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Adultery भैरवगढ़ - कामुकता की इंतेहा

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Ayushhh

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Ayushhh

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Yar koi response hi nhi deta hain......Ye dekhkr bhut disappointment hoti hain
 

Mass

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Yar koi response hi nhi deta hain......Ye dekhkr bhut disappointment hoti hain
I am sure..jaise jaise story aage badhega..bahut accha response aayega...mostly people wait for initial regular updates jo aap de rahe ho...
so, just have some patience. I am sure, you'll get better response and more likes to your story.
Because many stories start with a bang and then no further updates after initial parts..hence people generally do not respond well to (any) story initially.
Many stories start slowly but pick up speed later on with lots of feedback/comments, etc...
Keep going. Look forward to the next update. Thanks.
 
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Jerry

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Awsm story bro ...
 

Ayushhh

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I am sure..jaise jaise story aage badhega..bahut accha response aayega...mostly people wait for initial regular updates jo aap de rahe ho...
so, just have some patience. I am sure, you'll get better response and more likes to your story.
Because many stories start with a bang and then no further updates after initial parts..hence people generally do not respond well to (any) story initially.
Many stories start slowly but pick up speed later on with lots of feedback/comments, etc...
Keep going. Look forward to the next update. Thanks.
Thanks brother for your support
 

Jatin01122

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Gjb
 

Bappa

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अगली सुबह निधि थोड़ी देर से उठती हैं....... करीम की अशलील बातों के कारण उसे रात में बहुत देर से नींद आयी थी.......वह पीछे मुड़कर दीवार पर टंगी घड़ी को देखती हैं...... घड़ी में सुबह के दस बज रहे थे.........पर आज उसके चेहरे पर चमक साफ नजर आ रही थी......उसे बेसब्री से करीम से मिलन का इंतेज़ार था कि कब वो उसे अपनी मज़बूत बाहों में लेगा.......उससे अब एक पल भी रुका नही जा रहा था पर वो कमली के हवेली से चले जाने का इंतजार कर रही थी..........थोड़ी देर बाद निधि बाथरूम में चली जाती हैं और फ्रेश होती हैं........नहाने के तुरंत बाद वो अपने बेडरूम में आती हैं और अपने वार्डरॉब के पास चली जाती हैं.......जब उसकी नज़र वहाँ पर पड़े ब्रा और पैंटी पर जाती हैं तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं........करीम ने उसे आज मना किया था ब्रा और पैंटी पहनने को........वो उनको वही पर पड़े रहने देती हैं और एक बेहद ही खूबसूरत ब्लैक कलर की फ्रॉक निकलती हैं जो उसकी फ्रेंड्स ने हनीमून के दौरान पहनने के लिए उसे गिफ्ट दी थी .......निधि उस फ्रॉक में किसी अठारह साल की जवान लड़की की तरह लग रही थी.......पर उसे आज बिना ब्रा और पैंटी के बहुत अजीब लग रहा था.......मगर उसके दिल में रोमांच की भावना भी धीरे धीरे जग रही थी........थोड़ी देर बाद उसने घड़ी की तरफ देखा तो बारह बज रहे थे.......अमूमन इस समय तक कमली हवेली से चली जाती थी........निधि अपनी बेकाबू सांसों को काबू में करने की कोशिश करती हैं और नीचे हॉल की तरफ चल पड़ती हैं........ निधि जैसे ही सीढियां उतरने लगती हैं उसे करीम दिखाई देता हैं हमेशा की तरह कुर्ते पजामे में........ वह अपने हाथ चौड़े किये हुए सोफे पर बैठा हुआ था......निधि को आता देखकर वो सीढ़ियों की तरफ जाता हैं ..........

करीम - माशाअल्लाह......हमेशा की तरह आज भी आप क़यामत लग रही हैं......मैने जैसे आपकी रात को कल्पना की थी आप तो उससे भी कई ज्यादा खूबसूरत लग रही हैं......अपनी तारीफ़ सुनकर निधि के चेहरे पर मुस्कान तैर जाती हैं....... निधि अभी भी सीढ़ियों पर ही खड़ी थी.....करीम उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाता हैं और उसे अपने आगे चलने का इशारा करता हैं.......निधि आगे चलने लगती हैं और करीम उसके पीछे पीछे जाता हैं.......वो निधि की गांड को खा जाने वाली नज़रो से घूरता हैं.......तभी अचानक खिड़की से होते हुए एक हवा का तेज झोंका आता हैं जिससे निधि की फ्रॉक हवा में उठ जाती हैं और निधि की नंगी गांड करीम के सामने आ जाती हैं.......निधि की नंगी गांड देखकर करीम से रहा नही गया और वो फौरन निधि के करीब जाता हैं और एक कसकर थप्पड़.....सटाक...... से उसकी गांड पर मारता हैं......निधि ना चाहते हुए भी वही जोरो से आआआआ......अममममम......करते हुए वही सिसक पड़ती हैं........

निधि करीम के चेहरे की औऱ बड़े गौर से देख रही थी......करीम की इस हरकत पर वो हैरान थी.......मगर करीम अभी भी अपने काले पीले दांत दिखाकर हँस रहा था......

करीम - बहुत कातिलाना गांड हैं आपकी मालकिन.....

वह हैरानी से उसकी तरफ देखती हैं...... और फिर अपनी आँखें झुका देती है........

करीम - मैं माफी चाहता हूँ......कहीं आपको ज्यादा जोर की तो नही लगी ना.......

अब भला निधि उसे क्यों बताती उसे लगी या नही.....

निधि - आप बहुत गन्दे हो.......पहले दर्द देते हो फिर माफी मांगते हो......आप कभी नही सुधरोगे......

करीम - हाहाहाहा.....क्या मैने जैसे करने को बोला था आप उसके लिए तैयार हो......

निधि का चेहरा शर्म से लाल पड़ जाता हैं......वो चाहकर भी कुछ नही बोल पाती और शर्म से अपनी नज़रे तुरंत नीचे कर लेती हैं.....करीम के चेहरे पर फिर से हँसी तैर जाती हैं......

करीम - मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं मालकिन.......

निधि शर्म से मरी जा रही थीं.......वो करीम का इशारा अच्छे से समझ रही थी........मगर अब सवाल ये था कि क्या वो अपनी चूत उसके सामने खोलकर उसमे अपनी उंगली डाल पाएगी.......ये सब ख्याल आते ही निधि की चूत में मानो चीटियां सी रेंगने लगती हैं.......उसके शर्म की दीवार अब धीरे धीरे टूट रही थी.......

करीम - जानती हो मालकिन......कल मैने आपके नाम की तीन बार मुठ मारी.......फिर भी मुझे चैन नही मिला......कसम से कल अगर आप मेरे पास होती तो मैं ये अपना पूरा लन्ड एक ही बार में आपकी चूत में उतार देता.....आपने मुझे बहुत बेचैन किया हैं......इसकी आपको सज़ा मिलेगी......

करीम निधि के करीब जाता हैं......निधि उसे सवाल भरी नज़रो से देख रही थी.......उसका दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था.......फिर करीम अपना एक हाथ निधि की फ्रॉक में डाल देता हैं और उसकी नंगी चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़ लेता हैं और अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड को जोर से भीच देता हैं........निधि इस दोहरे हमले को झेल नही पाती हैं और उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ती हैं......करीम अभी भी निधि की चूत को अपनी मुट्ठी में पकड़े हुए था और उसके हाथों की कठोरता धीरे धीरे बढ़ रही थी......

निधि - आआहहह.......करीम जी......आराम से.......मैं कही भागी नही जा रही......

तो फिर जल्दी से अपना नंगी चूत का प्रदर्शन शुरू करो ताकि उसे देखता हुआ मैं खाना खा सकु......

निधि - तो खाओ ना खाना...... आपको रोका किसने हैं.......

निधि पर हवस हावी हो रही थी.......धीरे धीरे वो भी करीम के साथ खुलने लगी थी.......

करीम - ऐसे नही मालकिन......मेरे कुछ उसूल हैं जो आपको मानने पड़ेंगे.......

निधि - कैसे उसूल......मैं कुछ समझी नही......

निधि हैरान होते हुए पूछती हैं.......

करीम - सबसे पहले तो आपको पूरा नंगा होना पड़ेगा......फिर इस डाइनिंग टेबल पर चढ़कर आप तब तक अपनी चूत में उंगली करेंगी जब तक मैं खाना पूरा ना करलू....
बोलो मालकिन आपको ये शर्त मंजूर हैं.....

निधि की चूत गीली होती जा रही थी......उसकी चूत में लगी आग को वो जल्द से जल्द बुझाना चाहती थी......इसीलिए वो झट से हाँ बोल देती हैं......करीम के चेहरे पर फिर से गन्दी हँसी तैर जाती हैं.......

करीम फिर निधि के करीब आता हैं और अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख देता हैं और कसकर जोरों से मसल देता हैं.......निधि एक बार फिर से तड़प उठती हैं......करीम फिर अपना दूसरा हाथ भी उसके दूसरे बूब्स पर ले जाता हैं फिर उसे भी कसकर मसल देता हैं.......निधि चुपचाप खड़ी होकर करीम को अपने जिस्म के साथ खेलने दे रही थी.......निधि के दोनों हाथ इस वक़्त करीम की जांघो पर थे........

