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राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
सुजाता _जहा सिर्फ हम दोनों हो।
राजेश _अभी तो हमे समारोह में जाना है तुम कहो तो मैं तैयार हो जाऊ।
सुजाता _हा हा क्यू नही?
राजेश ने अपने बैग से कपड़े निकाले, फिर नहाने के लिए बाथरुम में घुस गया।
राजेश बाथरुम में नहाने लगा। तभी कोइ दरवाजा खटखटाया।
राजेश _मैम क्या huwa?
सुजाता _राजेश थोड़ा दरवाजा तो खोलो?
राजेश _पर क्यू?
मैं नहा रहा हूं।
सुजाता _मुझे कुछ काम है। अब खोलो भी।
राजेश ने दरवाजा खोल कर कहा?
राजेश _बोलो क्या काम है?
पर ये क्या सुजाता दरवाजा खुल ते ही बाथरुम में घुस गई वो भी नंगी।
राजेश आश्चर्य से देखता रह गया।
सुजाता _क्या देख रहे हो? मुझे भी नहाना है।
सुजाता ने दरवाजा बंद कर दी।
सुजाता ने राजेश से लिपटकर सावर चालू कर दी।
पानी दोनो के ऊपर गिरने लगा।
सुजाता राजेश की ओंठो को मुंह में भर चूसने लगी।
सुझाता पूरी नंगी थी। उसके लिपटने से राजेश भी जोश में आने लगा उसके शरीर में रक्त संचार बढ़ गया।
वह भू सुजाता की ओंठो को मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुजाता राजेश के सीने को चूमने हुवे नीचे आई , और उसके अंडरवियर को खीच कर निकाल फेकी फिर उसके लंद को मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में लोहे की राड की तरह सख्त हो गया।
राजेश ने सुजाता को ऊपर उठाया और उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
सुझाता बाथरुम की दीवार पकड़ कर झुक गई। राजेश ने सुझाता की चूत चांटा फिर अपना मोटा लंद उसकी बुर पे सेट कर एक जोर का धक्का मारा लन्ड बुर चीरकर पूरा अंदर घुस गया। सुजाता चीख उठी।
अब राजेश ने सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
बाथरुम में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
आह उह उन आह,,,,
लंद सुझाता की बुर में गपागप अंदर बाहर होने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद, राजेश बाथरुम में लेट गया सुजाता राजेश का लन्ड पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर नीचे बैठ गई। बुर सरसरता huwa अंदर चला गया।
सुजाता राजेश के लंद में उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो के ऊपर सावर का पानी गीर रहा था।
दोनो ने बाथरुम में विभिन्न आसनों में करीब आधे घंटे तक chudai किया। और अन्त में राजेश ने सुजाता की बुर में झड़ गया।
सुजाता कई बार झड़ी।
दोनो नहाकर बाथरुम से निकले और अपने अपने कपड़े पहन कर समारोह के लिए तैयार होने लगे।
कुछ देर बाद भगत कमरे में आया, दोनो तैयार हो चुके थे।
भगत _भाई समय हो गया है, कालेज के लिए।
राजेश _हां चलो चलते हैं।
सुजाता _ राजेश मैं अभी घर निकलूंगी, वहा से मैं कालेज के लिए निकलूंगी।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता अपनी घर चली गईं।
कुछ देर बाद राजेश और भगत दोनो कालेज के लिए निकल पड़े।
कालेज में समारोह की सारी तैयारी हो चुकी थी।
करीब दो घंटे का कार्यक्रम रखा गया था।
सभी स्टूडेंट्स पहुंच चुके थे। राजेश कालेज के प्रिंसिपल से मिला।
प्रिंस्पल _राजेश मुझे पता था तुम जरूर आओगे। तुम मुझे निराश नहीं करोगे?
राजेश _सर आपको निराश कैसे कर सकता था?
प्रिंसिपल _राजेश, कालेज के हर फंक्सन में तुमने परफॉर्म किया है? आज भी तुमसे उम्मीद है वैसे कुछ स्टूडेंट्स कुछ तैयारिया की है, पर तुम तो जानते होतुम्हारे पर फॉर्म के बिना फंक्शन अधूरी लगती है।
राजेश _सर आपके कहने पर मैं यहां आ तो गया पर माफ करना सर मैं परफॉर्म नहीं कर पाऊंगा?
प्रिसिपल _राजेश ये अन्य स्टूडेंट की चाहत हैकि तुम परफॉर्म करो, स्टूडेंट्स तुम्हे परफॉर्म करते देखना चाहते हैं।
राजेश _सर मैने कोइ तैयारी भी नही की है? फिर कैसे हो पाएगा?
प्रिंसिपल _जो दिल में आए परफॉर्म कार देना, स्टूडेंट्स बस तुम्हे देखना चाहते हैं।
राजेश अथिति लोग पहुंच रहे हैं, मुझे जाना होगा।
बस तुम फंक्शन को यादगार बनादो।
प्रिंसिपल अतिथियों को मंच पर ले गया। सुजाता और विशाल ग्रुप्स की मालकिन और रीता दोनो पहुंच चुके थे अन्य अतिथि भी बुलाए गए थे।
मंच पर अतिथियों के स्वागत कालेज के प्रोफेसर, स्टूडेंट्स के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया।
अतिथियों के स्वागत में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करने वाले स्टूडेंट्स का नाम अलाउंस किया गया और अतिथियों के पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया जाने लगा।
प्रथम वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए स्वीटी को सबसे पहले सम्मानित किया गया।
रीता ने उसे अपने हाथो से पुरस्कार भेंट किया और बधाई दिया।
इधर लंदन में निशा और सीमा अपनी दोस्तो की मदद से अपने बुआ के घर के हाल पर बैठ कर वहा लगे टीवी से कार्यक्रम को लाइव देख रहे थे।
उसकी बुवा भी वहा मौजूद थी। इधर
द्वितीय वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए निशा का नाम की घोषणा किया गया।
निशा वहा थी नही तो सुजाता ने यह पुरस्कार अतिथि के हाथो प्राप्त की उसके बाद पुरस्कार की घोसणा के बीच बीच में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य का प्रस्तुति करन किया जा रहा था।
स्वीटी और रोहन ने भी इसके लिए तैयारी की थी।
उसके बाद बेस्ट छात्र संघ नेता के लिए भगत के नाम की घोषणा किया गया। रीता के हाथो उसे पुरस्कार भेंट कर बधाई दिया।
कुछ और परफॉर्मेंस होने के बाद रोहन को खेल और कला के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म के लिए रोहन की नाम का घोषणा किया गया। सुजाता के हाथो उसे पुरस्कार दिलाया गया।
अगले परफॉर्म के लिए माइक संचालक ने, राजेश का नाम अलाउंस किया,,
माइक संचालक _दोस्तो,अब अंतिम परफॉर्म होने जा रहा हैं, जानते हो वो किसका है? अनुमान लगाइए।
कुछ लोगो ने,,, आवाज़ दिया,,,
राज,, राज,,,, राज,,,
जिन्हा बिलकुल सही कहा आपने,,,
वैसे तो राजेश परफॉर्म के लिए तैयार नहीं था पर हमारे प्रिंसिपल महोदय के कहने पर वह मुस्किल से तैयार हो पाया है, तो जोर दार उनका स्वागत कीजिए,,
उधर निशा और सीमा एक दूसरे को देखने लगे।
निशा का दिल जोरो से धड़कने लगा था।
इधर
चारो तरफ राज राज,,,,
की आवाज़ गूंजने लगा,,,
इधर राजेश परफॉर्म करना नही चाहता था, आज उसे अपनी मां और निशा की कमी महसूस हो रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या प्रस्तुत करे। उसके नाम की घोषणा हो चुका था, इसलिए उसे मंच पर उतरना पड़ा,,,
मंच पर उतरते ही ताली की गड़गड़ाहट और शोर शराबा शुरू हो गया,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
याद आ रहा है,,,,,,,,
तेरा प्यार,,,,,,,,
इधर निशा बीच गाने में ही निशा उठ हाल से उठ कर अपने कमरे में आ गईऔर रोने लगी।
सीमा _निशा रो क्यू रही हो तुम तो भुल चुकी हो राज को अब वह तुम्हे याद करे इससे तुम्हे क्या?
निशा, अपनी आंसुओ को पोछते हुवे, मैं उस हवस के पुजारी के लिए नही रो रही ये आंसू तो मेरे उस राज के लिए है जिसे मैं आज भी बहुत प्यार करती हूं।
इस हवस के पुजारी से मुझे कोइ हमदर्दी नही। लेकिन मैं अपने उस राज से हमेशा प्यार करती रहूंगी। ये बहुरूपिया है मेरा राज नही है। मेरा राज तो मेरे दिल में है मैं उम्र भर उसे प्यार करती रहूंगी।
निशा, सीमा की बाहों में सिमट कर फूट फुट कर रोने लगी।
तभी उसकी बुवा ने आवाज़ लगाई। बेटा आओ लंच का समय हो गया है। लंदन में उस समय लंच का समय हुवा था।
सीमा _निशा अब अपनी आंसू पोछो और चलो आंटी बुला रही है।
निशा ने अपनी आंसू पोछी, और फिर दोनो फिर से हाल में आ गए।
इधर समारोह में,,,
माइक संचालक _दोस्तो, अब वह घड़ी आ गया है, जिसका आप सबको इन्तजार था। आप सभी जानना चाहते है कि कौन है इस वर्ष का स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर।
इसके लिए मैं हमारे कालेज के प्रबंधक को आमन्त्रित करता हूं, वे मंच पर आए और इसकी घोषणा करे।
इधर निशा और सीमा लंच करते हुवे, लाइव देख रहे थे।
प्रबंधक _दोस्तो जैसे की आप सभी को पता है, स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर बनने के लिए कला , खेल, शिक्षा तीनो क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करना पड़ता है।
मैं समझता हूं, यह सस्पेंस नही रह गया है कि इस बार भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का असली हकदार कौन है?
सभी स्टूडेंट्स ने राज राज,,,
चिल्लाने लगे।
प्रबंधक _जी हा, आप सभी ने बिल्कुल सही कहा, राज ने न केवल इंटरकॉलेज फुटबालटूर्नामेंट में फाइनल मैच में हारी हुई बाजी जीता कर हमारे कालेज का मान बनाए रखा, बल्कि यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप कर कॉलेज का गौरव बढ़ाया है। और कला के क्षेत्र में तो उसके परफार्मेंस से तो आपसभी परिचित हैं है। इसलिए पिछले दो वर्ष की तरह इस साल भी इस्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का का खिताब राजेश को दिया जाता है।
चारो तरफ राज राज की आवाजे गूंजने लगी।
चारो तरफ तालिया बजने लगी।
प्रबंधक ने राज को मंच पर बुलाया। और उसे पुरुस्कार देने के लिए विशाल एंड सुजाता ग्रुप्स की मालकिन को आमन्त्रित किया।
सुजाता ने अपने हाथो से स्टूडेंट्स ऑफ द इयर का कप अपने हाथो से दिया और राजेश को बधाई दिया।
चारो तरफ तालिया बज रहे थे।
राजेश के आंखो में आंसू भर आए, इधर स्वीटी भी अपने भाई की इस उपलब्धि पर अत्यंत भावुक हो गई, उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
माइक संचालक ने राजेश को पूछा _राजेश,अपने इस उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे।
राजेश ने माइक पर लोगो से कहा,,
मेरी मां हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, मेरी बहन मेरे पिता जी जो हमेशा मेरे हौसला बढ़ाया। मेरी एक दोस्त, एक समय जब मैं पूरी तरह निराश हो गया था, उसने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इन सभी लोगो को मैं अपनी उपलब्धि का श्रेय देता हूं।
संचालक _हमारे कालेज के स्टूडेंट्स से आप क्या कहना चाहेंगे?
राजेश _सफलता प्राप्त करने के लिए हमे जीवन में कई सारे नियमों का पालन करना होता है, इसके लिए मेहनत, लगन शीलता, धैर्य, सच्चाई और समय का सदुपयोग करने की जरूरत होती है। हमे असफलता से निराश न हो कर आशावादी बनना चाहिए। और लक्ष्य प्राप्ति तक प्रयास करते रहना चाहिए।
संचालक _आशा है हमारे स्टूडेंट्स, तुम्हारे विचारो को अपने जीवन में उतारेंगे और सफल बनेंगे। बहुत बहुत बधाई आपको इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू सर।
उधर लंदन में सीमा बहुत खुश थी की राजेश ने फिर से यह उपलब्धि हासिल किया।
राजेश की बातो को सुनकर निशा की बुवा ने कहा इस लड़के ने स्टूडेंट्स से बहुत अच्छी बाते कहीं है, अगर इनकी बातो को अमल में लाया जाए तो व्यक्ति को सफल होने से कोइ नही रोक सकता।
वैसे सीमा क्या ये वही लडका है?
