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Adultery मेरी हॉट बीवी मधु

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Alok

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अगली कड़ी का इंतज़ार है।।
 
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Reactions: thrktwr and Shetan

vakharia

Supreme
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हेलो दोस्तों मैं ये एक नयी कहानी शुरू करने जा रहा हूँ। आपसे कमेंट्स और हौसला अफ़ज़ाई की उम्मीद रहेगी। ये कहानी हॉट वाइफ और वोयर थीम पे है। अगर आपको इससे परहेज़ है तो अवॉयड कर सकते हैं।

परिचय

हेलो दोस्तों, मेरा नाम मिलिंद है। मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। मेरी हाइट ५ फ़ीट ११ इंच है, सामान्य सा शरीर और सूरत। अभी तक तो मेरा जीवन सामान्य ही गुजरा था। सामान्य … मतलब बोरिंग। हाँ एक गर्लफ्रेंड रह चुकी थी मेरी कॉलेज टाइम में और हमने एक - दो बार सेक्स भी किया था। लेकिन लगा कि एक औपचारिकता पूरी हुई थी। वो एक्साइटमेंट नहीं मिली जिसकी मुझे तलाश थी, जो मैंने बचपन से ही पोर्न वीडियो और सेक्स स्टोरीज में पढ़ी और देखी थी । तो मैंने फिर पूरा ध्यान पढ़ाई और करियर में लगा दिया जिसमे मैं काफी सफल रहा। फिर जब मेरी शादी की बात होने लगी तो मेरी दिली ख्वाइश थी कि मुझे एक ऐसी बिंदास बीवी मिले जो की मेरे नीरस जीवन में कामुक रंग भर दे। कहते हैं न की किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आप से मिलाने के लिए लग जाती है। वही मेरे साथ हुआ।
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तो पहले मेरी बीवी मधु से परिचय करवा दूँ। ५ फ़ीट ५ इंच की हाइट और ३६–२८-३४ का फिगर। एकदम दूधिया रंग। मधु सुन्दर तो बेशक थी लेकिन अगर कोई उसके बारे में बोलेगा तो उसके मुँह में ‘सेक्सी’ शब्द पहले आएगा। उसके बदन में गजब का कसाव था। उसकी चूचियां और गांड गुरुत्वाकर्षण को मात देते थे, चाहे हो कितनी भी सादी और ढीली ड्रेस पहने उसके उभार साफ़ झलकते थे।


सुहागरात


तो आइये मैं मधु के साथ अपनी पहली चुदाई, यानी हमारी सुहागरात के बारे में बताता हूँ। शादी की सारी रस्में पूरी होने के बाद जब मैं हमारे कमरे में दाखिल हुआ तो मधु बेड पे बैठी थी। मैंने मधु का घूंघट उठाया तो उसके होठों पे प्यारी सी मुस्कान थी। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके होंठों पे अपने होठों को रख दिया और स्मूच करने लगा। मधु ने ज़रा भी असहज न होते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया। मेरे हाथ धीरे धीरे उसके चूचियों को दबाने लगे। मधु के हाथों ने भी मेरे लंड को ढूंढ लिया।

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उसने पायजामे में मेरा लंड मुठियाना शुरू कर दिया। हमने एक दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए। मुझसे और इंतज़ार नहीं हो रहा था। मधु बेड पे लेट गयी। मैंने अपना टोपा उसके चिकनी गुलाबी चूत के मुँह पर लगा दिया। मैंने बहुत संभल के एक धक्का दिया। मेरा लंड निर्विरोध उसकी चूत में घुसता चला गया। ‘तो क्या मधु वर्जिन नहीं है …’ मेरे मन में ख्याल आया। लेकिन तभी मधु की कामुक सिसकारी ने मेरा ध्यान भटका दिया। और मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। मधु की आवाजें तेज होती जा रही थी … “अअअ … हाँ जानू और जोर से।” एक बार को मुझे डर भी लगा कि आवाजें बाहर न जा रही हों। लेकिन उसके सिसकारियां इतनी उत्तेजक थी कि मुझे घंटा फर्क नहीं पड़ रहा था। मैंने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और ताबड़तोड़ मधु की चुदाई करने लगा। मधु की आवाजें अब इतनी तेज़ हो गयी थी कि अब तो पक्का बाहर सुनाई दे रही होंगी। मुझे समझ आ गया की मधु झड़ने वाली है। मधु ने दोनों पैरों से मुझे जकड के मेरा लंड पूरा अपनी चूत में घुसा लिया। उसकी इस अदा से मुझसे भी कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने उसकी छूट की दीवारों को अपने वीर्य से रंग दिया। मधु ने मेरे गाल पे पप्पी दी और मुझसे चिपक के सो गयी।

