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Incest मैं और मेरा रंगीला परिवार ( incest+Adultery )

किसकी चुदाई पहले देखना पसंद करोगे आप सभी ??

  • मामी और मैं

    Votes: 61 43.0%
  • अंजलि और मैं

    Votes: 50 35.2%
  • मामी और किसी के साथ

    Votes: 22 15.5%
  • अंजलि और किसी के साथ

    Votes: 9 6.3%

  • Total voters
    142

ellysperry

Humko jante ho ya hum bhi de apna introduction
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पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा की कैसे मामी को मेरे बारे में कुछ शक होता है मेरे जल्दी आने की वजह से फिर घर में मेरे और अंजलि के बीच साक्षी को लेकर बात करना और आपस में हम दोनों का खुलना साक्षी की चुदाई की बात को लेकर.

अब आगे........



अंजलि के रूम से जाने के बाद से मुझे अब उम्मीद आ गयी थी अंजलि को सेट करने के लिए और साथ ही मैंने साक्षी के बारे में भ सोचना शुरू कर दिया था. इसी के साथ लेटे लेटे कब नींद लगी पता ही न चला और सवेरे अंजलि ही मुझे जगाने आई. उसकी खूबसूरत चेहरे और कातिल जवानी के दीदारसे मेरी सुबह बहुत अच्छी हुई,,, मैंने उसको बोला के मैं फ्रेश हो के आता हूँ नाश्ते के लिए और वो वापस चली गयी और मैं बाथरूम जा कर फ्रेश हो गया.

नीचे नाश्ते की टेबल पर मामी और अंजलि मेरा ही वेट कर रहे थे और मेरे आते ही हमने नाश्ता करना स्टार्ट किया. मैंने देखा अंजलि कल रात के बाद से मेरे से ज्यादा फ्रैंक हो के बात कर रही थी वही मामी भी नाश्ता करते वक़्त बीच-बीच में मुझे घुर रही थी,,,शायद वो अभी भी शक कर रही थी मुझ पर. थोड़ी देर में नाश्ता होने के बाद मैं अपने रूम में आ गया. अब मेरे पास करने के लिए अभी कुछ नहीं था तो मैं अपना फ़ोन चेक करने लगा तो देखा के मामी ने मेरी फेक ID की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली है. (वैसे मैंने अपनी इस ID में नाम ऋषि रखा था) ये देख के तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने जल्दी से DM में हाय लिख के भेज दिया और मामी के रिप्लाई का वेट करने लगा.

कुछ देर ऐसे ही इधर उधर के पोस्ट देखने के बाद मुझे मामी ऑनलाइन दिखी और उन्होंने मेरी मैसेज को अभी अभी रीड किया मैं अब काफी एक्साइटेड हो गया था के अब मामी क्या रिप्लाई देगी,,,,,

मामी- हाय !!! आप कौन ??

मैं- (फेक ID से) मैं ऋषि !!! आपका चाहने वाला ,,,,

मामी- मेरे तो कई चाहने वाले है उनमे से आप कौन है ,,,

मैं- जी बस ये समझ लो की आपके हुस्न का दीवाना हूँ (फ़्लर्ट करते हुए)

मामी- अच्छा जी , बड़े आशिक मिजाज के लगते हो तुम तो

मैं- सही जाना है आपने, आपके पीछे तो कोई भी दीवाना हो सकता है

मैं मामी के साथ फ़्लर्ट कर रहा था और मामी भी मेरा बराबर साथ दे रही थी जबकि मैं उनके लिए अजनबी था. इससे तो मुझे यही पता चल रहा था की मामी बस घर वालो के लिए ही सीधी है बाकि तो वो बहुत रंगीन मिजाज की ओपन माइंडेड हैं. वो बिना किसी पूछताछ के मुझसे chat कर रही थी, मुझे लगा ऐसे में तो मामी जल्दी ही पट भी जाएगी.

उधर मामी भी मजे ले रही थी और सोच रही थी “” अब ये कौन नया आशिक आ गया मेरा ?? क्या कोई पहले का ही मेरा दीवाना है ये ?? क्या पता कौन है पर chat करने में क्या ही हर्ज है ,,, मजे लिए जाए इसके भी क्या पता काम का बन्दा निकल जाये ये””””

मामी- अच्छा मुझे बिना देखे कैसे दीवाने हो गये तुम?? (देखती हूँ इसने मुझे देखा है या नहीं)

मैं- अरे आप कैसी बातें कर रही है ,, आपको देखने के बाद ही तो आपका दीवाना हुआ हूँ मैं

मामी- अच्छा तुमने कब देख लिया मुझे?? कहीं मेरी जासूसी तो नहीं करते हो न तुम ,,हाहाहा

मैं- मैंने तो आपके हुस्न को कई बार देखा है ,, जासूसी तो नहीं पर आपका साया जरुर हूँ आपकी हर हरकतों पे मेरी नजर है

मामी- अच्छा जी तो फिर तो तुमको बहुत कुछ पता होगा ? जरा बताओ तो मैं भी जानू कितना पता है तुमको,,,,

मैं – क्या जानना चाहोगी जानेमन ??

मामी- अरे वाह !!! आप से सीधा जानेमन ,,, बड़े तेज हो तुम तो. कुछ भी ऐसा बताओ जो सब को नहीं पता हो बस मेरे खास लोग ही जानते हो जिसे

मैं सोचने लगा की ऐसा क्या बताऊ मैं तो अभी अभी मामी के कारनामो के बारे में जाना था और वो भी थोडा ही जबकि अभी फ़्लर्ट के चक्कर में ज्यादा ही फेक दिया मैंने ,,, अब कैसे भी हालात को सम्भालना होगा.

मैं- अच्छा ठीक है,, अभी तुम्हारे घर में बस तीन लोग ही हो ..तुम और सह में एक लड़की और एक लड़का

मामी- तो तुम मुझ पर नजर रखे हुए हो क्यों ??

मैं- अरे तुम गलत मत समझो मैं तो बस तुम्हारा दीदार करता रहता हूँ छुप के,,, तो बस इसमें ही पता चल गया ये

मामी- और कहाँ कहाँ तक पीछा किया है मेरा तुमने ??

मैं- लगभग हर जगह जानेमन जहाँ तुम होती हो !!

मामी सोचती है कि कही इसने मेरा पीछा किटी पार्टी में भी पीछा तो नहीं किया ?? पुछा जाये इससे ,,,

मामी- अच्छा ये बताओ तो कल मैं कहा थी ??

मैं समझ गया मामी मुझसे उनके किटी पार्टी का पूछ रही है ,,,क्या पता उनको ये लग रहा होगा की कही मैंने वहा का सब देख लिया हो ,,,खैर उससे मुझे क्या आखिर में मेरी सच्चाई तो मामी को बताना ही था आगे चल के ताकि खुल के मैं मामी के साथ चुदाई कर सकूँ. यही सोच के मैंने बोला

मैं- जानेमन लगता है तुम अपने किटी पार्टी के बारे में पूछ रही हो

मामी- तो तुमने वहा भी मेरा पीछा किया ??

मैं- हाँ मैं था वहां .

मामी मन में “”कंही ये वो ही तो नहीं जिसके साथ मैंने चुदाई की थी ,,,, हो सकता है ये वही हो क्युकि उस जिगोलो के अलावा तो और कोई नहीं था वहां,, मुझे तो सौरभ पे भी शक है पर ये भी तो हो सकता है कहीं ये छुपकर आ गया हो अन्दर. इससे पूछना होगा इस बारे में”””

मामी- एक बात बताओ तुम बाहर से ही देख रहे थे या अन्दर भी आये थे ??

मामी के ऐसा पूछने पर मैं समझ गया की वो क्या सोच रही है और मेरे लिए ये एक अच्छा मौका था मामी को सेट करने का क्युकि मामी मेरे चुदाई से खुश थी बहुत उस वक़्त और उनको पता भी नहीं के वो कौन था इसलिए मैं मामी को सीधा बोला

मैं- मुझे लगता है तुम अपनी चुदाई के बारे में पूछना चाह रही हो

मामी- (हैरान होते हुए कुछ देर बाद रिप्लाई देते हुए ) क्या !!!!!! तो वो तुम थे रूम में ??

