• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बरसात की रात,,,(Completed)

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

rohnny4545

Well-Known Member
14,330
37,186
259
रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था उसे पूरा यकीन तो नहीं था लेकिन उम्मीद की किरण नजर आ रही थी कि आज की रात कुछ ना कुछ जरूर होगा शालू के पायल की आवाज सुनकर वह सोने का नाटक करने लगा आंखों को बंद करके वह दिल की धड़कन को नियंत्रित करते हुए अपनी बहन के द्वारा क्या हरकत होती है उसका इंतजार करने लगा,,। रघु के बदन में कसमसाहट हो रही थी और साथ ही वह बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,। कमर पर लपेटे,,,, हुई तोलिए को वह अपनी जांघों पर डाल दिया था ताकि शालू को देखने पर यही लगे कि वह नींद में अस्त व्यस्त हो गई है,,,। रघु का खड़ा लंड पूरी औकात में आसमान की ऊंचाई नाप रहा था,,,।
शालू के मन में भी हलचल मची हुई थी एक बार फिर से वह अपने भाई के खड़े लंड के दर्शन करना चाहती थी,,, दिल की धड़कन बड़ी तेजी से दौड़ रही थी मानो घोड़ा दौड़ रहा हो,,, उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसे आज फिर से अपने भाई की खडे लंड के दर्शन करने को मिल जाएंगे,,, बहुत धीरे-धीरे अपने कदम बड़े आराम से रखते हुए आगे बढ़ रही थी ताकि उसकी मां की नींद ना खुल जाए जो कि बेहद गहरी नींद में सो रही थी और यह बात शालू अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां बहुत ही गहरी नींद में सोती है इसलिए उसे उसके जाग जाने का डर बहुत ही कम है,,,। धीरे-धीरे वह अपने भाई के करीब पहुंच गई जहां पर वह चटाई बिछाकर बड़े आराम से सो रहा था,,। तभी उसे जो देखने की इच्छा हो रही थी वही दिखाई दिया जो कि अपनी अपनी औकात में खड़ा था शालू अपने भाई के खड़े लंड को देखते ही गनगना गई,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच हलचल होती भी महसूस होने लगी उसके दिल की धड़कन और ज्यादा तेज हो गई,,, उस दिन की तुलना आज उसे अपने भाई का खड़ा लंड एकदम साफ नजर आ रहा था क्योंकि आसमान में चांदनी बिखरी हुई थी,,,। शालू का दिल मचल उठा उसे अपने हाथ में लेने के लिए वह पहले भी दो तीन बार अपने भाई के गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपने हाथ में लेकर उसकी गर्माहट को अपने अंदर महसूस कर चुकी थी लेकिन यह बात हुआ है नहीं जानती थी कि उसका भाई नींद में नहीं बल्कि सिर्फ सोने का नाटक किया करता था और उसे आज भी यही लग रहा था कि उसका भाई नींद में है इसलिए वह एक बार फिर से अपने भाई के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी गरमाहट को महसूस कर सकेगी,,।
पल भर में ही शालू उत्तेजित हो गई क्योंकि रघु का लंड एकदम डंडे की तरह सीधा खड़ा था उसमें जरा भी लचक नहीं थी,,,,,, शालू धीरे से अपने भाई के करीब बैठ गई वह कभी अपने भाई के चेहरे की तरफ तो कभी उसकी खड़े लंड को देख रही थी,,,, मन में भावनाओं का बवंडर उठ गया था तन बदन में उत्तेजना की लहर और ज्यादा ऊंची लहरा रही थी,,,,, पहले कि अपने भाई के लंड को पकड़ कर देखने की हिम्मत उसे याद थी इसलिए वह एक बार फिर से हिम्मत करके अपना हाथ आगे बढ़ा दी इस बार उसका हाथ कांप रहा था,,,, जो कि पहले भी ऐसा होता था लेकिन आज शालू के मन में कुछ और चल रहा था,,, उसका मन इस समय संभोग सुख से वाकिफ होने के लिए मचल रहा था,,, उसे अपनी बुर के अंदर कुल बुलआहट होती हुई महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते उसने अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड को पहले अपनी बीच वाली उंगली से स्पर्श की,, उसकी गर्माहट अपने तन बदन में महसूस करते ही शालु से रहा नहीं गया और और वह उसके समूचे लंड की गोलाई को अपने हाथों की हथेली में समेट ली,,,, शालू को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने सारी दुनिया को अपनी मुट्ठी में कैद कर ली,, और रघु अपने लंड को अपनी बहन की हथेली ने महसूस करते ही उसकी हथेली की नरम नरम उंगलियों का स्पर्श पाकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके लंड की नसों में रक्त का प्रवाह बड़ी तेजी से होने लगी हो और वह उत्तेजना के मारे अपने गर्म सिसकारियों की आवाज़ को अपने गले के अंदर ही घोट रहा था,,,, उत्तेजना के मारे उसका पूरा बदन कसमसाने लगा,,,, शालू को इस बात का अंदाजा हो गया था कि उसके भाई का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा था जिसे वो धीरे धीरे मुठिया रही थी शालू को अपने भाई के लंड को मुठीयाने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, आश्चर्य और उत्तेजना के मारे उसका मुंह खुला का खुला रह गया था वह रह रह कर पीछे की तरफ देख ले रही थी कि कहीं उसकी मां जाग तो नहीं रही जो कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी