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Adultery बुरी फसी लक्ष्मी आंटी (Completed)

Lefty69

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विक्की


हम सब गाड़ी में बैठे और seat belt पहन लिए। सन्नी गाड़ी चलाने वाला था, मैं उसके बगल में बैठ गया और लक्ष्मी आंटी को हमने पीछे सामान के साथ बैठने को कहा। लक्ष्मी आंटी के साथ सीट पर मेरे और सन्नी के कपड़ों की bag रखी थी और साथ में सन्नी के कुछ कपड़ों से ढकी हुई खास चीजों की bag रखी थी। लक्ष्मी आंटी के पीछे खाने पीने का सामान रखा था।

जैसेही गाड़ी शुरु हो गई लक्ष्मी आंटी ने अपने पेट के उपर हाथ रख आह भरी। सन्नी ने अचरज से पीछे देखा तो मैंने उसे आंख मारते हुए इशारा किया।

सन्नी “विक्की तू बड़ा कमिना है। अरे भाई डरा दिया ना तूने।”

लक्ष्मी आंटी समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ ये क्या हो रहा है। दरअसल मैंने जो लिपस्टिक लक्ष्मी आंटी की निक्कर में रखा था वोह रिमोट कंट्रोल वाला sex toy है जिसका रिमोट कंट्रोल मेरी जेब में से मैंने चालू किया था। १ से ५ की स्पीड में से अभी लक्ष्मी आंटी को सिर्फ १ का पता चला था। इससे अगले २ घंटों में लक्ष्मी आंटी गरमा गरम हो जायेगी पर छुटकारा नहीं मिल पाएगा।

हमने गाड़ी चलाना शुरू किया तो आपस में कॉलेज selection process वगैरा वगैरा बातें करने लगे। लक्ष्मी आंटी की रुचि इन बातों में नहीं थी और उसे अपने शरीर की उत्तेजना की ओर ध्यान देने के सिवा कोई चारा नहीं था। तकरीबन एक घंटे बाद लक्ष्मी आंटी अपने शरीर को कस के पकड़ कर कांपने लगी और उसका चेहरा लाल हो गया। Rear view mirror में से हम दोनों उसकी हालत देख मुस्कुरा रहे थे। उत्तेजना और संभली जा नहीं रही थी तो लक्ष्मी आंटी ने धीरे धीरे आगे पीछे होना शुरू कर दिया। पर इस से भी उसे कोई छुटकारा नहीं मिल पाया।

१ घंटा ऐसेही तड़पाने के बाद हमने अपनी गाड़ी farmhouse के अंदर लगा दी। बाहर माली चाचा खड़े थे और उन्होंने हमारा सामान अंदर रख दिया तो हमने उनसे कहा कि लक्ष्मी आंटी की तबियत बिगड़ी हुई है तो हम उस हॉल में बिठा देते हैं। सन्नी आगे plan को अंजाम देने लगा जब मैं अपना हिस्सा करने माली चाचा के साथ बाहर गया।

मैंने माली चाचा से पूछा कि वो कहां रहते हैं तो उन्होंने कहा कि २ मील दूर गांव में उनका घर है पर वोह अपने घर हफ़्ते में १ दिन ही जाते हैं और बाकी दिन बाहर कुटिया में रहते हैं। मैंने उन्हें सोमवार सुबह तक छुट्टी दे दी और कहा कि हम दोनों अपना और लक्ष्मी आंटी का खयाल रख लेंगे। माली चाचा ने खुश होकर तुरंत अपनी धोती उठाई और चले गए।

