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HOT...............................माँ ने अपनी जीभ पर सारा वीर्य इकट्ठा किया और चाची के मुँह में जीभ घुसा दी अब दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रही थी और मैं ये देखकर उत्तेजित हो रहा था…
अपडेट 53
मेरे लण्ड में धीरे धीरे से तनाव आना शुरू हो गया था मैने उठकर माँ जो चाची के ऊपर झुकी हुई थी उसकी गाँड़ को फैलाकर अपनी जीभ से चाटने लगा…माँ ने एक बार पलटकर मेरी तरफ देखा और फिर से चाची के होंठो को चुसने लगी मैने गाँड़ चाटते हुए दो उंगलियों को माँ की चुत में डाल दिया माँ के मुँह से सिसकारी निकल गई… अब मेरे जीभ ओर उंगलियों के कारण माँ बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और अपनी गाँड़ मेरे मुंह पर रगड़ने लगी थी… माँ की गाँड़ मेरे थूक और चुत कामरस के कारण चिकनी हो चुकी थीं ओर मेरा लण्ड तन कर पोल बन चुका था…
मैंने जीभ हटा कर दूसरे हाथ की एक उंगली गाँड़ में डाल दी जो आराम से घुस गई तो एक दो बार अंदर बाहर करके मैने दो उंगलियों को गाँड़ में डाला और धीरे धीरे दोनों उंगलियां गाँड़ में ओर दो चुत में अन्दर बाहर हो रहीं थी…कमरे में माँ की आंहे गूंज रही थी अब माँ ने चाची को छोड़कर अपनी चुदाई पर ध्यान केंद्रित कर दिया था और यही वजह थी कि माँ ज्यादा उत्तेजित हो गई थी… माँ उत्तेजना में बोली राज बेटा अब डाल दे मैने पूछा कहाँ डालना शुरू करूँ माँ बोली जहां भी तेरी मर्जी लेकिन अब डाल दे मैने चाची को बुलाया और उसके मुंह में लण्ड डाल दिया कुछ देर चुसाई के बाद मेरा लण्ड भी चिकना हो गया था तो मेरे कहने पर चाची ने गाँड़ के सुराख़ पर थूक कर मेरा लण्ड गाँड़ के छेद पर सेट कर दिया और बोली राज फाड़ दे एक धक्के में… मैने एक जोरदार शॉट लगाया और आधा लण्ड गाँड़ में घुस गया माँ की चीख कमरे में गूंज उठी… वो जोर से चीखी मादरचोद फाड़ डाली मेरी गाँड़ आराम से नहीं कर सकता था ओह मेरी माँ मैं मर गई और उसके आँसू निकल गए…
माँ के आँसू देख कर मुझे तरस आ गया और मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा जिससे माँ को कुछ आराम मिला और वो शान्त होने लगी…कुछ देर बाद ही माँ ने गाँड़ को कसना ओर ढीला छोड़ना शुरू किया मैं वैसे ही रुका हुआ था तो माँ ने खुद गाँड़ आगे पीछे करना शुरू कर दिया… अब मेने भी धक्के लगाने शुरू कर दिया माँ ने अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर पटकनी शुरू कर दी थी और मेरा पूरा लण्ड गाँड़ में घुसकर तहलका मचा रहा था और माँ चिल्लाते हुए अपनी गाँड़ मरवाई का मजा ले रही थी… मैंने चाची को देखा तो वह अपनी चुत में उँगली कर रही थी तो मैने उसे अपने पास बुलाया कहा ओए रांड अपनी चुत इधर ला ओर चाची मेरे पास आ गई और अपनी चुत मेरे आगे करके खड़ी हो गई… मैं अब चाची की चुत चाटते हुए माँ की गाँड़ मार रहा था और उसके साथ ही माँ की चुत में अपनी उंगली चला रहा था।
माँ अब झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी ओर वो बड़बड़ा रही थी अबे जोर से मार फाड़ डाल मेरी गाँड़ आह अगर पता होता कि गाँड़ मरवाई में इतना मजा है तो में गाँड़ मरवाती चुत नहीं मरवाती… मेरे कहने पर चाची लेटकर माँ की टांगो में घुस गई और माँ की चुत चाटने लगी हालांकि मेरे धक्कों की वजह से उसे दिक्कत हो रही थी लेकिन चाची फिर भी पूरी कोशिश कर रही थी और जैसे ही चुत का दाना उसकी पकड़ में आया तो उसे चुसने लगी… माँ के लिए यह असहनीय था वो इतना आनंद सहन नहीं कर पाई और कंपकपाते हुए चाची के मुँह पर झड़ने लगी और मेरे लण्ड को गाँड़ में ऐसे कस लिया जैसे मेरे गन्ने का रस निकाल लेगी झड़ने के बाद माँ निढाल होकर एक तरफ लुढ़क गई और बेसुध होकर पसर गई…
