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मे अपनी शादीशुदा दीदी की मेरी आंखों देखी हुई एक सच्ची कहानी आप सभी से साझा करना चाह रहा हूं
दीदी ने हाथ लगाकर एक दो बार मुझे हिलाया बोली विनेश विनेश करके पुकार लेकिन मैं टह से मस भी नहीं हुआ।
फिर दीदी मुड़कर अपने रूम में गई और मेरे रूम के गेट को बंद करके चली गई और मैं लेट गया और सोचने लगा अगर दीदी सुबह पूछेगी तो मैं क्या बोलूंगा
और दीदी ने मेरे बारे में उसे साड से बोल दिया तो मेरे साथ क्या कर सकता है ऐसे बहुत सारे सवाल मेरे दिमाग में चल रहे थे
इन सबके अलावा मेरे दिमाग में में चीज जो चल रही थी कि आखिर दीदी इस बदसूरत सांड से सेट कैसे हो गई
कहां मेरी शरीफ सी दीदी और कहां है गुंडा मवाली गंदा आदमी मुझे तो समझ में नहीं आ रहा था लेकिन मैंने सोचा इन सब चीजों का मैं चाहूं तो पता लगा सकता हूं
और मैं दीदी के बदन को याद करके एक बार मुठ मार कर सो गया
अब आगे........
सुबह दीदी ने मुझे जागने मेरे रूम में आई और दीदी ने मुझे उठाया जैसे मेरी आंख खुली सामने दीदी को देखकर मेरे लंन्ड ने एकदम से झटका मार दोस्तों क्या बताऊं दीदी क्या लग रही थी सुबह-सुबह उनके चेहरे पर एक अलग ही प्रकार की चमक थी और वह बहुत ही ज्यादा खुश लग रही थी और मुझे मुस्कुराते हुए उठा ए कर बोली विनेश जा डेरी से दूध लिया हमारे लिए चाय बनाने के लिए
मैं तो बस दीदी और दीदी का बदन को देखा ही रहा दोस्तों दीदी के बदन से एक अजीब सेक्स की बहुत ही थी कि गंद रही थी शायद रात के भयंकर पसीने से लटपट किए गए सेक्स की गंन्द थी।
उसे कमीन है हेवान नए वाक्य में ही दीदी के बदन को बहुत ही ज्यादा गदरा दिया है
गोरी चिट्टी लंबी भरे बदन वाली महिला के रूप में दीदी को विकसित कर दिया है दीदी के चुच्चे और गांड बहुत ही भारी हो चुके हैं जो उनके गोरे बदन को और भी ज्यादा सेक्सी और कामुक बना दिया है
रात में किए गए भरपूर सेक्स दीदी बहुत ही ज्यादा खुश और चहकती हुई हुई लग रही थी.
दीदी मेरे से बोली तो जा दूध लिया जब तक मैं ना लेती हूं ऐसा कह कर अपने दोनों हाथ ऊपर करके और एक बहुत ही अच्छी अंगड़ाई लेकर दीदी बाथरूम की तरफ चली गई।
मैं पैसे लेकर घर से बाहर आया और थोड़ी दूर दूध की डेरी की तरफ जाने लगा।
तभी रास्ते में मैंने देखा एक हट्टे खट्टे जवान लड़के को उस राक्षस ने अपने कांख में दबा रखा था और उसके गुस्से मार रहा था
और उससे कह रहा था साले गांडू मेरे काम में टांग क्यों अड़ा रहा है जैसा सब लोग कर रहे हैं वैसा तू भी कर ले मेरे से पंगा लेगा तो मार दूंगा साले को तू जानता नहीं अभी मेरे को ऐसा कह कर उसने उसके दो-तीन लात घुसे मार और वह लड़का जमीन पर गिर गया।
