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Incest लालटेन 2.0

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Update 7

अब दोनो भाई या फिर दोनो मित्र मिलकर सारा सामान गाड़ी में रखकर सभी के बैठने की व्यवस्था बनाते हुए स्वयं भी दोनो बैठ जाते है।​


कमला पायल और राधा के साथ रचना बीच वाली सीट पर बैठ जाते है ताऊ की सीट तो पहले से ही बुक थी उन्हें तो आगे ही बैठना था क्यूंकि रास्ता भी उन्हें ही बताना था अब बचे हम तीन लोग मैं सोनू और छोटी माई और पीछे सिर्फ दो लोगो के बैठने की ही जगह बची थी क्यूंकि एक सीट पर सामान रक्खा था।​


अभी सोनू का तो पता नहीं लेकिन राजू सोच में पड़ा था कही उसे छोटी माई के साथ बैठना पड़ गया तो उसका मजा खराब हो जायेगा इसलिए वह पहले ही एक दांव खेलना चाहता था लेकिन उससे पहले ही अरुणा अनजाने में ही उसका दांव खेल गई।​


अरुणा....राजू तू मेरे साथ और सोनू तू आगे जेठ जी के पास बैठ जा...​


राजू ने जैसे सुना की उसकी छोटी माई ने उससे पहले ही बोलकर सबकी जगह फिक्स कर दी राजू का तो दिल टूट गया लेकिन वह अभी भी अपनी हार नहीं मानता और एक बार छोटी माई से डरते हुए बोलता है​


राजू...छोटी माई अगर सोनू मेरे साथ बैठता तो हम दोनो ज्यादा बात कर पाते और फिर राजू धीरे से और छोटी माई मैं सोनू से जान पाता की वह दुखी क्यूं है।​


अरुणा भी इस बात से सहमत तो हो जाती है लेकिन वह भी कुछ नहीं कर सकती थी क्यूंकि बीच वाली सीट में 3 लेडीज के साथ चौथी सवारी का बैठना मुस्किल था ऐसे वो चारो ही दब दबाकर एक सीट पर बैठे थे।​


इसलिए अरुणा राजू को सोनू से बाद में बात करने को बोलकर उसे अपने पास ही बैठने को कहती है और ना चाहते हुए राजू को भी अरुणा के पास ही बैठना पड़ता है।​


अब सभी लोग गाड़ी में बैठ जाते है सोनू अपने बापू के साथ आगे बैठा था बीच वाली सीट पर कमला फिर रचना उसके बगल में पायल और लास्ट में दूर साइड राधा बैठी थी जिस तरफ राधा बैठी थी उसी तरफ राजू उसकी पीछे की सीट पर राधा से जुड़ा बैठा था और राजू के बगल में राजू से बिल्कुल सटी हुई अरुणा बैठी थी क्यूंकि पीछे की सीट छोटी थी सिंगल सीटर थी और अरुणा की मोटी गांड़ उसमे फिट नहीं हो पा रही थी वह आधे से ज्यादा लटकी थी और जब पीछे का डोर बंद हुआ तो उसकी मोटी गांड़ दब गई जिससे अब उसको बहुत प्रॉब्लम हो रही थी।​

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अरुणा...राजू थोड़ा और आगे खिसक मैं बैठ नहीं पा रही हूं।​


"लेकिन जब आगे जगह हो तब ना राजू खिसकता"​


राजू...छोटी माई मैं तो बिलकुल सीट से चिपका बैठा हूं अब और आगे नहीं जा सकता।​


सोनू...सभी लोग बैठ गए और सोनू पीछे मुड़कर देखता है तो सभी गाड़ी के अंदर ही थे इसलिए वह गाड़ी को बढ़ाने के लिए ड्राइवर को कहता है और ड्राइवर भी गाड़ी आगे बढ़ा देता है।​


अरुणा...राजू कैसे भी कर थोड़ी सी जगह बना मुझे बहुत दिक्कत हो रही हैं।​


राजू...लेकिन कैसे माई।​


अरुणा कुछ सोचती है और फिर धीरे से राजू को बोलती है ताकि सिर्फ राजू ही उसकी बात सुन सके...​


अरुणा...अच्छा तू अपने दोनो पैरों को एक दूसरे से मोड़कर बैठ जा मैं तेरे ऊपर बैठ जाती हूं।​