अब मैने चाची का रुख किया और उससे पूछा बोल मेरी रण्डी मेरा गन्ना कहाँ लेगी तो चाची मुस्कुरा कर बोली मेरे खसम ये पिंकी कब से आँसू बहा रही है इसको चुप करवा दे… ओर मुझे आंख मारकर अपनी टाँगे खोलकर चौड़ी कर दी चाची की चुत जो पूरी गीली थी और मेरी पिछली चुदाई से फ़ैल गयी थी खुलकर मेरे सामने आ गई और फिर मैंने भी देर न करते हुऐ चाची की टांगों के बीच आ गया और उसकी चुत को चाटने लगा चाची के हाथ मेरे सिर पर पहुंच गए और मेरे चेहरे को चाची अपनी चुत पर दबाने लगी…
चाची अपनी गाँड़ उछालते हुए बोली राज मुझे अपना लौड़ा दो मुझे चूसना है मैने घूम कर 69 की पोज़िशन बनाई और लण्ड चाची के मुँह में भर दिया और अपने हाथ चाची की गाँड़ के नीचे लेजाकर चुत को मुँह में भर लिया अब हम दोनों एक दूसरे के चुत और लण्ड गपागप चूस ओर चाट रहे थे… कुछ देर की चुसाई के बाद चाची बोली राज अब पेल दे नहीं तो मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी … मैने सीधा होकर अपना लण्ड चुत पर सेट किया तो चाची के हाथ मेरी गाँड़ पर पहुंच गए चाची ने अपनी गाँड़ उछाल कर लण्ड का सुपाड़ा अंदर ले लिया और फिर मेरी गाँड़ को अपनी चुत पर दबाने लगी आ…ह की आवाज़ के साथ चाची मेरे लण्ड को अपने अंदर लेने लगी माँ अब तक सो चुकी थी और उसके खराटे सुनाई देने लगे थे…
चाची ने मुझे अपनी छाती पर कस लिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में भर दी मैं भी जीभ चूसते हुए ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा चाची नीचे से गाँड़ उछाल कर पूरा साथ दे रही थी और चाची की चुचियाँ मेरे सीने से दबकर पिचकी हुई थी… पन्द्रह मिनट तक लगातार चुदाई के बाद चाची ने मुझे अपने साथ कस लिया और मेरी गाँड़ पर अपनी टांगो की कैंची बना कर मुझे पूरी तरह जकड़ लिया जैसे वो मुझे अपने अंदर समा लेना चाहती हो और उसकी चुत से ज्वालामुखी फुट पड़ा चाची बुरी तरह से झटके लेते हुए झड़ रही थी मेरा लण्ड जो उसकी बच्चेदानी पर टकराया हुआ था वो ये गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और इस ज्वालामुखी की गर्मी से पिघलने लगा मैने अपने वीर्य से चाची की कोख भर दी…
चाची ओर मैं दोनों अब ढ़ीले पड़ चुके थे मैने अपना लण्ड चाची की चुत से निकाल कर उसके मुँह के पास करके लेट गया तो चाची ने मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसपर लगा हम दोनों का लावा चाट कर साफ करने लगी और फिर उसे मुँह में भर कर नींद के आगोश में चली गई जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप मूँह में ड़ालकर सोया हो ये देख कर मुझे भी नींद आ गई और हम तीनों नन्गे ही जहां थे वहीं सो गए।
bahut hi uttejak story hai bhai padhkar maja aa gayaमाँ ने अपनी जीभ पर सारा वीर्य इकट्ठा किया और चाची के मुँह में जीभ घुसा दी अब दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रही थी और मैं ये देखकर उत्तेजित हो रहा था…
अपडेट 53