मैं- हाहाहा !!! हाँ जानेमन मैं ही था तुम्हारे साथ

मामी- तू-तू-तुम हो कौन और ऐसे क्यों छुपकर चुदाई की मेरी ??

(और मामी फिर अपनी चुदाई को याद करती है कैसे मैंने उनको रगडा था और वो थोड़ी एक्साइटेड हो जाती हैं)

मैं- रूम में तो पहले से अँधेरा था मैं कहा छुप रहा था और तुम जैसी हसीना को कोई क्यों न चोदे भला

मामी- तो फिर तुम फिर से बिना कुछ किये भाग क्यूँ गये थे वहा से

मैं- वो तो मुझे लगा की तुमको शायद अच्छा नहीं लगता सच जान कर की मैं कोई और हूँ क्युकी तुम तो किसी और से चुदना चाह रही थी

मामी- (इससे तो चुद के मुझे बहुत मजा आया था और अब तो इसको पटा के आगे भी चुदुगी) नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैंने तो और करने को बोला था उस वक़्त फिर से

मैं- मतलब के तुम्हे अच्छी लगी मेरी चुदाई ?

मामी- हां बहुत अच्छी लगी ,,, पर तुम ये बात किसी से मत कहना नहीं तो मेरी बदनामी होगी

मैं- अरे जानेमन तुम फिकर मत करो ये तो हम दोनों का राज है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा

मामी- थैंक यू !!! इस बात को राज रखने के लिए

मैं- ये क्या जान बस थैंक यु ,,,, सुखा सुखा मजा नहीं आया

मामी- तो और क्या चाहिए अब तुम्हे ?? कहीं फिर से तो वो सब ,,,हम्म्म्म ??

मैं- अरे अभी नहीं , वो सब बाद में . वो जानेमन कल अँधेरे में तुमको देख नहीं पाया था क्या तुम अपनी कुछ पिक्स भेज सकती हो??

मामी- तुम तो हर वक़्त नजर रखते हो तो पिक्स की क्या जरूरत

मैं- अरे वो तो मैं तुमको अन्दर से दिखाने को बोल रहा हु ,,, हेहेहे

मामी- अच्छा तो जनाब को nude पिक्स चाहिए मेरी

मैं- हां जानेमन

मामी- ठीक है पर तुम्हे भी भेजनी होगी अपनी और अपने बारे में भी बताओ सब

मैं- तुम मागो और मैं न दूँ ये कैसे हो सकता है ,,, मैं भी भेज दूंगा पिक्स. और रही बात जानने की तो धीरे धीरे सब पता चल जायेगा तुम्हे

मामी- ठीक है !!! फिर जब मैं नहाने जाउंगी तब भेज दूंगी ,,, चलो अभी मैं चलती हूँ बाद में बात करते है बाय !!!!

मैं- बाय जानेमन!!

मैं खुस था की मामी सेट हो गयी थी पर अभी भी उनको नहीं पता था की इन सब के पीछे मैं हूँ...मामी तो मेरे बारे में पूछ ही रही थी पर मैं मामी को ये राज अभी नहीं बता सकता ,,, राज बताने से पहले मुझे कुछ करना होगा ताकि मामी के सोच के बारे में पता कर सकूँ मेरे बारे में ...

उधर मामी को मेरे से chat करने के बाद से बैचेनी होने लगी की आखिर उन्हें वो इंसान मिल ही गया जिसने उनको चोदा था और इसी बात को बताने के लिए उन्होंने माया को कॉल लगा दिया ....

माया- हेल्लो पूजा ,, बता कैसे याद किया ??

मामी- पता तुझे आज मैंने किस्से chat की

माया- अब वो तो तुझे ही पता होगा ना कहाँ कहाँ चुदती रहती है तू

मामी- चुप कर रंडी तुझे सब पता है मेरा ,, और मेरे साथ में तू भी तो चूत मराती है अपनी

माया- हां वो तो है ,,, चल ये बता किसकी बात कर रही है तू ??

मामी- अरे वही जिसने कल अँधेरे में मुझे चोदा था .

माया- क्या बात कर रही है तू ,,, कौन है वो?? (चोंकते हुए)

मामी- ऋषि नाम का लड़का है ,, इन्स्टा में बात हुई मेरी आज उससे

माया- दिखने में कैसा है ??

मामी- यार देखा तो मैंने भी नहीं है अभी तक बस chat हुई है

माया- अरे तो क्या किया फिर ??

मामी- अरे कम से कम उससे बात तो हुई है और तू फिकर मत कर पिक्स मागी है मैंने उसकी तब पता चल जायेगा

माया- ठीक है फिर तो ,,,पर ये बता आगे का क्या सोचा है ??

मामी- मतलब??

माया- अरे तू ही तो बता रही थी की बहुत मस्त है वो चुदाई करने में ,, तो आगे भी चुदने का सोचा है की नहीं ??

मामी- हां यार मन तो है चुदने का उससे .. देखती हूँ सेट करके इसे अगर बात बन जाये तो

माया- कमीनी मुझे मत भूल जाना बड़े लंड के चक्कर में हहह

मामी- हां पता है तू बड़ी रंडी है तुझे भी लंड चाहिए होता है मेरे साथ

माया- हाहाहा ,,, सही कहा तूने मेरी छोटी रंडी . चल ठीक है कुछ बात बने तो बताना

मामी- तुझे बड़ी जल्दी है चुदने की ,,, ठीक है बता दूंगी

इन दोनों की बात ख़तम हुई और मामी भी मुझे लेकर प्लान करने लगी की आगे कैसे ऋषि के बारे पता किया जाये और फिर उसे पटा के चुदाई किया जाये फिर माया के लिए भी उसे कैसे राजी किया जाये और उसे मजे दिलाया जा सकेगा. इन्ही खयालो में मामी डूब गयी.

फिर ऐसे ही देखते देखते दोपहर से शाम हो गयी और मैं फिर रात का वेट करने लगा क्युकी आज फिर अंजलि से मेरी बात होने वाली थी , मैंने सोचा लिया था की आज तो पक्का कुछ न कुछ जरुर करुगा अंजलि के साथ. रात में हम तीनो साथ में खाना खा रहे थे की मामा का कॉल आ गया और मामी उनसे बात करने लगी

मामी- हेल्लो जी कैसे हो , आज याद आई आपको हमारी

मामा- नहीं यार अब क्या बताऊ यहाँ कितना बिजी हो गया हूँ , टाइम ही नहीं मिलता है

मामी- अच्छा ठीक है,,, सब ठीक है न वहां?

मामा- हाँ ठीक है बस डील में थोडा और समय लग सकता है और मुझे कुछ दिन और रुकना भी पड़ सकता है यहाँ

मामी- अरे !!! मेरा क्या होगा?? इतने दिन मैं कैसे अकेले रहूंगी आपके बिना ,, जब से गये हो तड़प रही हूँ आपके लिए

मामा- जान बस थोडा सा और इन्तेजार कर लो ,, वहां आ के फिर तुम्हारी तड़प जरुर मिटाऊंगा

मामी- ठीक है जी आप अपना ख़याल रहना

मामा- ठीक है तुम भी ध्यान रखो

ऐसा बोल कर मामा ने कॉल कट कर दिया और वापस आ कर मामी ने अंजलि और मुझे सारी बात बता दी. मैं तो खुश हुआ की चलो थोडा और टाइम अकेले में मिल गया इन दोनों माल के साथ इनको पटाने के लिए. जल्दी से इनको सेट करके अपने नीचे ले आऊंगा मैं.



फिर हम सब खाने के बाद अपने अपने रूम में चले गये और मैं अपने फ़ोन में बिजी हो गया और मैंने देखा की मामी के कुछ मैसेज आये हुए थे, मैंने चेक किया तो मेरे होश उड़ गये ,,,,क्युकि मामी ने अपनी कुछ पिक्स भेजी थी. क्या हॉट पिक्स थी मेरा तो देखते ही खड़ा होने लगा था. शुरू की कुछ पिक्स में मामी ब्रा और पेंटी में थी,, क्या मस्त लग रही थी मामी उनके चुचे जालीदार ब्रा में कसे हुए थे बिलकुल टाइट और गोल गोल पतली कमर में गहरी नाभि ऊफ्फ्फ ...नीचे भी उन्होंने नेट वाली पेंटी पहनी हुई थी जिसमे उनकी चूत की हलकी झलक मिल रही थी , क्या मस्त फूली हुई चूत है मामी की और पीछे गांड तो मानो पूरी नंगी ही थी,,, मौका मिले तो मैं जरुर मामी की गांड भी मारूंगा .



