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Adultery भैरवगढ़ - कामुकता की इंतेहा

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Ayushhh

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करीम मन ही मन बहुत खुश था.....वो जैसा चाह रहा था वैसा ही कुछ उसके साथ हो रहा था....अब निधि उसकी बातों में धीरे धीरे आ रही थी........करीम की हिम्मत भी धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.....करीम को लगा कि यही मौका हैं निधि को अपने नीचे लाने का और वो निधि के पास जाकर धीरे से उसका हाथ पकड़ लेता हैं.....निधि का दिल इस वक़्त बहुत जोरो से धड़क रहा था.....उसने करीम से ऐसी उम्मीद कभी नही की थी....

निधि - करीम चाचा छोड़िये मेरा हाथ.....

निधि ने अपना हाथ उसके मजबूत हाथों से छुड़ाते हुए कहाँ मगर वो इसमे कामयाब नही हो सकी....करीम उसके चेहरे की तरफ बड़े गौर से देख रहा था....

करीम को लगा अब कुछ ज्यादा हो रहा हैं....ऐसे तो ये चिड़िया उसके हाथ आने से पहले ही निकल जायेगी.....अगले ही पल करीम की पकड़ निधि के हाथों पर से बिल्कुल ढीली पड़ गयी....

करीम - माफी चाहता हूँ मालकिन जो मैंने आपके साथ ऐसी गुस्ताखी की....पता नही जब भी आप मेरे करीब होती हैं मुझे क्या हो जाता हैं....मेरी बीवी को मुझे छोड़ कर गए काफी समय हो गया हैं और जब मैने आप जैसी खूबसूरत औरत को अपने सामने पाया तो मुझसे रहा नही गया.....मालकिन मैं दिन रात आपके ख्यालो में डूबा रहता हूँ....ऐसा लगता हैं जैसे मुझे आपसे प्यार....

करीम की ये बात पूरी भी नही हुई थी कि तभी एक जोरदार थप्पड़ उसके गालों पर पड़ता हैं....

निधि - तुम अपनी हद भूल रहे हो करीम....तुम ये भूल गए कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ....और किसी की बीवी भी....तुम्हारे लिए यही अच्छा होगा कि आज के बाद तुम मेरे साथ दुबारा ऐसी हरकत मत करना....और हाँ तुम आज रात का खाना बना के अपने कमरे में चले जाना...मैं खाना अपने आप खालूंगी.....

निधि ने आज पहली बार करीम को तुम कहा था...उसे करीम पर बहुत गुस्सा आ रहा था साथ ही वो खुद पर भी बहुत गुस्सा थी....वो यही सोच रही थी कि कैसे वो इस बूढ़े की बातों में आकर बहक सकती हैं.... वो फौरन वहाँ से उठकर अपने रूम में आ जाती हैं...

करीम अभी भी अपने गाल पर हाथ रख कर चुपचाप वहाँ खड़ा था.....

करीम - तू चिंता मत कर निधि रांड..... एक दिन आएगा जब मैं तुझसे इस थप्पड़ का बदला जरूर लूंगा....

वही दूसरी और निधि बेड पर लेटे हुए करीम से जुड़ी सारी बातें एक एक कर सोचने लगती हैं...

निधि - करीम को मेरे साथ ऐसा नही करना चाहिए था....उस नौकर की ये मजाल के उसने मुझे छूने की कोशिश की.....मेरा हाथ पकड़ने की गुस्ताखी की....मैने बहुत सही किया जो उसे थप्पड़ मारकर उसे उसकी औकात याद दिला दी.....पता नही खुद को क्या समझता हैं....

ऐसे ही थोड़ी देर करीम के बारे में सोचते हुए ही वो गहरी नींद में डूब जाती हैं....करीब तीन घंटे बाद जब उसकी नींद खुलती हैं तो वो चीखते हुए घबराकर बेड पर बैठ जाती हैं.....नही.....ऐसा नही हो सकता....मैं मोहित को धोखा नही दे सकती.....उसका जिस्म पसीने से पूरी तरह भीग चुका था.....इस वक़्त उसकी साँसे बहुत जोरो से चल रही थी जिससे उसके दोनों स्तन बहुत तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे...

जब निधि अपना होश सम्भालती हैं तो उसका चेहरा शर्म से एकदम लाल पड़ जाता हैं....वो फौरन अपना एक हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाती हैं और जब वो अपना हाथ अपनी चूत पर रखती हैं तो उसे वहाँ पर गीलापन महसूस होता हैं.....उसने आज बहुत बुरा सपना देखा था....करीम उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और वो अपना लन्ड निधि की चूत में पेले हुए बड़ी ही बेरहमी से उसकी चुदाई कर रहा था....

