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अभी तक आपने देखा कि निधि नाश्ता करके वापिस अपने रूम में आ चुकी थी.....वह आज बहुत खुश थी क्योंकि करीम ने उसको माफ कर दिया था.....
अब आगे....
दोपहर का समय हो रहा था.....कमली अपना काम खत्म करके जा चुकी थी......तभी निधि को रूम के दरवाजे के पास से करीम की आवाज़ सुनाई देती हैं.....
करीम - मालकिन खाना तैयार हैं..... आप आकर खाना खा लीजिये.....
निधि - आप चलिए करीम चाचा.....मैं आ रही हूँ....
निधि अपने कपड़े ठीक करती हैं और नीचे जाने के लिए सीढ़ियों से उतरने लगती हैं..... करीम सीढ़ियों के सामने ही खड़ा था.....निधि के सीढ़ियों से उतरने की वजह से उसके चुचे हिल रहे थे जिसे देखकर करीम अपने लन्ड को लुंगी के ऊपर से ही मसल देता हैं.....एक बार तो उसे ख्याल आया कि अभी निधि के ब्लाऊज़ को फाड़ कर उसकी चूचियों को जोर से मसल दे.....मगर ये समय धीरज से काम लेने का था.....जबरदस्ती करने से बात बिगड़ सकती थी....निधि सीढियां उतर के हॉल में आ जाती हैं......
करीम - आप टेबल पर बैठिये मालकिन.....मैं आपके लिए खाना लगा देता हूँ.....
निधि टेबल पर जाकर बैठ जाती हैं..... करीम निधि की प्लेट में खाना परोसने लगता हैं...... जब वो खाना परोस रहा होता हैं तो वो जबरदस्ती अपना हाथ निधि के हाथ से टच कर देता हैं....करीम के कठोर हाथों के स्पर्श निधि को बहुत अजीब लगता हैं..... उसके स्पर्श से निधि के पूरे शरीर में सनसनी फैल जाती हैं.....वो नज़र उठाके करीम को देखने लगती हैं...... करीम के खाना पुरसने के बाद वो खाना स्टार्ट करती हैं.....
निधि - वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी......आपके हाथों में जादू हैं...... आप खाना बहुत अच्छा जो बनाते हैं....
करीम - वो तो हैं मालकिन.....लेकिन अभी तक आपने मेरी उंगलियों का असली जादू तो देखा ही नही है..... बहुत जल्दी आपको मेरी उंगलियों का जादू भी देखने को मिलेगा.....
निधि करीम की इस बात को समझ नही पाती हैं.....
निधि - वैसे एक बात पूंछू करीम चाचा....आप पढ़े लिखे कितने हैं....और आपका परिवार.....कुछ अपने बारे में भी बताइये.....
करीम तो यही चाहता था कि निधि उससे ये सवाल पूछे....और अगर निधि नही पूछती तो भी वो अपने परिवार के बारे में उसे नमक मिर्ची लगाकर बताने वाला था......उसको पता था निधि थोड़ी इमोशनल टाइप की हैं और वो इसकी इस कमजोरी का पूरा फायदा उठाना चाहता था.....
करीम - जी मालकिन.....मैं बारहवीं पास हूँ....गरीबी के कारण मैं इससे आगे पढ़ नही पाया....माँ की बीमारी की वजह से घर पे कर्जा चढ़ गया था....बाप भी कर्जा भरते हुए इस दुनिया से चल बसा....शादी के बाद मेरी बीवी भी बीमारी के कारण दुनिया से अलविदा कह गयी....तब मैने सोचा कि अब मेरा दुनिया में है कौन....और मैं हवेली में काम करने आ गया....
करीम के चेहरे पर अब उदासी साफ झलक रही थी....निधि डाइनिंग टेबल से उठ कर खड़ी हो जाती हैं....
निधि - करीम चाचा आप हॉल में चलिए और सोफे पर बैठकर आराम से अपनी बात बताइये.....
निधि और करीम हॉल में आकर सोफे पर बैठ जाते हैं.... करीम निधि से बिल्कुल सट कर बैठा था....उसके जिस्म की बदबू निधि की सांसों के साथ उसके नाक में घुस रही थी.....पर निधि को उस बदबू को सूंघने में एक अलग तरह का मजा आ रहा था......आज वो उस बदबू से दूर नही भाग रही थी.....
निधि - मुझे माफ़ कर दो करीम चाचा....मेरा ऐसा कोई इरादा नही था कि आपके दिल को ठेस पहुँचाऊ......अगर मेरी बात आपको बुरी लगी हो तो.....