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फिर बाद की कुछ पिक्स में मामी ने कुछ सेक्सी पोज़ में पिक्स भेजी थी . उसमे मामी अपने चुचे मसलते हुए अपने होंठ चबा रही थी तो किसी में अपनी चूत को मसल के अपनी कामुकता को बता रही थी. फिर उनकी कुछ नंगी तस्वीरे भी थी,, दोस्तों मैंने मामी को पहली बार नंगी देखा इन पिक्स में ,, मेरा लंड अब मेरे काबू से बाहर जाने लगा था. क्या लग रही थी मामी बिना कपड़ों के, बिना ब्रा के चुचे और भी बड़े लग रहे थे और वो पुरे तने हुए थे जैसे कोई कमसिन कलि के चुचे हों. उनके निप्प्लस तो अंगूर के दाने जैसे लग रहे थे लाइट ब्राउन रंग के मन कर रहा था काट लूँ उनके मुह में भर के. मामी के चुचों पर अगर किसी की नजर पड़ जाती है तो वो उनको जरुर मसलने की ख्वाहिस करता है.

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फिर मेरी नजर उनके असली खजाने की तरफ गयी ,,,मेरा मतलब उनकी चूत से है . मामी की चूत फूली हुई थी और उनकी फांके किसी गुलाब की पंखुड़ियों की तरह लग रही थी. चूत का दाना भी चूत की शोभा बढ़ा रहा था. देखने में ही कितना मुलायम और नाजुक लग रही थी मामी की चूत उफ्फ्फ.

पता नहीं कितने लंड गये है इस चूत में फिर भी कसी हुई लग रही है,, मैं ये सब पिक्स देखते हुए अपना लंड हिलाने लगा था मैं गर्म हो गया था बहुत. मामी ऐसे ही नंगी अगर मेरे सामने होती तो मैं उनको रंडी की तरह चोद चोद के उनका सारा पानी निकाल देता. फिर मैंने सोचा चलो मामी को भी अपने लंड का दर्शन करा दू और मैंने भी अपनी लंड की पिक्स भेज दी मामी को.

अभी मैं अपने लंड की पिक्स भेजी ही थी की अंजलि का मैसेज आया मेरे पास मैंने ओपन करके देखा...

अंजलि- भैया सो गये हो क्या ??

मैं- (तुरंत रिप्लाई देते हुए) अरे ऐसे कैसे सो सकता हूँ मैं अभी से भला

अंजलि- तो फिर आऊ मैं ??

मैं- अरे इसी के लिए मैं जगा हुआ हु और तू आने के लिए पुछ रही है

अंजलि- ठीक है मैं आ रही हूँ आपके रूम में

फिर थोड़ी ही देर में अंजलि मेरे रूम में आया गयी , आज तो वो और भी ज्यादा हॉट लग रही थी. उसकी नाईट ड्रेस सेक्सी थी और आज भी उसने ब्रा नहीं पहनी थी. मैं आज फिर से उसके चुचे खा जाने वाली नज़रों से देखने लगा और अंजलि भी इसे समझ पा रही थी. वो मेरे पास आई तो उसकी नजर भी मेरे पहले से खड़े लंड पर गयी और वो उसे देख कर थोडा शर्माने लगी. फिर वो मेरे साइड में आ के बैठ गयी और बोली,,

अंजलि- तो भैया क्या हो रहा है (मेरे लंड को देखते हुए)

मैं- मैं तो तेरा ही वेट कर रहा था (उसके चुचे घूरते हुए)

अंजलि- मेरा क्यों ??

मैं- अरे तू कुछ दिखने वाली थी न आज (ये बात मैंने उसके चुचों को देखकर बोली जिससे अंजलि थोडा शर्मा गयी)

अंजलि- अच्छा जी आपको क्या देखना है (शर्माते हुए)

मैं- जो तू अपने भैया को दिखा दे !!!

अंजलि- आप बताओ ना आपको क्या देखना है ??

मैं- चल तू पहले साक्षी का दिखा...

अंजलि- आपको बड़ी जल्दी है साक्षी की चुदाई देखने की ह्म्म्!!

“””आज अंजलि पहले से ही चुदाई शब्द बोल रही है,, लगता है ये खुल चुकी है मुझसे या फिर गर्म है ये अभी “””” मैं मन में

मैं – हां जब से मुझे पता चला है उसकी चुदाई के बारे में तब से मैं तो देखना चाह रहा हूँ

अंजलि- बहुत बेशब्र हो गये हो आप तो भैया ,,, हाहाह

मैं- अरे अब दिख न तू देर मत कर ज्यादा

अंजलि- ठीक है ठीक है ये देखो ,,,,,

अंजलि अपना फ़ोन निकाल लेती है और मुझे दिखाते हुए मेरे और पास आ जाती है जिससे हम दोनों के शरीर आपस में सैट गये और रगड़ खाने लगे थे. माहोल भी अब थोडा गर्माने लगा था. अंजलि ने बताया की साक्षी ने उसे पिक्स और विडियो दोनों भेजे है तो मैंने उसको पहले पिक्स दिखाने बोला. अंजलि मुझे पिक्स दिखने लगी,,,,

दोस्तों पिक्स देख के मेरी तो हालत पतली हो गयी मैंने देखा साक्षी किसी लड़के का लंड चूस रही है और एक पिक्स में वो लड़का उसके बूब्स दबा रहा है फिर एक पिक में वो लड़का साक्षी की चूत चांट रहा था.

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मेरे साथ साथ अंजलि का हाल भी बुरा था, वो भी तो अपने भैया के साथ ये सब देख रही थी. बहुत ही अजीब सा माहोल था एक तरफ भाई बहन की झिझक थी उसके अन्दर तो दूसरी तरफ एक लड़का और एक लड़की के पास में चुदाई देखने से भड़कती काम वासना थी . पिक्स देखते हुए हम दोनों गरम होते जा रहे थे अंजलि के निप्पल अब कड़क हो कर दिखाई देने लगे थे और मेरा भी लंड खड़े हो कर ठुमकने लगा था.

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पिक्स में बस फोरेप्ले ही था उसी में हमारी ये हालत हो गयी थी विडियो में रियल चुदाई के बाद क्या होगा किसे पता था. अब अंजलि ने विडियो स्टार्ट किया साक्षी के चुदाई का. विडियो ज्यादा बड़ा नहीं था पर उसे देख कर मैं अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाया और मेरा हाथ मेरे लंड पर चलने लगा और अंजलि की चूत भी पानी बहाने लगी थी और वो भी बीच बीच में अपने हाथों से अपनी चूत मसल देती थी.

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विडियो बहुत ही हॉट थी उसमे साक्षी बड़े ही मजे से अपनी चूत चंटवा रही थी और वो लड़का चूत के साथ उसके मम्मो के भी मजे ले रहा था. वो चूत ऐसे चांट रहा था मानो उसमे शहद लगा हो.

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कुछ देर ऐसे ही चूत चाटने के बाद वो लड़का अपना लंड साक्षी के मुह के पास ले आया और साक्षी भी समझ गयी और उसने लंड मुह में भर कर चुसना शुरू कर दिया पोर्नस्टार की तरह, वो पूरा लंड गले तक ले रही थी फिर टोपा तक लंड बाहर निकाल के फिर से अन्दर ले लेती.ऐसे ही चुसाई के बाद वो लड़का साक्षी के टांगों के बीच अपनी पोजीशन ले लेता है और अपने लंड का टोपा साक्षी की छोटी सी चूत के छेड़ में टिका देता है. इस टाइम साक्षी बहुत मचल रही थी और वो उस लड़के को बार बार अन्दर डालने को बोलने लगी विडियो में.

