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Incest मां का बदला (incest, adultery)

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Shetan

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Update 2
इधर रजत अपनी मां से स्कूटी ले कर पार्किंग में आ जाता है और जैसे ही वह पार्किंग के अंदर आता है तो उसकी नजर एक बाइक पर पड़ती है जिसे वह ललचाई नजरों से देखने लगता है ये एक काले रंग की रॉयल इनफील्ड बाइक थी जो की उसी की क्लास का एक लड़का लेके आता था जिसे देख रजत एक पल के लिए खो ही जाता है वह काले रंग की रॉयल इनफील्ड उस पार्किंग में खड़ी सभी बाइक में से अलग दिख रही थी अभी रजत अपनी ही सोच में डूबा था की अचानक ही उसकी स्कूटी का क्लच उससे छूटते छूटते रह जाता है जिसे वह बड़ी ही फुर्ती से कंट्रोल कर लेता है और फिर वह जल्दी से अपनी स्कूटी को एक जगह पार्क कर अपनी क्लास की ओर भाग लेता है।


अब आगे–



इधर ऑफिस में कोमल जैसे ही अंदर आती है और जैसे ही मिश्रा की नजर कोमल पर पड़ती है तो उसका मुंह खुला का खुला रह जाता है कोमल एक हरी रंग की साड़ी में बिल्कुल किसी आसमान से आई कोई अप्सरा सी जान पड़ रही थी वह उसका चेहरे की चमक उसके होठों की लाली उसके मध्यम वर्गीय स्तन और सबसे आकर्षक उसके सपाट पेट पर वो गहरी नाभी ऐसे दिख रही रही थी मानो सारे संसार की काम वासना उस नाभी में ही समाहित हो जिसे देख मिश्रा का अंग अंग काम वासना से भर उठा उसकी पलके झपकने का नाम ही नहीं ले रही थी।

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अभी उसके लिए इतना ही काफी नहीं था जब कोमल ने जल्दी प्रेजेंटी रजिस्टर उठाया और बिना मिश्रा से कुछ कहे या उसकी तरफ देखे ही वापिस जाने लगी।


मिश्रा एक बार फिर स्तब्ध रह गया उसका छोटा सा हथियार उससे बगावत करने लगा जब मिश्रा ने कोमल को तेजी से जाते देखा कोमल चाल से उसकी हरे रंग की साड़ी से लिपटी उसकी गांड़ आज मिश्रा पर कहर ढा रही थी जैसे ही कोमल मिश्रा की आंखों से ओझल होने को हुई मिश्रा हड़बड़ा कर जल्दी से उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और कार्यालय के गेट पर ही आकर खड़ा हो गया और वह कोमल की मटकती उस गांड़ अपने दूर जाते हुए देखने लगा।

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कोमल के हर एक कदम पर उसके लंबे बाल जिन्हे आज उसे बस एक रबर बैंड लगा कर ऐसे ही खुला छोड़ दिया था आज उसने ना तो बाल बांधे थे और ना ही कोई मेक अप किया कोमल के वो बाल उसके चलने से कभी इधर तो कभी उधर आ रहे थे जिसे मिश्रा को कोमल के उन बालो से जलन सी होने लगी।


वह सोचने लगा काश वह आज कोमल के बालों का हिस्सा होता तो आज वह इस खूबसूरत स्त्री के नितम्भ बिल्कुल ऐसे ही चिपका होता जैसे की अभी उसके ये बाल उसकी गांड़ से चिपके हुए है कार्यालय के गेट पर खड़े खड़े मिश्रा बस कोमल को ही घूरे जा रहा था जब तक वह उसकी आंखो से ओझल ना हो गई तब तक वह बस उसे ही देखे जा रहा था फिर मुड़ते हुए अपने ही आप में बोला –काश ये मेरी हो जाए काश मैं इस फूल का रस चख सकू काश ये मेरी बाहों पूरी तरह नग्न होकर मदहोशी में मुझे प्यार करे आह कितना मजा आयेगा वो पल कितना हसीन होगा और ये ही सब सोचते हुए उसका लिंग उसके पैंट के अंदर ही झटके मारने लगा।


अब वह अपनी कुर्सी की ओर बढ़ने लगा दरसल अभी कार्यालय खाली ही था सभी स्टाफ टीचर अपनी अपनी क्लास में थे मिश्रा जो की इस स्कूल में एक क्लर्क का कार्य करता था वो अभी अपने उसी कार्यालय में बैठा था ये उसी का ऑफिस था और साथ साथ ही स्कूल का स्टाफ भी यही पर बैठता था जब वो फ्री टाइम में होते थे।