करीम के हाथों की सख्ती धीरे धीरे उसके दोनों बूब्स पर बढ़ती जा रही थी.......और इधर निधि के मुँह से भी तेजी से सिस्कारियाँ निकल रही थीं.......वो अपनी आँखे बंद करके अपनी चूचियों पर करीम के कठोर हाथो का स्पर्श महसूस कर रही थी.......थोड़ी देर बाद करीम उसकी फ्रॉक को नीचे से उठाता हैं और निधि भी अपने हाथ ऊपर कर देती हैं जिससे करीम उसकी फ्रॉक को निकाल कर अगले ही पल जमीन पर फेंक देता हैं.......जैसे ही करीम फ्रॉक को निधि के जिस्म से अलग करता हैं वो अपने हाथो से दोनों बूब्स को ढक लेती हैं......अभी भी उसके अंदर कुछ शर्म बाकी थी......मगर करीम वो भी शर्म कुछ देर में उतारने वाला था...

करीम - हटा लो ना मालकिन अपना ये हाथ.....

करीम के बार बार कहने पर निधि अपने दोनों हाथ हटा लेती हैं.......अब निधि करीम के सामने पूरी नंगी खड़ी थी......उसका शर्म से बुरा हाल था.......पहली बार वो किसी गैर मर्द के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी......

करीम - वाह......ऊपर वाले ने आपको क्या रूप दिया हैं...... आप तो पूरी क़यामत हैं मालकिन......

फिर करीम निधि को अपनी तरफ घुमाता हैं......निधि अपना चेहरा करीम की तरफ घुमा लेती हैं लेकिन शर्म के कारण उससे आँखे नही मिला पाती.......करीम निधि को सिर से लेकर पांव तक घूरे जा रहा था.......उसके बूब्स किसी पहाड़ की तरह तने हुए थे......उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ करीम पर कहर बरपा रही थी......उसके निपल्स गुलाबी रंग के मटर के दाने के आकार के थे.......नाभि उसकी एक इंच गहरी थी......और नीचे उसकी चिकनी चूत गहरे गुलाबी रंग की जो पूरी तरह से फूली हुई थी और एक पतली सी लकीर नज़र आ रही थी......उसकी दोनो फाँके पूरी तरह से बंद थी........

करीम अब निधि के पीछे की तरफ चला जाता हैं और उसकी गोल उभरी हुई गांड को बड़े गौर से देखने लगता हैं......क्या कसी हुई गांड थी निधि की......अगर कोई बूढ़ा भी एक बार देखले तो उसके लन्ड से पानी निकल जाए........ऐसी बला की खूबसूरत निधि आज करीम के सामने नंगी खड़ी थी......
करीम फिर आगे बढ़कर फौरन अपने दोनों हाथों से निधि के बूब्स को थाम लेता हैं और उसकी गर्दन पर बड़े प्यार से चुम लेता हैं.......निधि की सांसे भारी होती जा रही थी......हवस ने उसके दिमाग पर पूरी तरह कब्जा कर दिया था......

करीम के इस तरह चूमने पर वो दूबारा सिसक पड़ती हैं और अपनी आँखें झट से बंद कर देती हैं......करीम के मुँह का थूक अब निधि के कंधों पर चमक रहा था......करीम के दोनों हाथ अभी भी निधि के सीने पर थे.......करीम उन्हें बारी बारी से मसल रहा था.......थोड़ी देर बाद वो निधि से दूर हट जाता हैं और सामने डाइनिंग कुर्सी पर बैठ जाता है......निधि एक नज़र करीम की और देखती हैं पर वो कोई रिएक्शन नही देती........सच तो ये था कि उसे कुछ समझ नही आ रहा था वो इस सब की शुरुआत कहाँ से करे......

करीम - मैं खाने शुरू करने के लिए इंतेज़ार कर रहा हूँ.....अब जल्दी से इस डाइनिंग टेबल पर चढ़कर अपनी चूत का प्रदर्शन करो......

करीम की आवाज़ में गुस्सा था......निधि आहिस्ता से आगे बढ़ती हैं फिर वो उस डाइनिंग कुर्सी पर पांव रखकर टेबल पर चढ़ जाती हैं......करीम निधि की हर हरकत को बड़े गौर से देख रहा था.......वो बहुत खुश था......और हो भी क्यों ना..... इतनी बड़ी हवेली की मालकिन उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.......निधि फिर उस डाइनिंग टेबल पर खड़ी हो जाती हैं........करीम निधि को अपने मुंह के सामने बैठने का इशारा करता हैं.......निधि चुपचाप करीम के सामने आकर बैठ जाती हैं........

करीम - ऐसे नही.....अपनी दोनों टाँगे फैलाकर बैठो.....आपकी चूत की फाँके मुझे पूरी तरह दिखाई देनी चाहिए........तभी तो मैं उन्हें देखते हुए अच्छे से खाना खा पाऊंगा.......

निधि एक बार करीम की और देखती हैं और अपनी दोनों टाँगों को फैला देती हैं.......निधि के इस तरह से अपनी जांघे फैलाने पर उसकी चूत की फाँके पूरी तरह से खुल गयी थी.....अंदर गुलाबी रंग का छेद उसमे साफ दिखाई दे रहा था जो पूरी तरह से गिला था और निधि की चूत से धीरे धीरे रस बाहर की और टपक रहा था.......अगर कोई निधि को इस हालत में देख लेता तो उसे पेशेवर रंडी ही समझता.......अब उसके अंदर शर्म धीरे धीरे खत्म होती जा रही थी.....

करीम आँखे फाडे उस खूबसूरत और कामुक दृश्य को देख रहा था......उसे तो खुद पर यकीन ही नही हो रहा था कि जो वो सामने देख रहा हैं वो सपना हैं या हकीकत.......

करीम अपनी प्लेट में खाना लेकर खाने लगता हैं और निधि की तरफ देखता हैं....... निधि अपना एक हाथ पीछे की और ले जाती हैं सहारा लेने के लिए और दूसरा हाथ धीरे से अपनी चूत की और ले जाती हैं...... अगले ही पल उसकी उंगली उसकी चूत के दानों को सहलाने लगती हैं...... करीम निधि को बड़े गौर से देख रहा था.......वही निधि का बुरा हाल था.....एक तरफ तो उसे शर्म आ रही थी वही दूसरी तरह उसकी हवस भी धीरे धीरे उस पर हावी हो रही थी......वो हौले हौले अपनी चूत को सहला रही थी जिससे उसके मुँह से आह......आह की कामुक आवाज़े आ रही थी.......



करीम का लन्ड ये नज़ारा देखकर उसकी लुंगी में पूरी तरह तन चुका था और ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी भी पल उसकी लुंगी को फाड़ कर बाहर निकल जाएगा.......करीम से भी अब रहा नही जा रहा था.......वो जल्दी से खाना खत्म करता हैं और पास ही रखे कपड़े से अपने हाथ पोछ देता हैं......करीम फौरन कुर्सी से उठता हैं और निधि को बाहों में उठाकर उसे नीचे जमीन पर उतार देता हैं.......

निधि करीम की ताकत की कायल हों जाती हैं कि इस उम्र में भी कैसे उसने एक झटके में उसको डाइनिंग टेबल से उठाकर नीचे जमीन पर उतार दिया.....अब करीम निधि का हाथ पकड़ कर उसे सोफे की और ले जाता हैं और निधि को सोफे पर बैठा देता हैं और उसको ऊपर से नीचे घूरने लगता हैं....... निधि हैरानी से करीम की और देखती हैं........

निधि- आप ऐसे क्या देख रहे हो.......

निधि की आवाज़ सुनकर करीम अपनी सोच से बाहर आता हैं......

करीम - ओहहह.....वो बस कुछ नही......

निधि धीरे से मुस्कुरा देती हैं और करीम की आँखों में देखते हुए अपनी गांड को थोड़ा सा आगे उसके चेहरे की तरफ सरका देती हैं...... ऐसा लग रहा था जैसे वो करीम को खुला निमंत्रण दे रही हो उसकी चूत को चाटने के लिए......करीम फिर से निधि की चूत के दोनों फांको के बीच घूर रहा था पर फिर भी वह कुछ नही कर रहा था......इधर निधि का सब्र धीरे धीरे टूट रहा था........

निधि - प्लीज....करीम जी......कुछ तो करो....उसकी आवाज़ में निवेदन साफ जाहिर हो रहा था......वो अंदर ही अंदर तड़प रही थी.....वो अब अपनी चूत के आगे पूरी तरह से मजबूर हो चुकी थी.....करीम निधि को पूरी तरह से बेबस करना चाहता था......वो निधि को तड़पाना चाहता था ताकि वो उसे पूरी तरह अपने कब्जे में ले सके........

वो चाहता तो अभी अपना लन्ड लुंगी से बाहर निकलकर निधि की चूत में उतार देता.....कुछ देर बाद वो भी शांत हो जाता और निधि की प्यास भी बुझ जाती....मगर इसमे उसे ज्यादा मजा नही आता.......वो तो चाहता था निधि पूरी तरह खुलकर उसका साथ दे...... वो उसके लिए सब कुछ करे जो उसका सपना हैं.....अगर निधि के अंदर तड़प नही होगी तो वो उसकी बात कभी नही मानेंगी........

