Update 2
इधर रजत अपनी मां से स्कूटी ले कर पार्किंग में आ जाता है और जैसे ही वह पार्किंग के अंदर आता है तो उसकी नजर एक बाइक पर पड़ती है जिसे वह ललचाई नजरों से देखने लगता है ये एक काले रंग की रॉयल इनफील्ड बाइक थी जो की उसी की क्लास का एक लड़का लेके आता था जिसे देख रजत एक पल के लिए खो ही जाता है वह काले रंग की रॉयल इनफील्ड उस पार्किंग में खड़ी सभी बाइक में से अलग दिख रही थी अभी रजत अपनी ही सोच में डूबा था की अचानक ही उसकी स्कूटी का क्लच उससे छूटते छूटते रह जाता है जिसे वह बड़ी ही फुर्ती से कंट्रोल कर लेता है और फिर वह जल्दी से अपनी स्कूटी को एक जगह पार्क कर अपनी क्लास की ओर भाग लेता है।
अब आगे–
इधर ऑफिस में कोमल जैसे ही अंदर आती है और जैसे ही मिश्रा की नजर कोमल पर पड़ती है तो उसका मुंह खुला का खुला रह जाता है कोमल एक हरी रंग की साड़ी में बिल्कुल किसी आसमान से आई कोई अप्सरा सी जान पड़ रही थी वह उसका चेहरे की चमक उसके होठों की लाली उसके मध्यम वर्गीय स्तन और सबसे आकर्षक उसके सपाट पेट पर वो गहरी नाभी ऐसे दिख रही रही थी मानो सारे संसार की काम वासना उस नाभी में ही समाहित हो जिसे देख मिश्रा का अंग अंग काम वासना से भर उठा उसकी पलके झपकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
अभी उसके लिए इतना ही काफी नहीं था जब कोमल ने जल्दी प्रेजेंटी रजिस्टर उठाया और बिना मिश्रा से कुछ कहे या उसकी तरफ देखे ही वापिस जाने लगी।
मिश्रा एक बार फिर स्तब्ध रह गया उसका छोटा सा हथियार उससे बगावत करने लगा जब मिश्रा ने कोमल को तेजी से जाते देखा कोमल चाल से उसकी हरे रंग की साड़ी से लिपटी उसकी गांड़ आज मिश्रा पर कहर ढा रही थी जैसे ही कोमल मिश्रा की आंखों से ओझल होने को हुई मिश्रा हड़बड़ा कर जल्दी से उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और कार्यालय के गेट पर ही आकर खड़ा हो गया और वह कोमल की मटकती उस गांड़ अपने दूर जाते हुए देखने लगा।
कोमल के हर एक कदम पर उसके लंबे बाल जिन्हे आज उसे बस एक रबर बैंड लगा कर ऐसे ही खुला छोड़ दिया था आज उसने ना तो बाल बांधे थे और ना ही कोई मेक अप किया कोमल के वो बाल उसके चलने से कभी इधर तो कभी उधर आ रहे थे जिसे मिश्रा को कोमल के उन बालो से जलन सी होने लगी।
वह सोचने लगा काश वह आज कोमल के बालों का हिस्सा होता तो आज वह इस खूबसूरत स्त्री के नितम्भ बिल्कुल ऐसे ही चिपका होता जैसे की अभी उसके ये बाल उसकी गांड़ से चिपके हुए है कार्यालय के गेट पर खड़े खड़े मिश्रा बस कोमल को ही घूरे जा रहा था जब तक वह उसकी आंखो से ओझल ना हो गई तब तक वह बस उसे ही देखे जा रहा था फिर मुड़ते हुए अपने ही आप में बोला –काश ये मेरी हो जाए काश मैं इस फूल का रस चख सकू काश ये मेरी बाहों पूरी तरह नग्न होकर मदहोशी में मुझे प्यार करे आह कितना मजा आयेगा वो पल कितना हसीन होगा और ये ही सब सोचते हुए उसका लिंग उसके पैंट के अंदर ही झटके मारने लगा।
अब वह अपनी कुर्सी की ओर बढ़ने लगा दरसल अभी कार्यालय खाली ही था सभी स्टाफ टीचर अपनी अपनी क्लास में थे मिश्रा जो की इस स्कूल में एक क्लर्क का कार्य करता था वो अभी अपने उसी कार्यालय में बैठा था ये उसी का ऑफिस था और साथ साथ ही स्कूल का स्टाफ भी यही पर बैठता था जब वो फ्री टाइम में होते थे।