इधर रजत भी जल्दी से अपनी क्लास में घुस गया और जैसे ही वह अंदर आया क्लास की आधे से ज्यादा लड़कियां रजत की लुक को देख उसपे मर मिटी कोई उसे देख अपने दातों तले होंठ दबाता तो अपनी जांघो को जोर से भींचता तो कोई कोई तो अपनी सांसों को फूला कर अपने स्तनों के उभार को ऐसे बढ़ा देता मानो रजत अभी उनके स्तनों को पकड़ कर मसलने आने वाला है, ऐसा नहीं था की सिर्फ रजत ही पूरी क्लास का एक अकेला मात्रा हैंडसम हीरो था वहां पर कई हैंडसम और मस्त से दिखने वाले लड़के थे और एक तो उन सबका बाप ही था नवीन जिसकी पर्सनालिटी को मात देना पूरी क्लास में किसी के बस की बात नहीं थी ऊपर से वो एक अमीर बाप की औलाद भी था उसके बाप का नाम ही काफी था की लोगो की पैंट गीली हो जाती थी।


हां चलो माना की मेरे हीरो के पास आज उतना पैसा नहीं था लेकिन अपने हीरो की पर्सनालिटी की बात ही अलग थी क्लास की अगर आधे से ज्यादा लड़कियां पैसों की वजह से नवीन के पीछे जाती थी तो भी वही अभी अनेकों लड़कियां थी जो सिर्फ रजत की बस एक लुक पर मर मिटने को तैयार थी।


रजत अपनी मां की वजह से ही क्लास की सबसे आगे वाली रॉ में हमेशा बैठता था वैसे उसे ये जगह बिल्कुल भी पसंद नही थी वो तो हमेशा लास्ट बेंचर ही रहा है रजत एक बार हशरत भारी निगाह से उस लास्ट बेंच को देखता है और फिर उस पर बैठे अपने सहपाठियों को देखा और फिर मायूस होकर आगे वाली सीट पर बैठ गया।


एक लड़की अपनी जांघो को भींचते हुए अपनी बगल वाली फ्रेंड से बोली–यार देख ये कितना हैंडसम कितना क्यूट और कितना खूबसूरत बिल्कुल किसी सपने के राजकुमार जैसा इसके होंठ तो देखो कितने गुलाबी है मेरा मन तो बस इसके होंठो को चूसने का कर रहा है।


दूसरी लड़की बोली–मात्र इसकी वजह से ही मैंने पैन्टी पहनना छोड़ दिया इसको जब भी देखती हूं मेरी पैन्टी गीली हो जाती है और फिर पूरा दिन गीली पैन्टी ही पहनना पड़ता है और तू सिर्फ इसके होंठो के बारे में ही सोच रही है सोच जब ये इतना खूबसूरत है तो इसका लण्ड भी इसी की तरह सुंदर होगा हाय मेरी जान मेरी मुनिया तो बस इसे ही सोच कर झरना बनी हुई है काश एक इसका लण्ड देखने को मिल जाए बस एक बार चूसने को मिल जाए तो मैं तो अपनी पढ़ाई पूरी समझ लूंगी

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वही रजत भी एक बार सभी लड़कियों को देखता है तो पाता है की ज्यादा से ज्यादा लड़कियां उसे ही देख रही है लेकिन उसकी नजरे तो बस हिमानी को खोज रही थी लेकिन उसे आज हिमानी कहीं भी नजर नहीं आ रही थी तभी उसकी नज़र शिवानी से टकराती है उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आंखे बस रजत को ही देख रही थी रजत भी एक बार उसे देख कर प्यारी सी स्माइल करता है जिसके बदले में शिवानी भी उसे प्यारी सी स्माइल देती है और फिर रजत सामने की ओर देखने लगता है।


लेकिन इधर शिवानी की चूत ने तो उससे बगावत ही कर बैठी उसकी चूत पानी पे पानी छोड़े जा रही थी अभी उसके लिए ये ही काफी नहीं था जब उसकी नजरे अपने अगल बगल बैठी लड़कियों को देखा तो उसे अहसास हुआ की रजत की वो स्माइल कितनी ज्यादा खतरनाक है उसके अगल बगल बैठी उसकी फ्रेंड बस उसे गुस्से से ही देखे जा रही थी।


अभी तक तो रजत ने लड़कियों की चूत गीली करके रक्खी थी की तभी रजत की मां क्लास के अंदर आ जाती है और बस उसके अंदर आते ही सभी के सभी छात्र खड़े होकर उसे ग्रीड करते है लेकिन लड़के तो लड़के लड़कियां भी अब अपनी आंखे फाड़े बस कोमल को देखे जा रहे थे और इधर पीछे कुछ लड़के तो बैठना ही भूल गए क्यूंकि कोमल ने सबकी ग्रीड को स्वीकार कर उन्हे वापस बैठने को तुरंत ही कहां था लेकिन बहुत से लड़कों को उन्हे कोमल की कोई आवाज ही नहीं सुनाई दी

जिस कारण वो लोग अभी भी खड़े होकर बस कोमल को देखे जा रहे थे और उनके बगल में बैठे उसके मित्र ये देख हसे जा रहे थे।


कोमल–what happened to you guys?, "I said to sit down"