निधि - भगवान का शुक्र हैं कि ये एक सपना था....

उसका जिस्म अभी भी डर से थर थर कांप रहा था...मगर उसे क्या पता था कि उसका ये सपना बहुत जल्द हकीकत में बदलने वाला हैं.....वो फिर बेड से उठकर बाथरूम में जाती हैं और अपना मुँह अच्छे से धोती हैं...वो अपने मन से उस सपने को भुलाने की कोशिश कर रही थी पर भूल नही पा रही थी.....अब भी उसकी आँखों के सामने करीम का चेहरा बार बार दिखाई दे रहा था....काफी देर बाद वो नॉर्मल होती हैं...पर कहते हैं ना कि अच्छे लोगो की एक खासियत होती हैं कि जब गलती किसी और की होती हैं फिर भी उन्हें ही बुरा लगता हैं और यही निधि के साथ हो रहा था....

निधि - आज जो कुछ भी हुआ वो गलत था.....पर मुझे भी करीम चाचा के साथ ऐसा नही करना चाहिए था.....वो ठहरे गरीब इंसान....मानती हूँ कि उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा वो गलत था मगर मैने उन पर अपना हाथ उठाया क्या वो सही था....मैं घर पर अकेली थी उस वक़्त....वो चाहते तो मेरा अच्छे से फायदा उठा सकते थे....उस थप्पड़ के बदले वो इसी हवेली में मेरी इज्जत लूट सकते थे....मगर उन्होंने ऐसा कुछ नही किया....मुझे करीम चाचा से माफी मांगनी ही पड़ेगी.....वो कुछ सोचती हैं और फौरन उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगती हैं..... फिर उसने शीशे के पास जाकर थोड़ा मेकअप किया और एक परफ्यूम की बोतल उठाकर उसे अपने जिस्म पर छिड़क दिया....वो अपने कमरे से बाहर आई और हॉल से होते मुख्य दरवाजे के बाहर चली गयी....फिर वहां से वो करीम के रूम की तरफ मुड़ गयी जो हवेली के पीछे बना हुआ था....वहाँ नौकरो के लिए कुछ और कमरे भी थे....बाहर ठंडी हवा चल रही थी....गार्डन को पार कर के वो करीम के रूम के पास पहुंची......दरवाज़ा बन्द था....

निधि ( मन में ) - कही करीम चाचा सो तो नही गए.....

रूम के बाजू में एक छोटी सी खिड़की थी.....निधि खिड़की के पास गई और अंदर झांक के देखा....सामने एक छोटा सा बेड था और करीम उसपर लेटा हुआ था.....मगर अंदर का जो नज़ारा निधि ने देखा उसे देखकर उसे अपनी आँखों पे यकीन नही हुआ.....करीम बेड पर पूरा नंगा लेटा हुआ था....निधि चाह कर भी उस पर से अपनी आँखें नही हटा पा रही थी........अंदर की हल्की रोशनी में उसका काला सांड जैसा बदन चमक रहा था.....करीम का घठिला शरीर देखते हुए निधि की नज़र उसकी कमर के नीचे की और जाने लगी.....जो उसने देखा उसे देखकर उसका हाथ अपने मुँह पर चला गया.....



निधि - बाप रे....ये क्या....करीम चाचा का इतना बड़ा....

करीम का नौ इंच का सफेद बालों से घिरा हुआ मूसल लन्ड इस वक़्त पूरा तना हुआ था.....निधि को अपनी आँखों पे यकीन नही हो रहा था.....वह एक बार खिड़की से दूर हट गई....फिर उसने वापिस अंदर की और झांका.....करीम का घोड़े जैसा लन्ड देखकर निधि के शरीर में एक करंट सा दौड़ गया....निधि की सांसे तेजी से चलने लगी....अब वो गर्म हो रही थी.....उसने आज तक इतना बड़ा लन्ड नही देखा था....वो मन ही मन मोहित के लन्ड की तुलना करीम के लन्ड से कर रही थी....निधि के अंदर कुछ होने लगा था....उसकी चूत के अंदर सैकड़ो चीटियां रेंगने लगी थी....अब उससे वहाँ और खड़ा नही हुआ जा रहा था....वो वहाँ से भाग कर फिर से हवेली में आ गयी और अपने रूम में चली गयी......करीम का लन्ड अभी भी निधि की आँखों के सामने घूम रहा था.....वो बेड पर बैठकर अपनी साँसों को काबू करने की कोशिश करती हैं..... थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो जाती हैं..... लेकिन उसकी आँखों के सामने अभी भी वही दृश्य चल रहे थे....तभी मोहित भी ऑफिस से आ जाता हैं....अभी भी निधि अपने ही ख्यालो में खोई हुई थी....मोहित के पुकारने पर वो अपने ख्यालो से बाहर आती हैं......