मां तो गहरी नींद मैं सो रही थी,,,। रघु को मजा आ रहा था और आता भी कैसे नहीं भले वह उसकी बड़ी बहन थी लेकिन थी तो एक लड़की ही खूबसूरत जवान जिसके हाथों की गर्मी उसके लंड को पिघलाने के लिए सक्षम थी,,,। शालू जिस तरह से अपने भाई के लंड को हिला रही थी रघु को इस बात का डर था कि कहीं उसके लंड की पिचकारी ना निकल जाए,,। रघु का बदन कसमसा रहा था वह बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों को बंद किए हुए था वह अपनी आंखों को खोलकर अपनी बहन की इस कामुक हरकत को देखना चाहता था उसका आनंद लेना चाहता था लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं आप खोलते हैं उसकी बहन डर के मारे चली ना जाए लेकिन आज ऐसा होने देना नहीं चाहता था आज उसके लंड ने बगावत किया हुआ था,,,, क्योंकि दोपहर से ही उसका लंड पूरी तरह से खड़ा का खड़ा था जिसका कारण थी लाला की बहू जिसे उसने उसे की ले कपड़ों में देखा था और उसके गोलाकार नितंबों को देखकर काफी उत्तेजना महसूस किया था,,,। उसके मदमस्त कर देने वाले संतरो को देख कर उसकी मत मस्त जवानी तो रघु का मोटा तगड़ा लंड खड़े होकर सलामी दे रहा था अपने लंड की गर्मी को आज वह अपनी बहन के ऊपर निकालना चाहता था,,,, जो कि इस समय उसके लंड को हिला रही थी,,,,।
आहहहहह,,,,आहहहहहहह,,,( ना चाहते हुए भी शालू के मुख से इस तरह की गरम सिसकारी की आवाज निकलने लगी और इस तरह की आवाज को सुनकर रघु एकदम से पागल होने लगा अपनी आंखों को खोल देना चाहता था अपनी बहन के हाथ पर हाथ रखकर साथ में अपने लंड को ही लाना चाहता था लेकिन ना जाने क्यों उसके अंदर डर था लेकिन शालू मजे लेना चाहती थी वह चाहती थी कि उसका भाई आंख खोल दें नींद से जाग जाए,,,, इस तरह के ख्याल उसके मन में आ रहे थे लेकिन डर भी लग रहा था कि उसका छोटा भाई उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, शालू से अपने तन बदन की उत्तेजना और अपने भाई के खड़े लंड का सुरूर बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसके तन बदन में आग लग रही थी उत्तेजना के मारे उसकी बुर से मदन रस बहने लगा था शालू के लिए अपने हालात को संभाल पाना नाजुक होता जा रहा था और यही यही हाल रघु का भी था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन दोनों भाई बहन की नींद उड़ी हुई थी रघु तो सिर्फ सोने का नाटक कर रहा था और शालू एकदम बेवकूफ थी कि इतना भी नहीं समझ पा रही थी कि इस तरह से किसी के लंड को पकड़ने पर वह गहरी नींद में नहीं बल्कि नींद उड़ जाती है,,, शालू को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उसका भाई सोने का नाटक कर रहा है,,,, और शालू उत्तेजित होते हुए एक हाथ से अपने भाई के लंड को हिलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी चूची को मसलने लगी,,, कपड़ों के ऊपर से ही अपनी कामुक हरकत की वजह से वह काफी उत्तेजित हुए जा रहे थे उसके मन में हो रहा था कि काश यह हरकत उसका भाई अपने हाथों से करता तो कितना मजा आता,,, शालू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपनी आंखों को बंद करके आनंद की अनुभूति को महसूस कर रही थी तभी रघु हिम्मत दिखाते हुए अपनी आंख को हल्के से खोला तो उसे अपनी बहन का खूबसूरत चेहरा नजर आने लगा,,,। जो कि इस समय और ज्यादा खूबसूरत लग रहा था उसके लाल गाल उसकी उत्तेजना की कहानी बयां कर रहे थे उसकी आंखें बंद थी जिससे पता चल रहा था कि उसे इस क्रिया को करने में कितना आनंद प्राप्त हो रहा है वह अपनी नजरों को नीचे की तरफ लाया तो देखकर दंग रह गया उसकी बहन अपने हाथों से ही अपनी चूची को दबा रही थी जो कि इस समय कपड़ों के अंदर थी यह देख कर रघु के तन बदन में आग लग गई,,, रघु अपनी बहन की मदमस्त चुचियों को देखना चाहता था उसे छूना चाहता था उसे मुंह में भर कर पीना चाहता था जिस तरह से वह हलवाई की बीवी और रामू की मां की चूचियों का स्तनपान किया था अपनी नजर को थोड़ा और नीचे ले जा कर के जब उसने अपनी आंखों से बेहद कामुक और मादक दृश्य देखा तो उससे रहा नहीं गया अपनी बहन की नाजुक हथेली में अपने मोटे कड़क लंड को देखते ही उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गई और वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन के हाथ पर रख दिया और उसकी हथेली को अपनी हथेली में भरकर कस लिया,,,,, अपनी हथेली पर हथेली महसूस होते ही शालू की आंख खुल गई और वह अपने भाई के खड़े लंड की तरफ देखकर उसके चेहरे की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए रघु की आंख खुली हुई थी,,,, मारे उत्तेजना और डर के मारे शालू का गला सूखने लगा,,,, शालू डर के मारा अपना हाथ पीछे की तरफ खींचने लगी,,, लेकिन रघु की मजबूत हथेलियां उसे कस के पकड़े हुए थे और रघु खुद ही अपनी बहन का हाथ पकड़कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा था,,,,,।

