Rajesh Bhai acha update tha but ab aap rajesh aur nisha par thoda concentrate karo...लंदन में निशा और सीमा ने कालेज में एडमिशन ले ली। वे कालेज जाने लगे। कालेज से आने के बाद वे पढ़ाई के साथ साथ अपने फूफा जी के से बिजनेस के गुर सीखने लगे।
एक दिन कालेज के कैंटीन में दोनो कॉफी पी रहे थे। तभी एक लडका उन दोनो के पास आया।
लडका _हाय।
आप लोगो ने मुझे पहचाना,,
सीमा _तुम तो हमारे क्लास में ही हो न,,
लडका _जी आपने सही कहा।
लडका _मेरा नाम आर्यन है। आप दोनो इंडियन है? मुझे इंडियन बहुत अच्छे लगते है।
मैं आप लोगों को जब देखा तभी से बात करना चाहता था।
सीमा _पर आप लोगो को इंडियन क्यू पसंद है।
आर्यन _इसका एक कारण है, मेरे डैड एक इंडियन है, मेरे डैड यहां पढ़ाई करने के लिए दिल्ली से यहां आए थे, कालेज में ही उसे मेरी मोम जो एक इटालियन है से प्यार हो गया।
सीमा _फिर।
आर्यन _मेरे डैड पढ़ाई पूरी होने के बाद यहीं रहकर अपना बिजनेस शुरू किया। और आज यहां का सबसे कामयाब बिजनेस मैन है।
सीमा _ओह।
आर्यन _आप दोनो यहां नई है, अगर कोइ मदद की जरूरत हो तो मुझे बताना, मुझे खुशी होगी। वैसे आप लोग कहा रहती है।
सीमा _ये मेरी सहेली निशा है?
आर्यन _हाई निशा जी।
निशा उसकी ओर देख कर थोड़ी झूठी मुस्कान ला दी।
सीमा _निशा की बुवा यहां रहती है हम उन्हीं के यहां रहते हैं।
आर्यन _ओह।
क्या हम दोस्त बन सकते है?
सीमा _माफ करना, हम लोग लड़को से दोस्ती नही करते। वैसे भी आप हमारे ली एक अंजान ही है।
आर्यन _ओह, जानता हूं इंडियन बहुत संस्कारी होते हैं, पर मैं ऐसा लडका नही हूं, जिसे दोस्त बनाकर आप लोगो को पछताना पड़े। मेरी मोम एक इटालियन जरूर है, पर मैं अपने बाप पर गया हूं। और मोम भी इंडियन रीति रिवाज को मानते हैं। उन्हे भी इंडियन पसंद है तभी शायद उसने मेरे डैड से प्यार की और उससे शादी भी।
तभी क्लास की घंटी लग जाती है।
निशा _बेल लग चुकी है, सीमा अब हमे चलना चाहिए।
आर्यन _हां हा, क्यू नही?
तीनो क्लास की ओर चले गए।
कुछ दिनों तक अवलोकन करने के बाद सीमा को लगा की आर्यन सच में एक अच्छा लडका है।
सीमा, आर्यन और निशा एक साथ उठने बैठने लगे।
निशा बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही बात चीत करती थी।
एक दिन आर्यन ने सीमा से पूछा।
आर्यन _सीमा, आपसे कुछ पूछना था।
सीमा_बोलो क्या पूछना है?
आर्यन_ये निशा जी, काफी शांत स्वभाव की है, बहुत कम बात करती है।
सीमा _हां वो ऐसे ही है?
आर्यन _पर मुझे पता नही क्यू, उसकी खामोशी मुझे कुछ और ही लगता है? ऐसा लगता है जैसे उसके अंदर कोइ दर्द छुपा हो।
सीमा _ऐसी कोई बात नही! ये आपका वहम है।
आर्यन _हो सकता है, यह मेरा एक वहम ही हो।
तभी निशा, जो बाथ रूम गई थी। वहा आ जाती है।
वे तीनों क्लास की ओर चले जाते है।
कालेज से घर आते समय सीमा , निशा से कहती हैं?
सीमा _निशा तुम फाइनली बताओ, तुम राज को भूलना चाहती हो की, उसे एक मौका और देना चाहती।
निशा _अचानक ये क्या सवाल करने लगी।
सीमा _क्यू की तुम्हारा लटका हुआ चेहरा, मुझे अच्छा नहीं लगता। आज तो आर्यन भी पुछ रहा था।
निशा _क्या पुछ रहा था?
सीमा _तुम्हारा चेहरा देखकर, उसे ऐसा लगता है कि तुम् अपने अंदर कोइ दर्द छुपा रखी हो। देखो कब तक ऐसी चेहरा बनाकर घूमेगी।
मुझे भी अब तुम्हारा लटका हुआ चेहरा देखा नही जाता। मुझे लगता है कि राज को तुम भुल नही पाओगी। इसलिए उसे तुम सुधरने का एक मौका देदो।
निशा _नही, मैं उस रंडीबाज को और मौका नहीं दे सकती।
सीमा _फिर, मुंह लटका कर क्यू रहती हो।
निशा _अब भूलने की कोशिश कर रही हूं न? कुछ समय तो लगेगा। निशा चीखते हुए बोली।
सीमा _ओके बाबा सॉरी, मैं तो तुम्हे बस हंसते मुस्कुराते हुवे देखना चाहती हूं, इसलिए बोल पड़ी।
वे दोनो घर पहुंच जाते हैं।
इधर राजेश स्कूल समिति के सदस्यों से मिलकर गांव में फंड इकट्ठा करने में लगा था।
वे फंड इकट्ठा करते, लाला जी के राशन दुकान में पहुंचे।
राजेश _नमस्ते लाला जी।
लाला _अरे राजेश बाबू। आइए बैठिए।
राजेश _लाला जी आपको तो पता ही होगा की हम गांव में घर घर क्यू जा रहे है?
लाला _अरे राजेश बेटा मुझे सब पता है? लगता है गांव का उद्धार आपने हाथो लिखा है। तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो बेटा।
राजेश _धन्यवाद, लाला जी।
लाला जी, आप तो काफी सम्पन्न है आपसे कुछ ज्यादा मदद की कुछ ज्यादा ही उम्मीद है?
लाला जी _गांव की बच्चो को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए मैं भी कुछ मदद कर सकूं यह तो मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होगी बेटा।
राजेश _, ये तो बड़ी अच्छी बात है लाला जी।
लाला ने अपने नौकर से सभी के लिए पास के चाय की दुकान से चाय लाने को कहा।
राजेश _लाला जी, चाय बहुत पी लिए है, चाय को रहने दीजिए मत मंगाइये।
लाला _राजेश बेटा, पहली बार आ दुकान आए हो, ऐसे कैसे रहने दू।
बिना चाय पीए जाने नही देगें, हा।
लाला ने नौकर को चाय लाने भेज दिया।
राजेश _बोलिए लाला जी कितनी की मदद लिख दू।
लाला _राजेश बेटा, मैं स्कूल को पूरे एक लाख की मदद देने के लिए तैयार हूं, पर उसके लिए तुम्हे भी मेरी मदद करनी पड़ेगी?
राजेश _कैसी मदद लाला जी?
लाला _अब क्या बताऊं तुम्हे बेटा, मेरी बेटी लज्जो, 12वो की परिणाम में गणित विषय में पूरक आ गई है। सुना है तुम यूनिवर्सिटी में टॉप किए हो, मेरी बेटी को एक माह ट्यूशन पढ़ा देते तो वह पास हो जाएगी। तुमसे बढ़ी उम्मीद है बेटा। क्या तुम मेरी मदद कर करोगे?
राजेश _लाला जी, मैं लज्जो की गणित विषय में मदद करने तैयार हूं। दोपहर में एक घंटा पढ़ा दूंगा। घर भेज देना।
लाला _अरे बेटा, लड़की जात है वह कहा अकेली पढ़ने किसी के घर जाएगी। तुम ही आ जाना घर एक घंटा पढ़ा देना।
राजेश _ठीक है लाला जी मैं कल से ही दोपहर बाद एक घंटा लज्जो को पढ़ाने आ जाऊंगा।
लाला _ठीक है राजेश बेटा, मैं एक लाख रुपए जब तुम ट्यूशन पढ़ाने आओगे तो ।
राजेश _ठीक है लाला जी।
चाय पीने के बाद, जाने की इजाजत लेकर राजेश और उसके साथी वहा से चले गए।
इधर लाला अपनी चाल को कामयाब होता देख अपने मूछ को ऐंठने लगा।
शाला समिति के सदस्यों ने राजेश से कहा,,
राजेश, ये लाला तो एक नंबर का कमिना इन्सान है। फिर पता नही एक लाख देने कैसे तैयार हो गया? मुझे तो घोर आश्चर्य हो रहा है। कहीं उसकी कोइ चाल तो नही।
राजेश _कैसी चाल हो सकती है?
सदस्य _राजेश बाबू, तुम उसके घर जाओगे लाला के यहां तो सम्हल कर रहना, लाला की कोइ चाल न हो।
राजेश _हूं, अगर लाला की कोइ चाल होगी तो उसे भी देख लेंगे?
अब किसके घर चलना है?
वैसे भी अब लोगो के दोपहर का भोजन का समय हो गया है।
सदस्य _ राजेश बाबू, ये डाक्टर रवि का घर है? रवि क्लिनिक पर नही है वह घर आया होगा।चलो यहीं चलते हैं इसके बाद आज का काम हो जायेगा। कल निकलेंगे।
राजेश _अच्छा ठीक है।
एक सदस्य ने घर का दरवाजा खटखटाया।
इधर रवि घर के अंदर अपने कमरे में अपनी मां रजनी का गाड़ मार रहा था।
रजनी, के मुंह से दर्द से कभी चीख तो आनद में कभी सिसकारी निकल रहा था। आह उन,, आई,, मा,,,,,
आ,, अरे बेटा थोड़ा धीरे कर,,,
रवि _आह, आह,, बहुत मजा आ रहा है मां,,, क्या मस्त गाड़ है आपकी,,,
रजनी को घोड़ी बनाकर दनादन पेल रहा था।
तभी दोनो को दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनाई पड़ी।
रजनी _बेटा कोइ दरवाजा खटखटा रहा है।
रवि _साला कौन आ गया मजा खराब करने?
रवि ने अपने लंद को रजनी के गाड़ से बाहर निकाल लिया। वह हवा में झटके मारने लगा।
रवि _मां तुम जाकर देखो शाला कौन आया है? उसे भगा देना साले को और जल्दी आना? अभी huwa नही है मेरा। अपना लंद हिलाते हुए कहा।
रजनी, रवि को लंद हिलाते हुए देखी और मुस्कुराते हुवे बोली। मैं ऐसे ही जाऊंगी क्या नंगी? मुझे साड़ी पहनने में समय लगेगा।
तुम अपना टावेल लपेट लो और जा कर देखो कौन है।
रवि ने अपना चड्डी पहनकर टावेल लपेट लिया। और बनियान पहनते हुवे,,,
रवि _अरे आ रहा हूं भैया, थोड़ी देर सब्र भी नही कर सकते।
रवि ने दरवाजा खोला,,,
राजेश _नमस्ते रवि भैया,,,
रवि _राजेश तुम , अरे आवो भाई,, आओ अंदर आओ।
रवि राजेश और उनके साथियों को बैठक कक्ष में ले गया।
रवि _अरे यार रवि, बोलो कैसे आना huwa?
अरे मां देखो तो कौन आया?
रजनी _कौन है बेटा? कमरे से बाहर निकलते हुए बोली।
रवि _ये राजेश है?
रजनी _अरे बेटा, राजेश को कौन नहीं जानता।
राजेश _नमस्ते मां जी।
रजनी _नमस्ते बेटा।
तुम लोग बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूं।
रवि _अरे मां राजेश पहली बार हमारा घर आया है? कुछ खाने के लिए हो तो ले आओ।
ठीक है बेटा।
एक सदस्य _अरे रवि भैया हम कबसे, दरवाजा खटखटा रहे थे । लगता है आप सो रहे थे हमने आपके नींद में बाधा डाल दी।
रवि _अभी अभी भोजन करके आराम ही कर रहा था। बोलो राजेश कैसा आना huwa।
राजेश ने रवि को घर उनके घर आने का प्रयोजन बताया।
रवि _यार राजेश जो तुम कर रहे हो ना, हर कोइ नही कर सकता। तुम कोइ साधारण बंदा नही हो।
रवि ने राजेश को अपनी क्षमता अनुसार मदद करने का भरोसा दिलाया।
रजनी ने चाय और नमकीन लेकर आई। चाय और नमकीन का मजा लेने के बाद।
राजेश ने रवि से जाने की इजाजत मांगा।
रजनी के पैर छूकर कहा _अच्छा मां जी हमलोग चलते है?
रजनी _खुश रहो, बेटा, अरे राजेश बेटा तुम तो रवि के दोस्त हो आता रहा करो घर।
राजेश _जी मां जी, जरूर आऊंगा।
राजेश और शाला समिति के सदस्य गण घर चले गए।
इधर रवि राजेश को बाहर तक छोड़ा और दरवाजा बंद कर घर के अंदर गया।
रजनी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया।
रवि ने अपना टावेल और चड्डी निकाल दिया।
रजनी को अपना लंद चूसने कहा।
रवि बेड पर लेट गया था। रजनी बेड पर चढगया और रवि का लंद मुंह में भर कर चूसने लगी।
कुछ देर में ही लंद फिर से शख्त हो गया।
रवि ने रजनी को लंद पर बैठने कहा।
रजनी ने रवि का लंद अपने हाथो से पकड़ कर अपनी boor के छेद में रख कर बैठ गई।
लंद सरसरा ता huwa अंदर चला गया।
अब रजनी रवि के लंद पर उछल उछल कर चुदाने लगी। रवि रजनी की ब्लाउज खोल दिया और रजनी की चूची मसल मसल कर पीते हुवे नीचे से कमर उठा उठा कर लंद को boor में गहराई तक ले जाने की कोशिश करने लगा।
दोनो संभोग के परम सुख को प्राप्त करने लगे।
आइए अब जानते है की रवि और उसकी मां, रजनी के बीच संबंध कैसे बने?
रेखराज रवि के पिता उम्र 47वर्ष।
रजनी उम्र 43 वर्ष।
रवि, रजनी का बेटा 24वर्ष।
रति, रजनी की बेटी 22वर्ष। शादी हो चुकी हैं।
रमा, रजनी की छोटी बेटी 17वर्ष, अभी पढ़ाई कर रही है।
रजनी एक खुबसूरत संस्कारी महिला थी।
रमा के जन्म के बाद वह और बच्चा नही चाहती थी इसलिए उसने कापर टी लगवा ली थी।
रवि के पिता जी, रिखराज खेत का काम सम्हालते है। अभी भी हस्ट पुष्ट है।
अभी भी वह सप्ताह में दो बार रजनी को चोदता था।
रजनी हर 5साल बाद अपना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपना कापर टी बदलवाती थी। जब वह 42की हुई तब, यह सोच कर की अब मुझे गर्भ नही ठहरेगा।
उसने कापर टी निकलवा दी।
उसका नतीजा ये हुआ कि उसे गर्भ ठहर गया।
जब उसे मासिक धर्म समय पर नही आया तो वह एक माह और वेट की फिर भी जब उसे मासिक धर्म नही huwa तो वह समझ गई की वह पेट से हो गई।
6माह पहले की ही बात है।
वह अपनी जब पेट से हुई तो वह यह बात अपने पति को बताया।
रजनी _अजी सुनते हो?
रेखराज _क्या है रवि की मां।
मुझे लगता है कि मैं पेट से हूं। मुझ दो माह से मासिक धर्म नही huwa है।
रेखराज _ये तो बड़ी खुशी की बात है? देखा ने मेरी मर्दानगी को।
रजनी _रहने दो तुम्हारी मर्दानगी।
मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है लोगो को पता चलेगा तो हसेंगे। रवि और रमा पर ताने मारेंगे?
रेखराज _हूं, ऐसी बात है तो बच्चे गिरवा दो।
रजनी _मैं भी यहीं सोच रही थी।
मैं सुबह ही काकी से लक्ष्मण पुर के किसी डाक्टर के पास ले जाने के लिए बोलूंगी।
अगली सुबह रजनी ने पड़ोस की काकी को बताया। उसे किसी डाक्टर के पास ले जाने को बोली,,,
काकी _अरे बहु, घर में डाक्टर के रहते तुम्हे बाहर जाने की क्या जरूरत?
रजनी _काकी तुम क्या कहना चाहती हो मैं समझी नही।
काकी _अरे देखो वो फुलवा है ना कुछ माह पहले वो भी पेट से हो गई थी। वो भी मेरे पास ही आई थी किसी डाक्टर के पास जाने के लिए।
मैं उसे अपना रवि के पास ले गई। रवि ने कुछ जांच किया। फिर उसे कुछ दवाई दिया।
एक सप्ताह में ही सब ठीक हो गया।
घर में डाक्टर के रहते, बाहर जाने की क्या जरूरत? मैं तो कहती हूं की तुम भी रवि को ही दिखा लो।
रजनी _ताई ये तुम क्या कह रही हो, रवि मेरा बेटा है।
उसे ये सब कैसे बता पाऊंगी? मुझे शर्म नही आयेगी। न बाबा मैं रवि के सामने नही जा पाऊंगी?
काकी _अरे रवि, तुम्हारा बेटा है तो क्या हुआ वह डाक्टर भी है। दूसरो का इलाज करता है तो क्या अपनी मां का इलाज नही करेगा?
अब जरा ये सोचो अगर रवि से ये बात छुपाई और कुछ ऊंच नीच हो गया और रवि को यह बात पता चल गया, तो वह तुमसे सवाल नही पूछेगा की यह बात उनसे क्यू छुपाई।
रजनी _काकी, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।
काकी _अरे बहु, ज्यादा सोचो मत तुम रवि से बोल नही पावोगी तो मैं रवि को सब बात अच्छे से बता दूंगी। फिर वह तुम्हे दवाई दे देगा।
रजनी _काकी मुझे तो अभी से बड़ी शर्मिंदगी महसूस होने लगी है मैं रवि के सामने कैसे जाउंगी।
काकी _अरे तुम इलाज कराते तक भुल जाना की रवि तुम्हारा बेटा है। यह सोचना की वह एक डाक्टर से बात कर रही है। अच्छा मैं दोपहर में आऊंगी। जब रवि घर में दोपहर को भोजन करने आएगा। रमा भी स्कूल चली जाती है।
रेखराज भी खेत गया होगा।
तुम चिन्ता करना और शर्म करना छोड़ो।
रजनी _काकी मेरी इज्जत तो अब आपके ही हाथो में है।
दोपहर में रवि भोजन करने घर आया।
वह भोजन करके अपने कमरे में थोड़ा आराम करने लगा।
तभी काकी, रजनी के घर पहुंच गई।
काकी _बहुरिया, रवि घर में है न।
काकी _हां काकी, वह अपने कमरे में है?
काकी रवि के कमरे की ओर चली गई।
जब वह कमरे में पहुंची,,
काकी _अरे रवि बेटा क्या कर रहा है?
रवि _अरे काकी, आप, मैं थोड़ा आराम कर रहा था। कुछ काम था क्या? आओ बैठो।
रवि अपने बेड पर बैठ गया, काकी भी बाजू में बैठ गई।
काकी _हां बेटा मैं कुछ बताने आया था?
रवि _बोलो काकी , क्या बात है?
काकी _बेटा, ये बात तुम्हारी मां के बारे में है?
रवि _क्या huwa मां को ?