राजू...लेकिन मेरे ऊपर कैसे....​


अरुणा... क्यूं तू इतना कमजोर है क्या जो अपनी माई को अपनी गोद में नहीं बिठा सकता है क्या?? ,​

मैने तुझे बचपन में कितना अपनी गोद में खिलाया है।​


एक तो राजू अरुणा से डर की वजह से ज्यादा सवाल जवाब नहीं कर पाता तो आज वह कैसे अरुणा को मना कर देता और मना भी तो तब ही कर सकता था जब उसके पास बोलने के लिए शब्द हो इसलिए राजू को मानना ही पड़ता है।​


अब राजू अपने दोनो पैर मोड़कर अरुणा के बैठने की जगह बनाता है....​


इधर अरुणा भी अपनी भारी गांड़ को राजू की गोद पर रखकर बैठ जाती है दोनो इस बात से अनजान थे की उनकी ऐसी हरकत से किसी दूसरे को बुरा लग सकता है।​

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अभी गाड़ी कुछ ही दूर चली होगी की गाड़ी के वाइब्रेशन की वजह से राजू को अपने लण्ड पर अरुणा की मोटी गांड़ हिलती हुई महसूस होती है और अब उसे एक डर सताने लगता है कही उसका लण्ड खड़ा ना हो जाए।​


अब ऐसा तो विज्ञानिको ने भी साबित किया है की जब हमे किसी चीज का डर होता है तो हमारा शरीर उस हालात में कई तरह के हरमोंश को प्रोड्यूस करता है जिससे हमारे शरीर में अलग अलग रिएक्शन होते है।​


यहां तो बात ही अलग थी राजू को डर के साथ साथ उसके शरीर पर और उस जगह पर मसाज मिल रहा था जो एक मर्द का सेंसटिव पार्ट था जिससे कुछ ही देर में राजू का मोटा और लंबा लण्ड खड़ा होकर अरुणा की भारी गांड़ पर दस्तक देने लगता है।​

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राजू को जिस बात का डर था वही हुआ अब राजू डर की वजह से ना तो अरुणा को हटा सकता था और ना ही कुछ कह सकता था वह चुपचाप बैठा कांप रहा था और उसका पूरा शरीर पसीने से भीग चुका था।​


इधर जैसे ही राजू का लण्ड अरुणा की गांड़ पर आके लगता है अरुणा एक दम चिहुंक जाती है उसने ये बात तो सोची ही नहीं थी की उसके साथ ऐसा भी हो सकता है लेकिन अब वह कुछ कर भी नहीं सकती थी क्यूंकि उसने ही राजू से जिद करके उसकी गोद पर आकर बैठी थी और शायद अरुणा की जगह कोई भी औरत होती तो वह भी ऐसा ही करती क्यूंकि वहां के हालत ही ऐसे थे।​


अरुणा को अब राजू की बात समझ में आ जाती है की राजू उसे क्यूं बैठाने में तुनक रहा था।​


लेकिन अरुणा अब राजू को ये जाहिर भी नही कर सकती थी की उसे उसका लण्ड उसकी गांड़ में चुभ रहा है इसलिए वह इस हालात को अपनी किस्मत समझकर राजू की किस्मत को दबाते हुए बैठी रहती है।​


इधर राजू गाड़ी में पसीना से पूरा गीला पिला हुए जा रहा था और डर की वजह से उसके मुंह से अपने आप ही निकलने लगता है छोटी माई मुझे माफ कर दो मैने कुछ नहीं किया छोटी माई मैने कुछ नही किया मुझे माफ कर दो......​


राजू के ऐसे चिल्लाने से सभी गाड़ी में पीछे की ओर मुड़कर देखने लगते है।​


कमला...क्या हुआ राजू ऐसे क्यूं चिल्ला रहा है और अरुणा क्या किया इसने जो ऐसे माफी मांग रहा है।​


अरुणा...जब अपनी नजर आगे को बढ़ाती है तो देखती है ड्राइवर के साथ साथ सभी उसे और राजू को देख रहे थे ड्राइवर तिरछी निगाह पीछे वाले शीशे से उन दोनो को देखकर मुस्कुरा रहा था जैसे उसे सब मालूम हो गया हो और वह अरुणा से आंखे मिलाने की कोशिश करने लगता है।​