मोहित - क्या हुआ निधि.....कहाँ खोई हुई थी.....

निधि - वो कुछ नही.....बस ऐसे ही.....खाना लगा दूँ तुम्हारे लिए.....

मोहित - नही रहने दो.....मैने सोचा देर हो जाएगी इसीलिए मैने ऑफिस में ही डिनर कर लिया था....

निधि - अच्छा......ठीक है फिर....

उसके बाद मोहित बाथरूम में जाता हैं और हाथ मुँह धोकर वापिस आकर बेड पर लेट जाता हैं.....निधि को सेक्स करने की बहुत इच्छा हो रही थी पर मोहित आते ही सो गया था.....उसे मोहित पर बहुत गुस्सा आ रहा था....उसने फौरन एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार लिए और बेड पर ही उंगलियां अपनी चुत पर घिसने लगी....


थोड़ी देर बाद उसके चूत की गर्मी कुछ कम हुई और वो गहरी नींद में चली गयी.....
अगले दिन हमेशा की तरह जब तक वो उठी तब तक मोहित ऑफिस जा चुका था.....उसने अपने वार्डरोब से एक पिंक कलर की बेहद ही खूबसूरत साड़ी निकाली और बेड पर रख दी.....और खुद टॉवल लेकर बाथरूम में चली गयी....वापिस आकर उसने उस साड़ी को पहन लिया उसके साथ मैचिंग ब्लाऊज़ जिसका गला हमेशा की तरह गहरा था.....आज वो पिंक साड़ी में किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी......उसके बाद उसने अपने गले में मंगलसूत्र डाला......आंखों में थोड़ा सा काजल और उसने आज पायल भी पहनी थी.....ऐसा लग रहा था जैसे कि वो करीम को रिझाने के लिए तैयार हो रही थी....

वो तैयार होकर नीचे हॉल में आ जाती हैं......वह करीम को आवाज़ लगाती हैं..... करीम एक पल के लिए निधि को देखता हैं और अगले ही पल अपनी आँखें झुका लेता हैं.....

करीम - जी मालकिन....आपने बुलाया मुझे......

निधि - हाँ करीम चाचा.....वो मुझे आपसे कल जो हुआ उसके बारे में बात करनी थी......

करीम - जी कहिये मालकिन....क्या बात रह गयी हैं....क्या अभी भी आपका दिल नही भरा......अगर थप्पड़ मारने के बाद और कुछ रह गया हो तो वो भी कर दीजिए....आप बड़े लोग हैं आपकी गलती कोई मायने नही रखती और हमारी छोटी सी गलती भी गुनाह बन जाती हैं....

निधि - ऐसी बात नही है करीम चाचा....आप मुझे गलत समझ रहे हो....मैने तो आपको इसीलिए बुलाया हैं क्योंकि मुझे पछतावा हो रहा हैं कि मैने आप पर हाथ उठाया....मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ इसीलिए मैं आपसे माफी माँगना चाहती हूं.....

करीम के लिए ये किसी झटके से कम नही था.....वो हैरान था कि उसकी मालकिन आगे से उससे माफी मांग रही थी.......पर वो अभी निधि को और कमजोर करना चाहता था.....

करीम - माफी....वो भी मुझसे....क्यों शर्मिंदा करती हो मालकिन.....आप जैसे अमीर लोग इस गरीब से माफी मांगे ये बात आपको बिल्कुल भी शोभा नही देती.....अच्छा अब आप अपना ये फालतू विलाप बन्द कीजिये मैने आपको माफ कर दिया हैं.....

करीम मंझा हुआ खिलाड़ी था.....वो अब अच्छे से समझ चुका था कि निधि को अपने नीचे कैसे लाना हैं....उसने जाल तो फेंक दिया था अब देखना ये था कि शिकार जाल में फंसता हैं कि नही.....मगर ये शिकार आसानी से जाल में फंसता हुआ दिखाई दे रहा था......करीम एक बार गलती कर चुका था.....इसीलिए अब वो दुबारा ऐसा कोई कदम नही उठाना चाहता था जिससे उसके हाथ आया इतना सुनहरा मौका उसके हाथ से निकल जाए....अब वो हर कदम बहुत सोच समझकर रख रहा था....