जिसने निशा दिल को चोट पहुंचाया है।
सीमा ने हा में सिर हिलाया।
बुवा _हु, मैं समझ चुकी थी जब तुम इसकी परफॉमेंस देखकर रोती हुई अपने कमरे में भागी थी।
दिखने में तो बड़ा संस्कारी लगता है?
निशा _ये संस्कारी नही हवसी है, बुवा तुम इसकी बातो में मत जाओ। एक औरत से इसका जी नही भरता, इसको एक साथ चार चार चाहिए।
I मैं उससे नफरत करती हूं।
बुवा _ठीक है बाबा, ठीक है अब गुस्सा मत हो और भोजन करो।
इसके बाद रीता भी राजेश को बधाई देने मंच पर आ गई।
रीता _राजेश, बहुत बहुत बधाई इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू मैं।
रोहन _राजेश भाई बहुत बहुत बधाई, उसने राजेश को गले लगा लिया।
राजेश _थैंक यू रोहन।
स्वीटी राजेश से मिली और गले से लिपट कर रोने भाई,,,
स्वीटी _तुम शहर कब आए, किसी को बताया भी नहीं।
राजेश _शाम को ही ही पहुंचा स्वीटी और इधर कार्यक्रम में शामिल होने आ गया।
स्वीटी _बता भी तो सकते थे तुम आ रहे हो।
राजेश _सारी स्वीटी।
स्वीटी _भईया चलो घर चलते हैं।
रीता _राजेश घर नही जायेगा, वह मेरे साथ जायेगा।
राजेश _मैम मैं समझा नही।
रीता _ओह मैं तो बताना ही भुल गई, आज मेरा जन्मदिन है घर में छोटी सी पार्टी है खास खास लोगो को ही बुलाया है। समय भी हों चुका है इसलिए चलो सभी मेरे घर चलो।
सुजाता तुमको तो पहले ही बता दिया था। तुम भी सीधा मेरे घर ही चलो।
सुजाता _रीता, तुम पहले अपने घर पहुंचो, हम लोग पहुंच जायेंगे।
तभी रीता को उसके पति का फोन आया।
संजय _अरे भाग्यवान, इधर मेहमानो के आने का सिलसिला शुरू हो गया है और कितना समय लगेगा।
रीता _मैं बस निकल ही रही हूं जी।
बेटा चलो तुम्हारे पापा का फोन है कह रहे हैं मेहमान पहुंच रहे है।
राजेश तुम अपने दोस्तो के साथ जल्दी पहुंच जाना। मैं निकलती हूं।
राजेश _ठीक है मैम।
रोहन _स्वीटी चलो तुम मेरे साथ।
स्वीटी _रोहन, तुम चलो मैं भाई के साथ आ रही हूं।
रोहन _ठीक है।
सुजाता _राजेश, चलो मेरे साथ, साथ में चलेंगे रीता के यहां। पहले घर जाकर फ्रैस हो लेते हैं।
राजेश _मैम मैं भगत और स्वीटी के साथ वहा पहुंचता हूं।
आप वहा पहुंचिए।
सुजाता _ठीक है।
सुजाता अपनी घर चली गई।
स्वीटी _भईया मुझे तो लगा था की आप नही आयेंगे।
राजेश _आने का इरादा तो नही था स्वीटी, पर सर ने मजबूर कर दिया।
स्वीटी _भईया
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
सुजाता _जहा सिर्फ हम दोनों हो।
राजेश _अभी तो हमे समारोह में जाना है तुम कहो तो मैं तैयार हो जाऊ।
सुजाता _हा हा क्यू नही?
राजेश ने अपने बैग से कपड़े निकाले, फिर नहाने के लिए बाथरुम में घुस गया।
राजेश बाथरुम में नहाने लगा। तभी कोइ दरवाजा खटखटाया।
राजेश _मैम क्या huwa?
सुजाता _राजेश थोड़ा दरवाजा तो खोलो?
राजेश _पर क्यू?
मैं नहा रहा हूं।
सुजाता _मुझे कुछ काम है। अब खोलो भी।
राजेश ने दरवाजा खोल कर कहा?
राजेश _बोलो क्या काम है?
पर ये क्या सुजाता दरवाजा खुल ते ही बाथरुम में घुस गई वो भी नंगी।
राजेश आश्चर्य से देखता रह गया।
सुजाता _क्या देख रहे हो? मुझे भी नहाना है।
सुजाता ने दरवाजा बंद कर दी।
सुजाता ने राजेश से लिपटकर सावर चालू कर दी।
पानी दोनो के ऊपर गिरने लगा।
सुजाता राजेश की ओंठो को मुंह में भर चूसने लगी।
सुझाता पूरी नंगी थी। उसके लिपटने से राजेश भी जोश में आने लगा उसके शरीर में रक्त संचार बढ़ गया।
वह भू सुजाता की ओंठो को मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुजाता राजेश के सीने को चूमने हुवे नीचे आई , और उसके अंडरवियर को खीच कर निकाल फेकी फिर उसके लंद को मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में लोहे की राड की तरह सख्त हो गया।
राजेश ने सुजाता को ऊपर उठाया और उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
सुझाता बाथरुम की दीवार पकड़ कर झुक गई। राजेश ने सुझाता की चूत चांटा फिर अपना मोटा लंद उसकी बुर पे सेट कर एक जोर का धक्का मारा लन्ड बुर चीरकर पूरा अंदर घुस गया। सुजाता चीख उठी।
अब राजेश ने सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
बाथरुम में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
आह उह उन आह,,,,
लंद सुझाता की बुर में गपागप अंदर बाहर होने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद, राजेश बाथरुम में लेट गया सुजाता राजेश का लन्ड पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर नीचे बैठ गई। बुर सरसरता huwa अंदर चला गया।
सुजाता राजेश के लंद में उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो के ऊपर सावर का पानी गीर रहा था।
दोनो ने बाथरुम में विभिन्न आसनों में करीब आधे घंटे तक chudai किया। और अन्त में राजेश ने सुजाता की बुर में झड़ गया।
सुजाता कई बार झड़ी।
दोनो नहाकर बाथरुम से निकले और अपने अपने कपड़े पहन कर समारोह के लिए तैयार होने लगे।
कुछ देर बाद भगत कमरे में आया, दोनो तैयार हो चुके थे।
भगत _भाई समय हो गया है, कालेज के लिए।
राजेश _हां चलो चलते हैं।
सुजाता _ राजेश मैं अभी घर निकलूंगी, वहा से मैं कालेज के लिए निकलूंगी।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता अपनी घर चली गईं।
कुछ देर बाद राजेश और भगत दोनो कालेज के लिए निकल पड़े।
कालेज में समारोह की सारी तैयारी हो चुकी थी।
करीब दो घंटे का कार्यक्रम रखा गया था।
सभी स्टूडेंट्स पहुंच चुके थे। राजेश कालेज के प्रिंसिपल से मिला।
प्रिंस्पल _राजेश मुझे पता था तुम जरूर आओगे। तुम मुझे निराश नहीं करोगे?
राजेश _सर आपको निराश कैसे कर सकता था?
प्रिंसिपल _राजेश, कालेज के हर फंक्सन में तुमने परफॉर्म किया है? आज भी तुमसे उम्मीद है वैसे कुछ स्टूडेंट्स कुछ तैयारिया की है, पर तुम तो जानते होतुम्हारे पर फॉर्म के बिना फंक्शन अधूरी लगती है।
राजेश _सर आपके कहने पर मैं यहां आ तो गया पर माफ करना सर मैं परफॉर्म नहीं कर पाऊंगा?
प्रिसिपल _राजेश ये अन्य स्टूडेंट की चाहत हैकि तुम परफॉर्म करो, स्टूडेंट्स तुम्हे परफॉर्म करते देखना चाहते हैं।
राजेश _सर मैने कोइ तैयारी भी नही की है? फिर कैसे हो पाएगा?
प्रिंसिपल _जो दिल में आए परफॉर्म कार देना, स्टूडेंट्स बस तुम्हे देखना चाहते हैं।
राजेश अथिति लोग पहुंच रहे हैं, मुझे जाना होगा।
बस तुम फंक्शन को यादगार बनादो।
प्रिंसिपल अतिथियों को मंच पर ले गया। सुजाता और विशाल ग्रुप्स की मालकिन और रीता दोनो पहुंच चुके थे अन्य अतिथि भी बुलाए गए थे।
मंच पर अतिथियों के स्वागत कालेज के प्रोफेसर, स्टूडेंट्स के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया।
अतिथियों के स्वागत में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करने वाले स्टूडेंट्स का नाम अलाउंस किया गया और अतिथियों के पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया जाने लगा।
प्रथम वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए स्वीटी को सबसे पहले सम्मानित किया गया।
रीता ने उसे अपने हाथो से पुरस्कार भेंट किया और बधाई दिया।
इधर लंदन में निशा और सीमा अपनी दोस्तो की मदद से अपने बुआ के घर के हाल पर बैठ कर वहा लगे टीवी से कार्यक्रम को लाइव देख रहे थे।
उसकी बुवा भी वहा मौजूद थी। इधर
द्वितीय वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए निशा का नाम की घोषणा किया गया।
निशा वहा थी नही तो सुजाता ने यह पुरस्कार अतिथि के हाथो प्राप्त की उसके बाद पुरस्कार की घोसणा के बीच बीच में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य का प्रस्तुति करन किया जा रहा था।
स्वीटी और रोहन ने भी इसके लिए तैयारी की थी।
उसके बाद बेस्ट छात्र संघ नेता के लिए भगत के नाम की घोषणा किया गया। रीता के हाथो उसे पुरस्कार भेंट कर बधाई दिया।
कुछ और परफॉर्मेंस होने के बाद रोहन को खेल और कला के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म के लिए रोहन की नाम का घोषणा किया गया। सुजाता के हाथो उसे पुरस्कार दिलाया गया।
अगले परफॉर्म के लिए माइक संचालक ने, राजेश का नाम अलाउंस किया,,
माइक संचालक _दोस्तो,अब अंतिम परफॉर्म होने जा रहा हैं, जानते हो वो किसका है? अनुमान लगाइए।
कुछ लोगो ने,,, आवाज़ दिया,,,
राज,, राज,,,, राज,,,
जिन्हा बिलकुल सही कहा आपने,,,
वैसे तो राजेश परफॉर्म के लिए तैयार नहीं था पर हमारे प्रिंसिपल महोदय के कहने पर वह मुस्किल से तैयार हो पाया है, तो जोर दार उनका स्वागत कीजिए,,
उधर निशा और सीमा एक दूसरे को देखने लगे।
निशा का दिल जोरो से धड़कने लगा था।
इधर
चारो तरफ राज राज,,,,
की आवाज़ गूंजने लगा,,,
इधर राजेश परफॉर्म करना नही चाहता था, आज उसे अपनी मां और निशा की कमी महसूस हो रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या प्रस्तुत करे। उसके नाम की घोषणा हो चुका था, इसलिए उसे मंच पर उतरना पड़ा,,,
मंच पर उतरते ही ताली की गड़गड़ाहट और शोर शराबा शुरू हो गया,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
याद आ रहा है,,,,,,,,
तेरा प्यार,,,,,,,, https://youtu.be/v7B1_y2LAeI?si=mIzjdXHUK8gftqLk
इधर निशा बीच गाने में ही निशा उठ हाल से उठ कर अपने कमरे में आ गईऔर रोने लगी।
सीमा _निशा रो क्यू रही हो तुम तो भुल चुकी हो राज को अब वह तुम्हे याद करे इससे तुम्हे क्या?
