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विक्की
हम सब गाड़ी में बैठे और seat belt पहन लिए। सन्नी गाड़ी चलाने वाला था, मैं उसके बगल में बैठ गया और लक्ष्मी आंटी को हमने पीछे सामान के साथ बैठने को कहा। लक्ष्मी आंटी के साथ सीट पर मेरे और सन्नी के कपड़ों की bag रखी थी और साथ में सन्नी के कुछ कपड़ों से ढकी हुई खास चीजों की bag रखी थी। लक्ष्मी आंटी के पीछे खाने पीने का सामान रखा था।
जैसेही गाड़ी शुरु हो गई लक्ष्मी आंटी ने अपने पेट के उपर हाथ रख आह भरी। सन्नी ने अचरज से पीछे देखा तो मैंने उसे आंख मारते हुए इशारा किया।
सन्नी “विक्की तू बड़ा कमिना है। अरे भाई डरा दिया ना तूने।”
लक्ष्मी आंटी समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ ये क्या हो रहा है। दरअसल मैंने जो लिपस्टिक लक्ष्मी आंटी की निक्कर में रखा था वोह रिमोट कंट्रोल वाला sex toy है जिसका रिमोट कंट्रोल मेरी जेब में से मैंने चालू किया था। १ से ५ की स्पीड में से अभी लक्ष्मी आंटी को सिर्फ १ का पता चला था। इससे अगले २ घंटों में लक्ष्मी आंटी गरमा गरम हो जायेगी पर छुटकारा नहीं मिल पाएगा।
हमने गाड़ी चलाना शुरू किया तो आपस में कॉलेज selection process वगैरा वगैरा बातें करने लगे। लक्ष्मी आंटी की रुचि इन बातों में नहीं थी और उसे अपने शरीर की उत्तेजना की ओर ध्यान देने के सिवा कोई चारा नहीं था। तकरीबन एक घंटे बाद लक्ष्मी आंटी अपने शरीर को कस के पकड़ कर कांपने लगी और उसका चेहरा लाल हो गया। Rear view mirror में से हम दोनों उसकी हालत देख मुस्कुरा रहे थे। उत्तेजना और संभली जा नहीं रही थी तो लक्ष्मी आंटी ने धीरे धीरे आगे पीछे होना शुरू कर दिया। पर इस से भी उसे कोई छुटकारा नहीं मिल पाया।
१ घंटा ऐसेही तड़पाने के बाद हमने अपनी गाड़ी farmhouse के अंदर लगा दी। बाहर माली चाचा खड़े थे और उन्होंने हमारा सामान अंदर रख दिया तो हमने उनसे कहा कि लक्ष्मी आंटी की तबियत बिगड़ी हुई है तो हम उस हॉल में बिठा देते हैं। सन्नी आगे plan को अंजाम देने लगा जब मैं अपना हिस्सा करने माली चाचा के साथ बाहर गया।
मैंने माली चाचा से पूछा कि वो कहां रहते हैं तो उन्होंने कहा कि २ मील दूर गांव में उनका घर है पर वोह अपने घर हफ़्ते में १ दिन ही जाते हैं और बाकी दिन बाहर कुटिया में रहते हैं। मैंने उन्हें सोमवार सुबह तक छुट्टी दे दी और कहा कि हम दोनों अपना और लक्ष्मी आंटी का खयाल रख लेंगे। माली चाचा ने खुश होकर तुरंत अपनी धोती उठाई और चले गए।
अंदर हॉल में लक्ष्मी आंटी सोफे पर बैठ तड़प रही थी, तो मैंने रिमोट कंट्रोल मेरी जेब से बाहर निकाला और लक्ष्मी आंटी को दिखाकर स्पीड २ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने जैसे एक हिचकी दी और उसने मुझे उसे छुटकारा दिलाने को कहा। मैंने कहा कि दोपहर को उसके बाल सन्नी को पसंद नहीं आए, तो पहले उसके बालों से छुटकारा लेना पड़ेगा। मैंने लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उठाया और toilet में ले गया। वहां मेरे इशारे पर लक्ष्मी आंटी ने अपनी सलवार कमीज़ उतारी। मैंने उसे और तड़पाने के लिए ब्रा पैंटी उतार ने से मना किया। अब लक्ष्मी आंटी को हात शरीर से दूर