मेरे लण्ड में धीरे धीरे से तनाव आना शुरू हो गया था मैने उठकर माँ जो चाची के ऊपर झुकी हुई थी उसकी गाँड़ को फैलाकर अपनी जीभ से चाटने लगा…माँ ने एक बार पलटकर मेरी तरफ देखा और फिर से चाची के होंठो को चुसने लगी मैने गाँड़ चाटते हुए दो उंगलियों को माँ की चुत में डाल दिया माँ के मुँह से सिसकारी निकल गई… अब मेरे जीभ ओर उंगलियों के कारण माँ बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और अपनी गाँड़ मेरे मुंह पर रगड़ने लगी थी… माँ की गाँड़ मेरे थूक और चुत कामरस के कारण चिकनी हो चुकी थीं ओर मेरा लण्ड तन कर पोल बन चुका था…
मैंने जीभ हटा कर दूसरे हाथ की एक उंगली गाँड़ में डाल दी जो आराम से घुस गई तो एक दो बार अंदर बाहर करके मैने दो उंगलियों को गाँड़ में डाला और धीरे धीरे दोनों उंगलियां गाँड़ में ओर दो चुत में अन्दर बाहर हो रहीं थी…कमरे में माँ की आंहे गूंज रही थी अब माँ ने चाची को छोड़कर अपनी चुदाई पर ध्यान केंद्रित कर दिया था और यही वजह थी कि माँ ज्यादा उत्तेजित हो गई थी… माँ उत्तेजना में बोली राज बेटा अब डाल दे मैने पूछा कहाँ डालना शुरू करूँ माँ बोली जहां भी तेरी मर्जी लेकिन अब डाल दे मैने चाची को बुलाया और उसके मुंह में लण्ड डाल दिया कुछ देर चुसाई के बाद मेरा लण्ड भी चिकना हो गया था तो मेरे कहने पर चाची ने गाँड़ के सुराख़ पर थूक कर मेरा लण्ड गाँड़ के छेद पर सेट कर दिया और बोली राज फाड़ दे एक धक्के में… मैने एक जोरदार शॉट लगाया और आधा लण्ड गाँड़ में घुस गया माँ की चीख कमरे में गूंज उठी… वो जोर से चीखी मादरचोद फाड़ डाली मेरी गाँड़ आराम से नहीं कर सकता था ओह मेरी माँ मैं मर गई और उसके आँसू निकल गए…
माँ के आँसू देख कर मुझे तरस आ गया और मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा जिससे माँ को कुछ आराम मिला और वो शान्त होने लगी…कुछ देर बाद ही माँ ने गाँड़ को कसना ओर ढीला छोड़ना शुरू किया मैं वैसे ही रुका हुआ था तो माँ ने खुद गाँड़ आगे पीछे करना शुरू कर दिया… अब मेने भी धक्के लगाने शुरू कर दिया माँ ने अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर पटकनी शुरू कर दी थी और मेरा पूरा लण्ड गाँड़ में घुसकर तहलका मचा रहा था और माँ चिल्लाते हुए अपनी गाँड़ मरवाई का मजा ले रही थी… मैंने चाची को देखा तो वह अपनी चुत में उँगली कर रही थी तो मैने उसे अपने पास बुलाया कहा ओए रांड अपनी चुत इधर ला ओर चाची मेरे पास आ गई और अपनी चुत मेरे आगे करके खड़ी हो गई… मैं अब चाची की चुत चाटते हुए माँ की गाँड़ मार रहा था और उसके साथ ही माँ की चुत में अपनी उंगली चला रहा था।
माँ अब झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी ओर वो बड़बड़ा रही थी अबे जोर से मार फाड़ डाल मेरी गाँड़ आह अगर पता होता कि गाँड़ मरवाई में इतना मजा है तो में गाँड़ मरवाती चुत नहीं मरवाती… मेरे कहने पर चाची लेटकर माँ की टांगो में घुस गई और माँ की चुत चाटने लगी हालांकि मेरे धक्कों की वजह से उसे दिक्कत हो रही थी लेकिन चाची फिर भी पूरी कोशिश कर रही थी और जैसे ही चुत का दाना उसकी पकड़ में आया तो उसे चुसने लगी… माँ के लिए यह असहनीय था वो इतना आनंद सहन नहीं कर पाई और कंपकपाते हुए चाची के मुँह पर झड़ने लगी और मेरे लण्ड को गाँड़ में ऐसे कस लिया जैसे मेरे गन्ने का रस निकाल लेगी झड़ने के बाद माँ निढाल होकर एक तरफ लुढ़क गई और बेसुध होकर पसर गई…