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ये देख कर पता नहीं कैसे मेरा हाथ अपने आप अंजलि के जाँघों में चला गया और मैं विडियो देखते हुए उसे सहलाने लगा. अंजलि भी अपने होश में नहीं थी और उसे भी मेरा सहलाना अच्छा लग रहा था. इधर साक्षी विडियो में चुदने वाली थी और इधर मैं अंजलि के मजे लेना शुरू कर चूका था.

विडियो में अब वो लड़का अपना लंड साक्षी की चूत में घिसने लगा और साक्षी को और तडपाने लगा, वो अपने एक हाथ से साक्षी के दोनों मम्मो को बारी बारी से मसल भी रहा था जिसे देख कर मेरा भी मन मम्मे दबाने का करने लगा और मैं भी धीरे से अपना हाथ अंजलि के मम्मो की तरफ ले गया और धीरे से अपना हाथ उसके मम्मो पर रख दिया. मैंने देखा की अंजलि ने एक बार मेरी तरफ देखा फिर वो वापस से विडियो देखने लगी जो मेरे लिए एक ग्रीन सिग्नल जैसा था और मैं उसके मम्मे दबाने लगा धीरे धीरे.

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अंजलि के बूब्स को टच करता हुआ मैं

इधर विडियो में साक्षी बहुत देर से तड़प रही थी, उससे और ज्यादा बर्दास्त नहीं हुआ और वो उस लड़के को गाली देना शुरू कर दी

साक्षी- मादरचोद कब से तडपा रहा है.. चोद न भोसड़ी के

मैंने साक्षी के मुह से पहली बार गाली सुनी और उसके चुदास को देखा मैं भी थोडा जोश में आ गया और मैंने इधर अंजलि के चूचो को थोडा जोर से मसल दिया जिससे अंजलि चिहुक उठी पर उसे भी मजा आ रहा था इन सब चीजो में और अब अंजलि भी अपनी चूत मसल रही थी एक हाथ से.

विडियो में अब वो लड़का साक्षी के ऊपर झुक कर उसके होंठ चूसने लगता है तो मैं समझ जाता हूँ की अब वो दक्का मारने वाला है. क्युकि वो लोग घर में ही चुदाई कर रहे थे तो साक्षी की चीख से दिक्कत हो सकती थी इसलिए उसने उसका मुह बंद कर दिया और फिर एक करारा धक्का दिया और अपना पूरा लंड एकक ही बार में अन्दर ठेल दिया जिससे साक्षी तड़प उठी और उसकी चीख उसके मुह में ही दब के रह गयी और उस लड़के ने बिना रुके ही साक्षी को चोदना शुरू कर दिया. वो अपने लंड को घचाघच पेले जा रहा था और साक्षी भी मजे में अपनी गांड उठा उठा के चुद रही थी.

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साक्षी को चोदता हुआ वो लड़का

फिर दूसरी विडियो स्टार्ट हुई उसमे साक्षी कुतिया बनी चुद रही थी और वो लड़का पीछे से धक्के लगाये जा रहा था अब पता नहीं वो चूत मार रहा था या गांड. लेकिन जहाँ तक मुझे लगा की वो चूत ही मार रहा था क्युकी साक्षी मजे में चुद रही थी वही गांड मराने में उसे दर्द तो जरुर होता. उसके हर धक्के के साथ साक्षी के मम्मे उसी रिदम में झूल रहे थे जिनको वो लड़का पीछे से पकड़ के मसल रहा था .


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उधर उनकी चुदाई लीला चल रही थी इधर मैं अंजलि के मजे ले रहा था उसको मसल के. मैंने मौका देख के अंजलि के एक हाथ को पकड़ के अपने लंड के ऊपर रख दिया और उसके हाथों को पकड़ के लंड को सहलाने लगा. अंजलि के मुह से भी अब सिसकियाँ निकलने लगी थी. मैंने ऐसे ही अपने लंड को सहलाते हुए दुसरे हाथ को जिससे मैं अंजलि के चुचे मसल रहा था उसे अंजलि की चूत की ओर ले गया और उसके हॉट पेंट के अन्दर हाथ डाल दिया. मेरा हाथ अब उसकी कमसिन चूत के ऊपर थी जिसका अहसास होते ही अंजलि की आँखे बंद हो गयी और उसने जोर की सिसकारी ली और उसका शरीर कांपने लगा साँसे भारी हो गयी. अंजलि चुदासी हो गयी थी उसका शरीर तप रहा था और उसका चूत तो आग की भट्ठी लग रही थी. मैं अपनी उँगलियों से उसकी चूत सहलाने लगा जो पानी बहा के पूरी गीली हो गयी थी, मैं उसकी चूत के दाने को भी मसल रहा था अपने अंगूठे से जो अंजलि की चुदास को और बढ़ा रहा था.

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मुझे पता था की अंजलि अभी कुंवारी है तो मैंने अपनी अँगुलियों को धीरे से थोडा ही अनदर डाला. बहुत कसी हुई थी उसकी चूत पर गीली होने के कारण एक ऊँगली चली गयी थोडा सा अन्दर. अंजलि की कामुक आह्ह्ह निकल गयी मेरे इस हरकत से और उसने अपने एक हाथ के मेरे हाथ के ऊपर रख दिया जैसे मुझे कह रही हो की बस भैया इतना ही अन्दर डालो नहीं तो मेरी सील टूट जाएगी. उसकी साँसे बहुत तेज हो गयी थी और उसके चुचे ऊपर नीचे होने लगे थे.

मैंने अपनी उंगली को ऐसे ही कुछ देर रहने दिया फिर जब अंजलि थोडा नार्मल हुई तो मैंने ऊँगली को उतना ही गहराई में अन्दर बाहर करने लगा जिससे अंजलि फिर से पागल होने लगी और उसकी चुदास बढ़ने लगी. उसने अब अपने हाथ को मेरे चड्डी के अन्दर डाल दिया और मेरे लंड को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगी अब तो जैसे हम दोनों साक्षी की चुदाई भूल ही गये हो और अपने में ही मजे करने लगे.

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उसने अपना फ़ोन भी साइड में रख दिया और अब मेरे साथ मजे लेने लगी. मेरा लंड पूरी तरह से अकड गया था और मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी अब मेरा लंड आजाद था और अंजलि के हाथों में था. अंजलि अपनी आँखे बंद किये लंड को हिलाए जा रही थी और अपनी चूत में मेरे ऊँगली का मजा ले रही थी. काफी देर की इस रगड़ाई से ऍम हम दोनों ही चरम पर पहुचने वाले थे मैंने भी अपनी ऊँगली की रफ़्तार बढ़ा दी इर अंजलि ने भी अपनी पकड़ मेरे लंड पे बढ़ा दी और जोर जोर से हिलाने लगी. मैं अब खुद को ज्यादा नहीं रोक सकता था और अंजलि भी शायद झड़ने को थी उसकी कमर भी जोर जोर से हिल रही थी जैसे वो मेरे ऊँगली को चोद रही हो. कुछ ही देर में उसकी गति बहुत बढ़ गयी तो मुझे लगा की अब वो झड़ने ही वाली है तो मैंने भी उसकी चूत में ऊँगली करते हुए उसके होंठों को चूम लिया और वो भी पागलों की तरह मुझे चूमे जा रही थी. मेरे इस हमले से अंजलि अपने आप को और नहीं रोक पाई और वो मुझे चुमते हुए झड़ने लगी, उसने मेरे होंठों को काट भी लिया जिससे मेरे होंठों से थोडा खून भी आने लगा था. अंजलि झड़ते हुए मेरे लंड को भी जोर से मसलने लगी और मैं भी जोरदार आःह के साथ झड गया.

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हम दोनों को नार्मल होने में थोडा टाइम लगा क्युकी आज हम दोनों को ही बहुत मजा आया था. भाई बहन के बीच इतना सब होना और साथ में इतना खुलापन इसका अपना अलग ही मजा है जो किसी और के साथ नहीं आता. हम अपनी साँसों को काबू में करने लगे. थोड़ी देर बाद जब हम नार्मल हुए तो अंजलि को शायद अब मेरे सामने शर्म आने लगी और वो बिना कुछ बोले जल्दी से अपना फ़ोन ले के अपने रूम में भाग गयी. मैं भी समझता था ये सब तो मैंने भी उसे नहीं रोका और अभी हुई घटना को याद करके खुश होने लगा.

