Ajju Landwalia
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अभी तक आपने पड़ा, किस तरह लाला ने राजेश को अपने जाल में फसाने का प्लान बनाया है।
जब राजेश दोपहर में लाला के घर गया तो उसे घर में कोइ नजर नहीं आया, उसने लाजो को आवाज़ पुकारा,,,
कुसुम अपने कमरे में अपनी बच्ची को दूध पिला रही थी। वह अपनी बच्ची को दूध पिलाते हुए कमरे से बाहर आई उसकी ब्लाउज खुले हुए थे उसकी चूची एकदम नंगी थी। एक चूची बच्ची पी रही थी।
कुसुम _अरे देवर जी तुम आ गए।
राजेश _लाजो घर में नही है क्या?
कुसुम _अरे देवर जी, लाजो तो मां जी के साथ शहर गई है, कुछ सामान खरीदने।
राजेश _अच्छा, मैं चलता हूं भाभी, जब लाजो आ जाएगी तो फोन करने के लिए कहना मैं आ जाऊंगा।
कुसुम _अरे देवर जी अब आ गए ही तो और कहा जाओगे। उन लोगो के आने तक हमसे बतियालो।
रुको हम बच्ची को सुलाकर आते है?
कुसुम अपनी बच्ची को सुलाकर वापस आई।
कुसुम _देवर जी मैं आपके लिए चाय बना दू।
राजेश _भाभी, यूं अकेले हम दोनो का घर में रहना ठीक नहीं। मैं चलता हू।
कुसुम की ब्लाउज अभी भी खुला huwa था।
वह राजेश के गले में अपनी बाहें डाल कर बोली।
कुसुम _क्यूं देवर जी मैं आपको अच्छी नहीं लगती क्या? आप डर काहे रहे हो।
हाय जब से तुम्हारा हथियार देखा है, बेचैन हूं। रात में ठीक से सो नहीं पाया। सारी रात करवट बदलती रही। ऐसा हथियार पहली बार देखा है। ऐसा मौका बार बार नही मिलता।
राजेश _भाभी ये गलत है, ललित भैया तो बड़े अच्छे है, उन्हे आपको धोखा नही देना चाहिए। मुझे जाने दो।
कुसुम _मेरे तरफ अच्छे से देखो, क्या मैं खूबसूरत नही? बोलो,,
राजेश _भाभी आप तो बहुत सुंदर है,, और,,
कुसुम _और क्या देवर जी?
राजेश _और काफी गर्म भी,, पर अपने अच्छे पति को धोखा देना ठीक नहीं, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
कुसुम _मेरे पति तो है पर बिस्तर में कमजोर है, बहुत जल्दी ढेर हो जाते हैं। हाय क्या बॉडी है तुम्हारी, एकदम हीरो लगते हो, और तुम्हारा हथियार भी किसी अंग्रेजी फ़िल्म के हीरो के हथियार के टक्कर का है। कल मैंने देखा कितनी देर तक चूसने के बाद तुम झड़े तुम्हारे भैया तो मुंह में लेते ही झड़ जाता है। देवर जी एक बार मेरी प्यास बुझा दो । एक असली मर्द से चुदाने में कैसा मजा आता है मैं महसूस करना चाहती हूं। क्या तुम अपनी भाभी की इतनी सी इच्छा पूरी नहीं करोगे।
देखी मेरे दूध से भरे चूचे क्या तुम्हे आकर्षित नही करते।
बोलो।
राजेश _भौजी आपके चूचे तो कमाल के है, हर कोइ इसे पीना चाहे, पर मुझे ये ठीक नही लग रहा।
कुसुम _जानते हो, देवर जी एक सच्चा मर्द कौन होता है? एक सच्चा मर्द वही है जो एक प्यासी औरत की प्यास बुझाए, मैं आपसे प्रणय निवेदन कर रही हूं। मेरे ये चूचे तुम्हे दूध पिलाने बेताब है, बेकार में समय न गवाओ।
कुसुम ने राजेश के ओंठ को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरु कर दिया।
एक हाथ से राजेश का land सहलाने लगा।
कुसुम की हरकत से राजेश भी गर्म होने लगा, आखिर वह भी मर्द है, सेक्सी गर्म औरत अपनी चूचे खोल ओंठ चूस रही थी आखिर कब तक वह अपने को रोक पाता, वह भी कुसुम का साथ देने लगा
कुछ देर तक एक दूसरे का ओंठ चूसने के बाद। कुसुम ने राजेश का सिर पकड़ कर अपनी चूचों पर झुका दिया।