इधर रजत भी जल्दी से अपनी क्लास में घुस गया और जैसे ही वह अंदर आया क्लास की आधे से ज्यादा लड़कियां रजत की लुक को देख उसपे मर मिटी कोई उसे देख अपने दातों तले होंठ दबाता तो अपनी जांघो को जोर से भींचता तो कोई कोई तो अपनी सांसों को फूला कर अपने स्तनों के उभार को ऐसे बढ़ा देता मानो रजत अभी उनके स्तनों को पकड़ कर मसलने आने वाला है, ऐसा नहीं था की सिर्फ रजत ही पूरी क्लास का एक अकेला मात्रा हैंडसम हीरो था वहां पर कई हैंडसम और मस्त से दिखने वाले लड़के थे और एक तो उन सबका बाप ही था नवीन जिसकी पर्सनालिटी को मात देना पूरी क्लास में किसी के बस की बात नहीं थी ऊपर से वो एक अमीर बाप की औलाद भी था उसके बाप का नाम ही काफी था की लोगो की पैंट गीली हो जाती थी।
हां चलो माना की मेरे हीरो के पास आज उतना पैसा नहीं था लेकिन अपने हीरो की पर्सनालिटी की बात ही अलग थी क्लास की अगर आधे से ज्यादा लड़कियां पैसों की वजह से नवीन के पीछे जाती थी तो भी वही अभी अनेकों लड़कियां थी जो सिर्फ रजत की बस एक लुक पर मर मिटने को तैयार थी।
रजत अपनी मां की वजह से ही क्लास की सबसे आगे वाली रॉ में हमेशा बैठता था वैसे उसे ये जगह बिल्कुल भी पसंद नही थी वो तो हमेशा लास्ट बेंचर ही रहा है रजत एक बार हशरत भारी निगाह से उस लास्ट बेंच को देखता है और फिर उस पर बैठे अपने सहपाठियों को देखा और फिर मायूस होकर आगे वाली सीट पर बैठ गया।
एक लड़की अपनी जांघो को भींचते हुए अपनी बगल वाली फ्रेंड से बोली–यार देख ये कितना हैंडसम कितना क्यूट और कितना खूबसूरत बिल्कुल किसी सपने के राजकुमार जैसा इसके होंठ तो देखो कितने गुलाबी है मेरा मन तो बस इसके होंठो को चूसने का कर रहा है।
दूसरी लड़की बोली–मात्र इसकी वजह से ही मैंने पैन्टी पहनना छोड़ दिया इसको जब भी देखती हूं मेरी पैन्टी गीली हो जाती है और फिर पूरा दिन गीली पैन्टी ही पहनना पड़ता है और तू सिर्फ इसके होंठो के बारे में ही सोच रही है सोच जब ये इतना खूबसूरत है तो इसका लण्ड भी इसी की तरह सुंदर होगा हाय मेरी जान मेरी मुनिया तो बस इसे ही सोच कर झरना बनी हुई है काश एक इसका लण्ड देखने को मिल जाए बस एक बार चूसने को मिल जाए तो मैं तो अपनी पढ़ाई पूरी समझ लूंगी
वही रजत भी एक बार सभी लड़कियों को देखता है तो पाता है की ज्यादा से ज्यादा लड़कियां उसे ही देख रही है लेकिन उसकी नजरे तो बस हिमानी को खोज रही थी लेकिन उसे आज हिमानी कहीं भी नजर नहीं आ रही थी तभी उसकी नज़र शिवानी से टकराती है उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आंखे बस रजत को ही देख रही थी रजत भी एक बार उसे देख कर प्यारी सी स्माइल करता है जिसके बदले में शिवानी भी उसे प्यारी सी स्माइल देती है और फिर रजत सामने की ओर देखने लगता है।
लेकिन इधर शिवानी की चूत ने तो उससे बगावत ही कर बैठी उसकी चूत पानी पे पानी छोड़े जा रही थी अभी उसके लिए ये ही काफी नहीं था जब उसकी नजरे अपने अगल बगल बैठी लड़कियों को देखा तो उसे अहसास हुआ की रजत की वो स्माइल कितनी ज्यादा खतरनाक है उसके अगल बगल बैठी उसकी फ्रेंड बस उसे गुस्से से ही देखे जा रही थी।
