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Adultery वर्दीवाली की वर्दी उतर गई।

Playboy_raj

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Introduction

Naina Rajak:- इस कहानी की नायिका/हीरोइन का नाम Naina Rajak है जिससे अभी जवान हुए 1साल भी नहीं हुआ है मतलब हमारी हीरोइन 19 साल की एक पतली दुबली लड़की थी, ये यूं कहे कि अब एक औरत बन चुकी है। Naina बिहार राज्य के एक छोटे से गांव के निम्न माध्यम वर्ग से है। मगर उसने अपनी काबिलियत के दम पर पुलिस की नौकरी हासिल कर खुद को और अपने परिवार को गरीबी की गिरफ्त से आजाद करवाया। Naina का सफर काफी रोमांच से भरा है जिसे हम आगे आपने वाले भागों में विस्तार से जानेंगे।

नोट: ये कहानी समाज के नियमों के विरुद्ध है और यह एक कल्पना कहानी है जिसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है। ये एक लंबी कहानी है इस लिए मुझे उम्मीद है कि आप कहानी खत्म होने तक मेरा साथ देंगे। दोस्तों ये मेरी पहली कहानी होनी वाली है तो अगर लिखने के दौरान मुझसे कुछ गलती हो जाए तो मुझे माफ करना। धन्यवाद
 
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Playboy_raj

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Update 1
आज Naina पहले बार अपने माता पिता और अपने छोटे भाई अनिल के बिना कही जा रही है। साफ शब्दों में कहे तो आज Naina पुलिस में सिपाही(constable) के तौर पर शामिल होने अपने घर से लगभग 200 KM दूर एक छोटे से गांव में जा रही है। और सबसे मजेदार बात ये है कि वो Naina जिनसे आज तक पुलिस के कभी दर्शन नहीं किए वो आज खुद उनमें से एक बने जा रही है। Naina बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थी यही कारण था कि उसने पहली बार में ही 19 साल की ही उम्र में पुलिस की नौकरी निकल ली। Naina पढ़ाई में जितनी तेज थी उतनी ही कच्ची दुनियादारी में थी। उससे सेक्स के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं था। खैर, काफी भावुक होकर Naina ने अपने परिवार से विदा लिया और निकल पड़ी एक अनजाने सफर की ओर जहां उससे खुद नहीं पता था कि उसके साथ क्या क्या होने वाला है।
करीब शाम 5 बजे Naina अपने गंतव्य स्थान पर पाऊंगी। Naina कोई अपसर तो थी नहीं जो उससे लेने कोई रेलवे स्टेशन आता। उससे तो ये भी नहीं पता था कि आगे उससे किस तरह जाना है। वो सोच ही रही थी कि वो किधर जाए कि तभी एक चोर उसका इकलौता बैग ले के नौ दो ग्यारह हो जाता है। Naina उस चोर के पीछे भागी मगर चोर तो ऐसे गायब हो गया जैसे गधे से सिर से सींग। वैसे Naina ने अपने साथ कुछ कपड़ों और खानों के अलावा कुछ नहीं लगा था। मगर एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की के लिए वो भी काफी कीमती होते है। Naina को एक और बात सताए जा रही थी कि अब उसका क्या होगा खाना का तो वो कही से भी जुगार कर लेगी मगर कपड़ों का क्या। ऐसा नहीं था कि Naina के पास पैसे नहीं थे। मगर आज तक Naina के लिए कपड़े लेने उसकी मां ही जाती थी यही तक कि उसकी ब्रा और पेंटी भी उसकी मां ही लती थी। Naina को तो ये भी नहीं पता था कि वो किस साइज की ब्रा और पेंटी पहनती है या यू कहे उसने जाने की कभी कोशिश भी नहीं की। Naina को परेशान देख कर वहां मौजूर लोगों ने उससे पुलिस स्टेशन जाने की हिदायत ही। पुलिस स्टेशन का नाम सुनते ही Naina को याद आया कि उससे तो पुलिस स्टेशन ही जाना है। उसने एक रिक्शा किया और करीब 10 मिनट में वो पुलिस स्टेशन के ठीक सामने खड़ी थी। इस बात से अंजान की यही पुलिस स्टेशन उसके जीवन को पूरी तरह बदलके रख देगा। छोटे छोटे कदमों के साथ Naina अंदर गया जहां उससे आगे में एक 45 साल का काला और मोटा हवलदार (उमेश) दिखा। Naina को देख कर पहले तो उमेश में उससे ऊपर से नीचे तक स्कैन किया। उमेश के ऐसा करने से Naina असहज होने लगी क्योंकि ये उसके लिए नया था। क्योंकि नैना को ऐसी नजरों की आदत नहीं थी। फिर उमेश ने पूछ " क्या हुआ "
पहले तो Naina घबराई मगर थोड़ी हिम्मत जुटा कर उसने कहा " मे.....मेरा बैग चोरी "
Naina की बात खत्म होने पहले ही उमेश कहने लगा कि " नहीं मिलेगा बैग अब जा घर"
Naina हैरान सी रह गई। फिर उमेश ने Naina से दुबारा कहा " जा घर नहीं तो यही हवालात में बंद कर दूंगा "। Naina जाने लगी तभी वो रुकी और धीमी आवाज में कहा " जी वो...वो मे...मै यहां अपनी पुलिस की नौकरी भी ज्वाइन करने आई हु"
Naina की बात सुन कर उमेश हंसने लगा और बोलो "तू चुहिया पुलिस में कैसे आ गई" नैना को उमेश की बात का बुरा तो लगा मगर उसने कुछ नहीं कहा।
आगे बढ़ने के पहले पुलिस स्टेशन के किरदार से आपका परिचय कराना जरूरी है–