अंदर हॉल में लक्ष्मी आंटी सोफे पर बैठ तड़प रही थी, तो मैंने रिमोट कंट्रोल मेरी जेब से बाहर निकाला और लक्ष्मी आंटी को दिखाकर स्पीड २ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने जैसे एक हिचकी दी और उसने मुझे उसे छुटकारा दिलाने को कहा। मैंने कहा कि दोपहर को उसके बाल सन्नी को पसंद नहीं आए, तो पहले उसके बालों से छुटकारा लेना पड़ेगा। मैंने लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उठाया और toilet में ले गया। वहां मेरे इशारे पर लक्ष्मी आंटी ने अपनी सलवार कमीज़ उतारी। मैंने उसे और तड़पाने के लिए ब्रा पैंटी उतार ने से मना किया। अब लक्ष्मी आंटी को हात शरीर से दूर रखने को कहा और उसकी बगल में shaving cream लगाया। एक नए razor से लक्ष्मी आंटी के बगल के बाल साफ़ कर दिए और फिर उसे धो कर साफ़ कर दिया। लक्ष्मी आंटी की पूरी कोशिश बस छुटकारा पाने तक सीमित थी। जब मैंने लक्ष्मी आंटी को अपने पैर फैला कर खड़े होने को कहा तो वो झट से मान गई। मैंने उसकी गीली निक्कर को थपथपाया तो मुझे sex toy वाली झुनझुनाहट महसूस हुई। मेरी उंगली के दबाव से लक्ष्मी आंटी सिहर उठी तो मैंने रिमोट कंट्रोल से स्पीड बढ़ा कर ३ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने आह भरी और मेरे कंधे पकड़ लिए। मैंने लक्ष्मी आंटी की ब्रा खोली और उसे नीचे उतर फेंका। लक्ष्मी आंटी की निक्कर मैंने नीचे बैठकर बड़ी ध्यान से उतरी। निक्कर उतारते हुए मैंने sex toy को अपनी जगह से हिलने नहीं दिया। लक्ष्मी आंटी अपना सर हिलाकर अपनी विवशता दिखा रही थी और मैंने bag में से trimmer निकाला। Trimmer का इस्तमाल करते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी के घने जंगल को छोटी घास में बदल दिया और फिर razor का इस्तमाल कर उसकी गीली चूत के उपर एक उंगली जैसी लकीर छोड़ बाकी सब कुछ साफ़ कर दिया।

मेरे पीछे दरवाजा खुला और सन्नी ने मेरे हाथ में कुछ दिया। यह एक special bra panties का सफेद set हमने लक्ष्मी आंटी के लिए लाया था। इसमें लक्ष्मी आंटी के मम्मे अपनी बेरीयों को प्रदर्शित करते हुए खुले छोड़ेंगे और पैंटी ना ही चूत को धकेगी न ही गांड़ को। ये sexy सुहागरात set हमने लक्ष्मी आंटी के साथ हमारे सुहागरात को यादगार बनाने के लिए लाया था।

Sex toy वाली झुनझुनाहट जाने के कारण व्याकुल लक्ष्मी आंटी को जैसे ही बताया की उसकी चुटकरा की जगह उपर bedroom में रखी है तो वह मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचते हुए उपर ले आयी। Bed बिलकुल खाली था तो लक्ष्मी आंटी ने मेरी तरफ देखा। मैंने कहा कि पहले मुझे छुटकारा मिल जाएगा फिर उसकी बारी आएगी।

लक्ष्मी आंटी ने झट से मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरी पैन्ट और underwear एक साथ उतार दी। जैसे तैसे मैंने अपनी शर्ट उतार फैंकी की लक्ष्मी आंटी ने मेरा लौड़ा गले तक निगल लिया। मेरी तो जान गले में आ गई। मैंने लक्ष्मी आंटी को धक्का दे कर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसे kiss करने लगा। लक्ष्मी आंटी ने मेरा साथ देने में कोई कसर नही छोड़ी।

मेरे कड़क लौड़े का सुपारा जब उसकी मुनिया को चूमने लगा तब लक्ष्मी आंटी को कुछ होश आया। उसने मेरी kiss रोकते हुए मुझे मना कर दिया। पर असलियत में वो लाचार थी। उसे kiss करते हुए मैंने उसके पैर फैला दिए थे और अपने हाथों से उसके कंधे पकड़ लिए थे।

लक्ष्मी आंटी-“ विक्की बाबू मुझे छोड़ दो। मैं पतिव्रता हूं, में मर जाऊंगी, मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। जाने दो विक्की बाबू आपको कसम आपकी ई… ई… ई… आंह… मां… आह… हा… हा… ई… ई… इश…”

