तो आधा घंटा ही हुआ था

काश हम बोल पाते की पिताजी आज की रात यही रह जाओ ना
उन्होने जाने से पहले अपना आख़िरी हुक्म दिया की दोनो जल्दी से कपड़े पहनो और सो जाओ
हम दोनो कपड़े पहनने की एक्टिंग करने लगे और वो बाहर निकल गये
उनके जाते ही हम दोनो खुशी से चिल्लाते हुए एक दूसरे के गले लग गये नंगे ही
और अगले ही पल मैं और दीदी एक गहरी स्मूच में डूब गये



आज की रात यादगार रहने वाली थी
इसलिए उस रात हम दोनो ने कपड़े नही पहने
ऐसे ही नंगे लेटकर एक दूसरे के शरीर से खेलते रहे
और आने वाले दिनों में क्या-2 होगा उसके बारे में बात करते रहे.
Ashok bhai chha gaye.kya update Diya hai maza aa gaya padke.next update ka besabri se intzaar rahega update jaldi se dena plz
 

Ashokafun30

Active Member
1,557
6,412
159
Fantastic update Bhai...

Bhai aapse ek request hai chudai wala scenes details main describe karo......
Waiting
Thanks for your suggestion but mujhe nahi lagta ki meri kahani me sex scenes ki details kam hai
har post me yahi koshish rehti hai ki update me sex scene jaroor ho taaki padne wale ko maja aaye
kahani ki demand ke anusar aadhe ghante ka scene tha, isme itna kuch dekh liya aapne aur kya chahiye
 

komaalrani

Well-Known Member
23,705
63,884
259
इसलिए उन्होने अपना लॅंड दीदी की चूत से निकाला और मेरी तरफ आ गये
मेरा पूरा शरीर सुन्न पड़ गया
क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी
और वो भी अपने सगे बाप से

पिताजी ने उसी चाशनी में डूबे लॅंड को मेरी चूत के उपर लगाया और उसे धक्का देकर अंदर धकेला
पर वो इतनी टाइट थी की वहीँ फिसल कर रह गया

वो समझ गये की अभी तक मैं कुँवारी हूँ
पता नही दीदी के बारे में उन्होने क्या सोचा होगा जब उनका लॅंड आसानी से अंदर चला गया
पर मेरी कुँवारी चूत देखकर एक पल के लिए उनके चेहरे पर खुशी ज़रूर आ गयी
आख़िर एक बाप की जिंदगी में ये पल हर रोज नही आता जब वो अपनी कुँवारी लड़की की चूत मारे

उन्होने मेरी दोनो जाँघो को दोनो तरफ फेला दिया
और अपने लॅंड को पकड़ कर मेरी चूत के होंठो के बीच फँसाया
और उसके बीच अपने लॅंड को घिसकर उसे रगड़ने लगे



मुझे तो बाद में एहसास हुआ की वो मेरी चूत का लुब्रीकेशन अपने लॅंड पर मल कर उसे अंदर जाने के लिए तैयार कर रहे थे
और जब वो लॅंड पूरा मेरे काम रस से भीग कर रसीला हो गया तो उन्होने चूत के होंठो को फेलाया और जितना अंदर हो सकता था अपने लॅंड के सिरे को पहुँचा दिया ताकि उनके लॅंड का टोपा होंठो के बीच फँस कर फिसले ना

और जब उसके बाद उन्होने धक्का मारा तो मेरी चूत के छेड़ का वो छोटा सा दरवाजा उनकी मोटी तोप के सामने ध्वस्त होता चला गया और पिताजी अपनी तोप लेकर दनादन मेरी चूत का टोल नाका तोड़ते हुए अंदर घुसते चले गये

“आआआआआआआआययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईई……….. उहह……… मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईईईईईईईईईईईईईई”

दीदी ने दूसरी तरफ से आकर मेरे चेहरे को पकड़ा और मुझे ढाढ़स बँधाया
वो शायद जानती थी की पहली चुदाई का दर्द कैसा होता है
मेरे अंदर तो जैसे पिताजी ने अपनी गर्म तलवार उतार दी थी
बहुत दर्द हो रहा था चूत के उपर
शायद खून भी निकल रहा था अंदर से
पर पिताजी अपनी ही मस्ती में धीरे-2 झटके मारकर इंच दर इंच अपना लॅंड अंदर धकेल रहे थे

मेरी चीखे निकलती चली जा रही थी
पर पिताजी तो जैसे जानवर बन चुके थे इस वक़्त
उन्हे मेरी चीखों से भी कोई फ़र्क नही पड़ रहा था
उनकी स्पीड अब तेज हो गयी