इधर अरुणा को कोई जवाब देते नही बनता तो कमला फिर से पूछती है।​


कमला...अरे अरुणा अब तुझे क्या हो गया तू जवान क्यूं नहीं देती.....​


अरुणा आखिर क्या बोले की वह अपने बेटे की गोद पर उसके खड़े लण्ड पर बैठी है और उसका लण्ड उसकी गांड़ के नीचे दबा बार बार ऊपर उठने की जिद कर रहा है, लेकिन कमला की वजह से वह चुप भी नहीं रह सकती थी उसे कुछ ना कुछ तो बताना ही था।​


अरुणा... व..व.. वो दा.. द दीदी हां दीदी वो राजू का पैर दब गया था इसलिए वो चिल्ला रहा है।​


अरुणा तो कुछ भी बोलने की हालत में ही नही थी जल्द बाजी में उसे जो बहाना सुझा उसने वह बता दिया लेकिन उसे ये अंदाजा नहीं था की उसका ये बहाना उसकी सबसे बड़ी गलती बनने वाली थी।​


कमला...तो इसमें इतना डरने की क्या बात है जो तू ऐसे डर कर हकला रही है और राजू बेटा तू शांत हो जा कोई बात नही तेरा पैर ही तो दबा था अभी थोड़ी ही देर में हम पहुंच जायेंगे बस थोड़ा सा सब्र कर।​


इस बात पर ड्राइवर कैसे चुप रहता वह तो अरुणा जैसी मॉल को देखकर उसे पाने के सपने देखने लगा था इसलिए वह बैक मिरर से बार बार अरुणा को देखते हुए अरुणा का नाम लेते हुए बोला जो उसे कमला के बुलाने से अभी अभी पता चला था।​


ड्राइवर...अरे अरुणा भाभी जरा आराम से बैठना बच्चे का छोटा पैर दबा है कही ऐसा ना हो की टूट जाए तो फिर बेचारा अपनी बीबी को क्या जवाब देगा की उसकी मां ने ही अपने बेटे के पैर पर उछल उछल कर उसका पैर तोड़ दिया।​


अरुणा ड्राइवर की बात का मतलब समझ चुकी थी की आखिर वह क्या कहना चाहता है और इसलिए वह घुरकर उसे सीसे से देखती है लेकिन वो ड्राइवर राजू नहीं था जो डर जाता वह तो अजनबी था उसे जब अरुणा को ऐसे अपनी ओर देखते देखा तो उसने फौरन एक आंख मार दी और अपने होंठ को सुकोडते हुए चुम्मी लेने का इशारा किया।​


जिससे अरुणा और जल भुन गई और उसने अपनी नजरे वहां से हटा ली लेकिन सिर्फ अरुणा ही नहीं बल्कि राजू भी उस ड्राइवर की बात का मतलब समझ गया और अब राजू का लण्ड भी पूरी तरह कठोर हो चुका था और वह अरुणा की गांड़ से पूरी तरह चिपक गया था इसी के साथ राजू का डर भी धीरे धीरे खत्म होते जा रहा था जिस वजह से राजू अभी थोड़े हिचकिचाहट के साथ अपने दोनो हाथों को अरुणा की कमर पर रख देता है।​


अब सीन ये था की गाड़ी के हर छोटे बड़े ऊबड़ खाबड़ गड्डो पर जैसे ऊपर नीचे होती वैसे ही अरुणा की मोटी गांड़ आगे पीछे को खिसकती और उसके नीचे राजू के लण्ड की चमड़ी भी आगे पीछे को जाती जिस वजह से राजू की धीरे धीरे सिसकी निकलने लगी थी और वह अपनी गर्म सांसे अरुणा की गर्दन पर छोड़ने लगा था।​


इधर अरुणा भी राजू के मोटे और लम्बे लण्ड को अपनी भारी गांड़ पर महसूस कर धीरे धीरे गर्म होने लगी थी और एक अलग ही सपना देखने लगी थी।​

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अरुणा अपने मन में.... हाय राम re कितना लम्बा है देखो तो मेरी पूरी बैक को पार कर के आगे तक आ रहा है और मोटा भी लग रहा है ये तो जिसके अंदर जायेगा उसकी फाड़कर रख देगा।​