राजेश ने अपना कुसुम की चूंची मुंह में लेकर चूसने लगा मसल मसल कर दूध पीने लगा।
कुसुम सिसकने लगी, कुछ देर दूध पिलाने के बाद कुसुम नीचे बैठ गया और राजेश के पैंट का चैन खोल कर उसका लंद बाहर निकाल लिया, फिर उसे मुंह में लेकर चूसने लगी।
इधर राशन दुकान में लाला जी गांव के लोगो को राशन बांट रहा था। दुकान में शक्कर खत्म हो गया।
लाला जी ने गांव वालो से कहा, दुकान में शक्कर खत्म हो गई है। शक्कर की बोरी घर में रखा huwa है।
नौकर आज छुट्टी में है, नही तो घर से शक्कर की बोरी मंगा लेता। देखो आप लोग शक्कर कल ले जाना।
कुछ लोगो ने कहा _लाला जी हम रोज रोज, राशन लेने नही आ सकते हमे भी रोजी मजदूरी करने जाना पड़ता है, आज ही दे देते तो अच्छा होता।
लाला _अगर ऐसी बात है तो चलो मेरे घर आप लोगो को वही शक्कर दे दूंगा।
गांव वाले _ठीक है लाला जी चलिए आप के घर से ही शक्कर उठा लेते है।
वहा मौजूद सभी लोग लाला के घर की ओर जाने लगे।
इधर कुसुम राजेश का लंद चूस कर लम्बा और मोटा कर दिया।
वह राजेश को वही बरामदे में ही पीठ के बल लिटा दिया। फिर अपनी चड्डी उतार दी और राजेश के लंद को पकड़ कर उसे अपनी योनि के मुख पर रख कर बैठ गई।
राजेश का लंद सरसराता huwa अंदर चला गया।
कुसुम राजेश के लंद पर उछल उछल कर chudne लगी।
वह तब तक उछलती रही जब तक वह झड़ न गई। झड़ने के बाद वह राजेश की बाहों में कुछ देर पड़ी रही उसके बाद वह राजेश को फिर चूमने लगी। वह राजेश को अपने ऊपर ले ली और खुद नीचे हो गई।
तभी लाला जी गांव के लोगो को लेकर घर पहुंच गया।
कुसुम को उनके आने की आहट सुनाई पड़ी।
वह बचाओ बचाओ,, करके चिल्लाने लगी, वह अपनी हाथ पैर चलाने लगी।
राजेश को छुड़ाने की कोशिश करने लगी,,
गांव वाले वहा पहुंचे,, दोनो को आपत्ति जनक हालात में देखे,
कुसुम चीख चिला रही थी, छोड़ दो मुझे,, कोइ बचाओ मुझे इस जानवर से,,,
राजेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था की भाभी को अचानक क्या हो गया।
राजेश, कुसुम को छोड़कर खड़ा हो गया।
कुसुम उठी और भागते हुवे लाला जी से लिपट गई।
कुसुम _बाबू जी अच्छा हो गया जो आप आ गए नही तो, राजेश मेरा इज्जत लूट लेता,,,।
गांव वाले भी अचंभित थे, कि राजेश ऐसा कर सकता है। उसे तो गांव का मसीहा समझते थे और गांव की बहु के साथ, छी इतनी गंदी हरकत।
लाला _गांव वालो आप सभी ने देखा न ये राजेश मेरी बहु के साथ कितनी गंदी हरकत कर रहा था। अगर हम लोग यहां नही आते तो ये हवस के पुजारी मेरे घर की इज्जत को लूट लेता, ऐसे हवसी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
गांव वाले एक दूसरे का मुंह देखने लगे। उन्हे समझ नहीं आ रहा था।
की वे क्या कहे? राजेश की हरकत से वे भी सदमे में थे।
लाला _मुझे इंसाफ चाहिए, इस हवस के पुजारी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
भाईयो चलो सरपंच की यहां, उनसे इंसाफ मांगते है।
राजेश, वहा से चला गया, और गांव की मंदिर पर जाकर बैठ गया। किसी सोच में डूब गया।
इधर लाला कुसुम और गांव के लोग सरपंच के घर पहुंच गए।
कुसुम रो रही थी,,
सरपंच _क्या बात है, तुम लोग इकट्ठा होकर क्यू यहां आए हो? लाला जी ये तुम्हारी बहु है न क्यों रो रही है ये।
लाला जी _सरपंच जी, ये दुखियारी, रो रही है क्यू की किसी ने इसकी इज्जत लूटने की कोशिश किया है?