करीम कुछ देर तक खामोश रहता हैं फिर वो कुछ सोचकर मुस्कुरा देता हैं......

करीम - आप ही बताओ मुझे......मैं क्या करूं.....मुझे तो कुछ नही पता मुझे क्या करना हैं......करीम के मुँह से ऐसी बातें सुनकर निधि के चेहरे का रंग फीका पड़ गया....पहले तो निधि को करीम पर बहुत गुस्सा आया पर कुछ सोचकर वो उस गुस्से को पी गई.......

निधि - ( मन में ) अब इनको ये भी बताना पड़ेगा कि एक जवान लड़की उनके सामने अपनी चूत पूरी तरह फैलाकर बैठी हैं और वो पूछ रहे हैं करना क्या हैं......

निधि को करीम का ऐसे बर्ताव करना बहुत परेशान कर रहा था.......उसके मन में ये सवाल चल रहा था कि वो करीम को कैसे समझाए कि उसे क्या करना है......उसे कैसे कहे कि आकर मेरी चूत को चाटो और मेरी प्यास को बुझा दो......निधि के माथे पर पसीने की बूंदे साफ झलक रही थी......

निधि- करीम जी........प्लीज........मजाक मत करो मेरे साथ.......जो आप चाहते हो वो आप करो ......... प्लीज अब ऐसे मत तड़पाओ मुझे......अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता...मेरे अंदर की आग को बुझा दो ना... प्लीज.....

करीम - मैं मजाक नहीं कर रहा है मालकिन....... और आपके अंदर आग कहां लगी हैं.......आप तो मुझे बिल्कुल ठीक दिखाई दे रही हैं...आखिर आपको हुआ क्या हैं ......... ज़रा खुल कर बताइये मुझे .........

निधि फिर अपना एक हाथ अपनी चूत के पास ले जाती हैं और अपने हाथों से करीम की ओर देखते हुए धीरे से इशारा करती हैं......

निधि- यहां........इसके अंदर आग लगी हुई हैं........प्लीज बुझा दो ना इसे.........

करीम - मगर .... मैं इसे कैसे बुझा सकता हूं .... क्या मैं आपको फायर ब्रिगेड वाला लगता हूं ........ मालकिन ज़रा खुल कर कहोगी तभी तो मैं आपके मर्ज का इलाज़ करुंगा ......... नहीं तो मैं कैसे समझूंगा की आपको हुआ क्या है .........

अब निधि करीम का इरादा अच्छे से समझ चुकी थी......अब वो जान चुकी थी की करीम उससे क्या बुलवाना चाहता है... मगर वो भला ऐसे गंदे शब्द कैसे उसके सामने बोल सकती हैं ........निधि के मन में अब ये सावल उसे बार बार परेशान कर रहा था ........ बचपन से वो आवारा लड़कों के मुँह से अक्सर चूत लन्ड जैसे शब्द सुनती आई थी मगर उसने कभी अपने होंठो तक ऐसे शब्दों को नहीं लाया था......जिसने आज तक किसी से तू तड़ाक से बात नही की वो ऐसे गन्दे शब्द कैसे बोल सकती थी ......... नहीं नहीं .... ये उससे नहीं होगा .... कुछ भी हो जाए वो ये शब्द कभी उसके सामने नहीं कहेंगी.......

निधि- प्लीज करीम जी....... मैं जानती हूं की आप मेरे मुँह से क्या सुनना चाहते हो...मगर मैं ये सब नहीं कह सकती... प्लीज... ..जो करना है वो कर लो......मैं आपको कुछ करने से मना तो नहीं कर रही हूं ना...फिर अब ये कैसी जिद्द हैं.......


अगले ही पल करीम तुरंत सोफे से उठ जाता है और जाने के लिए जैसे ही मुड़ता है तभी निधि फौरन उसका हाथ पकड़ लेती हैं ..........

करीम - बस बहुत हुआ ......... सच तो ये है कि आप मेरे लिए कुछ नहीं कर सकती ... अगर आपको मेरी खुशी की जरा भी परवाह होती है तो आप बिना सोचे समझे मेरे लिए कुछ भी कर जाती ...... बार बार ऐसे नखरे न दिखाती...... मैं अब जा रहा हूं ..... .. .......

निधि बहुत इमोशनल हो गयी........वो अपनी जगह से उठकर खड़ी हो जाती हैं …… इस वक्त वो कुछ सोचने समझने की हालत में नहीं थी… मगर चाहे कुछ भी हो जाए वो अब करीम से दूर नहीं रह सकती थी....और इस हालत में तो कभी नहीं...

निधि- भगवान के लिए ऐसा मत करो मेरे साथ...जो आपने चाहा वो मैंने किया...अपना सब कुछ तो मैं आपके हवाले कर चुकी हूं...अब ये कैसी ज़िद्द है...मैं ये सब नहीं कह पाउंगी.......मुझे माफ़ कर दो......कुछ तो मेरे अंदर शर्म अब रहने दो.......

करीम - तो फिर ठीक हैं.......आप अपना शर्म अपने पास ही रखिए........मैं जा रहा हूं..……आप भूल जाना की करीम नाम के कोई आदमी से आपका कभी कोई नाता था……..

करीम फ़िर जैसे ही आगे बढ़ता है निधि फ़ौरन आकर दरवाजे के पास खड़ी हो जाती है ……… और अपने दोनो हाथो से दरवाजे को ढक लेती हैं……..

निधि- करीम जी अब मैं आप जो कहोगे वो कर लुंगी.... ... अगर आपको मेरी बातों पर यकीन नहीं होता तो फिर ठीक है .... अब तक आपने मेरी मजबूरी और लाचारी देखी हैं...... मुझे हमेशा कमजोर समझते आए हो आप......मगर आज मैं आपको दिखा दूंगी की औरत जब अपने शर्म और लाज का घुंघट उतारती है तो फिर उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती .........आप मेरी बेशर्मी देखना चाहते हो ना.......ये लो देखो मेरी बेशर्मी .... यही चाहते हो ना आप ... तो फिर ठीक हैं ... .....आपकी खुशियों के खातिर मुझे ये भी मंज़ूर हैं .....

निधि अभी भी करीम की आँखों में आँखें डाले घूर रही थी .... मगर अब करीम उससे अपनी नज़रें नहीं मिला पाता हैं और अपना सर चुप चाप नीचे की तरफ झुका देता है …… फिर वो कुछ नहीं बोलता हैं और चुप चाप जाकर वही सोफे पर बैठ जाता है …… निधि भी फिर से सोफे पर बैठ जाती हैं ...... अपनी दोनो टाँगे पूरा फैलाये हुए .........

निधि- अब चुप ही रहेंगे या कुछ कहेंगे भी ………

निधि अभी भी करीम के चेहरे को घूरे जा रही थी ……

करीम - मुझे माफ कर दिजिए मालकिन......वो जाने अनजाने में मैंने आपका दिल दुखाया...मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था.........

निधि- अब बातें ही करोगे या कुछ आगे भी करने का इरादा है...

इतना कहकर निधि धीरे से मुस्कुरा पड़ती है... ...करीम भी अपने पीले काले दांत दिखाते हुए हँस पड़ता हैं... ......

करीम - करना तो बहुत कुछ है मालकिन....... मगर .........

निधि - मगर ......... मगर क्या ????

करीम - वही जो मैं चाहता हूं.........

निधि- हम्म्म्म.......तो क्या सुनना चाहते हो आप.......

करीम - क्या मुझे बताना पड़ेगा ...... खैर आप खुल कर मुझसे वो सब बातें किजिये जो एक पेशेवर रंडी चुदाई के दौरान अक्सर कहती है ... देखना इससे आपको भी बहुत मजा आएगा ..... ....

निधि का गला सुखा जा रहा था ….. अब भी उसके दिल में यही सवाल था की वो कैसे ये सब कहेगी... मगर अब उसे करीम की खातिर सब कुछ कहना था... सब कुछ करना था ....... करीम फ़ौरन अपना एक हाथ निधि की चूचियों पर रख देता है और उन्हें अपनी दोनो उंगलियों के बीच ज़ोरों से मसल देता है …… निधि ना चाहते हुए भी ज़ोरों से सिसक पड़ती है…..करीम को पता चल गया था अब निधि किसी चीज़ के लिए उसका विरोध नही करेंगी.....वो अब अपने असली रंग दिखा रहा था......

करीम - बोलो मेरा हाथ कहाँ पर है......और मैं क्या कर रहा हूँ.......

निधि-आआआआआहहहहहह......... करीम जी........मेरी चुचियाँ....को धीरे से दबाओ... दर्द हो रहा है मुझे......

निधि जैसे तैसे ये शब्द बोल पाई थी...उसकी सांसें एक बार फिर से भारी होती जा रही थी...ऐसा लग रहा था जैसे वो सांस भी नहीं ले पा रही हो.........

निधि बड़ी अदा से करीम के चेहरे की और देखती हैं फिर वो उसे देख कर धीरे से मुस्कुरा पड़ती हैं.....

निधि- आप सच में बहुत गंदे हो... और आओ अब मुझे भी अपना जैसा बनाना चाहते हो...... .

करीम - तो बन जाओ ना मेरे जैसी…....आपको देखना बड़ा मजा आएगा ……… वैसे आपने मेरी बातें का जवाब नहीं दिया……

निधि एक नज़र फ़िर से करीम की आँखों में घूरती है और अगले पल वो फिर से धीरे से मुसकुरा देती है ......