इधर ड्राइवर भी जानबूझकर गाड़ी को ऊंचे नीचे खड्डों से गाड़ी निकाल रहा था जिस वजह से अरुणा की गांड़ और अधिक आगे पीछे को हिल रही थी और इस वजह से राजू पूरी तरह मदहोश होकर बेकाबू हो जाता है और अपने एक हाथ को ऊपर ले जाकर अरुणा का पेट आगे से पकड़ लेता है और कुछ देरी बाद अपनी एक ऊंगली को अरुणा की नाभी में डाल देता है और उसे गोल गोल घुमाने लगता है जिस कारण अरुणा के गुदगुदी होने लगती है और वह अपना एक हाथ राजू के उसी हाथ पर रख देती है लेकिन उसे हटाती नही है शायद ये अरुणा की मादकता के कारण था की वह राजू को ऐसा करने दे रही थी।​


उधर वो ड्राइवर उस शीशा से पीछे का सीन देख रहा था अरुणा की आंखे नसीली हो चुकी थी और उसके होंठ कपकपा और फड़क रहे थे इस समय तो कोई नामर्द भी अरुणा को देखकर उसपे टूट पड़ता और उसके होंठो को खा जाता।​


ड्राइवर...अरे अरुणा भाभी कोई दिक्कत तो नहीं है सफर का मजा आ रहा है ना??​


अरुणा...अपनी नशीली आंखों से उस ड्राइवर को देखती है और हां में अपनी गर्दन हिला देती है जैसे वह उसकी हर बात मानती हो।​


इधर अब राजू का दूसरा हाथ अरुणा को अपनी एक जांघ पर महसूस होता है जिसे अब राजू अरुणा की जांघ को भरकर मसल देता है जिससे अरुणा की दबी सिसकी निकल जाती है अब राजू बहुत हद तक खुल चुका था और वह अरुणा की कमर को ऊपर से नीचे तक घूरता है और फिर पता नहीं क्या सोचकर अरुणा की गर्दन को अपने मुंह में भरकर अपने दात से काट लेता है जिससे अरुणा झटपटा जाती है लेकिन राजू उसे जल्दी ही छोड़ देता है​


और एक बार फिर से सॉरी सॉरी बोलने लगता है लेकिन इस बार वह अरुणा के कान में बहुत ही धीरे से बोल रहा था जिसे सुन अरुणा अपनी गर्दन को घुमाकर पहली बार राजू की आंखों में देखती है उसे राजू की आंखों में वासना और शरारत साफ नजर आती है वही राजू को अरुणा की नशीली आंखे बहुत ही प्यारी लगती है।​


अरुणा...र रा राजू अपनी ल ला लिमिट में रहो मैं तुम्हारी म मा..माई हूं।​


राजू... सॉरी सॉरी माई पता नहीं मुझे क्या हो गया मुझे माफ कर दो प्लीज़.....​


अरुणा....ठीक है अब आगे से गलती ना हो,और राजू का हाथ अपने पेट और अपनी जांघ से हटा देती है।​


लेकिन उसका क्या जो नीचे से अरुणा की गांड़ पर रगड़ खा रहा था अभी दोनो संभलते उससे पहले गाड़ी के आगे छोटे छोटे कई ब्रेकर आ गए जिसे ड्राइवर बोला​


ड्राइवर....अरुणा भाभी राजू का वो पैर संभालना क्यूंकि आगे ब्रेकर है और जैसे ही गाड़ी ब्रेकर से निकलती है।​


वैसे ही अरुणा की भारी गद्देदार गांड़ ऊपर नीचे होने लगती है और राजू के लण्ड पर उछलने लगती है जिस कारण राजू की सिसकी निकल जाती है और राजू उत्तेजना के चलते अरुणा की दोनो जांघो को मसल देता है जिससे राजू के साथ साथ अरुणा की भी सिसकी निकल जाती है इधर अरुणा भी राजू का मोटा लण्ड अपनी गांड़ के नीचे महसूस कर अब उसकी बुर पानी बहाने लगती है अब उससे भी ज्यादा काबू नहीं किया जा रहा था उसकी कमर में अपने आप ही थिरकन होना शुरू हो गया था और वह अपने होंठो को दांतो से भींच लेती है।​


इधर राजू मदहोश हो कर अरुणा के कान में धीरे से बोलता है छोटी माई आप बहुत सुंदर हो और आपकी.......और चुप हो जाता है।​