और तब जाके वो लड़के दोबारा से कहने पर बैठे वही नवीन और उसका दोस्त ललित दोनो की ही हालत खराब हो चुकी थी दोनो के ही लौड़े टाइट हो चुके थे।


नवीन...यार मैम क्या लगती है क्लास में आते ही लण्ड खड़ा कर दिया यार ये बवाल है काश ये मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए तो मैं इस क्लास की सारी लड़कियां तेरे लिए छोड़ दूं काश इसका सोने जैसा चमकता हुस्न मेरी बाइक मेरे बेड और मेरी बाहों होता तो कितना मजा आता और फिर वो एक हाथ से अपने लण्ड को मसलते हुए बोला


आह साली रण्डी रोजाना सुबह सुबह ही लण्ड खड़ा करके चली जाती है आहहह

क्या फिगर है।


ललित–हां भाई इसे देखकर किसका नही खड़ा होता होगा अभी अगर पूरी क्लास के लण्ड देखे जाए तो सभी के सभी खड़े होकर बस इसे सलामी मार रहे होंगे।


नवीन–अबे बहन के लौड़े वो तेरी भाभी है और मेरी होने वाली नई गर्लफ्रेंड और तेरी ये मजाल तू मेरी गर्लफ्रेंड को देख अपना लण्ड खड़ा करे साले तेरा लण्ड काट के फेंक दूंगा अभी के अभी इसे नीचे कर।


ये सुनते ही ललित की गांड़ फट जाती है वो भूल कर भी नवीन को ना नही कर सकता था आज अगर इस स्कूल में ललित जो कुछ भी था उसके पीछे नवीन ही था नवीन की वजह से ही उसने दूसरी गर्लफ्रेंड बनाई थी हां ये बात और थी की वह नवीन की छोड़ी हुई थी जिसकी नवीन ने चोद चोद कर फाड़ दी थी और अब उसे ललित चोद रहा था लेकिन फिर भी ललित अच्छी तरह जानता था वह अपने दम पर लड़की तो छोड़ो एक मक्खी भी नही चोद सकता फिर लड़की को चोदना तो उसके सपने जैसा होगा और यही नहीं ललित के छोटे मोटे सौक के खर्चे भी ललित ही उठाता है तो इस हालत में वह उसे गुस्सा नही कर सकता।


ललित–(थोड़ा घबराते हुए) ल ले लेकिन लेकिन भाई ये कैसे हो सकता है भला इसमें मैं कैसे क्या कर सकता हूं भाई वो इतनी हॉट और सेक्सी अरे सॉरी सॉरी भाई मुझे माफ कर दो।


नवीन ललित की शक्ल और उसकी हालत को देख अपनी हसी ना रोक पाया अभी वह ललित को और परेशान करता लेकिन उसकी चेहरा देख नवीन की हसी उससे कंट्रोल ना हुई और फिर वह हस्ते हुए बोला।


नवीन–अबे मैं मजाक कर रहा था अपना चेहरा तो देख कैसा बनाया है ऐसा लगता है मैने अभी अभी तेरी गांड़ मारी है वो भी बिना तेल के हाहाहाहा मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता की उस मादरचोद की मां को कौन कौन बुरी नजर से देखता है और मैं तो खुद चाहता हूं की वो रण्डी पूरी क्लास से चुदवाए ये गाँडू रजत बस अपनी मां को चुदते हुए देखता रहे।


ललित नवीन की बात सुन उसे थोड़ा राहत मिलती है और फिर वह भी एक बनावटी स्माइल देकर हसने लगता है।


इधर कोमल एक बार पूरी क्लास पर अपनी नजर दौड़ती है और फिर प्रजेंटी लेने लगती है और उसके बाद वह अपना सब्जेक्ट इंग्लिश पढ़ाने लगती है।
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Amezig... Superb...
 

Rajm1990

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इधर रजत अपनी मां से स्कूटी ले कर पार्किंग में आ जाता है और जैसे ही वह पार्किंग के अंदर आता है तो उसकी नजर एक बाइक पर पड़ती है जिसे वह ललचाई नजरों से देखने लगता है ये एक काले रंग की रॉयल इनफील्ड बाइक थी जो की उसी की क्लास का एक लड़का लेके आता था जिसे देख रजत एक पल के लिए खो ही जाता है वह काले रंग की रॉयल इनफील्ड उस पार्किंग में खड़ी सभी बाइक में से अलग दिख रही थी अभी रजत अपनी ही सोच में डूबा था की अचानक ही उसकी स्कूटी का क्लच उससे छूटते छूटते रह जाता है जिसे वह बड़ी ही फुर्ती से कंट्रोल कर लेता है और फिर वह जल्दी से अपनी स्कूटी को एक जगह पार्क कर अपनी क्लास की ओर भाग लेता है।