निधि- चूत ......... मेरी चूत अच्छे से चाटो........

निधि अब किसी रंडी की तरह करीम से बातें कर रही थी.....

करीम निधि की दोनो टाँगों को अपने कंधे पर रखता हैं......फिर अपनी जीभ धीरे से सरकाते हुए उसकी चूत के होंठ पर ले जाता है और बहुत हौले हौले उन्हें चूसना शूरु करता है.........निधि एकदम से सिसक पड़ती हैं...........उसकी आंखें लज्जत से बंद हो जाती हैं.....निधि के ना चाहते हुए भी उसके मुँह से जोर जोर से आहें निकल रही थी........

निधि - आआहहहह.........हाँ ऐसे ही......और कसकर चाटो इसे.........

वो इस वक़्त इस कदर एक्साइटेड हो चुकी थी की वो अपनी दोनो उंगलियों से अपने निपल्स को बड़ी ही बुरी तरह से मसल रही थी ......... तो कभी उन्हें मरोड़ रही थी .........उसकी निपल्स भी तन कर पूरी तरह से सख्त हो चुकी थी......... इधर करीम उसकी चूत में अपनी जीभ और अंदर तक पेलने की कोशिश कर रहा था .........जिससे निधि और बेचैन सी होती जा रही थी ........पूरे कमरे में उसकी आआहहहह.......उममममम.......ईईईईई.....की आवाजे गूंज रही थी जो उस माहौल को और भी रंगीन बनाती जा रही थी...... करीम के मुँह से बहता थूक भी उसकी चूत को पल पल गीला करता जा रहा था.......इस वक़्त उसकी चूत करीम के थूक से पूरी तरह गिली हो चुकी थी... निधि अपनी गांड धीरे-धीरे हीलाते हुए अपनी चूत करीम के मुह पर रगड़ रही थी...जो मजा आज उसे मिल रहा था इससे पहले उसे कभी नहीं मिला था.......वो आज सब कुछ भूल चुकी थी ....... करीम तेजी से अपनी जीभ उसकी दोनो फांको के बीच घुमा रहा था....... और साथ ही साथ अपनी जीभ अंदर की ओर घुसाता भी जा रहा था......... निधि अब छूटने के काफी करीब थी ….. अब उसका सबर पूरी तरह से टूट गया था ..... .अब उसे ऐसा लगने लगा था की अब वो ज्यादा देर तक करीम के सामने नहीं टिकेगी.......अगले ही पल निधि है ज़ोरों से चिल्ला पड़ती हैं....... आब उसका सबर टूट गया था.......वो वही आहहहहहह........मैं गईईईई........ करते हुए ज़ोरों से झड़ने लगती हैं .........करीम निधि का सारा चुतरस एक गटक में ही पी गया......उसका पूरा चेहरा निधि के कामरस से भीग चुका था.....


करीम - आपकी चूत का रस बहुत नमकीन हैं मालकिन.....मजा आ गया......

निधि शर्म के मारे दोनो हाथो से अपना चेहरा ढक देती हैं.....

पता नही क्यों उसे करीम का ये अंदाज पसन्द था.....अब देखना ये हैं कि आगे करीम निधि के साथ क्या क्या करता हैं......
Wonderful update bro .Aise hi update dete rehana or koi chinta mat karna
 

Ayushhh

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अब निधि को करीम का ये अंदाज पसन्द आने लगा था......

करीम - तो मालकिन कैसा लगा आपको मेरी जीभ का कमाल..........

ये सुनकर निधि थोड़ा शर्मा जाती हैं.....अब वो करीम से कैसे कहे कि उसे कैसा लगा......

करीम - मालकिन मेरी कुछ इच्छाएं हैं जो मैं पूरी करना चाहता हूँ........ क्या आप मेरी इच्छाएं पूरी करने में मेरी मदद करेंगी.........

निधि - जरूर करूंगी करीम जी.......आप एक बार बोल कर तो देखिए.......

करीम - तो सुनिए......मैं चाहता हूँ कि मैं जी भर के किसी लड़की से प्यार करू और जैसे मैं चाहूँ वैसा वो मेरे साथ करे........मुझे बचपन से ही किसी का प्यार नही मिला.....मेरी माँ बचपन में ही जन्नत में चली गयी......बाप मेरा पूरा नशेड़ी था.......और जब मैने अपना प्यार अपनी बीवी पर लुटाना चाहा तो उसने भी मुझे वापिस प्यार नही दिया........मेरे दिल में बहुत कुछ था जो मैं अपनी बीवी के साथ करना चाहता था पर उसने मुझे कभी करने ही नही दिया........मैं हमेशा से आपके जैसी जवान खूबसूरत बीवी चाहता था......पर मेरे बाप ने उस छिनाल से मेरी शादी करवा ली.......पर फिर भी मैं खुश था......हर आदमी का सपना होता हैं कि उसकी बीवी सुहागरात के दिन उसे सुख दे पर मेरी बीवी मुझे कभी वो सुख नही दे पाई.......अल्लाह ने हमेशा ही मेरे नसीब में दुख ही लिखा.....

करीम ने बहुत कमीने दिमाग के साथ निधि के सामने ये बोला था......उसे पता था निधि बहुत भावुक हैं और वो जल्द ही उसकी बातों में आ जाएगी और हुआ भी ऐसा ही........

निधि - करीम जी.......आप दुखी मत हो......आपकी निधि आपकी हर इच्छा पूरी करेंगी......

करीम - सच मैं मालकिन......पर आपने अभी तक मैरी ख्वाहिशें तो सुनी ही नही......मेरी ख्वाहिशें सुनकर आप अपनी जुबान से पलट गई तो.......

निधि - नही पलटूँगी.....ये मेरा आपसे वादा हैं......

करीम - मेरी ख्वाहिश हैं कि मैं जिस भी लड़की से प्यार करू वो मुझे सब कुछ करने दे जो मैं उससे चाहता हूँ.....उसे दर्द दूँ.........उसे गन्दी गन्दी गालियां दूँ...... उसे नीचा महसूस करवाऊ....... मुझे ऐसे चुदाई करने में बहुत मजा आता हैं.......क्या आप मैरी इन ख्वाहिशो को पूरा करेंगी.......

करीम अपनी बात पूरी करके दुखी होने का दिखावा करने लगा.......निधि बड़े गौर से करीम की बाते सुन रही थी.....करीम ने निधि को पूरी तरह से अपने जाल में फंसा लिया था......

निधि - (मन में ) बेचारे.....कितना झेला हैं इन्होंने......बेचारे को कभी प्यार नही मिला......पर क्या मैं वो सब कर पाऊंगी जो करीम जी चाहते हैं.......पर करना तो पड़ेगा अब मैं इनकार नही कर सकती.....मैने वादा जो किया हैं......

करीम - क्या हुआ मालकिन......आप किस सोच में पड़ गयी.....कही आपने अपने वादे से मुकरने का फैसला तो नही कर लिया......मुझे पता था ऐसा ही होगा.......अब मैं ठहरा गरीब मुझसे कौन प्यार करेगा......

निधि - नही....नही....आप गलत समझ रहे हो.....मैं आपकी हर इच्छा पूरी करने के लिए तैयार हूँ.....

निधि को खुद नही पता था कि वो क्या करने जा रही हैं......निधि का दिल बहुत जोरो से धड़क रहा था....घबराहट की वजह से उसके नंगे बूब्स करीम के सामने ऊपर नीचे हो रहे थे.......करीम बहुत खुश था.....उसका तीर एकदम सही निशाने पर लगा था......उसे पता था कि अब कुछ भी हो जाए निधि पीछे नही हटेगी.........

करीम - इसका मतलब मैं आपके साथ कुछ भी कर सकता हूँ...... आप मुझे नही रोकेगी......

निधि - आप कुछ भी करो.......अगर मुझे ठीक ना लगा तो मैं आपको रोक दूँगी.....पर जब तक मैं ना रोकू आप कुछ भी कर सकते हो.......ये जिस्म आपका हैं.....

करीम - मैं तुझे अपनी रंडी बनाना चाहता हूँ....... क्या बनेगी तू करीम की रंडी........

निधि कुछ देर सोचने लगती हैं......

निधि - हाँ बनूँगी मैं आपकी रंडी......

करीम - तुझे पता भी हैं रंडी बनना क्या होता हैं.....

निधि - हाँ.....जो पैसों के लिए किसी के साथ भी सेक्स करे.....

करीम - नही......रंडी का मतलब होता हैं अपने मालिक की गुलाम......अपने मालिक के लन्ड की गुलाम......जो भी जब भी जैसा भी उसका मालिक चाहे समझी......

करीम अपनी भद्दी मुस्कान चेहरे पर लिए निधि से कह रहा था.......निधि बिना कुछ सोचे बोले जा रही थी......उसके दिमाग ने उसका साथ देना बंद कर दिया था.......

निधि - जी.....जैसा आप चाहे......

