पहली बार अंकित किसी की बुर में जाना था वरना अपने हाथ से अपना पानी निकाल कर अपनी जवानी की गर्मी को शांत करने की कोशिश करता रहा था अगर आज उसके घर नानी ना आई होती तो वह शायद संभोग के सुख से न जाने कितने महीने अनजान रहता,,,, वह अपनी नानी की बाहों में पसर गया था गहरी गहरी सांस ले रहा था अंकित की नानी भी संपूर्ण संतुष्टि का एहसास लिए चेहरे पर मादक मुस्कान बिखेर रही थी और गहरी गहरी सांस ले रही थी उसकी गहरी चलती सांसों के साथ उसकी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी जो कि अंकित की छाती पर अपनी चुभन का एहसास दिला रही थी,,,, दोनों एक दूसरे की बाहों में अपने-अपने अंगों से बदन रस की बूंदें टपका रहे थे,,, रह रह कर अंकित की कमर अभी भी ठोकर मार रही थी क्योंकि उसके लंड से रह रहकर अभी भी लावा बरस रहा था अंकित की नई संतुष्टि का एहसास लिए अंकित की पीठ को सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो इस अद्भुत कार्य को पूर्ण करने के लिए।
कैसा लग रहा है अंकित,,,?(बालों में उंगली फिराते हुए,,,)
बहुत अच्छा लग रहा है नानी मैं तो कभी सोच भी नहीं सकता था की चुदाई में इतना मजा आता है सच में तुम्हारी बुर में मेरा पूरा लंड घुस गया था वरना मैं तो समझ रहा था की उंगली भी नहीं घुस पाएगी,,,,(अभी भी जानबूझकर अंकित अपना नादानी दिखाते हुए बोल रहा था)
इसीलिए कहती हूं मेरी हर एक बात माना कर,,,, और हां सच में तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा है जिस किसी औरत को चोदेगा वह पूरी तरह से तेरी गुलाम बन जाएगी,,,,।
गुलाम बन जाएगी मैं कुछ समझा नहीं,,
अरे बेवकूफ एक बार तेरा लंड किसी भी औरत की बुर में घुस गया तो वह बार-बार तुझसे चुदवाएगी,,,,।
क्या तुम भी नानी,,,,!(अपनी नानी की तरफ सवालिया नजरों से देखते हुए अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली,,,)
मैं भी तेरी गुलाम हो गई हूं सच में हम औरतों को क्या चाहिए तेरे जैसा मोटा और लंबा लंड जो बुर में घुस कर पानी पानी कर दे,,, और आज तुने वैसा ही किया है,,,,।
सच नानी,,,,
हां रे,,,,, तो पूरा मर्द बन चुका है,,,,, चल अब उठ मेरे ऊपर से मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,,।
(इतना कहने के साथ है उसकी नानी उसके कंधे को पकड़ कर उसे अपने ऊपर से हटने लगी तो अंकित खुद ही अपनी नानी के ऊपर से हटने लगा लेकिन उसका लंड अभी भी उसकी नानी की बुर में घुसा हुआ था और पूरी तरह से खड़ा का खड़ा था बस हल्का सा ढीलापन उसमें आया था इसलिए वह धीरे से अपने लंड को अपनी नानी की बुर में से बाहर खींचा तो पक्क की आवाज के साथ बुर में से लंड बाहर निकल गया उसके खड़े लैंड को इस समय देखकर उसकी नानी बोली,,,)
बाप रे देख तो सही एक बार झड़ चुका है लेकिन फिर भी खड़ा का खड़ा है,,,,,,।
(अंकित मुस्कुराता हुआ एक तरफ होकर बैठ गया था और उसकी कहानी उठकर पलंग के नीचे अपने पैर लटका कर बैठ गई थी और अंकित की तरफ देखते हुए बोली,,,)
कितना समय हो रहा है,,?