अब आगे–



इधर ऑफिस में कोमल जैसे ही अंदर आती है और जैसे ही मिश्रा की नजर कोमल पर पड़ती है तो उसका मुंह खुला का खुला रह जाता है कोमल एक हरी रंग की साड़ी में बिल्कुल किसी आसमान से आई कोई अप्सरा सी जान पड़ रही थी वह उसका चेहरे की चमक उसके होठों की लाली उसके मध्यम वर्गीय स्तन और सबसे आकर्षक उसके सपाट पेट पर वो गहरी नाभी ऐसे दिख रही रही थी मानो सारे संसार की काम वासना उस नाभी में ही समाहित हो जिसे देख मिश्रा का अंग अंग काम वासना से भर उठा उसकी पलके झपकने का नाम ही नहीं ले रही थी।

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अभी उसके लिए इतना ही काफी नहीं था जब कोमल ने जल्दी प्रेजेंटी रजिस्टर उठाया और बिना मिश्रा से कुछ कहे या उसकी तरफ देखे ही वापिस जाने लगी।


मिश्रा एक बार फिर स्तब्ध रह गया उसका छोटा सा हथियार उससे बगावत करने लगा जब मिश्रा ने कोमल को तेजी से जाते देखा कोमल चाल से उसकी हरे रंग की साड़ी से लिपटी उसकी गांड़ आज मिश्रा पर कहर ढा रही थी जैसे ही कोमल मिश्रा की आंखों से ओझल होने को हुई मिश्रा हड़बड़ा कर जल्दी से उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और कार्यालय के गेट पर ही आकर खड़ा हो गया और वह कोमल की मटकती उस गांड़ अपने दूर जाते हुए देखने लगा।

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कोमल के हर एक कदम पर उसके लंबे बाल जिन्हे आज उसे बस एक रबर बैंड लगा कर ऐसे ही खुला छोड़ दिया था आज उसने ना तो बाल बांधे थे और ना ही कोई मेक अप किया कोमल के वो बाल उसके चलने से कभी इधर तो कभी उधर आ रहे थे जिसे मिश्रा को कोमल के उन बालो से जलन सी होने लगी।


वह सोचने लगा काश वह आज कोमल के बालों का हिस्सा होता तो आज वह इस खूबसूरत स्त्री के नितम्भ बिल्कुल ऐसे ही चिपका होता जैसे की अभी उसके ये बाल उसकी गांड़ से चिपके हुए है कार्यालय के गेट पर खड़े खड़े मिश्रा बस कोमल को ही घूरे जा रहा था जब तक वह उसकी आंखो से ओझल ना हो गई तब तक वह बस उसे ही देखे जा रहा था फिर मुड़ते हुए अपने ही आप में बोला –काश ये मेरी हो जाए काश मैं इस फूल का रस चख सकू काश ये मेरी बाहों पूरी तरह नग्न होकर मदहोशी में मुझे प्यार करे आह कितना मजा आयेगा वो पल कितना हसीन होगा और ये ही सब सोचते हुए उसका लिंग उसके पैंट के अंदर ही झटके मारने लगा।


अब वह अपनी कुर्सी की ओर बढ़ने लगा दरसल अभी कार्यालय खाली ही था सभी स्टाफ टीचर अपनी अपनी क्लास में थे मिश्रा जो की इस स्कूल में एक क्लर्क का कार्य करता था वो अभी अपने उसी कार्यालय में बैठा था ये उसी का ऑफिस था और साथ साथ ही स्कूल का स्टाफ भी यही पर बैठता था जब वो फ्री टाइम में होते थे।


इधर रजत भी जल्दी से अपनी क्लास में घुस गया और जैसे ही वह अंदर आया क्लास की आधे से ज्यादा लड़कियां रजत की लुक को देख उसपे मर मिटी कोई उसे देख अपने दातों तले होंठ दबाता तो अपनी जांघो को जोर से भींचता तो कोई कोई तो अपनी सांसों को फूला कर अपने स्तनों के उभार को ऐसे बढ़ा देता मानो रजत अभी उनके स्तनों को पकड़ कर मसलने आने वाला है, ऐसा नहीं था की सिर्फ रजत ही पूरी क्लास का एक अकेला मात्रा हैंडसम हीरो था वहां पर कई हैंडसम और मस्त से दिखने वाले लड़के थे और एक तो उन सबका बाप ही था नवीन जिसकी पर्सनालिटी को मात देना पूरी क्लास में किसी के बस की बात नहीं थी ऊपर से वो एक अमीर बाप की औलाद भी था उसके बाप का नाम ही काफी था की लोगो की पैंट गीली हो जाती थी।


हां चलो माना की मेरे हीरो के पास आज उतना पैसा नहीं था लेकिन अपने हीरो की पर्सनालिटी की बात ही अलग थी क्लास की अगर आधे से ज्यादा लड़कियां पैसों की वजह से नवीन के पीछे जाती थी तो भी वही अभी अनेकों लड़कियां थी जो सिर्फ रजत की बस एक लुक पर मर मिटने को तैयार थी।