रखने को कहा और उसकी बगल में shaving cream लगाया। एक नए razor से लक्ष्मी आंटी के बगल के बाल साफ़ कर दिए और फिर उसे धो कर साफ़ कर दिया। लक्ष्मी आंटी की पूरी कोशिश बस छुटकारा पाने तक सीमित थी। जब मैंने लक्ष्मी आंटी को अपने पैर फैला कर खड़े होने को कहा तो वो झट से मान गई। मैंने उसकी गीली निक्कर को थपथपाया तो मुझे sex toy वाली झुनझुनाहट महसूस हुई। मेरी उंगली के दबाव से लक्ष्मी आंटी सिहर उठी तो मैंने रिमोट कंट्रोल से स्पीड बढ़ा कर ३ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने आह भरी और मेरे कंधे पकड़ लिए। मैंने लक्ष्मी आंटी की ब्रा खोली और उसे नीचे उतर फेंका। लक्ष्मी आंटी की निक्कर मैंने नीचे बैठकर बड़ी ध्यान से उतरी। निक्कर उतारते हुए मैंने sex toy को अपनी जगह से हिलने नहीं दिया। लक्ष्मी आंटी अपना सर हिलाकर अपनी विवशता दिखा रही थी और मैंने bag में से trimmer निकाला। Trimmer का इस्तमाल करते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी के घने जंगल को छोटी घास में बदल दिया और फिर razor का इस्तमाल कर उसकी गीली चूत के उपर एक उंगली जैसी लकीर छोड़ बाकी सब कुछ साफ़ कर दिया।
मेरे पीछे दरवाजा खुला और सन्नी ने मेरे हाथ में कुछ दिया। यह एक special bra panties का सफेद set हमने लक्ष्मी आंटी के लिए लाया था। इसमें लक्ष्मी आंटी के मम्मे अपनी बेरीयों को प्रदर्शित करते हुए खुले छोड़ेंगे और पैंटी ना ही चूत को धकेगी न ही गांड़ को। ये sexy सुहागरात set हमने लक्ष्मी आंटी के साथ हमारे सुहागरात को यादगार बनाने के लिए लाया था।
Sex toy वाली झुनझुनाहट जाने के कारण व्याकुल लक्ष्मी आंटी को जैसे ही बताया की उसकी चुटकरा की जगह उपर bedroom में रखी है तो वह मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचते हुए उपर ले आयी। Bed बिलकुल खाली था तो लक्ष्मी आंटी ने मेरी तरफ देखा। मैंने कहा कि पहले मुझे छुटकारा मिल जाएगा फिर उसकी बारी आएगी।
लक्ष्मी आंटी ने झट से मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरी पैन्ट और underwear एक साथ उतार दी। जैसे तैसे मैंने अपनी शर्ट उतार फैंकी की लक्ष्मी आंटी ने मेरा लौड़ा गले तक निगल लिया। मेरी तो जान गले में आ गई। मैंने लक्ष्मी आंटी को धक्का दे कर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसे kiss करने लगा। लक्ष्मी आंटी ने मेरा साथ देने में कोई कसर नही छोड़ी।
मेरे कड़क लौड़े का सुपारा जब उसकी मुनिया को चूमने लगा तब लक्ष्मी आंटी को कुछ होश आया। उसने मेरी kiss रोकते हुए मुझे मना कर दिया। पर असलियत में वो लाचार थी। उसे kiss करते हुए मैंने उसके पैर फैला दिए थे और अपने हाथों से उसके कंधे पकड़ लिए थे।
लक्ष्मी आंटी-“ विक्की बाबू मुझे छोड़ दो। मैं पतिव्रता हूं, में मर जाऊंगी, मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। जाने दो विक्की बाबू आपको कसम आपकी ई… ई… ई… आंह… मां… आह… हा… हा… ई… ई… इश…”