रजनी दरवाज़े के पीछे से बाते सुन रही थी बड़ी शर्म महसूस कर रही थी।
काकी _बेटा, तुम्हारी मां पेट से है? इस उम्र में मां बनेगी तो लोग हसेंगे, यह सोचकर बच्चा गिराना चाहती है। वह सुबह मेरे पास आई थी किसी डाक्टर के पास ले जाने बोल रही थी।
मैने कहा, अपने रवि के होते दूसरे की पास जाने की क्या जरूरत?
बेटा वह तुम्हारी मां है न अब ऐसी बात तुमसे कहने में शर्मिंदगी तो महसूस करेगी ही। इसलिए मैं यह बात तुम्हे बताने आई हूं।
जैसे फुलवा का इलाज किया था न वैसे ही तुम अपनी मां की समस्या का समाधान कर दो, बेचारी बहुत चिंतित है।
रवि _काकी, ये तुमने अच्छा किया? की यह बात तुमने मुझे बतादी। काकी आप जो कह रहे हो, वैसा ही होगा? मैं मां की समस्या का समाधान कर दूंगा। मेरे पास तो आए दिन गांव की महिलाए अपनी अपनी समस्या लेकर आते रहते है? दूसरी महिलाओं की समस्या दूर कर सकता हूं तो अपनी मां की क्यू नही।
काकी _ठीक है बेटा, अब मैं चलती हूं जो, बताना था वो तो बता दी।
काकी _ठीक है काकी।
जाते समय काकी रजनी से बोली,,
काकी _बहुरिया, तुम्हे चिन्ता करने की कोइ जरूरत नही, रवि सब ठीक कर देगा, मैने सब बता दिया है।
रजनी _पर काकी मुझे बड़ी शर्म आ रही,,
काकी _अरे, अब शर्म छोड़ो, शर्म करेगी तो इलाज कैसे होगा? रवि जो भी पूछे उसे सही सही बता देना,, अब मैं चलती हूं।
काकी के जाने के बाद।
रवि रजनी के पास आया।
रवि _मां, इसमें शर्माने की कोइ बात नही, ये सब नार्मल है! मैं कुछ दवाई दे दूंगा। सब ठीक हो जायेगा।
रवि _मां पहले तो यह कंफर्म करना पड़ेगा की तुम पेट से हो की नही।
एक काम करो ये प्लास्टिक का डब्बा ले जाओ और इसमें अपनी थोड़ा पेशाब ले आओ।
उसी से जांच हो पाएगा की, तुम पेट से हो की नही।
रजनी, पेशाब लाने की बात सुनकर शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि, डिब्बे को वही पास में रखे टेबल पर रख दिया। और सोफे पर बैठ गया।
रजनी डिब्बे को उठाई और बाथरुम में जाकर अपनी पेशाब भरकर ले आई। उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी।
डब्बे को लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने प्रेगनेंसी किट अपने बैग से निकाला और एक ड्रॉप से रजनी की पेशाब को लेकर प्रेगनेंसी किट पर कुछ बूंद डाला।
रिपोर्ट पॉजिटिव आया।
रजनी, वही खड़ी हो कर सब देख रही थी, वह बहुत लज्जा महसूस कर रही थी।
रवि _मां, रिपोर्ट तो पॉजिटिव है तुम सच में पेट से हो।
अब यह जानना जरूरी है की कितने माह का गर्भ है। क्यू की ३माह से ज्यादा का गर्भ huwa तो दवाई से मुस्कील हो जायेगा।
आपको पिछला मासिक धर्म कब आया था।
रजनी शर्मा रही थी, बोल नही पा रही थी,,
रवि _मां शर्माओगी तो इलाज कैसे होगा? तुम यह सोचो की मैं तुम्हारा बेटा नही डाक्टर हूं,,
रवि की बात सुनकर रजनी को कुछ हिम्मत huwa
रजनी _ओ दो माह पहले,,
रवि _ओह तो इसका मतलब है लगभग ढाई माह हो गया।
मां तुम चिन्ता मत करो दवाई से ठीक हो जाएगा।
रवि ने अपने कमरे में जाकर आलमारी से गोली निकाल लाया।
रवि _मां ये लो, ये दो प्रकार की गोली है। इस गोली को रात में सोने से पहले खानी है। और इस गोली को अंदर रखनी है?
रजनी _बेटा, ये गोली का क्या करना है,,, झिझकते हुए बोली,,
रवि _इसे अंदर रखना है।
रजनी _कहा पर बेटा। समझी नही, झिझकते हुवे बोली।
रवि _मां इस गोली रात को सोते समय अपनी योनि में डालकर रखना है?
योनि शब्द सुनते ही, रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि _अच्छा मां रात में तुम्हारे कमर में दर्द भी हों सकता है, ये जो स्वाभाविक है, ये दर्द की गोली खा लेना, दर्द कम हो जाएगा।
मां एक बात और पूछनी थी, तुम मासिक धर्म के समय क्या पहनती हो?
रजनी शर्म के मारे बता नही पर रही थी।
मां मैं जानता हूं गांव की महिलाए तो सूती कपड़ा उपयोग करती है।
रुको मां,,,
रवि अपने कमरे में जाकर आलमारी से सैनिटरी नैपकिन एक पैकेट निकाल लाया।
मां ये सैनिटरी नैपकिन है इसे अपनी कपड़े की जगह लगाना। ऐसे समय में खून बहुत निकलेगा। ये नैपकिन खून सोंख लेगा। गीला पन महसूस हो तो नैपकिन बदल लेना।
रजनी _पर,,
रवि _पर क्या मां? शरमाओ मत, पूछो क्या पूछना है?
रजनी _इसे उपयोग कैसे करते है कभी उपयोग नही की।
रवि_मांमां अपनी एकात कच्छी हो तो दो,,
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि_मां, अब शर्म छोड़ो भी, जाओ ले आओ, कच्छी।
रजनी अपने कमरे में गई और अलमारी से एक कच्छी लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने कच्छी उठाया और उसके अंदर एक पैड सेट करते हुवे कहा।
मां इस प्रकार नैपकिन सेट कर रात में सोने से पहले पहन लेना।
रजनी शर्म के मारे चुप ही रही।
रवि _मां मुझे एक बात और बतानी थी।
योनि के आस पास बाल ज्यादा हो तो उसे साफ़ कर लेना।
क्यों की ज्यादा बाल रहने पर खून उसमें चिपक जाता जिससे इफेक्शन होने का डर रहता है।
तुम जाकर अपने कमरे में सफाई कर लो। नही तो रमा स्कूल से आ जाएगी।
रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी।
रवि _अच्छा का साफ़ करने के लिए क्या उपयोग करती हो?
रेजर से करती होगी, गांव की महिलाए तो रेजर का ही उपयोग करती है?
तुम चाहो तो मेरे पास क्रीम है, उसका उपयोग कर सकती हो?
रजनी _नही बेटा रेजर ही ठीक रहेगा। शर्म से पानी पानी होते हुवे बोली।
रवि _अच्छा ठीक है मां जाओ अब अपने कमरे में जाकर सफाई कर लो। मैं भी अब क्लिनिक जा रहा हूं।
रवि क्लिनिक चला गया।
और रजनी अपनी योनि की बालो की सफाई में लग गई। उसे अभी भी बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।
जब शाम को रेखराज आया, तो पूछा की डाक्टर के पास गई थी।
रजनी _हां, डाक्टर ने कुछ दवाई दी है? रात में खाने को।
हा रात में आप अलग खाट लगाकर सोना।
रेखराज _ठीक है।
रात में भोजन करने के बाद, रेखराज और रमा अपने कमरे में जाकर सो गए।
रजनी कीचन आंगन में बर्तन धो रही थी।
रवि पास जाकर कहा।
रवि_मां सोने से पहले मेरे कमरे में आना।
रजनी बर्तन धोने के बाद सोने से पहले रवि के कमरे में गई।
रजनी _ओ बेटा तुमने बुलाया था, संकोच करती हुई बोली,,
रवि _हां मां, जो दोपहर में बताया था सब याद है ना।
रजनी ने शर्माते हुवे हा में सिर हिलाई।
रवि _अच्छा ठीक है, कोइ समस्या हो तो मुझे बताना।
रजनी, शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
अपने कमरे में जाने के बाद गोली को खाने के लिए अलमारी से निकाल ली और नैपकिन, कच्छी को भी।
पर उसे समझ नही आया की रवि ने किसे खाने और किसे अंदर डालने कहा है।
रजनी न चाहते हुवे भी रवि के कमरे में गई।
रवि _अरे मां, कोइ समस्या है क्या?
रजनी _बेटा किसे खाना है भुल गई, शर्माते हुवे बोली।
रवि _दिखाओ गोली को।
रजनी ने दोनो गोली दे दी।
रवि _मां इसे खा लेना और इसे अंदर डाल लेना।
रजनी शर्मा गई।
वह गोली लेकर अपने कमरे में जाने को हुई,,
रवि _मां सुबह नैपकिन बदल लेना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रेखराज आज बरामदे में ही खाट लगाकर सो गया था।
रजनी ने खाने की गोली खा ली और लेट कर अंदर डालने की गोली अंदर डाल कर नैपकिन के साथ कच्छी पहन ली।
धीरे धीरे दवाई ने असर दिखाना शुरू किया और आधी रात से बील्डिंग होना शुरू हो गया।
उसकी कमर में दर्द होने लगा तो दर्द की गोली भी खा ली।
सुबह उठी तो नैपकिन गीली हो चुकी थी। वह नैपकिन बदल ली।
उसे सुबह काफी दर्द महसूस, हो रहा था, उसकी शरीर गर्म हो गया था।
रवि सुबह उठते ही अपने मां के कमरे में गया।
रवि _मां तुम ठीक तो हो।
हरजनी _हां, बेटा, पर कमर दर्द कर रहा है और बुखार जैसा लग रहा है।
रवि _मां तुम आराम करो। मैं रमा को बोल दूंगा आज स्कूल न जाए। घर का काम सम्हाले।
रमा स्कूल नही गई घर का काम सम्हाली, रजनी आराम करने लगी।
समय समय पर पैड बदलती रही।
दो दिन बाद उसे ठीक लगा।
रमा भी स्कूल चली गई।
दोपहर में जब, रवि घर आया।
रवि _मां, अब दर्द तो नहीं है?
रवि _नही बेटा, पर वो रक्तस्राव अभी भी हो रहा है।
रवि _मां रक्तस्राव तो कुछ दिनों या हफ्तों तक हो सकता है।
नैपकिन को समय समय पर बदलती रहना।
और कोइ समस्या तो नही।
रजनी _नही, बेटा।
एक सप्ताह बाद।
दोपहर में रवि ने पूछा,,
रवि _मां रक्त स्राव अभी भी हो रहा है क्या?
रजनी _बेटा, अभी भी थोड़ा थोड़ा हो रहा है। बेटा नैपकिन खतम हो गया है? और है क्या?
रजनी की शर्म अब थोड़ा कम हो गया था।
रवि _हा मां, रुको मैं अभी देता हूं।
रवि ने अलमारी से एक पैकेट और दे दिया।
एक सप्ताह इसी तरह चलता रहा।
रजनी की शर्म भी कम होने लगी।
रदो सप्ताह बाद _मां अब भी रक्तस्राव तो नही हो रहा है न।
रजनी _नही बेटा।
रवि _, मां एक बार और चेक करना पड़ेगा, कई महिलाओं का ठीक से साफ़ नही huwa रहता है। गर्भाशय में इन्फेक्शन फैलने का डर रहता है। अगर ठीक से साफ़ न huwa हो तो और गोली खानी पड़ती है।
रजनी डर गई,,,
रवि मां चेक करने पड़ेंगे?
ररजनी _कैसे चेक बेटे?
रवि _वो, योनि चेक करना पड़ेगा अंदर ब्लड तो नही रुका हुआ है।
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई,,
रक्या huwa मां,,
रवि _बेटा मुझे बड़ी शर्म आयेगी?
रवि मां तुम अपनी आंखे बंद कर लेना, बस थोड़ा समय ही लगेगा।
चलो मेरे कमरे में।
रजनी न चाहते हुवे, वह रवि के कमरे में चली गई।
रवि _मां तुम लेट जाओ।
रजनी संकोच करते हुवे लेट गई और अपनी आंखे बंद कर दी।
ररवि ने अपने हाथ में दस्ताना पहना फिर,,
मां अपनी कच्छी निकालो,,
रजनी ने शर्माते हुवे अपनी कच्छी निकाल दी।
रवि _थोड़ा टांगे चौड़ी करो।
रजनी ने अपने आंखे बंद कर दी। और टांगे चौड़ी रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी और उसकी दिल की धड़कन तेज़।
पता नही अब क्या होगा?
रवि ने जब रजनी की मस्त फूली हुई चिकनी boor देखा तो उसका land न चाहते हुए भी तन गया।
रवि अपनी दो उंगलियां रजनी के योनि में डालकर चेक करने लगा।
रजनी के मुंह से सिसक निकलने वाली थी जिसे उसने दबाए रखा।
रवि अपनी उंगलियों को गहराई तक डालकर बाहर निकाला तो उस पर कुछ ब्लड नजर आया।
रवि _मां अभी पूर्ण रूप से सफाई नही huwa है मैं तुम्हे एक गोली और देता हूं।
आज रात खा लेना।
फिर पूरी तरह साफ हो जाएगा।
रजनी बेड से उठी और शर्म के मारे वह कमरे से चली गई।
रात में रवि ने रजनी को गोली देते हुए खा लेने के लिए कहा।
रजनी ने गोली सोने से पहले खा ली।
गोली के प्रभाव से कुछ दिनों तक और रक्तस्राव huwa।
एक सप्ताह बाद,,,
रवि दोपहर में रजनी से पूछा,,
मां अब कैसा है?
रक्त स्राव बंद huwa
रजनी _शर्माते हुवे हा बेटा, अब तो रक्त स्राव बिलकुल बंद हो गया है। अब मैं बिल्कुल अच्छी महसूस कर रही हूं।
रवि _मां, एक बार फिर से चेक कर लेते है?
चलो कमरे में।
रजनी राजेश के कमरे में गई और बेड पे जाकर लेट गई और अपनी कच्छी उतार दी।
रजनी की शर्म अब कम हो गया था।
राजेश ने हाथ में दस्ताना पहन कर,,
रवि _मां टांगे चौड़ी करो,,
रजनी शर्मा कर टांगे चौड़ी कर दी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था।
राजेश ने एक बार फिर रजनी की मस्त फूली चिकनी chut देखा तो फिर से न चाहते हुवे उसका लंद तनकर झटका मारने लगा।
रवि ने दो उंगली योनि में डालकर जांचना शुरू कर दिया।
इस बार रजनी अपनी सिसकारी नही रोक पाई।
रवि _क्या huwa मां, दर्द हो रहा है क्या?
रजनी _नही बेटा।
शर्म से पानी पानी होते हुए बोली।
रवि ने उंगली बाहर निकाल कर देखा,,
रवि _मां, अब तो गर्भसाय पूरी तरह साफ हो गया है।
रजनी उठ कर बैठ गई। और अपनी कच्छी पहन कर। कमरे से चली गई।
उसे बहुत शर्म महसूस हो रही थी।
वह अपने कमरे मे जाकर लेट गई।
कुछ दिन बाद दोपहर में,,,
रवि _मां तुमसे कुछ बात कहनी थी?
रजनी क्या बात है बेटा?
रवि _मां, अब आप ध्यान रखना कहीं फिर से गर्भ न ठहर जाए। बार बार बच्चा गिराने से शरीर कमजोर हो जाता है।
रजनी _बेटा मैं तो तुम्हारे बापू को मना करती हूं वो मानते ही नहीं।
रवि _मां, बापू का मन करता होगा? आखिर कब तक वह अपने को रोक पायेगा।
तुम कोइ उपाय कर लो।
ये लो मां बापू से कहना की संबंध बनाने से पहले ये पहन ले।
रवि ने कंडोम का पैकेट रजनी को देते हुए कहा,,,
रजनी _ये क्या है बेटा?
रवि _मां ये कंडोम है!
रजनी _पर इसका करना क्या है?
मां मेरे कमरे में आओ तुम्हे बताता हूं।
रजनी रवि के पीछे पीछे कमरे में चली गई।
बेड में दोनो बैठ गए।
रवि ने कंडोम का पैकेट से एक कंडोम निकाला और उसे फाड़कर रजनी को दिखाया।
रजनी _बेटा ये तो कोइ गुब्बारा लग रहा है।
रवि _हा ये गुब्बारे जैसा ही है? पर फुलाने वाला नही, लगाने वाला है?
रजनी _पर इसे उपयोग कैसे करना है?
रवि _हां इसका उपयोग थोड़ा सावधानी से करना पड़ता है।
इसे संबंध बनाने से पहले बापू के लिंग में चढ़ा देना। संबंध बनाने के बाद बापू का पानी इस कंडोम के अंदर ही रह जायेगा, गर्भ में नही जायेगा। और तुम्हे गर्भ नही ठहरेगा।
अधिकांस लोग गर्भ ठहरने से बचने के लिए गर्भ निरोधक के रूप में इसका उपयोग करते है?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी।
रजनी _पर बेटा इसे मुझे अपने हाथो से पहनना पड़ेगा, मुझे बहुत शर्म आयेगी, तुम्हारे बापू क्या समझेंगे?
रवि _बापू को बोल देना स्वास्थ्य केंद्र में नर्स ने ये दिया है और उपयोग करना सिखाया है?
मां इसे लगाते समय ध्यान रखना अंदर हवा न भर जाए नही तो कंडोम फट जायेगा।
रजनी _बेटा, इसे कैसे लगाना है, बता देते तो,,,,
रवि _अच्छा ठीक है, तुम्हे सीखा देता हूं इसे इसे उपयोग कैसे करना है? पर तुम शर्माना मत,,
रजनी ने हा में सिर हिलाया,,,
रवि ने अपना टावेल निकाल कर अपना कच्छा भी उतार दिया।
रवि का लंद खड़ा huwa था, रजनी की नजर जब उसके लंद पर गया तो वह शर्म से पानी पानी होने लगी, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।
रवि _मां देखो कंडोम कैसे लगाना है।
रजनी राजेश के लंद की ओर देखने लगी जो उसके पति के लंद से थोड़ा बड़ा और मोटा था।
रवि _, मां, चलो अपने हाथो से कंडोम चढ़ाओ।
रजनी _बेटा, मुझे शर्म आ रही,,,
रवि _मां, यहां हम दोनो के सिवा है कौन?
मैने भी तो आपके योनि में उंगली डाल कर जांच किया, चलो लगाओ,
रजनी ने कंडोम को रवि के बताए अनुसार लंद पर चढ़ा दिया।
रवि _मां अब तो आपको कंडोम चढ़ाना, आ गया।
अब कंडोम में लिंग का पानी गिरने के बाद सावधानी से कंडोम को बाहर निकालना होता है। फिर कंडोम को बांध कर उसे सही जगह फेकना होता है?
रवि _मैं आपको अच्छे से सीखा ही दू।
लिंग का पानी गिरने के बाद इसे सावधानी से निकलना कैसा है?
रवि ने लंद पर कंडोम लगाकर मुठ मारना शुरू कर दिया।
वह रजनी, रवि को मुठ मारते हुवे देखने लगी,, उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी। रवि को मजा आ रहा था।
जब से उसने अपनी मां की मस्त फूली हुई चिकनी chut देखा था। उसके मन में पाप आ गया था।
उसे अपने मां के सामने मुठ मारने में मजा आ रहा था।
रवि _मां क्या आप ऐसे ही देखती रहोगी?