यह सब देखा हुआ मैं डेरी पर पहुंच गया और डेरी वाले से उनकी तरफ देखते हुए दूध मांगने लगा डेरी वाले ने मेरे को दूध दिया और बोला अबे ऐसे क्या देख रहा है उनको जानता नहीं है क्या वह रंगा दादा है इस एरिया का डान और इधर की फैक्ट्री के हमला यूनियन का अध्यक्ष।
शायद तु नया आया है इधर कहां पर आया है किनके घर आया है
इतने में मैं हकलाते हुए बोला मेरी दीदी रहती है इधर उनके पास आया हूं कुछ दिन छुट्टी में
डेरी वाला,,,, क्या नाम है तुम्हारी दीदी का और जीजा जी का शायद इसी मोहल्ले में रहते हैं।
मे,,,, यहां थोड़ी सी दूर पर रहते हैं दीदी का नाम सुमन है और जीजा जी का संजय है
जैसे ही मैंने दीदी और जीजा का नाम बताया वह डेरी वाला एकदम से डरते हुए बोला लो भैया दूध की थैली और बोला भैया आप जाइए
मैं बोला अरे बताओ तो सही अंकल कौन है रंगा दादा और उसे बेचारे को क्यों मार रहा है
अरे कुछ नहीं वह अच्छा आदमी है वह तो कुछ गलती करती होगी इस लड़के ने इसलिए
कुछ नहीं आप जाइए और कुछ चाहिए तो आप बता दीजिए
मैं एकदम से सच में पड़ गया जो मुझे अबे् बोल रहा था अब वह मेरे से बहुत ही इज्जत से बात कर रहा है
यह क्या चक्कर है साला
मैं दूध लेकर दीदी के घर पर पहुंचा तो दीदी बाथरूम में ना रही थी मैंने दूध रसोई में रखा तभी मैं सोचने लगा अभी दीदी मेरे से पूछ सकती है रात के बारे में फिर सोचकर मैं थोड़ा सा घबरा गया और रूम में जाकर लेट गया
कुछ देर में दीदी नाहकर आयी दीदी के बाल बिल्कुल खुले हुए थे दीदी मैं आज एक बहुत ही टाइट सलवार और कमीज पहनी हुई थी जो उनके बदन पर बहुत ही अच्छी लग रही थी
सलवार कमीज में दीदी के उबहार साफ नजर आ रहे थे दीदी की बडी बडी चुचियों ने बहुत ही गहरी घाटी बना रखी थी क्योंकि अभी दीदी ने दुपट्टा नहीं रखा था सीने पर तो मुझे उसे घाटी के दर्शन हो गए दीदी की चूचियां बहुत ही सफेद और चिकनी थी
वह अपने बालों को टाउल से सूखने लगी और टाउन में बालों को बांधकर मेरे पास आई और दूध की थैली लेकर बोली तू बाथरूम होले जब तक मैं तेरे लिए चाय बना लेती हूं यह कह कर दीदी रसोई में चली गई..
मैं उठकर बाथरूम में चला गया और अंदर जाकर जैसे ही मैं पजामा उतार मेरा लंन्ड एकदम से खड़ा था दीदी के मादक बदन को याद करते हुए एक बार मैंने मुठ मारा और बाथरूम होकर बाहर आया तब तक दीदी चाय बना दी
मैं बाहर सोफे पर बैठ गया दीदी दो कपो में चाय लेकर आई और मेरी साथ बैठकर चाय पीने लगी।
और चाय पीते हुए मेरे से बोली विनेश खाने में क्या खाएगा बता क्या बनाऊं तेरे लिए आज
मे,,, दीदी आप बना दीजिए जो भी बनाना है आपकी पसंद का
दीदी,,, चल ठीक है पराठे बना देता हूं.