सरपंच _कुसुम किसने तुम्हारे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश किया।
कुसुम रोते हुए बताने लगी,,,
राजेश ने मेरी इज्जत लूटने की कोशिश की, अगर गांव वाले समय पर नही आते तो मैं किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहती।
सरपंच _क्या? राजेश ने ऐसा किया?
लाला _सरपंच जी हमे इंसाफ चाहिए। राजेश को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, उसने मेरे घर की इज्जत को लूटने की कोशिश किया है?
सरपंच ने वहा उपस्थित लोगो से पूछा,,
सरपंच _क्या लाला जी जो कह रहा है वो सच है, क्या तुम लोगो ने भी राजेश को कुसुम के साथ जबरदस्ती करते देखा है।
एक महिला बोली,,
महिला _हां, सरपंच जी, हमे तो अभी भी अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा है, पर ये सब हमने अपनी आंखो से देखा। कुसुम खुद को राजेश की चुंगल से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और राजेश इसके साथ जबरदस्ती करने की।
लाला _सरपंच जी, हमे इंसाफ चाहिए।
तभी वहा राजेश के चाचा भी पहुंच गया। लोगो ने उन्हे राजेश के हरकतों के बारे में बताया। राजेश के चाचा माधव प्रसाद राजेश को लेकर चिन्ता में पड़ गए।
लाला _सरपंच जी आप खामोश क्यूं है? क्या इसलिए की अपराधी आपका भतीजा है? आपको हमे इंसाफ देना होगा? अपराधी को सजा मिलनी ही चाहिए क्यों भाईयो?
कुछ लोगो ने लाला का समर्थन किया।
सरपंच _अगर राजेश ने अपराध किया है तो उसकी सजा उसे जरूर मिलेगी।
आज रात पंचायत का बैठक रखा जाएगा। इंसाफ वही होगा।
अभी आप लोग अपना घर जाइए।
सभी लोग अपना घर लौट गए।
लाला, और कुसुम जब घर पहुंचे तो लाजो और ललिता घर आ चुके थे।
ललिता _अजी, तुम बहु को लेकर कहा गए थे।
कुसुम _रोते हुवे बोली, मां जी राजेश ने मेरी इज्जत लूटने की कोशिश किया, अगर गांव वाले समय पर नही आते तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहती। वह अपनी सास से लिपट कर रोने लगी।
लाला _हम सरपंच के पास, इंसाफ मांगने गए थे।
ललिता _मुझे तो राजेश के नियत पर पहले ही शक था, पहले ही दिन से हम पर बुरी नियत रखता था आज मौका मिला तो फायदा उठाना चाहता था।
लाजो _राजेश भैया ऐसा नहीं कर सकता। जरूर आप लोगो को कोइ गलत फहमी huwa है।
कुसुम _मैं भी राजेश तुम्हारी तरह अच्छा लडका समझती थी और उससे हसी ठिठोली कर लेती थी, पर वह एक हवसी निकला, मुझे अकेला पाकर मुझ पर टूट पड़ा।
वह दिखावटी रोने लगी।
ललिता _बहु, चुप हो जाओ, राजेश को उसकी करतूत की सजा जरूर मिलेगी।
लाजो अपने कमरे में जाकर, लेट गई, और सोचने लगी की राजेश भैया ये आपने क्या किया?