निधि - नही नही करीम चाचा....आप मेरी बातों का गलत मतलब समझ रहे हो......

करीम - देखिए मालकिन.....मैं काफी समय से इसी हवेली में काम कर रहा हूँ....आपने मेरी इतने सालों की वफादारी का मजाक उड़ाया हैं....

निधि - आपको मुझे माफ़ करना ही होगा करीम चाचा......

करीम - अगर मैने ऐसा नही किया तो....फिर....देखिए मालकिन आप फालतू में अपना और मेरा वक़्त जाया कर रही हैं......

इधर करीम अपना जाल फैलाता जा रहा था.....और उधर निधि धीरे धीरे उसकी बातों में आती जा रही थी....

निधि - प्लीज करीम चाचा....समझने की कोशिश करिए....क्या आप अपनी मालकिन को माफ नही करेंगे.....

करीम - ठीक है मालकिन.....जाओ मैने आपको माफ किया....अब तो आप खुश हैं ना....लेकिन कल को अगर मैने फिर से आपका हाथ पकड़ा और तो आप फिर से मुझे थप्पड़
मारेंगी या मालिक से मेरी शिकायत कर देंगी....हैं ना.....

निधि - नही करीम चाचा....मैं आपसे वादा करती हूं ऐसा कुछ नही होगा....मैं आपको किसी बात के लिए अब मना नही करूंगी...प्लीज मेरी बात रख ले.....

करीम के चेहरे पर एक गंदी सी हँसी तैर जाती हैं....अब उसे ऐसा लगने लगा था कि शिकार जाल में फंस रहा हैं....

करीम - ठीक है मालकिन...मगर आपको मुझसे एक वादा करना होगा कि आप मुझे दुबारा कुछ नही कहेंगी....जो मेरा दिल करेगा वो मैं आपके साथ कर सकता हूँ....

करीम को पूरा यकीन था के निधि उसकी बात जरूर मानेंगी....उसे इतने वर्षों का अनुभव जो था....और जैसा करीम ने सोचा था वैसा ही हुआ....

निधि - मुझे आपकी शर्त मंजूर हैं.....मगर मेरी भी एक शर्त हैं....

करीम - क्या.....

निधि - बात ये हैं कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ....और तुम्हारे मालिक की बीवी भी.....मैं अपने पति के साथ बेवफाई नही कर सकती....मेरे कुछ दायरे हैं जिन्हें मैं पार नही कर सकती....मैं जानती हूँ आप मेरे साथ कभी गलत नही करोगे....लेकिन हमारे बीच कुछ फासले रहे तो बेहतर होगा....आप समझ रहे है ना....मैं सिर्फ बातों तक आपका साथ दूंगी....

करीम के चेहरे पर हँसी और गहरी हो जाती हैं..... उसे पता था कि हर औरत के कुछ दायरे होते हैं जिससे वो पार नही जा सकती....मगर एक बार अगर उसने उस दायरे को पार कर दिया तो उसे फिर कोई नही रोक सकता....और करीम निधि को अब उस दायरे से बाहर निकालना चाहता था....

करीम - ठीक है मालकिन....मैने आपको माफ किया.....

फिर निधि नाश्ता करके अपने रूम में चली जाती हैं.... वो आज बहुत खुश थी क्योंकि करीम का उसे माफ करने को वो अपनी जीत मान रही थी पर उसे नही पता था कि ये घटना आगे जाकर उसकी जिंदगी को पूरी तरह बदल देंगी....


वही करीम अब अच्छे से जान चुका था अब निधि बहुत जल्द उसके हाथों की कठपुतली बनने वाली हैं....उसे वो जैसे नचायेगा वो वेसे ही नाचेगी.....उसके हर इशारे पर....

करीम - तू नही जानती मालकिन कि तूने कितनी बड़ी भूल की हैं मुझपर हाथ उठाकर.....इस थप्पड़ का बदला तो मैं तुझसे ऐसा लूंगा कि तू कभी भूल नही पाएंगी.....तुझसे मैं वो सबकुछ करवाऊंगा जो मैने सोच रखा हैं....
 