और तेरे से एक बहुत ही जरूरी बात करनी है
दीदी को ऐसा बोलते ही मैं एकदम से डर गया शायद दीदी रात के बारे में पूछेगी।
मैं हकलाते हुए दीदी से बोल क क्या बात दीदी।
दीदी,,,,( थोड़ा गुस्से के साथ) तेरे से मैंने मना किया था ना छत पर मत जाना कभी शाम को या रात को छत पर क्या कर रहा था तु रात को
मुझे समझ में नहीं आ रहा था दीदी को क्या बोलूं फिर भी थोड़ा सोच कर बोला कुछ नहीं दीदी मैं तो ऐसे ही चला गया था।
दीदी,,,, कुछ देखा तूने रात को छत पर
मैं डर के मारे काप रहा था और दीदी से बोल क क कुछ नहीं देखा मैंने दीदी
दीदी,,,, और सुन अगर तूने कुछ देखा भी है ना तो यह बात अपने तक ही रखना किसी को कुछ नहीं बताना नहीं तो तुझे पता है ना वह क्या कर सकता है मर्डर भी कर रखे हैं उसने दो-चार तो
जब तक तु रह रहा है रहले मजे से और किसी से कुछ भी नहीं कहना ठिक है
मैंने हां मैं गर्दन हिलाई तो दीदी मेरे गाल को हल्के से सहलाते हुए बोली चल ठीक है तेरे लिए अच्छा सा खाना बनाती हूं मैं मेरी बातों का ध्यान रखना लेकिन
और दीदी उठकर रसोई में जाने लगी जैसे वह चल रही थी उनकी बडी गांड बहुत ही कामुक तरीके से ऊपर नीचे हिल रही थी
और कमर को बहुत ही सेक्सी अंदाज में मटकाते रसोई में चली गई और मुझे आवाज देकर बोलिए जा जल्दी से ना ले तब तक मैं खाना बना लेती हूं।
मैं उठकर बाथरूम में नहाने चला गया और यही सोच रहा था की दीदी एक संस्कारी मासूम से क्या बन गई है
सब कुछ उस मावली कारण ही दीदी ऐसी हुई है लेकिन दीदी के ऊपर उस कमीने ने क्या जादू कर दिया है ऐसा कैसे हो गया मैं यह सोच कर ही मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल चल रहे थे क्या दीदी को वह ब्लैकमेल कर रहा है या दीदी को डरा धमका के या कोई और वजह से दीदी उसे पढ़ रखी है इन सब सवालों का मुझे जवाब चाहिए था।
मैं यह सब सोच कर नहाने लगा तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया क्या यह सब चीज दीदी से पूछो नहीं नहीं दीदी क्या पता नाराज हो जाए कुछ तो जुगाड़ लगाना पड़ेगा जिससे दीदी सब बातें मेरे को बताएं।
मैं नाह कर बाहर आया तब दीदी रसोई में खाना बना रही थी और कुछ गाने गुनगुना रही थी मैं सोच रहा था दीदी बहुत खुश है इसका मतलब वह दीदी को ब्लैकमेल तो नहीं कर रहा लेकिन मुझे सच जानना है मैं कपड़े पहन कर दीदी के पास रसोई मे ही चला गया
और थोड़ी हिम्मत करके दीदी से पूछा
दीदी मैंने रात को छत पर आपको उसके साथ
मेरे इतना बोलते ही दीदी एकदम से गुस्सा होकर मेरी ओर मुड़कर बहुत ही गुस्से से बोली क्या छत पर, क्या उसको साथ,क्या बोलना चाह रहा है तू
मैं एकदम से डर गया और अपना मुंह रोने के जैसे बनाकर बोला दीदी मैंने सब कुछ देख लिया रात लेकिन यह सब कैसे क्या है मैं सच जानना चाहता हूं प्लीज दीदी मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा प्लीज
तभी दीदी ने एक जोर से सांस ली और बोली ठीक है तुझे सब कुछ बता दूंगी लेकिन यह बात अपन दोनों के बीच ही रखना अभी तो जाकर बैठ खाना खाकर फिर बात करेंगे
ठीक है दीदी और मैं बाहर आकर बैठ गया क्योंकि दीदी को पक्का पता था कि मैं उनको रात देख लिया है इसलिए शायद वह मेरे को सब कुछ बताने के लिए तैयार हो गई थी
कुछ देर बाद दीदी और मैं खाना खाया जब तक हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई खाना खाने के बाद दीदी मेरे से बोले तुझे सच जानना है ना चल मेरे रूम में मैं तेरे को सब पूरी कहानी बताती हूं यह सब कैसे हो गया
दोस्तों कहानी अब चलेगी मैं जो कहानी स्टार्ट होगी वह दीदी के मुंह से होगी
दीदी सब कुछ मेरे को बताएगी बने रहिए अगले पाठ में