मेरा सुपाड़ा दनदनाते हुए लक्ष्मी आंटी को चीरता हुआ अंदर दाखिल हो गया और लक्ष्मी आंटी की दर्द भरी चीखों ने पूरा farmhouse हिलाकर रख दिया। लक्ष्मी आंटी इतनी tight निकली की अंदर जाते हुए काफी जोर देना पड़ा और मुझे थोड़ा दर्द भी हुआ। अगर में रुक जाता तो डर था कि अनाड़ी साबित हो जाता इसलिए मैंने अपना छुरा पूरा घोंपकर फिर सुपाड़े तक बाहर निकाला। लक्ष्मी आंटी ने रोते हुए एक सांस ली और मैंने फिरसे अपना छुरा घोंपकर लक्ष्मी आंटी की चीख निकाली। अब मैं बिना रुके अंदर बाहर करने लगा और लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी। लक्ष्मी आंटी के रोने से, चीखने से मेरे अंदर एक जानवर जाग रहा था। मानो एक शेर किसी हिरन की आखरी पुकार सुन अपनी जीत का एहसास करता है। मैं इस पतिव्रता को लूटने में कोई कसर नही छोड़ रहा था तो लक्ष्मी आंटी भी अपनी उत्तेजनावश नीचे से हिलकर मुझे साथ देने लगी। इस खेल का मेरा पहला match होने के कारण मैं तो zero पर out नहीं होने में ही खुश था पर लक्ष्मी आंटी इतनी कसी हुई निकली की 5 मिनट के पलंग तोड़ कुटाई के बाद ही मै झड़ कर छूट पाया। स्त्री सुख के पहले स्वाद को चखकर मैंने कराहते हुए मैंने अपने ज्वालामुखी का तपता लवा रस लक्ष्मी आंटी की कोख में उड़ेल दिया। लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी और मैं उसके ऊपर लेट कर उसके गाल और कान को चूमकर उसे बता रहा था कि मुझे बड़ा मज़ा आया। सन्नी ने मेरे हाथ को छू कर इशारा किया और फिर मैं लक्ष्मी आंटी के ऊपर से उठ गया। लक्ष्मी आंटी एक ओर मुड़कर रोने लगी पर मैंने अभी भी अपना लौड़ा बाहर निकाला नहीं था। मैंने लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और अपने कारनामे को देखने के लिए नीचे देखा तो हक्काबक्का रह गया।
4 साल से शादीशुदा लक्ष्मी आंटी किसी कुंवारी लड़की की तरह खून में लथपथ पड़ी थी।
विक्की
हम सब गाड़ी में बैठे और seat belt पहन लिए। सन्नी गाड़ी चलाने वाला था, मैं उसके बगल में बैठ गया और लक्ष्मी आंटी को हमने पीछे सामान के साथ बैठने को कहा। लक्ष्मी आंटी के साथ सीट पर मेरे और सन्नी के कपड़ों की bag रखी थी और साथ में सन्नी के कुछ कपड़ों से ढकी हुई खास चीजों की bag रखी थी। लक्ष्मी आंटी के पीछे खाने पीने का सामान रखा था।
जैसेही गाड़ी शुरु हो गई लक्ष्मी आंटी ने अपने पेट के उपर हाथ रख आह भरी। सन्नी ने अचरज से पीछे देखा तो मैंने उसे आंख मारते हुए इशारा किया।
सन्नी “विक्की तू बड़ा कमिना है। अरे भाई डरा दिया ना तूने।”
लक्ष्मी आंटी समझ नहीं पा रही थी कि उसके साथ ये क्या हो रहा है। दरअसल मैंने जो लिपस्टिक लक्ष्मी आंटी की निक्कर में रखा था वोह रिमोट कंट्रोल वाला sex toy है जिसका रिमोट कंट्रोल मेरी जेब में से मैंने चालू किया था। १ से ५ की स्पीड में से अभी लक्ष्मी आंटी को सिर्फ १ का पता चला था। इससे अगले २ घंटों में लक्ष्मी आंटी गरमा गरम हो जायेगी पर छुटकारा नहीं मिल पाएगा।
हमने गाड़ी चलाना शुरू किया तो आपस में कॉलेज selection process वगैरा वगैरा बातें करने लगे। लक्ष्मी आंटी की रुचि इन बातों में नहीं थी और उसे अपने शरीर की उत्तेजना की ओर ध्यान देने के सिवा कोई चारा नहीं था। तकरीबन एक घंटे बाद लक्ष्मी आंटी अपने शरीर को कस के पकड़ कर कांपने लगी और उसका चेहरा लाल हो गया। Rear view mirror में से हम दोनों उसकी हालत देख मुस्कुरा रहे थे। उत्तेजना और संभली जा नहीं रही थी तो लक्ष्मी आंटी ने धीरे धीरे आगे पीछे होना शुरू कर दिया। पर इस से भी उसे कोई छुटकारा नहीं मिल पाया।