निशा, अपनी आंसुओ को पोछते हुवे, मैं उस हवस के पुजारी के लिए नही रो रही ये आंसू तो मेरे उस राज के लिए है जिसे मैं आज भी बहुत प्यार करती हूं।
इस हवस के पुजारी से मुझे कोइ हमदर्दी नही। लेकिन मैं अपने उस राज से हमेशा प्यार करती रहूंगी। ये बहुरूपिया है मेरा राज नही है। मेरा राज तो मेरे दिल में है मैं उम्र भर उसे प्यार करती रहूंगी।
निशा, सीमा की बाहों में सिमट कर फूट फुट कर रोने लगी।
तभी उसकी बुवा ने आवाज़ लगाई। बेटा आओ लंच का समय हो गया है। लंदन में उस समय लंच का समय हुवा था।
सीमा _निशा अब अपनी आंसू पोछो और चलो आंटी बुला रही है।
निशा ने अपनी आंसू पोछी, और फिर दोनो फिर से हाल में आ गए।
इधर समारोह में,,,
माइक संचालक _दोस्तो, अब वह घड़ी आ गया है, जिसका आप सबको इन्तजार था। आप सभी जानना चाहते है कि कौन है इस वर्ष का स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर।
इसके लिए मैं हमारे कालेज के प्रबंधक को आमन्त्रित करता हूं, वे मंच पर आए और इसकी घोषणा करे।
इधर निशा और सीमा लंच करते हुवे, लाइव देख रहे थे।
प्रबंधक _दोस्तो जैसे की आप सभी को पता है, स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर बनने के लिए कला , खेल, शिक्षा तीनो क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करना पड़ता है।
मैं समझता हूं, यह सस्पेंस नही रह गया है कि इस बार भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का असली हकदार कौन है?
सभी स्टूडेंट्स ने राज राज,,,
चिल्लाने लगे।
प्रबंधक _जी हा, आप सभी ने बिल्कुल सही कहा, राज ने न केवल इंटरकॉलेज फुटबालटूर्नामेंट में फाइनल मैच में हारी हुई बाजी जीता कर हमारे कालेज का मान बनाए रखा, बल्कि यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप कर कॉलेज का गौरव बढ़ाया है। और कला के क्षेत्र में तो उसके परफार्मेंस से तो आपसभी परिचित हैं है। इसलिए पिछले दो वर्ष की तरह इस साल भी इस्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का का खिताब राजेश को दिया जाता है।
चारो तरफ राज राज की आवाजे गूंजने लगी।
चारो तरफ तालिया बजने लगी।
प्रबंधक ने राज को मंच पर बुलाया। और उसे पुरुस्कार देने के लिए विशाल एंड सुजाता ग्रुप्स की मालकिन को आमन्त्रित किया।
सुजाता ने अपने हाथो से स्टूडेंट्स ऑफ द इयर का कप अपने हाथो से दिया और राजेश को बधाई दिया।
चारो तरफ तालिया बज रहे थे।
राजेश के आंखो में आंसू भर आए, इधर स्वीटी भी अपने भाई की इस उपलब्धि पर अत्यंत भावुक हो गई, उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
माइक संचालक ने राजेश को पूछा _राजेश,अपने इस उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे।
राजेश ने माइक पर लोगो से कहा,,
मेरी मां हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, मेरी बहन मेरे पिता जी जो हमेशा मेरे हौसला बढ़ाया। मेरी एक दोस्त, एक समय जब मैं पूरी तरह निराश हो गया था, उसने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इन सभी लोगो को मैं अपनी उपलब्धि का श्रेय देता हूं।
संचालक _हमारे कालेज के स्टूडेंट्स से आप क्या कहना चाहेंगे?
राजेश _सफलता प्राप्त करने के लिए हमे जीवन में कई सारे नियमों का पालन करना होता है, इसके लिए मेहनत, लगन शीलता, धैर्य, सच्चाई और समय का सदुपयोग करने की जरूरत होती है। हमे असफलता से निराश न हो कर आशावादी बनना चाहिए। और लक्ष्य प्राप्ति तक प्रयास करते रहना चाहिए।
संचालक _आशा है हमारे स्टूडेंट्स, तुम्हारे विचारो को अपने जीवन में उतारेंगे और सफल बनेंगे। बहुत बहुत बधाई आपको इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू सर।
उधर लंदन में सीमा बहुत खुश थी की राजेश ने फिर से यह उपलब्धि हासिल किया।
राजेश की बातो को सुनकर निशा की बुवा ने कहा इस लड़के ने स्टूडेंट्स से बहुत अच्छी बाते कहीं है, अगर इनकी बातो को अमल में लाया जाए तो व्यक्ति को सफल होने से कोइ नही रोक सकता।
वैसे सीमा क्या ये वही लडका है?
जिसने निशा दिल को चोट पहुंचाया है।
सीमा ने हा में सिर हिलाया।
बुवा _हु, मैं समझ चुकी थी जब तुम इसकी परफॉमेंस देखकर रोती हुई अपने कमरे में भागी थी।
दिखने में तो बड़ा संस्कारी लगता है?
निशा _ये संस्कारी नही हवसी है, बुवा तुम इसकी बातो में मत जाओ। एक औरत से इसका जी नही भरता, इसको एक साथ चार चार चाहिए।
I मैं उससे नफरत करती हूं।
बुवा _ठीक है बाबा, ठीक है अब गुस्सा मत हो और भोजन करो।
इधर ,
रीता भी राजेश को बधाई देने मंच पर आ गई।
रीता _राजेश, बहुत बहुत बधाई इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू मैं।
रोहन _राजेश भाई बहुत बहुत बधाई, उसने राजेश को गले लगा लिया।
राजेश _थैंक यू रोहन।
स्वीटी राजेश से मिली और गले से लिपट कर रोने भाई,,,
स्वीटी _तुम शहर कब आए, किसी को बताया भी नहीं।
राजेश _शाम को ही ही पहुंचा स्वीटी और इधर कार्यक्रम में शामिल होने आ गया।
स्वीटी _बता भी तो सकते थे तुम आ रहे हो।
राजेश _सारी स्वीटी।
स्वीटी _भईया चलो घर चलते हैं।
रीता _राजेश घर नही जायेगा, वह मेरे साथ जायेगा।
राजेश _मैम मैं समझा नही।
रीता _ओह मैं तो बताना ही भुल गई, आज मेरा जन्मदिन है घर में छोटी सी पार्टी है खास खास लोगो को ही बुलाया है। समय भी हों चुका है इसलिए चलो सभी मेरे घर चलो।
सुजाता तुमको तो पहले ही बता दिया था। तुम भी सीधा मेरे घर ही चलो।
सुजाता _रीता, तुम पहले अपने घर पहुंचो, हम लोग पहुंच जायेंगे।
तभी रीता को उसके पति का फोन आया।
संजय _अरे भाग्यवान, इधर मेहमानो के आने का सिलसिला शुरू हो गया है और कितना समय लगेगा।
रीता _मैं बस निकल ही रही हूं जी।
बेटा चलो तुम्हारे पापा का फोन है कह रहे हैं मेहमान पहुंच रहे है।
राजेश तुम अपने दोस्तो के साथ जल्दी पहुंच जाना। मैं निकलती हूं।
राजेश _ठीक है मैम।
रोहन _स्वीटी चलो तुम मेरे साथ।
स्वीटी _रोहन, तुम चलो मैं भाई के साथ आ रही हूं।
रोहन _ठीक है।
सुजाता _राजेश, चलो मेरे साथ, साथ में चलेंगे रीता के यहां। पहले घर जाकर फ्रैस हो लेते हैं।
राजेश _मैम मैं भगत और स्वीटी के साथ वहा पहुंचता हूं।
आप वहा पहुंचिए।
सुजाता _ठीक है।
सुजाता अपनी घर चली गई।
स्वीटी _भईया मुझे तो लगा था की आप नही आयेंगे।
राजेश _आने का इरादा तो नही था स्वीटी, पर सर ने मजबूर कर दिया।
स्वीटी _भईया, चलो पहले घर चलते हैं?
राजेश _नही स्वीटी, जब तक मां मुझे घर आने नही कहेगी, मैं घर नही जा सकता।
चलो हम रोहन के घर चलते है, मां को तुम फोन कर बता दो की तुम कहा जा रही हो।
भगत, राजेश और स्वीटी तीनो एक साथ कार में रोहन के घर के लिए निकल पड़े। रास्ते में रीता को भेट देने के लिए फूलो का गुलदस्ता लिया।
रास्ते में स्वीति ने सुनीता को फोन किया।
स्वीटी _मां बधाई हो, भईया ने इस साल भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का खिताब हासिल किया है?
सुनीता _क्या सच में, सुनीता खुश होते हुई बोली।
स्वीटी _हा मां,
सुनीता _तुम कहा हो जल्दी घर आ जाओ।
स्वीटी _मां मैं रोहन के घर जा रहा हूं।
सुनीता _पर क्यू, मां रोहन की मां का जन्म दिन है तो, उसमें शामिल होने।
सुनीता _किसके साथहो।
स्वीटी _मां, भाई के साथ हु।
सुनीता _क्या, राजेश शहर आया huwa है?
स्वीटी _हा मैं, कालेज के प्रिंसिपल ने उसे समारोह में आने के लिए जिद किया था तो भईया को आना पड़ा वह भी रोहन के घर जा रहा है।
सुनीता _ओह, ठीक है बेटा तुम समय पर घर आ जाना।
स्वीटी _ठीक है मां।
राजेश स्वीटी और भगत तीनो रोहन के घर पहुंचे।
वहा पर अधिकांस मेहमान पहुंच चुके थे।
राजेश भगत और स्वीटी ने गुलदस्ता भेट करते हुए रीता मेहता को जन्मदिन की शुभकामनाएं दिया।
रीता आज बहुत ही सुंदर और हॉट लग रही थी। वह पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। जिसमे उसका गोरा अंग बाहर से ही प्रदर्शित हो रहा था।
कुछ देर में ही सुजाता भी पहुंच गई।
सुजाता रीता को बधाई देते हुए उसके कानो में बोली,
हाय आज तो तुम बड़ी कयामत लग रही हो।
रीता ने केक काटा।
सभी ने ताली बजाकर बधाई दिया।
उसके बाद नाचने गाने का प्रोग्राम शुरू हो गया।
वहा मौजूद लोग अपने अपने साथी के साथ डांस करने लगे।
सुजाता राजेश के पास गई और उसके साथ डांस करने लगी।
भगत कालेज के लडकियों के साथ, स्वीटी रोहन के साथ डांस करने लगी।
सभी लोग डांस करने लगे। कुछ लोग बचे थे वे लोगो के डांस देख कर ताली बजा रहे थे।
रीता, सुजाता के पास आई।
रीता _यार सुजाता, मुझे भी राजेश के साथ डांस करनी है।
सुजाता _ओह क्यू नही?
सुजाता राजेश से अलग हो गई।
अब रीता राजेश का हाथ पकड़कर डांस करने लगी।
रीता _राजेश इतने दिनो तक कहा थे? मैं तुम्हे कईबार फोन लगाया , पर नेटवर्क नही बता रहा था। स्वीटी से पूछी तो बोल रही थी की तुम आई ए एस की तैयारी करने बाहर गए हो।
राजेश _हा मैम मैं अपने दादा जी के गांव गया था। और कल सुबह मुझे गांव के लिए ट्रैन पकड़नी है।
रीता _पर आईएएस की तैयारी के लिए तुम्हे दिल्ली जाना चाहिए था। तुम गांव क्यू गए।
राजेश _दरअसल मैं सहर से दूर एकांत वातावरण चाहता था इसलिए गांव चला गया।
रीता _हूं, मैं समझ गई, तुम यहां रहते तो हम लोग तुम को परेशान करते इसलिए तुम गांव चले गए क्यू?
राजेश मुस्कुराने लगा।
दोनो धीमे म्यूजिक पर कमर हिलाते हुए डांस कर रहे थे और वार्तालाप भी।
रीता _राजेश आज मेरा जन्मदिन है, आज मुझे तुमसे बड़ी उम्मीद है।
राजेश _कैसी उम्मीद मैम?
रीता _राजेश, तुम्हे क्या पता? मैं तुम्हे रात में कितनी मिस करती हूं। कई बार सपने में तुम मेरी प्यास बुझाते हो।
आज मेरी जन्म दिन है प्लीज़ आज मुझे परमसुख प्रदान करो, मैं होली के दिन से इस सुख से वंचित हूं।
राजेश _पर मैम, यहां कैसे हो पाएगा, कोई देख लेगा तो बदनामी होगी।
रीता _राजेश मैं अपनी रूम में जा रही, तुम थोड़ी देर बाद आ जाना,,,
मेरे कमरे में मेरे इजाज़त के बगैर आने की किसी की हिम्मत नही रोहन के पापा से कह दूंगी तुम यहीं रहना मेहमानो का ख्याल रखना मेरे पेट में गड़बड़ लग रही है, मैं बाथरुम से आती हूं।
राजेश _ओह मैम और किसी ने मुझे आपके रूम में जाते देख लिया तो,, क्या कहूंगा?