करीम ये सुनकर बहुत खुश हो जाता हैं और निधि के निप्पल को जोर से मसल देता हैं जिससे निधि के मुँह से आह निकल जाती हैं......उसे खुद पर विश्वास नही हो रहा था कि उसने हवेली की मालकिन को उसकी रंडी बनने के लिए मजबूर कर दिया था.......निधि भी अब किसी तरह से पीछे नही हटना चाहती थी.......उसे अब अपनी चूत की आग बुझानी थी....किसी भी कीमत पर.......अब करीम झट से सोफे पर से उठ जाता हैं और निधि को फौरन अपनी गोद में उठा लेता हैं और उसे उठाकर सीढियां चढ़ने लगता हैं....... निधि भी फौरन उसके गले में अपनी बाहें डाल देती हैं.......अगले कुछ ही पल में वो दोनों निधि के बेडरूम में पहुँच जाते हैं और करीम निधि को बिस्तर पर लेटा देता हैं......और खुद भी वही पर बैठ जाता हैं.......अब करीम निधि अपने हाथ को निधि की चूत पर ले जाता हैं और अपनी उंगलियों से चूत की दोनो फांको को फैला देता हैं..... निधि की चूत पर अभी भी उसका कामरस लगा हुआ था.......करीम अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में घुसा देता हैं......लज्जत की वजह से निधि की आँखे बंद हो जाती हैं......करीम अपनी उंगलियां निधि की चूत में गोल गोल घुमाने लगा ताकि निधि फिर से गर्म हो जाये.....निधि के मुँह से सिसकारी निकल जाती हैं......कुछ देर ऐसे ही करने के बाद करीम अपनी दोनों उंगली निधि की चूत से बाहर निकाल देता हैं.....उसकी उंगलियां निधि के काम रस से भीगी हुई थी.......करीम निधि की आंखों में देखते हुए दोनों उंगलियों को अपनी जीभ से चाट देता हैं......करीम को ऐसे उंगली चूसते हुए देखकर निधि को बहुत गन्दा लग रहा था.......पर एक मजा भी था.....निधि हॉल में एक बार झड़ चुकी थी फिर भी उसकी आँखों में हवस साफ नजर आ रही थी.......करीम अब अपना मुँह निधि के निप्पल के पास ले गया और उसे चूसने लगा वही उसका दूसरा हाथ निधि की दूसरी चूची को मसल रहा था......निधि की दोनो चुचियाँ किसी पहाड़ की तरह खड़ी थी और उसके निप्पल्स पूरी तरह तन चुके थे.......निधि इस एहसास में इतनी खो चुकी थी कि उसका हाथ करीम के सिर पर आ गया और उसने करीम की टोपी को उतार कर फेंक दिया.....वो करीम के गंजे सिर को अपने हाथों से सहला रही थी......अब करीम अपना मुँह निप्पल से हटाकर निधि के होंठो की तरफ ले जाता हैं निधि भी तुरंत अपने लब करीम के होंठो पर रख देती हैं और उन्हें चूसने लगती हैं......करीम और निधि की जीभ एक दूसरे से टकरा रही थी......करीम के थूक का स्वाद अब निधि के मुँह में घुलने लगा था......

करीम फौरन अपना एक हाथ निधि के बालो पर ले जाता है और उन्हें कसकर खीच देता है …… निधि इस बार ज़ोरों से चीख पड़ती हैं जिससे उसका मुँह पूरा खुल जाता हैं......अगले ही पल करीम के मुँह में से गाढा गाढा थूक बाहर की और निकलने लगता है जो धीरे धीरे निधि के मुँह में गिर रहा था ......... करीम का ये अंदाज काफी गंदा था मगर निधि एक नज़र उसकी आँखों में देखती है अब उसे समझ में आ गया था की करीम ने उसके साथ ऐसी हरकत क्यों की थी......... वो भी जवाब में उसकी आंखों में देखते हैं अपना होंठ पुरा खोल देती हैं और करीम के मुंह से निकलता थूक अपने गले के नीचे ले जाने लगती हैं ……उसे बहुत अजीब सा लग रहा .........ये एहसास बिलकुल अलग था .........सब कुछ अपने आप होता जा रहा था न निधि के अंदर कोई विरोध था और न करीम उसके साथ कोई ज़बरदस्ती कर रहा था.... ... जब करीम के मुँह का सारा थूक निधि के मुँह में चला जाता है तब वो उसकी और देखती हैं और धीरे से मुस्कुरा पड़ती हैं.....

निधि- सच में आप बहुत गंदे हो.......करीम जी......

अगले ही पल निधि के मुँह पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ता हैं......उस थप्पड़ से निधि का पूरा सिर घूम जाता हैं और करीम की पांचो उंगलियां उसके चेहरे पर छप जाती हैं......

करीम - साली हरामजादी रंडी कही की......अपने मालिक को नाम से बुलाती हैं..... जब भी हम अकेले होंगे तू मुझे मालिक कहकर ही बुलाएगी.....समझी रांड......

निधि चुपचाप डर के मारे हाँ में सिर हिला देती हैं.......

करीम - अब चुपचाप मेरे कपड़े उतार और मेरे लौड़े की गर्मी को शांत कर.......ना जाने कब से खड़ा है.....

अब निधि करीम के सीने पर हाथ ले जाती हैं और बड़े प्यार से उसके कुर्ते के ऊपर से ही अपने नाजुक हाथो को फेरती हैं...... वो करीम को शांत करने की कोशिश कर रही थी......उसके सीने पर घने बाल थे जो निधि की उंगलियों से लिपट गए थे.......वो बहुत आहिस्ता से उसके सीने के बालों के साथ खेल रही थी......कुछ देर बाद वो झट से उसके कुर्ते के पहले बटन को खोलती है और करीम की तरफ देखने लगती हैं.....करीम उसे सारे बटन खोलने का इशारा करता हैं.....निधि अपने हाथों से एक एक करके उसके सारे बटन खोल देती हैं.......अब करीम फौरन अपने कुर्ते को बदन से अलग कर देता हैं.....उसकी गन्दी सी बनियान अभी भी पसीने के कारण उसके बदन से चिपकी हुई थी.....निधि बड़ी अदा से अपने दोनों हाथों को उसकी बनियान के ऊपर फेरती हैं.......करीम एक नज़र निधि की तरफ देखता हैं फिर वो अपने दोनों हाथ ऊपर करके बनियान को निकाल देता हैं......निधि के सामने करीम की नंगी छाती थी जो उसके काले सफेद बालों से पूरी तरह भरी हुई थी......निधि बड़े गौर से करीम की छाती को देख रही थी......अब निधि अपनी उंगलियां करीम के निप्पल्स पर रख देती हैं और निप्पल के चारो और उंगलियों को फिराने लगती हैं.......निधि के इस तरह हाथ फेरने से करीम के निप्पल सख्त हो चुके थे.......करीम को निधि की इस हरकत से बहुत मजा आ रहा था......

करीम - सुन रांड......जैसे मैने तेरे निप्पल को चाटा था अब तू भी मेरे निप्पल्स को वैसे ही चाट......

निधि घूर कर एक नज़र करीम की आँखों में देखती हैं फिर वो बिना कुछ कहे फौरन अपनी जीभ करीम के निपल्स पर रख देती है और बहुत आहिस्ता से चाटने लगती है …....करीम के सीने पर अभी भी पसीने और मैल दोनो का मिला जुला रस था जो अब एक बार फिर से निधि के मुह में घुल रहा था... निधि की चूत में आग फिर से धीरे धीरे दहकती जा रही थी .....करीम के जिस्म से निकलने वाली बदबू से वो अब और भी मदहोश होने लगी थी ......... जैसे जैसे वो करीम के काले निपल्स को चूस रही थी वैसे वैसे ही करीम की सिसकियाँ भी बढ़ती जा रही थी...वो बड़े आराम से निधि के सर पर अपना हाथ फेर रहा था... और उसके बालो से खेल रहा था.. ........

निधि के मुह से निकलने वाले थूक से अब करीम के निपल्स पूरी तरह से भीग चुके थे जिससे वो और भी काले नजर आ रहे थे ...... निधि फिर अपनी जीभ फेरते हुए उसके दुसरे निपल्स पर ले जाती हैं वहां भी वो बहुत ही आहिस्ता से अपनी जीभ का कमाल दिखाती है...उसे भी इस तरह के खेल में मजा आने लगा था.......