और उसके बाद तो मेरी चूत में कब दर्द गायब हो गया मुझे पता ही नही चला
अब चुदाई का असली मज़ा आने लगा था
जो जैसा पढ़ा - सुना था मैने उस से कहीं ज़्यादा मजेदार था
हाय
इतने सालो तक मैं इस सुख से वंचित रही
काश ये वशीकरण वाला आइडिया पिताजी को पहले आ गया होता
ऐसे ही जवानी के 2-3 साल बर्बाद कर दिए
पर अब नही करूँगी बर्बाद
पहली बार का डर था जो अब जा चुका था
अब ऐसा नही होने दूँगी अपनी प्यारी पुस्सी के साथ
जितना हो सके उतना मज़ा दूँगी इसे

दीदी साइड में लेटी हुई अपनी चूत मसल रही थी
अब मैं भी पिताजी से चिपक -2 कर उनके लॅंड को और ज़्यादा अंदर ले रही थी
उचक कर उनके होंठो को चूस भी रही थी
उनके सिर को अपनी नन्ही बूबीयों के उपर घिस भी रही थी

और जैसे ही उनके होंठो ने मेरे पिंक निप्पल्स को चूसते हुए 2-4 तेज झटके मारे , मेरे अंदर का ज्वार भाटा बाहर निकलता चला गया
मैं झटके मार-मारकर झड़ने लगी

ऐसा लग रहा था की बरसों से जिस बाँध को अंदर रखा हुआ था वो आज पूरी तरहा टूटकर बाहर आने को तैयार था
झड़ते हुए मेरे मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थी

“उगगगगगगगगघह ….. उम्म्म्मममममममममममममममम……. अहह …सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स….. पीईईईईईईईईताजी…….”

और अंत में ना चाहते हुए भी मेरे मुँह से पिताजी निकल ही गया
पर गनीमत रही की पिताजी ने नही सुना वरना उन्हे पता चल जाता की मैं होश में हूँ.

कुछ देर मेरे अंदर घिसाई करने के बाद पिताजी फिर से एक बार दीदी की तरफ चल दिए
मेरी चूत से निकले लॅंड पर लाल रंग लगा हुआ था जो मेरी सील टूटने का प्रमाण था
मैने कपड़े से अपनी चूत से निकल रहा खून सॉफ किया और फिर ढेर सारा थूक लगा कर उसे अपनी उंगलियों से रगड़ने लगी

अब पिताजी ने दीदी को घोड़ी बना कर अपना मोटा लॅंड पीछे से अंदर डाल दिया
दीदी भी हिनहीना कर उनके लॅंड को लेकर दौड़ती चली गयी
पिताजी के लॅंड की स्पीड और उनकी गांड हिलाने की स्पीड एक से बढ़कर एक थी



और जल्द ही वो पल आ गया जब पिताजी के लॅंड से पानी निकलने को हो गया
उन्होने जल्दी से लॅंड को बाहर खींचा और हम दोनो को सामने बैठने को कहा
और जैसे ही दोनो सामने बैठी उनके लॅंड से निकले सफेद रस ने हम दोनो के चेहरों को रंगना शुरू कर दिया
उफ़फ्फ़
कितना गर्म था वो रस
एकदम दूध से उतरी मलाई जैसा
गाड़ा और रसीला
मीठा और स्वादिष्ट
हम दोनो ने जी भरकर वो रस पिया



और फिर एक दूसरे को चेहरे को भी चाट -चाटकर सॉफ किया
हम दोनो ये सब करने में लगे थे और पिताजी ने जल्दी-2 अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए
अभी तो आधा घंटा ही हुआ था

काश हम बोल पाते की पिताजी आज की रात यही रह जाओ ना
उन्होने जाने से पहले अपना आख़िरी हुक्म दिया की दोनो जल्दी से कपड़े पहनो और सो जाओ
हम दोनो कपड़े पहनने की एक्टिंग करने लगे और वो बाहर निकल गये
उनके जाते ही हम दोनो खुशी से चिल्लाते हुए एक दूसरे के गले लग गये नंगे ही
और अगले ही पल मैं और दीदी एक गहरी स्मूच में डूब गये और अपनी चूत एक दूसरे से रगड़ते हुए दोनों एक बार फिर से एक और ओर्गास्म की और दौड़ते चले गए



आज की रात यादगार रहने वाली थी
इसलिए उस रात हम दोनो ने कपड़े नही पहने
ऐसे ही नंगे लेटकर एक दूसरे के शरीर से खेलते रहे
और आने वाले दिनों में क्या-2 होगा उसके बारे में बात करते रहे.


मैं सिर्फ ये कह सकती हूँ की लोग बेकार आजकल की लड़कियों को ब्लेम करते हैं पापा की परियां और न जाने क्या क्या कह के

मैं तो मानती हूँ ऐसी आज्ञाकारी लड़कियां सब को मिलें, कितनी चिंता है पिता के बारे में, कही बाहर मसाज पार्लर इत्यादि का चक्कर लगाते पिताजी तो आर्थिक हानि होती और कहीं कोई रोग लगा बैठते तो स्वास्थ्य की हानि,

और सबसे बड़ी बात आदर, पिता जी ने जो आदर उस मंत्र को दिया वही उन्होंने भी, अब तो लोग शादी के समय भी ठीक से मंत्र नहीं पूरा होने देते

और फिर उन की जादू की सफलता के भरम को भी नहीं तोडा एकदम रोबो की तरह और पिक भी आपने वैसे ही लगाई

और सिर्फ आदर्श पिता पुत्री ही नहीं बहने भी सहेलियों की तरह एकदम खुल के और चंदा तो एकदम गजब भाई को जो उनसे जवाब दिया समझ में नहीं आता की कलयुग में भी परिवार का इतना ध्यान रखने वाली बच्चिया होती हैं


सूरज : “पर जो आज हुआ….वो सब एक भाई बहन के बीच…..नही होना चाहिए….इसलिए….अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो…”

मैं : “और अगर अच्छा लगा हो तो…..