राजेश – 43 साल का सबइंस्पेक्टर। बहुत बड़ा हरामी। चूत के लिए अपने बाप को बेच दे। शादीशुदा और दो बेटो का बाप।

संजय– 30 साल का हवलदार। इसकी नई नई शादी हुई है।

उमेश– इसके बारे में तो आप जान ही चुके है।

रुचि– 57 साल की बुढ़िया। एक नंबर कामचोर।

नैना– कहानी की हीरोइन

इनमें से संजय और रुचि की नाइट शिफ्ट है और नैना और उमेश की ड्यूटी डे शिफ्ट होगी।

उमेश नैना को लेके राजेश के केबिन में दाखिल होता है। जिससे देख कर राजेश उमेश से "अरे BC ये कच्ची कली तुझे कहा से मिल गई" उमेश भी आवेश में आकर "सर अब ये कच्ची कली हमारी साथ हीं काम करेगी" ये बात सुन कर नैना और राजेश दोनों हैरान हो जाते है। मगर दोनों के हैरान होने के कारण अगल अलग थे। राजेश नैना से "ए लड़की क्या नाम है तेरा अपने बारे में बता" नैना को राजेश का ऐसा बोलना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा मगर वो बेचारी कर भी क्या सकती थी। राजेश उसका सीनियर जो ठहरा।
नैना धीमी स्वर में " जी मेरा नाम नैना रजक है और मैं xxx गांव की रहने वाली हूं"
राजेश "कितनों उमर हो गई तेरी"
नैना को राजेश के सवाल तीर की तरह चुभ रहे थे मगर फिर भी नैना " अगले मेहने की दो तारीख को 19 साल की हो जाऊंगी"
उसके बाद राजेश कुछ नहीं बोला बल्कि नैना को घूरता रहा।
लगभग 10 मिनट में राजेश और उमेश दोनों न जाने कितनी बार नैना को आंखों से नंगा कर दिया था। नैना चुप चाप अपनी जगह पे खरी रही और चुप्पी तोड़ते हुए बोली "सर वो मेरा बैग चोरी हो गया"
राजेश ने भी वही जवाब दिया जो उमेश ने दिया था " नहीं मिलेगा बैग"
नैना "सर उसमें मेरे कपड़े और वर्दी थी"
राजेश कुटिल मुस्कान के साथ "कोई बात नहीं कल मेरे साथ चलना मै दिल दूंगा"
नैना फिर कुछ नहीं बोल सकी। और राजेश के केबिन से जाने लगी।
राजेश "कहा जा रही हो"
नैना "पता नहीं"
राजेश "तुमने रहने का कुछ इंतजाम किया है?"
नैना ने न में सर हिलाया।
राजेश कुछ सोचते हुए " उमेश नैना को वो पीछे वाला कमरा दे दो रहने के लिए"
पुलिस स्टेशन में टोटल 2 कमरे, एक जेल, एक हॉल और एक बाथरूम(जिसमें दरवाजा नहीं था) था जिसमें से एक कमरा राजेश का केबिन इसमें एक अटैच बाथरूम भी था और दूसरा कमरा जो नैना को देने की बात हो रही थी। वो कमरा नहीं बल्कि पुलिस स्टेशन के कागजातों को रखने का स्थान था।


शेष अगले भाग में, आपको ये update कैसा लगा?
 