रीता _कह देना मैम ने कुछ जरूरी काम से बुलाया है। मैं भी कह दूंगी कुछ काम था,
राजेश _ओह मैम मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा।
रीता_मैं कुछ नहीं जानती, तुम्हे मुझे वह सुख देना ही होगा? चाहे जो भी हो जाए। तुम नही जानते तुम्हारे लिए मैं कितनी पागल हो गई हूं।
मैं जा रही तुम आ जाना।
रीता चली गईं ,,
सुजाता की नजर राजेश और रीता पर ही था, दोनो का डांस उसे वैसे भी पसंद आ रहा था।
वह राजेश के पास आई,,
और उसे पकड़ कर डांस करने लगी,
सुजाता _क्या कह रही थी, रीता तुम्हे।
राजेश _कुछ भी तो नहीं?
सुजाता _मैने देखा बहुन्त देर तक फुसफुसा रहे थे तुम दोनो।
राजेश सुजाता को बाहों में लेकर नाचने लगा। यार तुम औरतों की न शक करने की आदत एक जैसी ही होती है,
इधर राजेश मन ही मन सोच ने लगा लगता है शाला आज मैं फिर बुरा फसने वाला हूं।
सुजाता _तुम क्या सोच रहे हो?
राजेश _यहीं की तुम आज कितनी खुबसूरत लग रही हो?
सुजाता _अच्छा, इतनी देर बाद मेरी खूबसूरती नजर आई।
, मुझे तो लगता है तुम्हारे मन में कुछ और ही चल रहा है।
राजेश _क्या?
सुजाता _अब छोड़ो। चलो आज रात तुम मेरे घर चलो।
राजेश _निशा को पता चला तो क्या जवाब दोगी उसे?
सुजाता _वो तो लंदन में है कैसे पता चलेगा, उसे।
राजेश _अच्छा एक काम करो तुम घर चलो मैं कुछ देर बाद स्वीटी को घर छोड़कर तुम्हारे घर आ जाऊंगा?
सुजाता _सच, वह खुश हो गई।
पर तुम्हारी मां से तुम क्या बोलोगे?
राजेश _यार ये तो सोंचा ही नहीं।
इधर रीता ने राजेश को मिस काल किया,,
सुजाता _तुम्हारे फोन पर कोइ काल आया है उठाओ।
राजेश _ओ हा,,
राजेश ने काल उठाया,
रीता _अरे आओ जल्दी।
राजेश _जी, कोशिश करता हूं,,
सुजाता _किसका काल था।
एक दोस्त का,,,
राजेश _ओ हो,, उह,,
सुजाता _क्या huwa?
राजेश _पेट में कुछ प्रॉब्लम है? बाथरुम जाना पड़ेगा।
सुजाता _ओह जाओ, फ्रेस होकर आओ।
राजेश वहा से चला गया।
सुजाता की नजर राजेश पर थी।
राजेश बाथरुम न जाकर रीता के कमरे की ओर जाने लगा ।
सुजाता ने जब देखा बाथरुम तो उधर है ये राजेश उस तरफ क्यू जा रहा है?
वह राजेश के पीछे गई, यह भी ध्यान रखी की वह राजेश की नजरो में न आए।
राजेश रीता के कमरे में जाकर घुस गया, दरवाजा खोल रखी थी ताकि राजेश अंदर आ सके।
रीता _तुमने इतनी देर क्यों लगा दी।
राजेश _मैम, सुजाता मैम मेरे साथ थी वह तरह तरह के सवाल कर रही थी।
हो सकता है वह मुझपर नजर रख रही हो। मुझे लगता है ये सब करने का उचित समय नही है हमे यहां से चलना चाहिए।
रीता _ये सुजाता, तो मेरी सौतन बन गई है। आज मेरे जन्म दिन है। आज के दिन भी मुझे ऐसे ही छोड़ प्यासी छोड़ दोगे।
सुजाता जाय भाड़ में उसे पता चले तो चलने दो,,
रीता राजेश के पैंट की चैन खोल कर उसका लंद बाहर निकाल कर उसे मुंह में लेकर चूसने लगी।
रीता अत्यंत कामुक लग रही थी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में एकदम सख्त हो गया।
इधर सुजाता ने राजेश को रीता के कमरे में घुसते देख लिया।
सुजाता _ये राजेश रीता के कमरे में क्यू गया और दरवाजा भी बंद कर दिया गया।
उसका दिल धक धक करने लगा,,,
उधर राजेश जोश में आ चुका था वैसे भी रीता आज बहुत कामुक लग रही थी। रीता ने अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
राजेश का लंद उसकी मस्त बड़ी बड़ी चूचियां देखकर लहराने लगा। राजेश चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
रीता सिसकने लगी।
राजेश ने रीता को बेड में लिटा कर उसकी पेंटी निकाल दिया और उसकी मस्त फूली हुईं चिकनी चूत को चाटने लगी। रीता हवा में उड़ने लगी।
राजेश ने देर न करते हुए अपना लंद रीता की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया।
राजेश ने आधा घंटा तक विभिन्न आसनों में रीता की जमकर बुर चोदा। कमरे में रीता की मादक सिसकारी गूंजती रही। रीता को कई बार चरम सुख को प्राप्त की।
इधर सुजाता दरवाज़े पर कान लगा कर सुनने की कोशिश कर रही थी की आखिर अंदर चल क्या रहा है उसका दिल रोने का कर रहा था। जब उसे रीता की हल्की हल्की सिसकारी सुनाई पड़ी तो वह समझ गई की अंदर क्या चल रहा है।
काफी देर तक जब दरवाजा न खुली तो वह रोती हुई दरवाजा पीटने लगी।
राजेश झड़ चुका था दोनो सुस्ता रहे थे। दरवाजा पीटने की आवाज़ से रीता गुस्से में आ गई किसकी इतनी हिम्मत हो गई की मेरे कमरे की दरवाजा पीटे।
वह अपना साड़ी ठीक की और गुस्से से दरवाजा खोली।
सामने सुजाता को देख, घबरा गई सुजाता तुम यहां। क्या हूवा।
सुजाता _राजेश कहा है?
रीता _मुझे क्या पता होगा पार्टी में कहीं।
सुजाता _मैने उसे तुम्हारे कमरे में घुसते देखा है,
मुझे अंदर जाने दो।
रीता _देखो सुजाता मेरे कमरे में तुम्हे इस तरह नही घुसना चाहिए।
सुजाता रीता को धक्के मारते हुए अंदर घूस गई।
राजेश अपना शर्ट पहन रहा था।
सामने सुजाता को देख राजेश घबरा गया।
सुजाता दो थप्पड़ राजेश के गालों पर मारा और फुट फुट कर रोने लगी।
सुजाता _निशा ने ठीक कहा था तुम कभी नही सुधरोगे, मैं तुम्हे एक मौका देना चाहती थी। पर तुम सच में रंडीबाज निकले। तुम बाथरुम जाने का बहाना बनाकर रण्डी बाजी करने चले आए।एक औरत से तुम्हारा जी नही भरता। तुम्हे नई नई औरत चाहिए। आज के बाद मैं कभी तुम्हारी सूरत नही देखूंगी।
वह रोते रोते वहा से चली गई।
पार्टी में कुछ लोगो ने उसे रोते रोते जाते हुवे देखा उसमें से एक सीमा और निशा की सहेली थी।
इधर राजेश सिर पकड़ कर बेड में बैठ गया।
रीता _राजेश तुम्हे चिन्ता करने की कोइ जरूरत नही मेरे होते हुवे।
उधर निशा की सहेली ने निशा को फोन कर बता दी की उसकी मॉम रोते रोते पार्टी से गई है। लगता है कोइ बात हुई है।
निशा घबराकर अपनी मॉम को काल की।
निशा _मॉम आप ठीक तो है न।
सुजाता ने अपने को सम्हालते हुवे कहा?
निशा _मुझे क्या huwa है बेटा, मैं ठीक हूं। तुम तो ठीक हो न।
निशा _मॉम मैं बिल्कुल ठीक हूं, पर मेरी फ्रेंड्स कह रही थी की तुम रोते रोते पार्टी से निकली हो। क्या huwa है मॉम, बताओ मुझे।
तुझे मेरी कसम है।
सुजाता अपने आंसू रोक न सकी और सुबकने लगी।
निशा घबरा गई मॉम बताओ क्या बात है? तुम्हे मेरी कसम।
सुजाता _बेटा, वो राजेश,,,
निशा _राजेश, क्या किया तुम्हारे साथ, मैने तुम्हे उससे दूर रहने कहा था।
सुजाता _बेटा मैं भावनाओ में बहकर उसे एक मौका देना चाहती थी पर वह सच में रंडीबाज निकला।
निशा _अब क्या किया उसने?
सुजाता _वह मुझसे झूठ बोल कर रीता के साथ,,,,
निशा _क्या राजेश ने रीता आंटी को भी नही छोड़ा।
मोम उस रण्डी बाज के लिए आंसू बहाना बंद करो।
और उससे भविष्य में अब कभी मत मिलना।
निशा ने फोन रख कर फुट फुट कर रोने लगी।
सीमा _क्या huwa निशा तुम रो क्यू रही हो?
राजेश रीता आंटी को भी अपना रखैल बना रखा है?
सीमा _क्या?
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
सुजाता _जहा सिर्फ हम दोनों हो।
राजेश _अभी तो हमे समारोह में जाना है तुम कहो तो मैं तैयार हो जाऊ।
सुजाता _हा हा क्यू नही?
राजेश ने अपने बैग से कपड़े निकाले, फिर नहाने के लिए बाथरुम में घुस गया।
राजेश बाथरुम में नहाने लगा। तभी कोइ दरवाजा खटखटाया।
राजेश _मैम क्या huwa?
सुजाता _राजेश थोड़ा दरवाजा तो खोलो?
राजेश _पर क्यू?
मैं नहा रहा हूं।
सुजाता _मुझे कुछ काम है। अब खोलो भी।
राजेश ने दरवाजा खोल कर कहा?
राजेश _बोलो क्या काम है?
पर ये क्या सुजाता दरवाजा खुल ते ही बाथरुम में घुस गई वो भी नंगी।
राजेश आश्चर्य से देखता रह गया।
सुजाता _क्या देख रहे हो? मुझे भी नहाना है।
सुजाता ने दरवाजा बंद कर दी।
सुजाता ने राजेश से लिपटकर सावर चालू कर दी।
पानी दोनो के ऊपर गिरने लगा।
सुजाता राजेश की ओंठो को मुंह में भर चूसने लगी।
सुझाता पूरी नंगी थी। उसके लिपटने से राजेश भी जोश में आने लगा उसके शरीर में रक्त संचार बढ़ गया।
वह भू सुजाता की ओंठो को मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुजाता राजेश के सीने को चूमने हुवे नीचे आई , और उसके अंडरवियर को खीच कर निकाल फेकी फिर उसके लंद को मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में लोहे की राड की तरह सख्त हो गया।
राजेश ने सुजाता को ऊपर उठाया और उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
सुझाता बाथरुम की दीवार पकड़ कर झुक गई। राजेश ने सुझाता की चूत चांटा फिर अपना मोटा लंद उसकी बुर पे सेट कर एक जोर का धक्का मारा लन्ड बुर चीरकर पूरा अंदर घुस गया। सुजाता चीख उठी।
अब राजेश ने सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
बाथरुम में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
आह उह उन आह,,,,
लंद सुझाता की बुर में गपागप अंदर बाहर होने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद, राजेश बाथरुम में लेट गया सुजाता राजेश का लन्ड पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर नीचे बैठ गई। बुर सरसरता huwa अंदर चला गया।
सुजाता राजेश के लंद में उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो के ऊपर सावर का पानी गीर रहा था।
दोनो ने बाथरुम में विभिन्न आसनों में करीब आधे घंटे तक chudai किया। और अन्त में राजेश ने सुजाता की बुर में झड़ गया।
सुजाता कई बार झड़ी।
दोनो नहाकर बाथरुम से निकले और अपने अपने कपड़े पहन कर समारोह के लिए तैयार होने लगे।
कुछ देर बाद भगत कमरे में आया, दोनो तैयार हो चुके थे।
भगत _भाई समय हो गया है, कालेज के लिए।
राजेश _हां चलो चलते हैं।
सुजाता _ राजेश मैं अभी घर निकलूंगी, वहा से मैं कालेज के लिए निकलूंगी।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता अपनी घर चली गईं।
कुछ देर बाद राजेश और भगत दोनो कालेज के लिए निकल पड़े।
कालेज में समारोह की सारी तैयारी हो चुकी थी।
करीब दो घंटे का कार्यक्रम रखा गया था।
सभी स्टूडेंट्स पहुंच चुके थे। राजेश कालेज के प्रिंसिपल से मिला।
प्रिंस्पल _राजेश मुझे पता था तुम जरूर आओगे। तुम मुझे निराश नहीं करोगे?