अरुणा...अपने एक हाथ को राजू के मुंह पास लाकर उसके मुंह पर एक ऊंगली रख देती है और उसे चुप रहने का इशारा करती है लेकिन जब राजू की नजर अरुणा के बड़े बड़े नाखून वाली उंगलियों पर जाती है तो वह अरुणा की उस ऊंगली को अपने मुंह में भर लेता है और उसे चूसना शुरू कर देता है जिससे अरुणा की फिर से सिसकी निकल जाती है।​


जैसे अरुणा अपना हाथ राजू से खींचने को होती है तो राजू उसका हाथ पकड़ लेता है और उसकी पूरी उंगली को मुंह में डालकर चूसता रहता है और अरुणा की आंखों में देखने लगता है जिससे अरुणा बुरी तरह शर्मा जाती है।​


इधर अरुणा शर्म और मदहोशी के कारण दोहरी हुई जा रही थी उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था की वह इस हालात से कैसे बाहर निकले उसका पूरा परिवार आगे बैठा था जो आने वाली शादी की तैयारी की बातों में इस कदर बेफिक्र थी की उन्हे अपने पीछे हो रही कामुक सिसकियां भी नही सुनाई दे रही थी और सुनाई भी कैसे देती सोनू भाई साहब जो ठहरे जबसे वह गाड़ी में आगे बैठे थे वो गाड़ी के म्यूजिक सिस्टम से चिपक गए थे और अपनी शादी की खुशी में रोमांटिक गानों को लाइन लगा दी थी और उसी धुन पर अरुणा अपने बेटे समान राजू की गोद में उसके खड़े लण्ड पर उछल कूद कर नाच रही थी।​


अरुणा की बुर पानी से सराबोर हो चुकी थी अब वह किसी भी वक्त अपना बांध तोड़ सकती थी जिसका असर उसके चेहरे पर भी साफ नजर आ रहा था उसका चेहरा पूरा लाल पड़ चुका था जिसे ड्राइवर भी देख कर गरम हो चुका था और वह भी बहुत ही उत्तेजित हो रहा था वह बार बार किसी ना किसी बहाने से अरुणा को अपनी ओर देखने पर मजबूर कर देता था।​


इधर जब राजू अरुणा की उंगली को पूरा निचोड़ लेता है तब उसे छोड़ देता है और अपना मुंह धीरे से अरुणा के कान के पास लाता है और बहुत ही धीरे से बोलता है।​


राजू...माई आप सुंदर के साथ साथ बहुत ही स्वादिष्ट भी हो बिलकुल शहद जैसी।​


अरुणा...राजू की बात को सुन और गर्म हो जाती है और अब उसे अपनी बुर में चिटियां सी रेंगना महसूस होने लगती है जिससे वह अब अपनी जांघ को आपस में भींचकर रगड़ने लगती है और राजू को बनावटी गुस्से और मदहोशी भरी नजरों से देखने लगती है।​


लेकिन राजू तो जैसे आज ही अपने डर से जीतना चाहता था वह अपने एक हाथ के अंगूठे से अरुणा के होथ पर फिराने लगता है और फिर अचानक अरुणा की गर्दन पर एक बार फिर से काट लेता है और मदहोशी में आकर अपने हाथ को अरुणा की बुर के ऊपर रख अरुणा की बुर को कस कर भींच लेता है और नीचे से जोरदार धक्का लगा देता है जो जिससे अरुणा राजू का मोटा लण्ड अपनी गांड़ पर और राजू का हाथ अपनी बुर पर महसूस कर झड़ने पर मजबूर हो जाती है।​

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और जब अरुणा जैसे ही अपने होश में आती है वह राजू को एक थप्पड़ जड़ देती है जिसे सिर्फ ड्राइवर ही देख पाता है और अरुणा एक बार गुस्से से ड्राइवर की ओर उस शीशे में देखती है जिससे वह ड्राइवर भी डर जाता है और वह अपना शीशा घुमा लेता है।​


इधर राजू अपना गाल सहलाने लगता है और फिर राजू शांत होकर बैठ जाता है वही अरुणा अभी भी राजू की गोद पर ही बैठी होती है लेकिन अब दोनो ही शांत हो गए थे जहां अरुणा का पानी निकल चुका था वही राजू अरुणा का तप्पड़ खाकर शांत हो गया था​