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Playboy_raj

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Update 2

उमेश नैना को लेके पीछे वाले रूम में आ गया।
कमरे में चारों तरफ लकड़ी के अलमारी रखे हुए थे जिसमें कानूनी दस्तावेज धूल खा रहे थे।
कमरे की हालत देख एक बार को तो नैना को बोलने का मन किया कि इससे अच्छा तो वो जेल में सो जाएगी मगर अपनी किस्मत को कोसते हुए उसने उमेश से कुछ नहीं कहा।
इस वक्त नैना ने सलवार सूट और दुपट्टा पहन रखा था। जो कि सफर की वजह से गंदे हो चुके थे मगर अब उसके पास कुछ पहने को भी तो नहीं था। बेचारी को भूख और पेशाब दोनों लगी थी वो भी जोर की। भूख को तो वो किसी तरह सहन कर लेती मगर उसके लिए पेशाब सहन करना मुश्किल होता जा रहा था। नैना ने काफी सोचने के बाद उमेश से "बाथरूम कहा है"
उमेश ने न सुनना का नाटक करते हुए कहा "तुमने कुछ कहा क्या?" नैना ने उमेश को उसके कमीनापन के लिए मन में गालियां दिया और फिर पूछा "बाथरूम कहा है" उमेश मुस्कुराते हुए "मेरे पीछे आओ" नैना उसके पीछे चलते चलते पुलिस स्टेशन के बाथरूम के पास आई जिसे देखकर नैना परेशान होने लगी कि कैसे वो उमेश जैसे कमाने के सामने इस बाथरूम में जाएगी, जिसमें दरवाजा भी नहीं है। उमेश बेशरम की तरह वही खड़ा रहा और नैना को देखकर मुस्कुराता रहा। नैना कुछ बोलती उससे पहले राजेश ने अपने केबिन से आवाज देते हुए उमेश को बुला लिया। उमेश मन ही मन राजेश को गलिया देते हुए उसके केबिन में गया। इस मौके का फायदा उठा कर नैना जल्दी से बाथरूम में घुसी और अपने सलवार का नारा ढीला कर सलवार को पेंटी सहित नीचे कर पेशाब करने लगी। पेशाब करते वक्त नैना की आंखे प्रेशर रिलीज होने के आनंद से खुद ब खुद बंद हो गई। नैना इस बात से बेखबर पेशाब करती रही कि उमेश नैना की झांटों से भरी चूत देख रहा है। पेशाब करने के बाद नैना जल्दी से उठी और पहले अपनी काले रंग की पेंटी को कमर तक चढ़ा कर अपनी अनछुई चूत को ढका फिर सलवार का नारा बांधने लगी। उमेश वहां से हट गया और थाने से बाहर चला गया वो लाने जो राजेश ने उससे लाने कहा था। नैना सलवार बांध कर अपने कमरे में आ गई भूख तो उससे लगी थी मगर उसने भूखे ही सोने का फैसला किया और अपनी दुपट्टा को जमीन पर बिछा कर उसपर लेट गई। सफर की थकान के कारण कब उससे नींद आई पता ही नहीं चला।
सुबह जब आंख खुली तो उसने देखा कि अभी ठीक से सवेरा भी नहीं हुआ है। कमरे के बाहर निकल के देखा तो हॉल में रुचि और संजय खाखी में घोड़े बेच कर सो रहे है। नैना ने राजेश के केबिन में भी झांका मगर उससे राजेश वहां नहीं दिखा मतलब राजेश और उमेश अपने अपने घर जा चुके थे। इस बात का फायदा उठा कर नैना फ्रेश होने बाथरूम चली गई। चूंकि नैना के पास कपड़े नहीं थे इसलिए उसने नहाया नहीं और दुबारा अपने कमरे में जाके सो गई।
