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Incest भोलू और सुमित्रा देवी

Damdardost

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नमस्कार साथियों कहानी के पिछले भाग में आप लोगों ने पढ़ा था की भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी की बड़ी गांड को पेटिकोट उठाकर नंगा कर दिया था और गांड के छेद से अपना लिंग सटाकर वीर्य छोड़ दिया था और फिर अगले दिन रोजाना की तरह सामान्य दिनचर्या व्यतीत हो जाने पर मैंने गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी से बात करना चाहा उस वक्त भोलू भी स्कूल गया हुआ था और सुमित्रा देवी वही अपने पुराने ब्लाउज और पेटिकोट पहने हुए घर में झाड़ू लगा रही थी तो मैंने उनसे कहा की
आंटी जी शायद आपके पेटिकोट पर पीछे कुछ लगा हुआ है तो सुमित्रा देवी पीछे अपने हाथ से साफ करते हुए बोली शायद भैया जी मिट्टी वगैरह लग गई है और मैं भी अपने काम में लग गया परंतु सुमित्रा देवी को शक तो हो ही गया था और उनके शक की पुष्टि मैं कर चुका था अब सुमित्रा देवी सीधे ही बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई और जैसा मैंने सोचा था शायद उसी के अनुसार फटाफट अपना पेटीकोट उतार कर उसे पीछे से कूल्हों की तरफ से ध्यान से देखने लगी कुछ ही देर में सुमित्रा देवी को अपनी उंगलियों पर कुछ चिपचिपाहट महसूस हुई उसे जब सुमित्रा देवी ने सूंघकर कर देखा तो वह समझ गई कि किसी ने उनके पेटीकोट पर अपना वीर्य गिराया है लेकिन तभी सुमित्रा देवी ने सोचा शायद 3 दिन पहले जब वो शाम को लगने वाले हॉट बाजार में सामान लेने गई थी तब अत्यधिक भीड़ होने के कारण और अपनी आदत के अनुसार नीचे झुककर सामान लेते वक्त किसी मनचले ने किया है क्योंकि उस दिन सुमित्रा देवी को भीड़ में किसी अनजान ने अपने लंण्ड का स्वाद चखाया था उस अनजान ने करीब दो-तीन मिनट तक पीछे से सुमित्रा देवी के कूल्हो मैं अपना नंगा लिंग सटाया था और शायद उसी का वीर्य पेटीकोट में लगा था अभी तक सुमित्रा देवी को अपने सगे बेटे भोलू पर जरा भी इस कारनामे का शक नहीं था​
 
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Delta101

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नमस्कार साथियों कहानी के पिछले भाग में आप लोगों ने पढ़ा था की भोलू ने अपनी मां सुमित्रा देवी की बड़ी गांड को पेटिकोट उठाकर नंगा कर दिया था और गांड के छेद से अपना लिंग सटाकर वीर्य छोड़ दिया था और फिर अगले दिन रोजाना की तरह सामान्य दिनचर्या व्यतीत हो जाने पर मैंने गोलू की मम्मी सुमित्रा देवी से बात करना चाहा उस वक्त भोलू भी स्कूल गया हुआ था और सुमित्रा देवी वही अपने पुराने ब्लाउज और पेटिकोट पहने हुए घर में झाड़ू लगा रही थी तो मैंने उनसे कहा की
आंटी जी शायद आपके पेटिकोट पर पीछे कुछ लगा हुआ है तो सुमित्रा देवी पीछे अपने हाथ से साफ करते हुए बोली शायद भैया जी मिट्टी वगैरह लग गई है और मैं भी अपने काम में लग गया परंतु सुमित्रा देवी को शक तो हो ही गया था और उनके शक की पुष्टि मैं कर चुका था अब सुमित्रा देवी सीधे ही बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई और जैसा मैंने सोचा था शायद उसी के अनुसार फटाफट अपना पेटीकोट उतार कर उसे पीछे से कूल्हों की तरफ से ध्यान से देखने लगी कुछ ही देर में सुमित्रा देवी को अपनी उंगलियों पर कुछ चिपचिपाहट महसूस हुई उसे जब सुमित्रा देवी ने सूंघकर कर देखा तो वह समझ गई कि किसी ने उनके पेटीकोट पर अपना वीर्य गिराया है लेकिन तभी सुमित्रा देवी ने सोचा शायद 3 दिन पहले जब वो शाम को लगने वाले हॉट बाजार में सामान लेने गई थी तब अत्यधिक भीड़ होने के कारण और अपनी आदत के अनुसार नीचे झुककर सामान लेते वक्त किसी मनचले ने किया है क्योंकि उस दिन सुमित्रा देवी को भीड़ में किसी अनजान ने अपने लंण्ड का स्वाद चखाया था उस अनजान ने करीब दो-तीन मिनट तक पीछे से सुमित्रा देवी के कूल्हो मैं अपना नंगा लिंग सटाया था और शायद उसी का वीर्य पेटीकोट में लगा था अभी तक सुमित्रा देवी को अपने सगे बेटे भोलू पर जरा भी इस कारनामे का शक नहीं था​
उम्दा.
 