राजेश _सर आपको निराश कैसे कर सकता था?
प्रिंसिपल _राजेश, कालेज के हर फंक्सन में तुमने परफॉर्म किया है? आज भी तुमसे उम्मीद है वैसे कुछ स्टूडेंट्स कुछ तैयारिया की है, पर तुम तो जानते होतुम्हारे पर फॉर्म के बिना फंक्शन अधूरी लगती है।
राजेश _सर आपके कहने पर मैं यहां आ तो गया पर माफ करना सर मैं परफॉर्म नहीं कर पाऊंगा?
प्रिसिपल _राजेश ये अन्य स्टूडेंट की चाहत हैकि तुम परफॉर्म करो, स्टूडेंट्स तुम्हे परफॉर्म करते देखना चाहते हैं।
राजेश _सर मैने कोइ तैयारी भी नही की है? फिर कैसे हो पाएगा?
प्रिंसिपल _जो दिल में आए परफॉर्म कार देना, स्टूडेंट्स बस तुम्हे देखना चाहते हैं।
राजेश अथिति लोग पहुंच रहे हैं, मुझे जाना होगा।
बस तुम फंक्शन को यादगार बनादो।
प्रिंसिपल अतिथियों को मंच पर ले गया। सुजाता और विशाल ग्रुप्स की मालकिन और रीता दोनो पहुंच चुके थे अन्य अतिथि भी बुलाए गए थे।
मंच पर अतिथियों के स्वागत कालेज के प्रोफेसर, स्टूडेंट्स के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया।
अतिथियों के स्वागत में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करने वाले स्टूडेंट्स का नाम अलाउंस किया गया और अतिथियों के पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया जाने लगा।
प्रथम वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए स्वीटी को सबसे पहले सम्मानित किया गया।
रीता ने उसे अपने हाथो से पुरस्कार भेंट किया और बधाई दिया।
इधर लंदन में निशा और सीमा अपनी दोस्तो की मदद से अपने बुआ के घर के हाल पर बैठ कर वहा लगे टीवी से कार्यक्रम को लाइव देख रहे थे।
उसकी बुवा भी वहा मौजूद थी। इधर
द्वितीय वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए निशा का नाम की घोषणा किया गया।
निशा वहा थी नही तो सुजाता ने यह पुरस्कार अतिथि के हाथो प्राप्त की उसके बाद पुरस्कार की घोसणा के बीच बीच में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य का प्रस्तुति करन किया जा रहा था।
स्वीटी और रोहन ने भी इसके लिए तैयारी की थी।
उसके बाद बेस्ट छात्र संघ नेता के लिए भगत के नाम की घोषणा किया गया। रीता के हाथो उसे पुरस्कार भेंट कर बधाई दिया।
कुछ और परफॉर्मेंस होने के बाद रोहन को खेल और कला के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म के लिए रोहन की नाम का घोषणा किया गया। सुजाता के हाथो उसे पुरस्कार दिलाया गया।
अगले परफॉर्म के लिए माइक संचालक ने, राजेश का नाम अलाउंस किया,,
माइक संचालक _दोस्तो,अब अंतिम परफॉर्म होने जा रहा हैं, जानते हो वो किसका है? अनुमान लगाइए।
कुछ लोगो ने,,, आवाज़ दिया,,,
राज,, राज,,,, राज,,,
जिन्हा बिलकुल सही कहा आपने,,,
वैसे तो राजेश परफॉर्म के लिए तैयार नहीं था पर हमारे प्रिंसिपल महोदय के कहने पर वह मुस्किल से तैयार हो पाया है, तो जोर दार उनका स्वागत कीजिए,,
उधर निशा और सीमा एक दूसरे को देखने लगे।
निशा का दिल जोरो से धड़कने लगा था।
इधर
चारो तरफ राज राज,,,,
की आवाज़ गूंजने लगा,,,
इधर राजेश परफॉर्म करना नही चाहता था, आज उसे अपनी मां और निशा की कमी महसूस हो रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या प्रस्तुत करे। उसके नाम की घोषणा हो चुका था, इसलिए उसे मंच पर उतरना पड़ा,,,
मंच पर उतरते ही ताली की गड़गड़ाहट और शोर शराबा शुरू हो गया,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
याद आ रहा है,,,,,,,,
तेरा प्यार,,,,,,,,
इधर निशा बीच गाने में ही निशा उठ हाल से उठ कर अपने कमरे में आ गईऔर रोने लगी।
सीमा _निशा रो क्यू रही हो तुम तो भुल चुकी हो राज को अब वह तुम्हे याद करे इससे तुम्हे क्या?
निशा, अपनी आंसुओ को पोछते हुवे, मैं उस हवस के पुजारी के लिए नही रो रही ये आंसू तो मेरे उस राज के लिए है जिसे मैं आज भी बहुत प्यार करती हूं।
इस हवस के पुजारी से मुझे कोइ हमदर्दी नही। लेकिन मैं अपने उस राज से हमेशा प्यार करती रहूंगी। ये बहुरूपिया है मेरा राज नही है। मेरा राज तो मेरे दिल में है मैं उम्र भर उसे प्यार करती रहूंगी।
निशा, सीमा की बाहों में सिमट कर फूट फुट कर रोने लगी।
तभी उसकी बुवा ने आवाज़ लगाई। बेटा आओ लंच का समय हो गया है। लंदन में उस समय लंच का समय हुवा था।
सीमा _निशा अब अपनी आंसू पोछो और चलो आंटी बुला रही है।
निशा ने अपनी आंसू पोछी, और फिर दोनो फिर से हाल में आ गए।
इधर समारोह में,,,
माइक संचालक _दोस्तो, अब वह घड़ी आ गया है, जिसका आप सबको इन्तजार था। आप सभी जानना चाहते है कि कौन है इस वर्ष का स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर।
इसके लिए मैं हमारे कालेज के प्रबंधक को आमन्त्रित करता हूं, वे मंच पर आए और इसकी घोषणा करे।
इधर निशा और सीमा लंच करते हुवे, लाइव देख रहे थे।
प्रबंधक _दोस्तो जैसे की आप सभी को पता है, स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर बनने के लिए कला , खेल, शिक्षा तीनो क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करना पड़ता है।
मैं समझता हूं, यह सस्पेंस नही रह गया है कि इस बार भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का असली हकदार कौन है?
सभी स्टूडेंट्स ने राज राज,,,
चिल्लाने लगे।
प्रबंधक _जी हा, आप सभी ने बिल्कुल सही कहा, राज ने न केवल इंटरकॉलेज फुटबालटूर्नामेंट में फाइनल मैच में हारी हुई बाजी जीता कर हमारे कालेज का मान बनाए रखा, बल्कि यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप कर कॉलेज का गौरव बढ़ाया है। और कला के क्षेत्र में तो उसके परफार्मेंस से तो आपसभी परिचित हैं है। इसलिए पिछले दो वर्ष की तरह इस साल भी इस्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का का खिताब राजेश को दिया जाता है।
चारो तरफ राज राज की आवाजे गूंजने लगी।
चारो तरफ तालिया बजने लगी।
प्रबंधक ने राज को मंच पर बुलाया। और उसे पुरुस्कार देने के लिए विशाल एंड सुजाता ग्रुप्स की मालकिन को आमन्त्रित किया।
सुजाता ने अपने हाथो से स्टूडेंट्स ऑफ द इयर का कप अपने हाथो से दिया और राजेश को बधाई दिया।
चारो तरफ तालिया बज रहे थे।
राजेश के आंखो में आंसू भर आए, इधर स्वीटी भी अपने भाई की इस उपलब्धि पर अत्यंत भावुक हो गई, उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
माइक संचालक ने राजेश को पूछा _राजेश,अपने इस उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे।
राजेश ने माइक पर लोगो से कहा,,
मेरी मां हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, मेरी बहन मेरे पिता जी जो हमेशा मेरे हौसला बढ़ाया। मेरी एक दोस्त, एक समय जब मैं पूरी तरह निराश हो गया था, उसने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इन सभी लोगो को मैं अपनी उपलब्धि का श्रेय देता हूं।
संचालक _हमारे कालेज के स्टूडेंट्स से आप क्या कहना चाहेंगे?
राजेश _सफलता प्राप्त करने के लिए हमे जीवन में कई सारे नियमों का पालन करना होता है, इसके लिए मेहनत, लगन शीलता, धैर्य, सच्चाई और समय का सदुपयोग करने की जरूरत होती है। हमे असफलता से निराश न हो कर आशावादी बनना चाहिए। और लक्ष्य प्राप्ति तक प्रयास करते रहना चाहिए।
संचालक _आशा है हमारे स्टूडेंट्स, तुम्हारे विचारो को अपने जीवन में उतारेंगे और सफल बनेंगे। बहुत बहुत बधाई आपको इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू सर।
उधर लंदन में सीमा बहुत खुश थी की राजेश ने फिर से यह उपलब्धि हासिल किया।
राजेश की बातो को सुनकर निशा की बुवा ने कहा इस लड़के ने स्टूडेंट्स से बहुत अच्छी बाते कहीं है, अगर इनकी बातो को अमल में लाया जाए तो व्यक्ति को सफल होने से कोइ नही रोक सकता।
वैसे सीमा क्या ये वही लडका है?
जिसने निशा दिल को चोट पहुंचाया है।
सीमा ने हा में सिर हिलाया।
बुवा _हु, मैं समझ चुकी थी जब तुम इसकी परफॉमेंस देखकर रोती हुई अपने कमरे में भागी थी।
दिखने में तो बड़ा संस्कारी लगता है?