सुबह 9 बजे के करीब उमेश नैना के कमरे में उससे जगाने आया। सोने के दौरान नैना के कपड़े अस्त व्यस्त हो गए। उसकी सूट उसकी कोरी गान्ड से हट चुकी थी और सलवार में कसी गान्ड उमेश को न्योता दे रही थी कि आओ और मुझे फाड़ दो। उमेश उत्तेजित होने लगा और अपना 6" का लौड़ा निकल कर मुठ्ठी मारने लगा। उमेश नैना के नाम की मुठ्ठी मर ही रहा था कि राजेश वहां आ गया। राजेश को देखकर उमेश ने कुटिल मुस्कान के साथ नैना की गान्ड की तरफ इशारा किया। जिससे देख राजेश भी अपने आप को रोक नहीं पाया और अपना 8" का लौड़ा निकल कर हिलाने लगा। यहां आपको बता दे कि राजेश और उमेश ने कई सारी चूत एक साथ मारी थी। इसलिए दोनों में से किसी को अपना लन्ड एक दूसरे को दिखाने में कोई परहेज नहीं था। राजेश " क्या गरम लौंडिया है इसकी लेने में तो मजा आ जाएगा" उमेश "सर इस कुतीया की गान्ड पहले मैं मारूंगी"
राजेश "मर लेना मादरचो*"
वो दोनों तब तक मुठ्ठी मरते रहे जब तक उनके लौड़े ने जहर नहीं उगल दिया। फिर राजेश उमेश से " इससे जल्दी से मेरे केबिन में लेके आ" कह कर अपने केबिन में चला गया। उमेश ने भी अपने लौड़े को पेंट के अंदर डाला और नैना की कमर पकड़ के हिलाते हुए "उठ ये तेरे बाप का घर नहीं" नैना हड़बड़ा के उठ गई। नैना को उमेश द्वारा उसकी कमर छुने पे गुस्सा तो आया मगर एक बार फिर वो चुप रही। उमेश "चल तुझे सर बुला रहे है" नैना बिना कुछ बोले उमेश के पीछे पीछे राजेश के केबिन में पहुंच गई।
उमेश और नैना को देख कर राजेश नैना से "तुमने कुछ खाया? " नैना ने न में सिर हिलाया। राजेश उमेश से "इसके लिए कुछ खाने को लाओ" और उमेश को आंख मर दिया जैसे कुछ इशारा कर रहा हो। उमेश राजेश का इशारा समझ कर नैना के लिए खाना लेने चला गया। थोड़ी देर बाद उमेश ने 2 रोटी और सब्जी लाकर नैना को दी। नैना खाना लेके अपने कमरे में गई और खाने लगी। मगर नैना को सब्जी का टेस्ट कुछ अलग लग रहा था। दरअसल राजेश ने नैना के खाने में उत्तेजना बढ़ने वाली गोली मिलवा दी थी। खाना खाते खाते नैना का शरीर गरम होने लगा उससे अपनी चूत में बहुत ज्यादा खुजली होने लगी। खैर खाना खत्म करने बाद वो फिर से राजेश के केबिन में चली गई जहां राजेश नैना की तरफ एक पैकेट बढ़ते हुए " तुम्हारे कपड़े गंदे हो गए है। इसमें कुछ कपड़े है जाके पहन लो फिर हम तुम्हारे लिए कपड़े लेने जाएंगे" पहले तो नैना ने कपड़े बदलने से मना किया मगर राजेश कड़क आवाज में "इस तरह गंदे कपड़ों में बाहर जाएगी?" नैना को भी राजेश की बात ठीक लगी और वो राजेश के हाथ से पैकेट लेके वापस अपने कमरे में जाने लगी। राजेश नैना को रोकते हुए वहां कहा जा रही है यही मेरे बाथरूम में जाके बदल ले। नैना फिर से राजेश से डांट नहीं खाना चाहती थी इसलिए बिना कुछ बोले को राजेश के बाथरूम में चली गई। अंदर आ कर नैना ने देखा कि ये बाथरूम थाने के दूसरे बाथरूम से बिल्कुल उलट है। इस बाथरूम में एक बड़ा सा आईना भी लगा था। मगर नैना को इस बात का पता नहीं थी कि आईने के पीछे से कोई उससे देख सकता है। जी हां दोस्तो ये टू साइडेड आईना था।