मेरा सुपाड़ा दनदनाते हुए लक्ष्मी आंटी को चीरता हुआ अंदर दाखिल हो गया और लक्ष्मी आंटी की दर्द भरी चीखों ने पूरा farmhouse हिलाकर रख दिया। लक्ष्मी आंटी इतनी tight निकली की अंदर जाते हुए काफी जोर देना पड़ा और मुझे थोड़ा दर्द भी हुआ। अगर में रुक जाता तो डर था कि अनाड़ी साबित हो जाता इसलिए मैंने अपना छुरा पूरा घोंपकर फिर सुपाड़े तक बाहर निकाला। लक्ष्मी आंटी ने रोते हुए एक सांस ली और मैंने फिरसे अपना छुरा घोंपकर लक्ष्मी आंटी की चीख निकाली। अब मैं बिना रुके अंदर बाहर करने लगा और लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी। लक्ष्मी आंटी के रोने से, चीखने से मेरे अंदर एक जानवर जाग रहा था। मानो एक शेर किसी हिरन की आखरी पुकार सुन अपनी जीत का एहसास करता है। मैं इस पतिव्रता को लूटने में कोई कसर नही छोड़ रहा था तो लक्ष्मी आंटी भी अपनी उत्तेजनावश नीचे से हिलकर मुझे साथ देने लगी। इस खेल का मेरा पहला match होने के कारण मैं तो zero पर out नहीं होने में ही खुश था पर लक्ष्मी आंटी इतनी कसी हुई निकली की 5 मिनट के पलंग तोड़ कुटाई के बाद ही मै झड़ कर छूट पाया। स्त्री सुख के पहले स्वाद को चखकर मैंने कराहते हुए मैंने अपने ज्वालामुखी का तपता लवा रस लक्ष्मी आंटी की कोख में उड़ेल दिया। लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी और मैं उसके ऊपर लेट कर उसके गाल और कान को चूमकर उसे बता रहा था कि मुझे बड़ा मज़ा आया। सन्नी ने मेरे हाथ को छू कर इशारा किया और फिर मैं लक्ष्मी आंटी के ऊपर से उठ गया। लक्ष्मी आंटी एक ओर मुड़कर रोने लगी पर मैंने अभी भी अपना लौड़ा बाहर निकाला नहीं था। मैंने लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और अपने कारनामे को देखने के लिए नीचे देखा तो हक्काबक्का रह गया।

4 साल से शादीशुदा लक्ष्मी आंटी किसी कुंवारी लड़की की तरह खून में लथपथ पड़ी थी।
 

Lefty69

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सन्नी

Plan के मुताबिक विक्की को सफेद sexy सुहागरात set देने के बाद ही मैंने video recording शुरू कर दी। लक्ष्मी आंटी तो विक्की को ऐसे खींच कर ऊपर bedroom में ले गयी मानो विक्की का अब बलात्कार करके ही दम लेगी। दोनों आपस में इतने उलझे हुए थे कि वे मुझे मानो भूल गए।

लक्ष्मी आंटी शायद यह सोच रही थी कि सुबह की तरह अब विक्की उसे मज़ा देगा तो यह गलती उसे जल्द ही पता चल जाएगी। जैसे लगा था वैसे ही लक्ष्मी आंटी चूक गई और विक्की के बदन के निचे दब गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को kiss करते हुए अपने लिए उसके पैरों के बीच जगह बना ली और उसके हाथों के नीचे से उसके कंधे पकड़ लिए। लक्ष्मी आंटी खतरे को भांप गई पर बहुत देर से। इस से पहले की लक्ष्मी आंटी विक्की को कोई कसम दे पाती विक्की का हमला हो चुका था।

उफ्फ क्या scene था!