निशा _ये संस्कारी नही हवसी है, बुवा तुम इसकी बातो में मत जाओ। एक औरत से इसका जी नही भरता, इसको एक साथ चार चार चाहिए।
I मैं उससे नफरत करती हूं।
बुवा _ठीक है बाबा, ठीक है अब गुस्सा मत हो और भोजन करो।
इसके बाद रीता भी राजेश को बधाई देने मंच पर आ गई।
रीता _राजेश, बहुत बहुत बधाई इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू मैं।
रोहन _राजेश भाई बहुत बहुत बधाई, उसने राजेश को गले लगा लिया।
राजेश _थैंक यू रोहन।
स्वीटी राजेश से मिली और गले से लिपट कर रोने भाई,,,
स्वीटी _तुम शहर कब आए, किसी को बताया भी नहीं।
राजेश _शाम को ही ही पहुंचा स्वीटी और इधर कार्यक्रम में शामिल होने आ गया।
स्वीटी _बता भी तो सकते थे तुम आ रहे हो।
राजेश _सारी स्वीटी।
स्वीटी _भईया चलो घर चलते हैं।
रीता _राजेश घर नही जायेगा, वह मेरे साथ जायेगा।
राजेश _मैम मैं समझा नही।
रीता _ओह मैं तो बताना ही भुल गई, आज मेरा जन्मदिन है घर में छोटी सी पार्टी है खास खास लोगो को ही बुलाया है। समय भी हों चुका है इसलिए चलो सभी मेरे घर चलो।
सुजाता तुमको तो पहले ही बता दिया था। तुम भी सीधा मेरे घर ही चलो।
सुजाता _रीता, तुम पहले अपने घर पहुंचो, हम लोग पहुंच जायेंगे।
तभी रीता को उसके पति का फोन आया।
संजय _अरे भाग्यवान, इधर मेहमानो के आने का सिलसिला शुरू हो गया है और कितना समय लगेगा।
रीता _मैं बस निकल ही रही हूं जी।
बेटा चलो तुम्हारे पापा का फोन है कह रहे हैं मेहमान पहुंच रहे है।
राजेश तुम अपने दोस्तो के साथ जल्दी पहुंच जाना। मैं निकलती हूं।
राजेश _ठीक है मैम।
रोहन _स्वीटी चलो तुम मेरे साथ।
स्वीटी _रोहन, तुम चलो मैं भाई के साथ आ रही हूं।
रोहन _ठीक है।
सुजाता _राजेश, चलो मेरे साथ, साथ में चलेंगे रीता के यहां। पहले घर जाकर फ्रैस हो लेते हैं।
राजेश _मैम मैं भगत और स्वीटी के साथ वहा पहुंचता हूं।
आप वहा पहुंचिए।
सुजाता _ठीक है।
सुजाता अपनी घर चली गई।
स्वीटी _भईया मुझे तो लगा था की आप नही आयेंगे।
राजेश _आने का इरादा तो नही था स्वीटी, पर सर ने मजबूर कर दिया।
स्वीटी _भईया
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
राजेश अगली सुबह उठते ही नहा धोकर तैयार huwa, भुवन भी खेते से आ चुका था। पुनम भी जल्दी उठ गई थी। राजेश को शहर जाना था उसके लिए वह नाश्ता तैयार कार रही थी।
पदमा भी उठ गई थी।
पुनम, पदमा और राजेश सुबह घर वालो के सामने ऐसा व्यवहार कर रहे थे, जैसे कल रात कुछ huwa ही नहीं।
राजेश नाश्ता करने के बाद, स्टेशन के लिए लक्षमण पुर निकल गया।
भुवन उसे बाइक में छोड़ने के लिए साथ में गया।
लक्षमण पुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैन पकड़ कर राजेश शहर के लिए निकल गया आज शाम आरके कालेज में सम्मान समारोह में शामिल होना था।
शाम 5बजे तक वह शहर पहुंच गया।
राजेश को लेने के लिए भगत स्टेशन पहुंच गया था।
राजेश को देखते ही हाथ हिलाया।
राजेश अपना बैग लेकर भगट के पास पहुंचा।
भगत _कैसा है भाई? आने में कोइ परेशानी तो नहीं हुई।
राजेश _मैं बिलकुल ठीक हूं, आने में कोइ परेशानी नहीं हुई और तुम सुनाओ, कैसा चल रहा है तुम्हारा पार्टी का काम।
भगत _बहुत बढ़िया भाई। चलो अब चलते है।
भगत राजेश को अपने पार्टी द्वारा दिए कार में लेकर अपने निवास में ले गया।
भगत _भाई आप सफर से थक गए होगे थोड़ा आराम कर लो फिर फ्रेस होकर तैयार हो जाना हमे कालेज के लिए निकलना है।
राजेश _ठीक है भगत!
भगत _भाई खाने के लिए कुछ मंगा दू क्या? अगर भूख लगी हो तो।
राजेश _नही यार रहने दे।
राजेश आराम कर रहा था तभी सुजाता का फोन आया?
सुजाता _राजेश कैसा है? आज तुम पहुंच रहे न सम्मान समारोह में?
राजेश _मैं ठीक हूं मैम?
आप कैसी है?
सुजाता _कैसी रहूंगी राजेश? जिसके सहारे जी रही थी
निशा, लंदन में है और दूसरा तुम, तुम भी यहां से चले गए। मैं तो बस उस दिन के इन्तजार में जी रहीहूं तुम दोनो के बीच की गीला सिकवा दूर हो जाए पर,,
राजेश _पर क्या मैम?
सुजाता _निशा के रवैए से लगता नही वो तुम्हे माफ करेगी? अगर चाहती तो सम्मान समारोह के बहाने यहां आ सकती थी, पर उसने आने से मना कर दी।
तुम पहुंच रहे ना।
राजेश _हा मैम, मैं शहर पहुंच चुका है। समारोह में शामिल होने।
सुजाता खुश हो गई?
सुजाता _अरे मुझे पहले क्यू नही बताया? मैं तुम्हे लेने आ जाती।
राजेश _भगत मुझे लेने पहुंच चुका था मैम।
सुजाता _अच्छा, अभी तुम उसी के निवास पर हो।
राजेश _हां, मैम।
सुजाता _अच्छा, सुनो मैं वहा पहुंच रही।
राजेश _पर इस समय।
सुजाता _मुझे भी कालेज निकलना है, अथिति बनकर हम साथ में निकलेंगे।
कुछ समय में ही
सुजाता अपने ऑफिस से सीधे राजेश के पास पहुंच गई।
वह राजेश के कमरे में गई और राजेश से जाकर लिपट गई।
सुजाता _ओह राजेश तुम्हे यहां पाकर कितनी खुश हूं तुम्हे बता नही सकती।
पर तुम अपना घर क्यू नही गए? तुम्हारे घर वाले तुम्हारा इन्तजार कर रहे होंगे?
राजेश _मैने मां से कह आया था कि अब मैं घर आपके सपना पूरा होने पर ही आऊंगा।
सुजाता _ओ हो मैं तो कितनी बार कहा है कि मेरे साथ बिजनेस सम्हालो छोड़ो ये आईएएस का चक्कर, पर तुमको तो सिर्फ तुम्हारी मां के सपने ही दिखाई पड़ते हैं, मेरी कोइ चिन्ता ही नहीं, तुम्हे क्या पता मैं तुम्हे कितना मिस करती हूं।
तुम वहा गांव में जाकर बिलकुल भुल ही गए।
मुझे तो लगता है तुमने गांव मे भी चक्कर चला रखा है?
सुजाता ने नाराजगी जताते हुए कहा।
राजेश_ऐसी बात नहीं है, मेरी जान मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस करता हूं।
सुजाता _चल झूठा कहीं की वहा जाने के बाद अपने से भी कभी फोन किया है?
देखो अब आए हो तो कुछ दिन मेरे साथ रहो, मैं तुम्हे जल्दी से जाने नही दूंगी। हम कहीं घूमने चलेंगे।
राजेश _अच्छा, कहा?
सुजाता _जहा सिर्फ हम दोनों हो।
राजेश _अभी तो हमे समारोह में जाना है तुम कहो तो मैं तैयार हो जाऊ।
सुजाता _हा हा क्यू नही?
राजेश ने अपने बैग से कपड़े निकाले, फिर नहाने के लिए बाथरुम में घुस गया।
राजेश बाथरुम में नहाने लगा। तभी कोइ दरवाजा खटखटाया।
राजेश _मैम क्या huwa?
सुजाता _राजेश थोड़ा दरवाजा तो खोलो?
राजेश _पर क्यू?
मैं नहा रहा हूं।
सुजाता _मुझे कुछ काम है। अब खोलो भी।
राजेश ने दरवाजा खोल कर कहा?
राजेश _बोलो क्या काम है?
पर ये क्या सुजाता दरवाजा खुल ते ही बाथरुम में घुस गई वो भी नंगी।
राजेश आश्चर्य से देखता रह गया।
सुजाता _क्या देख रहे हो? मुझे भी नहाना है।
सुजाता ने दरवाजा बंद कर दी।
सुजाता ने राजेश से लिपटकर सावर चालू कर दी।
पानी दोनो के ऊपर गिरने लगा।
सुजाता राजेश की ओंठो को मुंह में भर चूसने लगी।
सुझाता पूरी नंगी थी। उसके लिपटने से राजेश भी जोश में आने लगा उसके शरीर में रक्त संचार बढ़ गया।
वह भू सुजाता की ओंठो को मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुजाता राजेश के सीने को चूमने हुवे नीचे आई , और उसके अंडरवियर को खीच कर निकाल फेकी फिर उसके लंद को मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में लोहे की राड की तरह सख्त हो गया।
राजेश ने सुजाता को ऊपर उठाया और उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
सुझाता बाथरुम की दीवार पकड़ कर झुक गई। राजेश ने सुझाता की चूत चांटा फिर अपना मोटा लंद उसकी बुर पे सेट कर एक जोर का धक्का मारा लन्ड बुर चीरकर पूरा अंदर घुस गया। सुजाता चीख उठी।
अब राजेश ने सुजाता को चोदना शुरू कर दिया।
बाथरुम में सुजाता की मादक सिसकारी गूंजने लगी।
आह उह उन आह,,,,
लंद सुझाता की बुर में गपागप अंदर बाहर होने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद, राजेश बाथरुम में लेट गया सुजाता राजेश का लन्ड पकड़ कर अपनी बुर के छेद में रख कर नीचे बैठ गई। बुर सरसरता huwa अंदर चला गया।
सुजाता राजेश के लंद में उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनो के ऊपर सावर का पानी गीर रहा था।
दोनो ने बाथरुम में विभिन्न आसनों में करीब आधे घंटे तक chudai किया। और अन्त में राजेश ने सुजाता की बुर में झड़ गया।
सुजाता कई बार झड़ी।
दोनो नहाकर बाथरुम से निकले और अपने अपने कपड़े पहन कर समारोह के लिए तैयार होने लगे।
कुछ देर बाद भगत कमरे में आया, दोनो तैयार हो चुके थे।
भगत _भाई समय हो गया है, कालेज के लिए।
राजेश _हां चलो चलते हैं।
सुजाता _ राजेश मैं अभी घर निकलूंगी, वहा से मैं कालेज के लिए निकलूंगी।
राजेश _ठीक है मैम।
सुजाता अपनी घर चली गईं।
कुछ देर बाद राजेश और भगत दोनो कालेज के लिए निकल पड़े।
कालेज में समारोह की सारी तैयारी हो चुकी थी।
करीब दो घंटे का कार्यक्रम रखा गया था।
सभी स्टूडेंट्स पहुंच चुके थे। राजेश कालेज के प्रिंसिपल से मिला।
प्रिंस्पल _राजेश मुझे पता था तुम जरूर आओगे। तुम मुझे निराश नहीं करोगे?
राजेश _सर आपको निराश कैसे कर सकता था?
प्रिंसिपल _राजेश, कालेज के हर फंक्सन में तुमने परफॉर्म किया है? आज भी तुमसे उम्मीद है वैसे कुछ स्टूडेंट्स कुछ तैयारिया की है, पर तुम तो जानते होतुम्हारे पर फॉर्म के बिना फंक्शन अधूरी लगती है।
राजेश _सर आपके कहने पर मैं यहां आ तो गया पर माफ करना सर मैं परफॉर्म नहीं कर पाऊंगा?
प्रिसिपल _राजेश ये अन्य स्टूडेंट की चाहत हैकि तुम परफॉर्म करो, स्टूडेंट्स तुम्हे परफॉर्म करते देखना चाहते हैं।
राजेश _सर मैने कोइ तैयारी भी नही की है? फिर कैसे हो पाएगा?