अभी तक तो रजत ने लड़कियों की चूत गीली करके रक्खी थी की तभी रजत की मां क्लास के अंदर आ जाती है और बस उसके अंदर आते ही सभी के सभी छात्र खड़े होकर उसे ग्रीड करते है लेकिन लड़के तो लड़के लड़कियां भी अब अपनी आंखे फाड़े बस कोमल को देखे जा रहे थे और इधर पीछे कुछ लड़के तो बैठना ही भूल गए क्यूंकि कोमल ने सबकी ग्रीड को स्वीकार कर उन्हे वापस बैठने को तुरंत ही कहां था लेकिन बहुत से लड़कों को उन्हे कोमल की कोई आवाज ही नहीं सुनाई दी
जिस कारण वो लोग अभी भी खड़े होकर बस कोमल को देखे जा रहे थे और उनके बगल में बैठे उसके मित्र ये देख हसे जा रहे थे।
कोमल–what happened to you guys?, "I said to sit down"
और तब जाके वो लड़के दोबारा से कहने पर बैठे वही नवीन और उसका दोस्त ललित दोनो की ही हालत खराब हो चुकी थी दोनो के ही लौड़े टाइट हो चुके थे।
नवीन...यार मैम क्या लगती है क्लास में आते ही लण्ड खड़ा कर दिया यार ये बवाल है काश ये मेरी गर्लफ्रेंड बन जाए तो मैं इस क्लास की सारी लड़कियां तेरे लिए छोड़ दूं काश इसका सोने जैसा चमकता हुस्न मेरी बाइक मेरे बेड और मेरी बाहों होता तो कितना मजा आता और फिर वो एक हाथ से अपने लण्ड को मसलते हुए बोला
आह साली रण्डी रोजाना सुबह सुबह ही लण्ड खड़ा करके चली जाती है आहहह
क्या फिगर है।
ललित–हां भाई इसे देखकर किसका नही खड़ा होता होगा अभी अगर पूरी क्लास के लण्ड देखे जाए तो सभी के सभी खड़े होकर बस इसे सलामी मार रहे होंगे।
नवीन–अबे बहन के लौड़े वो तेरी भाभी है और मेरी होने वाली नई गर्लफ्रेंड और तेरी ये मजाल तू मेरी गर्लफ्रेंड को देख अपना लण्ड खड़ा करे साले तेरा लण्ड काट के फेंक दूंगा अभी के अभी इसे नीचे कर।
ये सुनते ही ललित की गांड़ फट जाती है वो भूल कर भी नवीन को ना नही कर सकता था आज अगर इस स्कूल में ललित जो कुछ भी था उसके पीछे नवीन ही था नवीन की वजह से ही उसने दूसरी गर्लफ्रेंड बनाई थी हां ये बात और थी की वह नवीन की छोड़ी हुई थी जिसकी नवीन ने चोद चोद कर फाड़ दी थी और अब उसे ललित चोद रहा था लेकिन फिर भी ललित अच्छी तरह जानता था वह अपने दम पर लड़की तो छोड़ो एक मक्खी भी नही चोद सकता फिर लड़की को चोदना तो उसके सपने जैसा होगा और यही नहीं ललित के छोटे मोटे सौक के खर्चे भी ललित ही उठाता है तो इस हालत में वह उसे गुस्सा नही कर सकता।
ललित–(थोड़ा घबराते हुए) ल ले लेकिन लेकिन भाई ये कैसे हो सकता है भला इसमें मैं कैसे क्या कर सकता हूं भाई वो इतनी हॉट और सेक्सी अरे सॉरी सॉरी भाई मुझे माफ कर दो।
नवीन ललित की शक्ल और उसकी हालत को देख अपनी हसी ना रोक पाया अभी वह ललित को और परेशान करता लेकिन उसकी चेहरा देख नवीन की हसी उससे कंट्रोल ना हुई और फिर वह हस्ते हुए बोला।
नवीन–अबे मैं मजाक कर रहा था अपना चेहरा तो देख कैसा बनाया है ऐसा लगता है मैने अभी अभी तेरी गांड़ मारी है वो भी बिना तेल के हाहाहाहा मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता की उस मादरचोद की मां को कौन कौन बुरी नजर से देखता है और मैं तो खुद चाहता हूं की वो रण्डी पूरी क्लास से चुदवाए ये गाँडू रजत बस अपनी मां को चुदते हुए देखता रहे।
ललित नवीन की बात सुन उसे थोड़ा राहत मिलती है और फिर वह भी एक बनावटी स्माइल देकर हसने लगता है।
इधर कोमल एक बार पूरी क्लास पर अपनी नजर दौड़ती है और फिर प्रजेंटी लेने लगती है और उसके बाद वह अपना सब्जेक्ट इंग्लिश पढ़ाने लगती है।