पानी निकालने में मेरी मदद करो?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी, वह कांपते हाथो से रवि के लंद को पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे हिलाने लगी।
रवि _मां थोड़ा तेज़ तेज़ करो,,
रजनी ने अपनी हाथो की गति बढ़ा दी।
रवि_आह, बड़ा अच्छा लग रहा है मां, हा ऐसे ही,,, हा और तेज़,,,
रजनी तेज़ तेज़ मुठ मारने लगी।
रवि _मां, मेरा पानी छूटने वाला है, थोड़ा और तेज़,,, आह आह,,
रवि का पानी छूटने लगा,,,
कंडोम में सारा पानी भर गया, कंडोम नीचे लटकने लगा। लिंग भी अब ढीला हो गया।
रवि _मां देखो अब इसे कैसे निकालना, एवम बांधना है।
रवि ने लिंग से कंडोम निकाल दिया और उसे बांध कर दिखाया।
रवि _मां अब तो आप सब कुछ अच्छे से सीख गई होगी? अब बापू का जब मन करे उसे कंडोम पहना देना, बिना कंडोम के उससे दूर ही रहना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रात में जब रमा और रेखराज भोजन करने के बाद, अपने कमरे में चले गए।
रवि रजनी के पास जाकर कहा,,,
रवि _मां, तुम्हे याद है ना जो दोपहर को सिखाया था,,,
रजनी शर्मा गई,,,
रजनी अपने कमरे में गई, आज फिर रेखराज ने रजनी को chudai के लिए कहा,,
रेखराज _रमा की मां, अब और कितना दिन तड़पाओ गि, मुझे आज तो देदो,,,
रजनी _ठीक है जी, पर तुम्हे भी मेरा कहना मानना होगा।
गर्भ न ठहरे इसके लिए उपाय करना होगा?
रेखराज _कैसा उपाय?
रजनी ने रेखराज को कंडोम के बारे में बताया।
रेखराज कंडोम का उपयोग करने तैयार हो गया।
रजनी ने संभोग से पहले रेखराज के लिंग पर कंडोम चढ़ा दिया।
कंडोम लगा कर करने में रेखराज को उतना मजा नही आया फिर भी chut न मिलने से अच्छा है कंडोम लगा कर ही मिल जाए।
अगले दिन दोपहर में रवि भोजन के बाद अपने कमरे में लेता था,,
उसने रजनी को आवाज़ दिया।
रजनी कमरे में आई।
रजनी _क्या बात है बेटा?
रवि _मां, आओ बैठो।
कैसा रहा कल रात में, बापू ने पहली बार कंडोम का उपयोग किया है? क्या बोल रहा था?
रजनी शर्मा गई !
रवि _मां बताओ न,,
रजनी _वो बेटा, तुम्हारा बापू कह रहा था कि कंडोम लगाकर करने से ज्यादा मजा,,, नही,,,
रवि _हा, कुछ लोगो को कंडोम से करने में मजा नहीं आता। फिर भी गर्भ से बचने के लिए कुछ तो समझौता करना पड़ेगा ही। वैसे तुमको अच्छा लगा कि नही,,,
रजनी _धत बदमाश,,, रजनी शर्म से अपना चेहरा छिपा ली।
रवि _मां, इसमें शर्माने की क्या बात है? मां मुझे तुमसे कुछ कहना था?
कल तुमने मेरी मुठ मारी थी न तो बहुत मजा आया था। उसे याद करके मेरा लिंग फिर अकड़ गया है। आज फिर मुठ मार के शांत कर दो।
रजनी _न, मुझेसे नही होगा?
रवि _पर क्यू?
रजनी _मुझे बहुत शर्म आती है?
रवि _इसमें शर्माने की क्या बात यहां हम दोनो ke सिवा है कौन?
रवि ने अपना टावेल और चड्डी उतार दिया।
उसका लंद रजनी के आंखों के सामने हवा में लहराने लगा।
रजनी का दिल फिर जोरो से धड़कने लगा,,,
रवि ने रजनी का हाथ पकड़ कर अपने लंद पर रख दिया।
रजनी मुठ मारना शुरू कर दी। पहले धीरे धीरे उसके बाद तेज़ तेज़।
रवि को बहुत मजा आ रहा था। रवि जोश में आकर एक हाथ से रजनी के दूध मसलने लगा।
रजनी भी गर्म होने लगी।
रवि _मां बहुत अच्छा लग रहा है और थोड़ा तेज़ तेज़ करो?
रवि _आह,, आह,, मां और थोड़ा तेज़,, आह,
मां, अब बस करो,,
अब आप लेट जाओ,,,
रजनी _पर क्यू बेटा?
मुझे आपका एक बार फिर चेक अप करना है?
रजनी _पर बेटा तुमने तो कहा था, बिल्कुल साफ़ हो गया है?
रवि _हा, पर क्या पता, कुछ अंदर रह गया हो, बीच बीच में चेक करता रहना पड़ेगा।
चलो लेट जाओ।
रजनी _लेट गई और अपना कच्छी उतार दी।
रवि बेड पर चढ़ गया और रजनी के दोनो टांगे चौड़ी कर दिया।
पहले उंगली को boor में डालकर अंदर बाहर किया जिससे रजनी सिसकने लगी। उसकी boor पानी छोड़ने लगी।
रवि ने देखा उसकी मां गर्म हो चुकी है
वह अपना खडा लंद पकड़कर उसका टोपारजनी के योनि मुख पर रख कर एक करारा धक्का मारा लंद एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर चला गया।
रजनी के मुंह से हल्का चीख निकल पड़ी
राजेश ने एक और धक्का लगा दिया जिससे लंद पूरी तरह boor में समा गया।
रजनी आंखे बंद कर लेती रही।
रवि ने चोदना शुरू कर दिया।
लंद को boor में गपागप अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
रजनी को बहुत मजा आने लगी वह अपने मुंह से मादक सिसकारी निकालने लगी।
वैसे तो रवि ने गांव की कई औरतों को चोद चुका था, पर अपने मां को चोदने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा था
वह रजनी के ब्लाउज के बटन खोलने लगा।
बटन नही खुला तो, रजनी ने स्वयं ही अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
जिसे देखकर रवि समझ गया की मां अब पूरी तरह जोश में आ गई है और मजा ले रही है।
रवि ने रजनी की चुचियों को अपनी हाथ से मसल मसल कर चूसने लगा। और साथ ही chudai भी जारी रखा, रजनी का मजा दो गुना हो गया।
वह नीचे से कमर उठा उठा कर रवि की मदद करने लगी।
दोनो की संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था ।
रजनी को जो मजा रवि से आ रहा था, ऐसा मजा तो उसका पति जब नया नया शादी huwa था तब देता था।
रजनी खुद को ज्यादा देर तक नही रोक सकी और झड़ने लगी।
रवि ने chudai जारी रखा और तेज़ तेज़ धक्के लगाते रहा।
जैसे ही वह झड़ने की स्थिति में पहुंचा अपना लंद बाहर निकाल लिया, और रजनी के चूची में ही झड़ने लगा, एक दो पिचकारी तो रजनी के चेहरे पर भी गिरा।
रजनी _को बड़ी शर्म आ रही थी।
वह बेड से उठी और सीधे बाथरुम में गई। कपड़े से स्तनों और चेहरे पर लगा वीर्य साफ करने लगी।
इधर रवि गहरी नींद में सो गया।
रजनी ने देखा की रवि के क्लिनिक जाने का समय हो चुका है? फिर भी सोया हुआ है? वह उसे उठाने के लिए गई।
रजनी _रवि, बेटा उठो क्लिनिक नही जाना है क्या?
रवि नींद से जागा,,
अपनी मां की ओर देखा,,
रजनी शर्म के मारे अपने कमरे में चली गई।
रवि मुस्कुराने लगा।
रवि तैयार होने के बाद रजनी के कमरे में गया।
रजनी अपनी बाल बना रही थी।
रवि ने पीछे से रजनी को अपनी बाहों में भर लिया?
रजनी _छोड़ो क्या कर रहा है?
रवि _अपनी मां को प्यार? तुमको आज मजा आया की नही।
रजनी _ये गलत है? अगर किसी को पता चल गया तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी।
रवि _मां, ये राज सिर्फ हम दोनो के बीच रहेगा, किसी को कुछ पता नही चलेगा?
रवि _अब जाते हुए एक चुम्मा तो दे दो।
रवि ने रजनी को अपनी ओर घुमा दिया।
और उसकी ओंठो को चूम लिया।
रजनी ने राजेश को धकेलते हुवे कहा,,
रजनी _चल हट बेशरम।
रात में रेखराज ने फिर कंडोम लगाकर चोदा।
अगले दिन दोपहर में जब भोजन करने रवि घर आया।
रवि ने घर पहुंच ते ही रजनी को बाहों में भर लिया।
रजनी _अरे बेटा क्या कर रहा है छोड़ो मुझे?
रवि _मां चलो न करते हैं? बड़ा मन कर रहा है?
रजनी _न, ये पाप है? छोड़ो मुझे।
रजनी ने रवि को अपने से दूर कर दिया।
रवि मुंह लटका कर, अपने कमरे में चला गया।
रजनी ने भोजन करने बुलाया,,
रवि ने चुपचाप भोजन किया,,, और अपने कमरे में चला गया।
रजनी _मुस्कुरा रही थी,,,
रवि अपने कमरे में सोने की कोशिश करने लगा,,,
तभी रजनी भोजन कर बर्तन धोने के बाद उसके कमरे में पहुंची।
रजनी _हूं, नाराज है क्या मुझसे?
रवि _चुप चाप लेटा रहा।
रजनी _लगता है तुम नाराज हु, अच्छा मैं भी जा रही अपने कमरे में सोने! अगर कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना।
और मुस्कुराते हुवे अपनी कमर मटकाती हुई अपने कमरे में चली गई।
रवि, ने अपनी मां द्वारा कहीं बात सुना की कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना, वह खुश हो गया।
कुछ देर बाद रवि अपने कमरे से निकल कर अपने मां की कमरे की ओर गया।
कमरे की दरवाजा बंद था।
उसने दरवाजा खटखटाया,,
रजनी ने दरवाजा खोली,,
रजनी _अरे क्या huwa
रवि _ आपने कहा था की कुछ जरूरत हो तो कमरे में आ जाना।
रजनी _हां, क्या चाहिए?
रवि _दूध पीना था?
रजनी _तुम बैठो मैं दूध गरम करके लाती हूं।
ररजनी जब जाने को हुई तो रवि ने उसका हाथ पकड़ लिया। मुझे ये वाली दूध पीने है।
रजनी को खींचकर अपनी गोद में उठा लिया और बेड बैठ गया।
उसके बाद उसकी ओंठो को चूसने लगा।
उसकी ब्लाउज को निकाल फेका और स्तनों को मसल मसल कर पीने लगा।
रजनी बहुत गर्म हो गई उसकी मादक सिसकारी कमरे में गूंजने लगी।
रवि ने रजनी की साड़ी निकाल फेका अब वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
रवि में रजनी को बेड किनारे लिटा कर उसकी chut चाटने लगा।
पहली बार chut चटवाने में उसे बहुत मज़ा आया उसके बाद रवि ने रजनी को लंद चूसना सिखाया।
रजनी बहुत अच्छे ढंग से लंद चूसने लगी।
उसके बाद रवि ने रजनी को घोड़ी बनाकर, जमकर चोदा।
और जब वह झड़ने को huwa तो अपना लंद बाहर निकाल कर रजनी की चुचियों और चेहरे पर अपना वीर्य छोड़ने लगा।
अब हर रोज दोपहर में रजनी और रवि chudai का खेल खेलने लगे। और मजा लेने लगे।
एक दिन रवि ने रजनी से कहा,,,
रवि _मां, तुम कहती हो ना की कंडोम लगाकर करने से बापू को मजा नही आता उसका एक उपाय है, जिससे गर्भ भी नही ठहरेगा और बापू को खुब मजा भी आयेगा।
रजनी _वो कैसे बेटे?
रवि _आओ तुम्हे एक वीडियो दिखाता हूं।
रजनी वीडियो देखने लगी। जिमसे एक मर्द कई मर्द औरतों की गाड़ मार रहा था।
रजनी उसे देखकर आश्चर्य में पड़ गई।
रवि _मां कुछ समझ में आया।
रजनी _पर बेटा, उसमें तो बड़ा दर्द होगा?
रवि _शुरू शुरू में होगा उसके बाद ठीक हो जायेगा।
रवि ने अपने आलमारी से एक क्रीम निकाल कर अपने लंद और रजनी के गाड़ में भर दिया, पहले उंगली को गाड़ में डालकर उसे फैलाने की कोशिश किया फिर अपना लंद उसकी गाड़ में उतार ही दिया। रजनी को बहुत दर्द huwa, पर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा। उसकी गाड़ का छेद फैल गया अब।
रवि रोज ही पहले chut मारता फिर गाड़।
रजनी को भी ज्यादा मजा आने लगा। अब वह रेखराज को बिना कंडोम के ही गाड़ मरवाता।
रेखराज को भी गाड़ मारने में ज्यादा मजा आ ता। अब वह सिर्फ गाड़ ही मारता।
रवि पहले boor चोदता उसके बाद आखरी में गाड़ मारकर झड़ जाता।
कभी कभी रवि जी रात में चोदने का मन होता तो रेअपने बापू के सोने के बाद, अपने कमरे में आने की कह देता, रजनी रेखरज के सोने के बाद रवि के कमरे मे चला जाता, और घंटो chudai का मजा लेने के बाद अपने कमरे में आ जाती।
Shandaar updateलंदन में निशा और सीमा ने कालेज में एडमिशन ले ली। वे कालेज जाने लगे। कालेज से आने के बाद वे पढ़ाई के साथ साथ अपने फूफा जी के से बिजनेस के गुर सीखने लगे।
एक दिन कालेज के कैंटीन में दोनो कॉफी पी रहे थे। तभी एक लडका उन दोनो के पास आया।
लडका _हाय।
आप लोगो ने मुझे पहचाना,,
सीमा _तुम तो हमारे क्लास में ही हो न,,
लडका _जी आपने सही कहा।
लडका _मेरा नाम आर्यन है। आप दोनो इंडियन है? मुझे इंडियन बहुत अच्छे लगते है।
मैं आप लोगों को जब देखा तभी से बात करना चाहता था।
सीमा _पर आप लोगो को इंडियन क्यू पसंद है।
आर्यन _इसका एक कारण है, मेरे डैड एक इंडियन है, मेरे डैड यहां पढ़ाई करने के लिए दिल्ली से यहां आए थे, कालेज में ही उसे मेरी मोम जो एक इटालियन है से प्यार हो गया।
सीमा _फिर।
आर्यन _मेरे डैड पढ़ाई पूरी होने के बाद यहीं रहकर अपना बिजनेस शुरू किया। और आज यहां का सबसे कामयाब बिजनेस मैन है।
सीमा _ओह।
आर्यन _आप दोनो यहां नई है, अगर कोइ मदद की जरूरत हो तो मुझे बताना, मुझे खुशी होगी। वैसे आप लोग कहा रहती है।
सीमा _ये मेरी सहेली निशा है?
आर्यन _हाई निशा जी।
निशा उसकी ओर देख कर थोड़ी झूठी मुस्कान ला दी।
सीमा _निशा की बुवा यहां रहती है हम उन्हीं के यहां रहते हैं।
आर्यन _ओह।
क्या हम दोस्त बन सकते है?
सीमा _माफ करना, हम लोग लड़को से दोस्ती नही करते। वैसे भी आप हमारे ली एक अंजान ही है।
आर्यन _ओह, जानता हूं इंडियन बहुत संस्कारी होते हैं, पर मैं ऐसा लडका नही हूं, जिसे दोस्त बनाकर आप लोगो को पछताना पड़े। मेरी मोम एक इटालियन जरूर है, पर मैं अपने बाप पर गया हूं। और मोम भी इंडियन रीति रिवाज को मानते हैं। उन्हे भी इंडियन पसंद है तभी शायद उसने मेरे डैड से प्यार की और उससे शादी भी।
तभी क्लास की घंटी लग जाती है।
निशा _बेल लग चुकी है, सीमा अब हमे चलना चाहिए।
आर्यन _हां हा, क्यू नही?
तीनो क्लास की ओर चले गए।
कुछ दिनों तक अवलोकन करने के बाद सीमा को लगा की आर्यन सच में एक अच्छा लडका है।
सीमा, आर्यन और निशा एक साथ उठने बैठने लगे।
निशा बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही बात चीत करती थी।
एक दिन आर्यन ने सीमा से पूछा।
आर्यन _सीमा, आपसे कुछ पूछना था।
सीमा_बोलो क्या पूछना है?
आर्यन_ये निशा जी, काफी शांत स्वभाव की है, बहुत कम बात करती है।
सीमा _हां वो ऐसे ही है?
आर्यन _पर मुझे पता नही क्यू, उसकी खामोशी मुझे कुछ और ही लगता है? ऐसा लगता है जैसे उसके अंदर कोइ दर्द छुपा हो।
सीमा _ऐसी कोई बात नही! ये आपका वहम है।
आर्यन _हो सकता है, यह मेरा एक वहम ही हो।
तभी निशा, जो बाथ रूम गई थी। वहा आ जाती है।
वे तीनों क्लास की ओर चले जाते है।
कालेज से घर आते समय सीमा , निशा से कहती हैं?
सीमा _निशा तुम फाइनली बताओ, तुम राज को भूलना चाहती हो की, उसे एक मौका और देना चाहती।
निशा _अचानक ये क्या सवाल करने लगी।
सीमा _क्यू की तुम्हारा लटका हुआ चेहरा, मुझे अच्छा नहीं लगता। आज तो आर्यन भी पुछ रहा था।
निशा _क्या पुछ रहा था?
सीमा _तुम्हारा चेहरा देखकर, उसे ऐसा लगता है कि तुम् अपने अंदर कोइ दर्द छुपा रखी हो। देखो कब तक ऐसी चेहरा बनाकर घूमेगी।
मुझे भी अब तुम्हारा लटका हुआ चेहरा देखा नही जाता। मुझे लगता है कि राज को तुम भुल नही पाओगी। इसलिए उसे तुम सुधरने का एक मौका देदो।
निशा _नही, मैं उस रंडीबाज को और मौका नहीं दे सकती।
सीमा _फिर, मुंह लटका कर क्यू रहती हो।
निशा _अब भूलने की कोशिश कर रही हूं न? कुछ समय तो लगेगा। निशा चीखते हुए बोली।
सीमा _ओके बाबा सॉरी, मैं तो तुम्हे बस हंसते मुस्कुराते हुवे देखना चाहती हूं, इसलिए बोल पड़ी।
वे दोनो घर पहुंच जाते हैं।
इधर राजेश स्कूल समिति के सदस्यों से मिलकर गांव में फंड इकट्ठा करने में लगा था।
वे फंड इकट्ठा करते, लाला जी के राशन दुकान में पहुंचे।
राजेश _नमस्ते लाला जी।
लाला _अरे राजेश बाबू। आइए बैठिए।
राजेश _लाला जी आपको तो पता ही होगा की हम गांव में घर घर क्यू जा रहे है?
लाला _अरे राजेश बेटा मुझे सब पता है? लगता है गांव का उद्धार आपने हाथो लिखा है। तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो बेटा।
राजेश _धन्यवाद, लाला जी।
लाला जी, आप तो काफी सम्पन्न है आपसे कुछ ज्यादा मदद की कुछ ज्यादा ही उम्मीद है?
लाला जी _गांव की बच्चो को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए मैं भी कुछ मदद कर सकूं यह तो मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होगी बेटा।
राजेश _, ये तो बड़ी अच्छी बात है लाला जी।
लाला ने अपने नौकर से सभी के लिए पास के चाय की दुकान से चाय लाने को कहा।
राजेश _लाला जी, चाय बहुत पी लिए है, चाय को रहने दीजिए मत मंगाइये।
लाला _राजेश बेटा, पहली बार आ दुकान आए हो, ऐसे कैसे रहने दू।
बिना चाय पीए जाने नही देगें, हा।
लाला ने नौकर को चाय लाने भेज दिया।
राजेश _बोलिए लाला जी कितनी की मदद लिख दू।
लाला _राजेश बेटा, मैं स्कूल को पूरे एक लाख की मदद देने के लिए तैयार हूं, पर उसके लिए तुम्हे भी मेरी मदद करनी पड़ेगी?