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Bappa

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करीम मन ही मन बहुत खुश था.....वो जैसा चाह रहा था वैसा ही कुछ उसके साथ हो रहा था....अब निधि उसकी बातों में धीरे धीरे आ रही थी........करीम की हिम्मत भी धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.....करीम को लगा कि यही मौका हैं निधि को अपने नीचे लाने का और वो निधि के पास जाकर धीरे से उसका हाथ पकड़ लेता हैं.....निधि का दिल इस वक़्त बहुत जोरो से धड़क रहा था.....उसने करीम से ऐसी उम्मीद कभी नही की थी....

निधि - करीम चाचा छोड़िये मेरा हाथ.....

निधि ने अपना हाथ उसके मजबूत हाथों से छुड़ाते हुए कहाँ मगर वो इसमे कामयाब नही हो सकी....करीम उसके चेहरे की तरफ बड़े गौर से देख रहा था....

करीम को लगा अब कुछ ज्यादा हो रहा हैं....ऐसे तो ये चिड़िया उसके हाथ आने से पहले ही निकल जायेगी.....अगले ही पल करीम की पकड़ निधि के हाथों पर से बिल्कुल ढीली पड़ गयी....

करीम - माफी चाहता हूँ मालकिन जो मैंने आपके साथ ऐसी गुस्ताखी की....पता नही जब भी आप मेरे करीब होती हैं मुझे क्या हो जाता हैं....मेरी बीवी को मुझे छोड़ कर गए काफी समय हो गया हैं और जब मैने आप जैसी खूबसूरत औरत को अपने सामने पाया तो मुझसे रहा नही गया.....मालकिन मैं दिन रात आपके ख्यालो में डूबा रहता हूँ....ऐसा लगता हैं जैसे मुझे आपसे प्यार....

करीम की ये बात पूरी भी नही हुई थी कि तभी एक जोरदार थप्पड़ उसके गालों पर पड़ता हैं....

निधि - तुम अपनी हद भूल रहे हो करीम....तुम ये भूल गए कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ....और किसी की बीवी भी....तुम्हारे लिए यही अच्छा होगा कि आज के बाद तुम मेरे साथ दुबारा ऐसी हरकत मत करना....और हाँ तुम आज रात का खाना बना के अपने कमरे में चले जाना...मैं खाना अपने आप खालूंगी.....

निधि ने आज पहली बार करीम को तुम कहा था...उसे करीम पर बहुत गुस्सा आ रहा था साथ ही वो खुद पर भी बहुत गुस्सा थी....वो यही सोच रही थी कि कैसे वो इस बूढ़े की बातों में आकर बहक सकती हैं.... वो फौरन वहाँ से उठकर अपने रूम में आ जाती हैं...

करीम अभी भी अपने गाल पर हाथ रख कर चुपचाप वहाँ खड़ा था.....

करीम - तू चिंता मत कर निधि रांड..... एक दिन आएगा जब मैं तुझसे इस थप्पड़ का बदला जरूर लूंगा....

वही दूसरी और निधि बेड पर लेटे हुए करीम से जुड़ी सारी बातें एक एक कर सोचने लगती हैं...

निधि - करीम को मेरे साथ ऐसा नही करना चाहिए था....उस नौकर की ये मजाल के उसने मुझे छूने की कोशिश की.....मेरा हाथ पकड़ने की गुस्ताखी की....मैने बहुत सही किया जो उसे थप्पड़ मारकर उसे उसकी औकात याद दिला दी.....पता नही खुद को क्या समझता हैं....

ऐसे ही थोड़ी देर करीम के बारे में सोचते हुए ही वो गहरी नींद में डूब जाती हैं....करीब तीन घंटे बाद जब उसकी नींद खुलती हैं तो वो चीखते हुए घबराकर बेड पर बैठ जाती हैं.....नही.....ऐसा नही हो सकता....मैं मोहित को धोखा नही दे सकती.....उसका जिस्म पसीने से पूरी तरह भीग चुका था.....इस वक़्त उसकी साँसे बहुत जोरो से चल रही थी जिससे उसके दोनों स्तन बहुत तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे...

जब निधि अपना होश सम्भालती हैं तो उसका चेहरा शर्म से एकदम लाल पड़ जाता हैं....वो फौरन अपना एक हाथ अपनी चूत की तरफ ले जाती हैं और जब वो अपना हाथ अपनी चूत पर रखती हैं तो उसे वहाँ पर गीलापन महसूस होता हैं.....उसने आज बहुत बुरा सपना देखा था....करीम उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और वो अपना लन्ड निधि की चूत में पेले हुए बड़ी ही बेरहमी से उसकी चुदाई कर रहा था....

निधि - भगवान का शुक्र हैं कि ये एक सपना था....