लाजो के जाने के बाद, तीनो अपने चाल को कामयाब होते देख बहुत खुश हो गए।
इधर यह बात, की राजेश ने कुसुम की इज्ज़त लूटने की कोशिश किया, पूरे गांव में जंगल में आग की तरह फैल गए।
गांव के सभी लोग चिंतित हो गए, कोइ आया था जो गांव की भलाई करने, लोगो को उनसे काफी उम्मीद थी। पार इस घटना ने सबको चिन्ता में डाल दिया।
जब भुवन और उसके घर वालो को इस बात का पता चला तो वे राजेश को ढूंढने लगे।
भगत को किसी ने बताए की वह मंदिर में बैठा है।
पदमा _भगत बेटा जाओ राजेश को घर ले आओ, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है, पता नही अब क्या होगा?
भुवन मां मैं तुम चिन्ता न करो, मुझे तो लाला की कोइ चाल लगता है? अगर ऐसा huwa तो साले को में नही छोडूंगा।
मैं राजेश को लेकर आता हूं।
राजेश मंदिर पहुंचा।
भुवन_राजेश, गांव वाले क्या कह रहे हैं, एक बार कह दो की ये सब झूठ है, मैं उस साले लाला को छोडूंगा नही।
राजेश _भैया, गलती मुझसे हुई है, मैं भाभी को अकेला पाकर बहक गया था।
भुवन _राजेश ये तू क्या कह रहा है?
राजेश _हां भैया ये सच है!
भुवन _राजेश, तुम चिन्ता मत करो, तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा। चलो घर चलो, घर वाले तुम्हे लेकर बहुत चिंतित हैं।
राजेश भुवन के साथ घर चला गया।
घर जाने के घर के सभी लोग, इकट्ठा हो गए।
पदमा _राजेश बेटा, ये गांव वाले क्या कह रहे हैं? तुम पर कुसुम ने जबरदस्ती करने का इल्जाम लगाया है? क्या सच में तुमने उसके साथ जबरदस्ती किया है?
राजेश खामोश रहा!
पदमा _बेटा बोलता क्यूं नही?
भुवन _मां राजेश वैसे भी परेशान हैं? उससे सवाल पूछकर उसे और परेशान मत करो। जाओ सभी अपने काम करो। जो होगा रात पंचायत में देख लेंगे! मैं राजेश को कुछ नही होने दूंगा।
राजेश तुम अपने कमरे में जाकर आराम करो।
में दोस्तो से मिलकर आता हूं।
राजेश अपने कमरे में जाकर आराम करने लगा, इधर भुवन, अपने दोस्तो के पास जाकर राजेश को इस मुसीबत से कैसे बाहर निकाला जाए, पर दोस्तो से राय लेने, लगा।
इधर चाय लेकर पुनम, राजेश के कमरे में पहुंची।
पुनम _देवर जी, क्या सच में तुमने कुसुम के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की, अगर ये सच है तो मेरे दिल को बहुत ठेस लगेगा।
तुम्हे करने की इच्छा हो रही थी, तो हम लोगो से बोलते, मैं, मां जी और ज्योति दी, तुम्हे मना करते क्या?
क्या जरूरत थी, कुसुम के साथ जबरदस्ती करने की।
राजेश _सॉरी भाभी, मैं बहक गया था।
पुनम _सॉरी बोलने से क्या बिगड़ी बात बन जाएगी, हम लोगो के दिल को जो ठेस लगा है, हम बता नही सकते। पता नही पंचायत क्या फ़ैसला सुनाएगा।
राजेश _पंचायत जो भी फ़ैसला सुनाएगा वो तो मानना पड़ेगा।
आखिर शाम सात बजते ही सभी लोग पंचायत भवन में इकट्ठा होने लगे।
जब सभी लोग इकट्ठा हो गए, पंचायत की कार्यवाही शुरू की गई।
सरपंच _आज का बैठक क्यू रखा गया है? आप सभी को पता होगा?
