Lucifer Morningstar
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KLPD कर दिया अशोक भाई“आआआआआआआआअहह…… ओह मेरी ज़ाआाआआनन्न…… उम्म्म्मममम मजाआ आआआ गय्ाआअ….चन्दा ssssss ”
उसने आसमान की तरफ मुँह करके ज़ोर से हुंकार भरी
आस पास पेड़ो पर बैठे पक्षी भी उसकी आवाज़ सुनकर उड़ गये
मैं उसका मोटा लॅंड मुँह में लिए उसे देख रही थी
जो मज़ा लेने में व्यस्त था
कुछ देर तक भाई के नहाए धोए लॅंड को अच्छे से सॉफ करने के बाद मैने उसकी बॉल्स को भी मुँह में भरकर चूसा
ऐसा लगा जैसे रस में डूबे गुलाब जामुन आ गये हो मुँह में
ट्यूबवेल का पानी वैसे ही इतना मीठा था
जो इस वक़्त चाशनी का काम कर रहा था
सूरज इस वक़्त लॅंड चुस्वाते हुए पानी में अपने पंजो के बल खड़ा हुआ था
मेरे दोनो मुम्मे पानी के अंदर फ्री स्टाइल हिचकोले मार रहे थे
और मेरे हाथ भी एक बार फिर से पानी के अंदर ही अपनी चूत पर चलने लगे
कुछ देर पहले जो चूत की झड़ाई हुई थी उस से काफ़ी जल्दी उभार लिया था मैने खुद को
जवान जिस्म का यही तो फ़ायदा होता है
साला एक के बाद एक चुदाई के लिए चूत हमेशा तैयार मिलती है
मैं उठ खड़ी हुई
क्योंकि मर्दों का एक बार माल निकल जाए तो एक घंटे से पहले खड़ा होने वाला नही है इनका
और इतना टाइम मेरे पास नही था
वरना घर पहुँचकर माँ के सवालो से बचना मुश्किल हो जाएगा
मैने उठकर भाई के होंठो पर एक गहरी स्मूच की और भाई ने मुझे घुमाकर मेरी गांड अपनी तरफ कर ली
और पानी के अंदर अपने लॅंड से मेरी चूत को पीछे की तरफ से कुरेदने लगा
मेरे मुँह से सिसकारिया निकलनी शुरू हो गयी
“उम्म्म्मममममम….. अहह भैय्याय्या……… सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स….. अब और मत तरसाओ …….डाल दो ना ये मोटा मूसल अपनी प्यारी बहन की चूत में ….चोदो ना भैय्या …..अपनी लाडली बहन को….अपने मोटे लॅंड से….प्लीज़ भैय्या ……”
मेरा प्लीज़ कहने का तरीका ही इतना सैक्सी था की उस से भी सब्र नही हुआ और उसने थोड़ा नीचे होकर अपने लॅंड को मेरी चूत पर लगाया और एक जोरदार धक्का देकर उसे अंदर धकेल दिया
धक्का काफ़ी तेज था
वो तो शुक्र हो पापा और घेसू बाबा का , जिन्होने मेरी चूत का दरवाजा खोलकर भाई के लॅंड को निगलने में मदद की
वरना मेरी ऐसी चीख निकलती की घर बैठी मम्मी को भी पता चल जाता की कोई उनकी बेटी चोद रहा है खेतो में
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और फिर तो सिलसिला शुरू हुआ तेज धक्को का और मेरी सिसकारियों का
दोनो में ऐसा ताल मेल बैठा की हर झटके के बाद लयबध तरीके से मेरी सिसकारी भी पीछे-2 निकलती
“उम्म्म्म अहह ओह अहह…… भैय्या ……. उम्म्म्मममम…… वाााआहह …मज़ाआअ आ रहा है…… अहह ज़ोर से चोदो भैय्याय्या……अपनी बहन को….अहह ज़ोर से चोदो ……… उम्म्म्ममममम”
आगे मेरे नन्हे स्तन हवा मे उछल कूद कर रहे थे
और हर झटके से हमारे बीच का पानी छपाक-2 की आवाज़ें निकाल रहा था
कुछ देर तक उसी पोज़िशन में चोदने के बाद सूरज ने मुझे घुमाकर अपनी तरफ कर लिया और मुझे पानी में अपनी गोद में उठा कर अपना लॅंड मेरी चूत में पेल दिया
ये पोज़िशन सबसे सही थी
मेरी गांड पर अपने हाथ लगाकर उसने मुझे उपर नीचे करना शुरू कर दिया
और हर झटके से उसका फ़ौलादी लॅंड मेरी चूत के अंदर तक जाकर ठोकर मारता और फिर बाहर निकलता
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ऐसे में वो मेरे बूब्स भी चूस पा रहा था और मेरे लिप्स भी
और करीब 5 मिनट तक धीरे-2 मेरी चूत को लॅंड से कूटने के बाद हम दोनो एक साथ झडे
और ये पहली बार था जब कोई मेरी चूत के अंदर झड़ रहा था
मेरा खुद का भाई
उसने अपने रस से मेरी चूत को लबालब भर दिया
करीब एक मिनट तक मैं अपने ऑर्गॅज़म के सागर में हिचकोले खाने के बाद होश में आई और धीरे से उसकी गोद से नीचे उतर गयी
पीछे-2 ढेर सारा रस भी बाहर आ गया
मैने चूत में उंगलिया डालकर उसे अच्छे से अंदर से सॉफ कर लिया ताकि एक भी बूँद अंदर ना रहने पाए जो सारा काम बिगाड़ दे
बाकी घर जाकर टैबलेट तो ले ही लेनी थी मैंने , क्योंकि अब तो ये सब लगा ही रहेगा
भाई उसके बाद काफ़ी देर तक मेरे नंगे जिस्म से खेलता रहा
हालाँकि ऐसा करते हुए उसका लॅंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था
पर मुझे माँ का डर भी सता रहा था
भाई का लॅंड तो अब मिलता ही रहेगा
चाहे घर पर
या खेतो में
कुछ देर बाद अपने कपड़े पहन कर मैं घर की तरफ चल दी
ऐसे ही भाई और बाप का प्यार मिलता रहा तो जल्द ही मैं किसी हीरोइन जैसी दिखने लगूंगी
हाय
ये जवानी के दिन कितने मजेदार होने वाले है
यही सोचकर मैं आने वाले दिनों के प्लान बनती हुई घर की तरफ चल दी
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समाप्त
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दोस्तों , अपनी ये कहानी मैं यही समाप्त कर रहा हूँ
एक नयी कहानी के साथ जल्द ही आपके सामने दोबारा आऊंगा
तब तक के लिए गुड बाय