उसका जिस्म अभी भी डर से थर थर कांप रहा था...मगर उसे क्या पता था कि उसका ये सपना बहुत जल्द हकीकत में बदलने वाला हैं.....वो फिर बेड से उठकर बाथरूम में जाती हैं और अपना मुँह अच्छे से धोती हैं...वो अपने मन से उस सपने को भुलाने की कोशिश कर रही थी पर भूल नही पा रही थी.....अब भी उसकी आँखों के सामने करीम का चेहरा बार बार दिखाई दे रहा था....काफी देर बाद वो नॉर्मल होती हैं...पर कहते हैं ना कि अच्छे लोगो की एक खासियत होती हैं कि जब गलती किसी और की होती हैं फिर भी उन्हें ही बुरा लगता हैं और यही निधि के साथ हो रहा था....

निधि - आज जो कुछ भी हुआ वो गलत था.....पर मुझे भी करीम चाचा के साथ ऐसा नही करना चाहिए था.....वो ठहरे गरीब इंसान....मानती हूँ कि उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा वो गलत था मगर मैने उन पर अपना हाथ उठाया क्या वो सही था....मैं घर पर अकेली थी उस वक़्त....वो चाहते तो मेरा अच्छे से फायदा उठा सकते थे....उस थप्पड़ के बदले वो इसी हवेली में मेरी इज्जत लूट सकते थे....मगर उन्होंने ऐसा कुछ नही किया....मुझे करीम चाचा से माफी मांगनी ही पड़ेगी.....वो कुछ सोचती हैं और फौरन उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगती हैं..... फिर उसने शीशे के पास जाकर थोड़ा मेकअप किया और एक परफ्यूम की बोतल उठाकर उसे अपने जिस्म पर छिड़क दिया....वो अपने कमरे से बाहर आई और हॉल से होते मुख्य दरवाजे के बाहर चली गयी....फिर वहां से वो करीम के रूम की तरफ मुड़ गयी जो हवेली के पीछे बना हुआ था....वहाँ नौकरो के लिए कुछ और कमरे भी थे....बाहर ठंडी हवा चल रही थी....गार्डन को पार कर के वो करीम के रूम के पास पहुंची......दरवाज़ा बन्द था....

निधि ( मन में ) - कही करीम चाचा सो तो नही गए.....

रूम के बाजू में एक छोटी सी खिड़की थी.....निधि खिड़की के पास गई और अंदर झांक के देखा....सामने एक छोटा सा बेड था और करीम उसपर लेटा हुआ था.....मगर अंदर का जो नज़ारा निधि ने देखा उसे देखकर उसे अपनी आँखों पे यकीन नही हुआ.....करीम बेड पर पूरा नंगा लेटा हुआ था....निधि चाह कर भी उस पर से अपनी आँखें नही हटा पा रही थी........अंदर की हल्की रोशनी में उसका काला सांड जैसा बदन चमक रहा था.....करीम का घठिला शरीर देखते हुए निधि की नज़र उसकी कमर के नीचे की और जाने लगी.....जो उसने देखा उसे देखकर उसका हाथ अपने मुँह पर चला गया.....



निधि - बाप रे....ये क्या....करीम चाचा का इतना बड़ा....

करीम का नौ इंच का सफेद बालों से घिरा हुआ मूसल लन्ड इस वक़्त पूरा तना हुआ था.....निधि को अपनी आँखों पे यकीन नही हो रहा था.....वह एक बार खिड़की से दूर हट गई....फिर उसने वापिस अंदर की और झांका.....करीम का घोड़े जैसा लन्ड देखकर निधि के शरीर में एक करंट सा दौड़ गया....निधि की सांसे तेजी से चलने लगी....अब वो गर्म हो रही थी.....उसने आज तक इतना बड़ा लन्ड नही देखा था....वो मन ही मन मोहित के लन्ड की तुलना करीम के लन्ड से कर रही थी....निधि के अंदर कुछ होने लगा था....उसकी चूत के अंदर सैकड़ो चीटियां रेंगने लगी थी....अब उससे वहाँ और खड़ा नही हुआ जा रहा था....वो वहाँ से भाग कर फिर से हवेली में आ गयी और अपने रूम में चली गयी......करीम का लन्ड अभी भी निधि की आँखों के सामने घूम रहा था.....वो बेड पर बैठकर अपनी साँसों को काबू करने की कोशिश करती हैं..... थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो जाती हैं..... लेकिन उसकी आँखों के सामने अभी भी वही दृश्य चल रहे थे....तभी मोहित भी ऑफिस से आ जाता हैं....अभी भी निधि अपने ही ख्यालो में खोई हुई थी....मोहित के पुकारने पर वो अपने ख्यालो से बाहर आती हैं......