लाला जी ने इल्जाम लगाया है कि राजेश ने उसकी बहु के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश किया है। वह पंचायत से इंसाफ चाहता है।
पंचायत के बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा,,
कुसुम बेटी _तुम्हारे साथ क्या हुआ है, पंचायत को सारी बाते सच सच बताओ।
कुसुम _राजेश, लाजो को ट्यूशन पढ़ाने पिछले एक माह से हमारे घर आता था। हमे क्या पता था कि इनके नियत में खोट है। आज जब वह ट्यूशन पढ़ाने घर आया तो माजी और लाजो शहर गई हुई थी।
मैं घर में अकेली थी।
मैने राजेश से कहा कि घर में अभी कोइ नही है मैं अकेली हूं तुम बाद में आना जब लाजो आ जाए।
तब राजेश ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया, और कहा भाभी, मैं तुमसे प्यार करता हूं।
तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
मैने कहा की देवर जी मैं किसी और की अमानत हूं। मैं एक पतिव्रता नारी हूं।मैं अपनी पति के सिवा किसी और मर्द के बारे में सोच भी नहीं सकती।
पर राजेश नही माना, बोला, भाभी ऐसा मौका बार बार नही मिलता। अगर तुम मुझे अपनी मर्जी से करने नही दोगी तो तुमसे जबरदस्ती करूंगा।
मैने उसने हाथ पैर जोड़े की यहां से चला जाए, और मुझे छोड़ दे पर वह नही माना और मुझसे जबरदस्ती करने लगा। तभी घर में बाबू जी और कुछ गांव वाले घर पहुंच गए, तब मेरी इज्जत बच पाई, नही तो मैं आज किसी को अपनी मुंह दिखाने लायक नहीं रहती। कुसुम रोने लगी।
लाला _राजेश ने मेरे घर की इज्जत को लूटने की कोशिश किया है, हमे पंचायत से इंसाफ चाहिए।
एक पंच _लाला जी कौन कौन लोग थे जिसने राजेश को आपके बहु के साथ जबरदस्ती करते देखा है।
लाला _बहुन्त से लोग थे जी, बताओ भाई, आप सभी ने देखा कि नही राजेश को जबरदस्ती करते।
पंच _अच्छा मंगलू तुम बताओ तुम ये बताओ की लाला के घर क्यू गए थे और उसके घर में क्या देखा।
मंगलू _जी हम लोग राशन लेने लाला जी के दुकान गए थे। पर दुकान में चीनी खत्म हो गया है। चीनी की बोरी घर में रखा है, नौकर आज छुट्टी में है, लाला जी ने चीनी कल ले जाने को कहा, तब हममें से कुछ ने कहा की हमे भी रोजी मजदूरी करने जाना होता है हम रोज राशन लेने नही आ सकते तब लाला जी ने कहा कि अगर ऐसा है तो मेरे घर चलो वही से चीनी ले जाना तब हम सभी लाला जी के साथ उसके घर चले गए।
जब हम लाला जी के घर पहुंचे तो लाला की बहु चीख चिल्ला रही थी, मदद मांग रही थी। राजेश लाला के बहु के ऊपर था। लाला की बहु खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
लाला _अब तो आप लोगो ने सुन लिया न, अब इस हवस के पुजारी को कड़ी से कड़ी सजा दो।
सरपंच _राजेश, तुम्हे कुछ कहना है इस बारे में।
राजेश _नही, सरपंच जी, मुझे कुछ नही कहना है।
सरपंच _इसका मतलब क्या तुम अपना जुर्म कबूल करते हो।
लाला _अरे भाई, चोर से पूछोगे कि क्या उसने चोरी किया है? तो क्या वो हा बोलेगा।
अब फालतू समय खराब न किया जाए। ओर इस अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाय।
सरपंच _इस मामले में किसी को कुछ बोलना है?