करीम - नही मालकिन......जब नसीब ने ही ठोकर मार दी हो तो इसमें किसी और का क्या दोष.....बस जिंदगी काट रहा हूँ.......
निधि उसकी बातों को सच मान रही थी.....वो करीम की नीयत को अच्छे से जान रही थी कि उसकी निगाहे उसके स्तनों पर हैं....मगर बार बार वो उसे झुठला रही थी......
करीम - कभी कभी लगता हैं कि मेरी बीवी मुझे छोड़ कर चली गयी तो अच्छा ही हुआ.....उसका होना ना होना मेरे लिए एक समान ही था....
निधि करीम की बातों का मतलब समझ नही पाती हैं....वो करीम के चेहरे की और हैरानी से देखने लगती हैं....
निधि - क्या मतलब.....आप कहना क्या चाहते हो.....
करीम के चेहरे पर भद्दी सी हँसी आ जाती हैं..... उसे इसी सवाल का इंतज़ार था....
करीम - मालकिन उसने मुझे कभी बीवी का सुख नही दिया.....उसने कभी मेरी शारीरिक जरूरतों को पूरा नही किया.....उसने कभी मेरे लन्ड को संतुष्टि नही दी.....मेरी शादी को लेकर बहुत सारे अरमान थे जो कभी पूरे नही हुए.....अब आप ही बताइए मैं अपनी पत्नी के साथ अपनी चुदाई के अरमान पूरे नही करूँगा तो किसके साथ करूँगा....
करीम की बातों से निधि का चेहरा शर्म से लाल हो गया था.........मगर निधि करीम को मना भी नही कर सकती थी क्योंकि उसने करीम से वादा जो किया था.....अब निधि को लगने लगा था कि उसने करीम से वादा करके बहुत बड़ी गलती कर दी हैं..... पर अब पछताए होत किया जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत....जब करीम और अश्लील बातें करने लगता हैं तभी निधि सोफे से फौरन उठ जाती हैं.....
निधि - बस कीजिये करीम चाचा.....भगवान के लिए चुप हो जाइए....मैं ये सब अब और नही सुन सकती.....
निधि की सांसें इस वक़्त बहुत तेजी से चल रही थी.....करीम की बातों ने उसे बेचैन कर दिया था....निधि जैसे ही सीढ़ियों की और जाने लगती हैं करीम उसका हाथ पकड़ लेता हैं....
करीम - क्या हुआ मालकिन.....मैने कुछ गलत कहाँ क्या....
निधि - प्लीज करीम चाचा....छोड़िये मेरा हाथ....अब मैं ये सब और नही सुन पाऊंगी....आप मुझसे कोई और बात कर लीजिए.....
करीम - आप अपने वादे से मुकर रही हैं मालकिन....आपने सुबह ही मुझसे वादा किया था कि आप मुझसे खुलकर सब बातें करेंगी....चाहे तो आप मेरी जान ले लीजिए लेकिन मेरी आपसे उम्मीदों को मत तोड़िये.....
निधि - हाँ मैं मानती हूं कि मैने आपसे वादा किया था मग़र....आप इतने गन्दे शब्दो में बात कर रहे हैं मुझसे सुना नही जा रहा....
करीम - भला ये क्या बात हुई मालकिन.....आप ही बताओ कि मैं लन्ड को लन्ड नही कहूँ तो क्या कहूँ......मैं गाँव में पला बढ़ा हूँ और गाँव में सब इसे लन्ड ही कहते हैं....आपने ऐसा वादा ही क्यों किया जिसे आप निभा नही सकती....
ऐसा कहकर करीम वहाँ से जाने लगता हैं.....करीम ने फिर से अपनी चाल चल दी थी....निधि को समझ नही आ रहा था वो अब क्या करे....निधि झट से आकर करीम के सामने खड़ी हो जाती हैं....
निधि - रुक जाइये करीम चाचा....आप इस तरह से नही जा सकते....जो आप चाहो वही होगा....आपका जैसा दिल करे आप मेरे साथ वैसी बातें करो....मैं अब आपको बिल्कुल नही रोकूंगी.....
करीम - ठीक है मालकिन....लेकिन अगर इस बार आपने अपना वादा तोड़ा तो जो मैं कहूंगा वो आपको करना होंगा....
बाकी आगे आप खुद समझदार हैं....
निधि -मुझे मंजूर हैं करीम चाचा....मैं आगे आपको शिकायत का कोई मौका नही दूंगी...