एक बात और,

चित्रों को चोरी तो मैंने पहले भी की है आपके थ्रेड से, इस बार भी 'सेव एज 'कर लिया लेकिन सोच रही हूँ आपकी कुछ लाइने भी चुरा लूँ, अब थोड़ा बहुत देखा देखी इन्सेस्ट मैं भी लिख ही रही हूँ तो ऐसी लाइने,


ऐसी ही महक भाई के शरीर से भी आ रही थी जब वो मेरे काफ़ी करीब था
शायद ये हमारी खानदानी खुश्बू है

--
हाय
इतने सालो तक मैं इस सुख से वंचित रही
काश ये वशीकरण वाला आइडिया पिताजी को पहले आ गया होता
ऐसे ही जवानी के 2-3 साल बर्बाद कर दिए
पर अब नही करूँगी बर्बाद
पहली बार का डर था जो अब जा चुका था
अब ऐसा नही होने दूँगी अपनी प्यारी पुस्सी के साथ

जितना हो सके उतना मज़ा दूँगी इसे


मैं एक बार वो नया वाला BSS फिर से पढ़ रही हूँ अगर ज्यादा तगड़ी सजा न हुयी तो ऐसी लाइने भी चुराने का प्लान बना रही हूँ .
 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
44,244
117,251
304
Shandar update
 
  • Like
Reactions: Ashokafun30

Motaland2468

Well-Known Member
3,675
4,204
159
मैं सिर्फ ये कह सकती हूँ की लोग बेकार आजकल की लड़कियों को ब्लेम करते हैं पापा की परियां और न जाने क्या क्या कह के

मैं तो मानती हूँ ऐसी आज्ञाकारी लड़कियां सब को मिलें, कितनी चिंता है पिता के बारे में, कही बाहर मसाज पार्लर इत्यादि का चक्कर लगाते पिताजी तो आर्थिक हानि होती और कहीं कोई रोग लगा बैठते तो स्वास्थ्य की हानि,

और सबसे बड़ी बात आदर, पिता जी ने जो आदर उस मंत्र को दिया वही उन्होंने भी, अब तो लोग शादी के समय भी ठीक से मंत्र नहीं पूरा होने देते

और फिर उन की जादू की सफलता के भरम को भी नहीं तोडा एकदम रोबो की तरह और पिक भी आपने वैसे ही लगाई

और सिर्फ आदर्श पिता पुत्री ही नहीं बहने भी सहेलियों की तरह एकदम खुल के और चंदा तो एकदम गजब भाई को जो उनसे जवाब दिया समझ में नहीं आता की कलयुग में भी परिवार का इतना ध्यान रखने वाली बच्चिया होती हैं


सूरज : “पर जो आज हुआ….वो सब एक भाई बहन के बीच…..नही होना चाहिए….इसलिए….अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो…”

मैं : “और अगर अच्छा लगा हो तो…..

एक बात और,

चित्रों को चोरी तो मैंने पहले भी की है आपके थ्रेड से, इस बार भी 'सेव एज 'कर लिया लेकिन सोच रही हूँ आपकी कुछ लाइने भी चुरा लूँ, अब थोड़ा बहुत देखा देखी इन्सेस्ट मैं भी लिख ही रही हूँ तो ऐसी लाइने,


ऐसी ही महक भाई के शरीर से भी आ रही थी जब वो मेरे काफ़ी करीब था
शायद ये हमारी खानदानी खुश्बू है

--
हाय
इतने सालो तक मैं इस सुख से वंचित रही
काश ये वशीकरण वाला आइडिया पिताजी को पहले आ गया होता
ऐसे ही जवानी के 2-3 साल बर्बाद कर दिए
पर अब नही करूँगी बर्बाद
पहली बार का डर था जो अब जा चुका था
अब ऐसा नही होने दूँगी अपनी प्यारी पुस्सी के साथ

जितना हो सके उतना मज़ा दूँगी इसे


मैं एक बार वो नया वाला BSS फिर से पढ़ रही हूँ अगर ज्यादा तगड़ी सजा न हुयी तो ऐसी लाइने भी चुराने का प्लान बना रही हूँ .
Main to kehta hu ek complete incest story aap bhi shuru kar do likhna especially BAAP or shadishuda betiyon ke relation per ye meri dil ki ichha hai plZ plZ plZ
 
Top