राजेश _कैसी मदद लाला जी?
लाला _अब क्या बताऊं तुम्हे बेटा, मेरी बेटी लज्जो, 12वो की परिणाम में गणित विषय में पूरक आ गई है। सुना है तुम यूनिवर्सिटी में टॉप किए हो, मेरी बेटी को एक माह ट्यूशन पढ़ा देते तो वह पास हो जाएगी। तुमसे बढ़ी उम्मीद है बेटा। क्या तुम मेरी मदद कर करोगे?
राजेश _लाला जी, मैं लज्जो की गणित विषय में मदद करने तैयार हूं। दोपहर में एक घंटा पढ़ा दूंगा। घर भेज देना।
लाला _अरे बेटा, लड़की जात है वह कहा अकेली पढ़ने किसी के घर जाएगी। तुम ही आ जाना घर एक घंटा पढ़ा देना।
राजेश _ठीक है लाला जी मैं कल से ही दोपहर बाद एक घंटा लज्जो को पढ़ाने आ जाऊंगा।
लाला _ठीक है राजेश बेटा, मैं एक लाख रुपए जब तुम ट्यूशन पढ़ाने आओगे तो ।
राजेश _ठीक है लाला जी।
चाय पीने के बाद, जाने की इजाजत लेकर राजेश और उसके साथी वहा से चले गए।
इधर लाला अपनी चाल को कामयाब होता देख अपने मूछ को ऐंठने लगा।
शाला समिति के सदस्यों ने राजेश से कहा,,
राजेश, ये लाला तो एक नंबर का कमिना इन्सान है। फिर पता नही एक लाख देने कैसे तैयार हो गया? मुझे तो घोर आश्चर्य हो रहा है। कहीं उसकी कोइ चाल तो नही।
राजेश _कैसी चाल हो सकती है?
सदस्य _राजेश बाबू, तुम उसके घर जाओगे लाला के यहां तो सम्हल कर रहना, लाला की कोइ चाल न हो।
राजेश _हूं, अगर लाला की कोइ चाल होगी तो उसे भी देख लेंगे?
अब किसके घर चलना है?
वैसे भी अब लोगो के दोपहर का भोजन का समय हो गया है।
सदस्य _ राजेश बाबू, ये डाक्टर रवि का घर है? रवि क्लिनिक पर नही है वह घर आया होगा।चलो यहीं चलते हैं इसके बाद आज का काम हो जायेगा। कल निकलेंगे।
राजेश _अच्छा ठीक है।
एक सदस्य ने घर का दरवाजा खटखटाया।
इधर रवि घर के अंदर अपने कमरे में अपनी मां रजनी का गाड़ मार रहा था।
रजनी, के मुंह से दर्द से कभी चीख तो आनद में कभी सिसकारी निकल रहा था। आह उन,, आई,, मा,,,,,
आ,, अरे बेटा थोड़ा धीरे कर,,,
रवि _आह, आह,, बहुत मजा आ रहा है मां,,, क्या मस्त गाड़ है आपकी,,,
रजनी को घोड़ी बनाकर दनादन पेल रहा था।
तभी दोनो को दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनाई पड़ी।
रजनी _बेटा कोइ दरवाजा खटखटा रहा है।
रवि _साला कौन आ गया मजा खराब करने?
रवि ने अपने लंद को रजनी के गाड़ से बाहर निकाल लिया। वह हवा में झटके मारने लगा।
रवि _मां तुम जाकर देखो शाला कौन आया है? उसे भगा देना साले को और जल्दी आना? अभी huwa नही है मेरा। अपना लंद हिलाते हुए कहा।
रजनी, रवि को लंद हिलाते हुए देखी और मुस्कुराते हुवे बोली। मैं ऐसे ही जाऊंगी क्या नंगी? मुझे साड़ी पहनने में समय लगेगा।
तुम अपना टावेल लपेट लो और जा कर देखो कौन है।
रवि ने अपना चड्डी पहनकर टावेल लपेट लिया। और बनियान पहनते हुवे,,,
रवि _अरे आ रहा हूं भैया, थोड़ी देर सब्र भी नही कर सकते।
रवि ने दरवाजा खोला,,,
राजेश _नमस्ते रवि भैया,,,
रवि _राजेश तुम , अरे आवो भाई,, आओ अंदर आओ।
रवि राजेश और उनके साथियों को बैठक कक्ष में ले गया।
रवि _अरे यार रवि, बोलो कैसे आना huwa?
अरे मां देखो तो कौन आया?
रजनी _कौन है बेटा? कमरे से बाहर निकलते हुए बोली।
रवि _ये राजेश है?
रजनी _अरे बेटा, राजेश को कौन नहीं जानता।
राजेश _नमस्ते मां जी।
रजनी _नमस्ते बेटा।
तुम लोग बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूं।
रवि _अरे मां राजेश पहली बार हमारा घर आया है? कुछ खाने के लिए हो तो ले आओ।
ठीक है बेटा।
एक सदस्य _अरे रवि भैया हम कबसे, दरवाजा खटखटा रहे थे । लगता है आप सो रहे थे हमने आपके नींद में बाधा डाल दी।
रवि _अभी अभी भोजन करके आराम ही कर रहा था। बोलो राजेश कैसा आना huwa।
राजेश ने रवि को घर उनके घर आने का प्रयोजन बताया।
रवि _यार राजेश जो तुम कर रहे हो ना, हर कोइ नही कर सकता। तुम कोइ साधारण बंदा नही हो।
रवि ने राजेश को अपनी क्षमता अनुसार मदद करने का भरोसा दिलाया।
रजनी ने चाय और नमकीन लेकर आई। चाय और नमकीन का मजा लेने के बाद।
राजेश ने रवि से जाने की इजाजत मांगा।
रजनी के पैर छूकर कहा _अच्छा मां जी हमलोग चलते है?
रजनी _खुश रहो, बेटा, अरे राजेश बेटा तुम तो रवि के दोस्त हो आता रहा करो घर।
राजेश _जी मां जी, जरूर आऊंगा।
राजेश और शाला समिति के सदस्य गण घर चले गए।
इधर रवि राजेश को बाहर तक छोड़ा और दरवाजा बंद कर घर के अंदर गया।
रजनी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया।
रवि ने अपना टावेल और चड्डी निकाल दिया।
रजनी को अपना लंद चूसने कहा।
रवि बेड पर लेट गया था। रजनी बेड पर चढगया और रवि का लंद मुंह में भर कर चूसने लगी।
कुछ देर में ही लंद फिर से शख्त हो गया।
रवि ने रजनी को लंद पर बैठने कहा।
रजनी ने रवि का लंद अपने हाथो से पकड़ कर अपनी boor के छेद में रख कर बैठ गई।
लंद सरसरा ता huwa अंदर चला गया।
अब रजनी रवि के लंद पर उछल उछल कर चुदाने लगी। रवि रजनी की ब्लाउज खोल दिया और रजनी की चूची मसल मसल कर पीते हुवे नीचे से कमर उठा उठा कर लंद को boor में गहराई तक ले जाने की कोशिश करने लगा।
दोनो संभोग के परम सुख को प्राप्त करने लगे।
आइए अब जानते है की रवि और उसकी मां, रजनी के बीच संबंध कैसे बने?
रेखराज रवि के पिता उम्र 47वर्ष।
रजनी उम्र 43 वर्ष।
रवि, रजनी का बेटा 24वर्ष।
रति, रजनी की बेटी 22वर्ष। शादी हो चुकी हैं।
रमा, रजनी की छोटी बेटी 17वर्ष, अभी पढ़ाई कर रही है।
रजनी एक खुबसूरत संस्कारी महिला थी।
रमा के जन्म के बाद वह और बच्चा नही चाहती थी इसलिए उसने कापर टी लगवा ली थी।
रवि के पिता जी, रिखराज खेत का काम सम्हालते है। अभी भी हस्ट पुष्ट है।
अभी भी वह सप्ताह में दो बार रजनी को चोदता था।
रजनी हर 5साल बाद अपना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपना कापर टी बदलवाती थी। जब वह 42की हुई तब, यह सोच कर की अब मुझे गर्भ नही ठहरेगा।
उसने कापर टी निकलवा दी।
उसका नतीजा ये हुआ कि उसे गर्भ ठहर गया।
जब उसे मासिक धर्म समय पर नही आया तो वह एक माह और वेट की फिर भी जब उसे मासिक धर्म नही huwa तो वह समझ गई की वह पेट से हो गई।
6माह पहले की ही बात है।
वह अपनी जब पेट से हुई तो वह यह बात अपने पति को बताया।
रजनी _अजी सुनते हो?
रेखराज _क्या है रवि की मां।
मुझे लगता है कि मैं पेट से हूं। मुझ दो माह से मासिक धर्म नही huwa है।
रेखराज _ये तो बड़ी खुशी की बात है? देखा ने मेरी मर्दानगी को।
रजनी _रहने दो तुम्हारी मर्दानगी।
मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है लोगो को पता चलेगा तो हसेंगे। रवि और रमा पर ताने मारेंगे?
रेखराज _हूं, ऐसी बात है तो बच्चे गिरवा दो।
रजनी _मैं भी यहीं सोच रही थी।
मैं सुबह ही काकी से लक्ष्मण पुर के किसी डाक्टर के पास ले जाने के लिए बोलूंगी।
अगली सुबह रजनी ने पड़ोस की काकी को बताया। उसे किसी डाक्टर के पास ले जाने को बोली,,,
काकी _अरे बहु, घर में डाक्टर के रहते तुम्हे बाहर जाने की क्या जरूरत?
रजनी _काकी तुम क्या कहना चाहती हो मैं समझी नही।
काकी _अरे देखो वो फुलवा है ना कुछ माह पहले वो भी पेट से हो गई थी। वो भी मेरे पास ही आई थी किसी डाक्टर के पास जाने के लिए।
मैं उसे अपना रवि के पास ले गई। रवि ने कुछ जांच किया। फिर उसे कुछ दवाई दिया।
एक सप्ताह में ही सब ठीक हो गया।
घर में डाक्टर के रहते, बाहर जाने की क्या जरूरत? मैं तो कहती हूं की तुम भी रवि को ही दिखा लो।
रजनी _ताई ये तुम क्या कह रही हो, रवि मेरा बेटा है।
उसे ये सब कैसे बता पाऊंगी? मुझे शर्म नही आयेगी। न बाबा मैं रवि के सामने नही जा पाऊंगी?
काकी _अरे रवि, तुम्हारा बेटा है तो क्या हुआ वह डाक्टर भी है। दूसरो का इलाज करता है तो क्या अपनी मां का इलाज नही करेगा?
अब जरा ये सोचो अगर रवि से ये बात छुपाई और कुछ ऊंच नीच हो गया और रवि को यह बात पता चल गया, तो वह तुमसे सवाल नही पूछेगा की यह बात उनसे क्यू छुपाई।
रजनी _काकी, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।
काकी _अरे बहु, ज्यादा सोचो मत तुम रवि से बोल नही पावोगी तो मैं रवि को सब बात अच्छे से बता दूंगी। फिर वह तुम्हे दवाई दे देगा।
रजनी _काकी मुझे तो अभी से बड़ी शर्मिंदगी महसूस होने लगी है मैं रवि के सामने कैसे जाउंगी।
काकी _अरे तुम इलाज कराते तक भुल जाना की रवि तुम्हारा बेटा है। यह सोचना की वह एक डाक्टर से बात कर रही है। अच्छा मैं दोपहर में आऊंगी। जब रवि घर में दोपहर को भोजन करने आएगा। रमा भी स्कूल चली जाती है।
रेखराज भी खेत गया होगा।
तुम चिन्ता करना और शर्म करना छोड़ो।
रजनी _काकी मेरी इज्जत तो अब आपके ही हाथो में है।
दोपहर में रवि भोजन करने घर आया।
वह भोजन करके अपने कमरे में थोड़ा आराम करने लगा।
तभी काकी, रजनी के घर पहुंच गई।
काकी _बहुरिया, रवि घर में है न।
काकी _हां काकी, वह अपने कमरे में है?
काकी रवि के कमरे की ओर चली गई।
जब वह कमरे में पहुंची,,
काकी _अरे रवि बेटा क्या कर रहा है?
रवि _अरे काकी, आप, मैं थोड़ा आराम कर रहा था। कुछ काम था क्या? आओ बैठो।
रवि अपने बेड पर बैठ गया, काकी भी बाजू में बैठ गई।
काकी _हां बेटा मैं कुछ बताने आया था?
रवि _बोलो काकी , क्या बात है?
काकी _बेटा, ये बात तुम्हारी मां के बारे में है?
रवि _क्या huwa मां को ?
रजनी दरवाज़े के पीछे से बाते सुन रही थी बड़ी शर्म महसूस कर रही थी।
काकी _बेटा, तुम्हारी मां पेट से है? इस उम्र में मां बनेगी तो लोग हसेंगे, यह सोचकर बच्चा गिराना चाहती है। वह सुबह मेरे पास आई थी किसी डाक्टर के पास ले जाने बोल रही थी।
मैने कहा, अपने रवि के होते दूसरे की पास जाने की क्या जरूरत?
बेटा वह तुम्हारी मां है न अब ऐसी बात तुमसे कहने में शर्मिंदगी तो महसूस करेगी ही। इसलिए मैं यह बात तुम्हे बताने आई हूं।
जैसे फुलवा का इलाज किया था न वैसे ही तुम अपनी मां की समस्या का समाधान कर दो, बेचारी बहुत चिंतित है।
रवि _काकी, ये तुमने अच्छा किया? की यह बात तुमने मुझे बतादी। काकी आप जो कह रहे हो, वैसा ही होगा? मैं मां की समस्या का समाधान कर दूंगा। मेरे पास तो आए दिन गांव की महिलाए अपनी अपनी समस्या लेकर आते रहते है? दूसरी महिलाओं की समस्या दूर कर सकता हूं तो अपनी मां की क्यू नही।
काकी _ठीक है बेटा, अब मैं चलती हूं जो, बताना था वो तो बता दी।
काकी _ठीक है काकी।
जाते समय काकी रजनी से बोली,,
काकी _बहुरिया, तुम्हे चिन्ता करने की कोइ जरूरत नही, रवि सब ठीक कर देगा, मैने सब बता दिया है।
रजनी _पर काकी मुझे बड़ी शर्म आ रही,,
काकी _अरे, अब शर्म छोड़ो, शर्म करेगी तो इलाज कैसे होगा? रवि जो भी पूछे उसे सही सही बता देना,, अब मैं चलती हूं।
काकी के जाने के बाद।
रवि रजनी के पास आया।
रवि _मां, इसमें शर्माने की कोइ बात नही, ये सब नार्मल है! मैं कुछ दवाई दे दूंगा। सब ठीक हो जायेगा।
रवि _मां पहले तो यह कंफर्म करना पड़ेगा की तुम पेट से हो की नही।
एक काम करो ये प्लास्टिक का डब्बा ले जाओ और इसमें अपनी थोड़ा पेशाब ले आओ।
उसी से जांच हो पाएगा की, तुम पेट से हो की नही।
रजनी, पेशाब लाने की बात सुनकर शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि, डिब्बे को वही पास में रखे टेबल पर रख दिया। और सोफे पर बैठ गया।
रजनी डिब्बे को उठाई और बाथरुम में जाकर अपनी पेशाब भरकर ले आई। उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी।
डब्बे को लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने प्रेगनेंसी किट अपने बैग से निकाला और एक ड्रॉप से रजनी की पेशाब को लेकर प्रेगनेंसी किट पर कुछ बूंद डाला।
रिपोर्ट पॉजिटिव आया।
रजनी, वही खड़ी हो कर सब देख रही थी, वह बहुत लज्जा महसूस कर रही थी।
रवि _मां, रिपोर्ट तो पॉजिटिव है तुम सच में पेट से हो।
अब यह जानना जरूरी है की कितने माह का गर्भ है। क्यू की ३माह से ज्यादा का गर्भ huwa तो दवाई से मुस्कील हो जायेगा।
आपको पिछला मासिक धर्म कब आया था।
रजनी शर्मा रही थी, बोल नही पा रही थी,,
रवि _मां शर्माओगी तो इलाज कैसे होगा? तुम यह सोचो की मैं तुम्हारा बेटा नही डाक्टर हूं,,
रवि की बात सुनकर रजनी को कुछ हिम्मत huwa
रजनी _ओ दो माह पहले,,
रवि _ओह तो इसका मतलब है लगभग ढाई माह हो गया।
मां तुम चिन्ता मत करो दवाई से ठीक हो जाएगा।
रवि ने अपने कमरे में जाकर आलमारी से गोली निकाल लाया।
रवि _मां ये लो, ये दो प्रकार की गोली है। इस गोली को रात में सोने से पहले खानी है। और इस गोली को अंदर रखनी है?
रजनी _बेटा, ये गोली का क्या करना है,,, झिझकते हुए बोली,,
रवि _इसे अंदर रखना है।
रजनी _कहा पर बेटा। समझी नही, झिझकते हुवे बोली।
रवि _मां इस गोली रात को सोते समय अपनी योनि में डालकर रखना है?
योनि शब्द सुनते ही, रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि _अच्छा मां रात में तुम्हारे कमर में दर्द भी हों सकता है, ये जो स्वाभाविक है, ये दर्द की गोली खा लेना, दर्द कम हो जाएगा।
मां एक बात और पूछनी थी, तुम मासिक धर्म के समय क्या पहनती हो?
रजनी शर्म के मारे बता नही पर रही थी।
मां मैं जानता हूं गांव की महिलाए तो सूती कपड़ा उपयोग करती है।
रुको मां,,,
रवि अपने कमरे में जाकर आलमारी से सैनिटरी नैपकिन एक पैकेट निकाल लाया।
मां ये सैनिटरी नैपकिन है इसे अपनी कपड़े की जगह लगाना। ऐसे समय में खून बहुत निकलेगा। ये नैपकिन खून सोंख लेगा। गीला पन महसूस हो तो नैपकिन बदल लेना।
रजनी _पर,,
रवि _पर क्या मां? शरमाओ मत, पूछो क्या पूछना है?
रजनी _इसे उपयोग कैसे करते है कभी उपयोग नही की।
रवि_मांमां अपनी एकात कच्छी हो तो दो,,
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि_मां, अब शर्म छोड़ो भी, जाओ ले आओ, कच्छी।
रजनी अपने कमरे में गई और अलमारी से एक कच्छी लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने कच्छी उठाया और उसके अंदर एक पैड सेट करते हुवे कहा।
मां इस प्रकार नैपकिन सेट कर रात में सोने से पहले पहन लेना।
रजनी शर्म के मारे चुप ही रही।
रवि _मां मुझे एक बात और बतानी थी।
योनि के आस पास बाल ज्यादा हो तो उसे साफ़ कर लेना।
क्यों की ज्यादा बाल रहने पर खून उसमें चिपक जाता जिससे इफेक्शन होने का डर रहता है।
तुम जाकर अपने कमरे में सफाई कर लो। नही तो रमा स्कूल से आ जाएगी।
रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी।
रवि _अच्छा का साफ़ करने के लिए क्या उपयोग करती हो?
रेजर से करती होगी, गांव की महिलाए तो रेजर का ही उपयोग करती है?
तुम चाहो तो मेरे पास क्रीम है, उसका उपयोग कर सकती हो?