ड्राइवर...कमला भाभी यहां पर हमे कितना समय लगने वाला है क्या वो लोग आ चुके है।​


कमला... पता नहीं भईया ये तो जाकर ही पता चलने वाला है।​


शायद ताऊ ने ड्राइवर को सब बता रक्खा था की हम कहां और क्यूं जा रहे है।​


ड्राइवर...अच्छा भाभी ये लो हम लोग भी पहुंच गए।​


अब वहां पहुंचकर जहां सभी के चेहरे पर खुशी का माहौल था वही पर राजू का मूंह उतरा हुआ था इसलिए वह सारा सामान गाड़ी से निकाल कर रखवा कर दूर खड़ा हो जाता है जिसे देख सोनू इसके पास पहुंचता है और उससे पूछता है....​


सोनू...अरे भाई तू ऐसे सड़ा सा मुंह बनाए क्यूं सबसे दूर क्यूं खड़ा है अब तुझे क्या हो गया।​


लेकिन राजू उससे कुछ नहीं बोलता और चुपचाप खड़ा रहता है।​


जिसे देख अरुणा को बहुत बुरा लग रहा था...​


अरुणा अपने मन...क्या मैने कुछ ज्यादा ही रिएक्ट कर दिया नहीं मुझे उसे थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था लेकिन उसे भी तो समझना चाहिए था सबके सामने मेरे प्राइवेट पार्ट को हाथ लगा रहा था और मैं उसकी मां समान हूं भला वो मुझे वहां कैसे छू सकता था क्या करू मुझे समझ नहीं आ रहा है अगर ये ऐसे खामोश रहा तो लोग मुझसे ही पूछेंगे प्लीज भगवान इस लड़के का मूड ठीक कर दो अभी मैं इसके सामने नहीं जाना चाहती।​


और फिर अचानक उसे राधा की याद आती है तो वह राधा से राजू का मूड ठीक करने की बात करती है जिस पर राधा भी एक बार अरुणा को सवालों की नजरों से देखती है लेकिन अरुणा के लिए राधा को संभालना बहुत ही आसान था इसलिए वह राधा को राजू के डर का कारण बता देती है जिसे राधा भी सच मान जाती है क्यूंकि राधा भी जानती थी की राजू सिर्फ अरुणा से ही डरता है।​

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
गाडी में अरुणा भाभी जिससे राजू डरता हैं वोही राजू की गोद में बैठ गयी गाडी के हिलने डुलने से राजू का लंड खडा होकर उसकी गांड में चुभने लगा
अरुणा और राजू गरम हो गये ड्रायव्हर ने भी अपना काम बखुबी निभाते हुए गाडी उभड खाबड तरीके से चला कर आग में पेट्रोल डालने का काम किया नतिजा अरुणा भलभलाके झड गयी और राजू को थप्पड जड दी बेचारा राजू नाराज हो कर एक बाजू खडा हो गया
अब देखते हैं अरुणा, राधा और सोनू राजू को कैसे मनाते हैं अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Habibi@

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Nice update
 
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chivalry234

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Next update Bhai
 
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Deepaksoni

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Superb bhai kya khub likha h aap ne
Aruna ki bur raju ne masal di jiske karan wo jhar gyi or raju ko tapad mar di ab raju naraj h agle update me dekhte h ki aruna raju ka lauda legi ya radha ke maje sonu lega
 
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Enjoywuth

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Nice one.. Pata nahi bhai.. Majne bhi aise kahin bar kuch ko apni gaoud mai bithya par kahi aisa nahi hua mere sath
 

fuckerg

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Thanks to all aap sabhi ki pratikriyaa se mujhe bahut khushi mahsoos ho rhi hai or ab main or adhik samay nikalne ki koshish karunga taki apna best result de saku baki iss story ko likhne me baki stories ke apeksha mujhe jyada sochna or samay nikalna pad rha hai kyuki Raju ke prattek dilogue romantic erotic and double meaning Wale hote hai to wo lines ko bhi connect rakhne ke liye adhik sochna padta hai khair koi nhi ek writer ka kaam hi hota hai mushkilo ka samna karna ok good night
 

fuckerg

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I want a favour you guys can tell me your fantasies according to Village or some life accident in I like the situation and if the situation will match accordingly in this story than definitely you guys can see those action in lalten 2.0

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Thanks
 
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