Update 1
आज Naina पहले बार अपने माता पिता और अपने छोटे भाई अनिल के बिना कही जा रही है। साफ शब्दों में कहे तो आज Naina पुलिस में सिपाही(constable) के तौर पर शामिल होने अपने घर से लगभग 200 KM दूर एक छोटे से गांव में जा रही है। और सबसे मजेदार बात ये है कि वो Naina जिनसे आज तक पुलिस के कभी दर्शन नहीं किए वो आज खुद उनमें से एक बने जा रही है। Naina बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थी यही कारण था कि उसने पहली बार में ही 19 साल की ही उम्र में पुलिस की नौकरी निकल ली। Naina पढ़ाई में जितनी तेज थी उतनी ही कच्ची दुनियादारी में थी। उससे सेक्स के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं था। खैर, काफी भावुक होकर Naina ने अपने परिवार से विदा लिया और निकल पड़ी एक अनजाने सफर की ओर जहां उससे खुद नहीं पता था कि उसके साथ क्या क्या होने वाला है।
करीब शाम 5 बजे Naina अपने गंतव्य स्थान पर पाऊंगी। Naina कोई अपसर तो थी नहीं जो उससे लेने कोई रेलवे स्टेशन आता। उससे तो ये भी नहीं पता था कि आगे उससे किस तरह जाना है। वो सोच ही रही थी कि वो किधर जाए कि तभी एक चोर उसका इकलौता बैग ले के नौ दो ग्यारह हो जाता है। Naina उस चोर के पीछे भागी मगर चोर तो ऐसे गायब हो गया जैसे गधे से सिर से सींग। वैसे Naina ने अपने साथ कुछ कपड़ों और खानों के अलावा कुछ नहीं लगा था। मगर एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की के लिए वो भी काफी कीमती होते है। Naina को एक और बात सताए जा रही थी कि अब उसका क्या होगा खाना का तो वो कही से भी जुगार कर लेगी मगर कपड़ों का क्या। ऐसा नहीं था कि Naina के पास पैसे नहीं थे। मगर आज तक Naina के लिए कपड़े लेने उसकी मां ही जाती थी यही तक कि उसकी ब्रा और पेंटी भी उसकी मां ही लती थी। Naina को तो ये भी नहीं पता था कि वो किस साइज की ब्रा और पेंटी पहनती है या यू कहे उसने जाने की कभी कोशिश भी नहीं की। Naina को परेशान देख कर वहां मौजूर लोगों ने उससे पुलिस स्टेशन जाने की हिदायत ही। पुलिस स्टेशन का नाम सुनते ही Naina को याद आया कि उससे तो पुलिस स्टेशन ही जाना है। उसने एक रिक्शा किया और करीब 10 मिनट में वो पुलिस स्टेशन के ठीक सामने खड़ी थी। इस बात से अंजान की यही पुलिस स्टेशन उसके जीवन को पूरी तरह बदलके रख देगा। छोटे छोटे कदमों के साथ Naina अंदर गया जहां उससे आगे में एक 45 साल का काला और मोटा हवलदार (उमेश) दिखा। Naina को देख कर पहले तो उमेश में उससे ऊपर से नीचे तक स्कैन किया। उमेश के ऐसा करने से Naina असहज होने लगी क्योंकि ये उसके लिए नया था। क्योंकि नैना को ऐसी नजरों की आदत नहीं थी। फिर उमेश ने पूछ " क्या हुआ "
पहले तो Naina घबराई मगर थोड़ी हिम्मत जुटा कर उसने कहा " मे.....मेरा बैग चोरी "
Naina की बात खत्म होने पहले ही उमेश कहने लगा कि " नहीं मिलेगा बैग अब जा घर"
Naina हैरान सी रह गई। फिर उमेश ने Naina से दुबारा कहा " जा घर नहीं तो यही हवालात में बंद कर दूंगा "। Naina जाने लगी तभी वो रुकी और धीमी आवाज में कहा " जी वो...वो मे...मै यहां अपनी पुलिस की नौकरी भी ज्वाइन करने आई हु"
Naina की बात सुन कर उमेश हंसने लगा और बोलो "तू चुहिया पुलिस में कैसे आ गई" नैना को उमेश की बात का बुरा तो लगा मगर उसने कुछ नहीं कहा।
आगे बढ़ने के पहले पुलिस स्टेशन के किरदार से आपका परिचय कराना जरूरी है–
राजेश – 43 साल का सबइंस्पेक्टर। बहुत बड़ा हरामी। चूत के लिए अपने बाप को बेच दे। शादीशुदा और दो बेटो का बाप।
संजय– 30 साल का हवलदार। इसकी नई नई शादी हुई है।
उमेश– इसके बारे में तो आप जान ही चुके है।
रुचि– 57 साल की बुढ़िया। एक नंबर कामचोर।
नैना– कहानी की हीरोइन
इनमें से संजय और रुचि की नाइट शिफ्ट है और नैना और उमेश की ड्यूटी डे शिफ्ट होगी।
उमेश नैना को लेके राजेश के केबिन में दाखिल होता है। जिससे देख कर राजेश उमेश से "अरे BC ये कच्ची कली तुझे कहा से मिल गई" उमेश भी आवेश में आकर "सर अब ये कच्ची कली हमारी साथ हीं काम करेगी" ये बात सुन कर नैना और राजेश दोनों हैरान हो जाते है। मगर दोनों के हैरान होने के कारण अगल अलग थे। राजेश नैना से "ए लड़की क्या नाम है तेरा अपने बारे में बता" नैना को राजेश का ऐसा बोलना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा मगर वो बेचारी कर भी क्या सकती थी। राजेश उसका सीनियर जो ठहरा।
नैना धीमी स्वर में " जी मेरा नाम नैना रजक है और मैं xxx गांव की रहने वाली हूं"
राजेश "कितनों उमर हो गई तेरी"
नैना को राजेश के सवाल तीर की तरह चुभ रहे थे मगर फिर भी नैना " अगले मेहने की दो तारीख को 19 साल की हो जाऊंगी"
उसके बाद राजेश कुछ नहीं बोला बल्कि नैना को घूरता रहा।
लगभग 10 मिनट में राजेश और उमेश दोनों न जाने कितनी बार नैना को आंखों से नंगा कर दिया था। नैना चुप चाप अपनी जगह पे खरी रही और चुप्पी तोड़ते हुए बोली "सर वो मेरा बैग चोरी हो गया"
राजेश ने भी वही जवाब दिया जो उमेश ने दिया था " नहीं मिलेगा बैग"
नैना "सर उसमें मेरे कपड़े और वर्दी थी"
राजेश कुटिल मुस्कान के साथ "कोई बात नहीं कल मेरे साथ चलना मै दिल दूंगा"
नैना फिर कुछ नहीं बोल सकी। और राजेश के केबिन से जाने लगी।
राजेश "कहा जा रही हो"
नैना "पता नहीं"
राजेश "तुमने रहने का कुछ इंतजाम किया है?"
नैना ने न में सर हिलाया।
राजेश कुछ सोचते हुए " उमेश नैना को वो पीछे वाला कमरा दे दो रहने के लिए"
पुलिस स्टेशन में टोटल 2 कमरे, एक जेल, एक हॉल और एक बाथरूम(जिसमें दरवाजा नहीं था) था जिसमें से एक कमरा राजेश का केबिन इसमें एक अटैच बाथरूम भी था और दूसरा कमरा जो नैना को देने की बात हो रही थी। वो कमरा नहीं बल्कि पुलिस स्टेशन के कागजातों को रखने का स्थान था।
शेष अगले भाग में, आपको ये update कैसा लगा?