१ घंटा ऐसेही तड़पाने के बाद हमने अपनी गाड़ी farmhouse के अंदर लगा दी। बाहर माली चाचा खड़े थे और उन्होंने हमारा सामान अंदर रख दिया तो हमने उनसे कहा कि लक्ष्मी आंटी की तबियत बिगड़ी हुई है तो हम उस हॉल में बिठा देते हैं। सन्नी आगे plan को अंजाम देने लगा जब मैं अपना हिस्सा करने माली चाचा के साथ बाहर गया।
मैंने माली चाचा से पूछा कि वो कहां रहते हैं तो उन्होंने कहा कि २ मील दूर गांव में उनका घर है पर वोह अपने घर हफ़्ते में १ दिन ही जाते हैं और बाकी दिन बाहर कुटिया में रहते हैं। मैंने उन्हें सोमवार सुबह तक छुट्टी दे दी और कहा कि हम दोनों अपना और लक्ष्मी आंटी का खयाल रख लेंगे। माली चाचा ने खुश होकर तुरंत अपनी धोती उठाई और चले गए।
अंदर हॉल में लक्ष्मी आंटी सोफे पर बैठ तड़प रही थी, तो मैंने रिमोट कंट्रोल मेरी जेब से बाहर निकाला और लक्ष्मी आंटी को दिखाकर स्पीड २ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने जैसे एक हिचकी दी और उसने मुझे उसे छुटकारा दिलाने को कहा। मैंने कहा कि दोपहर को उसके बाल सन्नी को पसंद नहीं आए, तो पहले उसके बालों से छुटकारा लेना पड़ेगा। मैंने लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उठाया और toilet में ले गया। वहां मेरे इशारे पर लक्ष्मी आंटी ने अपनी सलवार कमीज़ उतारी। मैंने उसे और तड़पाने के लिए ब्रा पैंटी उतार ने से मना किया। अब लक्ष्मी आंटी को हात शरीर से दूर रखने को कहा और उसकी बगल में shaving cream लगाया। एक नए razor से लक्ष्मी आंटी के बगल के बाल साफ़ कर दिए और फिर उसे धो कर साफ़ कर दिया। लक्ष्मी आंटी की पूरी कोशिश बस छुटकारा पाने तक सीमित थी। जब मैंने लक्ष्मी आंटी को अपने पैर फैला कर खड़े होने को कहा तो वो झट से मान गई। मैंने उसकी गीली निक्कर को थपथपाया तो मुझे sex toy वाली झुनझुनाहट महसूस हुई। मेरी उंगली के दबाव से लक्ष्मी आंटी सिहर उठी तो मैंने रिमोट कंट्रोल से स्पीड बढ़ा कर ३ कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने आह भरी और मेरे कंधे पकड़ लिए। मैंने लक्ष्मी आंटी की ब्रा खोली और उसे नीचे उतर फेंका। लक्ष्मी आंटी की निक्कर मैंने नीचे बैठकर बड़ी ध्यान से उतरी। निक्कर उतारते हुए मैंने sex toy को अपनी जगह से हिलने नहीं दिया। लक्ष्मी आंटी अपना सर हिलाकर अपनी विवशता दिखा रही थी और मैंने bag में से trimmer निकाला। Trimmer का इस्तमाल करते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी के घने जंगल को छोटी घास में बदल दिया और फिर razor का इस्तमाल कर उसकी गीली चूत के उपर एक उंगली जैसी लकीर छोड़ बाकी सब कुछ साफ़ कर दिया।
मेरे पीछे दरवाजा खुला और सन्नी ने मेरे हाथ में कुछ दिया। यह एक special bra panties का सफेद set हमने लक्ष्मी आंटी के लिए लाया था। इसमें लक्ष्मी आंटी के मम्मे अपनी बेरीयों को प्रदर्शित करते हुए खुले छोड़ेंगे और पैंटी ना ही चूत को धकेगी न ही गांड़ को। ये sexy सुहागरात set हमने लक्ष्मी आंटी के साथ हमारे सुहागरात को यादगार बनाने के लिए लाया था।