लक्ष्मी आंटी मदहोशी में विक्की को kiss करते हुए अचानक रुक जाती हैं और आंखों को खोलकर विक्की को देखती है। फिर पुरानी फिल्मों की तरह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगती हैं। विक्की की अनसुनी देख उसे कसम देनेकी कोशिश और आधे अधूरे वाक्य में आई दर्दनाक चींख। उसके बाद दर्द से संभल कर मुंह फेर के अनदेखी आँखो से देखना। अगर कोई ग़लती से भी मेरा हथियार छू लेते तो मेरे बंदूक की सारी गोलियां वही चल जाती। दरअसल plan यह था कि हम लक्ष्मी आंटी को इतना उत्तेजित कर देते की वह हमें रोकने का नहीं सोचती और इस बात का recording आगे हमे उसे इस्तमाल करने में मदत करता। जब विक्की माली चाचा को भगा रहा था और लक्ष्मी आंटी नीचे बैठी थी तब मैं इस पूरे कमरे को camera के जाल में बुन रहा था।

5 मिनिटों की ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद जब विक्की की गोलियां लक्ष्मी आंटी में घुसी तो मेरे लिए रुकना नामुमकिन लग रहा था। मैंने विक्की को इशारा किया तो वह उठने लगा और मैंने विक्की का बाहर निकलता हथियार camera से देखा तो डर गया।

विक्की का लौड़ा मुझसे ज्यादा मोटा था पर किसी शादीशुदा आंटी का इतना खून निकाले इस पर यकीन करना मुश्किल था। क्या ताबड़तोड़ फायरिंग में लक्ष्मी आंटी कि चूत फट गई थी? इस हालत में डॉक्टर को बुलाना भी मुश्किल था। विक्की और मैं, एक दूसरे को इशारों में बोलने को कह रहे थे।

आखिर में विक्की ने पहल की, “आंटी, तुम तो 4 साल से शादीशुदा जिंदगी जी रही हो, तो यह कैसे हुआ कि आप किसी कुंवारी दुल्हन की तरह खून से सनी हो? लक्ष्मी आंटी जो होना था वो हो गया है। अब तो तुम सच बता दो। तुम पतिव्रता बोलती रही पर हम ये कैसे समझते कि मामला कुछ और है।”

लक्ष्मी आंटी गुस्से बोली, “तो अगर मैं बता देती की मैं एक कुंवारी दुल्हन हूँ तो क्या तुम दोनों मुझे छोड़ देते? अगर बोल देती कि मेरा पति पिछले 4 सालोंसे इतनी पिता है कि वह अभी तक मुझे अपनी पत्नी नही बना पाया तो छोड देते? अगर बता दिया कि जब वह करना चाहता है पर शराब के कारण खड़ा नहीं कर पाता तब पिटता है, तो छोड़ देते?”

मैंने कहा, “नहीं, बिलकुल नहीं।”

लक्ष्मी आंटी और विक्की दोनों मेरे तरफ देखने लगे। मैन लक्ष्मी आंटी से सीधी बात करना बेहतर समझा।

“देखो लक्ष्मी आंटी, तुम इतनी सुंदर हो के कोई भी तुम्हें अपना बनाना चाहेगा। अफसोस की बात तो यह है कि तुम्हारे पति को यह बात नहीं समझी। अगर तुम तलाशी लेते समय बोल देती की तुम कुंवारी दुल्हन हो तो सच में मैं अपने आप को रोक नहीं पाता और वहीं पर विक्की के bed पर तुमको मेरी बना लेता। लेकिन अगर हमें यह बात पता होती तो शायद हम कोशिश करते कि तुम्हें इतनी तकलीफ सहनी न पड़े। लक्ष्मी आंटी हम तेरे प्रेमी बनाना चाहते हैं तो तुम्हें तकलीफ देने मे कोई मतलब नहीं बनता। है ना?”