मोहित - क्या हुआ निधि.....कहाँ खोई हुई थी.....

निधि - वो कुछ नही.....बस ऐसे ही.....खाना लगा दूँ तुम्हारे लिए.....

मोहित - नही रहने दो.....मैने सोचा देर हो जाएगी इसीलिए मैने ऑफिस में ही डिनर कर लिया था....

निधि - अच्छा......ठीक है फिर....

उसके बाद मोहित बाथरूम में जाता हैं और हाथ मुँह धोकर वापिस आकर बेड पर लेट जाता हैं.....निधि को सेक्स करने की बहुत इच्छा हो रही थी पर मोहित आते ही सो गया था.....उसे मोहित पर बहुत गुस्सा आ रहा था....उसने फौरन एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार लिए और बेड पर ही उंगलियां अपनी चुत पर घिसने लगी....


थोड़ी देर बाद उसके चूत की गर्मी कुछ कम हुई और वो गहरी नींद में चली गयी.....
अगले दिन हमेशा की तरह जब तक वो उठी तब तक मोहित ऑफिस जा चुका था.....उसने अपने वार्डरोब से एक पिंक कलर की बेहद ही खूबसूरत साड़ी निकाली और बेड पर रख दी.....और खुद टॉवल लेकर बाथरूम में चली गयी....वापिस आकर उसने उस साड़ी को पहन लिया उसके साथ मैचिंग ब्लाऊज़ जिसका गला हमेशा की तरह गहरा था.....आज वो पिंक साड़ी में किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रही थी......उसके बाद उसने अपने गले में मंगलसूत्र डाला......आंखों में थोड़ा सा काजल और उसने आज पायल भी पहनी थी.....ऐसा लग रहा था जैसे कि वो करीम को रिझाने के लिए तैयार हो रही थी....

वो तैयार होकर नीचे हॉल में आ जाती हैं......वह करीम को आवाज़ लगाती हैं..... करीम एक पल के लिए निधि को देखता हैं और अगले ही पल अपनी आँखें झुका लेता हैं.....

करीम - जी मालकिन....आपने बुलाया मुझे......

निधि - हाँ करीम चाचा.....वो मुझे आपसे कल जो हुआ उसके बारे में बात करनी थी......

करीम - जी कहिये मालकिन....क्या बात रह गयी हैं....क्या अभी भी आपका दिल नही भरा......अगर थप्पड़ मारने के बाद और कुछ रह गया हो तो वो भी कर दीजिए....आप बड़े लोग हैं आपकी गलती कोई मायने नही रखती और हमारी छोटी सी गलती भी गुनाह बन जाती हैं....

निधि - ऐसी बात नही है करीम चाचा....आप मुझे गलत समझ रहे हो....मैने तो आपको इसीलिए बुलाया हैं क्योंकि मुझे पछतावा हो रहा हैं कि मैने आप पर हाथ उठाया....मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ इसीलिए मैं आपसे माफी माँगना चाहती हूं.....

करीम के लिए ये किसी झटके से कम नही था.....वो हैरान था कि उसकी मालकिन आगे से उससे माफी मांग रही थी.......पर वो अभी निधि को और कमजोर करना चाहता था.....

करीम - माफी....वो भी मुझसे....क्यों शर्मिंदा करती हो मालकिन.....आप जैसे अमीर लोग इस गरीब से माफी मांगे ये बात आपको बिल्कुल भी शोभा नही देती.....अच्छा अब आप अपना ये फालतू विलाप बन्द कीजिये मैने आपको माफ कर दिया हैं.....

करीम मंझा हुआ खिलाड़ी था.....वो अब अच्छे से समझ चुका था कि निधि को अपने नीचे कैसे लाना हैं....उसने जाल तो फेंक दिया था अब देखना ये था कि शिकार जाल में फंसता हैं कि नही.....मगर ये शिकार आसानी से जाल में फंसता हुआ दिखाई दे रहा था......करीम एक बार गलती कर चुका था.....इसीलिए अब वो दुबारा ऐसा कोई कदम नही उठाना चाहता था जिससे उसके हाथ आया इतना सुनहरा मौका उसके हाथ से निकल जाए....अब वो हर कदम बहुत सोच समझकर रख रहा था....

निधि - नही नही करीम चाचा....आप मेरी बातों का गलत मतलब समझ रहे हो......