मैं मन में “”” आज तो मजा ही आ गया अंजलि को मैं भले ही चोद नहीं पाया आज लेकिन जल्दी ही वो मेरे नीचे होगी, उफ्फ्फ क्या गर्म चूत है उसकी ,,,,,,जब मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर जायेगा तब कितना मजा आएगा. जल्दी ही वो दिन भी आएगा जब मैं अंजलि को चोदुगा””” ऐसा सोचते हुए मैं लेटे लेटे सो गया.


आगे क्या होगा दोस्तों जब मामी मेरे लंड की पिक्स देखेगी?? अंजलि और मेरा सामना कैसे होगा फिर से? मामी को मैं कैसे अपनी असलियत बता पाऊंगा? और साक्षी की चूत भी मुझे मिलेगी या नहीं ? इन सभी सवालों के जवाब के लिए इतेजार करे अगले भाग का.......
Mast update 🔥 🔥
 

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Update 10


पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा के कैसे मैं अंजलि के चैट्स पढ़ कर ये जान पता हूँ की वो कहाँ है फिर उसके बाद मामी के साथ ऑनलाइन बात करते हुए उनसे फ़्लर्ट करते करते उनको काफी गर्म कर देता हूँ और वो चुदासी हो कर मुझे अपने पास बुलाती है और मैं अपनी शर्त रखता हूँ आँखों में पट्टी बांधने की.


अब आगे........

मैं भी अब मामी को फिर से चोदने का सोच लिया था और साथ ही अगर मौका मिला तो सच भी बताने का सोचा था मैंने. उधर मामी भी चुदासी हालत में मेरी शर्त मानकर मेरा इन्तेजार कर रही थी. मैं अपने कमरे से बाहर आकर सबसे पहले मेन गेट बंद करता हूँ जो मामी ने ये सोच कर खुला रख दिया था की उनका यार कोई और है और वो बिना किसी दिक्कत के अन्दर आ सके. मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता था कि कोई बाहर का आ के मेरे और मामी की चुदाई को देखे, अंजलि भी पता नहीं कब आ जाये ये सब बातों को सोच कर गेट बंद रखने में ही भलाई थी.

गेट बंद करने के बाद मैं एक बार चुपके से मामी के कमरे में झांक कर देखता हूँ की मामी ने आँख में पट्टी लगे है या नहीं, और मैं देखता हूँ की मामी अपनी आँखों में पट्टी बांधे मेरा वेट कर रही थी रूम में. मैं थोडा नर्वस तो था पर चुदास तो मी अन्दर भी थी जो मुझे बार बार मामी को चोदने का जोश दिला रही थी. फिर मैं ज्यादा न सोचते हुए अन्दर चला जाता हूँ, मामी को पता चल जाता है के कोई अन्दर आया है और उनको लगता है उनका यार आ गया चोदने के लिए और वो बहुत खुश हो जाती है.

मामी- मैं तुम्हारा ही वेट कर रही थी ऋषि ,,, जल्दी आओ और मेरी प्यास भुझा दो,,,,देखो मेरी चूत तुम्हारे लंड को याद कर कर के कैसे पानी बहाए जा रही है

मैं स्टार्टिंग में कुछ भी बोलना नहीं चाह रहा था जिससे मामी को जरा भी अंदाजा लगे की ये मैं हूँ क्या पता वो चोदने भी न दे फिर . इसलिए मैं पहले उनको अच्छे से गर्म करना चाह रहा था. मैं उसनके पीछे जा कर उनको अपनी बाहों में भर लेता हूँ और उनके गर्दन में हल्का सा किस करता हूँ जिससे मामी के मुह से आअह्ह्ह्ह की सिसकी निकल जाती है और वो मचल जाती है. मैं फिर से उनके गर्दन को चूमने लगता हूँ साथ में उनके कान को भी अपनी जीभ से चाटता रहता हूँ जो मामी को और भी गर्म करने मे मदद कर रही थी. मामी के मुह से लगातार aaahhhhhh ऊह्ह्ह्ह ....ऊम्म्मम्म य्यीस्स्स जैसी कामुक आवाजे निकलती जा रही थी. मामी भी अपने हाथों को पीछे करके मेरी कमर को सहलाये जा रही थी और मेरे खड़े लंड पर अपनी बड़ी बड़ी गांड को दबा रही थी.

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मामी की चूत मसलते हुए मैं

ये कामुक नजारा बहुत ही उत्तेजक था मेरी मामी अपने बेडरूम में किसी और को बुलाकर उसके साथ चुदने वाली थी भले ही मुझे सच पता था पर मामी के लिए तो मैं अभी भी एक अजनबी ही था जिसका चेहरा तक उन्होंने नहीं देखा था फिर भी उससे चुदने को रेडी थी सच में मामी तो बहुत बड़ी रंडी निकली.

पर मुझे तो अभी मजे लेने से मतलब था मैं भी अपने लंड को मामी की गांड में ऐसे रगड़ रहा था मानो मैं उनकी गांड मार रहा हूँ फिर मैं अपने हाथ आगे ले जा कर मामी की बुर को दबोच लेटा हूँ और इसी के साथ मामी के एक जोरदार आअह्ह्ह्ह की आवाज आती है और वो छटपटाने लगती है. मैं उनके चूत को मसले जा रहा था और मामी की चूत भी पानी बहा कर मेरा जोश बढ़ा रही थी. मामी तो पहले से काफी चुदासी थी और मेरे इस तरह चूत मसलने से उनका मन अब चुदने का करने लगा और वो बार बार मुझे रिक्वेस्ट करने लगी

मामी- आह्ह्हह्ह आब्ब्ब बस भीई करूऊ ऋषिईई !!!!! चोददददद दोओऊ नाआअ मुझेईईए.

ऐसा बोलते हुए मामी ने मेरे लंड को पकड़ लिया जैसे अभी उसको अपनी चूत में घुसा लेगी और खुद चोदने लग जाएगी मुझे. पर मेरा प्लान कुछ और ही था मैं मामी को इतना चुदासी कर देना चाहता था की वो भीख मांगे चुदने के लिए. मैं अभी उनके हाथों से अपने लंड को छुड़ा लेटा हूँ और उनको बेड में लेटा कर उनके मम्मो पर फोकस करता हूँ. मामी के प्यारे प्यारे मम्मे उफ्फ्फ कितने सॉफ्ट थे. मैं अपने हाथों से उनको मसलने लगता हूँ. बहुत ही सॉफ्ट थे मामी के मम्मे जिससे मुझे उनको और ज्यादा जोर से मसलने का मन होने लगा और मैं भी अपने मन की सुनते हुए पूरी शिद्दत से उनके मम्मे मसलने लगा. मामी को मेरे इस तरह अपने बूब्स दबाये जाने से हल्का दर्द होने लगा और वो धीमे धीमे कराहने लगी

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मामी- आआअह्ह्ह्ह ऋषिईई धीरेयययय !!! मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ म्मम्मम्मम आराम से दबाव न मेरे मम्मो को

मैं भी उनके दर्द को समझ कर दबाना बंद करके मम्मो को चुसना शुरू कर दिया. मैं अपने मुह में उनका एक मम्मा पूरा अन्दर लेने का try कर रहा था और दुसरे मम्मे हो हल्का हल्का सहला रहा था. मैं बारी बारी मम्मो के साथ खेलने लगा और अब मामी को दर्द की जगह मजा आने लगा और उनकी सीत्कार बढ़ने लगी.