शेष अगले भाग में, आपको ये update
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Playboy_raj

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Update 3

नैना ने दरवाजा बंद कर पैकेट खोला तो उसमें एक व्हाइट टीशर्ट और एक जींस था। गोली ने अपना काम जारी रखा जिसका परिणाम ये हुआ कि नैना की पेंटी उसके चूत रस से गीली हो गई। नैना ने पहले अपनी सूट को खोल। सूट खोलते ही नैना के छोटे छोटे अमरूद उसकी काली ब्रा में आईने के दूसरी तरफ खड़े राजेश और उमेश को दिखने लगी। राजेश उमेश से धीरी आवाज में "इसके संतरों को तरबूज नहीं बनाया तो मेरा नाम राजेश नहीं" मगर ये मनमोहक दृश्य ज्यादा देर तक राजेश और उमेश के लिए आंखों के सामने नहीं रहा। नैना जल्दी से टीशर्ट पहनने लगी। मगर ये क्या टीशर्ट तो नैना से हिसाब से छोटी निकली। नैना को टीशर्ट पहनने में काफी परेशानी हुई। मगर किसी तरफ नैना ने टीशर्ट पहन लिया। अब बारी थी जींस की। जींस भी नैना की हिसाब से छोटी थी। राजेश ने जान बुझाकर नैना के कपड़े उसकी साइज से छोटे मांगे थे। नैना ने जैसे ही अपना सलवार खोल तो अपनी पेंटी को देख उसकी आंखे शर्म से लाल हो गई। उससे लग रहा था कि उसकी पेंटी उसके पेशाब से गीली हुई मगर उसे क्या पता ये उसकी चूत का अमृत था जिसी राजेश और उमेश प्यासी नजरों से देख रहे थे। नैना बिना पेंटी उतरे जींस पहनने की कोशिश करने लगी मगर जींस उसकी जांघों से ऊपर जा ही नहीं रहा था। तभी राजेश ने बाहर से आवाज देते हुए "नैना और कितनी देर जल्दी करो" नैना राजेश की कड़क आवाज सुन कर डर गई और अपनी जींस को फिर से अपनी कमर पे चढ़ाने का प्रयास करने लगी। इस बार भी उससे निराशा ही हाथ लगी। अंत में उनके फैसला किया कि वो पेंटी के बिना जींस पहनेगी क्योंकि वैसे भी उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी जिससे उसे चलने में परेशानी होती। नैना ने पहले जींस खोला और फिर अपनी पेंटी। नैना ने अपनी गीली पेंटी वही कोने में रख दी। राजेश और उमेश नैना की झांटों से भरी चूत देखकर काफी ज्यादा उत्तेजित होने लगे और फिर से अपना लन्ड निकल कर हिलाने लगे। नैना की चूत रस बहाए जा रही थी। उसकी कुंवारी चूत पे खुजली बढ़ती जा रही थी। उसने कुछ देर अपनी चूत को खुजाया तो उससे मजा आने लगा। नैना ने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी और न ही उसकी चूत ने आज से पहले कभी चूतरस छोड़ा था। अपने हाथों को रोक कर नैना ने फिर से जींस पहने का प्रयास किया इस बार भी जींस उसके जांघों पे आके अटक गई। मगर काफी कोशिशों के बाद उसने जींस को अपनी कमर पे चढ़ा ही लिया। मगर जींस का बटन लगाने में वो अब भी असमर्थ थी। जींस कमर पे चढ़ाने के साथ ही राजेश और उमेश ने अपना अपना माल छोड़ दिया और वापस अपनी जगह पे चले गए। टाइट व्हाइट टीशर्ट और ब्लू जींस में नैना के शरीर के सभी उभार साफ साफ दिख रहे थे। नैना बाथरूम से निकल कर राजेश के सामने जाकर खड़ी हो गई। अब तक उमेश राजेश के केबिन से बाहर जा चुका था। राजेश "चलो तुम्हारे लिए कुछ कपड़े ले लेते है और तुम्हारी वर्दी भी तो सिलवानी है" नैना बस "जी" बोलकर चुप हो गई। राजेश और नैना दोनों केबिन से बाहर आई और राजेश उमेश से बोला "हम बाजार जा रहे है थाने का ध्यान रखना"। राजेश ने अपनी बाइक निकाली और नैना को बैठा कर चल दिया। पुलिस स्टेशन से बाजार 10 KM दूर था। रास्ते में राजेश बार बार ब्रेक मर रहा था ताकि वो नैना के अमरूद