यययय,,, यह क्या कर रहा है तू,,,,।

वही जो तुम कर रही थी दीदी,,,,


नहीं ऐसा मत कर यह गलत है,,,।

गलत है तो फिर तुम क्यों कर रही थी दीदी,,,,।( रघु अपनी बहन की हथेली को अपने लंड पर कसते हुए धीरे-धीरे मुठिया ते हुए बोला,,,)

मैं बहक गई थी रघु,,,,( शालू डरते हुए बोली,,,)

क्यों बहक गई थी किस लिए बहक गई थी,,,,,

तेरा यह देखकर,,,,,( शालू आंखों से अपने भाई के लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली)

इसे देख कर बहकने जैसा क्या है,,,,, ऐसा तो सभी लड़कों के पास होता है,,,,, क्या तुम यह बात नहीं जानती,,,,?

तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा और बड़ा है,,,,( शालू अपनी भाई की आंखों में झांकते हुए बोली ना जाने क्यों उसे अपने भाई के द्वारा इस तरह से उसकी हथेली को उसके लंड पर मुठिया ते हुए अच्छा लग रहा था,,,।)

क्या बिरजू का ऐसा नहीं है,,,,,? ( ऐसा कहते हुए रघु हिम्मत दिखाकर अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने हाथ को सीधे उसके कपड़ों के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची पर रख दिया ,,,, शालू अपने भाई के इस तरह की हरकत हो बिरजू का नाम सुनते ही बुरी तरह से चौक गई,,,,।)

बबबब,,, बिरजू कौन बिरजू,,,,,,( शालू एकदम से हड बढ़ाते हुए बोली,,,)

मैं सब जानता हूं दीदी मुझसे कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है,,,,( कुर्ती के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

तू क्या कह रहा है मुझे,,, कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,।