करीम फिर से सोफे पर बैठ जाता हैं..... निधि भी उसके पास सोफे पर बैठ जाती हैं....अब इतना तय था कि करीम जितनी चाहे उतनी गन्दी बातें निधि के साथ कर सकता था...निधि चाहकर भी उसका कोई विरोध नही कर सकती थी.....वो निधि को इतना बेबस करना चाहता था कि वो खुद अपनी चूत उसके हवाले कर दे.....
करीम - मालकिन जब मैने उसे चोदने के लिए अपना लन्ड अंडरवियर से बाहर निकाला तो वो उसे देखकर डर गई और रोने लगी.....अब आप ही बताइए ऐसे समय में मैं उसे कैसे चोद सकता था......मेरी पूरी सुहागरात की ऐसी की तैसी कर दी थी उसने.....
करीम की बीवी के लन्ड को देख के डरने की बात से निधि को भी उस दिन का ख्याल आता हैं जब वो रात को करीम के रूम के पास गई थी और कैसे उसका लन्ड किसी काले नाग की तरह फ़नफना रहा था.....निधि मन में ही बोलती हैं कि ऐसे लन्ड को देखकर तो कोई भी औरत डर जाएगी करीम चाचा.....निधि अब करीम की बातों से पूरी तरह गर्म हो चुकी थी.....करीम निधि के गर्म होने का ही इंतेज़ार कर रहा था....
ऐसे ही बातें करते हुए करीम थोड़ा सा आगे सरक कर अपना एक हाथ निधि की जांघो पर धीरे से रख देता हैं...करीम की इस हरकत पर निधि की जैसे सांसे ही रुक गयी थी....वो बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभालती हैं और करीम के चेहरे की तरफ घूर कर देखती हैं...करीम के चेहरे पर अभी भी वही गन्दी हँसी थी.....जब निधि उसकी हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नही देती तब करीम बहुत आहिस्ता से अपनी उंगलियों को उसकी जांघ पर धीरे धीरे सरकाने लगता हैं...इस तरह अपनी जांघ पर करीम के उंगलियां फेरने से निधि उत्तेजित होने लगती हैं...वो करीम को मना ही नही कर पा रही थी....वो यही सोच रही थी कि अगर उसने हाथ हटाने की कोशिश की तो करीम बुरा मान जाएगा....
मगर निधि ने अभी करीम को नही रोका तो वो अपना कंट्रोल पूरी तरह खो देगी....वो ऐसा कभी नही कर सकती थी...वो अपने पति से बेवफाई नही कर सकती थी.....ये ख्याल आते ही उसका चेहरा लाल हो जाता हैं....निधि थोड़ी हिम्मत करके बोलने वाली ही थी कि करीम अपना हाथ उसकी जांघो से हटा देता हैं....करीम के हाथ हटाने से उसकी जान में जान आती हैं.....वो अभी भी लम्बी लम्बी सांसे ले रही थी.....करीम घूर कर कभी उसके दोनों बूब्स को देख रहा था तो कभी उसके चेहरे को....
करीम - क्या हुआ मालकिन....आप ठीक तो है ना.....आप कुछ परेशान सी दिखाई दे रही हैं.....
निधि - नही...नही...ऐसी कोई बात नही है....मैं.... मैं ठीक हूँ.....अब मैं चलती हूँ करीम चाचा....मुझे और भी काम हैं....आप जाकर अपना काम खत्म करो.....
फिर करीम आगे कुछ नही कहता हैं ......निधि तेज कदमो से चलते हुए अपने रूम में आ जाती हैं.....
करीम - मालकिन तू चिंता मत कर.....अब कुछ समय का इंतेज़ार और हैं...अब तक तुमने करीम की शराफत देखी हैं उसका कमीनापन नही....24 घंटे के अंदर तू खुद अपनी चूत मेरे सामने खोलकर चुदने की भीख मांगेगी....
उधर निधि कमरे में पहुंचकर अपने आप को काबू करने की कोशिश करती हैं.....उसे करीम की बातें बहुत बेचैन कर रही थी....उसकी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी....उसे हैरानी हो रही थी क्योंकि ऐसा मोहित के साथ सेक्स करने के दौरान भी नही होता था......
निधि - कुछ तो अलग बात है करीम चाचा में.....
और वो धीरे से मुस्कुरा देती हैं.......
अब पता नही अगले दिन क्या होने वाला था.....क्या करीम के कहे अनुसार निधि अगले 24 घंटो में खुद उसे अपनी चुत उसके सामने पेश कर देगी....जानते हैं अगले अपडेट में...