मामी- उम्म्मम्म्म्म उफ्फ्फ्फ़ खा जाओ इन मम्मो को,,, बहुत परेशान करती है ये मुझे. निचोड़ लो इनका सारा रस ऊह्ह्ह्हह हाआआआआआईईईइ

मम्मो के साथ खेलते हुए मुझे अब काफी टाइम हो गया और मैं अब दुसरे मजे भी लेना चाह रहा था तो मैं अब मामी के चुचों को मसलते हुए उनके पतले और नाजुक कमर पे किस करना शुरू कर दिया फिर उनकी गहरी नाभि पे मैंने दो चार पप्पियाँ ली उसके बाद अपनी जीभ से नाभि को चाटने लगा. मामी अपना आपा खोते जा रही थी मेरे हर हरकत से, मैं अब मामी की नाभि को चुमते हुए नीचे की ओर जाने लगा और अब मेरे सामने मामी की रसभरी चूत थी. मैंने अपनी नाक को उनकी चूत के पास ले जा कर उसकी महक को अपने अन्दर लिया, बड़ा ही मादक गंध थी चूत की. उसके खूसबू से मेरे दिमाग में खलबली सी मच गयी और न जाने कब मेरे होंठ मामी के चूत से जा लगे. मामी को जब अपनी चूत में मेरे होंठों का अहसास हुआ उन्होंने अपनी कमर को ऊपर की और उठा कर एकक जोर की आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकली और मेरे सर को पकड़ कर चूत में दबाने लगी.

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मैं मामी के चूत से निकलते रस को चाट चाट के पिने लगा, कभी मैं उनके चूत के दाने को अपनी होंठों से मसल देता तो कभी उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दांतों से हलके हलके काट देता जिससे मामी तड़प जाती. मामी के मुह से लगातार उम्म्म आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़ जसी आवाजे निकलती जा रही थी. मामी की चूत अब बहुत गीली हो गयी थी और मैं भी अपनी जीभ की मामी की चूत के अन्दर दाल कर उसकी गहराई नापने लगा था मामी भी कमर को उठा उठा के अपनी चूत मुझसे चटवा रही थी. मामी बिलकुल पागल हो चुकी थी चुदास में और न जाने क्या क्या बोले जा रही थी ,,,

मामी- आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् हरामी खाआआअ जाआआ मेरीईईइ चूतत्तत्तत्त को ....म्मम्मम्मम आःह. मादरचोदद्द्द्दद औरर्रर्रर अन्दररर तक डाललल्ल अपनी जीभव्वव्व को,,,, मर्रर्रर्र गयी मैं ऊउईईइ माआआआआआआअ,,,,, चाट कुत्ते मेरीईई चूत

मामी गालियों से मेरा जोश बढ़ाने की कोसिस कर रही थी न जाने क्या क्या बोल चुकी थी मामी अब तक पर मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं थी बल्कि मुझे और ज्यादा मजा आने लगा था मामी की गालियों से. मैंने काफी देर तक मामी की चूत चाट चूका था और अब न तो मामी को बर्दास्त हो रहा था और न ही मुझे इसलिए मैंने अब मामी को लिटा कर चुदाई की पोजीशन ले ली और अपने इतने देर से खड़े लंड को उनकी चूत में टिका दिया.

मेरा लंड अभी सुखा ही था क्युकी मैंने मामी को लंड नहीं चुसाया था पर मामी की चूत गीली थी. मैंने लंड के टोपे को थोडा सा मामी की चूत पर रगडा और मामी को तडपाया फिर अचानक से जोर का धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड सूखेपन की वजह से रगड़ खाता हुआ मामी की चूत में समा गया और साथ ही मामी की चीख निकल गयी

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मामी- ऊउईईईइ माआआआआआआअ मर्र्र्रर्र्र्रर गयीईईई मैं. भोसड़ी के मादरचोदद्द्दद्द्द निकाल अपना लंड बाहरररर,,,हाअयीईए मेरीईई चुत्त्त्त फाड़ डालीईई हरामीईई ने

मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और मामी की चीख और गालिया सुनता रहा पर अपना लंड नहीं निकाला. मैं उनके चुचे मसलते हुए उनको जगह जगह किस करने लगा ताकि उनको रहत मिले पर मामी छटपटाती रही. काफी देर तक उनका चिल्लाना चलता रहा फिर धीरे से वो शांत हुई और मैंने मौका देख के लंड को धीरे से हिलाना शुरू किया . मामी भी अब दर्द भूलकर मजे लेने लगी

मामी- ऊउह्ह्ह्ह उमम्म्म हांआआ ऐसे ही चोदो ऋषिईई अआह्ह्ह आराम से चोदो ऊफ्फ्फ्फ़

मामी को अब मजा आने लगा और उनकी चूत और पानी बहाने लगी जिससे मेरा लंड भीग के आसानी से अन्दर बाहर होने लगा. अभी भी मैंने अपना पूरा मुसल मामी की चूत में नहीं डाला था और मामी मेरे अधूरे लंड से ही मजे लेने लगी थी.

कुछ देर मामी को ऐसे ही चोदने के बाद मैंने एक करारा धक्का दे मारा जिससे मेरा पूरा लंड सरसराता हुआ उनके बच्चेदानी तक जा पहुंचा और इस बार मैंने मामी के चीख को दबाने के लिए पहले से ही उनके मुह को किस करते हुए बंद कर दिया था क्युकी मुझे मालुम था की इस झटके से मामी को बहुत दर्द होगा और वो खुद को सम्भाल नहीं पायेगी. मामी के मुह से बास गूऊ गूऊऊ की आवाज ही निकल रही थी और वो मेरी पकड़ से आजाद होने के लिए छटपटा रही थी. मुझे भी अपना पूरा लंड मामी की चूत में दाल कर एक अलग ही आनंद की अनुभूति होने लगी मुझे मामी की च्ताड़प से ज्यादा फर्क नहीं पडा और मैं लंड को अब अन्दर बाहर करने लगा ताकि मामी को जल्दी राहत मिले और असली चुदाइ शुरू हो.

मेरे बार बार मम्मो के मसलने और किस से मामी की चूत का दर्द थोडा कम हुआ और मेरा लंड भी अब चुतरस से भीग चूका था और हर धक्के के साथ मामी की बच्चेदानी की चूमकर बाहर आता था. मामी के दर्द कम होते ही वो भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी जो मेरे लिए एक ग्रीन सिग्नल था. मैं अब धक्कों की रफ़्तार बढाने लगा और मामी भी मेरा साथ देते हुए ऊम्म्मम्म अआह्ह्ह की आवाजे निकलने लगी. मेर धक्को की ताकत से मामी का पूरा बदन हिल रहा था और उनके चुचे भी चुदाई की ताल में ताल मिला कर थिरक रहे थे. हमारी चुदाई ऐसी थी मानो दो प्यासे बदन जन्मों की प्यास भुझाने में लगे हुए है. मेरी कमर और मामी की कमर लयबध् तरीके से एक दुसरे को चुदाई में मदत कर रहे थे.

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मामी- अआह्ह्ह आह्ह्ह्ह ऊम्म्म्म ऊओह्ह्ह जोर से चोदो ऋषि ,,,, उम्म्म पूरा अन्दर तक जाने दो अपने मुसल को ऊफ्फ्फ्फ़ ,,, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो चोद-चोद कर आअह्ह्ह्ह ऋषिईई चोदोऊऊऊ

मैं भी उमम्म्म ऊओफ़्फ़्फ़ की आवाजे करते हुए मामी को चोदे जा रहा था. न ही मामी को कोई होश था और न ही मुझे, हम दोनों पागल प्रेमियों की तरह बस एक दुसरे में खोये अपने तन की प्यास भुझा रहे थे. पुरे कमरे में हमारी सिस्कारियों की मधुर ध्वनि गूंज रही थी. हमें इस वक़्त किसी की फिकर नहीं थी.

मैं अब इस पोजीशन में मामी को काफी देर से चोद रहा था और अब मुझे नए तरीके से मामी की चूत मारनी थी मैंने मामी की चूत से लंड को बाहर निकल निया जो पक्क की आवाज के साथ बाहर आया. मैं अब बेड पर लेट गया और मामी को खीच कर अपने ऊपर ले आया. मामी भी काफी खेलिखायी हुई थी तो उनको समझते देर ना लगी की मैं क्या चाहता हूँ. मामी ने अपने हाथ को निचे ले जा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उन्होंने लंड चूत में डालने से पहले गीला करने के लिए उसे अपने मुह में ले लिया. मेरे लंड में अभी भी थोडा मामी का चूतरस लगा हुआ था फिर भी मामी उसे बड़े चाव से चूस और चाट रही थी. मामी के इस रंडीपने से मैं जोश में आ गया और उनके मुह को चोदने लगा.