तुम अच्छी तरह से जानती भी हो और समझती भी हो कि मैं क्या कह रहा हूं,,,, बिरजू से प्यार करती हो ना तुम दीदी,,, चोरी-छिपे तुम आम के बगीचे में उससे मिलती हो,,,
( उत्तेजना के मारे यह कहते हुए रघु अपनी बहन की चूची को जोर जोर से दबाने लगा और एक हाथ से अपने लंड को अपनी बहन की हथेली का सहारा लेकर हिलाता रहा अपने भाई की हरकत को देखकर शालू के बदन में खुमारी छाने लगी थी,,,, जो कुछ भी उसका भाई कह रहा था शालू को समझते देर नहीं लगी कि उसका भाई सब कुछ जानता है इसलिए वह बोली,,,।)

इसका मतलब है कि तू सब जानता है,,,।

मैं सब जानता हूं दीदी तुम्हारे प्रेम कहानी के बारे में,,,


देख रहा हूं मां को इस बारे में बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए,,,,

बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी,,,,( इतना कहने के साथ ही रघु अपनी बहन की हथेली पर से अपना हाथ हटा कर उसे अपनी बहन की दूसरी चूची पर रख दिया और दोनों चूची को एक साथ अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया या देखकर शालू बोली,,,।)

यह क्या कर रहा है तू,,,,?


तुम्हारी खूबसूरत चुचियों से खेल रहा हूं दीदी,,,,,


क्या अपनी बहन की चुचियों से इस तरह से खेलना सही रहेगा,,,,( शालू यह कहते हुए अपनी हथेली को अपने भाई के लंड पर और जोर से कस ली,,,)

जब तक किसी को पता ना चले तब तक सही रहेगा,,,,


मां को पता चल गया तो,,,।


मां को बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी तुम तो जानती हो कि मां कितनी गहरी नींद मैं सोती है अब वह सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,( उत्तेजना के मारे रघु जोर-जोर से अपनी बहन की चूचियों को कुर्ती के ऊपर से ही मसलता हुआ बोला,,,,, और इस तरह से अपने भाई की हरकतों की वजह से शालू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी थी अब वह भी अपने कदम पीछे नहीं लेना चाहती थी,,, इसलिए वह भी मस्ती दिखाते हुए अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को फिर से मुठीयाना शुरू कर दी,,,, अपनी बहन की यह हरकत देखते ही रघु को समझते देर नहीं लगी कि रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है और उसके मुख से गर्म सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,,।)

आहहहहहहह दीदी,,,,,
( दोनों बड़े ही धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए बात कर रहे थे ताकि उनकी आवाज की वजह से उनकी मां ना जाग जाए,,, और दोनों के बीच हो रही वार्तालाप के स्वर इस तरह से फुशफुसाहट भरे थे कि जब एक मर्द और औरत आपस में चुदाई करते हुए आपस में इस तरह से बातें करते हैं कि कोई तीसरा उन दोनों की बातें ना सुन ले इस तरह से दोनों धीमे स्वर में बातें कर रहे थे और अपनी बहन के इस तरह की धीमी आवाज रघु के तन बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना भर रहा था,,,।
 