अब आगे....
दोपहर का समय हो रहा था.....कमली अपना काम खत्म करके जा चुकी थी......तभी निधि को रूम के दरवाजे के पास से करीम की आवाज़ सुनाई देती हैं.....
करीम - मालकिन खाना तैयार हैं..... आप आकर खाना खा लीजिये.....
निधि - आप चलिए करीम चाचा.....मैं आ रही हूँ....
निधि अपने कपड़े ठीक करती हैं और नीचे जाने के लिए सीढ़ियों से उतरने लगती हैं..... करीम सीढ़ियों के सामने ही खड़ा था.....निधि के सीढ़ियों से उतरने की वजह से उसके चुचे हिल रहे थे जिसे देखकर करीम अपने लन्ड को लुंगी के ऊपर से ही मसल देता हैं.....एक बार तो उसे ख्याल आया कि अभी निधि के ब्लाऊज़ को फाड़ कर उसकी चूचियों को जोर से मसल दे.....मगर ये समय धीरज से काम लेने का था.....जबरदस्ती करने से बात बिगड़ सकती थी....निधि सीढियां उतर के हॉल में आ जाती हैं......
करीम - आप टेबल पर बैठिये मालकिन.....मैं आपके लिए खाना लगा देता हूँ.....
निधि टेबल पर जाकर बैठ जाती हैं..... करीम निधि की प्लेट में खाना परोसने लगता हैं...... जब वो खाना परोस रहा होता हैं तो वो जबरदस्ती अपना हाथ निधि के हाथ से टच कर देता हैं....करीम के कठोर हाथों के स्पर्श निधि को बहुत अजीब लगता हैं..... उसके स्पर्श से निधि के पूरे शरीर में सनसनी फैल जाती हैं.....वो नज़र उठाके करीम को देखने लगती हैं...... करीम के खाना पुरसने के बाद वो खाना स्टार्ट करती हैं.....
निधि - वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी......आपके हाथों में जादू हैं...... आप खाना बहुत अच्छा जो बनाते हैं....
करीम - वो तो हैं मालकिन.....लेकिन अभी तक आपने मेरी उंगलियों का असली जादू तो देखा ही नही है..... बहुत जल्दी आपको मेरी उंगलियों का जादू भी देखने को मिलेगा.....
निधि करीम की इस बात को समझ नही पाती हैं.....
निधि - वैसे एक बात पूंछू करीम चाचा....आप पढ़े लिखे कितने हैं....और आपका परिवार.....कुछ अपने बारे में भी बताइये.....
करीम तो यही चाहता था कि निधि उससे ये सवाल पूछे....और अगर निधि नही पूछती तो भी वो अपने परिवार के बारे में उसे नमक मिर्ची लगाकर बताने वाला था......उसको पता था निधि थोड़ी इमोशनल टाइप की हैं और वो इसकी इस कमजोरी का पूरा फायदा उठाना चाहता था.....
करीम - जी मालकिन.....मैं बारहवीं पास हूँ....गरीबी के कारण मैं इससे आगे पढ़ नही पाया....माँ की बीमारी की वजह से घर पे कर्जा चढ़ गया था....बाप भी कर्जा भरते हुए इस दुनिया से चल बसा....शादी के बाद मेरी बीवी भी बीमारी के कारण दुनिया से अलविदा कह गयी....तब मैने सोचा कि अब मेरा दुनिया में है कौन....और मैं हवेली में काम करने आ गया....
करीम के चेहरे पर अब उदासी साफ झलक रही थी....निधि डाइनिंग टेबल से उठ कर खड़ी हो जाती हैं....
निधि - करीम चाचा आप हॉल में चलिए और सोफे पर बैठकर आराम से अपनी बात बताइये.....
निधि और करीम हॉल में आकर सोफे पर बैठ जाते हैं.... करीम निधि से बिल्कुल सट कर बैठा था....उसके जिस्म की बदबू निधि की सांसों के साथ उसके नाक में घुस रही थी.....पर निधि को उस बदबू को सूंघने में एक अलग तरह का मजा आ रहा था......आज वो उस बदबू से दूर नही भाग रही थी.....
निधि - मुझे माफ़ कर दो करीम चाचा....मेरा ऐसा कोई इरादा नही था कि आपके दिल को ठेस पहुँचाऊ......अगर मेरी बात आपको बुरी लगी हो तो.....
