Update 4
अब तक नैना की चूत इतना रस छोड़ चुकी थी कि कोई भी आसानी से जान सकता था कि उसकी जींस गीली हो चुकी है। जिस कारण नैना को अपनी चूत पे बहुत खुजली होने लगी। मगर ऐसे सबके सामने वो अपनी चूत को खुजा भी नहीं सकती थी। नैना के पास सिर्फ एक जोड़ी ब्रा और पेंटी ही बची थी। इसलिए उसे खुद के लिए ब्रा और पेंटी भी लेनी थी मगर वो राजेश से कैसे बोले उससे समझ में नहीं आ रहा था। इसी उधेड़ बुन में नैना राजेश के साथ दुकान से बाहर निकली और कुछ बोलती उससे पहले ही राजेश ने उससे बाइक पे बैठने को कहा। और दोनों वापस थाने आ गए।
एक बार फिर नैना राजेश के केबिन में खड़ी थी। राजेश नैना से "तुम्हारे रहने और कपड़ों का तो हो गया अब बाकी बचा खाना।" नैना ने सहमति में सिर हिलाया। राजेश कुछ सोचते हुए "एक काम करता हु मैं ही रोज तुम्हारे लिए घर से खाना ले आया करूंगा" नैना मन में "मै तो इन्हें हरामी समझती थी मगर ये मेरी कितनी चिंता करते है पहले रहने के लिए यही थाने में जगह दी, फिर खुद के पैसों से कपड़े दिलाए और अब खाना भी अपने घर से लेके आएंगे" नैना अभी अपने मन में राजेश को सौ सौ दुआएं दे ही रही थे कि राजेश बोलता है "तुमने नहाया?" नैना ने न में सिर हिलाया तो राजेश मुस्कुराते हुए "जाओ मेरे बाथरूम में जाके नहा लो। और अब से तुम मेरा ही बाथरूम use करना बाहर वाले में दरवाजा नहीं है ना इसलिए" नैना खुश होते हुए "जी सर"। फिर नैना अपने लिए एक गुलाबी टीशर्ट और ब्लैक ट्राउज़र लेके राजेश के बाथरूम में घुस गई। बाथरूम में घुसते के साथ उससे एक झटका लगा कि जो कपड़े उसने बाजार जाने से पहले खोले थे वो वहां नहीं थे। नैना ने बाथरूम के हर कोने में देखा मगर इससे उसके कपड़े भी मिले। उसने ज्यादा न सोचते हुए सबसे पहले अपने टाइट टीशर्ट खोली जिससे उससे काफी आराम मिला। अब बारी थी जींस की। जींस खोलते जैसे ही उसकी नजर अपनी चूत पे गई तो उससे लगा जैसे फिर से उसका पेशाब निकल गया। उसने पहले अपनी चूत को खुजाया और फिर पेशाब करने बैठ गई। उससे ऐसा करते 4 आंखे देख रही थी। पेशाब करके उठने के बाद ब्रा खोलने के लिए जैसे ही उसने अपनी हाथ पीछे की तो उसने सोचा उसका पूरा नंगा होकर किसी दूसरे के बाथरूम में नहाना ठीक नहीं। इसलिए उसने अपनी ब्रा नहीं खोली और नहाने लगी। नहाने के बाद जब खुद को पोछने की बारी आई तो उससे याद आया कि तोलिया तो उसने लिया ही नहीं। नैना ने अभी खोले व्हाइट टीशर्ट से ही खुद को पूछा मगर अभी भी उसके शरीर पे पानी की काफी बूंदे मौजूद थी। फिर उसने अपनी ब्रा खोली और उससे पानी से धो कर वही कोने में रख दिया। इस समय नैना बाथरूम के अंदर पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। जिससे देख राजेश और उमेश से रहा नहीं गया और दोनों फिर से मुठ्ठी मारने लगे। ब्रा धोने के बाद नैना को याद आया कि उसके पास तो एक्स्ट्रा ब्रा और पेंटी है ही नहीं अब वो क्या करेगी। जब से नैना ने ब्रा पेंटी पहना शुरू किया था। वो रोज ब्रा पेंटी पहनती थी। अब उससे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि क्यों उसने ब्रा पहन कर नहाया। अब कैसे को बिना ब्रा और पेंटी के बाहर जाएगी। वो