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Damdardost

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नमस्कार साथियों सर्वप्रथम आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे सभी मित्रों को इस वर्ष मनचाही सफलताएं मिले मित्रों कहानी में आपने पिछले भाग में पढ़ा था भोलू अब तक अपनी योजना के अनुसार सफल होता जा रहा था क्योंकि इसमें मेरा भी सहयोग था हालांकि भोलू की मां सुमित्रा देवी को इस बात का जरा भी शक नहीं था की उनका सगा बेटा ही रात में सुमित्रा देवी के बड़े-बड़े और चौड़े कूल्हो मैं लंण्ड सटाकर मूतता है मैं देख रहा था कि पिछले कुछ दिनों से भोलू आराम से जीवन व्यतीत कर रहा था पहले की तरह अब उसे कोई जल्दबाजी नहीं थी और उधर सुमित्रा देवी भी अपने पड़ोस में रहने वाली महिलाओं से बातचीत कर रही थी तो शायद उन्हीं महिलाओं में से किसी एक ने भोलू की मां सुमित्रा देवी को पेटीकोट के अंदर चड्डी पहनने की सलाह दी थी उसी का परिणाम आज सुबह जब भोलू की मां सुमित्रा देवी नीचे झुक कर झाड़ू लगा रही थी तो मैंने देखा कि आज पेटीकोट में पीछे से चड्डी की दोनों लाइन वी शेप में उभर रही थी और उस चड्डी में कसी हुई सुमित्रा देवी की बड़ी व चौड़ी गांड बड़ी ही कामुक और उत्तेजक लग रही थी सुमित्रा देवी जितना ज्यादा नीचे झुका करती पीछे से उनकी गांड उतनी ही ज्यादा चौड़ाई में फेल जाया करती थी और भोलू भी अपनी हरकतों पर नियंत्रण रखते हुए समय व्यतीत कर रहा था मुझे पता चला कि आज भोलू के पिता जी आने वाले हैं और शाम को गोलू के पिताजी घर आ चुके थे भोलू और उसकी मम्मी सुमित्रा देवी बहुत ही प्रसन्न थे रोजाना की तरह खाना खा पीकर वह लोग सो चुके थे और फिर अगले दिन सुबह मेरी बातचीत भोलू के पिताजी से हुई भोलू के पिताजी ने मुझे धन्यवाद दिया और कहां भैया जी आप इनका ध्यान रखा कीजिए और उसके बाद भोलू अपने पिताजी को बस स्टैंड तक छोड़ने चला गया और मैं भी अपने कॉलेज चला गया शाम को मैंने अपने खबरी से भोलू की मम्मी सुमित्रा देवी और अन्य महिलाओं के बीच हुई बातचीत के बारे में जाना तो पता चला कि भोलू के पिताजी रात में भोलू की मम्मी के साथ तीन बार चुदाई कर चुके थे जिसकी वजह से सुमित्रा देवी अब बहुत अच्छा महसूस कर रही थी परंतु उधर सुमित्रा देवी के सगे बेटे भोलू का लंण्ड मचल रहा था हर बार की तरह इस भी बार भोलू ने शाम के खाने में आयुर्वेदिक औषधि मिला दी थी और वही निर्धारित समय पर सुमित्रा देवी