मैं भी तृप्त हो गया था, लेकिन मेरे मन में वही चल रहा था .... मधु की सील पहले ही टूट चुकी थी। अब बाकी पतियों की तरह मैं भी मान सकता था की ‘साइकिल चलाते हुए झिल्ली फट गयी होगी’ लेकिन जिस तरह से मधु ने चुदाई ने मेरा साथ दिया था उस से तो साफ़ पता चलता है की मधु वर्जिन तो नहीं ही थी अपितु पूरी खाई - खेली थी। इस विचार से मेरे लंड में फिर से कसाव आना शुरू हो गया। क्मुझे यही तो चाहिए था न?… एक बिंदास बीवी, जो मेरे नीरस जीवन को कामुक रंगों से रंग दे। लेकिन फिर भी मेरे मन में मिले जुले भाव आ रहे थे, उत्तेजना, ईर्ष्या , और न जाने क्या क्या। मेरे मन में यह जानने की उत्सुकता होने लगी कि मधु की सील किसने तोड़ी होगी, और उसको चूत में कितनो का लंड गया होगा। यही सोचते सोचते न जाने मुझे कब नींद आ गयी।


पेट पूजा या काम दूजा

वर्तमान में, हमारी शादी और सुहागरात को अब डेढ़ साल हो चुके थे। इन डेढ़ सालों में हमारी शादी शुदा ज़िन्दगी बहुत ही खुशहाल बीती। हम तकरीबन रोज ही चुदाई किया करते है। मधु को मैंने पूरी आज़ादी दे रखी थी, उसे कभी भी कुछ भी पहनने से नहीं रोका था, न ही किसीसे बात चीत करने से या कहीं भी आने जाने से। मैं अपने शादीशुदा ज़िन्दगी में खुश था। लेकिन कहीं न कहीं मेरे ज़हन में मधु की सेक्सुअल हिस्ट्री जानने की इच्छा अभी भी थी।

आज संडे था। सुबह का समय था। कल रात की चुदाई के बाद बहुत ही अच्छी नींद आयी थी। मेरी नींद मधु के फ़ोन की नोटिफिकेशन टोन ने तोड़ दी। बाथरूम से शावर की आवाज आ रही थी। इसका मतलब मधु नहा रही थी। मैंने देखा कि मधु के फ़ोन की लॉकस्क्रीन पे मैसेज का नोटिफिकेशन था। पता नहीं मेरे मन में क्या आया मैंने मधु के फ़ोन के लॉक को खोल के मैसेज पे तप किया। इससे पहले मैंने कभी मधु के मेसेजेस पढ़ना जरूरी नहीं समझा था। ये मैसेज मधु के हिडन मेसेज में था। किसी अभिषेक नाम के लड़के का। मेरी धड़कने बढ़ती जा रही थी। मैसेज था “ wow so sexy …” और मैसेज के जस्ट ऊपर मधु की पूरी नंगी फोटो। फोटो से साफ़ पता चल रहा था की ये हमारे ही बाथरूम में ली गयी थी।


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मैंने ऊपर स्क्रॉल किया तो देखा की ऐसे कई मेसेज और पिक्स थे। कुछ में मधु ने नंगी या टॉपलेस फोटो भेजी थी तो कुछ में उस लड़के ने अपने तगड़े लंड की। मैं चाट विंडो से बाहर आया तो देखा की मधु ने वही पिक २-३ और भी लोगों को भेजी थी। एक बार को शायद दुनिया के हर पति की तरह ही मुझे मधु पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा आया। लेकिन फिर मुझे ख्याल आया कि मधु के बारे में यही सब जानने की तो इच्छा थी मेरी। गुस्से की जगह फिर से उत्सुकता ने ले ली। मैंने जल्दी से अलमारी से अपना पुराना फ़ोन निकाला और उसमे मधु का फ़ोन क्लोन कर लिया। मैंने पुराना फ़ोन जल्दी से तकिये के निचे छिपा दिया। सोचा की आराम से मैसेज पढूंगा।