रजनी _नही बेटा रेजर ही ठीक रहेगा। शर्म से पानी पानी होते हुवे बोली।
रवि _अच्छा ठीक है मां जाओ अब अपने कमरे में जाकर सफाई कर लो। मैं भी अब क्लिनिक जा रहा हूं।
रवि क्लिनिक चला गया।
और रजनी अपनी योनि की बालो की सफाई में लग गई। उसे अभी भी बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।
जब शाम को रेखराज आया, तो पूछा की डाक्टर के पास गई थी।
रजनी _हां, डाक्टर ने कुछ दवाई दी है? रात में खाने को।
हा रात में आप अलग खाट लगाकर सोना।
रेखराज _ठीक है।
रात में भोजन करने के बाद, रेखराज और रमा अपने कमरे में जाकर सो गए।
रजनी कीचन आंगन में बर्तन धो रही थी।
रवि पास जाकर कहा।
रवि_मां सोने से पहले मेरे कमरे में आना।
रजनी बर्तन धोने के बाद सोने से पहले रवि के कमरे में गई।
रजनी _ओ बेटा तुमने बुलाया था, संकोच करती हुई बोली,,
रवि _हां मां, जो दोपहर में बताया था सब याद है ना।
रजनी ने शर्माते हुवे हा में सिर हिलाई।
रवि _अच्छा ठीक है, कोइ समस्या हो तो मुझे बताना।
रजनी, शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
अपने कमरे में जाने के बाद गोली को खाने के लिए अलमारी से निकाल ली और नैपकिन, कच्छी को भी।
पर उसे समझ नही आया की रवि ने किसे खाने और किसे अंदर डालने कहा है।
रजनी न चाहते हुवे भी रवि के कमरे में गई।
रवि _अरे मां, कोइ समस्या है क्या?
रजनी _बेटा किसे खाना है भुल गई, शर्माते हुवे बोली।
रवि _दिखाओ गोली को।
रजनी ने दोनो गोली दे दी।
रवि _मां इसे खा लेना और इसे अंदर डाल लेना।
रजनी शर्मा गई।
वह गोली लेकर अपने कमरे में जाने को हुई,,
रवि _मां सुबह नैपकिन बदल लेना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रेखराज आज बरामदे में ही खाट लगाकर सो गया था।
रजनी ने खाने की गोली खा ली और लेट कर अंदर डालने की गोली अंदर डाल कर नैपकिन के साथ कच्छी पहन ली।
धीरे धीरे दवाई ने असर दिखाना शुरू किया और आधी रात से बील्डिंग होना शुरू हो गया।
उसकी कमर में दर्द होने लगा तो दर्द की गोली भी खा ली।
सुबह उठी तो नैपकिन गीली हो चुकी थी। वह नैपकिन बदल ली।
उसे सुबह काफी दर्द महसूस, हो रहा था, उसकी शरीर गर्म हो गया था।
रवि सुबह उठते ही अपने मां के कमरे में गया।
रवि _मां तुम ठीक तो हो।
हरजनी _हां, बेटा, पर कमर दर्द कर रहा है और बुखार जैसा लग रहा है।
रवि _मां तुम आराम करो। मैं रमा को बोल दूंगा आज स्कूल न जाए। घर का काम सम्हाले।
रमा स्कूल नही गई घर का काम सम्हाली, रजनी आराम करने लगी।
समय समय पर पैड बदलती रही।
दो दिन बाद उसे ठीक लगा।
रमा भी स्कूल चली गई।
दोपहर में जब, रवि घर आया।
रवि _मां, अब दर्द तो नहीं है?
रवि _नही बेटा, पर वो रक्तस्राव अभी भी हो रहा है।
रवि _मां रक्तस्राव तो कुछ दिनों या हफ्तों तक हो सकता है।
नैपकिन को समय समय पर बदलती रहना।
और कोइ समस्या तो नही।
रजनी _नही, बेटा।
एक सप्ताह बाद।
दोपहर में रवि ने पूछा,,
रवि _मां रक्त स्राव अभी भी हो रहा है क्या?
रजनी _बेटा, अभी भी थोड़ा थोड़ा हो रहा है। बेटा नैपकिन खतम हो गया है? और है क्या?
रजनी की शर्म अब थोड़ा कम हो गया था।
रवि _हा मां, रुको मैं अभी देता हूं।
रवि ने अलमारी से एक पैकेट और दे दिया।
एक सप्ताह इसी तरह चलता रहा।
रजनी की शर्म भी कम होने लगी।
रदो सप्ताह बाद _मां अब भी रक्तस्राव तो नही हो रहा है न।
रजनी _नही बेटा।
रवि _, मां एक बार और चेक करना पड़ेगा, कई महिलाओं का ठीक से साफ़ नही huwa रहता है। गर्भाशय में इन्फेक्शन फैलने का डर रहता है। अगर ठीक से साफ़ न huwa हो तो और गोली खानी पड़ती है।
रजनी डर गई,,,
रवि मां चेक करने पड़ेंगे?
ररजनी _कैसे चेक बेटे?
रवि _वो, योनि चेक करना पड़ेगा अंदर ब्लड तो नही रुका हुआ है।
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई,,
रक्या huwa मां,,
रवि _बेटा मुझे बड़ी शर्म आयेगी?
रवि मां तुम अपनी आंखे बंद कर लेना, बस थोड़ा समय ही लगेगा।
चलो मेरे कमरे में।
रजनी न चाहते हुवे, वह रवि के कमरे में चली गई।
रवि _मां तुम लेट जाओ।
रजनी संकोच करते हुवे लेट गई और अपनी आंखे बंद कर दी।
ररवि ने अपने हाथ में दस्ताना पहना फिर,,
मां अपनी कच्छी निकालो,,
रजनी ने शर्माते हुवे अपनी कच्छी निकाल दी।
रवि _थोड़ा टांगे चौड़ी करो।
रजनी ने अपने आंखे बंद कर दी। और टांगे चौड़ी रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी और उसकी दिल की धड़कन तेज़।
पता नही अब क्या होगा?
रवि ने जब रजनी की मस्त फूली हुई चिकनी boor देखा तो उसका land न चाहते हुए भी तन गया।
रवि अपनी दो उंगलियां रजनी के योनि में डालकर चेक करने लगा।
रजनी के मुंह से सिसक निकलने वाली थी जिसे उसने दबाए रखा।
रवि अपनी उंगलियों को गहराई तक डालकर बाहर निकाला तो उस पर कुछ ब्लड नजर आया।
रवि _मां अभी पूर्ण रूप से सफाई नही huwa है मैं तुम्हे एक गोली और देता हूं।
आज रात खा लेना।
फिर पूरी तरह साफ हो जाएगा।
रजनी बेड से उठी और शर्म के मारे वह कमरे से चली गई।
रात में रवि ने रजनी को गोली देते हुए खा लेने के लिए कहा।
रजनी ने गोली सोने से पहले खा ली।
गोली के प्रभाव से कुछ दिनों तक और रक्तस्राव huwa।
एक सप्ताह बाद,,,
रवि दोपहर में रजनी से पूछा,,
मां अब कैसा है?
रक्त स्राव बंद huwa
रजनी _शर्माते हुवे हा बेटा, अब तो रक्त स्राव बिलकुल बंद हो गया है। अब मैं बिल्कुल अच्छी महसूस कर रही हूं।
रवि _मां, एक बार फिर से चेक कर लेते है?
चलो कमरे में।
रजनी राजेश के कमरे में गई और बेड पे जाकर लेट गई और अपनी कच्छी उतार दी।
रजनी की शर्म अब कम हो गया था।
राजेश ने हाथ में दस्ताना पहन कर,,
रवि _मां टांगे चौड़ी करो,,
रजनी शर्मा कर टांगे चौड़ी कर दी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था।
राजेश ने एक बार फिर रजनी की मस्त फूली चिकनी chut देखा तो फिर से न चाहते हुवे उसका लंद तनकर झटका मारने लगा।
रवि ने दो उंगली योनि में डालकर जांचना शुरू कर दिया।
इस बार रजनी अपनी सिसकारी नही रोक पाई।
रवि _क्या huwa मां, दर्द हो रहा है क्या?
रजनी _नही बेटा।
शर्म से पानी पानी होते हुए बोली।
रवि ने उंगली बाहर निकाल कर देखा,,
रवि _मां, अब तो गर्भसाय पूरी तरह साफ हो गया है।
रजनी उठ कर बैठ गई। और अपनी कच्छी पहन कर। कमरे से चली गई।
उसे बहुत शर्म महसूस हो रही थी।
वह अपने कमरे मे जाकर लेट गई।
कुछ दिन बाद दोपहर में,,,
रवि _मां तुमसे कुछ बात कहनी थी?
रजनी क्या बात है बेटा?
रवि _मां, अब आप ध्यान रखना कहीं फिर से गर्भ न ठहर जाए। बार बार बच्चा गिराने से शरीर कमजोर हो जाता है।
रजनी _बेटा मैं तो तुम्हारे बापू को मना करती हूं वो मानते ही नहीं।
रवि _मां, बापू का मन करता होगा? आखिर कब तक वह अपने को रोक पायेगा।
तुम कोइ उपाय कर लो।
ये लो मां बापू से कहना की संबंध बनाने से पहले ये पहन ले।
रवि ने कंडोम का पैकेट रजनी को देते हुए कहा,,,
रजनी _ये क्या है बेटा?
रवि _मां ये कंडोम है!
रजनी _पर इसका करना क्या है?
मां मेरे कमरे में आओ तुम्हे बताता हूं।
रजनी रवि के पीछे पीछे कमरे में चली गई।
बेड में दोनो बैठ गए।
रवि ने कंडोम का पैकेट से एक कंडोम निकाला और उसे फाड़कर रजनी को दिखाया।
रजनी _बेटा ये तो कोइ गुब्बारा लग रहा है।
रवि _हा ये गुब्बारे जैसा ही है? पर फुलाने वाला नही, लगाने वाला है?
रजनी _पर इसे उपयोग कैसे करना है?
रवि _हां इसका उपयोग थोड़ा सावधानी से करना पड़ता है।
इसे संबंध बनाने से पहले बापू के लिंग में चढ़ा देना। संबंध बनाने के बाद बापू का पानी इस कंडोम के अंदर ही रह जायेगा, गर्भ में नही जायेगा। और तुम्हे गर्भ नही ठहरेगा।
अधिकांस लोग गर्भ ठहरने से बचने के लिए गर्भ निरोधक के रूप में इसका उपयोग करते है?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी।
रजनी _पर बेटा इसे मुझे अपने हाथो से पहनना पड़ेगा, मुझे बहुत शर्म आयेगी, तुम्हारे बापू क्या समझेंगे?
रवि _बापू को बोल देना स्वास्थ्य केंद्र में नर्स ने ये दिया है और उपयोग करना सिखाया है?
मां इसे लगाते समय ध्यान रखना अंदर हवा न भर जाए नही तो कंडोम फट जायेगा।
रजनी _बेटा, इसे कैसे लगाना है, बता देते तो,,,,
रवि _अच्छा ठीक है, तुम्हे सीखा देता हूं इसे इसे उपयोग कैसे करना है? पर तुम शर्माना मत,,
रजनी ने हा में सिर हिलाया,,,
रवि ने अपना टावेल निकाल कर अपना कच्छा भी उतार दिया।
रवि का लंद खड़ा huwa था, रजनी की नजर जब उसके लंद पर गया तो वह शर्म से पानी पानी होने लगी, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।
रवि _मां देखो कंडोम कैसे लगाना है।
रजनी राजेश के लंद की ओर देखने लगी जो उसके पति के लंद से थोड़ा बड़ा और मोटा था।
रवि _, मां, चलो अपने हाथो से कंडोम चढ़ाओ।
रजनी _बेटा, मुझे शर्म आ रही,,,
रवि _मां, यहां हम दोनो के सिवा है कौन?
मैने भी तो आपके योनि में उंगली डाल कर जांच किया, चलो लगाओ,
रजनी ने कंडोम को रवि के बताए अनुसार लंद पर चढ़ा दिया।
रवि _मां अब तो आपको कंडोम चढ़ाना, आ गया।
अब कंडोम में लिंग का पानी गिरने के बाद सावधानी से कंडोम को बाहर निकालना होता है। फिर कंडोम को बांध कर उसे सही जगह फेकना होता है?
रवि _मैं आपको अच्छे से सीखा ही दू।
लिंग का पानी गिरने के बाद इसे सावधानी से निकलना कैसा है?
रवि ने लंद पर कंडोम लगाकर मुठ मारना शुरू कर दिया।
वह रजनी, रवि को मुठ मारते हुवे देखने लगी,, उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी। रवि को मजा आ रहा था।
जब से उसने अपनी मां की मस्त फूली हुई चिकनी chut देखा था। उसके मन में पाप आ गया था।
उसे अपने मां के सामने मुठ मारने में मजा आ रहा था।
रवि _मां क्या आप ऐसे ही देखती रहोगी?
पानी निकालने में मेरी मदद करो?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी, वह कांपते हाथो से रवि के लंद को पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे हिलाने लगी।
रवि _मां थोड़ा तेज़ तेज़ करो,,
रजनी ने अपनी हाथो की गति बढ़ा दी।
रवि_आह, बड़ा अच्छा लग रहा है मां, हा ऐसे ही,,, हा और तेज़,,,
रजनी तेज़ तेज़ मुठ मारने लगी।
रवि _मां, मेरा पानी छूटने वाला है, थोड़ा और तेज़,,, आह आह,,
रवि का पानी छूटने लगा,,,
कंडोम में सारा पानी भर गया, कंडोम नीचे लटकने लगा। लिंग भी अब ढीला हो गया।
रवि _मां देखो अब इसे कैसे निकालना, एवम बांधना है।
रवि ने लिंग से कंडोम निकाल दिया और उसे बांध कर दिखाया।
रवि _मां अब तो आप सब कुछ अच्छे से सीख गई होगी? अब बापू का जब मन करे उसे कंडोम पहना देना, बिना कंडोम के उससे दूर ही रहना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रात में जब रमा और रेखराज भोजन करने के बाद, अपने कमरे में चले गए।
रवि रजनी के पास जाकर कहा,,,
रवि _मां, तुम्हे याद है ना जो दोपहर को सिखाया था,,,
रजनी शर्मा गई,,,
रजनी अपने कमरे में गई, आज फिर रेखराज ने रजनी को chudai के लिए कहा,,
रेखराज _रमा की मां, अब और कितना दिन तड़पाओ गि, मुझे आज तो देदो,,,
रजनी _ठीक है जी, पर तुम्हे भी मेरा कहना मानना होगा।
गर्भ न ठहरे इसके लिए उपाय करना होगा?
रेखराज _कैसा उपाय?
रजनी ने रेखराज को कंडोम के बारे में बताया।
रेखराज कंडोम का उपयोग करने तैयार हो गया।
रजनी ने संभोग से पहले रेखराज के लिंग पर कंडोम चढ़ा दिया।
कंडोम लगा कर करने में रेखराज को उतना मजा नही आया फिर भी chut न मिलने से अच्छा है कंडोम लगा कर ही मिल जाए।
अगले दिन दोपहर में रवि भोजन के बाद अपने कमरे में लेता था,,
उसने रजनी को आवाज़ दिया।
रजनी कमरे में आई।
रजनी _क्या बात है बेटा?
रवि _मां, आओ बैठो।
कैसा रहा कल रात में, बापू ने पहली बार कंडोम का उपयोग किया है? क्या बोल रहा था?
रजनी शर्मा गई !
रवि _मां बताओ न,,
रजनी _वो बेटा, तुम्हारा बापू कह रहा था कि कंडोम लगाकर करने से ज्यादा मजा,,, नही,,,
रवि _हा, कुछ लोगो को कंडोम से करने में मजा नहीं आता। फिर भी गर्भ से बचने के लिए कुछ तो समझौता करना पड़ेगा ही। वैसे तुमको अच्छा लगा कि नही,,,
रजनी _धत बदमाश,,, रजनी शर्म से अपना चेहरा छिपा ली।
रवि _मां, इसमें शर्माने की क्या बात है? मां मुझे तुमसे कुछ कहना था?
कल तुमने मेरी मुठ मारी थी न तो बहुत मजा आया था। उसे याद करके मेरा लिंग फिर अकड़ गया है। आज फिर मुठ मार के शांत कर दो।
रजनी _न, मुझेसे नही होगा?
रवि _पर क्यू?
रजनी _मुझे बहुत शर्म आती है?
रवि _इसमें शर्माने की क्या बात यहां हम दोनो ke सिवा है कौन?
रवि ने अपना टावेल और चड्डी उतार दिया।
उसका लंद रजनी के आंखों के सामने हवा में लहराने लगा।
रजनी का दिल फिर जोरो से धड़कने लगा,,,
रवि ने रजनी का हाथ पकड़ कर अपने लंद पर रख दिया।
रजनी मुठ मारना शुरू कर दी। पहले धीरे धीरे उसके बाद तेज़ तेज़।
रवि को बहुत मजा आ रहा था। रवि जोश में आकर एक हाथ से रजनी के दूध मसलने लगा।
रजनी भी गर्म होने लगी।
रवि _मां बहुत अच्छा लग रहा है और थोड़ा तेज़ तेज़ करो?
रवि _आह,, आह,, मां और थोड़ा तेज़,, आह,
मां, अब बस करो,,
अब आप लेट जाओ,,,
रजनी _पर क्यू बेटा?
मुझे आपका एक बार फिर चेक अप करना है?
रजनी _पर बेटा तुमने तो कहा था, बिल्कुल साफ़ हो गया है?
रवि _हा, पर क्या पता, कुछ अंदर रह गया हो, बीच बीच में चेक करता रहना पड़ेगा।
चलो लेट जाओ।
रजनी _लेट गई और अपना कच्छी उतार दी।
रवि बेड पर चढ़ गया और रजनी के दोनो टांगे चौड़ी कर दिया।
पहले उंगली को boor में डालकर अंदर बाहर किया जिससे रजनी सिसकने लगी। उसकी boor पानी छोड़ने लगी।
रवि ने देखा उसकी मां गर्म हो चुकी है
वह अपना खडा लंद पकड़कर उसका टोपारजनी के योनि मुख पर रख कर एक करारा धक्का मारा लंद एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर चला गया।
रजनी के मुंह से हल्का चीख निकल पड़ी
राजेश ने एक और धक्का लगा दिया जिससे लंद पूरी तरह boor में समा गया।
रजनी आंखे बंद कर लेती रही।
रवि ने चोदना शुरू कर दिया।
लंद को boor में गपागप अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
रजनी को बहुत मजा आने लगी वह अपने मुंह से मादक सिसकारी निकालने लगी।
वैसे तो रवि ने गांव की कई औरतों को चोद चुका था, पर अपने मां को चोदने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा था
वह रजनी के ब्लाउज के बटन खोलने लगा।
बटन नही खुला तो, रजनी ने स्वयं ही अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
जिसे देखकर रवि समझ गया की मां अब पूरी तरह जोश में आ गई है और मजा ले रही है।
रवि ने रजनी की चुचियों को अपनी हाथ से मसल मसल कर चूसने लगा। और साथ ही chudai भी जारी रखा, रजनी का मजा दो गुना हो गया।
वह नीचे से कमर उठा उठा कर रवि की मदद करने लगी।
दोनो की संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था ।
रजनी को जो मजा रवि से आ रहा था, ऐसा मजा तो उसका पति जब नया नया शादी huwa था तब देता था।
रजनी खुद को ज्यादा देर तक नही रोक सकी और झड़ने लगी।
रवि ने chudai जारी रखा और तेज़ तेज़ धक्के लगाते रहा।
जैसे ही वह झड़ने की स्थिति में पहुंचा अपना लंद बाहर निकाल लिया, और रजनी के चूची में ही झड़ने लगा, एक दो पिचकारी तो रजनी के चेहरे पर भी गिरा।
रजनी _को बड़ी शर्म आ रही थी।
वह बेड से उठी और सीधे बाथरुम में गई। कपड़े से स्तनों और चेहरे पर लगा वीर्य साफ करने लगी।
इधर रवि गहरी नींद में सो गया।
रजनी ने देखा की रवि के क्लिनिक जाने का समय हो चुका है? फिर भी सोया हुआ है? वह उसे उठाने के लिए गई।
रजनी _रवि, बेटा उठो क्लिनिक नही जाना है क्या?