लक्ष्मी आंटी सोच में पड़ गई तो मैंने अपने कपड़े उतारे और उसे अपनी बाहों में लेकर bed पर लेट गया।

लक्ष्मी आंटी, “अगर तुम दोनों चाहते तो झूठ बोल कर मुझे बनाने की कोशिश कर सकते थे पर तुम ने सच कहा। तो ये भी हो सकता है कि तुमने पूरा सच कहा है और मेरे कुंवारी रहने में मेरा कोई दोष नहीं है। लेकिन अब मैं और ये वाला काम नहीं कर सकती। मुझे बहुत दर्द हुआ था। फिर से दर्द सहा नहीं जायेगा।”

“अरे लक्ष्मी आंटी, तुम्हें हम ने यहां लाया था हमें जवानी के खेल सिखाने के लिए, लेकिन तुम भी तो कुंवारी निकली। तो क्यों न हम सब मिलकर ये खेल सीखें। तुम भी तो पिछले 4 सालों में काफी तड़पी होगी इस खेल के लिए।”

विक्की, “चलो एक काम करते हैं। सन्नी, मैंने तो अनजाने में कुछ ज्यादा ही जोर लगा दिया होगा। तू लक्ष्मी आंटी को प्यार से लेकर उन्हें यह खेल कितना अच्छा है ये बता।”

लक्ष्मी आंटी विक्की की बात सुनकर चौंक गई और भागने का रास्ता ढूंढने लगी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के हाथ पकड़कर ऊपर किये और bed के headboard मैं लगाये हुए हथकड़ियों में अटका दिये। सदमें में लक्ष्मी आंटी कुछ समझ पाती इस से पहले मैं उसके ऊपर लेट गया और लक्ष्मी आंटी के गाल और कान चूमने लगा।

लक्ष्मी आंटी को अब उम्मीद थी कि मैं अपने हथियार को उनके अंदर घुसा दूंगा पर ऐसा कुछ हुआ नहीं। मैंने आंटी की गर्दन को चूमते हुए नीचे सरकना शुरू किया। लक्ष्मी आंटी उसके ममों को किये गए प्यार से इतनी उत्तेजित हो गई कि उसने मुझे कहा कि मैं उसे अपना बना लूं।

मैंने अपने सुपडे को उसकी घायल मुनिया के मुंह पर रगड़ कर वहां लगे खून, वीर्य और काम रस के मिश्रण से गिला कर दिया। जब लक्ष्मी आंटी की तरफ से कुछ उत्तेजित आह मिली तो मैंने धीरे से सुपडे को अंदर घुसा दिया। लक्ष्मी आंटी ने चीख कर मुझे रोकने को कहा तो मैं रुक गया और धीरे धीरे उतनी गहराई तक आगे पीछे होने लगा। जब लक्ष्मी आंटी ने रोकना बंद किया तो मैं और 1 इंच अंदर धस गया। धीरे धीरे इसी तरह मैं पूरी तरह लक्ष्मी आंटी को मजे देने लगा और लक्ष्मी आंटी भी मुझे चूमते हुए मजे लेने लगी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के हाथ खोल दिए तो आंटी ने मुझे अपनी बाहों में पकड़ कर जोर जोर से उलटे धक्के देकर मेरा लौड़ा पूरा लेनेकी मानो शर्त लगादी। मेरी तलवार विक्की के मूसल जितनी मोटी नहीं थी पर उस से ज्यादा लंबी थी। मैं लक्ष्मी आंटी की कोरी गहराईयों को छेड़कर उसे नए आनंद दे रहा था। लक्ष्मी आंटी की चूत स्त्री उत्तेजना के रस, खून और विक्की के वीर्य से भरकर इतनी गीली हो गई थी कि मेरी तलवार अब बिना किसी तरह की दर्द दिये लक्ष्मी आंटी को फाड़ रही थी। हम दोनों मस्ती में एक दूसरे को मजा देते हुए जवानी के खेल का लुत्फ उठा रहे थे और विक्की चुपचाप हमें record कर रहा था।