मधु बाथरूम से बाहर आयी। मधु टॉवल में थी जिसमे को बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। उसने अलमारी से निकाल के एक नेट वाली कुर्ती और पजामी पहनी। नेट वाली कुर्ती में केवल उसके चूचियों के पास थोड़ी कवरिंग थी, बाकी उसको पूरा बदन साफ़ साफ़ दिख रहा था, उसकी क्लीवेज और उसकी नाभि गज़ब लग रही थी। मधु के पास लगभग सारे ड्रेस ऐसे ही थी और जैसा की मैं पहले भी कह चूका हूँ मुझे मधु के कुछ भी पहनने से ऐतराज़ नहीं था। “क्या इतनी सुबह - सुबह कहाँ जा रही हो ?” मैंने मधु से पूछा। “अरे वो रंजीत अंकल के यहाँ…” मधु ने लिपस्टिक लगाते हुए कहा। रंजीत वर्मा हमारे पडोसी थे। वो फौज से रिटायर्ड कर्नल थे। “लेकिन सुधा आंटी तो है नहीं न?” मैंने पुछा। सुधा रंजीत अंकल की पत्नी थी। “हाँ उन्होंने ही कहा था … की अंकल के लिए नास्ता बना देना।” मधु ने कहा। “तो उनको यहाँ बुला लो न, हमारे साथ नाश्ता कर लेंगे” मैंने कहा। “अरे वो एकदम मिलिट्री स्टाइल वाला सादा नाश्ता करते हैं। हमारे साथ नहीं खा पाएंगे” मधु ने कहा “तुम्हारी चाय बना दी है, पी लेना फिर ब्रेकफास्ट आ के बनाती हूँ।” कहकर मधु चली गयी।
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मैंने चाय गरम की और पीने लगा। मधु अपना फ़ोन ले कर गयी थी। तो मैंने सोचा की एक बार चेक करता हूँ कि क्लोन वाला फ़ोन सही से चल रहा है कि नहीं। मैंने तकिये के नीचे से फ़ोन निकाला। फ़ोन क्लोन होने की वजह से मैं उसका रिकॉर्डर चालू कर के लाइव सुन भी सकता था या फिर वीडियो रिकॉर्डर चालू कर के लाइव देख भी सकता था। मैंने वही चेक करने की सोची। मैंने वॉइस रिकॉर्डर ऑन किया। … “क्या कर रहे हैं अंकल छोड़िये …नाश्ता बनाने दीजिये” मुझे समझ नहीं आ रहा था की वहां हो क्या रहा रहा है। “अरे नाश्ता ही तो कर रहा हूँ … मस्का-बन” … अंकल की आवाज आयी। “हा हा हाँ पता है … खुद बन खाएंगे और मलाई मुझे खिलाएंगे।” मधु की आवाज आयी। “अरे मधु तुम्हारी पिक की वजह से कल नींद ही नहीं आयी … आज सुबह का इंतजार करता रहा।” ये सुनकर मेरा माथा ठनका। मैंने तुरंत क्लोन वाले फ़ोन में हिडन चैट खोला। निचे स्क्रॉल किया तो देखा की राजीव अंकल का भी नाम था उसमे। मैंने मेसेज खोल के देखा मधु ने वो पिक अंकल को भी भेजी थी। “... तो आपने ही मांगी थी। उसमे मेरी क्या गलती। हा हा …”

आज का दिन झटकों पे झटके दिए जा रहा था। मुझे कुछ भी कर के इन दोनों के बीच में क्या हो रहा है वो देखना था। मैंने फ़ोन का वीडियो चालू कर दिया। लेकिन इसमें अँधेरा आ रहा था … शायद फ़ोन किसी सतह पे रखा था। मैंने फ्रंट कैमरा ऑन किया तो मुझे राजीव अंकल का डाइनिंग कम किचन दिखने लगा। लेकिन कुछ ये दोनों मुझे नज़र नहीं आ रहे थे। मैंने फिश लेंस मोड चालू किया तो ये लोग कैमरे के फ्रेम में आये। मधु स्टोव के पास कुछ बना रही थी। और अंकल बगल में ही खड़े थे। एक हाथ से तो वो अपने पैंट के उभार को मसल रहे थे और दुसरे से मधु की गांड को सहला रहे थे। मधु को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था। मधु ने एक आमलेट प्लेट में रखते हुए बोला “लीजिये खाकर बताइये कैसे है ”