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मामी के मुह में लंड देने से मुझे बहुत सुकून मिल रहा था उनके जीभ की कलाकारी मेरे लंड को झड़ने पे मजबूर कर रही थी पर मैं अभी नहीं झाड़ना चाहता था तो मैंने मामी को लंड चूसने से रोका और उनको ऊपर खीच लिया. मामी भी अपने हाथो से लंड को पकड़ के चूत पर सेट कर दिया और मैंने नीचे से धक्का मारा और मेरा लंड मामी की चूत में समां गया. मामी भी अब मेरे लंड पर कुदने लगी. मामी पुरे जोश में मुझे चोदे जा रही थी. उन्होंने अपने हाथ मेरे सीने में रख कर अपनी कमर की हिलाने लगी जैसे मेरे लंड को मथ रही हो . मामी का ये तरीका बहुत कामुक था. मैंने अपने हाथों से मामी के हिलते मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए इस मंथन का मजा लेने लगा.

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मामी ज्यादा देर तक ये कर नहीं पायी और थकावट से वो रुक गयी पर मैं अब कण्ट्रोल अपने हाथ में ले लिया और मामी को अपने ऊपर से हटा कर उनको बेड में कुतिया बना दिया,,,,,,
मामी भी अपनी गांड बाहर निकलते हुए कुतिया बन गयी और मैं जल्दी से उनके पीछे जा कर अपने लंड को चूत पे टिका कर धक्का मारा. मामी भी मेरे धक्के से थोडा आगे गिरने को हो गयी तो मैंने उनकी कमर पकड़ कर ताबड़तोड़ धक्के मारना शुरू कर दिया. मैं मामी की थिरकती गांड को देखता हूँ तो मुझे उनकी हिलती गांड देख कर लगा की अपना लंड उनकी गांड में डाल दूँ पर अभी मैं ज्यादा देर तक गांड नहीं मार सकता था कभी भी मेरा माल निकल सकता था और मामी का भी यही हाल था, और क्या पता मामी गांड मराने से मना कर दे, इसलिए मैंने मामी की चूत पर ही फोकस किया. मेरे धक्के अब और तेज होने लगे थे साथ ही मामी भी गांड आगे पीछे करके चुद रही थी, हमारे इस चुदाई में मामी की गांड मेरे कमर और जाँघों से टकरा कर थप थप की मधुर संगीत निकाल रही थी. मामी भी अब काफी देर से चुद रही थी और अब उनका आखरी टाइम आ गया था मेरा मतलब है की वो अब झड़ने वाली थी और उनके पैर कांपने लगे थे इसलिए वो सही से कुतिया नहीं बन पा रही थी तो मैंने उनको पलट के लिटा दिया और एक ही झटके में लंड डाल के चुदाई जारी रखी. मेरा भी अब निकलने वाला था और मामी भी झड़ने को तैयार थी. मैंने अब तक बस अआह्ह्ह और उम्म्म जैसे आवाजे ही निकाली थी. मैं अपने झटके पूरी ताकत से मरने लगा मामी भी अब पागलो की तरह सर को इधर उधर पटक रही थी और बद्बदाये जा रही थी

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मामी- आआह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अआह्ह्ह जोरररर से औरर्रर्र जोरररर से मेरा होने वाला हैईईए रुकना मत ऋषिईईइ चोदो ऐसे हीईई

मैं भी काफी जोश में था और मामी और मेरा होश उड़ा हुआ था हम बस झड़ना चाहते थे इस वक़्त न उनको कोई फिकर थी न ही मुझे. हम चुदाई में पूरी तरह खोये हुए थे और इसी खुमारी में मैंने मामी से बोल पडा

मैं- आअह्ह्ह्ह जाआन्नूऊ अपना माललल्ल कहाँनन्न डालूऊऊ

मामी भी चुदाई में इतनी मस्त थी की शायद ही उनको मेरी आवाज पहचान में आई होगी और उन्होंने बोला

मामी- मेरीईई चूत मेंईई ही डाल दो,,,, मै तूम्हारा माल अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूँऊऊ ऋषिईई

मैं- तो येईईए लेईई मेरीईई रांडईईई आअह्ह्ह्ह


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और इसी के साथ मैं झड़ने लगा और मेरा वीर्य की धार मामी की बच्चेदानी से टकराने लगा और उसकी गर्मी फील करके मामी भी खुद को रोक नहीं सकी और वो जोर की आह्ह्ह्ह के साथ झड़ने लगी और मुझे अपनी बांहों में जकड लिया और हम दोनों हांफने लगे. मैं अभी भी मामी के ऊपर था और मेरा लंड मामी की चूत में रुक रुक कर अपना पानी छोड़ रहा था.

हम दोनों ही अपने अपने चरम सुख का पूरा मजा लेने में लगे हुए थे. हम दोनों का शरीर बहुत रिलैक्स हो गया था. दोनों ही अपना सब भूल कर बस इस अद्भुत अनुभूति का मजा ले रहे थे .

मैं भी अब अपने होश में आने लगा था और मैंने सोचा की मैंने जो प्लान किया था वो तो मैं चुदाई की खुमारी में भूल ही गया की कैसे मैं मामी को बीच चुदाई में अपने बारे में बता दूंगा तो वो मन भी नहीं कर पायेगी पर अब तो चुदाई भी हो गयी और मैंने अब तक कुछ नहीं किया इस बारे में. मुझे लगा अब मामी को सच बताया जाये की नहीं, अब तो मामी गर्म भी नहीं है जो वो बिना सोचे मुझसे चुदाई के लिए मान जाये. मुझे अभी अब मामी को सच बताना थोडा रिस्की लग रहा था. मैं अब दुसरे किसी मौके की तलाश में था और अभी यहाँ से मामी को बिना पता लगे जाने का सोचने लगा.

मैं अब मामी के ऊपर से साइड हटा और जल्दी ही वहां से अपने रूम की और भाग गया. मामी अभी भी खोयी हुई थी पर जैसे ही उनको लगा की मैं जा चूका हूँ वो अपनी पट्टी खोल देती है और उनको मैं वहां नहीं मिलता हूँ तो वो एक बार ऋषि बोल कर मुझे आवाज लगाती है जो मैं सुनता हूँ पर कुछ नहीं बोलता. मामी भी मेरी इस हरकत से थोड़ी परेशान और गुस्सा हो जाती है. ये दूसरी बार था जब मैं उनको ऐसे ही छोड़ कर चला गया था. पर मामी बहुत थकी होने के कारण ज्यादा मेरे बार न सोचते हुए खुद को साफ़ करके आराम करने का सोचती है.

मैं भी अपने कमरे में आ कर खुद को साफ़ करके आराम करने लगता हूँ और सोचता हूँ की आज मैंने एक अच्छा मौका गवां दिया मामी को सच बताने का पर मुझे खुसी भी थी मामी की फिर से चुदाई कर पाने की . मामी का खुलापन देखकर मुझे यकीं था की वो शायद मान जाये मेरे साथ चुदाई के लिए. उनको मानना आसन होना चाहिए उनकी हरकतों से तो मुझे ऐसा ही लग रहा था .

मामी और मेरी हालत चुदाई के बाद ख़राब थी हम थके हुए थे तो मामी ने बाहर से खाना आर्डर कर दिया और मुझे फ़ोन करके बोल दिया की मैं अपने से निकाल कर खाना खा लूँ क्युकी उनकी तबियत ठीक नहीं है पर मुझे मालुम था क्युकि मैंने ही तो उनकी तबियत बिगाड़ी थी. हम अपना अपना खाना खा कर आराम करने लगे.

मुझे नहीं पता था की मामी अभी क्या सोच रही होगी या क्या कर रही होगी पर जहाँ तक मेरा सवाल था मैं अपनी प्लानिंग में लग गया था. मामी को जल्दी ही सच बताने के लिए. उधर मामी भी लेटे लेटे सोच रही थी की ये ऋषि ऐसे क्यों भाग गया आज. मैं फिर से उसका चेहरा नहीं देख पाई. पर आज तो मजा ही आ गया क्या चोदा है उसने ऊफ्फ्फ्फ़ ... मेरी चूत तो उसके लंड की गुलाम हो गयी है. पर मुझे ऋषि की सच्चाई तो पता लगनी ही होगी आखिर वो मेरे सामने आने से क्यों बचता है. पता नहीं अब कब मिलना होगा उससे.