Sex toy वाली झुनझुनाहट जाने के कारण व्याकुल लक्ष्मी आंटी को जैसे ही बताया की उसकी चुटकरा की जगह उपर bedroom में रखी है तो वह मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचते हुए उपर ले आयी। Bed बिलकुल खाली था तो लक्ष्मी आंटी ने मेरी तरफ देखा। मैंने कहा कि पहले मुझे छुटकारा मिल जाएगा फिर उसकी बारी आएगी।
लक्ष्मी आंटी ने झट से मेरी कमर में हाथ डाल कर मेरी पैन्ट और underwear एक साथ उतार दी। जैसे तैसे मैंने अपनी शर्ट उतार फैंकी की लक्ष्मी आंटी ने मेरा लौड़ा गले तक निगल लिया। मेरी तो जान गले में आ गई। मैंने लक्ष्मी आंटी को धक्का दे कर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसे kiss करने लगा। लक्ष्मी आंटी ने मेरा साथ देने में कोई कसर नही छोड़ी।
मेरे कड़क लौड़े का सुपारा जब उसकी मुनिया को चूमने लगा तब लक्ष्मी आंटी को कुछ होश आया। उसने मेरी kiss रोकते हुए मुझे मना कर दिया। पर असलियत में वो लाचार थी। उसे kiss करते हुए मैंने उसके पैर फैला दिए थे और अपने हाथों से उसके कंधे पकड़ लिए थे।
लक्ष्मी आंटी-“ विक्की बाबू मुझे छोड़ दो। मैं पतिव्रता हूं, में मर जाऊंगी, मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। जाने दो विक्की बाबू आपको कसम आपकी ई… ई… ई… आंह… मां… आह… हा… हा… ई… ई… इश…”
मेरा सुपाड़ा दनदनाते हुए लक्ष्मी आंटी को चीरता हुआ अंदर दाखिल हो गया और लक्ष्मी आंटी की दर्द भरी चीखों ने पूरा farmhouse हिलाकर रख दिया। लक्ष्मी आंटी इतनी tight निकली की अंदर जाते हुए काफी जोर देना पड़ा और मुझे थोड़ा दर्द भी हुआ। अगर में रुक जाता तो डर था कि अनाड़ी साबित हो जाता इसलिए मैंने अपना छुरा पूरा घोंपकर फिर सुपाड़े तक बाहर निकाला। लक्ष्मी आंटी ने रोते हुए एक सांस ली और मैंने फिरसे अपना छुरा घोंपकर लक्ष्मी आंटी की चीख निकाली। अब मैं बिना रुके अंदर बाहर करने लगा और लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी। लक्ष्मी आंटी के रोने से, चीखने से मेरे अंदर एक जानवर जाग रहा था। मानो एक शेर किसी हिरन की आखरी पुकार सुन अपनी जीत का एहसास करता है। मैं इस पतिव्रता को लूटने में कोई कसर नही छोड़ रहा था तो लक्ष्मी आंटी भी अपनी उत्तेजनावश नीचे से हिलकर मुझे साथ देने लगी। इस खेल का मेरा पहला match होने के कारण मैं तो zero पर out नहीं होने में ही खुश था पर लक्ष्मी आंटी इतनी कसी हुई निकली की 5 मिनट के पलंग तोड़ कुटाई के बाद ही मै झड़ कर छूट पाया। स्त्री सुख के पहले स्वाद को चखकर मैंने कराहते हुए मैंने अपने ज्वालामुखी का तपता लवा रस लक्ष्मी आंटी की कोख में उड़ेल दिया। लक्ष्मी आंटी मुंह फेर कर जोर जोर से रो रही थी और मैं उसके ऊपर लेट कर उसके गाल और कान को चूमकर उसे बता रहा था कि मुझे बड़ा मज़ा आया। सन्नी ने मेरे हाथ को छू कर इशारा किया और फिर मैं लक्ष्मी आंटी के ऊपर से उठ गया। लक्ष्मी आंटी एक ओर मुड़कर रोने लगी पर मैंने अभी भी अपना लौड़ा बाहर निकाला नहीं था। मैंने लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया और अपने कारनामे को देखने के लिए नीचे देखा तो हक्काबक्का रह गया।
4 साल से शादीशुदा लक्ष्मी आंटी किसी कुंवारी लड़की की तरह खून में लथपथ पड़ी थी।