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अंकल ने प्लेट साइड में रखते हुए मधु को बाँहों पे भर लिया और उसके उभारों पे चूमते हुए बोलै … “बट आई वांट दिस” मधु ने उनकी बाँहों से छूटते हुए बोला “... अंकल जी पहले ये फिनिश कीजिये शैतानी बाद में।” अंकल ने मुँह बना लिया … फिर अपनी पैंट को मसलते हुए बोले “ लेकिन इसका क्या …” “इसका जो होगा सुधा आंटी करेंगी और क्या” …. मधु बोली। “अरे उससे कहाँ कुछ होता है। उसका बस चले तो मुझे आश्रम में दाखिला दिलवा दे। …” अंकल चिढ़ते हुए बोले।


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“हाँ तो करवा ही देना चाहिए … हाहाहा अपनी बेटी की उम्र की लड़की के साथ ऐसी हरकतें करते हैं। कुछ तो पाप कटेंगे ” मधु हँसते हुए बोली। “अरे मेरी जान पहले पाप कर तो लेने दो।” अंकल ने जवाब देते हुए कहा। अंकल की बात पूरी होते होते मधु ने अंकल का लंड उनकी पेंट से बाहर निकाल लिया था।
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मधु की ये हरकत देख कर मेरे लंड का भी बुरा हाल था। मैंने भी अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया और सहलाने लगा। आज तक किसी पोर्न मूवी को देख कर भी इतनी एक्साइटमेंट नहीं हुई थी जितनी इस सीन को देख कर हो रही थी। मैं सोच ही रहा था की मेरी प्यारी मधु अब क्या करेगी, तभी मधु ने अपने बाल पीछे की ओर बांधे और अपने घुटनो पे आ गयी। देखते ही देखते उसने अंकल का लंड अपने मुँह में ले लिया। वो किसी पोर्नस्टार की तरह अंकल का लंड चूसने लगी। अंकल जो की ऑमलेट खा रहे थे उनका मुंह खुला का खुला रह गया। वो प्लेट स्लैब काउंटर पे रख के मधु के सर के पीछे हाँथ रख के उसके मुँह की चुदाई करने लगे। पूरा किचन चभ चभ और अंकल की आहों से गूंज उठा। कुछ ही समय में अंकल का बदन ऐठने लगा। मधु को जैसे समझ आ गया था की अंकल झड़ने वाले हैं तो मधु उनका लंड मुँह में ही रखना चाहती थी शायद ताकि कपड़े गंदे न हों लेकिन अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल दिया। जिससे कि वीर्य की गाढ़ी गाढ़ी फवारों से मधु के होंठ और ठुड्डी तर हो गए। वो अभी ऐसे दिख रही थी जैसे किसी बच्चे ने केक कहते समय पूरे मुँह में क्रीम चुपड़ ली हो। “अंकल देखिये न ये क्या किया … मेरा पूरा फेस गन्दा कर दिया …” मधु ने झूंठ मूठ का गुस्सा दिखते हुआ कहा। और ये कहते कहते अपनी ऊँगली और जुबान से पूरा वीर्य चाट के साफ़ कर दिया। “हाहा सॉरी मधु … तुम्हे तुम्हारा ब्रेकफास्ट पसंद नहीं आया क्या ?” हँसते हुए अंकल ऑमलेट ख़त्म करके बोले।