लक्ष्मी आंटी अब दर्द भूल चुकी थीं और गरमा के मजे ले रही थी। मेरी धीमी गति के शुरुवात और लक्ष्मी आंटी के अंदर फैले हुए माल के कारण मुझे थोड़ी देर लग रही थी लेकिन इस बात से लक्ष्मी आंटी खुश थी। लक्ष्मी आंटी मानो कई सालों के बाद अपनी भूख मिटा रही थीं। 7 मिनिटों तक लक्ष्मी आंटी के साथ धमाचौकड़ी मचाने के बाद मेरा signal आया। मैंने कराहते हुए अपनी कमर दबाई और लक्ष्मी आंटी से अपने लौड़े को सटा दिया। मेरा सुपाड़ा लक्ष्मी आंटी की कोरी कोख में मेरे रस की बौछार करते हुए मुझे अपने जीवन के पहले स्त्री सुख की अनुभूति दे रहा था। लक्ष्मी आंटी ने मुझे अपनी बाहों और पैरों से जकड़ लिया। लक्ष्मी आंटी तो मानो मेरी एक एक बूंद अपने अंदर लेना चाहती थीं।

लक्ष्मी आंटी को चूमते चाटते हुए थोड़ी देर बिताने के बाद मैं उसके ऊपर से उठ गया। नीचे देख कर अपना लौड़ा बाहर खींच लिया। मेरा लौड़ा खून और वीर्य के साथ पोता गया था, तो लक्ष्मी आंटी की चूत लाल गुलाबी झाग में लिपटी हुई थी। सफेद crotchless पैंटी के दोनों छोर खून से सने थे। जैसे ही लक्ष्मी आंटी को एहसास हुआ कि मैं, वोह और camera से विक्की सब उसकी चूत निहार रहें हैं, उसने अपने हाथों से अपनी मुनिया को ढकने की कोशिश की। लक्ष्मी आंटी मुड़ कर टॉयलेट की ओर भागी।

बीच में ही मैंने और विक्की ने उसे पकड़ लिया। हमने उसे वापस bed पर लिटाया। दाहिने हाथ पर विक्की ने अपना सर रखा तो अपने पैर से उसके दाहिने पैर को बाजू में किया। मैंने भी बायें हाथ पैर को वैसे ही पकड़ा तो अब लक्ष्मी आंटी अपने दोनों हाथ पैर फैलाये bed पर हम दोनों के निचे पड़ी थी।

“लक्ष्मी आंटी, ये तो अच्छा हुआ कि विक्की ने पहले ही माली चाचा को भगा दिया है वरना वोह भी अभी अपनी बारी लेने के लिए तैयार होते।”

लक्ष्मी आंटी तो माली चाचा को जैसे भूल ही चुकी थीं, पर हम दोनों उसे और नहीं बाटेंगे यह सुनकर थोड़ी शांत हो गई। हम दोनों ही उसकी खुली चूत और पेट को छू रहे थे और मंमों को चूम रहे थे।

मैंने हम दोनों के मन में घूमने वाला सबसे बड़ा सवाल पूछा, “लक्ष्मी आंटी, तुम्हें भी मजा आया ना?”

लक्ष्मी आंटी ने हमारे बालों में से हाथ घूमते हुए कहा, “तुम दोनों बड़े शैतान हो। पहले मुझे इतना गरम किया के मैं चल नहीं पा रही थी। फिर ऐसे फाड़ा के मैं चलने से भी डरती हूँ। और अब पूछते हो कि मजा आया कि नहीं? सुनलो, मजा तो तब भी आया जब विक्की बाबू ने अपनी गर्मी मेरे अंदर फैलाई। जब सन्नी बाबू ने किया तो और भी मजा आया क्योंकि दर्द नहीं किया। पर अब मुझे जाने दो। ऐसे लगता है कि मेरे अंदर से छिल गया है और ऊपर से अंदर से पूरा चिपचिपा लग रहा है। हटो अब।”

मैंने लक्ष्मी आंटी को डांटा की ये चिपचिपा हम दोनों का तेरे साथ किया प्यार है। इसे बिल्कुल साफ नहीं करना। ये हमारे लिए एक यादगार तोहफा दिया है तुमने। इसे ऐसे धोकर मत निकालो।

लक्ष्मी आंटी शर्माकर मुस्कुराई। मैं और विक्की अपनी प्रेमिका को बीच में लिए bedroom से ऐसे ही नीचे उतरे। मैं और विक्की पूरे नंगे थे तो लक्ष्मी आंटी खून से सनी sexy सुहागरात ड्रेस में थी। शाम के 7 बजे थे और हम सब खाना बनाने में एक दूसरे को मदत करने लग गये।
 

AVINASH

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lagata hai lipstik me vibroter jaise chiz ho jo remotely operate kar sakaate ho
travel me aisi chiz bahut masti/majja degi aur Laxmi pahuchane time ekdam ready ho jayegi.
 