निधि को खुद पर हैरानी हो रही थी.....वो ये सब करीम की खुशियों के लिए कर रही थी......लज्जत से उसका जिस्म अब कांपने लगा था.....निप्पल्स को चाटने के बाद निधि अपनी जीभ धीरे-धीरे सरकाते हुए नीचे करीम के पेट की तरफ ले जाती हैं …… फिर से उसके मुह में करीम के बदन से निकलने वाले पसीना घुलने लगा था…… वो अपनी जीभ फेरते हुए उसकी नाभि तक आती हैं.......उसकी नाभि एक इंच गहरी खाई के समान थी...उसके अंदर गंदी सी काली काली मेल जमी हुई थी जो एक दम काली थी... ..निधि एक नज़र करीम के चेहरे की तरफ देखती हैं .......करीम उसको आगे बढ़ने का इशारा करता है और अगले ही पल निधि अपनी जीभ उसकी नाभि के अंदर डाल देती है... इस तरह निधि की जीभ अंदर जाने से जहां करीम सिसक पड़ता हैं वही निधि का बदन एक्साइटमेंट में कांप उठता है ..... जब करीम की नाभि के अंदर का गन्दा सा मेल निधि के मुह में घुलता है तो निधि को ऐसा लगता है की अभी वो वहीं उल्टी कर देगी...उसका स्वाद बहुत गंदा सा था......वो अपनी जीभ वहां से हटा देती है और फिर धीरे से अपना एक हाथ सरकाते हुए नीचे करीम की लुंगी पर ले जाती है और उसकी कमर पर लगी लुंगी की गांठ धीरे से सरका देती है......... अगले ही पल करीम की लुंगी धीरे धीरे सरकते हुए उसके बदन से अलग हो जाती हैं...अब करीम सिर्फ काले रंग के अंडरवियर में निधि के सामने था...उसका काला बदन नंगा होने के करन बहुत अजीब सा लग रहा था ...... एक अंडरवियर भी थी जिसको ना जाने कितने अरसे हो गए थे धुले हुए .... जगह जगह वीर्य के धब्बे उसमे साफ दिख रहे थे जो सफेद पापड़ी के रूप में पूरी तरह से सुख चुके थे........ करीम अपने दोनो पैर फेलाकर बेड पर लेट जाता है और निधि को अपनी अंडरवियर के ऊपर आने को कहता है...निधि फिर अपना मुह करीम की अंडरवियर के पास ले जाती है और उसमे से उठ रही बदबू को अपने अंदर उतारने लगती हैं.... पता नहीं क्यों वो उस बदबू से मदहोश होती जा रही थी ......... या शायद यही बदबू उसे करीम के करीब खिंचती जा रही थी .... अब उसके जिस्म पर से उसका कंट्रोल पूरी तरह से खोता जा रहा था....... करीम का विशालकाय लन्ड उसके अंडरवियर के ऊपर से साफ दिखाई दे रहा था... उसका लन्ड खड़ा होने से उसका उभार काफ़ी मोटा था जिससे निधि का गला डर से सुखने लगा था.......वो अब उसके उभार की वजह से आसानी से उसके आकार का अंदाज़ा लगा सकती थी...... .मगर दिल में अब उसके भी यही तमन्ना जग उठी थी की वो करीम के लन्ड को अपने हाथों में लेकर सहलाए और उसको जी भर के देखें......

करीम - ऐसे क्या घूर रही हैं साली रांड......मेरा केला बहुत बड़ा है.....जब मेरा लौड़ा तेरी चूत के अंदर जाएगा उस वक्त तुझे पता चलेगा की मेरे लन्ड में कितना दम है......देखना ये तेरी चूत से सारा पानी निचोड़ कर ही दम लेगा...

निधि चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाती और एक टुक अपनी आंखें फाड़े उसके अंडरवियर के ऊपर घूरती रहती हैं … करीम ये देख कर मुस्कुरा पड़ता है और फिर से निधि को अपने जिस्म पर जीभ फेरने का इशारा करता है …….. . निधि थोडा झुक कर नीचे की ओर आती है और अपनी जीभ फौरन करीम के लन्ड के टोपे के ऊपर हौले से रख देती है...
इस तरह जीभ रखने से करीम के मुँह से एक ज़ोर की सिसकारी....आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ निकल पड़ती हैं ........करीम को इतना मजा आ रहा था कि वो बयां नही कर सकता था........निधि अब अपनी जीभ हौले हौले सरका रही थी...


अब उसके मुंह से निकला थूक करीम के अंडरवियर पर लग रहा था...उसके अंडरवियर पर लगा मेल और वीर्य दोनो का रस अब उसके मुह में एक बार फिर से घुलने लगा था.......निधि को बहुत अजीब सा स्वाद लग रहा था मगर वो अब करीम को नाराज नहीं करना चाहती थी......इस लिए बिना किसी दबाव के वो अपनी जीभ उसके अंडरवियर पर फेरती रहती है..... काफी देर तक जीभ फेरने के बाद निधि अपना मुँह वहां से हटा लेती हैं......अब तक करीम का आधा अंडरवियर निधि के थूक से गिला हो चुका था... ...करीम एक नजर निधि के चेहरे की तरफ देखता है फिर वो झट से अपने दोनो हाथ नीचे अपने अंडरवियर पर ले जाता है और एक ही झटके में अपना अंडरवियर उसके सामने उतार देता है


....अगले ही पल उसका लन्ड किसी नाग की तरह फ़नफनाता हुआ निधि की आँखों के सामने झूलने लगता है.......निधि के चेहरे का रंग बिलकुल फीका सा पड़ चूका था.......वो करीम के लन्ड को एक बार देख चुकी थी मगर आज उस दिन से ज्यादा बड़ा लग रहा था ......उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था...............

एक बार तो उसके दिल में ये ख्याल आता है की वो अभी करीम को साफ साफ मना कर दे......पर उसे करीम का वो थप्पड़ याद आ गया.......तो क्या वो इस लन्ड को अपनी चूत में ले पाएगी... ....अगर ऐसा हुआ तो यकीनन उसकी चूत पूरी फट जाएगी ........ करीम का लन्ड करीब दस इंच लम्बा था और चार इंच की मोटाई में था ......... दूसरे शब्दों में कहा जाए तो निधि की एक हथेली के बराबर... ....

निधि की चूत में चीटियां सी रेंग रही थी......उसकी चूत भी अब पसीना छोड़ने लगी थी.....मगर उसमे अब गिलापन भी बढ़ चुका था......... करीम के लन्ड पर से उसकी नजर अभी भी नहीं हट रही थी... हट नहीं रही थी या हटा नही पा रही थी ये कहना ज्यादा सही होगा... वो बार बार अपना थूक गले के नीचे गटकती जा रही थी...बार बार उसका गला सुखने लगा था..उसके दिल में इस वक्त ये ख्याल आ रहा था कि क्या वो इतना बड़ा लन्ड पूरा अपने अंदर ले सकेंगी... .....हर बार उसके अंदर से एक ही जवाब उसे मिलता है ... नहीं ... बिलकुल नहीं .........

करीम - क्या हुआ मेरी रंडी मालकिन .... क्या तुझे मेरा हाथ पसंद नहीं आया ......... ये तेरे पति से बड़ा है ना .........

करीम के इस तरह पूछने पर वो अपनी सोच से बाहर आती हैं....... अभी भी उसके चेहरे पर पसीने की चंद बूंदे साफ झलक रही थी...

निधि -वो ....वो .... हां ...मगर ... इतना ... बड़ा.....

करीम निधि की बातों को सुनकर धीरे से मुस्कुरा पड़ता है-

करीम - बड़ा है तो बेहतर हैं ना …… तू चिंता मत कर ये तेरी चूत की पूरी गहराई में समा जाएगा ……… औरत की चूत बड़े से बड़े लन्ड को भी आसानी से अपने अंदर छुपा लेती हैं ...... तो फिर ये क्या चीज है ......

निधि- मगर मेरी तो पूरी फट जाएगी...नहीं नहीं मैं नहीं ले सकुंगी इसे.......आपका तो किसी घोड़े जैसा है... ......

करीम - तो अब क्या मैं तुझे घोड़ा लगता हूं ……………तो ये घोड़ा तुझे घोड़ी बनाकर तेरी चूत का सारा पानी ये निचोड़ लेगा.......जितना लन्ड बड़ा होता हैं औरत को चुदवाने में उतना ही मजा आता हैं......

करीम - अब मेरे इस लन्ड को भी प्यार कर रानी......देख ना जाने कब से ये तेरे लिए तरस गया है.........

इस वक्त उसका दिल बहुत ज़ोरों से धड़क रहा था ........ करीम फिर अपना एक हाथ उसके हाथ पर रख देता है और उसे धीरे से सरकाते हुए अपने लन्ड पर रख देता है ......निधि के ऐसे हाथ रखने से एक बार फिर से करीम का लन्ड जोरों से अंगड़ाई लेता है...उसके लन्ड पर भी कुछ वीर्य लगा हुआ था ... और उसका लन्ड किसी नाग के समान बिलकुल काला था.....उसके जिस्म से भी ज्यादा काला... और किसी आग के समान गरम भी..... नीचे उसके आंडो पर घने काले बाल थे.... ऐसा लग रहा था मानो कितने अरसे से उसने वहां से बाल नही काटे हो ... उसके दोनो आंड किसी टेनिस बॉल के समान दिखाई पड़ रहे थे... ...लन्ड खड़ा होने की वजह से उनकी गोलाइयाँ पता नहीं चल रही थी मगर उसके दोनों आंड काफी टाइट हो गए थे.........करीम के लन्ड का टोपा सफेद था और उसका प्रीकम बाहर की और बह रहा था .........उसके सुपाड़े के इर्द गिर्द सफेद रंग के छोटे छोटे दाने लगे हुए थे .... ये वो गन्दगी थी जो लन्ड साफ न करने पर अक्सर वहां चिपकी सी रहती हैं.. ..... करीम के लन्ड पर वो काफी तादाद में दिखाई पड़ रही थी...उसके लन्ड से काफी गंदी बदबू भी निकल रही थी... निधि कभी करीम के चेहरे की तरफ देख रही थी तो कभी उसके लन्ड की तरफ ......... अभी भी वो पूरी तरह से भ्रमित थी की वो अब शुरुआत कहां से करे .... क्यों की वो इतना मोटा लन्ड अपने मुँह में भी नहीं ले सकती थी .... जाएगा ही नहीं तो लेगी क्या.........