करीम - नही मालकिन......जब नसीब ने ही ठोकर मार दी हो तो इसमें किसी और का क्या दोष.....बस जिंदगी काट रहा हूँ.......
निधि उसकी बातों को सच मान रही थी.....वो करीम की नीयत को अच्छे से जान रही थी कि उसकी निगाहे उसके स्तनों पर हैं....मगर बार बार वो उसे झुठला रही थी......
करीम - कभी कभी लगता हैं कि मेरी बीवी मुझे छोड़ कर चली गयी तो अच्छा ही हुआ.....उसका होना ना होना मेरे लिए एक समान ही था....
निधि करीम की बातों का मतलब समझ नही पाती हैं....वो करीम के चेहरे की और हैरानी से देखने लगती हैं....
निधि - क्या मतलब.....आप कहना क्या चाहते हो.....
करीम के चेहरे पर भद्दी सी हँसी आ जाती हैं..... उसे इसी सवाल का इंतज़ार था....
करीम - मालकिन उसने मुझे कभी बीवी का सुख नही दिया.....उसने कभी मेरी शारीरिक जरूरतों को पूरा नही किया.....उसने कभी मेरे लन्ड को संतुष्टि नही दी.....मेरी शादी को लेकर बहुत सारे अरमान थे जो कभी पूरे नही हुए.....अब आप ही बताइए मैं अपनी पत्नी के साथ अपनी चुदाई के अरमान पूरे नही करूँगा तो किसके साथ करूँगा....
करीम की बातों से निधि का चेहरा शर्म से लाल हो गया था.........मगर निधि करीम को मना भी नही कर सकती थी क्योंकि उसने करीम से वादा जो किया था.....अब निधि को लगने लगा था कि उसने करीम से वादा करके बहुत बड़ी गलती कर दी हैं..... पर अब पछताए होत किया जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत....जब करीम और अश्लील बातें करने लगता हैं तभी निधि सोफे से फौरन उठ जाती हैं.....
निधि - बस कीजिये करीम चाचा.....भगवान के लिए चुप हो जाइए....मैं ये सब अब और नही सुन सकती.....
निधि की सांसें इस वक़्त बहुत तेजी से चल रही थी.....करीम की बातों ने उसे बेचैन कर दिया था....निधि जैसे ही सीढ़ियों की और जाने लगती हैं करीम उसका हाथ पकड़ लेता हैं....
करीम - क्या हुआ मालकिन.....मैने कुछ गलत कहाँ क्या....
निधि - प्लीज करीम चाचा....छोड़िये मेरा हाथ....अब मैं ये सब और नही सुन पाऊंगी....आप मुझसे कोई और बात कर लीजिए.....
करीम - आप अपने वादे से मुकर रही हैं मालकिन....आपने सुबह ही मुझसे वादा किया था कि आप मुझसे खुलकर सब बातें करेंगी....चाहे तो आप मेरी जान ले लीजिए लेकिन मेरी आपसे उम्मीदों को मत तोड़िये.....
निधि - हाँ मैं मानती हूं कि मैने आपसे वादा किया था मग़र....आप इतने गन्दे शब्दो में बात कर रहे हैं मुझसे सुना नही जा रहा....
करीम - भला ये क्या बात हुई मालकिन.....आप ही बताओ कि मैं लन्ड को लन्ड नही कहूँ तो क्या कहूँ......मैं गाँव में पला बढ़ा हूँ और गाँव में सब इसे लन्ड ही कहते हैं....आपने ऐसा वादा ही क्यों किया जिसे आप निभा नही सकती....
ऐसा कहकर करीम वहाँ से जाने लगता हैं.....करीम ने फिर से अपनी चाल चल दी थी....निधि को समझ नही आ रहा था वो अब क्या करे....निधि झट से आकर करीम के सामने खड़ी हो जाती हैं....
निधि - रुक जाइये करीम चाचा....आप इस तरह से नही जा सकते....जो आप चाहो वही होगा....आपका जैसा दिल करे आप मेरे साथ वैसी बातें करो....मैं अब आपको बिल्कुल नही रोकूंगी.....
करीम - ठीक है मालकिन....लेकिन अगर इस बार आपने अपना वादा तोड़ा तो जो मैं कहूंगा वो आपको करना होंगा....
बाकी आगे आप खुद समझदार हैं....
निधि -मुझे मंजूर हैं करीम चाचा....मैं आगे आपको शिकायत का कोई मौका नही दूंगी...