भुवन,_अगर पंचायत की इजाजत हो तो मैं कुछ कहना चाहता हूं।
बूढ़ा पंच _क्या कहना चाहते हो, अपनी बात रख सकते हो।
भुवन _मुझे ऐसा लगता है की राजेश के साथ कुछ धोखा huwa है? पर वह कुछ कहना नही चाहता।
राजेश ने गांव के भलाई के लिए बहुत से कार्य किए है उसका हम गांव वालो पर अहसान है। राजेश भी एक इन्सान है और जवान है, ऐसी उम्र में गलती हो जाती है। राजेश ने गांव के भलाई के लिए जो काम किए है उसे ध्यान में रखते हुए उसे एक मौका देना चाहिए।
क्यू भाईयो?
भुवन के दोस्तो और अधिकांस लोगो ने भुवन की बातो का समर्थन किया।
लाला _इंसाफ सबके लिए एक समान होना चाहिए जी। तुम इस लिए उसके पक्ष में बोल रहे हो क्यू की अपराधी तुम्हारा भाई है, और सरपंच का भतीजा है?
अगर पंचायत से इंसाफ नहीं मिला तो पंचायत पर विश्वास कौन करेगा। फिर सभी लोग अपनी मनमानी करेंगे। कुछ अच्छे काम करने की आड़ में बहु बेटियो की इज्जत से खेलेंगे।
सरपंच _सभी पक्षों की बातो को हमने ध्यान से सुन लिया है अब कुछ समय के बाद पंचायत अपना फ़ैसला सुनाएगी।
तब तक आप सभी से आग्रह है की शांति बनाए रखे।
कुछ देर तक पंचायत के सभी सदस्य आपस में विचार विमर्श किए। उसके बाद किसी फैसले पर पहुंचे।
सरपंच _देखिए, पंचायत ने दोनो पक्षों की बातो पर विचार विमर्श करने के बाद जी फ़ैसला लिया है वह यह है कि राजेश ने कुसुम के साथ जबरदस्ती किया है इसलिए जैसे आप सभी को पता है की किसी महिला के साथ जबरदस्ती करने वाले का मुंह काला कर उसे गधे पर बिठाकर गांव से सदा के लिए निकाल दिया जाता है, राजेश को भी वही सजा मिलनी चाहिए किंतु राजेश ने गांव की भलाई के लिए जो किया है उसे भी भुलाया नहीं जा सकता, अतः पंचायत ने फ़ैसला लिया है कि, राजेश का मुंह काला कर उसे गधे पर नही बिठाया जायेगा, परंतु राजेश को इस गांव को छोड़कर सदा के लिए जाना पड़ेगा।
तभी वहा पर लाजो पहुंची,,,
लाजो _रुकिए सरपंच जी, राजेश को सजा सुनाने से पहले मेरी बातो को भी सुन लिया जाए।
लाला _लाजो बेटी तुम, तू यहां क्या करने आई है। जाओ घर जाओ।
लाजो _सरपंच जी, पंचायत के सामने अपनी बात रखना चाहती हूं।
सभी लोग लाजो की ओर देखने लगे, और उनके मन में प्रश्न उठने लगे की आखिर लाजो क्या कहने आई है।
सरपंच _लाजो तुम क्या कहना चाहती हो? अपनी बात बिना किसी डर के रखो।
लाजो _सरपंच जी मैं यह बताने आई हूं की राजेश भैया बेकसूर है।
सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए।
सरपंच _ये तुम कैसे कह सकती हो कि राजेश बेकसूर है।
लाजो _दरअसल यह मेरे मां बाबूजी और भाभी की चाल थी, राजेश भैया को फसाने की।
यह बात राजेश भैया को भी पता था की मेरी मां और भाभी उसे फसाना चाहते हैं।
लाला _सरपंच जी लगता है मेरी बेटी को किसी ने डराया धमकाया है वह अभी बच्ची है उसकी बातो को न सुनी जाए।
सरपंच _लाजो, तुम क्या कहना चाहती हो, सारी बाते अच्छे से बताओ।