Mass

Well-Known Member
9,468
19,666
189
रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था उसे पूरा यकीन तो नहीं था लेकिन उम्मीद की किरण नजर आ रही थी कि आज की रात कुछ ना कुछ जरूर होगा शालू के पायल की आवाज सुनकर वह सोने का नाटक करने लगा आंखों को बंद करके वह दिल की धड़कन को नियंत्रित करते हुए अपनी बहन के द्वारा क्या हरकत होती है उसका इंतजार करने लगा,,। रघु के बदन में कसमसाहट हो रही थी और साथ ही वह बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,। कमर पर लपेटे,,,, हुई तोलिए को वह अपनी जांघों पर डाल दिया था ताकि शालू को देखने पर यही लगे कि वह नींद में अस्त व्यस्त हो गई है,,,। रघु का खड़ा लंड पूरी औकात में आसमान की ऊंचाई नाप रहा था,,,।
शालू के मन में भी हलचल मची हुई थी एक बार फिर से वह अपने भाई के खड़े लंड के दर्शन करना चाहती थी,,, दिल की धड़कन बड़ी तेजी से दौड़ रही थी मानो घोड़ा दौड़ रहा हो,,, उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसे आज फिर से अपने भाई की खडे लंड के दर्शन करने को मिल जाएंगे,,, बहुत धीरे-धीरे अपने कदम बड़े आराम से रखते हुए आगे बढ़ रही थी ताकि उसकी मां की नींद ना खुल जाए जो कि बेहद गहरी नींद में सो रही थी और यह बात शालू अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां बहुत ही गहरी नींद में सोती है इसलिए उसे उसके जाग जाने का डर बहुत ही कम है,,,। धीरे-धीरे वह अपने भाई के करीब पहुंच गई जहां पर वह चटाई बिछाकर बड़े आराम से सो रहा था,,। तभी उसे जो देखने की इच्छा हो रही थी वही दिखाई दिया जो कि अपनी अपनी औकात में खड़ा था शालू अपने भाई के खड़े लंड को देखते ही गनगना गई,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच हलचल होती भी महसूस होने लगी उसके दिल की धड़कन और ज्यादा तेज हो गई,,, उस दिन की तुलना आज उसे अपने भाई का खड़ा लंड एकदम साफ नजर आ रहा था क्योंकि आसमान में चांदनी बिखरी हुई थी,,,। शालू का दिल मचल उठा उसे अपने हाथ में लेने के लिए वह पहले भी दो तीन बार अपने भाई के गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपने हाथ में लेकर उसकी गर्माहट को अपने अंदर महसूस कर चुकी थी लेकिन यह बात हुआ है नहीं जानती थी कि उसका भाई नींद में नहीं बल्कि सिर्फ सोने का नाटक किया करता था और उसे आज भी यही लग रहा था कि उसका भाई नींद में है इसलिए वह एक बार फिर से अपने भाई के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी गरमाहट को महसूस कर सकेगी,,।
पल भर में ही शालू उत्तेजित हो गई क्योंकि रघु का लंड एकदम डंडे की तरह सीधा खड़ा था उसमें जरा भी लचक नहीं थी,,,,,, शालू धीरे से अपने भाई के करीब बैठ गई वह कभी अपने भाई के चेहरे की तरफ तो कभी उसकी खड़े लंड को देख रही थी,,,, मन में भावनाओं का बवंडर उठ गया था तन बदन में उत्तेजना की लहर और ज्यादा ऊंची लहरा रही थी,,,,, पहले कि अपने भाई के लंड को पकड़ कर देखने की हिम्मत उसे याद थी इसलिए वह एक बार फिर से हिम्मत करके अपना हाथ आगे बढ़ा दी इस बार उसका हाथ कांप रहा था,,,, जो कि पहले भी ऐसा होता था लेकिन आज शालू के मन में कुछ और चल रहा था,,, उसका मन इस समय संभोग सुख से वाकिफ होने के लिए मचल रहा था,,, उसे अपनी बुर के अंदर कुल बुलआहट होती हुई महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते उसने अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड को पहले अपनी बीच वाली उंगली से स्पर्श की,, उसकी गर्माहट अपने तन बदन में महसूस करते ही शालु से रहा नहीं गया और और वह उसके समूचे लंड की गोलाई को अपने हाथों की हथेली में समेट ली,,,, शालू को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने सारी दुनिया को अपनी मुट्ठी में कैद कर ली,, और रघु अपने लंड को अपनी बहन की हथेली ने महसूस करते ही उसकी हथेली की नरम नरम उंगलियों का स्पर्श पाकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके लंड की नसों में रक्त का प्रवाह बड़ी तेजी से होने लगी हो और वह उत्तेजना के मारे अपने गर्म सिसकारियों की आवाज़ को अपने गले के अंदर ही घोट रहा था,,,, उत्तेजना के मारे उसका पूरा बदन कसमसाने लगा,,,, शालू