करीम - बस रानी......अब नही रहा जाता.......ले ले इसे अपने मुँह में...... और मत तड़पा...........अपने रांड होने का सबूत दे मुझे......

निधि जो की अब खुद को तैयार कर चुकी थी उसने अपने बालों को पकड़ के सिर के एक और किया ताकि वो बांये कंधे पर आ जाए......इस तरह से वो और खूबसूरत लग रही थी.......निधि ने एक हाथ से करीम के लन्ड को पकड़ा जो बहुत मुश्किल से उसके हाथों में समा रहा था और अपना मुँह उसके लन्ड के टोपे पर ले गयी


......अगले ही पल करीम की तेज सिसकारी पूरे कमरे में गूंज उठती हैं......निधि ने पहली बार किसी का लन्ड अपने मुँह में लिया था.....निधि के मुँह में अजीब सा स्वाद घुल रहा था......कुछ करीम के पेशाब का और कुछ उसके प्रीकम का और कुछ उसपर लगे मैल का भी........तीनो का स्वाद बहुत अजीब था मग़र जो भी था बहुत गन्दा था......वो फौरन अपनी जीभ वहाँ से हटा लेती हैं......अगर वो ऐसा नही करती तो अगले ही पल वो उल्टी कर देती......

करीम - क्या हुआ मेरी जान.....अच्छा नही लगा क्या तुझे इसका स्वाद.....

निधि - नही.....पता नही.....आप कभी इसे धोते हो या नही....मुझसे इसकी बदबू बिल्कुल बर्दाश्त नही हो रही....

करीम - मेरी जान यही रुक.....मैं बस अभी आया......

करीम तेज कदमो से नीचे किचन में जाता हैं और फ्रिज में से आइस क्रीम लेकर वापिस निधि के बेडरूम में आ जाता हैं..... निधि उसे हैरत भरी नज़रो से देख रही थी.....

निधि - ये सब क्या है.....ये आइस क्रीम किस लिए.....

करीम - बताता हूँ मेरी जान.....ज़रा सब्र तो रख.....तूने इससे पहले किसी का लन्ड नही चूसा क्योंकि तुझे उसका स्वाद अच्छा नही लगता.....अगर मैं उसका स्वाद ही बदल दूँ तो...

निधि अब करीम की बातों का मतलब समझ जाती हैं और उसके चेहरे पर प्यारी सी हँसी आ जाती हैं.....

अब करीम आइस क्रीम को अपने लन्ड के टोपे पर लगाना शुरू करता हैं.....करीम की ये हरकत निधि बड़े गौर से देख रही थी.......

करीम - ये ले रानी....मैने इसका स्वाद ही बदल दिया.....अब ये तुझे अच्छा लगेगा......

करीम फिर से वही बेड पर लेट जाता हैं...फिर निधि हौले से झुक कर अपनी जीभ उसके लन्ड पर रख देती है और उसपर लगी आइस क्रीम धीरे धीरे अपनी जीभ से चाटने लगती हैं ... करीम सही कह रहा था अब उसका स्वाद बदल चुका था ..... ...मगर आइस क्रीम में अब सब कुछ मिल गया था ......... इस लिए अब उसका स्वाद कुछ अजीब सा लग रहा था ... मगर इस बार निधि कोई विरोध नहीं करती और उसका लन्ड धीरे धीरे चुसना शूरु करती है ......

करीम - हां..ह...हह्ह्ह्ह रानी....जरा मेरे आन्डो को भी चाट ना ... और मेरे पूरे लन्ड पर अपनी जीभ फिरा ना ' ........ बहुत मजा आ रहा है .........

निधि फिर अपनी जीभ फिर से उसके टोपे पर रखती है और बहुत आहिस्ता से उसपर जीभ फेरना शुरू करती है .... .जब वो नीचे की ओर बढ़ती हैं तो आन्डो तक अपनी जीभ एक बार पूरा फेरती है...


उसपर लगी आइस क्रीम अब उसके मुँह में जा रही थी....उसके इस तरह जीभ फिराने से करीम मानो जन्नत में था ............ निधि बहुत देर तक अपनी जीभ उसके लन्ड पर फेरती है जब तक आइस क्रीम लन्ड पर से पूरी साफ नही हो जाती है...... अब करीम फिर से आइस क्रीम अपने लन्ड पर दुबारा से लगाने लगता है...इस वक्त उसका एक हाथ निधि के निपल्स को छेड़ रहा था.. .....कभी वो निधि के निपल्स को अपनी दो उंगलियों के बीच दबाता और उनको बारी बारी से मसल देता ..... निधि भी धीरे धीरे सिसक रही थी .........उसकी भी चूत अब भीग चुकी थी ......... अब उसे भी सब कुछ अच्छा लग रहा था .........

करीम - रानी अब इसे पूरा मुँह में ले.....

निधि चाह कर भी कुछ नहीं बोल पाती और धीरे से अपना पूरा मुँह खोलती हैं और करीम का विशालकाय लन्ड धीरे-धीरे अपने गले के अंदर निगलना शूरु करती हैं...उसका ये पहला अनुभव था... ..मोहित उसे कितनी बार कहता था मुँह में लेने को मगर वो उसकी कभी नहीं सुनती थी मगर आज करीम के कहने पर वो उसे इनकार नहीं कर रही थी ........ एक बार फिर से हवस उसके सर चढ कर बोल रही थी......... निधि अपना मुँह धीरे धीरे सरकाते हुए गहराई तक ले जाती है और बहुत मुश्किलों से करीम का सुपाड़ा अपने मुह में ले पाती हैं .... अब उसका मुँह पूरा भर चुका था ... करीम के लन्ड पर लगा प्रीकम और सारी गंदगी अब धीरे-धीरे निधि के मुँह में घुल रही थी..... मगर आइस क्रीम लगे होने के कारण उनका स्वाद कुछ ज्यादा पता नहीं चल रहा था... करीम बड़े प्यार से अपना हाथ उसके बालो पर फेर रहा था.......उसे तो ये सब सपना सा लग रहा था..उसे यकीन नहीं हो रहा था की उसकी हसीन मालकिन उसका लौड़ा अपने मुह में लेकर चूस रही है ...... निधि थोड़ी और कोशिश करती है और जब उसका लन्ड थोडा और अंदर जाता है तो वो उसे बाहर निकाल देती हैं........ अब तक उसपर लगी सारी आइस क्रीम साफ हो चुकी थी... अब उसपर निधि के मुह से निकलता थूक करीम के लन्ड को भीगो रहा था...करीम धीरे-धीरे अपने कमर को धक्के दे रहा था... .... वो तो चाहता था की अपना पूरा लन्ड उसके गले के नीचे तक उतार दे...मगर अभी निधि उसका लौड़ा लेने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी ......... मगर वो अपना ये भी अरमान जल्दी ही पूरा करने वाला था ……निधि तेजी से उसका लन्ड चुसती जा रही थी …. एक बार तो करीम जोश में आकर निधि के सिर पर दबाव डालता हैं जिससे उसका लन्ड एक ही झटके में उसके गले तक पहुंच जाता हैं... … मगर ये मजा कुछ पल के लिए था ……उसने निधि के गले की जकड़न को अच्छे से महसूस किया था……उसका गला किसी कुंवारी चूत जैसा मजा दे रहा था...

करीम की इस हरकत पर निधि खाँसते हुए उसका लन्ड बाहर निकाल देती है...उसका मुह पूरा उसके थूक से भीगा हुआ था जो कुछ करीम के लन्ड पर भी लगा हुआ था...वो घूर कर एक नज़र करीम के चेहरे की तरफ देखती है मगर कुछ कहती नहीं ………


करीम -एक बार और इसे मूह में लेकर चूस रानी ……….. बहुत मजा आ रहा है …..

निधि एक नज़र घूर कर करीम को देखती है फिर वो उसका लन्ड अपनी मुठी में ले लेती हैं और उसको धीरे धीरे हिलाने लगती हैं … करीम का लन्ड इतना मोटा था की उसकी मुट्ठी में भी नहीं आ रहा था... .इससे पहले कि वो उसका लन्ड अपने मुँह में डालती करीम फौरन वही बैठ जाता है और अपने मुह से गाढा गाढा थूक बाहर की और निकालते हुए सारा थूक अपने लन्ड पर गिराने लगता है... उसका ये अंदाज निहायती गन्दा और घटिया था ………करीम के मुँह से निकलने वाला वो थूक अब उसके लन्ड के टोपे पर गिर रहा था जो अब धीरे धीरे बहते हुए उसके आन्डो तक जा रहा था…

करीम - अब चूस इसे रानी.....तुझे अच्छा लगेगा....

निधि को बहुत अजीब सा लग रहा था … भला ऐसे भी कोई सेक्स करता होगा ……करीम निहायती गन्दा किस्म का इंसान था … करीम की इन हरकतो से साफ था की वो चाहता था कि निधि अब उसका लन्ड भी चूसे और उसपर लगा उसका थूक भी चाट कर साफ करें....... मगर निधि को खुद ही करीम की गन्दी हरकतो से मजा आ रहा था.....

निधि अपनी आंखें फाड़े कभी करीम के चेहरे की तरफ तो कभी उसके लन्ड की तरफ घूर रही थी ...उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें .... अभी भी करीम का गाढा गाढा थूक उसके लन्ड पर नीचे की और धीरे धीरे बहता जा रहा था...उसके आन्डो की तरफ...