Lefty69

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विक्की

लक्ष्मी आंटी कि seal तोड़कर जैसे हमने किसी बोतल में से जिन्न निकाला था। सफेद sexy set में अपनी कमर मटकाकर वोह मुझे और सन्नी को ललचा रही थीं। पीछे से देखने से पैंटी में लगे खून के दाग तो मुझे गर्व का एहसास करते थे। लक्ष्मी आंटी ने सन्नी को उबले अंडे छीलने को और मुझे प्याज काटने को कहा था। ये लक्ष्मी आंटी का मुझसे बदला था उसे रुलाने के लिए। खैर, हम सब ने मिलकर काम किया तो खाना आधे घंटे में बन गया।

सन्नी ने वहीं एक चटाई फैलाई और हम सब नीचे बैठ कर खाने लगे। अगर कोई नया जोड़ा खाने बैठे तो क्या नजारा होगा? अब अगर इस जोड़े में दुल्हन एक और दूल्हे दो हो तो? हम लक्ष्मी आंटी को छेड़ रहे थे, छू रहे थे और उसे खिला रहे थे। लक्ष्मी आंटी ने भी मुझे माफ़ कर दिया था और हम दोनों के साथ मजे ले कर foreplay का खेल, खेल रही थी।

जैसे तैसे हमने खाना पूरा किया और लक्ष्मी आंटी के न चाहते हुए भी बर्तन साफ किये। मैं नहीं चाहता था कि बाद में लक्ष्मी आंटी किसी और बारे में सोचे। जैसे ही बर्तन साफ हो गए मैंने लक्ष्मी आंटी को उठाकर अपने कंधे पर डाला। लक्ष्मी आंटी चीखते हुए हसने लगी तो सन्नी ने उसकी उभरी हुई गांड पर एक छोटा थप्पड़ मारा।

सन्नी, “जी भर के हंस लो आंटी क्योंकि ऊपर ले जा कर हम तुझे रात भर रुलाएंगे।”

सन्नी कि बात पर विश्वास नहीं करने की गलती लक्ष्मी आंटी ने की। ऊपर लक्ष्मी आंटी को मैंने bed पर पटखा तो वह झूठ मुठ में भागने लगी। हम दोनों ने उसे अपने नीचे दबाया तो वह गिड़गिड़ाने का नाटक करने लगी।

लक्ष्मी आंटी, “छोड़ दो मुझे विक्की बाबू, सन्नी बाबू। आप दोनों ने मुझे जो सजा दी उस से अब मैं मुंह दिखाने के लायक नहीं बची। तुम दोनों ने ही मुझे ऐसे फाड़ दिया है कि मैं अंदर से छिल गई हूं। भला कोई भी एक कुंवारी दुल्हन के साथ ऐसा करता है क्या? अब मुझे जाने दो वरना मैं तुम दोनों की शिकायत करूँगी।”