प्रिंसिपल _जो दिल में आए परफॉर्म कार देना, स्टूडेंट्स बस तुम्हे देखना चाहते हैं।
राजेश अथिति लोग पहुंच रहे हैं, मुझे जाना होगा।
बस तुम फंक्शन को यादगार बनादो।
प्रिंसिपल अतिथियों को मंच पर ले गया। सुजाता और विशाल ग्रुप्स की मालकिन और रीता दोनो पहुंच चुके थे अन्य अतिथि भी बुलाए गए थे।
मंच पर अतिथियों के स्वागत कालेज के प्रोफेसर, स्टूडेंट्स के द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया।
अतिथियों के स्वागत में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।
उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करने वाले स्टूडेंट्स का नाम अलाउंस किया गया और अतिथियों के पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया जाने लगा।
प्रथम वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए स्वीटी को सबसे पहले सम्मानित किया गया।
रीता ने उसे अपने हाथो से पुरस्कार भेंट किया और बधाई दिया।
इधर लंदन में निशा और सीमा अपनी दोस्तो की मदद से अपने बुआ के घर के हाल पर बैठ कर वहा लगे टीवी से कार्यक्रम को लाइव देख रहे थे।
उसकी बुवा भी वहा मौजूद थी। इधर
द्वितीय वर्ष में कला और शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म करने के लिए निशा का नाम की घोषणा किया गया।
निशा वहा थी नही तो सुजाता ने यह पुरस्कार अतिथि के हाथो प्राप्त की उसके बाद पुरस्कार की घोसणा के बीच बीच में स्टूडेंट्स द्वारा नृत्य का प्रस्तुति करन किया जा रहा था।
स्वीटी और रोहन ने भी इसके लिए तैयारी की थी।
उसके बाद बेस्ट छात्र संघ नेता के लिए भगत के नाम की घोषणा किया गया। रीता के हाथो उसे पुरस्कार भेंट कर बधाई दिया।
कुछ और परफॉर्मेंस होने के बाद रोहन को खेल और कला के क्षेत्र में बेस्ट परफार्म के लिए रोहन की नाम का घोषणा किया गया। सुजाता के हाथो उसे पुरस्कार दिलाया गया।
अगले परफॉर्म के लिए माइक संचालक ने, राजेश का नाम अलाउंस किया,,
माइक संचालक _दोस्तो,अब अंतिम परफॉर्म होने जा रहा हैं, जानते हो वो किसका है? अनुमान लगाइए।
कुछ लोगो ने,,, आवाज़ दिया,,,
राज,, राज,,,, राज,,,
जिन्हा बिलकुल सही कहा आपने,,,
वैसे तो राजेश परफॉर्म के लिए तैयार नहीं था पर हमारे प्रिंसिपल महोदय के कहने पर वह मुस्किल से तैयार हो पाया है, तो जोर दार उनका स्वागत कीजिए,,
उधर निशा और सीमा एक दूसरे को देखने लगे।
निशा का दिल जोरो से धड़कने लगा था।
इधर
चारो तरफ राज राज,,,,
की आवाज़ गूंजने लगा,,,
इधर राजेश परफॉर्म करना नही चाहता था, आज उसे अपनी मां और निशा की कमी महसूस हो रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या प्रस्तुत करे। उसके नाम की घोषणा हो चुका था, इसलिए उसे मंच पर उतरना पड़ा,,,
मंच पर उतरते ही ताली की गड़गड़ाहट और शोर शराबा शुरू हो गया,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
याद आ रहा है,,,,,,,,
तेरा प्यार,,,,,,,, https://youtu.be/v7B1_y2LAeI?si=mIzjdXHUK8gftqLk
इधर निशा बीच गाने में ही निशा उठ हाल से उठ कर अपने कमरे में आ गईऔर रोने लगी।
सीमा _निशा रो क्यू रही हो तुम तो भुल चुकी हो राज को अब वह तुम्हे याद करे इससे तुम्हे क्या?
निशा, अपनी आंसुओ को पोछते हुवे, मैं उस हवस के पुजारी के लिए नही रो रही ये आंसू तो मेरे उस राज के लिए है जिसे मैं आज भी बहुत प्यार करती हूं।
इस हवस के पुजारी से मुझे कोइ हमदर्दी नही। लेकिन मैं अपने उस राज से हमेशा प्यार करती रहूंगी। ये बहुरूपिया है मेरा राज नही है। मेरा राज तो मेरे दिल में है मैं उम्र भर उसे प्यार करती रहूंगी।
निशा, सीमा की बाहों में सिमट कर फूट फुट कर रोने लगी।
तभी उसकी बुवा ने आवाज़ लगाई। बेटा आओ लंच का समय हो गया है। लंदन में उस समय लंच का समय हुवा था।
सीमा _निशा अब अपनी आंसू पोछो और चलो आंटी बुला रही है।
निशा ने अपनी आंसू पोछी, और फिर दोनो फिर से हाल में आ गए।
इधर समारोह में,,,
माइक संचालक _दोस्तो, अब वह घड़ी आ गया है, जिसका आप सबको इन्तजार था। आप सभी जानना चाहते है कि कौन है इस वर्ष का स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर।
इसके लिए मैं हमारे कालेज के प्रबंधक को आमन्त्रित करता हूं, वे मंच पर आए और इसकी घोषणा करे।
इधर निशा और सीमा लंच करते हुवे, लाइव देख रहे थे।
प्रबंधक _दोस्तो जैसे की आप सभी को पता है, स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर बनने के लिए कला , खेल, शिक्षा तीनो क्षेत्रों में बेस्ट परफार्म करना पड़ता है।
मैं समझता हूं, यह सस्पेंस नही रह गया है कि इस बार भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का असली हकदार कौन है?
सभी स्टूडेंट्स ने राज राज,,,
चिल्लाने लगे।
प्रबंधक _जी हा, आप सभी ने बिल्कुल सही कहा, राज ने न केवल इंटरकॉलेज फुटबालटूर्नामेंट में फाइनल मैच में हारी हुई बाजी जीता कर हमारे कालेज का मान बनाए रखा, बल्कि यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप कर कॉलेज का गौरव बढ़ाया है। और कला के क्षेत्र में तो उसके परफार्मेंस से तो आपसभी परिचित हैं है। इसलिए पिछले दो वर्ष की तरह इस साल भी इस्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का का खिताब राजेश को दिया जाता है।
चारो तरफ राज राज की आवाजे गूंजने लगी।
चारो तरफ तालिया बजने लगी।
प्रबंधक ने राज को मंच पर बुलाया। और उसे पुरुस्कार देने के लिए विशाल एंड सुजाता ग्रुप्स की मालकिन को आमन्त्रित किया।
सुजाता ने अपने हाथो से स्टूडेंट्स ऑफ द इयर का कप अपने हाथो से दिया और राजेश को बधाई दिया।
चारो तरफ तालिया बज रहे थे।
राजेश के आंखो में आंसू भर आए, इधर स्वीटी भी अपने भाई की इस उपलब्धि पर अत्यंत भावुक हो गई, उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
माइक संचालक ने राजेश को पूछा _राजेश,अपने इस उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे।
राजेश ने माइक पर लोगो से कहा,,
मेरी मां हमेशा मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, मेरी बहन मेरे पिता जी जो हमेशा मेरे हौसला बढ़ाया। मेरी एक दोस्त, एक समय जब मैं पूरी तरह निराश हो गया था, उसने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इन सभी लोगो को मैं अपनी उपलब्धि का श्रेय देता हूं।
संचालक _हमारे कालेज के स्टूडेंट्स से आप क्या कहना चाहेंगे?
राजेश _सफलता प्राप्त करने के लिए हमे जीवन में कई सारे नियमों का पालन करना होता है, इसके लिए मेहनत, लगन शीलता, धैर्य, सच्चाई और समय का सदुपयोग करने की जरूरत होती है। हमे असफलता से निराश न हो कर आशावादी बनना चाहिए। और लक्ष्य प्राप्ति तक प्रयास करते रहना चाहिए।
संचालक _आशा है हमारे स्टूडेंट्स, तुम्हारे विचारो को अपने जीवन में उतारेंगे और सफल बनेंगे। बहुत बहुत बधाई आपको इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू सर।
उधर लंदन में सीमा बहुत खुश थी की राजेश ने फिर से यह उपलब्धि हासिल किया।
राजेश की बातो को सुनकर निशा की बुवा ने कहा इस लड़के ने स्टूडेंट्स से बहुत अच्छी बाते कहीं है, अगर इनकी बातो को अमल में लाया जाए तो व्यक्ति को सफल होने से कोइ नही रोक सकता।
वैसे सीमा क्या ये वही लडका है?
जिसने निशा दिल को चोट पहुंचाया है।
सीमा ने हा में सिर हिलाया।
बुवा _हु, मैं समझ चुकी थी जब तुम इसकी परफॉमेंस देखकर रोती हुई अपने कमरे में भागी थी।
दिखने में तो बड़ा संस्कारी लगता है?
निशा _ये संस्कारी नही हवसी है, बुवा तुम इसकी बातो में मत जाओ। एक औरत से इसका जी नही भरता, इसको एक साथ चार चार चाहिए।
I मैं उससे नफरत करती हूं।
बुवा _ठीक है बाबा, ठीक है अब गुस्सा मत हो और भोजन करो।
इधर , रीता भी राजेश को बधाई देने मंच पर आ गई।
रीता _राजेश, बहुत बहुत बधाई इस उपलब्धि के लिए।
राजेश _थैंक यू मैं।
रोहन _राजेश भाई बहुत बहुत बधाई, उसने राजेश को गले लगा लिया।
राजेश _थैंक यू रोहन।
स्वीटी राजेश से मिली और गले से लिपट कर रोने भाई,,,
स्वीटी _तुम शहर कब आए, किसी को बताया भी नहीं।
राजेश _शाम को ही ही पहुंचा स्वीटी और इधर कार्यक्रम में शामिल होने आ गया।
स्वीटी _बता भी तो सकते थे तुम आ रहे हो।
राजेश _सारी स्वीटी।
स्वीटी _भईया चलो घर चलते हैं।
रीता _राजेश घर नही जायेगा, वह मेरे साथ जायेगा।
राजेश _मैम मैं समझा नही।
रीता _ओह मैं तो बताना ही भुल गई, आज मेरा जन्मदिन है घर में छोटी सी पार्टी है खास खास लोगो को ही बुलाया है। समय भी हों चुका है इसलिए चलो सभी मेरे घर चलो।
सुजाता तुमको तो पहले ही बता दिया था। तुम भी सीधा मेरे घर ही चलो।
सुजाता _रीता, तुम पहले अपने घर पहुंचो, हम लोग पहुंच जायेंगे।
तभी रीता को उसके पति का फोन आया।
संजय _अरे भाग्यवान, इधर मेहमानो के आने का सिलसिला शुरू हो गया है और कितना समय लगेगा।
रीता _मैं बस निकल ही रही हूं जी।
बेटा चलो तुम्हारे पापा का फोन है कह रहे हैं मेहमान पहुंच रहे है।
राजेश तुम अपने दोस्तो के साथ जल्दी पहुंच जाना। मैं निकलती हूं।
राजेश _ठीक है मैम।
रोहन _स्वीटी चलो तुम मेरे साथ।
स्वीटी _रोहन, तुम चलो मैं भाई के साथ आ रही हूं।
रोहन _ठीक है।
सुजाता _राजेश, चलो मेरे साथ, साथ में चलेंगे रीता के यहां। पहले घर जाकर फ्रैस हो लेते हैं।
राजेश _मैम मैं भगत और स्वीटी के साथ वहा पहुंचता हूं।
आप वहा पहुंचिए।
सुजाता _ठीक है।
सुजाता अपनी घर चली गई।
स्वीटी _भईया मुझे तो लगा था की आप नही आयेंगे।
राजेश _आने का इरादा तो नही था स्वीटी, पर सर ने मजबूर कर दिया।
स्वीटी _भईया, चलो पहले घर चलते हैं?
राजेश _नही स्वीटी, जब तक मां मुझे घर आने नही कहेगी, मैं घर नही जा सकता।
चलो हम रोहन के घर चलते है, मां को तुम फोन कर बता दो की तुम कहा जा रही हो।
भगत, राजेश और स्वीटी तीनो एक साथ कार में रोहन के घर के लिए निकल पड़े। रास्ते में रीता को भेट देने के लिए फूलो का गुलदस्ता लिया।
रास्ते में स्वीति ने सुनीता को फोन किया।
स्वीटी _मां बधाई हो, भईया ने इस साल भी स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर का खिताब हासिल किया है?
सुनीता _क्या सच में, सुनीता खुश होते हुई बोली।
स्वीटी _हा मां,
सुनीता _तुम कहा हो जल्दी घर आ जाओ।
स्वीटी _मां मैं रोहन के घर जा रहा हूं।
सुनीता _पर क्यू, मां रोहन की मां का जन्म दिन है तो, उसमें शामिल होने।
सुनीता _किसके साथहो।
स्वीटी _मां, भाई के साथ हु।
सुनीता _क्या, राजेश शहर आया huwa है?
स्वीटी _हा मैं, कालेज के प्रिंसिपल ने उसे समारोह में आने के लिए जिद किया था तो भईया को आना पड़ा वह भी रोहन के घर जा रहा है।
सुनीता _ओह, ठीक है बेटा तुम समय पर घर आ जाना।
स्वीटी _ठीक है मां।
राजेश स्वीटी और भगत तीनो रोहन के घर पहुंचे।
वहा पर अधिकांस मेहमान पहुंच चुके थे।
राजेश भगत और स्वीटी ने गुलदस्ता भेट करते हुए रीता मेहता को जन्मदिन की शुभकामनाएं दिया।
रीता आज बहुत ही सुंदर और हॉट लग रही थी। वह पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। जिसमे उसका गोरा अंग बाहर से ही प्रदर्शित हो रहा था।
कुछ देर में ही सुजाता भी पहुंच गई।
सुजाता रीता को बधाई देते हुए उसके कानो में बोली,
हाय आज तो तुम बड़ी कयामत लग रही हो।
रीता ने केक काटा।
सभी ने ताली बजाकर बधाई दिया।
उसके बाद नाचने गाने का प्रोग्राम शुरू हो गया।
वहा मौजूद लोग अपने अपने साथी के साथ डांस करने लगे।
सुजाता राजेश के पास गई और उसके साथ डांस करने लगी।
भगत कालेज के लडकियों के साथ, स्वीटी रोहन के साथ डांस करने लगी।
सभी लोग डांस करने लगे। कुछ लोग बचे थे वे लोगो के डांस देख कर ताली बजा रहे थे।
रीता, सुजाता के पास आई।
रीता _यार सुजाता, मुझे भी राजेश के साथ डांस करनी है।
सुजाता _ओह क्यू नही?