असलम- ऐसे क्या देख रही हैं मेरी रांड......... चूस ना मेरा लौड़ा ......... अब मुझसे सहन नहीं होता ........

निधि एक नज़र करीम की आँखों में देखती है फिर वो नीचे झुक कर अपना मुँह हौले से पूरा खोल देती है और करीम का विशालकाय लन्ड अपने मुह में धीरे धीरे लेने लगती हैं ....... निधि को एक बार तो घिन सी आई थी मगर वो अब करीम के लिए कुछ भी करने को तैयार थी .... किसी भी हद से गुजरने को तैयार थी ......... करीम का थूक अब धीरे-धीरे उसकी जीभ के रास्ते उसके मुँह में घुल रहा था ………निधि फिर अपनी जीभ उसके टोपे से धीरे धीरे फेरते हुए नीचे उसके आन्डो तक ले जाती हैं और एक ही बार में पूरा चाट जाती है...



उधर करीम वही जोरों से सिसक पड़ता है...लज्जत से उसकी आंखें एक बार फिर से बंद हो जाती हैं... इधर निधि की ये सब हरकतों से अब उसकी चूत भी गिली होती जा रही थी ...... अब उसके जिस्म से उसका कंट्रोल पूरी तरह से खत्म हो चुका था ... करीम फौरन अपना एक हाथ निधि के सर पर ले जाता है और उसके बालो को कसकर अपनी मुट्ठी में जोरों से भींच देता है... जबाब में निधि उसकी आंखें में देखती हैं मगर उसका कोई विरोध नहीं करती......... करीम फिर से अपने मुह से गाढा गाढा थूक बाहर निकालता है और उसकी आंखों में देखते हुए वो निधि को अपना मुह पूरा खोलेने का इशारा करता है...

जवाब में निधि अपना मुँह धीरे से पूरा खोल देती है और अगले ही पल करीम का गाढा थूक फिर से उसके मुंह के अंदर उसके गले के रास्ते होते हुए नीचे जाने लगता हैं... निधि वो सारा थूक अपने गले के नीचे उतारती जा रही थी ......... कुछ उसका थूक निधि के गालों पर भी लग रहा था मगर वो उसे साफ नहीं करती .... अब वो भी करीम के रंग में पूरी तरह से रंग चुकी थी ............करीम फिर बेड से उतरकर जमीन पर खड़ा हो जाता है और अपना एक पैर बेड पर रख देता है...इस वक्त उसका एक पैर नीचे जमीन पर था तो दूसरा पैर बेड पर ....फिर वो निधि को नीचे बैठने को कहता है और निधि बिना किसी विरोध के करीम की टाँगों के बीच बैठ जाती हैं …… अब उस पोजीशन में करीम का काला नाग उसकी आँखों के सामने लटक रहा था और उसकी काली खुरदरी गांड निधि की आंखों के सामने थी .....बालों सहित.... निधि करीम का काला लन्ड अपने मुंह में ले लेती हैं

करीम - और अच्छे से चूस हरामजादी रांड...... बहुत मजा आ रहा है...

निधि बिना कुछ कहे जैसे ही अपनी जीभ करीम के आन्डो पर ले जाती है करीम फिर से उसके बालो को सहलाने लगता है …….वो बहुत आहिस्ता से अपनी जीभ उसके दोनो आन्डो पर फिरा रही थी……जिससे उसकी काली आन्डे गिली होने लगी थी जो अब गिले होने की वजह से और भी चमक रही थी ......


करीम फिर से अपने मुह से गाढा थूक निकालता हैं और फिर से अपने लन्ड पर धीरे धीरे गिराने लगता है ...... इस बार निधि बिना देर किए करीम का थूक उसके लन्ड से चाटने लगती है......

करीम का ये अंदाज़ निहायती गन्दा और घटिया था..मगर उसका ये अंदाज़ निधि को पसंद आ रहा था...वो उसके आन्डो से लेकर उसके टोपे तक अपनी जीभ पूरा फेर रही थी.. ......करीम की सिसकारी फिर से तेज होने लगी हैं.......वो अब अपनी गांड को धीरे धीरे हरकत करा रहा था .........

करीम- हाँ रांड.... ऐसे ही ......... मेरे दोनो आन्डो को अपने मुँह में लेकर चूस ... . आहहहहह....हहहहहह.... बहुत मजा आ रहा हैं....

निधि फिर अपना मूह पूरा खोलती है और करीम का एक आंड पूरा अपने मुँह में लेने की कोशिश करती है ...... जैसे तैसे वो उसके एक आंड को अपने मुह में ले पाती है और अपने नाज़ुक हाथों से उसका लन्ड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगती हैं ……


करीम भी अपनी गांड धीरे धीरे हीला रहा था मगर अब उसकी हरकतें तेज होने लगी थी… अभी भी उसकी आंखें बंद थी…… निधि अब लन्ड चुसने में धीरे-धीरे एक्सपर्ट होने लगी थी ......वो इस समय सब कुछ भूल चुकी थी बस उसे याद था तो बस ... करीम के लन्ड से पानी निकालना ...जिसके लिए वो जी जान से उसका लन्ड चूस रही थी ......... निधि अपना पूरा मुंह खोलकर जैसे तैसे करीम की दोनो बॉल्स अपने मुँह के अंदर लेने की कोशिश करती है मगर उसके मुंह का साइज छोटा था और करीम के आन्डो का साइज काफी बड़ा......भला वो कैसे जाते उसके मुंह के अंदर ......... इस वक्त करीम का लन्ड निधि के थूक से पूरी तरह से गिला हो चुका था...तभी करीम फौरन अपने दोनो हाथ निधि के सर पर रख देता है और एक हाथ से उसके बाल अपनी मुट्ठी में थाम लेता है ........ निधि एक बार फिर से दर्द से चीख पड़ती है .... मगर अब करीम को उसकी कोई परवाह नहीं थी ... वो तो अपने लन्ड का पानी निकालना चाहता था ...चाहे उसे कुछ भी क्यों ना करना पड़े ......... करीम तुरंत अपना लन्ड एक ही झटके में पूरा बाहर निकालता है और फिर उतनी ही तेजी से दुबारा अपना लन्ड निधि के मुह में डाल देता है...उसका लन्ड करीब पांच इंच तक निधि के मुंह में चला गया था ....वो इस बार आगे और दबाव नहीं डालता हैं और तेजी से अपनी गांड आगे पीछे करते हुए निधि का मुँह चोदने लगता है ......... निधि की सांसे उखड़ने लगी थी...वो बहुत मुश्किलों से अपने आप को संभाल पा रही थी .........इधर करीम की रफ्तार में तेजी आती जा रही थी वही उसकी पकड़ निधि के सर पर और भी तेज हो चुकी थी..... ..

निधि अब करीम को अपने से दूर धकेलने की कोशिश कर रही थी मगर करीम की मजबूत पकड़ के आगे वो छुट नहीं पाती .........अगले ही पल करीम के सब्र का बांध पूरा टूट जाता है और वो इस बार अपने दोनो हाथों से निधि का सर पूरी ताकत से अपने लन्ड पर दबा देता है...उसकी इस हरकत से निधि वहीं तड़प उठती हैं...

करीम - आहहहहहहह.....ले साली रांड अपने मालिक का प्रसाद.......आहहहहहहह....हम्म्म्म.....

करते हुए तेजी से झड़ने लगता हैं....करीम के लन्ड से सफेद गाढा गाढा वीर्य अब निधि के मुँह के रास्ते उसके गले के नीचे जा रहा था …… निधि अभी भी करीम को अपने से दूर धकेल रही थी मगर हर बार वो नाकाम रही थी....... काफी देर तक करीम अपनी आंखें बंद किये हुए अपना पूरा दबाव लन्ड पर डाले रहता है ......... और अपना सारा वीर्य निधि के मुह में छोडता चला जाता है ......


करीम का कुछ वीर्य निधि के मुँह में जा रहा था तो कुछ उसके होंठो के साइड से बहते हुए उसकी गर्दन के नीचे बहते हुए उसके स्तन पर आ रहा था......... जब करीम का सारा वीर्य निकल जाता है तो वो फौरन अपना लन्ड निधि के मुँह से बाहर निकालता है और अगले ही पल निधि वही जोरों से खांसती हुई लम्बी लम्बी सांसे लेने लगती हैं...इस तरह करीम का लन्ड गले में होने से उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी... करीम का लन्ड बाहर आने से वो काफी राहत सी महसूस करती है.... करीम के चेहरे पर संतुष्टि से भरी हुई मुस्कान थी... ....उसके दिल की एक मुराद तो पूरी हो गई थी......... निधि उसे खा जाने वाली नजरों से घूर रही थी ... और उसका घूरना स्वाभाविक था ... करीम ने अपनी हवस के चक्कर में उसकी तकलीफ को अंधा कर दिया था .........

निधि- आप सच में बहुत बुरे हो...आपको जरा भी मेरी परवाह नहीं हैं...मेरा दम घुटने लगा था...अगर आपका वीर्य नही निकला होता तो आज तो आप मेरी जान ही ले लेते......
 

Aaryapatel

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Hit awesome update bhai..... bhai nidhi se kuch hot task bhi karwao.. bohot maza aayega
 
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