रजत अपनी मां की वजह से ही क्लास की सबसे आगे वाली रॉ में हमेशा बैठता था वैसे उसे ये जगह बिल्कुल भी पसंद नही थी वो तो हमेशा लास्ट बेंचर ही रहा है रजत एक बार हशरत भारी निगाह से उस लास्ट बेंच को देखता है और फिर उस पर बैठे अपने सहपाठियों को देखा और फिर मायूस होकर आगे वाली सीट पर बैठ गया।


एक लड़की अपनी जांघो को भींचते हुए अपनी बगल वाली फ्रेंड से बोली–यार देख ये कितना हैंडसम कितना क्यूट और कितना खूबसूरत बिल्कुल किसी सपने के राजकुमार जैसा इसके होंठ तो देखो कितने गुलाबी है मेरा मन तो बस इसके होंठो को चूसने का कर रहा है।


दूसरी लड़की बोली–मात्र इसकी वजह से ही मैंने पैन्टी पहनना छोड़ दिया इसको जब भी देखती हूं मेरी पैन्टी गीली हो जाती है और फिर पूरा दिन गीली पैन्टी ही पहनना पड़ता है और तू सिर्फ इसके होंठो के बारे में ही सोच रही है सोच जब ये इतना खूबसूरत है तो इसका लण्ड भी इसी की तरह सुंदर होगा हाय मेरी जान मेरी मुनिया तो बस इसे ही सोच कर झरना बनी हुई है काश एक इसका लण्ड देखने को मिल जाए बस एक बार चूसने को मिल जाए तो मैं तो अपनी पढ़ाई पूरी समझ लूंगी

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वही रजत भी एक बार सभी लड़कियों को देखता है तो पाता है की ज्यादा से ज्यादा लड़कियां उसे ही देख रही है लेकिन उसकी नजरे तो बस हिमानी को खोज रही थी लेकिन उसे आज हिमानी कहीं भी नजर नहीं आ रही थी तभी उसकी नज़र शिवानी से टकराती है उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आंखे बस रजत को ही देख रही थी रजत भी एक बार उसे देख कर प्यारी सी स्माइल करता है जिसके बदले में शिवानी भी उसे प्यारी सी स्माइल देती है और फिर रजत सामने की ओर देखने लगता है।


लेकिन इधर शिवानी की चूत ने तो उससे बगावत ही कर बैठी उसकी चूत पानी पे पानी छोड़े जा रही थी अभी उसके लिए ये ही काफी नहीं था जब उसकी नजरे अपने अगल बगल बैठी लड़कियों को देखा तो उसे अहसास हुआ की रजत की वो स्माइल कितनी ज्यादा खतरनाक है उसके अगल बगल बैठी उसकी फ्रेंड बस उसे गुस्से से ही देखे जा रही थी।


अभी तक तो रजत ने लड़कियों की चूत गीली करके रक्खी थी की तभी रजत की मां क्लास के अंदर आ जाती है और बस उसके अंदर आते ही सभी के सभी छात्र खड़े होकर उसे ग्रीड करते है लेकिन लड़के तो लड़के लड़कियां भी अब अपनी आंखे फाड़े बस कोमल को देखे जा रहे थे और इधर पीछे कुछ लड़के तो बैठना ही भूल गए क्यूंकि कोमल ने सबकी ग्रीड को स्वीकार कर उन्हे वापस बैठने को तुरंत ही कहां था लेकिन बहुत से लड़कों को उन्हे कोमल की कोई आवाज ही नहीं सुनाई दी

जिस कारण वो लोग अभी भी खड़े होकर बस कोमल को देखे जा रहे थे और उनके बगल में बैठे उसके मित्र ये देख हसे जा रहे थे।


कोमल–what happened to you guys?, "I said to sit down"


और तब जाके वो लड़के दोबारा से कहने पर बैठे वही नवीन और उसका दोस्त ललित दोनो की ही हालत खराब हो चुकी थी दोनो के ही लौड़े टाइट हो चुके थे।


नवीन...यार मैम क्या लगती है क्लास में आते ही लण्ड खड़ा कर दिया यार ये बवाल है काश ये मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए तो मैं इस क्लास की सारी लड़कियां तेरे लिए छोड़ दूं काश इसका सोने जैसा चमकता हुस्न मेरी बाइक मेरे बेड और मेरी बाहों होता तो कितना मजा आता और फिर वो एक हाथ से अपने लण्ड को मसलते हुए बोला


आह साली रण्डी रोजाना सुबह सुबह ही लण्ड खड़ा करके चली जाती है आहहह

क्या फिगर है।


ललित–हां भाई इसे देखकर किसका नही खड़ा होता होगा अभी अगर पूरी क्लास के लण्ड देखे जाए तो सभी के सभी खड़े होकर बस इसे सलामी मार रहे होंगे।


नवीन–अबे बहन के लौड़े वो तेरी भाभी है और मेरी होने वाली नई गर्लफ्रेंड और तेरी ये मजाल तू मेरी गर्लफ्रेंड को देख अपना लण्ड खड़ा करे साले तेरा लण्ड काट के फेंक दूंगा अभी के अभी इसे नीचे कर।