अब मैने चाची का रुख किया और उससे पूछा बोल मेरी रण्डी मेरा गन्ना कहाँ लेगी तो चाची मुस्कुरा कर बोली मेरे खसम ये पिंकी कब से आँसू बहा रही है इसको चुप करवा दे… ओर मुझे आंख मारकर अपनी टाँगे खोलकर चौड़ी कर दी चाची की चुत जो पूरी गीली थी और मेरी पिछली चुदाई से फ़ैल गयी थी खुलकर मेरे सामने आ गई और फिर मैंने भी देर न करते हुऐ चाची की टांगों के बीच आ गया और उसकी चुत को चाटने लगा चाची के हाथ मेरे सिर पर पहुंच गए और मेरे चेहरे को चाची अपनी चुत पर दबाने लगी…
चाची अपनी गाँड़ उछालते हुए बोली राज मुझे अपना लौड़ा दो मुझे चूसना है मैने घूम कर 69 की पोज़िशन बनाई और लण्ड चाची के मुँह में भर दिया और अपने हाथ चाची की गाँड़ के नीचे लेजाकर चुत को मुँह में भर लिया अब हम दोनों एक दूसरे के चुत और लण्ड गपागप चूस ओर चाट रहे थे… कुछ देर की चुसाई के बाद चाची बोली राज अब पेल दे नहीं तो मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी … मैने सीधा होकर अपना लण्ड चुत पर सेट किया तो चाची के हाथ मेरी गाँड़ पर पहुंच गए चाची ने अपनी गाँड़ उछाल कर लण्ड का सुपाड़ा अंदर ले लिया और फिर मेरी गाँड़ को अपनी चुत पर दबाने लगी आ…ह की आवाज़ के साथ चाची मेरे लण्ड को अपने अंदर लेने लगी माँ अब तक सो चुकी थी और उसके खराटे सुनाई देने लगे थे…
चाची ने मुझे अपनी छाती पर कस लिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में भर दी मैं भी जीभ चूसते हुए ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा चाची नीचे से गाँड़ उछाल कर पूरा साथ दे रही थी और चाची की चुचियाँ मेरे सीने से दबकर पिचकी हुई थी… पन्द्रह मिनट तक लगातार चुदाई के बाद चाची ने मुझे अपने साथ कस लिया और मेरी गाँड़ पर अपनी टांगो की कैंची बना कर मुझे पूरी तरह जकड़ लिया जैसे वो मुझे अपने अंदर समा लेना चाहती हो और उसकी चुत से ज्वालामुखी फुट पड़ा चाची बुरी तरह से झटके लेते हुए झड़ रही थी मेरा लण्ड जो उसकी बच्चेदानी पर टकराया हुआ था वो ये गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और इस ज्वालामुखी की गर्मी से पिघलने लगा मैने अपने वीर्य से चाची की कोख भर दी…
चाची ओर मैं दोनों अब ढ़ीले पड़ चुके थे मैने अपना लण्ड चाची की चुत से निकाल कर उसके मुँह के पास करके लेट गया तो चाची ने मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसपर लगा हम दोनों का लावा चाट कर साफ करने लगी और फिर उसे मुँह में भर कर नींद के आगोश में चली गई जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप मूँह में ड़ालकर सोया हो ये देख कर मुझे भी नींद आ गई और हम तीनों नन्गे ही जहां थे वहीं सो गए।
बहुत ही उत्तेजना स्टोरी है मां और चाची की जबरदस्त चूदाई हो रही हैंमाँ ने अपनी जीभ पर सारा वीर्य इकट्ठा किया और चाची के मुँह में जीभ घुसा दी अब दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रही थी और मैं ये देखकर उत्तेजित हो रहा था…
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माँ के आँसू देख कर मुझे तरस आ गया और मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा जिससे माँ को कुछ आराम मिला और वो शान्त होने लगी…कुछ देर बाद ही माँ ने गाँड़ को कसना ओर ढीला छोड़ना शुरू किया मैं वैसे ही रुका हुआ था तो माँ ने खुद गाँड़ आगे पीछे करना शुरू कर दिया… अब मेने भी धक्के लगाने शुरू कर दिया माँ ने अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर पटकनी शुरू कर दी थी और मेरा पूरा लण्ड गाँड़ में घुसकर तहलका मचा रहा था और माँ चिल्लाते हुए अपनी गाँड़ मरवाई का मजा ले रही थी… मैंने चाची को देखा तो वह अपनी चुत में उँगली कर रही थी तो मैने उसे अपने पास बुलाया कहा ओए रांड अपनी चुत इधर ला ओर चाची मेरे पास आ गई और अपनी चुत मेरे आगे करके खड़ी हो गई… मैं अब चाची की चुत चाटते हुए माँ की गाँड़ मार रहा था और उसके साथ ही माँ की चुत में अपनी उंगली चला रहा था।
