फिर मम्मी ने मुझसे अपने बालों को आगे की तरफ लेक दुसरे टॉवल से पोंछते हुए पूंछा।
मम्मी : बीटा तू कब आया।
मैं : काफी देर हो गयी मम्मी।
मम्मी : वैसे कहाँ गए थे नानी-नवासे आज।
मैं : बस डॉक्टर के पासगए थे नानी को दिखने।
मम्मी : क्यों क्या हुआ उनको।
मैं : (असमंज्यस मैं ) पता नहीं , थोड़ी तकलीफ थी।
मम्मी : चलो कोई बात नहीं कई महीने हो गए सोचा खुद ही तुझे लेने आ जाऊ और तेरी नानी से भी मिल चलूँ।
फिर हमने थोड़ी बहुत घर और कालेज की बातें की।
फिर मम्मी आराम कारने चली गयी।
उस समय मम्मी ने साड़ी पेहेन राखी थी।
और मैं अपने लैपटॉप मई ऑनलाइन क्लासेज लेने चला गया।
जब मैं अपनी क्लास ख़तम करके वापस आया तोह मम्मी की श्री उनके ऊपरी बदन से हैट चुकी थी।
और मैं उनकी गहरी नाभि देख कर फिर से ठरक उठा।
उसके बाद मैं उनके पास जाकर बैठ गया। और माँ के नाजुक पेट को अपने हाथों से महसूस करने लगा।
उनका पेट नानी की तरह पॉर्रा बहार नहीं निकला था।
वो नानी की तरह मोती भी नहीं थी ,
लेकिन मुझे लुभाने लायाक मॉस बहुत था।
काफी मजबूत है मेरी माँ।
उनके शरीर पर फैट और माँस का एकदम सही मेल है।
मैं अब अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था।
मैंने माँ को न परेशान करते हुए अपनी हवस नानी से मिटने उनके रूम मैं चला गया।
उधर देखा तो जैसे नानी मुझे न्योता देके सोई हैं।
वो मैक्सी पेहेन कर लेती हुई थी और उनकी मैक्सी उनकी जगहों तक चढ़ गयी थी।
उन्होंने अपने गांड हवा मई थोड़ी उठा राखी थी।
मैं बिना कुछ सोचे भेड़ियों की तरह उन पर टूट पड़ा।
मैंने सबसे पहले नानी की मैक्सी उनकी कमर तक उठा दी।
फिर उनकी गांड के छेद अपने मुंह पास ले जाकर थूका।
जब मैं अपना मुंह उनकी गांड पर ले गया मुझे उनकी गांड और छूट की मनमोहक खुसबू आयी।
जिसमे थोड़ी खुसबू उनकी टट्टी की भी थी।
क्युकी नानी की गांड पर भी कई सारे बाल थे तो मेरा थूक उनके छेद तक न पहुंचकर बीच मई ही बालों मैं अटक गया।
फिर मैंने उनकी गांड के पास अपना मुंह लगाकर उनकी बालों भरी गांड को फिर से चाटना सुरु कर दिया।