ये सुनते ही ललित की गांड़ फट जाती है वो भूल कर भी नवीन को ना नही कर सकता था आज अगर इस स्कूल में ललित जो कुछ भी था उसके पीछे नवीन ही था नवीन की वजह से ही उसने दूसरी गर्लफ्रेंड बनाई थी हां ये बात और थी की वह नवीन की छोड़ी हुई थी जिसकी नवीन ने चोद चोद कर फाड़ दी थी और अब उसे ललित चोद रहा था लेकिन फिर भी ललित अच्छी तरह जानता था वह अपने दम पर लड़की तो छोड़ो एक मक्खी भी नही चोद सकता फिर लड़की को चोदना तो उसके सपने जैसा होगा और यही नहीं ललित के छोटे मोटे सौक के खर्चे भी ललित ही उठाता है तो इस हालत में वह उसे गुस्सा नही कर सकता।


ललित–(थोड़ा घबराते हुए) ल ले लेकिन लेकिन भाई ये कैसे हो सकता है भला इसमें मैं कैसे क्या कर सकता हूं भाई वो इतनी हॉट और सेक्सी अरे सॉरी सॉरी भाई मुझे माफ कर दो।


नवीन ललित की शक्ल और उसकी हालत को देख अपनी हसी ना रोक पाया अभी वह ललित को और परेशान करता लेकिन उसकी चेहरा देख नवीन की हसी उससे कंट्रोल ना हुई और फिर वह हस्ते हुए बोला।


नवीन–अबे मैं मजाक कर रहा था अपना चेहरा तो देख कैसा बनाया है ऐसा लगता है मैने अभी अभी तेरी गांड़ मारी है वो भी बिना तेल के हाहाहाहा मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता की उस मादरचोद की मां को कौन कौन बुरी नजर से देखता है और मैं तो खुद चाहता हूं की वो रण्डी पूरी क्लास से चुदवाए ये गाँडू रजत बस अपनी मां को चुदते हुए देखता रहे।


ललित नवीन की बात सुन उसे थोड़ा राहत मिलती है और फिर वह भी एक बनावटी स्माइल देकर हसने लगता है।


इधर कोमल एक बार पूरी क्लास पर अपनी नजर दौड़ती है और फिर प्रजेंटी लेने लगती है और उसके बाद वह अपना सब्जेक्ट इंग्लिश पढ़ाने लगती है।
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Behtreen update
 

Harman11

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Update please Bhai
 

Singhs

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Update 3
ललित नवीन की बात सुन उसे थोड़ा राहत मिलती है और फिर वह भी एक बनावटी स्माइल देकर हसने लगता है।


इधर कोमल एक बार पूरी क्लास पर अपनी नजर दौड़ती है और फिर प्रजेंटी लेने लगती है और उसके बाद वह अपना सब्जेक्ट इंग्लिश पढ़ाने लगती है।



अब आगे –



कोमल अपनी क्लास को खत्म कर चली जाती है हां जाने से पहले वह एक बार हिमानी के बारे जरूर पूछती है।


कोमल–रीतू हिमानी नही दिख रही है, क्या आज वह स्कूल नही आई है? क्या कोई प्राब्लम है?


रीतू–मैम उसने मुझे आज ना आने के बारे में कुछ भी नही बताया था।


कोमल–ओ अच्छा (थोड़ा उदास होते हुए) दरसल हिमानी कोमल की पसंददिदा स्टूडेंट थी और हो भी क्यूं ना हिमानी एक ऐसा कैरेक्टर जो ढूढने से भी नही मिलता और कोमल की फेवरेट होने का एक और रीजन था क्यूंकि कोमल हिमानी में अपना बचपना देखती थी हिमानी पूरी क्लास में सबसे सुंदर लड़की थी और इसके साथ ही वह पढ़ने में भी बहुत तेज़ भी किसी जमाने में कोमल भी उसी की तरह अपने क्लास की सबसे सुंदर लड़की हुआ करती थी और पढ़ाई में तो उसने हमेशा टॉप किया था लेकिन एक बात थी जो इन दोनो में थोड़ा अलग था और वो ये जहां हिमानी बहुत ही शांत स्वभाव की लड़की थी वही कोमल चुलबुली हुआ करती थी और इसी कारण वह अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों काफी चर्चित हुआ करती थी। खैर उसके बाद कोमल बाहर निकल जाती है और उसके निकलते ही रजत अपनी सीट बदल देता है ऐसा वो रोजाना करता था वो कोमल के लिए आगे बैठता और जैसे ही उसकी क्लास खत्म होती तो वो अपनी पसंददीदा जगह पर ही जाकर बैठता और उसकी पसंदीदा जगह उस क्लास की लास्ट बेंच थी जिस पर दो लड़के हमेशा बैठे होते और वो भी रजत के आने का ही इंतजार किया करते।