(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखते हुए बोला,,,,)
3:00 बज गए नानी,,,,
बाप रे पहली बार इतना समय चुदाई में गुजरा है वरना 10-15 मिनट तो बहुत हो जाता है,,, सच में तुझ में बहुत दम है,,,(इतना कहने के साथ ही वह बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई और नग्नवस्था में ही दरवाजे की तरफ जाने लगी उसे देखकर अंकित बोला ,,,,)
अरे नानी कपड़े तो पहन लो की नंगी ही बाहर जाओगी,,,,
घड़ी में देख 3:00 बज रहा है ना अब इतनी रात को भला कौन उठने वाला है सब गहरी नींद में सो रहे होंगे और तुझे मैं बता दूं कमरे में नंगी होकर घूमने में मुझे बहुत अच्छा लगता है,,,।
(अपनी नानी की बात सुनकर उसका भी जोरों से धड़कने लगा अंकित को अपनी नानी की यह अदा बेहद लुभावनी लग रही थी लेकिन उसे डर भी लग रहा था कि कहीं कोई देख लिया तो गजब हो जाएगा इसलिए वह भी धीरे से बिस्तर पर से नीचे उतर गया और अपनी नानी से बोला,,)
लेकिन नानी यहां पर इस तरह से घूमना ठीक नहीं है अगर कहीं दीदी ने या मम्मी ने देख लिया तो गजब हो जाएगा,,,।
तुझे लगता है कि कोई देख लेगा मैं जानती हूं इस समय सब गहरी नींद नहीं सोते हैं इसलिए तो बिल्कुल भी चिंता मत कर बस ट्यूब लाइट बंद कर दे,,,।
(अपनी नानी की बात सुनकर आंखें तो तुरंत ट्यूबलाइट का स्विच दबा दिया और कमरे में अंधेरा छा गया और उसकी नानी धीरे से कमरे का दरवाजा खोली और कमरे से बाहर निकल गई,,,, उसे अपने अनुभव पर विश्वास था वह जानती थी कि इस पहर सब गहरी नींद मे हीं सोते हैं,,,, अंकित के बदन में भी गुडदगुदाहट हो रही थी,,,, कमरे में वह भी पूरी तरह से नंगा इधर से उधर घूम रहा था और दरवाजे पर खराब इसलिए उसके बदन में भी अपनी नानी की नंगी गांड देखकर एक बार फिर से उत्तेजना की लहर उठने लगी थी वैसे तो कमरे के बाहर भी पूरी तरह से अंधेरा छाया हुआ था लेकिन कमरे के बाहर सड़क पर स्ट्रीट लैंप चल रहा था जिसकी रोशनी दरवाजे की दरार से अंदर की तरफ आ रही थी और इतना तो दिखाई दे ही रहा था कि वह अपनी नानी को देख सके उसके नंगे बदन को देख सके,,,,।
अंकित इस बात से ही ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था कि वह खुद और उसकी नानी दोनों एकदम नग्न अवस्था में अपने कमरे के बाहर आ चुके थे अंकित का दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह बार-बार अपनी मां के कमरे की तरह पर अपनी बड़ी दीदी की कमरे की तरफ देख रहा था लेकिन दोनों कमरे में एकदम सन्नाटा छाया हुआ था इसलिए उसे थोड़ी राहत महसूस हो रही थी और उसकी नानी अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर इधर-उधर अपनी कमर हिला कर अपने बदन को खींच तान रही थी,,, क्योंकि अंकित ने बिस्तर पर कुछ ज्यादा ही कसरत करवा दिया था,,,,, अपनी नानी को इस तरह से कमरे के बाहर नंगी खड़े देख कर अंकित बोला,,,,।
क्या हुआ नानी जल्दी करो ना,,,,(अंकित दबे श्वर में बोला था कि उसकी आवाज कमरे के अंदर ना पहुंच सके,,,,)
तू घबरा क्यों रहा है चिंता मत कर कुछ नहीं होने वाला,,,,,,(इतना कहकर वह बाथरूम का दरवाजा खोलने ही वाली थी कि अंकित को लगा कि दरवाजा खोलने की आवाज से शायद किसी की नींद खुल जाए इसलिए वह धीरे से बोला,,,)
बाथरूम में मत करो नानी,,, यहीं बैठ जाओ,,,।
यहीं पर,,,,(उसकी नानी सवालिया नजरों से अंकित की तरफ देखते हुए बोली,,,)
हां नानी यहीं पर नाली बनी है निकल जाएगा बस थोड़ा पानी गिरा देना,,,,।
ठीक है,,,,(और इतना कहने के साथ है अंकित के गाने एकदम बेशर्मों की तरह बेशर्मी दिखाते हुए अंकित की आंखों के सामने ही बैठकर पेशाब करने के लिए और वैसे भी दोनों के बीच जिस तरह का रिश्ता बन चुका था उसे देखते हुए अंकित की नानी को अब अंकित से शर्म करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं थी थोड़ी ही देर में अंकित के कानों में सिटी की आवाज गूंजी रही वह समझ गया की नई की बुर से पेशाब की धार निकल रही है और यह एहसास अंकित को फिर से उत्तेजित करने लगी और वह एक बार फिर से उत्तेजित होने लगा उसका लंड फिर से अपनी औकात में आने लगा,,,, अंकित की नानी अभी अपनी बुर से पेशाब कि धार मार ही रही थी कि अंकित की तरफ देखते हुए बोली,,,)