को एक गिलास दूध भी पिला दिया था रात के 10:30 बज रहे थे चारों ओर सन्नाटा था परंतु मैं जाग रहा था और निर्धारित जगह से सारा कार्यक्रम देखने वाला था सुमित्रा देवी हर बार की तरह अपने कमरे में पलंग पर ब्लाउज और पतले से पेटीकोट में दूसरी तरफ करवट लिए अपने घुटनों को मोडकर औषधि के प्रभाव से बेहोशी की हालत में बेसुध होकर सो रही थी परंतु भोलू कहीं नजर नहीं आ रहा था आज शायद भोलू ने कुछ नया ही विचार बनाया था अब मैंने देखा की गोलू कमरे में अंदर आ गया उसने बनियान और अपने पिताजी की लूंगी लपेट रखी थी अब गोलू अपनी मां सुमित्रा देवी के नजदीक आया और धीरे से आवाज दी और हिलाया परंतु सुमित्रा देवी तो संपूर्ण रुप से बेहोशी की हालत में सो रही थी अब गोलू निश्चिंत हो चुका था गोलू ने अपना हाथ अपनी मां सुमित्रा के कूल्हों पर रखा और आनंदित होने लगा गोलू अपनी ही मम्मी सुमित्रा देवी के बड़े और चौड़े कूल्हो को अपने दोनों हाथों से सहलाने लगा अब गोलू ने अपना तना हुआ गधे जैसा लंण्ड में ऊपर से ही अपनी मम्मी सुमित्रा की बड़ी व चौड़ी गांड में सटा दिया और अपनी मम्मी सुमित्रा को आलिंगन करने लगा अब गोलू ने अपने हाथों से अपनी मम्मी सुमित्रा देवी के पेटिकोट को कमर तक सरका दिया और चड्डी में कसी हुई सुमित्रा की बड़ी और चौड़ी गांड को सहलाने लगा और गोलू ने अब अपनी मम्मी सुमित्रा की पहनी हुई चड्डी को नीचे घुटनों तक सरकाते हुए अपनी मां सुमित्रा को नंगा कर दिया था अब वह सुमित्रा के दोनों कूल्हो को चौड़ा करते हुए सुमित्रा की गांड के छेद को मस्ती में अपनी जीभ से चाटने लगा और सुमित्रा की योनि को भी चाटने लगा गोलू मस्ती में आकर अपनी मम्मी सुमित्रा की बड़ी गांड और योनि को चाट चाट कर खूब आनंदित हो रहा था अब गोलू अपनी मम्मी सुमित्रा के बगल में लेट गया और सोती हुई अपनी मम्मी सुमित्रा देवी की कानों में कुछ कहने लगा मैंने ध्यान से सुना तो पाया की गोलू स्वयं को सुमित्रा देवी का पति यानी अपने आप को पिताजी समझ रहा था और कह रहा था सुमित्रा आओ मेरे लंण्ड की रानी आजकल तो तुम पेटिकोट के नीचे चड्डी भी पहनने लग गई मेरी जान आखिर कब तक मेरे लंण्ड से अपनी बड़ी और चोडी गांड को बचाओगी तुम्हारी इस गांड में पिचकारी तो मैं ही छोडूंगा आखिर तुम्हारी गांड को तो मैं कब से चोदना चाहता हूं सुमित्रा मेरी रानी तुम्हारी कांड की गोलाई और चौड़ाई मेरे लंण्ड को मचला देती है

 
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