लाजो _मैने एक दिन, मां बाबू जी और भाभी की बाते सुन ली थी की वे राजेश भैया को फसाना चाहते हैं, राजेश भैया को मैने यह बात बताई थी। मैने उनसे कहा भी था कि वह ट्यूशन पढ़ाने मेरे घर न आए मैं ट्यूशन पढ़ाने न आए।
राजेश भैया ने कहा कि मुझे भी इन लोगो की हरकत संदिग्ध लगता है पर तुम्हे मेरी मदद की जरूरत है। इसलिए मैं तुम्हे ट्यूशन पढ़ाना बंद नही करूंगा। आखिर मैं भी देखना चाहता हूं कि ये लोग किस हद तक जा सकते है।
लाला _लगता है राजेश ने मेरी बेटी को बहलाया फुसलाया है, इनकी बातो को नही मानना चाहिए।
सरपंच _लाजो क्या तुम्हारे पास कोइ सबूत है की इन लोगो ने राजेश को फसाना चाहते थे।
लाजो _हां, मेरे पास सबूत है, मैने इन लोगो की बातो को मोबाइल पर रिकार्ड की है।
मुझे लगा था की राजेश भैया के साथ कुछ गलत न हो इसलिए मैंने इन लोगो की बातो को रिकार्ड कर लिया। आप लोग सुन सकते हो।
सरपंच _मोबाइल में जो बाते रिकार्ड है उसे पंचायत को सुनाया जाए।
लाजो ने अपना मोबाइल पे रिकार्ड को चलाने लगी।
रिकार्ड चलाए जाने के बाद स्पष्ट हो गया की किस तरह राजेश को फसाने का प्लान लाला और बीबी, उसकी बहु ने बनाया।
सरपंच _ला ला जी अब आपको कुछ कहना है?
भुवन _अब ये लाला क्या कहेगा, इसे हमारे हवाले करो, साले की जमकर धुलाई करेंगे। भुवन लाला की गर्दन पकड़ लिया।
सरपंच _भुवन छोड़ो, लाला जी को नही तो पंचायत के अवमानना समझकर तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करेगा।
भुवन ने लाला को छोड़ दिया।
सरपंच _लाला जी, तुमने राजेश पर झूठा इल्जाम लगाया है, तुम्हे पता है ना कि झूठे इल्जाम लगाने वाले को भी वही सजा मिलती है जो अपराधी को।
लाला _सरपंच जी मुझे माफ कर दीजिए, मुझसे गलती हो गई।
सरपंच _अब तो पंचायत ही फैसला करेगी की तुम्हे क्या सजा दिया जाय?
भुवन _फ़ैसला सबके साथ समान होता है जी, इन सबका मुंह काला कर गांव से निकाला जाए।
बूढ़ा पंच _लाला, आखिर तुम राजेश को फसाना क्यू चाहते थे।
लाला खामोश रहा।
लाजो _बापू क्या बताएंगे, मैं बताती हूं, ऐसा ठाकुर के कहने पर किया गया। क्यू की ठाकुर राजेश को अपना शत्रु समझता है उसे गांव से निकालना चाहता है।
सरपंच _लाला जी पहले भी कुछ महिलाओं से शिकायत मिली थी की तुम गरीब महिलाओं का फायदा उठाते हो, पर तुम्हारे खिलाफ कोइ सामने नही आया इसलिए तुम बचते रहे।
अब जो अपराध आपने किया है उसके लिए तो आपको सजा मिलेगी ही,,,
सरपंच _राजेश तुम सब जानते हुवे भी अब तक खामोश हो, तुम्हे अब भी कुछ नहीं कहना है।
राजेश _मैं जानता था कि मुझे लाला फसाना चाहता है पर अगर मैं यह बात पहले ही आप लोगो को कह देता तो हो सकता है आप लोग मेरी बात नही मानते, और मेरे पास कोइ सबूत भी नहीं था, मैं लाजो को अपनी मां और बाबू जी के खिलाफ बोलने के लिए भी नही कह सकता था। इसलिए मैं चुप रहा।
जहा तक लाला जी को सजा देने की बात है तो अगर आप लोग मेरा सम्मान करते हैं तो इन्हे छोड़ दिया जाए।