करीम फिर से सोफे पर बैठ जाता हैं..... निधि भी उसके पास सोफे पर बैठ जाती हैं....अब इतना तय था कि करीम जितनी चाहे उतनी गन्दी बातें निधि के साथ कर सकता था...निधि चाहकर भी उसका कोई विरोध नही कर सकती थी.....वो निधि को इतना बेबस करना चाहता था कि वो खुद अपनी चूत उसके हवाले कर दे.....
करीम - मालकिन जब मैने उसे चोदने के लिए अपना लन्ड अंडरवियर से बाहर निकाला तो वो उसे देखकर डर गई और रोने लगी.....अब आप ही बताइए ऐसे समय में मैं उसे कैसे चोद सकता था......मेरी पूरी सुहागरात की ऐसी की तैसी कर दी थी उसने.....
करीम की बीवी के लन्ड को देख के डरने की बात से निधि को भी उस दिन का ख्याल आता हैं जब वो रात को करीम के रूम के पास गई थी और कैसे उसका लन्ड किसी काले नाग की तरह फ़नफना रहा था.....निधि मन में ही बोलती हैं कि ऐसे लन्ड को देखकर तो कोई भी औरत डर जाएगी करीम चाचा.....निधि अब करीम की बातों से पूरी तरह गर्म हो चुकी थी.....करीम निधि के गर्म होने का ही इंतेज़ार कर रहा था....
ऐसे ही बातें करते हुए करीम थोड़ा सा आगे सरक कर अपना एक हाथ निधि की जांघो पर धीरे से रख देता हैं...करीम की इस हरकत पर निधि की जैसे सांसे ही रुक गयी थी....वो बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभालती हैं और करीम के चेहरे की तरफ घूर कर देखती हैं...करीम के चेहरे पर अभी भी वही गन्दी हँसी थी.....जब निधि उसकी हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नही देती तब करीम बहुत आहिस्ता से अपनी उंगलियों को उसकी जांघ पर धीरे धीरे सरकाने लगता हैं...इस तरह अपनी जांघ पर करीम के उंगलियां फेरने से निधि उत्तेजित होने लगती हैं...वो करीम को मना ही नही कर पा रही थी....वो यही सोच रही थी कि अगर उसने हाथ हटाने की कोशिश की तो करीम बुरा मान जाएगा....
मगर निधि ने अभी करीम को नही रोका तो वो अपना कंट्रोल पूरी तरह खो देगी....वो ऐसा कभी नही कर सकती थी...वो अपने पति से बेवफाई नही कर सकती थी.....ये ख्याल आते ही उसका चेहरा लाल हो जाता हैं....निधि थोड़ी हिम्मत करके बोलने वाली ही थी कि करीम अपना हाथ उसकी जांघो से हटा देता हैं....करीम के हाथ हटाने से उसकी जान में जान आती हैं.....वो अभी भी लम्बी लम्बी सांसे ले रही थी.....करीम घूर कर कभी उसके दोनों बूब्स को देख रहा था तो कभी उसके चेहरे को....
करीम - क्या हुआ मालकिन....आप ठीक तो है ना.....आप कुछ परेशान सी दिखाई दे रही हैं.....
निधि - नही...नही...ऐसी कोई बात नही है....मैं.... मैं ठीक हूँ.....अब मैं चलती हूँ करीम चाचा....मुझे और भी काम हैं....आप जाकर अपना काम खत्म करो.....
फिर करीम आगे कुछ नही कहता हैं ......निधि तेज कदमो से चलते हुए अपने रूम में आ जाती हैं.....
करीम - मालकिन तू चिंता मत कर.....अब कुछ समय का इंतेज़ार और हैं...अब तक तुमने करीम की शराफत देखी हैं उसका कमीनापन नही....24 घंटे के अंदर तू खुद अपनी चूत मेरे सामने खोलकर चुदने की भीख मांगेगी....
उधर निधि कमरे में पहुंचकर अपने आप को काबू करने की कोशिश करती हैं.....उसे करीम की बातें बहुत बेचैन कर रही थी....उसकी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी....उसे हैरानी हो रही थी क्योंकि ऐसा मोहित के साथ सेक्स करने के दौरान भी नही होता था......
निधि - कुछ तो अलग बात है करीम चाचा में.....
और वो धीरे से मुस्कुरा देती हैं.......
अब पता नही अगले दिन क्या होने वाला था.....क्या करीम के कहे अनुसार निधि अगले 24 घंटो में खुद उसे अपनी चुत उसके सामने पेश कर देगी....जानते हैं अगले अपडेट में...