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“सुधा आंटी को बता देती हूँ की कितना पसंद आया…” मधु अंकल को चिढ़ाते हुए बोली। “अरे उसको क्यों बीच में लाना …” कहते हुए अंकल मधु के करीब आये और उसे एक लंबा सा स्मूच दिया। अंकल का हाथ मधु की पैजामी में था। साफ़ पता चल रहा था की अंकल उसकी चूत में ऊँगली कर रहे हैं। मधु उनकी बाँहों में दोहरी हुई जा रही थी। अंकल ने मधु की पैजामी नीचे कर दी। मधु ने पैंटी नहीं पहनी थी। मैंने भी ये बात नोटिस नहीं की थी जब वो कपडे पहन रही थी। अंकल ने मधु को उठा लिया और काउंटर पे बिठा दिया। अंकल ने अपना सर मधु की टांगो के बीच डाल दिया और उसकी छूट चाटने लगे। इस बार पूरा कमरा मधु की सिसकारियों में डूब गया।

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कुछ देर यूँ की चूत चाटने के बाद अंकल जी खड़े हुए और अपना लुंड जो फिर से सख्त हो गया था उसे मधु की चूत पे टिकाया और एक ही झटके में पूरा अंदर झोंक दिया …”आससस अंकल जी …” मधु की आह निकल गयी। अंकल जी ने धक्के देने शुरू कर दिए। कुछ ही धक्कों के बाद मधु जो एकदम चरम पे थी झड़ने लगी। उसने दोनों पैरों से अंकल जी की कमर को भींच लिए। “आअह … मम्मम्म” मधु की आवाज गूंज उठी।
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जो मुझे मेन डोर से भी आती हुई सुनाई दे रही थी। अंकल जी ने धक्के लगाने जारी रखे। कुछ देर बाद अंकल जी ने धक्कों की रफ़्तार दी। अब मधु और अंकल जी दोनों ही सिसकारियां एक बार फिर गूँज उठी और जल्द ही अंकल जी और मधु झाड़ गए। अंकल जी ने पूरा वीर्य मधु की चुत में उड़ेल था।



मधु ने पजामी ऊपर चढ़ाई और अपना मोबाइल उठाया। जल्दी जल्दी मैंने कुछ सही किया। इतने ही में डोरबेल बजी।

“बड़ी देर लगा दी यार” मैंने मधु से पुछा। “हाँ वो सुधा आंटी ने सामान कहाँ रखे थे मिल नहीं रहे थे” मधु ने तपाक से जवाब दिया। “जानू मैं फिर से नहाने जा रही हूँ , वो अंकल के किचन में बहुत गर्मी थी, मैं पसीने से भीग गई हूं” मधु ने कहा। “वह मेरी जान बहाने बनाना कोई तुमसे सीखे”, मैंने मन ही मन सोचा। मधु ने अपने कपड़े उतारकर लॉन्ड्री बास्केट में डाले और बाथरूम में घुस गई। मैं लॉन्ड्री बास्केट से मधु की पैजामी निकाल कर देखा। उसका आगे का चूत वाला हिस्सा अंकल जी के वीर्य और मधु के कामरस के मिश्रण से भीगा हुआ था। यहां तक कि वीर्य का कुछ हिस्सा रिस के जांघो तक पहुंच गया था।


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मैने उस कामुक दृश्य को याद करते हुए अपना लन्ड बाहर निकाला और हिलाने लगा। कुछ ही देर में मेरे लन्ड से वीर्य के फव्वारे निकले और मधु की पजामी पे पहले से लगे अंकल जी के वीर्य से मिल गए। मैंने पायजामी वापस ऐसी ही रख दी।

मैं सोचने लगा कि आगे मेरे पास क्या विकल्प थे। एक तो ये कि मैं मधु को कोंफ्रोंट करूँ जिससे कि शायद हमारा डाइवोर्स हो सकता था। या कम से कम मधु की ये स्वछंदता और बिंदास ऐटिटूड तो छिन ही जाएगा। क्या मुझे सच में एक आम बीवी चाहिए थी जो विवाह के कुछ वर्षों पश्चात ही अपने पति तक को संतुष्ट नहीं कर पाती या ये सेक्स की देवी जिसमे इतनी काम सुधा है जो मेरे साथ साथ कइयों को तृप्त कर सकती है। मैंने तय कर लिया मैं मधु जैसी बीवी किस्मत से मिलती है, मैं उसे इसी रूप में अपनाउंगा और उसके इस कामुक संसार का हिस्सा बनाने का प्रयास करूँगा।
बहुत ही अच्छी शुरुआत.. नई कहानी के लिए शुभेच्छाएं :bestwishes:
 

Shetan

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Shetan

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