मैं सम्प्रदाय, पंथ, मज़हब, रिलीजन, किसी एक किताब या किसी एक व्यक्ति के सिद्धांतों का अन्धानुकरण करने वालों में से नहीं हूं.... इसलिए मुझे ओशो या बुद्ध के नाम से व्यक्तिवादी सिद्धांतों से ना जोड़ें
मैं प्रकृति आधारित 'सनातन धर्म' में आस्था रखता हूं जो किसी नियम, पुस्तक या व्यक्ति के द्वारा स्थापित या संचालित नहीं होता बल्कि प्रकृति आधारित सर्वहितकारी सिद्धांत का पालन करता है केवल मनुष्य ही नहीं सभी जड़-चेतन जीवधारियों व तत्वों को समान महत्व देता है गुण-कर्म-स्वभाव के आधार पर
बुद्ध का सत्य... सबसे बड़ा सत्य है कि वो एक राजा के पुत्र थे, उनका नाम सिद्धार्थ था, उनका पालन-पोषण उनकी जननी माता महामाया ने नहीं सौतेली माता गौतमी ने किया था जिसके कारण उन्हें गौतम भी कहा जाता था...

. बाकी सब उनके अनुयायियों व विरोधियों का अनर्गल प्रलाप है जिसे अकाट्य या सार्वभौमिक सत्य नहीं कहा जा सकता
आशा है आपकी बुद्ध के बारे में जिज्ञासा शान्त कर पाया हूंगा