Writter’s Note: Yeh Update thodi bakchodi ke start shuru hoga lekin baad main ek romantic talk hai masi aur hero ke bich mein.
मासी का घर
अध्याय 8 - निवारण (The Troubleshoot)
पिछले अपडेट में, कोई अजनबी हमें परेशान करे जा रहा था। रात के वक्त पता नहीं कहां से घर में घुस आता और जब मैं पानी पीने के लिए किचन में गया तो वह मेरे पीछे था।
अब; अंधेरा के वजह से मुझे उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था। उस आदमी ने पास में पड़े बर्तन से मुझ पर हमला किया। मैंने उसके वार को रोका और हमारे बीच हाथापाई हुई, हमारी आवाज सुन कर कमरे से मेरी मासी दौड़ कर किचन में आई।
मासी उस आदमी को देख कर काफी डर गई और उन्होंने मुझे पकड़ लिया। वो आदमी मासी को देख के काफी अजीब तरीके से हंसने लगा।
आदमी (मासी को कहता है): “क्यों मेरी जान, आखिर तुम आ ही गई।”
मैं हैरान था, ये आदमी मासी को 'जान' कह रहा है। कही मासी और इसका कोई चक्कर तो नहीं, ये सब सोचते हुए मैने मासी को पूछा।
मैं: “मासी ये कौन है? क्या आप जानती है इसे?”
मासी (डरते हुए): “जानती हूं, ये हमारे पड़ोस में ही रहता है, मुझे हमेशा परेशान करता है।”
आदमी इसे सुनकर काफी गुस्सा हो जाता है, वो कोई साइको लगता है। उसने जोर से कहा,
आदमी: “क्या कहा, मैं परेशान करता हूं! अरे प्यार करता हूं तुझसे!”
मैने तभी उस आदमी को कहा,
मैं: “तू जो कोई भी हो, अगर मेरे हाथों लग तो बचेगा नहीं।”
मैं यहां ज्यादा फिल्मी हो रहा था, क्योंकि अगर मैंने उसको भगा दिया तो मासी के नजरों में मेरी इज्जत बढ़ जाएगी। लेकिन जिंदगी परियों की कहानी नहीं होती, उस आदमी के में जो बर्तन था वो उसने मुझे मारा और बाजू में पड़ा चाकू उठा लिया।
वह बर्तन मुझे काफी जोर से लगा था, मेरा सिर घूमने लगा। उसने मासी को बंधक (hostage) बना कर मुझे घुटनों पर बैठने कहा।
मासी को चाकू दिखा कर कहने लगा,
आदमी: “चल कपड़े निकल!”
मासी अब पूरी ठंडी पड़ चुकी थी, वे काफी डर चुकी थी, उन्हें कुछ भी समझ आ रहा था।
आदमी (चिल्ला कर): “सुना नहीं क्या, चल निकाल कपड़े… नहीं तो मार डालूंगा तुझे भी और तेरे इस हीरो को भी।”
मासी को कुछ सूझ नहीं रहा था। उन्होंने अपने कपड़े निकालने चालू किए, उन्होंने पहले अपना सूट निकाला और फिर अपनी सलवार उतारी। वह अब सिर्फ अपनी ब्रा और पैंटी में थी।
वह आदमी कुछ कदम आगे मासी के तरफ बढ़ता है और कहता है,
आमदी: “अब में तेरी चुत फाड दूंगा और ये हीरो भी कुछ नहीं कर पाएगा।”
तभी मैं एकदम से तीव्र गति से उसकी ओर बढ़ता हूं, अपना सिर उसके पेट में दे मारता हूं। उसके हाथों से चाकू गिर जाता है और उस को मै किचन पर पटक पटक के मारता हूं। उसे मैंने लगभग बेहोश कर दिया था। मैने मासी को कपड़े पहने बोले और पुलिस को फोन कर ने कहा।
पुलिस के आने के बाद मैंने उसे पुलिस के हवाले कर दिया और में और मासी हॉल में बैठ गए। मासी डर के मारे रो रही थी और में उन्हें सांत्वना देने लगा।
रोते हुए मासी ने मेरे सिर को हाथ लगाया और कहा,
मासी: “तुम पागल हो क्या… अगर वो तुम्हे चाकू मार देता तो…”
मासी मेरे लिए फर्क कर रही थी, मैं उनकी आंखों में देखता हूं और कहता हूं,
मैं: “और आपको कुछ हो जाता तो?”
मासी मेरे आंखों में देखती ही रह जाती है, उनके आंसू रुक जाते और वो एक पल के लिए थम जाती है।
मैने यू ही उन्हें फ्लर्ट करते हुए कहा,
मैं: “वैसे आप रोते हुए काफी प्यारी दिखती हो।”
मासी आंसू पूछती है और शर्मा के कहती है,
मासी: “पागल… अभी भी लाइन मार रहा है।”
मैं: “अरे मासी, ये तो दिल की बात है।”
मासी कुछ बोल नहीं पाती, बस मेरा हाथ पकड़ लेती है। एक लम्हा, हम दोनों एक दूसरे को देखते है और मासी अपना सिर मेरे कंधे पर रख देती है, ओ मैं उनके युगांधीत बालों को सॉफ्टली touch करता हूं।
Writter's Note: Janta hoon ki yah aur pichla update aapko itna pasand nhi aaya hoga, lekin umeed karta hoon ki agle updates aake dil mein bas jayenge. Ye update foundation hai aage aane wale Romantic and Sexy moments ka jo masi aur hero ke bich hue.