को अपनी पीठ पर महसूस कर सके। करीब आधे घंटे में दोनों मार्केट पहुंच। नैना के चूचियों के घर्षण से राजेश का लन्ड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था जिसे उसने नैना से छुपाना का प्रयास भी नहीं किया। सबसे पहले राजेश नैना को एक दर्जी के यहां ले गया। राजेश दर्जी(श्याम) से "इनके लिए वर्दी सिलवानी है" कहते हुए नैना की तरफ इशारा किया। श्याम भी कम हरामी नहीं था। नैना को टाइट कपड़ों में देख कर श्याम उत्तेजित होने लगा। श्याम नैना से "इधर आईए" नैना किसी रोबोट की तरह उसकी बात सुन उसके पास चली गई। श्याम "अपनी हाथ ऊपर करो" नैना ने वैसा ही किया। श्याम नैना के माप लेने लगा या यू कहे कि नैना माप लेने के बहाने उसके शरीर को छुने लगा। नाप लेने के बहाने उसने जान बुझाकर नैना के चूचियों को मसल दिया। नैना तो चुप रही मगर नैना नैना की चूत बोल पड़ी और रस छोड़ने लगी। इसी तरह नैना के शरीर से खेल कर श्याम ने नैना का पूरा नाप लिया। राजेश ये सब देख के काफी उत्तेजित हो चुका था। मगर सुबह से उसने वैसे भी दो बार मुट्ठी मर ली थी इसलिए अब वो मुट्ठी नहीं मारना चाहता था। श्याम राजेश से "कल आकर ले जाना बाबासाहेब" राजेश नैना से "तुम बढ़ो मैं आता हु"। राजेश की बात सुन नैना श्याम की दुकान से बाहर चली गई जबकि राजेश और श्याम अभी भी दुकान में ही थे। राजेश श्याम की और 500 का एक नोट बढ़ते हुए " कपड़े थोड़े तंज ही सीना" श्याम मुस्कुराके 500 का नोट अपने पास रखते हुए "जरूर बाबासाहेब"। फिर राजेश दुकान के बाहर आया और नैना को लेके एक कपड़े की दुकान में चला गया। दुकानदार(अमित)राजेश का दोस्त था। राजेश ने अमित को आंख मारते हुए कहा कि "इसके लिए कुछ कपड़े दिखाओ"। राजेश का इशारा समझ कर अमित ने नैना से " मैडम आपका साइज क्या है?" नैना अमित के सवाल से हड़बड़ा सी गई। क्योंकि आज तक किसीने उससे इसे सामने से उसका साइज नहीं पूछा था। हां ये अगल बात है कि उसे अपना साइज नहीं पता था। नैना चुप रही। राजेश कड़क आवाज में "बताओ अपना साइज" राजेश की आवाज से नैना डर गई और धीरे से बोला "म...मु...मुझे नहीं पता" तभी अमित बोलता है "फिर तो मुझे पहले आपका नाप लेना होगा"। नैना अब तक जन चुकी थी कि नाप लेने के बहाने अमित उसके शरीर को रगड़ना चाह रहा है। नैना कुछ बोलती उससे पहले ही राजेश बोल पड़ा " हां हां लो नाप" नैना ने गुस्से से राजेश की तरफ देखा मगर राजेश का चेहरा देख वो कुछ बोल नहीं पाई। अमित नाप लेने के लिए नैना के पास आया और उसने भी नैना को उसके हाथ उठाने को कहा। और नाप लेने के बहाने 10 मिनट तक नैना के शरीर को रगड़ता रहा। इस बार भी नैना की चूत रो पड़ी और नैना की जींस को गिला करने लगी। नाप लेने के बाद अमित
नैना को एक से बढ़कर एक कपड़े दिखने लगा। मगर सब के सब मॉडर्न कपड़े थे। ऐसा लग रहा था कि जाए ये कपड़े छापने के लिए नहीं बल्कि दिखने के लिए बने हो। जिससे नैना ने शायद ही कभी देखा हो। नैना ने वैसे कपड़े लेने से मना कर दिया। मगर राजेश ने नैना को कारक शब्दों में हिदायत दी कि "जल्दी से इन्हीं में से कपड़े पसंद करो नहीं तो चलो" नैना डर है कही राजेश उससे कपड़े दिलाए बिना ही नहीं चल जाए। इसलिए उसने 3 लॉकेट टीशर्ट और 2 जींस और 2 ट्राउज़र लिया। कपड़े दिखने वक्त अमित ने नैना को नैना के साइज के ही कपड़े दिखाए। मगर जब वो कपड़ों को पैक करने लगा तो उसने सभी कपड़ों को उनके जैसे ही 2" छोटे कपड़ों से बदल दिया।