चिराग और चीनू ये दो लड़के रजत के बेस्ट फ्रेंड थे ये दोनो भी एक साधारण परिवार से ही आते थे इनके परिवार का विवरण तब ही दिया जाएगा जब उसकी जरूरत होगी।


रजत–अबे चोमू कल तू प्ले ग्राउंड क्यूं नही आया हम सब तेरा ही इंतजार कर रहे थे साले तेरी वजह से ही हम कल का मैच हार गए और वो मादरचोद बाजपेई साले को खेलने को नही मिला तो जान बुझ कर कैचेज छोड़ रहा था उसके जैसा मक्कार आदमी नही देखा अरे भाई हम लोग कोई मजे के लिए तो नही खेल रहे थे आखिर कल टूर्नामेंट था लेकिन बहन चोद को खेलने को नही मिला तो फील्डिंग में गद्दारी कर गया।


चिराग–मैं तो तेरे से पहले ही कह रहा था इस मादरचोद बाजपेई और रघू पे भरोसा नही कर सकते तूने देखा नही रघु की बोलिंग कितनी गंदी थी साला हर एक ओवर में पिट रहा था।


रजत–अब क्या करे ये सब इन जनाब की वजह से हुआ अगर ये आया होता तो बोलिंग ये संभालता और फील्डिंग हम दोनो वैसे अभी तक तूने बताया नही तू आया क्यूं नही था।


चीनू–यार कल लड़के वाले दीदी को देखने आए थे जिसकी वजह से नही आ सका मैं तो तुम लोगो को भी बुलाना चाहता था लेकिन मुझे पता था कल का क्रिकेट इंपॉर्टेंट है इसलिए फिर मैने तुम दोनो को नही बुलाया लेकिन अगर मुझे मालूम होता मेरा होना इतना जरूरी है तो फिर मैं कैसे भी करके आने की पूरी कोशिश करता।


अभी ये सभी आपस में बाते कर ही रहे थे की रागिनी मैम अंदर आ जाती है रागिनी मैम इस स्कूल की दूसरी बोल्ड टीचर इनकी तारीफ जितनी की जाए उतना ही कम है और आज तो शायद ये अपनी क्लास लेने नही बल्कि बच्चो की गांड़ फाड़ने आई थी क्यूंकि आज उसने एक ब्लैक कॉलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसके साथ ही स्लीवलेस ब्लैक ब्लाउज जिसमे वो बिल्कुल काम वासना से लिपटी कोई अप्सरा नजर आ रही थी इसकी चूचियां कोमल की चुचियों से बड़ी थी और इसका जिस्म भी थोड़ा गदराया भी था और इसका सबसे आकर्षक अंग इसकी हाहाकारी गांड़ जो बाहर को निकली हुई थी और जब ये चलती तो वह ऐसे हिलती जैसे "रज्जो का कोठा"

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रागिनी मैथ की टीचर थी उसके आते ही पूरी क्लास में खामोशी छा जाती है और सब उसे ही ताड़ने लगते है अभी कुछ देर पहले ही जो लण्ड थोड़े बहुत ढीले पड़े होंगे वो एक बार फिर से अपना सर उठाने लगे और फिर आज की तरह सारे लड़के रागिनी के गदराए जिस्म को देख वह कोमल के जिस्म से तुलना करने लगे वह सभी अपने मन में दोनो को नंगा कर सोचने लगे की कौन सबसे मस्त दिखता होगा ओबियस ज्यादा वोट तो कोमल के ही पछ में गिरने वाले थे पर अभी शायद रागिनी को देखने की जरूरत सभी को थी मानो जैसे वो कोई अमृत दश्य हो जिसे देखने से सुकून मिलता हो हां सही कहां सुकून ही तो मिलता है देखने वाले को भी और दिखाने वाले को भी 🤫


यहां अपना रजत भी कैसे शांत रहता वो भी आंखे फाड़े अपनी रागिनी मैम के जलवे देख हैरान था रागिनी के आगे की घुराली लटे उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे रागिनी जिसकी उम्र अभी 25 वर्ष थी वह खुद भी किसी भी तरह से टीचर नही बल्कि उनकी ही क्लास की कोई सहछात्रा ही दिख रही थी।

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इधर जब रागिनी ने देखा की क्लास के सारे ही लड़के बस उसे ही ताड़ रहे है तो वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हो जाती है और अपने मन सोचने लगती है।


वाह रागिनी देख ये लड़के कैसे तुछे ताड़ रहे है देख रही है इनकी नजरे तेरे किन किन को अब तक तो ना जाने कितनी बार नंगा कर चुके होंगे और फिर रागिनी एक बार नवीन और रजत को अच्छी तरह से देखती है तो पाती है की वो दोनो भी बस उसे ही घूरे जा रहे थे जिसे देख रागिनी अंदर ही अंदर सिहर जाती है और उसके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान आ जाती है।