मैं यह जानते हुए भी की लाला जी ने अब तक जो किया है बहुत गलत किया है, पर लाला जी का भी इस गांव की को अभी जरूरत है।
लाला _राजेश बेटा, मैं तुम्हे फसाना चाहता था फिर भी तुम मुझे बचाना चाहते हो, सच में तुम इन्सान नही कोइ फरिस्ते हो। मुझे सजा मिलनी ही चाहिए मैने सच मैं एक बहुत बड़ा अपराध किया है। गरीब महिलाओं का भी फायदा उठाया है। मैं पापी हूं।
मुझे पंचायत जो भी सजा देगी मुझे मंजूर होगा।
पंचायत के सदस्यों ने आपस में विचार विमर्श किया। कुछ देर बाद सरपंच ने फ़ैसला सुनाया।
सरपंच _लाला जी ने अपना अपराध कबूल लिया है। पर राजेश ने पंचायत से उसकी अपराध क्षमा कर देने का निवेदन किया है।
राजेश के निवेदन पर विचार करते हुए लाला और उसके परिवार को माफ किया जाता है परंतु भविष्य ने लाला जी को लेकर कोइ शिकायत आता है तो उसे गांव छोड़कर जाना होगा।
लाला राजेश के कदमों में गीर कर उससे क्षमा मांगने लगा और सबके सामने उसने वादा किया की आगे वह कोइ गलत कार्य नही करेगा। साथ ही उसने घोषणा किया की स्कूल से लगी उसकी पांच एकड़ जमीन वह स्कूल को दान करेगा।
उसके बाद सभी लोगो ने राजेश बाबू की जय के नारा लगाने लगे।
सभी लोग अपने अपने घर चले गए।
घर जानेके बाद पदमा ने राजेश का आरती उतारा, मेरे बेटे को किसी नजर न लगे। मेरे बेटे के पीछे बहुत से दुश्मन पड़े हुवे है।
घर के सभी लोग खुश थे।
अगले दिन राजेश फिर दोपहर में लाला जी के घर पहुंचा, आज आखिरी दिन था कल लाजो की परीक्षा थी।
राजेश _लाजो आज, मां जी और भाभी दिखाई नही दे रहे है।
लाजो _भैया दोनो कमरे में आराम कर रहे है?
राजेश _आज माहौल कुछ ठंडा ठंडा लग रहा है, आज आखिरी दिन है इतने दिनो तक मुझे अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अपने अंगो का प्रदर्शन किया। मुझे गर्म किया आखिरी दिन,,, मजा नही आ रहा है।
लाजो _भैया, तो बुला लो ना भाभी को माहौल गर्म करने, हंसते हुए बोली,,
लाजो _भाभी ओ भाभी,,
कुसुम कमरे से बाहर आई,,
राजेश _अरे भाभी आप हमसे नाराज हो क्या?
कुसुम _नही देवर जी हम अपने किए पर शर्मिंदा है न इसलिर आपके सामने नही आना चाहते थे ।
राजेश _अरे भाभी जो huwa उसे भुल जाओ।
आज हमारे लिए चाय नही बनाओगी।
कुसुम _अभी बनाती हूं देवर जी।
राजेश _पर आज हम गाय की दूध वाली चाय नही पियेंगे।
कुसुम _तो,
राजेश _आज तो आपकी दूध की चाय पियेंगे, राजेश ने कुसुम को अपनी गोद पर बिठा लिया।
कुसुम शर्माने लगी,,
राजेश _लाजो जाओ गिलास लेकर आवो, भाभी का दूध निकालेंगे ।
लाजो _अभी लाई भैया।
आगे अगले अपडेट में,,,
Bahut hi shandar update he rajesh bhagat Bhai,
Lala aur uski bahu ne plan to bahut hi badhiya banaya tha................
Lekin lajo ki himmat ne is sab par paani fer diya...........
Khair ab rajesh kusum se sare badle gin gin ke lega..........
Keep rocking Bro