सुजाता राजेश से अलग हो गई।
अब रीता राजेश का हाथ पकड़कर डांस करने लगी।
रीता _राजेश इतने दिनो तक कहा थे? मैं तुम्हे कईबार फोन लगाया , पर नेटवर्क नही बता रहा था। स्वीटी से पूछी तो बोल रही थी की तुम आई ए एस की तैयारी करने बाहर गए हो।
राजेश _हा मैम मैं अपने दादा जी के गांव गया था। और कल सुबह मुझे गांव के लिए ट्रैन पकड़नी है।
रीता _पर आईएएस की तैयारी के लिए तुम्हे दिल्ली जाना चाहिए था। तुम गांव क्यू गए।
राजेश _दरअसल मैं सहर से दूर एकांत वातावरण चाहता था इसलिए गांव चला गया।
रीता _हूं, मैं समझ गई, तुम यहां रहते तो हम लोग तुम को परेशान करते इसलिए तुम गांव चले गए क्यू?
राजेश मुस्कुराने लगा।
दोनो धीमे म्यूजिक पर कमर हिलाते हुए डांस कर रहे थे और वार्तालाप भी।
रीता _राजेश आज मेरा जन्मदिन है, आज मुझे तुमसे बड़ी उम्मीद है।
राजेश _कैसी उम्मीद मैम?
रीता _राजेश, तुम्हे क्या पता? मैं तुम्हे रात में कितनी मिस करती हूं। कई बार सपने में तुम मेरी प्यास बुझाते हो।
आज मेरी जन्म दिन है प्लीज़ आज मुझे परमसुख प्रदान करो, मैं होली के दिन से इस सुख से वंचित हूं।
राजेश _पर मैम, यहां कैसे हो पाएगा, कोई देख लेगा तो बदनामी होगी।
रीता _राजेश मैं अपनी रूम में जा रही, तुम थोड़ी देर बाद आ जाना,,,
मेरे कमरे में मेरे इजाज़त के बगैर आने की किसी की हिम्मत नही रोहन के पापा से कह दूंगी तुम यहीं रहना मेहमानो का ख्याल रखना मेरे पेट में गड़बड़ लग रही है, मैं बाथरुम से आती हूं।
राजेश _ओह मैम और किसी ने मुझे आपके रूम में जाते देख लिया तो,, क्या कहूंगा?
रीता _कह देना मैम ने कुछ जरूरी काम से बुलाया है। मैं भी कह दूंगी कुछ काम था,
राजेश _ओह मैम मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा।
रीता_मैं कुछ नहीं जानती, तुम्हे मुझे वह सुख देना ही होगा? चाहे जो भी हो जाए। तुम नही जानते तुम्हारे लिए मैं कितनी पागल हो गई हूं।
मैं जा रही तुम आ जाना।
रीता चली गईं ,,
सुजाता की नजर राजेश और रीता पर ही था, दोनो का डांस उसे वैसे भी पसंद आ रहा था।
वह राजेश के पास आई,,
और उसे पकड़ कर डांस करने लगी,
सुजाता _क्या कह रही थी, रीता तुम्हे।
राजेश _कुछ भी तो नहीं?
सुजाता _मैने देखा बहुन्त देर तक फुसफुसा रहे थे तुम दोनो।
राजेश सुजाता को बाहों में लेकर नाचने लगा। यार तुम औरतों की न शक करने की आदत एक जैसी ही होती है,
इधर राजेश मन ही मन सोच ने लगा लगता है शाला आज मैं फिर बुरा फसने वाला हूं।
सुजाता _तुम क्या सोच रहे हो?
राजेश _यहीं की तुम आज कितनी खुबसूरत लग रही हो?
सुजाता _अच्छा, इतनी देर बाद मेरी खूबसूरती नजर आई।
, मुझे तो लगता है तुम्हारे मन में कुछ और ही चल रहा है।
राजेश _क्या?
सुजाता _अब छोड़ो। चलो आज रात तुम मेरे घर चलो।
राजेश _निशा को पता चला तो क्या जवाब दोगी उसे?
सुजाता _वो तो लंदन में है कैसे पता चलेगा, उसे।
राजेश _अच्छा एक काम करो तुम घर चलो मैं कुछ देर बाद स्वीटी को घर छोड़कर तुम्हारे घर आ जाऊंगा?
सुजाता _सच, वह खुश हो गई।
पर तुम्हारी मां से तुम क्या बोलोगे?
राजेश _यार ये तो सोंचा ही नहीं।
इधर रीता ने राजेश को मिस काल किया,,
सुजाता _तुम्हारे फोन पर कोइ काल आया है उठाओ।
राजेश _ओ हा,,
राजेश ने काल उठाया,
रीता _अरे आओ जल्दी।
राजेश _जी, कोशिश करता हूं,,
सुजाता _किसका काल था।
एक दोस्त का,,,
राजेश _ओ हो,, उह,,
सुजाता _क्या huwa?
राजेश _पेट में कुछ प्रॉब्लम है? बाथरुम जाना पड़ेगा।
सुजाता _ओह जाओ, फ्रेस होकर आओ।
राजेश वहा से चला गया।
सुजाता की नजर राजेश पर थी।
राजेश बाथरुम न जाकर रीता के कमरे की ओर जाने लगा ।
सुजाता ने जब देखा बाथरुम तो उधर है ये राजेश उस तरफ क्यू जा रहा है?
वह राजेश के पीछे गई, यह भी ध्यान रखी की वह राजेश की नजरो में न आए।
राजेश रीता के कमरे में जाकर घुस गया, दरवाजा खोल रखी थी ताकि राजेश अंदर आ सके।
रीता _तुमने इतनी देर क्यों लगा दी।
राजेश _मैम, सुजाता मैम मेरे साथ थी वह तरह तरह के सवाल कर रही थी।
हो सकता है वह मुझपर नजर रख रही हो। मुझे लगता है ये सब करने का उचित समय नही है हमे यहां से चलना चाहिए।
रीता _ये सुजाता, तो मेरी सौतन बन गई है। आज मेरे जन्म दिन है। आज के दिन भी मुझे ऐसे ही छोड़ प्यासी छोड़ दोगे।
सुजाता जाय भाड़ में उसे पता चले तो चलने दो,,
रीता राजेश के पैंट की चैन खोल कर उसका लंद बाहर निकाल कर उसे मुंह में लेकर चूसने लगी।
रीता अत्यंत कामुक लग रही थी।
राजेश का लंद कुछ ही देर में एकदम सख्त हो गया।
इधर सुजाता ने राजेश को रीता के कमरे में घुसते देख लिया।
सुजाता _ये राजेश रीता के कमरे में क्यू गया और दरवाजा भी बंद कर दिया गया।
उसका दिल धक धक करने लगा,,,
उधर राजेश जोश में आ चुका था वैसे भी रीता आज बहुत कामुक लग रही थी। रीता ने अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
राजेश का लंद उसकी मस्त बड़ी बड़ी चूचियां देखकर लहराने लगा। राजेश चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
रीता सिसकने लगी।
राजेश ने रीता को बेड में लिटा कर उसकी पेंटी निकाल दिया और उसकी मस्त फूली हुईं चिकनी चूत को चाटने लगी। रीता हवा में उड़ने लगी।
राजेश ने देर न करते हुए अपना लंद रीता की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया।
राजेश ने आधा घंटा तक विभिन्न आसनों में रीता की जमकर बुर चोदा। कमरे में रीता की मादक सिसकारी गूंजती रही। रीता को कई बार चरम सुख को प्राप्त की।
इधर सुजाता दरवाज़े पर कान लगा कर सुनने की कोशिश कर रही थी की आखिर अंदर चल क्या रहा है उसका दिल रोने का कर रहा था। जब उसे रीता की हल्की हल्की सिसकारी सुनाई पड़ी तो वह समझ गई की अंदर क्या चल रहा है।
काफी देर तक जब दरवाजा न खुली तो वह रोती हुई दरवाजा पीटने लगी।
राजेश झड़ चुका था दोनो सुस्ता रहे थे। दरवाजा पीटने की आवाज़ से रीता गुस्से में आ गई किसकी इतनी हिम्मत हो गई की मेरे कमरे की दरवाजा पीटे।
वह अपना साड़ी ठीक की और गुस्से से दरवाजा खोली।
सामने सुजाता को देख, घबरा गई सुजाता तुम यहां। क्या हूवा।
सुजाता _राजेश कहा है?
रीता _मुझे क्या पता होगा पार्टी में कहीं।
सुजाता _मैने उसे तुम्हारे कमरे में घुसते देखा है,
मुझे अंदर जाने दो।
रीता _देखो सुजाता मेरे कमरे में तुम्हे इस तरह नही घुसना चाहिए।
सुजाता रीता को धक्के मारते हुए अंदर घूस गई।
राजेश अपना शर्ट पहन रहा था।
सामने सुजाता को देख राजेश घबरा गया।
सुजाता दो थप्पड़ राजेश के गालों पर मारा और फुट फुट कर रोने लगी।
सुजाता _निशा ने ठीक कहा था तुम कभी नही सुधरोगे, मैं तुम्हे एक मौका देना चाहती थी। पर तुम सच में रंडीबाज निकले। तुम बाथरुम जाने का बहाना बनाकर रण्डी बाजी करने चले आए।एक औरत से तुम्हारा जी नही भरता। तुम्हे नई नई औरत चाहिए। आज के बाद मैं कभी तुम्हारी सूरत नही देखूंगी।
वह रोते रोते वहा से चली गई।
पार्टी में कुछ लोगो ने उसे रोते रोते जाते हुवे देखा उसमें से एक सीमा और निशा की सहेली थी।
इधर राजेश सिर पकड़ कर बेड में बैठ गया।
रीता _राजेश तुम्हे चिन्ता करने की कोइ जरूरत नही मेरे होते हुवे।
उधर निशा की सहेली ने निशा को फोन कर बता दी की उसकी मॉम रोते रोते पार्टी से गई है। लगता है कोइ बात हुई है।
निशा घबराकर अपनी मॉम को काल की।
निशा _मॉम आप ठीक तो है न।
सुजाता ने अपने को सम्हालते हुवे कहा?
निशा _मुझे क्या huwa है बेटा, मैं ठीक हूं। तुम तो ठीक हो न।
निशा _मॉम मैं बिल्कुल ठीक हूं, पर मेरी फ्रेंड्स कह रही थी की तुम रोते रोते पार्टी से निकली हो। क्या huwa है मॉम, बताओ मुझे।
तुझे मेरी कसम है।
सुजाता अपने आंसू रोक न सकी और सुबकने लगी।
निशा घबरा गई मॉम बताओ क्या बात है? तुम्हे मेरी कसम।
सुजाता _बेटा, वो राजेश,,,
निशा _राजेश, क्या किया तुम्हारे साथ, मैने तुम्हे उससे दूर रहने कहा था।
सुजाता _बेटा मैं भावनाओ में बहकर उसे एक मौका देना चाहती थी पर वह सच में रंडीबाज निकला।
निशा _अब क्या किया उसने?
सुजाता _वह मुझसे झूठ बोल कर रीता के साथ,,,,
निशा _क्या राजेश ने रीता आंटी को भी नही छोड़ा।
मोम उस रण्डी बाज के लिए आंसू बहाना बंद करो।
और उससे भविष्य में अब कभी मत मिलना।
निशा ने फोन रख कर फुट फुट कर रोने लगी।
सीमा _क्या huwa निशा तुम रो क्यू रही हो?
राजेश रीता आंटी को भी अपना रखैल बना रखा है?
सीमा _क्या?