इस खेल में हमें भी मजा आ रहा था पर लक्ष्मी आंटी नहीं जानती थी कि वह कहां फस चुकी थी। मैंने सन्नी से कहा कि अगर लक्ष्मी आंटी हमारी शिकायत करे तो वह कैसे बताएगी की किसने उसके साथ क्या किया? सन्नी मेरा इशारा समझ गया और bed से उतरकर कुछ ले आया। जब लक्ष्मी आंटी सन्नी के हाथ में क्या है देखने के लिए मुड़ी तो मैंने उसके हाथ पकड़कर bed के ऊपर लटकाये हुए हथकड़ियों में बंद कर दिये। लक्ष्मी आंटी हाथों की तरफ देख रही थी कि सन्नी ने उसकी आँखों के ऊपर एक पट्टी बांध दी। अब जब लक्ष्मी आंटी की आंखे बंद हो गई थी तो वह अपने शरीर के साथ हो रहे हर बात को ज्यादा महसूस कर सकती थी। लक्ष्मी आंटी नहीं जानती थी कि उनके साथ क्या होने वाला है तो वह डर गई। मैंने उसे पीठ पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया। लक्ष्मी आंटी ने मुझे चूमने के लिए जैसे ही अपना मुंह उठाया तो सामने मेरे मोटे लौड़े का सुपाड़ा पाया। लक्ष्मी आंटी ने बिना वक़्त गंवाए मुझे अपने मुंह में लेकर मुझे जोर जोर से चूसने लगी। मेरी आंखों के सामने लक्ष्मी आंटी कि मेरे और सन्नी के रस से भरी जख्मी चूत थी। मैंने सोचा कि अगर सन्नी मेरे रस में अपना लौड़ा डालने से नहीं हिचकिचाता तो मैं क्यों रुकूँ? वैसे भी लक्ष्मी आंटी को चूत साफ करने से हम ने ही रोका है। मैंने अपनी उंगलियों से लक्ष्मी आंटी के जख्मी फूल को छेड़ना शुरू किया, तो लक्ष्मी आंटी ने आँहें भर मुझे उसकी पसंद सीखने लगी। लक्ष्मी आंटी कि चूत के ऊपर से उंगली घूमने से वह अपने कूल्हे उठाकर मेरा साथ देते हुए मेरी उंगली अंदर लेनेकी कोशिश करती, तो चूत के ऊपर के उभरे हुए दाने को छेड़ने पर कसमसाहट से आह भर देती। सन्नी इस दौरान लक्ष्मी आंटी कि हर हरकत को record कर रहा था।

http://pixbb.com/image/shfSB


मैंने भी अपनी ताल बना ली और लक्ष्मी आंटी के बदन की सितार बजाने लगा। मेरे बाए हाथ की बीच उंगली से लक्ष्मी आंटी की चूत के मुंह में अंदर बाहर होते हुए मैं उसी ताल में दहिन हाथ की बीच उंगली से लक्ष्मी आंटी कि चूत का दाना घुमा रहा था। लक्ष्मी आंटी तडपकर मुझे चूस रही थी तो मैं भी हिल कर उसका मुंह चोद रहा था।। आखिर में लक्ष्मी आंटी का बदन अकड़ा और उसकी चूत से रस का रिसाव हुआ। लक्ष्मी आंटी ने मुझे इतनी जोर से चूसा के मेरा लंड सीधे उसके गले में दाखिल हुआ। मेरी सबर का बांध टुटा और मेरा रस उसका पेट भरने लगा। लक्ष्मी आंटी के गले में अटका मेरा डंडा उसकी सांस रोक रहा था और इस बात के कारण लक्ष्मी आंटी बस झड़ते जा रही थीं।

जब मेरा रस बह गया तब मैंने अपने लौड़े को बाहर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने एक गहरी सांस ली और फिर धीरे धीरे उसका झड़ना बंद हुआ। झड़ के पस्त मैंने घूम कर लक्ष्मी आंटी को अपने ऊपर ले लिया। अब लक्ष्मी आंटी कि चूत मेरे गले पर थी तो उसके दोनों जांघों के बीच में मेरा सिर था। लक्ष्मी आंटी ने मेरी जांघों पर सर रख कर एक बडी गलती कर दी।

लक्ष्मी आंटी ने मुझे अपने दांतों से चिमटी काटकर पुकारा, “सन्नी बाबू?”
 

Lefty69

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Some blindfold and handcuffs light bondage added to my original plan thanks to inspiration from Danger manan.
Any other suggestions from other members will also be considered.
 

Lefty69

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did u like 3some ?
Skyesh man, sorry to say this but right now all 3 ex-virgins are just understanding 2some. Give them some time.
Poorva, I am really looking forward to live up to your 3 some expectations but do you expect to believe a 5 year old winning Olympics?
The best thing about good story is it has to be BELIEVABLE. Right?
 
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