तू भी कर ले यही खड़े होकर तुझे भी लगी होगी,,,,,(अंकित की तरफ नजर उठा कर देखते हो वह बोली और उसके नीचे अंकित के लंड पर चली गई जो की दरवाजे की दरार में से आ रही रोशनी में साफ दिखाई दे रहा था,,,, अपने नाती के झड़ने के बावजूद भी एक बार फिर से टनटनाए हुए लंड को देखकर वह मुस्कुराते हुए बोली,)
हाय दैया यह तो अभी भी खड़ा है रे,,,(इतना कहने के साथ है वह अपना हाथ आगे बढ़कर अंकित के लंड को पकड़ ली और उसे अपनी तरफ खींचते हुए बोली,,)
चल अब मैं तुझे पेशाब करवाती हूं जल्दी से करना शुरू कर दे,,,,(अंकित के लंड को अपनी हथेली में भरे हुए वह बोली,,,, एक अद्भुत एहसास अंकित के बदन में खुल रहा था अपनी नानी के द्वारा पकड़े गए लंड की गर्मी से वह खुद पिघलने लगा था और अपनी नानी की बात मानते हुए वह भी पेशाब करना शुरू कर दिया जिंदगी में पहली बार वह इस तरह से पेशाब कर रहा था जब कोई औरत उसके लंड को पकड़ी हो,, अंकित अपने मन में ही बोल रहा था की कितनी बड़ी छिनार है,,,, लेकिन छिनार ना होती तो उसे इतना मजा ना देती यह सोचते हुए वह पेशाब कर रहा था थोड़ी ही देर में दोनों पेशाब कर चुके थे लेकिन पेशाब करने की क्रिया के दौरान दोनों अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रहे थे अंकित एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो चुका था और उसकी नानी चुदवाने के लिए,,,,
अंकित की नई अंकित के लंड को छोड़ना नहीं चाहती थी वह उसके लंड को पकड़े हुए भी उसे वापस कमरे के अंदर ले गई,,, और अपने हाथ से ही दरवाजा बंद कर दी और अंकित से बोली,,,,।
चल अब लाइट चालू कर दे तु फिर से तैयार हो चुका है और मुझे भी पानी पानी कर रहा है एक बार फिर तुझसे चुदवाना पड़ेगा,,,।
(अपनी नानी की बात सुनकर वह मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि एक बार फिर से उसे चुदाई का सुख मिलने वाला था,,, अपनी नानी की बात मानते हुए वह फिर से ट्यूबलाइट चालू कर दिया और पूरे कमरे में रोशनी फैल गई,,,, अंकित की ढाणी मुस्कुराते हुए बिस्तर की तरफ गई और बिस्तर पर चढ़े बिना ही बिस्तर पर अपने हाथ की कोहनी रखकर घोड़ी बन गई,,,, इस तरह के आसान को भी अंकित गंदी किताब के रंगीन पन्नों पर देख चुका था,,, इसलिए वह समझ गया कि उसकी नानी पीछे से लेना चाहती है,,,, लेकिन फिर भी नादान बनते हुए वह बोला,,,)
यह कैसे नानी,,,!
अरे बुद्धू, (अपनी दोनों टांगों को खोलते हुए) तुझे मेरी बुर दिखाई दे रही है ना,,,
हां नानी एकदम चमक रही है,,,,।
बस अब इसी के अंदर पीछे से लंड डालना है मेरी कमर पकड़ कर,,,, जैसा अभी लेटे-लेटे कर रहा था वैसे अब तुझे खड़े-खड़े करना है,,,, समझगया ना,,,।
हां नानी समझ गया,,,(इतना कहने के साथ ही उत्तेजित अवस्था में प्रसन्नता के साथ वह आगे बड़ा और अपनी नानी की गुलाबी बुर को देखकर अपने लंड को पड़कर उसे पर टिका दिया और फिर अपनी कमर को आगे की तरफ ठेलने लगा,,, एक बार की घमासान चुदाई के बाद अंकित की नई की बुर में उसके लंड का सांचा बन चुका था इसलिए इस बार कोई भी दिक्कत पेश नहीं आई और बड़े आराम से देखते ही देखते अंकित का मोटा लंबा लंड पूरी तरह से उसकी नानी की बुर में घुस गया और वह अपनी नानी की कमर पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया। इस आसन में भी अंकित को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और उसकी नानी को भी और इस बार भी तकरीबन आधे घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों एक बार फिर से झड़ गए और नंगे ही एक दूसरे की बाहों में गहरी नींद में सो गए सुबह जब प्रीति दरवाजे पर दस्तक देने लगी तो उसकी नानी की नियत एकदम से खुल गई और जब अपने और अपने नाती की तरफ देखी तो दोनों बिना कपड़े के सो रहे थे,,,,, इसलिए वह थोड़ी समझदारी दिखाते हुए बिस्तर पर से ही बोली,,,)
हां तृप्ति तू जा में आ रही हुं,,,(और उसके जाने के साथ ही अंकित की नानी अंकित को भी जगा दी दोनों जल्दी-जल्दी अपने कपड़े पहन कर व्यवस्थित हो गए और कमरे से बाहर आकर अपनी दिनचर्या में लग गए किसी को कानों कान खबर नहीं पड़ी की रात भर कमरे में अंकित और उसकी नानी के बीच काम लीला चल रही थी।)