इसके कुछ देर बाद रागिनी अपना सब्जेक्ट रिवीजन करवाती है आज उसका मन पढ़ाने में बिल्कुल भी नही था वह पहले लड़कियों के पास जाकर उन्हें कुछ क्वेश्चन देती है जिन्हे उनको सॉल्व करना था और उसके बाद वो कुछ क्वेश्चन लडको को देती है क्वेश्चन दोनो ही पछ के हार्ड थे जिनको आसानी से तो नहीं सोल्ब किया जा सकता था लेकिन कुछ बच्चे थे जो पढ़ने में थोड़ा होशियार थे जिन्होंने जल्द ही उन सभी क्वेश्चन के हल जल्दी से खोज निकाले नवीन जिसको ये क्वेश्चन नही आते थे लेकिन उसने रागिनी का दिल जीतने के लिए चीटिंग करली और इधर रजत उसके भी 2 ही क्वेश्चन सॉल्व हुए थे जब रागिनी सभी की नोटबुक चेक करने को उनके पास जाती और झुककर उनकी नोटबुक देखती तो उसकी चूचियां नीचे को लटक जाती और रागिनी के बड़े क्लीवेज से उसके चूचियों की बड़ी सी घाटी अच्छे से दिखने लगती लेकिन रागिनी तो अच्छे से जानती थी और वह तो खुद ऐसा ही चाहती थी वह बस चोर नज़रों से उनकी नजरों को देखती और फिर झूठा गुस्सा दिखाते हुए आगे बढ़ जाती ऐसे ही जब वह नवीन के पास आई तब नवीन ने भी अपनी नजरे उसकी चूचियों में ही गड़ा दिया और वह उसकी चुचियों को घूरते हुए अपने होंठो पर जीभ फेरने लगा जिसे देख रागिनी बस शांती से कभी कभी उसकी नजरों को देखती वह अभी नवीन के लिए थोड़ा परेशान थी उसने नवीन पर अपना गुस्सा तो जाहिर नही किया क्यूंकि वह जानती थी नवीन एक बड़ी हस्ती है और उसे ऐसे डायरेक्ट ओफेंड करना सही नहीं था इसके बाद वह वहां से रजत की ओर आती है और रजत की टेबल के पास आके खड़ी हो जाती है।


वही रजत को जैसे आभास होता है तो वह भी अपनी गर्दन उठाने लगता है लेकिन अभी वह अपनी गर्दन उठा कर रागिनी की नजरों से मिलाता उससे पहले ही उसकी नजर एक जगह पर आके ठहर गई दरसल रागिनी जब नवीन के पास से आई तो उसकी साड़ी उसके पेट से हट गई और उसकी गहरी नाभी दिखने लगी जो अभी रजत की बिल्कुल आंखो के सामने और उसके बहुत ही करीब थी जिसे देख वह बुत ही बन गया वही चिराग और चीनू अभी अपनी नोटबुक में लगे हुए थे वो दोनो ही डरे से लग रहे थे और इसीलिए अपनी नजरे ऊपर नही कर पा रहे थे वो जानते थे की अगर उन दोनो ने मैम से नजरे मिलाई तो मैम जरूर उनसे पूछ बैठेंगी जबकि अगर वो ऐसे ही बैठे रहे तो मैम उनको छोड़ आगे बढ़ जाएगी।


लेकिन यहां तो शीन ही अलग था रजत रागिनी की नाभी में ऐसे खो गया था जैसे वह गहरे संदर में उतर गया हो और जब रागिनी ने रजत की नजरों का पीछा किया तो उसके चेहरे पर हैरानी के साथ मुस्कान आए बिना रह ना पाई और मन में सोचने लगी।


रागिनी (अपने मन में) ये भी नहीं रजत मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी और देखो तो कैसे मेरे नंगे पेट को देख रहा है मतलब ये भी सभी की तरह ही है।


रजत (अपने मन में) यार ये मैम को भगवान ने कितना मस्त बनाया है देखो तो कोई इनकी खूबसूरती पर नजर ना लगा सके इसलिए भगवान ने मैम की कमर पर काला तिल भी दे दिया ये कितना खूबसूरत है काश मैम अपनी कमर में कमर चैन और पहन ले तो कितनी मस्त दिखे।

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इधर जब रागिनी रजत की नजरों को बर्दाश्त नहीं कर पाती तो वह वहां से हट कर फिर से लड़कियों की ओर बढ़ जाती है और उनकी नोटबुक चेक करने चली जाती है लेकिन फिर अचनाक ही वह एक बार मुडकर देखती है तो पाती है की रजत अपनी नोटबुक में झुकापड़ा है जिसे देख रागिनी अपने सर पर हल्के से हांथ मारती है और हस पड़ती है और उसके मुंह से बस इतना ही निकलता है (बुद्धू)



और फिर ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है स्कूल की लीव के बाद कोमल और रजत फिर से एक ही स्कूटी में बैठकर अपने घर की ओर निकल पड़ते है।
 
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