रवि नींद से जागा,,
अपनी मां की ओर देखा,,
रजनी शर्म के मारे अपने कमरे में चली गई।
रवि मुस्कुराने लगा।
रवि तैयार होने के बाद रजनी के कमरे में गया।
रजनी अपनी बाल बना रही थी।
रवि ने पीछे से रजनी को अपनी बाहों में भर लिया?
रजनी _छोड़ो क्या कर रहा है?
रवि _अपनी मां को प्यार? तुमको आज मजा आया की नही।
रजनी _ये गलत है? अगर किसी को पता चल गया तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी।
रवि _मां, ये राज सिर्फ हम दोनो के बीच रहेगा, किसी को कुछ पता नही चलेगा?
रवि _अब जाते हुए एक चुम्मा तो दे दो।
रवि ने रजनी को अपनी ओर घुमा दिया।
और उसकी ओंठो को चूम लिया।
रजनी ने राजेश को धकेलते हुवे कहा,,
रजनी _चल हट बेशरम।
रात में रेखराज ने फिर कंडोम लगाकर चोदा।
अगले दिन दोपहर में जब भोजन करने रवि घर आया।
रवि ने घर पहुंच ते ही रजनी को बाहों में भर लिया।
रजनी _अरे बेटा क्या कर रहा है छोड़ो मुझे?
रवि _मां चलो न करते हैं? बड़ा मन कर रहा है?
रजनी _न, ये पाप है? छोड़ो मुझे।
रजनी ने रवि को अपने से दूर कर दिया।
रवि मुंह लटका कर, अपने कमरे में चला गया।
रजनी ने भोजन करने बुलाया,,
रवि ने चुपचाप भोजन किया,,, और अपने कमरे में चला गया।
रजनी _मुस्कुरा रही थी,,,
रवि अपने कमरे में सोने की कोशिश करने लगा,,,
तभी रजनी भोजन कर बर्तन धोने के बाद उसके कमरे में पहुंची।
रजनी _हूं, नाराज है क्या मुझसे?
रवि _चुप चाप लेटा रहा।
रजनी _लगता है तुम नाराज हु, अच्छा मैं भी जा रही अपने कमरे में सोने! अगर कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना।
और मुस्कुराते हुवे अपनी कमर मटकाती हुई अपने कमरे में चली गई।
रवि, ने अपनी मां द्वारा कहीं बात सुना की कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना, वह खुश हो गया।
कुछ देर बाद रवि अपने कमरे से निकल कर अपने मां की कमरे की ओर गया।
कमरे की दरवाजा बंद था।
उसने दरवाजा खटखटाया,,
रजनी ने दरवाजा खोली,,
रजनी _अरे क्या huwa
रवि _ आपने कहा था की कुछ जरूरत हो तो कमरे में आ जाना।
रजनी _हां, क्या चाहिए?
रवि _दूध पीना था?
रजनी _तुम बैठो मैं दूध गरम करके लाती हूं।
ररजनी जब जाने को हुई तो रवि ने उसका हाथ पकड़ लिया। मुझे ये वाली दूध पीने है।
रजनी को खींचकर अपनी गोद में उठा लिया और बेड बैठ गया।
उसके बाद उसकी ओंठो को चूसने लगा।
उसकी ब्लाउज को निकाल फेका और स्तनों को मसल मसल कर पीने लगा।
रजनी बहुत गर्म हो गई उसकी मादक सिसकारी कमरे में गूंजने लगी।
रवि ने रजनी की साड़ी निकाल फेका अब वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
रवि में रजनी को बेड किनारे लिटा कर उसकी chut चाटने लगा।
पहली बार chut चटवाने में उसे बहुत मज़ा आया उसके बाद रवि ने रजनी को लंद चूसना सिखाया।
रजनी बहुत अच्छे ढंग से लंद चूसने लगी।
उसके बाद रवि ने रजनी को घोड़ी बनाकर, जमकर चोदा।
और जब वह झड़ने को huwa तो अपना लंद बाहर निकाल कर रजनी की चुचियों और चेहरे पर अपना वीर्य छोड़ने लगा।
अब हर रोज दोपहर में रजनी और रवि chudai का खेल खेलने लगे। और मजा लेने लगे।
एक दिन रवि ने रजनी से कहा,,,
रवि _मां, तुम कहती हो ना की कंडोम लगाकर करने से बापू को मजा नही आता उसका एक उपाय है, जिससे गर्भ भी नही ठहरेगा और बापू को खुब मजा भी आयेगा।
रजनी _वो कैसे बेटे?
रवि _आओ तुम्हे एक वीडियो दिखाता हूं।
रजनी वीडियो देखने लगी। जिमसे एक मर्द कई मर्द औरतों की गाड़ मार रहा था।
रजनी उसे देखकर आश्चर्य में पड़ गई।
रवि _मां कुछ समझ में आया।
रजनी _पर बेटा, उसमें तो बड़ा दर्द होगा?
रवि _शुरू शुरू में होगा उसके बाद ठीक हो जायेगा।
रवि ने अपने आलमारी से एक क्रीम निकाल कर अपने लंद और रजनी के गाड़ में भर दिया, पहले उंगली को गाड़ में डालकर उसे फैलाने की कोशिश किया फिर अपना लंद उसकी गाड़ में उतार ही दिया। रजनी को बहुत दर्द huwa, पर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा। उसकी गाड़ का छेद फैल गया अब।
रवि रोज ही पहले chut मारता फिर गाड़।
रजनी को भी ज्यादा मजा आने लगा। अब वह रेखराज को बिना कंडोम के ही गाड़ मरवाता।
रेखराज को भी गाड़ मारने में ज्यादा मजा आ ता। अब वह सिर्फ गाड़ ही मारता।
रवि पहले boor चोदता उसके बाद आखरी में गाड़ मारकर झड़ जाता।
कभी कभी रवि जी रात में चोदने का मन होता तो रेअपने बापू के सोने के बाद, अपने कमरे में आने की कह देता, रजनी रेखरज के सोने के बाद रवि के कमरे मे चला जाता, और घंटो chudai का मजा लेने के बाद अपने कमरे में आ जाती।
लंदन में निशा और सीमा ने कालेज में एडमिशन ले ली। वे कालेज जाने लगे। कालेज से आने के बाद वे पढ़ाई के साथ साथ अपने फूफा जी के से बिजनेस के गुर सीखने लगे।
एक दिन कालेज के कैंटीन में दोनो कॉफी पी रहे थे। तभी एक लडका उन दोनो के पास आया।
लडका _हाय।
आप लोगो ने मुझे पहचाना,,
सीमा _तुम तो हमारे क्लास में ही हो न,,
लडका _जी आपने सही कहा।
लडका _मेरा नाम आर्यन है। आप दोनो इंडियन है? मुझे इंडियन बहुत अच्छे लगते है।
मैं आप लोगों को जब देखा तभी से बात करना चाहता था।
सीमा _पर आप लोगो को इंडियन क्यू पसंद है।
आर्यन _इसका एक कारण है, मेरे डैड एक इंडियन है, मेरे डैड यहां पढ़ाई करने के लिए दिल्ली से यहां आए थे, कालेज में ही उसे मेरी मोम जो एक इटालियन है से प्यार हो गया।
सीमा _फिर।
आर्यन _मेरे डैड पढ़ाई पूरी होने के बाद यहीं रहकर अपना बिजनेस शुरू किया। और आज यहां का सबसे कामयाब बिजनेस मैन है।
सीमा _ओह।
आर्यन _आप दोनो यहां नई है, अगर कोइ मदद की जरूरत हो तो मुझे बताना, मुझे खुशी होगी। वैसे आप लोग कहा रहती है।
सीमा _ये मेरी सहेली निशा है?
आर्यन _हाई निशा जी।
निशा उसकी ओर देख कर थोड़ी झूठी मुस्कान ला दी।
सीमा _निशा की बुवा यहां रहती है हम उन्हीं के यहां रहते हैं।
आर्यन _ओह।
क्या हम दोस्त बन सकते है?
सीमा _माफ करना, हम लोग लड़को से दोस्ती नही करते। वैसे भी आप हमारे ली एक अंजान ही है।
आर्यन _ओह, जानता हूं इंडियन बहुत संस्कारी होते हैं, पर मैं ऐसा लडका नही हूं, जिसे दोस्त बनाकर आप लोगो को पछताना पड़े। मेरी मोम एक इटालियन जरूर है, पर मैं अपने बाप पर गया हूं। और मोम भी इंडियन रीति रिवाज को मानते हैं। उन्हे भी इंडियन पसंद है तभी शायद उसने मेरे डैड से प्यार की और उससे शादी भी।
तभी क्लास की घंटी लग जाती है।
निशा _बेल लग चुकी है, सीमा अब हमे चलना चाहिए।
आर्यन _हां हा, क्यू नही?
तीनो क्लास की ओर चले गए।
कुछ दिनों तक अवलोकन करने के बाद सीमा को लगा की आर्यन सच में एक अच्छा लडका है।
सीमा, आर्यन और निशा एक साथ उठने बैठने लगे।
निशा बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही बात चीत करती थी।
एक दिन आर्यन ने सीमा से पूछा।
आर्यन _सीमा, आपसे कुछ पूछना था।
सीमा_बोलो क्या पूछना है?
आर्यन_ये निशा जी, काफी शांत स्वभाव की है, बहुत कम बात करती है।
सीमा _हां वो ऐसे ही है?
आर्यन _पर मुझे पता नही क्यू, उसकी खामोशी मुझे कुछ और ही लगता है? ऐसा लगता है जैसे उसके अंदर कोइ दर्द छुपा हो।
सीमा _ऐसी कोई बात नही! ये आपका वहम है।
आर्यन _हो सकता है, यह मेरा एक वहम ही हो।
तभी निशा, जो बाथ रूम गई थी। वहा आ जाती है।
वे तीनों क्लास की ओर चले जाते है।
कालेज से घर आते समय सीमा , निशा से कहती हैं?
सीमा _निशा तुम फाइनली बताओ, तुम राज को भूलना चाहती हो की, उसे एक मौका और देना चाहती।
निशा _अचानक ये क्या सवाल करने लगी।
सीमा _क्यू की तुम्हारा लटका हुआ चेहरा, मुझे अच्छा नहीं लगता। आज तो आर्यन भी पुछ रहा था।
निशा _क्या पुछ रहा था?
सीमा _तुम्हारा चेहरा देखकर, उसे ऐसा लगता है कि तुम् अपने अंदर कोइ दर्द छुपा रखी हो। देखो कब तक ऐसी चेहरा बनाकर घूमेगी।
मुझे भी अब तुम्हारा लटका हुआ चेहरा देखा नही जाता। मुझे लगता है कि राज को तुम भुल नही पाओगी। इसलिए उसे तुम सुधरने का एक मौका देदो।
निशा _नही, मैं उस रंडीबाज को और मौका नहीं दे सकती।
सीमा _फिर, मुंह लटका कर क्यू रहती हो।
निशा _अब भूलने की कोशिश कर रही हूं न? कुछ समय तो लगेगा। निशा चीखते हुए बोली।
सीमा _ओके बाबा सॉरी, मैं तो तुम्हे बस हंसते मुस्कुराते हुवे देखना चाहती हूं, इसलिए बोल पड़ी।
वे दोनो घर पहुंच जाते हैं।
इधर राजेश स्कूल समिति के सदस्यों से मिलकर गांव में फंड इकट्ठा करने में लगा था।
वे फंड इकट्ठा करते, लाला जी के राशन दुकान में पहुंचे।
राजेश _नमस्ते लाला जी।
लाला _अरे राजेश बाबू। आइए बैठिए।
राजेश _लाला जी आपको तो पता ही होगा की हम गांव में घर घर क्यू जा रहे है?
लाला _अरे राजेश बेटा मुझे सब पता है? लगता है गांव का उद्धार आपने हाथो लिखा है। तुम बहुत अच्छा काम कर रहे हो बेटा।
राजेश _धन्यवाद, लाला जी।
लाला जी, आप तो काफी सम्पन्न है आपसे कुछ ज्यादा मदद की कुछ ज्यादा ही उम्मीद है?
लाला जी _गांव की बच्चो को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए मैं भी कुछ मदद कर सकूं यह तो मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होगी बेटा।
राजेश _, ये तो बड़ी अच्छी बात है लाला जी।
लाला ने अपने नौकर से सभी के लिए पास के चाय की दुकान से चाय लाने को कहा।
राजेश _लाला जी, चाय बहुत पी लिए है, चाय को रहने दीजिए मत मंगाइये।
लाला _राजेश बेटा, पहली बार आ दुकान आए हो, ऐसे कैसे रहने दू।
बिना चाय पीए जाने नही देगें, हा।
लाला ने नौकर को चाय लाने भेज दिया।
राजेश _बोलिए लाला जी कितनी की मदद लिख दू।
लाला _राजेश बेटा, मैं स्कूल को पूरे एक लाख की मदद देने के लिए तैयार हूं, पर उसके लिए तुम्हे भी मेरी मदद करनी पड़ेगी?
राजेश _कैसी मदद लाला जी?
लाला _अब क्या बताऊं तुम्हे बेटा, मेरी बेटी लज्जो, 12वो की परिणाम में गणित विषय में पूरक आ गई है। सुना है तुम यूनिवर्सिटी में टॉप किए हो, मेरी बेटी को एक माह ट्यूशन पढ़ा देते तो वह पास हो जाएगी। तुमसे बढ़ी उम्मीद है बेटा। क्या तुम मेरी मदद कर करोगे?
राजेश _लाला जी, मैं लज्जो की गणित विषय में मदद करने तैयार हूं। दोपहर में एक घंटा पढ़ा दूंगा। घर भेज देना।
लाला _अरे बेटा, लड़की जात है वह कहा अकेली पढ़ने किसी के घर जाएगी। तुम ही आ जाना घर एक घंटा पढ़ा देना।
राजेश _ठीक है लाला जी मैं कल से ही दोपहर बाद एक घंटा लज्जो को पढ़ाने आ जाऊंगा।
लाला _ठीक है राजेश बेटा, मैं एक लाख रुपए जब तुम ट्यूशन पढ़ाने आओगे तो ।
राजेश _ठीक है लाला जी।
चाय पीने के बाद, जाने की इजाजत लेकर राजेश और उसके साथी वहा से चले गए।
इधर लाला अपनी चाल को कामयाब होता देख अपने मूछ को ऐंठने लगा।
शाला समिति के सदस्यों ने राजेश से कहा,,
राजेश, ये लाला तो एक नंबर का कमिना इन्सान है। फिर पता नही एक लाख देने कैसे तैयार हो गया? मुझे तो घोर आश्चर्य हो रहा है। कहीं उसकी कोइ चाल तो नही।
राजेश _कैसी चाल हो सकती है?
सदस्य _राजेश बाबू, तुम उसके घर जाओगे लाला के यहां तो सम्हल कर रहना, लाला की कोइ चाल न हो।
राजेश _हूं, अगर लाला की कोइ चाल होगी तो उसे भी देख लेंगे?
अब किसके घर चलना है?
वैसे भी अब लोगो के दोपहर का भोजन का समय हो गया है।
सदस्य _ राजेश बाबू, ये डाक्टर रवि का घर है? रवि क्लिनिक पर नही है वह घर आया होगा।चलो यहीं चलते हैं इसके बाद आज का काम हो जायेगा। कल निकलेंगे।
राजेश _अच्छा ठीक है।
एक सदस्य ने घर का दरवाजा खटखटाया।
इधर रवि घर के अंदर अपने कमरे में अपनी मां रजनी का गाड़ मार रहा था।
रजनी, के मुंह से दर्द से कभी चीख तो आनद में कभी सिसकारी निकल रहा था। आह उन,, आई,, मा,,,,,
आ,, अरे बेटा थोड़ा धीरे कर,,,
रवि _आह, आह,, बहुत मजा आ रहा है मां,,, क्या मस्त गाड़ है आपकी,,,
रजनी को घोड़ी बनाकर दनादन पेल रहा था।
तभी दोनो को दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनाई पड़ी।
रजनी _बेटा कोइ दरवाजा खटखटा रहा है।
रवि _साला कौन आ गया मजा खराब करने?
रवि ने अपने लंद को रजनी के गाड़ से बाहर निकाल लिया। वह हवा में झटके मारने लगा।
रवि _मां तुम जाकर देखो शाला कौन आया है? उसे भगा देना साले को और जल्दी आना? अभी huwa नही है मेरा। अपना लंद हिलाते हुए कहा।
रजनी, रवि को लंद हिलाते हुए देखी और मुस्कुराते हुवे बोली। मैं ऐसे ही जाऊंगी क्या नंगी? मुझे साड़ी पहनने में समय लगेगा।
तुम अपना टावेल लपेट लो और जा कर देखो कौन है।
रवि ने अपना चड्डी पहनकर टावेल लपेट लिया। और बनियान पहनते हुवे,,,
रवि _अरे आ रहा हूं भैया, थोड़ी देर सब्र भी नही कर सकते।
रवि ने दरवाजा खोला,,,
राजेश _नमस्ते रवि भैया,,,
रवि _राजेश तुम , अरे आवो भाई,, आओ अंदर आओ।
रवि राजेश और उनके साथियों को बैठक कक्ष में ले गया।
रवि _अरे यार रवि, बोलो कैसे आना huwa?
अरे मां देखो तो कौन आया?
रजनी _कौन है बेटा? कमरे से बाहर निकलते हुए बोली।
रवि _ये राजेश है?
रजनी _अरे बेटा, राजेश को कौन नहीं जानता।
राजेश _नमस्ते मां जी।
रजनी _नमस्ते बेटा।
तुम लोग बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूं।
रवि _अरे मां राजेश पहली बार हमारा घर आया है? कुछ खाने के लिए हो तो ले आओ।
ठीक है बेटा।
एक सदस्य _अरे रवि भैया हम कबसे, दरवाजा खटखटा रहे थे । लगता है आप सो रहे थे हमने आपके नींद में बाधा डाल दी।
रवि _अभी अभी भोजन करके आराम ही कर रहा था। बोलो राजेश कैसा आना huwa।
राजेश ने रवि को घर उनके घर आने का प्रयोजन बताया।
रवि _यार राजेश जो तुम कर रहे हो ना, हर कोइ नही कर सकता। तुम कोइ साधारण बंदा नही हो।
रवि ने राजेश को अपनी क्षमता अनुसार मदद करने का भरोसा दिलाया।
रजनी ने चाय और नमकीन लेकर आई। चाय और नमकीन का मजा लेने के बाद।
राजेश ने रवि से जाने की इजाजत मांगा।
रजनी के पैर छूकर कहा _अच्छा मां जी हमलोग चलते है?
रजनी _खुश रहो, बेटा, अरे राजेश बेटा तुम तो रवि के दोस्त हो आता रहा करो घर।
राजेश _जी मां जी, जरूर आऊंगा।
राजेश और शाला समिति के सदस्य गण घर चले गए।
इधर रवि राजेश को बाहर तक छोड़ा और दरवाजा बंद कर घर के अंदर गया।
रजनी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया।
रवि ने अपना टावेल और चड्डी निकाल दिया।
रजनी को अपना लंद चूसने कहा।
रवि बेड पर लेट गया था। रजनी बेड पर चढगया और रवि का लंद मुंह में भर कर चूसने लगी।
कुछ देर में ही लंद फिर से शख्त हो गया।
रवि ने रजनी को लंद पर बैठने कहा।
रजनी ने रवि का लंद अपने हाथो से पकड़ कर अपनी boor के छेद में रख कर बैठ गई।
लंद सरसरा ता huwa अंदर चला गया।
अब रजनी रवि के लंद पर उछल उछल कर चुदाने लगी। रवि रजनी की ब्लाउज खोल दिया और रजनी की चूची मसल मसल कर पीते हुवे नीचे से कमर उठा उठा कर लंद को boor में गहराई तक ले जाने की कोशिश करने लगा।
दोनो संभोग के परम सुख को प्राप्त करने लगे।
आइए अब जानते है की रवि और उसकी मां, रजनी के बीच संबंध कैसे बने?