दोस्तों चुदाई के बाद मामी और मैं अपने अपने कमरे में थे और मैं काफी देर से मामी के बारे में प्लानिंग कर रहा था और मुझे ध्यान ही नहीं रहा की अंजलि सुबह से गायब है. जैसे ही मेरे दिमाग में अंजलि की बात आई मैंने प्लानिग बंद कर दी और अंजलि के बारे में सोचने लगा. वो तो आज प्राची की चुदाई देखने गयी थी सवेरे से और अब तो दोपहर होने को आई है पर वो अभी तक आई नहीं वापस. प्राची तो अभी तक चुद गयी होगी फिर भी वो अभी तक नहीं आई क्या बात हो सकती है, मुझे पता नहीं क्यों अब घबराहट सी होने लगी. मेरे दिमाग में तरह तरह के ख़याल आने लगे कि कहीं अंजलि भी तो नहीं चुद गयी प्राची के बॉयफ्रेंड से ??

मेरा मन अब बैचैन हो गया था ये जानने को की आखिर बात क्या है पर मैं कैसे पता करता. अब मैं प्राची के घर तो नहीं जा सकता था ऐसे ही तो अंजलि का ही इन्तेजार करना ही एक उपाय रह गया था. दोस्तों मैं अपने रूम में अपने मन को शांत करने की कोसिस में था तो मैंने हैडफ़ोन लगा कर म्यूजिक सुनने लगा जिससे थोडा रिलैक्स हो पाया मैं. और ऐसे ही शाम हो गयी पता नहीं चला.

मैं शाम में चाय पिने नीचे गया तो देखा मामी और अंजलि साथ में बैठी चाय पी रही थी. अंजलि को देख के मेरे मन में हलचल होने लगी. मैं अपने सवालों के जवाब चाहता था पर मैं ऐसे सीधे पूछ भी तो नहीं सकता था. मैं उनके पास गया और बैठ गया, मामी अभी भी थकी सी दिख रही थी पर वो उठी और मेरे लिए चाय लेने चली गयी रसोई में मैंने अंजलि की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी पर जैसे ही हमारी नजर मिली उसने अपनी नजरे झुका ली. मैं समझ नहीं सका की आखिर वो ऐसा क्यों की. मन में झिझक आ गयी की शायद वो रात वाली घटना से कंही नाराज तो नहीं या फिर कंही आज वो चुद के तो नहीं आई ?? मुझसे ज्यादा ड्रामा नहीं सहा गया और मैंने पहल करते हुए अंजलि से पूछ लिया

मैं- तुम कब घर आई अंजलि??

अंजलि मेरे इस तरह से नोर्मल तरीके से पूछने पर सोचने लगी “” ये भैया इतने नार्मल कैसे है जो भी हमारे बीच हुआ उसके बाद से पता नही भैया के मन में क्या चल रहा है कही वो साडी बाते भूल के आगे तो नहीं बढना चाह रहे है ?? पता करूँ भी तो कैसे ??””

अंजलि भी ये सब सोचते हुए नार्मल तरीके से जवाब देती है

अंजलि- हां भैया मैं वो तो मैं दोपहर को आ गयी थी फिर सीधे रूम में आराम करने चली गयी थी.

अंजलि के जवाब से मुझे कुछ शक हुआ की ये आते ही आराम क्यों करने गयी ?? तो मैंने भी पूछ लिया

मैं- अरे तू ठीक तो है न ?? तेरी तबियत तो ठीक है ??

अंजलि- हां भैया मेरी तबियत ठीक है बस थोड़ी थकावट है. शायद गर्मी का होगा

मैं- ठीक है तू अभी और आराम कर लेना रूम में

अंजलि- ठीक है भैया

ये बोलकर अंजलि अपने रूम में चली गयी और तब तक मामी भी मेरी चाय ले आई थी अब मैं मामी से क्या बात करू सोच में पड़ गया ,,,

मामी- ये ले बेटा चाय तेरी

मैं- हा मामी (मामी के हाथ से चाय लेते हुए)

मामी मेरे बाजु में बैठ गयी और चाय पिने लगी उनके चेहरे में एक रौनक थी पर थकान भी भी दिख रही थी मामी के चाल में. मैं अब मामी को थोडा छेड़ने की सोचा ,,,,

मैं- क्या बात है मामी आज आप थकी थकी सी लग रही है ??

मामी- हां आज थोडा थकावट लग रहा है बेटा.

मैं= क्या हुआ मामी ऐसे अचानक से ??

मामी- काम ज्यादा हो गया लगता है बेटा और क्या ही होगा

मैं- (हां पता है कौन सा काम हुआ है) अच्छा तो आप मुझे बोल देती मैं कर देता आपका काम

मामी- (अब ये काम तुझसे कैसे करवाती बेटा) नहीं उतना भी ज्यादा नहीं था तू फिकर मत कर.

मैं मामी को थोडा और परेशान करने का सोचा और उनसे पुछा

मैं- मामी आज कोई घर आया था क्या ??

मामी मेरे इस सवाल से चौंक गयी उनके चेहरे के हाव भाव बदलने लगे वो घबरायी सी दिखी मुझे. कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने कहा,,,,

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मामी- न-न-नहीं तो तुझे ऐसा क्यों लगा ??

मैं- वो तो मुझे कुछ आवाजे आई तो ऐसा लगा.

मामी मन में “” हे भगवान !! इसने कंही ऋषि और मेरी चुदाई की आवाजे तो नहीं सुन ली ,,, मैं भी तो पागलों की तरह चीखे जा रही थी और मुझे ध्यान भी नहीं रहा सौरभ का,,, अब क्या करू मैं ??””

मामी- क-क-कैसी आवाजे बेटा??

मैं- मुझे लगा कोई ताली पिट रहा था पट पट की आवाजे थी

मामी तो अब बिलकुल घबरा गयी उनको कुछ सूझ ही नहीं रहा था की अब वो क्या बोले इधर मैं भी मामी के इस हालत पर खुश हो रहा था मन ही मन. मामी तो बुरी तरह फंस चुकी थी पर मामी तो मामी है न उन्होंने खुद को सम्भाल के जवाब दिया ,,,

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मामी- अच्छा वो आवाज !!! वो मैं माया से बात कर रही थी तो उसके मजाक पे मैंने ताली बजायी थी वही सुनी होगी तूने ..

मैं- अच्छा !!! हाँ वही रहा होगा फिर तो (मन ही मन मुस्कुरा दिया मामी की चालाकी पर)

मामी मन में””आज तो बाल बाल बच गयी नहीं तो मेरी चुदास की वजह से सौरभ ने पकड़ ही लिया था, मुझे इसके यहाँ रहते हुए थोडा सम्भाल के रहना होगा नहीं तो मेरी पोल खुल जाएगी सब के सामने””

मैं अब ज्यादा तो बोल नहीं सकता था मामी को इस बारे में तो मैं भी उनको बोल कर अपने रूम में आ गया और मामी भी अपने कमरे में चली गयी. मैं रूम में आ कर अंजलि का सोचने लगा की कैसे पता किया जाये उसके बारे में ,,, क्या किया जाये ??? मैंने फिर उसका फ़ोन देखने का सोचा , उम्मीद तो कम थी पर क्या पता कुछ मिल जाये. पर शायद भगवान् मुझ पर मेहरबान था मुझे अंजलि की चैट्स में आज दोपहर की चैट्स दिखी जो अंजलि और साक्षी की थी शायद उसके घर आने के बाद की थी. मुझमें कुछ उम्मीद जगी की कुछ तो जानकारी मिल ही जाएगी इससे....



दोस्तों क्या होगा आगे...??? क्या पता चलेगा अंजलि के चैट्स से मुझे?? क्या अंजलि चुद गयी है ?? क्या मामी को ऋषि के सच का पता चल जायेगा ?? प्राची के घर में क्या हुआ होगा ?? इन सरे सवालों के जवाब जानने के लिए इन्तेजार करे आगे आने वाले भाग का .....
 
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