करीम - देखिए मालकिन.....मैं काफी समय से इसी हवेली में काम कर रहा हूँ....आपने मेरी इतने सालों की वफादारी का मजाक उड़ाया हैं....

निधि - आपको मुझे माफ़ करना ही होगा करीम चाचा......

करीम - अगर मैने ऐसा नही किया तो....फिर....देखिए मालकिन आप फालतू में अपना और मेरा वक़्त जाया कर रही हैं......

इधर करीम अपना जाल फैलाता जा रहा था.....और उधर निधि धीरे धीरे उसकी बातों में आती जा रही थी....

निधि - प्लीज करीम चाचा....समझने की कोशिश करिए....क्या आप अपनी मालकिन को माफ नही करेंगे.....

करीम - ठीक है मालकिन.....जाओ मैने आपको माफ किया....अब तो आप खुश हैं ना....लेकिन कल को अगर मैने फिर से आपका हाथ पकड़ा और तो आप फिर से मुझे थप्पड़
मारेंगी या मालिक से मेरी शिकायत कर देंगी....हैं ना.....

निधि - नही करीम चाचा....मैं आपसे वादा करती हूं ऐसा कुछ नही होगा....मैं आपको किसी बात के लिए अब मना नही करूंगी...प्लीज मेरी बात रख ले.....

करीम के चेहरे पर एक गंदी सी हँसी तैर जाती हैं....अब उसे ऐसा लगने लगा था कि शिकार जाल में फंस रहा हैं....

करीम - ठीक है मालकिन...मगर आपको मुझसे एक वादा करना होगा कि आप मुझे दुबारा कुछ नही कहेंगी....जो मेरा दिल करेगा वो मैं आपके साथ कर सकता हूँ....

करीम को पूरा यकीन था के निधि उसकी बात जरूर मानेंगी....उसे इतने वर्षों का अनुभव जो था....और जैसा करीम ने सोचा था वैसा ही हुआ....

निधि - मुझे आपकी शर्त मंजूर हैं.....मगर मेरी भी एक शर्त हैं....

करीम - क्या.....

निधि - बात ये हैं कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ....और तुम्हारे मालिक की बीवी भी.....मैं अपने पति के साथ बेवफाई नही कर सकती....मेरे कुछ दायरे हैं जिन्हें मैं पार नही कर सकती....मैं जानती हूँ आप मेरे साथ कभी गलत नही करोगे....लेकिन हमारे बीच कुछ फासले रहे तो बेहतर होगा....आप समझ रहे है ना....मैं सिर्फ बातों तक आपका साथ दूंगी....

करीम के चेहरे पर हँसी और गहरी हो जाती हैं..... उसे पता था कि हर औरत के कुछ दायरे होते हैं जिससे वो पार नही जा सकती....मगर एक बार अगर उसने उस दायरे को पार कर दिया तो उसे फिर कोई नही रोक सकता....और करीम निधि को अब उस दायरे से बाहर निकालना चाहता था....

करीम - ठीक है मालकिन....मैने आपको माफ किया.....

फिर निधि नाश्ता करके अपने रूम में चली जाती हैं.... वो आज बहुत खुश थी क्योंकि करीम का उसे माफ करने को वो अपनी जीत मान रही थी पर उसे नही पता था कि ये घटना आगे जाकर उसकी जिंदगी को पूरी तरह बदल देंगी....


वही करीम अब अच्छे से जान चुका था अब निधि बहुत जल्द उसके हाथों की कठपुतली बनने वाली हैं....उसे वो जैसे नचायेगा वो वेसे ही नाचेगी.....उसके हर इशारे पर....

करीम - तू नही जानती मालकिन कि तूने कितनी बड़ी भूल की हैं मुझपर हाथ उठाकर.....इस थप्पड़ का बदला तो मैं तुझसे ऐसा लूंगा कि तू कभी भूल नही पाएंगी.....तुझसे मैं वो सबकुछ करवाऊंगा जो मैने सोच रखा हैं....
Bohot hi jabardast update diya he tumne bro .Ase hi update dete rehna
 

Ayushhh

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Bohot hi jabardast update diya he tumne bro .Ase hi update dete rehna
धन्यवाद भाई...... ऐसे ही साथ बनाये रखियेगा.....मैं कोशिश करूंगा कि कहानी आपकी आशाओ के अनुरूप हो.....
 
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Lok kam

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Awesome update bro
 

Ayushhh

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Ayushhh

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आपके प्यार के लिए शुक्रिया
 

Aaryapatel

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Superb story he bhai.... excellent
 
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