रेखराज रवि के पिता उम्र 47वर्ष।
रजनी उम्र 43 वर्ष।
रवि, रजनी का बेटा 24वर्ष।
रति, रजनी की बेटी 22वर्ष। शादी हो चुकी हैं।
रमा, रजनी की छोटी बेटी 17वर्ष, अभी पढ़ाई कर रही है।
रजनी एक खुबसूरत संस्कारी महिला थी।
रमा के जन्म के बाद वह और बच्चा नही चाहती थी इसलिए उसने कापर टी लगवा ली थी।
रवि के पिता जी, रिखराज खेत का काम सम्हालते है। अभी भी हस्ट पुष्ट है।
अभी भी वह सप्ताह में दो बार रजनी को चोदता था।
रजनी हर 5साल बाद अपना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपना कापर टी बदलवाती थी। जब वह 42की हुई तब, यह सोच कर की अब मुझे गर्भ नही ठहरेगा।
उसने कापर टी निकलवा दी।
उसका नतीजा ये हुआ कि उसे गर्भ ठहर गया।
जब उसे मासिक धर्म समय पर नही आया तो वह एक माह और वेट की फिर भी जब उसे मासिक धर्म नही huwa तो वह समझ गई की वह पेट से हो गई।
6माह पहले की ही बात है।
वह अपनी जब पेट से हुई तो वह यह बात अपने पति को बताया।
रजनी _अजी सुनते हो?
रेखराज _क्या है रवि की मां।
मुझे लगता है कि मैं पेट से हूं। मुझ दो माह से मासिक धर्म नही huwa है।
रेखराज _ये तो बड़ी खुशी की बात है? देखा ने मेरी मर्दानगी को।
रजनी _रहने दो तुम्हारी मर्दानगी।
मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है लोगो को पता चलेगा तो हसेंगे। रवि और रमा पर ताने मारेंगे?
रेखराज _हूं, ऐसी बात है तो बच्चे गिरवा दो।
रजनी _मैं भी यहीं सोच रही थी।
मैं सुबह ही काकी से लक्ष्मण पुर के किसी डाक्टर के पास ले जाने के लिए बोलूंगी।
अगली सुबह रजनी ने पड़ोस की काकी को बताया। उसे किसी डाक्टर के पास ले जाने को बोली,,,
काकी _अरे बहु, घर में डाक्टर के रहते तुम्हे बाहर जाने की क्या जरूरत?
रजनी _काकी तुम क्या कहना चाहती हो मैं समझी नही।
काकी _अरे देखो वो फुलवा है ना कुछ माह पहले वो भी पेट से हो गई थी। वो भी मेरे पास ही आई थी किसी डाक्टर के पास जाने के लिए।
मैं उसे अपना रवि के पास ले गई। रवि ने कुछ जांच किया। फिर उसे कुछ दवाई दिया।
एक सप्ताह में ही सब ठीक हो गया।
घर में डाक्टर के रहते, बाहर जाने की क्या जरूरत? मैं तो कहती हूं की तुम भी रवि को ही दिखा लो।
रजनी _ताई ये तुम क्या कह रही हो, रवि मेरा बेटा है।
उसे ये सब कैसे बता पाऊंगी? मुझे शर्म नही आयेगी। न बाबा मैं रवि के सामने नही जा पाऊंगी?
काकी _अरे रवि, तुम्हारा बेटा है तो क्या हुआ वह डाक्टर भी है। दूसरो का इलाज करता है तो क्या अपनी मां का इलाज नही करेगा?
अब जरा ये सोचो अगर रवि से ये बात छुपाई और कुछ ऊंच नीच हो गया और रवि को यह बात पता चल गया, तो वह तुमसे सवाल नही पूछेगा की यह बात उनसे क्यू छुपाई।
रजनी _काकी, मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।
काकी _अरे बहु, ज्यादा सोचो मत तुम रवि से बोल नही पावोगी तो मैं रवि को सब बात अच्छे से बता दूंगी। फिर वह तुम्हे दवाई दे देगा।
रजनी _काकी मुझे तो अभी से बड़ी शर्मिंदगी महसूस होने लगी है मैं रवि के सामने कैसे जाउंगी।
काकी _अरे तुम इलाज कराते तक भुल जाना की रवि तुम्हारा बेटा है। यह सोचना की वह एक डाक्टर से बात कर रही है। अच्छा मैं दोपहर में आऊंगी। जब रवि घर में दोपहर को भोजन करने आएगा। रमा भी स्कूल चली जाती है।
रेखराज भी खेत गया होगा।
तुम चिन्ता करना और शर्म करना छोड़ो।
रजनी _काकी मेरी इज्जत तो अब आपके ही हाथो में है।
दोपहर में रवि भोजन करने घर आया।
वह भोजन करके अपने कमरे में थोड़ा आराम करने लगा।
तभी काकी, रजनी के घर पहुंच गई।
काकी _बहुरिया, रवि घर में है न।
काकी _हां काकी, वह अपने कमरे में है?
काकी रवि के कमरे की ओर चली गई।
जब वह कमरे में पहुंची,,
काकी _अरे रवि बेटा क्या कर रहा है?
रवि _अरे काकी, आप, मैं थोड़ा आराम कर रहा था। कुछ काम था क्या? आओ बैठो।
रवि अपने बेड पर बैठ गया, काकी भी बाजू में बैठ गई।
काकी _हां बेटा मैं कुछ बताने आया था?
रवि _बोलो काकी , क्या बात है?
काकी _बेटा, ये बात तुम्हारी मां के बारे में है?
रवि _क्या huwa मां को ?
रजनी दरवाज़े के पीछे से बाते सुन रही थी बड़ी शर्म महसूस कर रही थी।
काकी _बेटा, तुम्हारी मां पेट से है? इस उम्र में मां बनेगी तो लोग हसेंगे, यह सोचकर बच्चा गिराना चाहती है। वह सुबह मेरे पास आई थी किसी डाक्टर के पास ले जाने बोल रही थी।
मैने कहा, अपने रवि के होते दूसरे की पास जाने की क्या जरूरत?
बेटा वह तुम्हारी मां है न अब ऐसी बात तुमसे कहने में शर्मिंदगी तो महसूस करेगी ही। इसलिए मैं यह बात तुम्हे बताने आई हूं।
जैसे फुलवा का इलाज किया था न वैसे ही तुम अपनी मां की समस्या का समाधान कर दो, बेचारी बहुत चिंतित है।
रवि _काकी, ये तुमने अच्छा किया? की यह बात तुमने मुझे बतादी। काकी आप जो कह रहे हो, वैसा ही होगा? मैं मां की समस्या का समाधान कर दूंगा। मेरे पास तो आए दिन गांव की महिलाए अपनी अपनी समस्या लेकर आते रहते है? दूसरी महिलाओं की समस्या दूर कर सकता हूं तो अपनी मां की क्यू नही।
काकी _ठीक है बेटा, अब मैं चलती हूं जो, बताना था वो तो बता दी।
काकी _ठीक है काकी।
जाते समय काकी रजनी से बोली,,
काकी _बहुरिया, तुम्हे चिन्ता करने की कोइ जरूरत नही, रवि सब ठीक कर देगा, मैने सब बता दिया है।
रजनी _पर काकी मुझे बड़ी शर्म आ रही,,
काकी _अरे, अब शर्म छोड़ो, शर्म करेगी तो इलाज कैसे होगा? रवि जो भी पूछे उसे सही सही बता देना,, अब मैं चलती हूं।
काकी के जाने के बाद।
रवि रजनी के पास आया।
रवि _मां, इसमें शर्माने की कोइ बात नही, ये सब नार्मल है! मैं कुछ दवाई दे दूंगा। सब ठीक हो जायेगा।
रवि _मां पहले तो यह कंफर्म करना पड़ेगा की तुम पेट से हो की नही।
एक काम करो ये प्लास्टिक का डब्बा ले जाओ और इसमें अपनी थोड़ा पेशाब ले आओ।
उसी से जांच हो पाएगा की, तुम पेट से हो की नही।
रजनी, पेशाब लाने की बात सुनकर शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि, डिब्बे को वही पास में रखे टेबल पर रख दिया। और सोफे पर बैठ गया।
रजनी डिब्बे को उठाई और बाथरुम में जाकर अपनी पेशाब भरकर ले आई। उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी।
डब्बे को लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने प्रेगनेंसी किट अपने बैग से निकाला और एक ड्रॉप से रजनी की पेशाब को लेकर प्रेगनेंसी किट पर कुछ बूंद डाला।
रिपोर्ट पॉजिटिव आया।
रजनी, वही खड़ी हो कर सब देख रही थी, वह बहुत लज्जा महसूस कर रही थी।
रवि _मां, रिपोर्ट तो पॉजिटिव है तुम सच में पेट से हो।
अब यह जानना जरूरी है की कितने माह का गर्भ है। क्यू की ३माह से ज्यादा का गर्भ huwa तो दवाई से मुस्कील हो जायेगा।
आपको पिछला मासिक धर्म कब आया था।
रजनी शर्मा रही थी, बोल नही पा रही थी,,
रवि _मां शर्माओगी तो इलाज कैसे होगा? तुम यह सोचो की मैं तुम्हारा बेटा नही डाक्टर हूं,,
रवि की बात सुनकर रजनी को कुछ हिम्मत huwa
रजनी _ओ दो माह पहले,,
रवि _ओह तो इसका मतलब है लगभग ढाई माह हो गया।
मां तुम चिन्ता मत करो दवाई से ठीक हो जाएगा।
रवि ने अपने कमरे में जाकर आलमारी से गोली निकाल लाया।
रवि _मां ये लो, ये दो प्रकार की गोली है। इस गोली को रात में सोने से पहले खानी है। और इस गोली को अंदर रखनी है?
रजनी _बेटा, ये गोली का क्या करना है,,, झिझकते हुए बोली,,
रवि _इसे अंदर रखना है।
रजनी _कहा पर बेटा। समझी नही, झिझकते हुवे बोली।
रवि _मां इस गोली रात को सोते समय अपनी योनि में डालकर रखना है?
योनि शब्द सुनते ही, रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि _अच्छा मां रात में तुम्हारे कमर में दर्द भी हों सकता है, ये जो स्वाभाविक है, ये दर्द की गोली खा लेना, दर्द कम हो जाएगा।
मां एक बात और पूछनी थी, तुम मासिक धर्म के समय क्या पहनती हो?
रजनी शर्म के मारे बता नही पर रही थी।
मां मैं जानता हूं गांव की महिलाए तो सूती कपड़ा उपयोग करती है।
रुको मां,,,
रवि अपने कमरे में जाकर आलमारी से सैनिटरी नैपकिन एक पैकेट निकाल लाया।
मां ये सैनिटरी नैपकिन है इसे अपनी कपड़े की जगह लगाना। ऐसे समय में खून बहुत निकलेगा। ये नैपकिन खून सोंख लेगा। गीला पन महसूस हो तो नैपकिन बदल लेना।
रजनी _पर,,
रवि _पर क्या मां? शरमाओ मत, पूछो क्या पूछना है?
रजनी _इसे उपयोग कैसे करते है कभी उपयोग नही की।
रवि_मांमां अपनी एकात कच्छी हो तो दो,,
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई।
रवि_मां, अब शर्म छोड़ो भी, जाओ ले आओ, कच्छी।
रजनी अपने कमरे में गई और अलमारी से एक कच्छी लाकर टेबल पर रख दी।
रवि ने कच्छी उठाया और उसके अंदर एक पैड सेट करते हुवे कहा।
मां इस प्रकार नैपकिन सेट कर रात में सोने से पहले पहन लेना।
रजनी शर्म के मारे चुप ही रही।
रवि _मां मुझे एक बात और बतानी थी।
योनि के आस पास बाल ज्यादा हो तो उसे साफ़ कर लेना।
क्यों की ज्यादा बाल रहने पर खून उसमें चिपक जाता जिससे इफेक्शन होने का डर रहता है।
तुम जाकर अपने कमरे में सफाई कर लो। नही तो रमा स्कूल से आ जाएगी।
रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी।
रवि _अच्छा का साफ़ करने के लिए क्या उपयोग करती हो?
रेजर से करती होगी, गांव की महिलाए तो रेजर का ही उपयोग करती है?
तुम चाहो तो मेरे पास क्रीम है, उसका उपयोग कर सकती हो?
रजनी _नही बेटा रेजर ही ठीक रहेगा। शर्म से पानी पानी होते हुवे बोली।
रवि _अच्छा ठीक है मां जाओ अब अपने कमरे में जाकर सफाई कर लो। मैं भी अब क्लिनिक जा रहा हूं।
रवि क्लिनिक चला गया।
और रजनी अपनी योनि की बालो की सफाई में लग गई। उसे अभी भी बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।
जब शाम को रेखराज आया, तो पूछा की डाक्टर के पास गई थी।
रजनी _हां, डाक्टर ने कुछ दवाई दी है? रात में खाने को।
हा रात में आप अलग खाट लगाकर सोना।
रेखराज _ठीक है।
रात में भोजन करने के बाद, रेखराज और रमा अपने कमरे में जाकर सो गए।
रजनी कीचन आंगन में बर्तन धो रही थी।
रवि पास जाकर कहा।
रवि_मां सोने से पहले मेरे कमरे में आना।
रजनी बर्तन धोने के बाद सोने से पहले रवि के कमरे में गई।
रजनी _ओ बेटा तुमने बुलाया था, संकोच करती हुई बोली,,
रवि _हां मां, जो दोपहर में बताया था सब याद है ना।
रजनी ने शर्माते हुवे हा में सिर हिलाई।
रवि _अच्छा ठीक है, कोइ समस्या हो तो मुझे बताना।
रजनी, शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
अपने कमरे में जाने के बाद गोली को खाने के लिए अलमारी से निकाल ली और नैपकिन, कच्छी को भी।
पर उसे समझ नही आया की रवि ने किसे खाने और किसे अंदर डालने कहा है।
रजनी न चाहते हुवे भी रवि के कमरे में गई।
रवि _अरे मां, कोइ समस्या है क्या?
रजनी _बेटा किसे खाना है भुल गई, शर्माते हुवे बोली।
रवि _दिखाओ गोली को।
रजनी ने दोनो गोली दे दी।
रवि _मां इसे खा लेना और इसे अंदर डाल लेना।
रजनी शर्मा गई।
वह गोली लेकर अपने कमरे में जाने को हुई,,
रवि _मां सुबह नैपकिन बदल लेना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रेखराज आज बरामदे में ही खाट लगाकर सो गया था।
रजनी ने खाने की गोली खा ली और लेट कर अंदर डालने की गोली अंदर डाल कर नैपकिन के साथ कच्छी पहन ली।
धीरे धीरे दवाई ने असर दिखाना शुरू किया और आधी रात से बील्डिंग होना शुरू हो गया।
उसकी कमर में दर्द होने लगा तो दर्द की गोली भी खा ली।
सुबह उठी तो नैपकिन गीली हो चुकी थी। वह नैपकिन बदल ली।
उसे सुबह काफी दर्द महसूस, हो रहा था, उसकी शरीर गर्म हो गया था।
रवि सुबह उठते ही अपने मां के कमरे में गया।
रवि _मां तुम ठीक तो हो।
हरजनी _हां, बेटा, पर कमर दर्द कर रहा है और बुखार जैसा लग रहा है।
रवि _मां तुम आराम करो। मैं रमा को बोल दूंगा आज स्कूल न जाए। घर का काम सम्हाले।
रमा स्कूल नही गई घर का काम सम्हाली, रजनी आराम करने लगी।
समय समय पर पैड बदलती रही।
दो दिन बाद उसे ठीक लगा।
रमा भी स्कूल चली गई।
दोपहर में जब, रवि घर आया।
रवि _मां, अब दर्द तो नहीं है?
रवि _नही बेटा, पर वो रक्तस्राव अभी भी हो रहा है।
रवि _मां रक्तस्राव तो कुछ दिनों या हफ्तों तक हो सकता है।
नैपकिन को समय समय पर बदलती रहना।
और कोइ समस्या तो नही।
रजनी _नही, बेटा।
एक सप्ताह बाद।
दोपहर में रवि ने पूछा,,
रवि _मां रक्त स्राव अभी भी हो रहा है क्या?
रजनी _बेटा, अभी भी थोड़ा थोड़ा हो रहा है। बेटा नैपकिन खतम हो गया है? और है क्या?
रजनी की शर्म अब थोड़ा कम हो गया था।
रवि _हा मां, रुको मैं अभी देता हूं।
रवि ने अलमारी से एक पैकेट और दे दिया।
एक सप्ताह इसी तरह चलता रहा।
रजनी की शर्म भी कम होने लगी।
रदो सप्ताह बाद _मां अब भी रक्तस्राव तो नही हो रहा है न।
रजनी _नही बेटा।
रवि _, मां एक बार और चेक करना पड़ेगा, कई महिलाओं का ठीक से साफ़ नही huwa रहता है। गर्भाशय में इन्फेक्शन फैलने का डर रहता है। अगर ठीक से साफ़ न huwa हो तो और गोली खानी पड़ती है।
रजनी डर गई,,,
रवि मां चेक करने पड़ेंगे?
ररजनी _कैसे चेक बेटे?
रवि _वो, योनि चेक करना पड़ेगा अंदर ब्लड तो नही रुका हुआ है।
रजनी शर्म से पानी पानी हो गई,,
रक्या huwa मां,,
रवि _बेटा मुझे बड़ी शर्म आयेगी?
रवि मां तुम अपनी आंखे बंद कर लेना, बस थोड़ा समय ही लगेगा।
चलो मेरे कमरे में।
रजनी न चाहते हुवे, वह रवि के कमरे में चली गई।
रवि _मां तुम लेट जाओ।
रजनी संकोच करते हुवे लेट गई और अपनी आंखे बंद कर दी।
ररवि ने अपने हाथ में दस्ताना पहना फिर,,
मां अपनी कच्छी निकालो,,
रजनी ने शर्माते हुवे अपनी कच्छी निकाल दी।
रवि _थोड़ा टांगे चौड़ी करो।
रजनी ने अपने आंखे बंद कर दी। और टांगे चौड़ी रजनी शर्म से पानी पानी हो रही थी और उसकी दिल की धड़कन तेज़।
पता नही अब क्या होगा?
रवि ने जब रजनी की मस्त फूली हुई चिकनी boor देखा तो उसका land न चाहते हुए भी तन गया।
रवि अपनी दो उंगलियां रजनी के योनि में डालकर चेक करने लगा।
रजनी के मुंह से सिसक निकलने वाली थी जिसे उसने दबाए रखा।
रवि अपनी उंगलियों को गहराई तक डालकर बाहर निकाला तो उस पर कुछ ब्लड नजर आया।
रवि _मां अभी पूर्ण रूप से सफाई नही huwa है मैं तुम्हे एक गोली और देता हूं।
आज रात खा लेना।
फिर पूरी तरह साफ हो जाएगा।
रजनी बेड से उठी और शर्म के मारे वह कमरे से चली गई।
रात में रवि ने रजनी को गोली देते हुए खा लेने के लिए कहा।
रजनी ने गोली सोने से पहले खा ली।
गोली के प्रभाव से कुछ दिनों तक और रक्तस्राव huwa।
एक सप्ताह बाद,,,
रवि दोपहर में रजनी से पूछा,,
मां अब कैसा है?