माँ अब झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी ओर वो बड़बड़ा रही थी अबे जोर से मार फाड़ डाल मेरी गाँड़ आह अगर पता होता कि गाँड़ मरवाई में इतना मजा है तो में गाँड़ मरवाती चुत नहीं मरवाती… मेरे कहने पर चाची लेटकर माँ की टांगो में घुस गई और माँ की चुत चाटने लगी हालांकि मेरे धक्कों की वजह से उसे दिक्कत हो रही थी लेकिन चाची फिर भी पूरी कोशिश कर रही थी और जैसे ही चुत का दाना उसकी पकड़ में आया तो उसे चुसने लगी… माँ के लिए यह असहनीय था वो इतना आनंद सहन नहीं कर पाई और कंपकपाते हुए चाची के मुँह पर झड़ने लगी और मेरे लण्ड को गाँड़ में ऐसे कस लिया जैसे मेरे गन्ने का रस निकाल लेगी झड़ने के बाद माँ निढाल होकर एक तरफ लुढ़क गई और बेसुध होकर पसर गई…
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चाची अपनी गाँड़ उछालते हुए बोली राज मुझे अपना लौड़ा दो मुझे चूसना है मैने घूम कर 69 की पोज़िशन बनाई और लण्ड चाची के मुँह में भर दिया और अपने हाथ चाची की गाँड़ के नीचे लेजाकर चुत को मुँह में भर लिया अब हम दोनों एक दूसरे के चुत और लण्ड गपागप चूस ओर चाट रहे थे… कुछ देर की चुसाई के बाद चाची बोली राज अब पेल दे नहीं तो मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी … मैने सीधा होकर अपना लण्ड चुत पर सेट किया तो चाची के हाथ मेरी गाँड़ पर पहुंच गए चाची ने अपनी गाँड़ उछाल कर लण्ड का सुपाड़ा अंदर ले लिया और फिर मेरी गाँड़ को अपनी चुत पर दबाने लगी आ…ह की आवाज़ के साथ चाची मेरे लण्ड को अपने अंदर लेने लगी माँ अब तक सो चुकी थी और उसके खराटे सुनाई देने लगे थे…
चाची ने मुझे अपनी छाती पर कस लिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में भर दी मैं भी जीभ चूसते हुए ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा चाची नीचे से गाँड़ उछाल कर पूरा साथ दे रही थी और चाची की चुचियाँ मेरे सीने से दबकर पिचकी हुई थी… पन्द्रह मिनट तक लगातार चुदाई के बाद चाची ने मुझे अपने साथ कस लिया और मेरी गाँड़ पर अपनी टांगो की कैंची बना कर मुझे पूरी तरह जकड़ लिया जैसे वो मुझे अपने अंदर समा लेना चाहती हो और उसकी चुत से ज्वालामुखी फुट पड़ा चाची बुरी तरह से झटके लेते हुए झड़ रही थी मेरा लण्ड जो उसकी बच्चेदानी पर टकराया हुआ था वो ये गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और इस ज्वालामुखी की गर्मी से पिघलने लगा मैने अपने वीर्य से चाची की कोख भर दी…
चाची ओर मैं दोनों अब ढ़ीले पड़ चुके थे मैने अपना लण्ड चाची की चुत से निकाल कर उसके मुँह के पास करके लेट गया तो चाची ने मेरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसपर लगा हम दोनों का लावा चाट कर साफ करने लगी और फिर उसे मुँह में भर कर नींद के आगोश में चली गई जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप मूँह में ड़ालकर सोया हो ये देख कर मुझे भी नींद आ गई और हम तीनों नन्गे ही जहां थे वहीं सो गए।