शेष अगले भाग में, आपको ये update कैसा लगा?
 
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sunoanuj

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नई कहानी के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं ! बहुत ही शानदार शुरुआत है !
 
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Luckyloda

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Bhut shandaar शुरूवात की है कहानी ki.....


अगले भाग का इंतजार रहेगा
 
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Sushil@10

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Update 3

नैना ने दरवाजा बंद कर पैकेट खोला तो उसमें एक व्हाइट टीशर्ट और एक जींस था। गोली ने अपना काम जारी रखा जिसका परिणाम ये हुआ कि नैना की पेंटी उसके चूत रस से गीली हो गई। नैना ने पहले अपनी सूट को खोल। सूट खोलते ही नैना के छोटे छोटे अमरूद उसकी काली ब्रा में आईने के दूसरी तरफ खड़े राजेश और उमेश को दिखने लगी। राजेश उमेश से धीरी आवाज में "इसके संतरों को तरबूज नहीं बनाया तो मेरा नाम राजेश नहीं" मगर ये मनमोहक दृश्य ज्यादा देर तक राजेश और उमेश के लिए आंखों के सामने नहीं रहा। नैना जल्दी से टीशर्ट पहनने लगी। मगर ये क्या टीशर्ट तो नैना से हिसाब से छोटी निकली। नैना को टीशर्ट पहनने में काफी परेशानी हुई। मगर किसी तरफ नैना ने टीशर्ट पहन लिया। अब बारी थी जींस की। जींस भी नैना की हिसाब से छोटी थी। राजेश ने जान बुझाकर नैना के कपड़े उसकी साइज से छोटे मांगे थे। नैना ने जैसे ही अपना सलवार खोल तो अपनी पेंटी को देख उसकी आंखे शर्म से लाल हो गई। उससे लग रहा था कि उसकी पेंटी उसके पेशाब से गीली हुई मगर उसे क्या पता ये उसकी चूत का अमृत था जिसी राजेश और उमेश प्यासी नजरों से देख रहे थे। नैना बिना पेंटी उतरे जींस पहनने की कोशिश करने लगी मगर जींस उसकी जांघों से ऊपर जा ही नहीं रहा था। तभी राजेश ने बाहर से आवाज देते हुए "नैना और कितनी देर जल्दी करो" नैना राजेश की कड़क आवाज सुन कर डर गई और अपनी जींस को फिर से अपनी कमर पे चढ़ाने का प्रयास करने लगी। इस बार भी उससे निराशा ही हाथ लगी। अंत में उनके फैसला किया कि वो पेंटी के बिना जींस पहनेगी क्योंकि वैसे भी उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी जिससे उसे चलने में परेशानी होती। नैना ने पहले जींस खोला और फिर अपनी पेंटी। नैना ने अपनी गीली पेंटी वही कोने में रख दी। राजेश और उमेश नैना की झांटों से भरी चूत देखकर काफी ज्यादा उत्तेजित होने लगे और फिर से अपना लन्ड निकल कर हिलाने लगे। नैना की चूत रस बहाए जा रही थी। उसकी कुंवारी चूत पे खुजली बढ़ती जा रही थी। उसने कुछ देर अपनी चूत को खुजाया तो उससे मजा आने लगा। नैना ने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी और न ही उसकी चूत ने आज से पहले कभी चूतरस छोड़ा था। अपने हाथों को रोक कर नैना ने फिर से जींस पहने का प्रयास किया इस बार भी जींस उसके जांघों पे आके अटक गई। मगर काफी कोशिशों के बाद उसने जींस को अपनी कमर पे चढ़ा ही लिया। मगर जींस का बटन लगाने में वो अब भी असमर्थ थी। जींस कमर पे चढ़ाने के साथ ही राजेश और उमेश ने अपना अपना माल छोड़ दिया और वापस अपनी जगह पे चले गए। टाइट व्हाइट टीशर्ट और ब्लू जींस में नैना के शरीर के सभी उभार साफ साफ दिख रहे थे। नैना बाथरूम से निकल कर राजेश के सामने जाकर खड़ी हो गई। अब तक उमेश राजेश के केबिन से बाहर जा चुका था। राजेश "चलो तुम्हारे लिए कुछ कपड़े ले लेते है और तुम्हारी वर्दी भी तो सिलवानी है" नैना बस "जी" बोलकर चुप हो गई। राजेश और नैना दोनों केबिन से बाहर आई और राजेश उमेश से बोला "हम बाजार जा रहे है थाने का ध्यान