रक्त स्राव बंद huwa
रजनी _शर्माते हुवे हा बेटा, अब तो रक्त स्राव बिलकुल बंद हो गया है। अब मैं बिल्कुल अच्छी महसूस कर रही हूं।
रवि _मां, एक बार फिर से चेक कर लेते है?
चलो कमरे में।
रजनी राजेश के कमरे में गई और बेड पे जाकर लेट गई और अपनी कच्छी उतार दी।
रजनी की शर्म अब कम हो गया था।
राजेश ने हाथ में दस्ताना पहन कर,,
रवि _मां टांगे चौड़ी करो,,
रजनी शर्मा कर टांगे चौड़ी कर दी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था।
राजेश ने एक बार फिर रजनी की मस्त फूली चिकनी chut देखा तो फिर से न चाहते हुवे उसका लंद तनकर झटका मारने लगा।
रवि ने दो उंगली योनि में डालकर जांचना शुरू कर दिया।
इस बार रजनी अपनी सिसकारी नही रोक पाई।
रवि _क्या huwa मां, दर्द हो रहा है क्या?
रजनी _नही बेटा।
शर्म से पानी पानी होते हुए बोली।
रवि ने उंगली बाहर निकाल कर देखा,,
रवि _मां, अब तो गर्भसाय पूरी तरह साफ हो गया है।
रजनी उठ कर बैठ गई। और अपनी कच्छी पहन कर। कमरे से चली गई।
उसे बहुत शर्म महसूस हो रही थी।
वह अपने कमरे मे जाकर लेट गई।
कुछ दिन बाद दोपहर में,,,
रवि _मां तुमसे कुछ बात कहनी थी?
रजनी क्या बात है बेटा?
रवि _मां, अब आप ध्यान रखना कहीं फिर से गर्भ न ठहर जाए। बार बार बच्चा गिराने से शरीर कमजोर हो जाता है।
रजनी _बेटा मैं तो तुम्हारे बापू को मना करती हूं वो मानते ही नहीं।
रवि _मां, बापू का मन करता होगा? आखिर कब तक वह अपने को रोक पायेगा।
तुम कोइ उपाय कर लो।
ये लो मां बापू से कहना की संबंध बनाने से पहले ये पहन ले।
रवि ने कंडोम का पैकेट रजनी को देते हुए कहा,,,
रजनी _ये क्या है बेटा?
रवि _मां ये कंडोम है!
रजनी _पर इसका करना क्या है?
मां मेरे कमरे में आओ तुम्हे बताता हूं।
रजनी रवि के पीछे पीछे कमरे में चली गई।
बेड में दोनो बैठ गए।
रवि ने कंडोम का पैकेट से एक कंडोम निकाला और उसे फाड़कर रजनी को दिखाया।
रजनी _बेटा ये तो कोइ गुब्बारा लग रहा है।
रवि _हा ये गुब्बारे जैसा ही है? पर फुलाने वाला नही, लगाने वाला है?
रजनी _पर इसे उपयोग कैसे करना है?
रवि _हां इसका उपयोग थोड़ा सावधानी से करना पड़ता है।
इसे संबंध बनाने से पहले बापू के लिंग में चढ़ा देना। संबंध बनाने के बाद बापू का पानी इस कंडोम के अंदर ही रह जायेगा, गर्भ में नही जायेगा। और तुम्हे गर्भ नही ठहरेगा।
अधिकांस लोग गर्भ ठहरने से बचने के लिए गर्भ निरोधक के रूप में इसका उपयोग करते है?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी।
रजनी _पर बेटा इसे मुझे अपने हाथो से पहनना पड़ेगा, मुझे बहुत शर्म आयेगी, तुम्हारे बापू क्या समझेंगे?
रवि _बापू को बोल देना स्वास्थ्य केंद्र में नर्स ने ये दिया है और उपयोग करना सिखाया है?
मां इसे लगाते समय ध्यान रखना अंदर हवा न भर जाए नही तो कंडोम फट जायेगा।
रजनी _बेटा, इसे कैसे लगाना है, बता देते तो,,,,
रवि _अच्छा ठीक है, तुम्हे सीखा देता हूं इसे इसे उपयोग कैसे करना है? पर तुम शर्माना मत,,
रजनी ने हा में सिर हिलाया,,,
रवि ने अपना टावेल निकाल कर अपना कच्छा भी उतार दिया।
रवि का लंद खड़ा huwa था, रजनी की नजर जब उसके लंद पर गया तो वह शर्म से पानी पानी होने लगी, उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।
रवि _मां देखो कंडोम कैसे लगाना है।
रजनी राजेश के लंद की ओर देखने लगी जो उसके पति के लंद से थोड़ा बड़ा और मोटा था।
रवि _, मां, चलो अपने हाथो से कंडोम चढ़ाओ।
रजनी _बेटा, मुझे शर्म आ रही,,,
रवि _मां, यहां हम दोनो के सिवा है कौन?
मैने भी तो आपके योनि में उंगली डाल कर जांच किया, चलो लगाओ,
रजनी ने कंडोम को रवि के बताए अनुसार लंद पर चढ़ा दिया।
रवि _मां अब तो आपको कंडोम चढ़ाना, आ गया।
अब कंडोम में लिंग का पानी गिरने के बाद सावधानी से कंडोम को बाहर निकालना होता है। फिर कंडोम को बांध कर उसे सही जगह फेकना होता है?
रवि _मैं आपको अच्छे से सीखा ही दू।
लिंग का पानी गिरने के बाद इसे सावधानी से निकलना कैसा है?
रवि ने लंद पर कंडोम लगाकर मुठ मारना शुरू कर दिया।
वह रजनी, रवि को मुठ मारते हुवे देखने लगी,, उसे बड़ी शर्म महसूस हो रही थी। रवि को मजा आ रहा था।
जब से उसने अपनी मां की मस्त फूली हुई चिकनी chut देखा था। उसके मन में पाप आ गया था।
उसे अपने मां के सामने मुठ मारने में मजा आ रहा था।
रवि _मां क्या आप ऐसे ही देखती रहोगी?
पानी निकालने में मेरी मदद करो?
रजनी शर्म से गड़ी जा रही थी, वह कांपते हाथो से रवि के लंद को पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे हिलाने लगी।
रवि _मां थोड़ा तेज़ तेज़ करो,,
रजनी ने अपनी हाथो की गति बढ़ा दी।
रवि_आह, बड़ा अच्छा लग रहा है मां, हा ऐसे ही,,, हा और तेज़,,,
रजनी तेज़ तेज़ मुठ मारने लगी।
रवि _मां, मेरा पानी छूटने वाला है, थोड़ा और तेज़,,, आह आह,,
रवि का पानी छूटने लगा,,,
कंडोम में सारा पानी भर गया, कंडोम नीचे लटकने लगा। लिंग भी अब ढीला हो गया।
रवि _मां देखो अब इसे कैसे निकालना, एवम बांधना है।
रवि ने लिंग से कंडोम निकाल दिया और उसे बांध कर दिखाया।
रवि _मां अब तो आप सब कुछ अच्छे से सीख गई होगी? अब बापू का जब मन करे उसे कंडोम पहना देना, बिना कंडोम के उससे दूर ही रहना।
रजनी शर्माते हुवे अपने कमरे में चली गई।
रात में जब रमा और रेखराज भोजन करने के बाद, अपने कमरे में चले गए।
रवि रजनी के पास जाकर कहा,,,
रवि _मां, तुम्हे याद है ना जो दोपहर को सिखाया था,,,
रजनी शर्मा गई,,,
रजनी अपने कमरे में गई, आज फिर रेखराज ने रजनी को chudai के लिए कहा,,
रेखराज _रमा की मां, अब और कितना दिन तड़पाओ गि, मुझे आज तो देदो,,,
रजनी _ठीक है जी, पर तुम्हे भी मेरा कहना मानना होगा।
गर्भ न ठहरे इसके लिए उपाय करना होगा?
रेखराज _कैसा उपाय?
रजनी ने रेखराज को कंडोम के बारे में बताया।
रेखराज कंडोम का उपयोग करने तैयार हो गया।
रजनी ने संभोग से पहले रेखराज के लिंग पर कंडोम चढ़ा दिया।
कंडोम लगा कर करने में रेखराज को उतना मजा नही आया फिर भी chut न मिलने से अच्छा है कंडोम लगा कर ही मिल जाए।
अगले दिन दोपहर में रवि भोजन के बाद अपने कमरे में लेता था,,
उसने रजनी को आवाज़ दिया।
रजनी कमरे में आई।
रजनी _क्या बात है बेटा?
रवि _मां, आओ बैठो।
कैसा रहा कल रात में, बापू ने पहली बार कंडोम का उपयोग किया है? क्या बोल रहा था?
रजनी शर्मा गई !
रवि _मां बताओ न,,
रजनी _वो बेटा, तुम्हारा बापू कह रहा था कि कंडोम लगाकर करने से ज्यादा मजा,,, नही,,,
रवि _हा, कुछ लोगो को कंडोम से करने में मजा नहीं आता। फिर भी गर्भ से बचने के लिए कुछ तो समझौता करना पड़ेगा ही। वैसे तुमको अच्छा लगा कि नही,,,
रजनी _धत बदमाश,,, रजनी शर्म से अपना चेहरा छिपा ली।
रवि _मां, इसमें शर्माने की क्या बात है? मां मुझे तुमसे कुछ कहना था?
कल तुमने मेरी मुठ मारी थी न तो बहुत मजा आया था। उसे याद करके मेरा लिंग फिर अकड़ गया है। आज फिर मुठ मार के शांत कर दो।
रजनी _न, मुझेसे नही होगा?
रवि _पर क्यू?
रजनी _मुझे बहुत शर्म आती है?
रवि _इसमें शर्माने की क्या बात यहां हम दोनो ke सिवा है कौन?
रवि ने अपना टावेल और चड्डी उतार दिया।
उसका लंद रजनी के आंखों के सामने हवा में लहराने लगा।
रजनी का दिल फिर जोरो से धड़कने लगा,,,
रवि ने रजनी का हाथ पकड़ कर अपने लंद पर रख दिया।
रजनी मुठ मारना शुरू कर दी। पहले धीरे धीरे उसके बाद तेज़ तेज़।
रवि को बहुत मजा आ रहा था। रवि जोश में आकर एक हाथ से रजनी के दूध मसलने लगा।
रजनी भी गर्म होने लगी।
रवि _मां बहुत अच्छा लग रहा है और थोड़ा तेज़ तेज़ करो?
रवि _आह,, आह,, मां और थोड़ा तेज़,, आह,
मां, अब बस करो,,
अब आप लेट जाओ,,,
रजनी _पर क्यू बेटा?
मुझे आपका एक बार फिर चेक अप करना है?
रजनी _पर बेटा तुमने तो कहा था, बिल्कुल साफ़ हो गया है?
रवि _हा, पर क्या पता, कुछ अंदर रह गया हो, बीच बीच में चेक करता रहना पड़ेगा।
चलो लेट जाओ।
रजनी _लेट गई और अपना कच्छी उतार दी।
रवि बेड पर चढ़ गया और रजनी के दोनो टांगे चौड़ी कर दिया।
पहले उंगली को boor में डालकर अंदर बाहर किया जिससे रजनी सिसकने लगी। उसकी boor पानी छोड़ने लगी।
रवि ने देखा उसकी मां गर्म हो चुकी है
वह अपना खडा लंद पकड़कर उसका टोपारजनी के योनि मुख पर रख कर एक करारा धक्का मारा लंद एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर चला गया।
रजनी के मुंह से हल्का चीख निकल पड़ी
राजेश ने एक और धक्का लगा दिया जिससे लंद पूरी तरह boor में समा गया।
रजनी आंखे बंद कर लेती रही।
रवि ने चोदना शुरू कर दिया।
लंद को boor में गपागप अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
रजनी को बहुत मजा आने लगी वह अपने मुंह से मादक सिसकारी निकालने लगी।
वैसे तो रवि ने गांव की कई औरतों को चोद चुका था, पर अपने मां को चोदने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा था
वह रजनी के ब्लाउज के बटन खोलने लगा।
बटन नही खुला तो, रजनी ने स्वयं ही अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
जिसे देखकर रवि समझ गया की मां अब पूरी तरह जोश में आ गई है और मजा ले रही है।
रवि ने रजनी की चुचियों को अपनी हाथ से मसल मसल कर चूसने लगा। और साथ ही chudai भी जारी रखा, रजनी का मजा दो गुना हो गया।
वह नीचे से कमर उठा उठा कर रवि की मदद करने लगी।
दोनो की संभोग का अपार सुख प्राप्त हो रहा था ।
रजनी को जो मजा रवि से आ रहा था, ऐसा मजा तो उसका पति जब नया नया शादी huwa था तब देता था।
रजनी खुद को ज्यादा देर तक नही रोक सकी और झड़ने लगी।
रवि ने chudai जारी रखा और तेज़ तेज़ धक्के लगाते रहा।
जैसे ही वह झड़ने की स्थिति में पहुंचा अपना लंद बाहर निकाल लिया, और रजनी के चूची में ही झड़ने लगा, एक दो पिचकारी तो रजनी के चेहरे पर भी गिरा।
रजनी _को बड़ी शर्म आ रही थी।
वह बेड से उठी और सीधे बाथरुम में गई। कपड़े से स्तनों और चेहरे पर लगा वीर्य साफ करने लगी।
इधर रवि गहरी नींद में सो गया।
रजनी ने देखा की रवि के क्लिनिक जाने का समय हो चुका है? फिर भी सोया हुआ है? वह उसे उठाने के लिए गई।
रजनी _रवि, बेटा उठो क्लिनिक नही जाना है क्या?
रवि नींद से जागा,,
अपनी मां की ओर देखा,,
रजनी शर्म के मारे अपने कमरे में चली गई।
रवि मुस्कुराने लगा।
रवि तैयार होने के बाद रजनी के कमरे में गया।
रजनी अपनी बाल बना रही थी।
रवि ने पीछे से रजनी को अपनी बाहों में भर लिया?
रजनी _छोड़ो क्या कर रहा है?
रवि _अपनी मां को प्यार? तुमको आज मजा आया की नही।
रजनी _ये गलत है? अगर किसी को पता चल गया तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी।
रवि _मां, ये राज सिर्फ हम दोनो के बीच रहेगा, किसी को कुछ पता नही चलेगा?
रवि _अब जाते हुए एक चुम्मा तो दे दो।
रवि ने रजनी को अपनी ओर घुमा दिया।
और उसकी ओंठो को चूम लिया।
रजनी ने राजेश को धकेलते हुवे कहा,,
रजनी _चल हट बेशरम।
रात में रेखराज ने फिर कंडोम लगाकर चोदा।
अगले दिन दोपहर में जब भोजन करने रवि घर आया।
रवि ने घर पहुंच ते ही रजनी को बाहों में भर लिया।
रजनी _अरे बेटा क्या कर रहा है छोड़ो मुझे?
रवि _मां चलो न करते हैं? बड़ा मन कर रहा है?
रजनी _न, ये पाप है? छोड़ो मुझे।
रजनी ने रवि को अपने से दूर कर दिया।
रवि मुंह लटका कर, अपने कमरे में चला गया।
रजनी ने भोजन करने बुलाया,,
रवि ने चुपचाप भोजन किया,,, और अपने कमरे में चला गया।
रजनी _मुस्कुरा रही थी,,,
रवि अपने कमरे में सोने की कोशिश करने लगा,,,
तभी रजनी भोजन कर बर्तन धोने के बाद उसके कमरे में पहुंची।
रजनी _हूं, नाराज है क्या मुझसे?
रवि _चुप चाप लेटा रहा।
रजनी _लगता है तुम नाराज हु, अच्छा मैं भी जा रही अपने कमरे में सोने! अगर कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना।
और मुस्कुराते हुवे अपनी कमर मटकाती हुई अपने कमरे में चली गई।
रवि, ने अपनी मां द्वारा कहीं बात सुना की कुछ चाहिए तो मेरे कमरे में आ जाना, वह खुश हो गया।
कुछ देर बाद रवि अपने कमरे से निकल कर अपने मां की कमरे की ओर गया।
कमरे की दरवाजा बंद था।
उसने दरवाजा खटखटाया,,
रजनी ने दरवाजा खोली,,
रजनी _अरे क्या huwa
रवि _ आपने कहा था की कुछ जरूरत हो तो कमरे में आ जाना।
रजनी _हां, क्या चाहिए?
रवि _दूध पीना था?
रजनी _तुम बैठो मैं दूध गरम करके लाती हूं।
ररजनी जब जाने को हुई तो रवि ने उसका हाथ पकड़ लिया। मुझे ये वाली दूध पीने है।
रजनी को खींचकर अपनी गोद में उठा लिया और बेड बैठ गया।
उसके बाद उसकी ओंठो को चूसने लगा।
उसकी ब्लाउज को निकाल फेका और स्तनों को मसल मसल कर पीने लगा।
रजनी बहुत गर्म हो गई उसकी मादक सिसकारी कमरे में गूंजने लगी।
रवि ने रजनी की साड़ी निकाल फेका अब वह सिर्फ पेटीकोट में थी।
रवि में रजनी को बेड किनारे लिटा कर उसकी chut चाटने लगा।
पहली बार chut चटवाने में उसे बहुत मज़ा आया उसके बाद रवि ने रजनी को लंद चूसना सिखाया।
रजनी बहुत अच्छे ढंग से लंद चूसने लगी।
उसके बाद रवि ने रजनी को घोड़ी बनाकर, जमकर चोदा।
और जब वह झड़ने को huwa तो अपना लंद बाहर निकाल कर रजनी की चुचियों और चेहरे पर अपना वीर्य छोड़ने लगा।
अब हर रोज दोपहर में रजनी और रवि chudai का खेल खेलने लगे। और मजा लेने लगे।
एक दिन रवि ने रजनी से कहा,,,
रवि _मां, तुम कहती हो ना की कंडोम लगाकर करने से बापू को मजा नही आता उसका एक उपाय है, जिससे गर्भ भी नही ठहरेगा और बापू को खुब मजा भी आयेगा।
रजनी _वो कैसे बेटे?
रवि _आओ तुम्हे एक वीडियो दिखाता हूं।
रजनी वीडियो देखने लगी। जिमसे एक मर्द कई मर्द औरतों की गाड़ मार रहा था।
रजनी उसे देखकर आश्चर्य में पड़ गई।
रवि _मां कुछ समझ में आया।
रजनी _पर बेटा, उसमें तो बड़ा दर्द होगा?
रवि _शुरू शुरू में होगा उसके बाद ठीक हो जायेगा।
रवि ने अपने आलमारी से एक क्रीम निकाल कर अपने लंद और रजनी के गाड़ में भर दिया, पहले उंगली को गाड़ में डालकर उसे फैलाने की कोशिश किया फिर अपना लंद उसकी गाड़ में उतार ही दिया। रजनी को बहुत दर्द huwa, पर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा। उसकी गाड़ का छेद फैल गया अब।
रवि रोज ही पहले chut मारता फिर गाड़।
रजनी को भी ज्यादा मजा आने लगा। अब वह रेखराज को बिना कंडोम के ही गाड़ मरवाता।
रेखराज को भी गाड़ मारने में ज्यादा मजा आ ता। अब वह सिर्फ गाड़ ही मारता।
रवि पहले boor चोदता उसके बाद आखरी में गाड़ मारकर झड़ जाता।
कभी कभी रवि जी रात में चोदने का मन होता तो रेअपने बापू के सोने के बाद, अपने कमरे में आने की कह देता, रजनी रेखरज के सोने के बाद रवि के कमरे मे चला जाता, और घंटो chudai का मजा लेने के बाद अपने कमरे में आ जाती।