मन ही मन खुद को कोसे जा रही थी। खैर उसने कपड़े पहना शुरू किया पहले उसने ट्राउज़र पहना जो उससे काफी टाइट हो रहा था। ट्राउज़र उसके शरीर से पूरी तरह चिपक चुका था। खास कर नैना की जांघ, गान्ड और चूत के पास। नैना की चूत की लकीर ट्राउज़र के ऊपर से साफ दिख रही थी। अब बारी थी टीशर्ट की चूंकि अमित ने सभी कपड़े नैना के साइज से छोटे दिए थे इसलिए नैना को टीशर्ट पहने में भी काफी तकलीफ हुई। टीशर्ट डीपकट थी जिससे नैना की चूचियों के बीच की घाटी साफ साफ दिख रही थी। यही नहीं गोली के असर के कारण उसके निप्पल अभी तक खड़े थे और गिला बदन और ब्रा नहीं पहने होने के कारण उसके निप्पल पिंक टीशर्ट से साफ देखे जा सकते है। नैना को समझ में नहीं आ रहा था कि वो अब कैसे बाहर जाए। बाहर राजेश और उमेश नैना को परेशान देख खुश हो रहे थे। तभी राजेश कड़क आवाज में नैना से "पूरा दिन नहाती ही रहेगी क्या?" नैना समझ चुकी थी कि अब वो ज्यादा देर अंदर बाथरूम में नहीं रह सकती। अब उससे बाहर जाना ही पड़ेगा। जहां दो गिद्ध नजरे गड़ाएं उसका इंतजार कर रहे थे। काफी हिम्मत जुटा के नैना ने बाथरूम का दरवाजा खोला और बाहर कदम रखा। नैना एक हाथ अपनी दोनों चूचियों पर और दूसरी हाथ अपनी चूत के ऊपर रख बाहर आई। उससे ऐसा खुद को छुपाता देख राजेश ने "क्या हुआ हाथ ऐसे क्यों रखा है। नीचे करो दोनों हाथ" नैना ने बेमन से अपने दोनों हाथ नीचे किए वो कुछ बोल कर खुद को और शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी। अब उमेश और राजेश के सामने नैना की कुंवारी चूत की लकीर और निप्पल आ गए। जिससे देख उमेश राजेश के कान में "इसके चूचों से दूध न निकाला तो मैं भी एक बाप की औलाद नहीं" राजेश बस मुस्कुराकर रह गया। फिर उसने नैना से बोलो "खाना आ गया है खा लो" इस बार भी राजेश ने खाने में उत्तेजना बढ़ने वाली गोली मिला दी थी। नैना खाना लेके अपने कमरे में जाने लगी तो राजेश ने उसे रोकते हुए कहा "कहा जा रही हो यही नीचे बैठ के खा लो।" नैना को नीचे बैठने से कोई परहेज नहीं था बल्कि वो नहीं चाहती कि राजेश और उमेश उससे इस अर्धनग्न अवस्था में देखे। मगर राजेश का हुकुम मान कर वो वही नीचे बैठ के खाना खाने लगी। राजेश ने जान बुझाकर कर नैना को अपने केबिन में नीचे बैठकें खाना खाने को कहा था क्योंकि वो नैना की चूचियों को घाटी को जो भर के देखना चाहता था। इस बार फिर नैना को सब्जी का टेस्ट अलग लगा मगर फिर भी उसने खाना पूरा खत्म किया और हाथ धोकर अपने कमरे में जाने लगी। राजेश "कहा महारानी कुछ काम भी कर लीजिए" नैना जानती थी जितना देर वो वहां रहेगी राजेश और उमेश उससे ही हवस भरी नजरों से देखते रहेंगे। फिर भी मन मर कर नैना "जी सर बोलिए क्या करना है" राजेश "यहां नीचे बैठो और इस फाइल को चेक करो और अगर कुछ नहीं समझ में आए तो उमेश यही बैठा है उससे पूछ लेना" मजबूरन नैना को फिर से वही नीचे बैठने पड़ा। अब तक गोली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। नैना की चूत पानी छोड़ने लगी। नैना को बड़ा अजीब लग रहा था कि कैसे बार बार उसका पेशाब ऐसे ही निकल रहा है।
शेष अगले भाग में, आपको ये update कैसा लगा?