रखना"। राजेश ने अपनी बाइक निकाली और नैना को बैठा कर चल दिया। पुलिस स्टेशन से बाजार 10 KM दूर था। रास्ते में राजेश बार बार ब्रेक मर रहा था ताकि वो नैना के अमरूद को अपनी पीठ पर महसूस कर सके। करीब आधे घंटे में दोनों मार्केट पहुंच। नैना के चूचियों के घर्षण से राजेश का लन्ड एक बार फिर से खड़ा हो चुका था जिसे उसने नैना से छुपाना का प्रयास भी नहीं किया। सबसे पहले राजेश नैना को एक दर्जी के यहां ले गया। राजेश दर्जी(श्याम) से "इनके लिए वर्दी सिलवानी है" कहते हुए नैना की तरफ इशारा किया। श्याम भी कम हरामी नहीं था। नैना को टाइट कपड़ों में देख कर श्याम उत्तेजित होने लगा। श्याम नैना से "इधर आईए" नैना किसी रोबोट की तरह उसकी बात सुन उसके पास चली गई। श्याम "अपनी हाथ ऊपर करो" नैना ने वैसा ही किया। श्याम नैना के माप लेने लगा या यू कहे कि नैना माप लेने के बहाने उसके शरीर को छुने लगा। नाप लेने के बहाने उसने जान बुझाकर नैना के चूचियों को मसल दिया। नैना तो चुप रही मगर नैना नैना की चूत बोल पड़ी और रस छोड़ने लगी। इसी तरह नैना के शरीर से खेल कर श्याम ने नैना का पूरा नाप लिया। राजेश ये सब देख के काफी उत्तेजित हो चुका था। मगर सुबह से उसने वैसे भी दो बार मुट्ठी मर ली थी इसलिए अब वो मुट्ठी नहीं मारना चाहता था। श्याम राजेश से "कल आकर ले जाना बाबासाहेब" राजेश नैना से "तुम बढ़ो मैं आता हु"। राजेश की बात सुन नैना श्याम की दुकान से बाहर चली गई जबकि राजेश और श्याम अभी भी दुकान में ही थे। राजेश श्याम की और 500 का एक नोट बढ़ते हुए " कपड़े थोड़े तंज ही सीना" श्याम मुस्कुराके 500 का नोट अपने पास रखते हुए "जरूर बाबासाहेब"। फिर राजेश दुकान के बाहर आया और नैना को लेके एक कपड़े की दुकान में चला गया। दुकानदार(अमित)राजेश का दोस्त था। राजेश ने अमित को आंख मारते हुए कहा कि "इसके लिए कुछ कपड़े दिखाओ"। राजेश का इशारा समझ कर अमित ने नैना से " मैडम आपका साइज क्या है?" नैना अमित के सवाल से हड़बड़ा सी गई। क्योंकि आज तक किसीने उससे इसे सामने से उसका साइज नहीं पूछा था। हां ये अगल बात है कि उसे अपना साइज नहीं पता था। नैना चुप रही। राजेश कड़क आवाज में "बताओ अपना साइज" राजेश की आवाज से नैना डर गई और धीरे से बोला "म...मु...मुझे नहीं पता" तभी अमित बोलता है "फिर तो मुझे पहले आपका नाप लेना होगा"। नैना अब तक जन चुकी थी कि नाप लेने के बहाने अमित उसके शरीर को रगड़ना चाह रहा है। नैना कुछ बोलती उससे पहले ही राजेश बोल पड़ा " हां हां लो नाप" नैना ने गुस्से से राजेश की तरफ देखा मगर राजेश का चेहरा देख वो कुछ बोल नहीं पाई। अमित नाप लेने के लिए नैना के पास आया और उसने भी नैना को उसके हाथ उठाने को कहा। और नाप लेने के बहाने 10 मिनट तक नैना के शरीर को रगड़ता रहा। इस बार भी नैना की चूत रो पड़ी और नैना की जींस को गिला करने लगी। नाप लेने के बाद अमित
नैना को एक से बढ़कर एक कपड़े दिखने लगा। मगर सब के सब मॉडर्न कपड़े थे। ऐसा लग रहा था कि जाए ये कपड़े छापने के लिए नहीं बल्कि दिखने के लिए बने हो। जिससे नैना ने शायद ही कभी देखा हो। नैना ने वैसे कपड़े लेने से मना कर दिया। मगर राजेश ने नैना को कारक शब्दों में हिदायत दी कि "जल्दी से इन्हीं में से कपड़े पसंद करो नहीं तो चलो" नैना डर है कही राजेश उससे कपड़े दिलाए बिना ही नहीं चल जाए। इसलिए उसने 3 लॉकेट टीशर्ट और 2 जींस और 2 ट्राउज़र लिया। कपड़े दिखने वक्त अमित ने नैना को नैना के साइज के ही कपड़े दिखाए। मगर जब वो कपड़ों को पैक करने लगा तो उसने सभी कपड़ों को उनके जैसे ही 2" छोटे कपड़ों से बदल दिया।



शेष अगले भाग में, आपको ये update कैसा लगा?
Shandaar update and nice story
 
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