को इस बात का अंदाजा हो गया था कि उसके भाई का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा था जिसे वो धीरे धीरे मुठिया रही थी शालू को अपने भाई के लंड को मुठीयाने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, आश्चर्य और उत्तेजना के मारे उसका मुंह खुला का खुला रह गया था वह रह रह कर पीछे की तरफ देख ले रही थी कि कहीं उसकी मां जाग तो नहीं रही जो कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी मां तो गहरी नींद मैं सो रही थी,,,। रघु को मजा आ रहा था और आता भी कैसे नहीं भले वह उसकी बड़ी बहन थी लेकिन थी तो एक लड़की ही खूबसूरत जवान जिसके हाथों की गर्मी उसके लंड को पिघलाने के लिए सक्षम थी,,,। शालू जिस तरह से अपने भाई के लंड को हिला रही थी रघु को इस बात का डर था कि कहीं उसके लंड की पिचकारी ना निकल जाए,,। रघु का बदन कसमसा रहा था वह बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों को बंद किए हुए था वह अपनी आंखों को खोलकर अपनी बहन की इस कामुक हरकत को देखना चाहता था उसका आनंद लेना चाहता था लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं आप खोलते हैं उसकी बहन डर के मारे चली ना जाए लेकिन आज ऐसा होने देना नहीं चाहता था आज उसके लंड ने बगावत किया हुआ था,,,, क्योंकि दोपहर से ही उसका लंड पूरी तरह से खड़ा का खड़ा था जिसका कारण थी लाला की बहू जिसे उसने उसे की ले कपड़ों में देखा था और उसके गोलाकार नितंबों को देखकर काफी उत्तेजना महसूस किया था,,,। उसके मदमस्त कर देने वाले संतरो को देख कर उसकी मत मस्त जवानी तो रघु का मोटा तगड़ा लंड खड़े होकर सलामी दे रहा था अपने लंड की गर्मी को आज वह अपनी बहन के ऊपर निकालना चाहता था,,,, जो कि इस समय उसके लंड को हिला रही थी,,,,।
आहहहहह,,,,आहहहहहहह,,,( ना चाहते हुए भी शालू के मुख से इस तरह की गरम सिसकारी की आवाज निकलने लगी और इस तरह की आवाज को सुनकर रघु एकदम से पागल होने लगा अपनी आंखों को खोल देना चाहता था अपनी बहन के हाथ पर हाथ रखकर साथ में अपने लंड को ही लाना चाहता था लेकिन ना जाने क्यों उसके अंदर डर था लेकिन शालू मजे लेना चाहती थी वह चाहती थी कि उसका भाई आंख खोल दें नींद से जाग जाए,,,, इस तरह के ख्याल उसके मन में आ रहे थे लेकिन डर भी लग रहा था कि उसका छोटा भाई उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, शालू से अपने तन बदन की उत्तेजना और अपने भाई के खड़े लंड का सुरूर बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसके तन बदन में आग लग रही थी उत्तेजना के मारे उसकी बुर से मदन रस बहने लगा था शालू के लिए अपने हालात को संभाल पाना नाजुक होता जा रहा था और यही यही हाल रघु का भी था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन दोनों भाई बहन की नींद उड़ी हुई थी रघु तो सिर्फ सोने का नाटक कर रहा था और शालू एकदम बेवकूफ थी कि इतना भी नहीं समझ पा रही थी कि इस तरह से किसी के लंड को पकड़ने पर वह गहरी नींद में नहीं बल्कि नींद उड़ जाती है,,, शालू को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उसका भाई सोने का नाटक कर रहा है,,,, और शालू उत्तेजित होते हुए एक हाथ से अपने भाई के लंड को हिलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी चूची को मसलने लगी,,, कपड़ों के ऊपर से ही अपनी कामुक हरकत की वजह से वह काफी उत्तेजित हुए जा रहे थे उसके मन में हो रहा था कि काश यह हरकत उसका भाई अपने हाथों से करता तो कितना मजा आता,,, शालू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपनी आंखों को बंद करके आनंद की अनुभूति को महसूस कर रही थी तभी रघु हिम्मत दिखाते हुए अपनी आंख को हल्के से खोला तो उसे अपनी बहन का खूबसूरत चेहरा नजर आने लगा,,,। जो कि इस समय और ज्यादा खूबसूरत लग रहा था उसके लाल गाल उसकी उत्तेजना की कहानी बयां कर रहे थे उसकी आंखें बंद थी जिससे पता चल रहा था कि उसे इस क्रिया को करने में कितना आनंद प्राप्त हो रहा है वह अपनी नजरों को नीचे की तरफ लाया तो देखकर दंग रह गया उसकी बहन अपने हाथों से ही अपनी चूची को दबा रही थी जो कि इस समय कपड़ों के अंदर थी यह देख कर रघु के तन बदन में आग लग गई,,, रघु अपनी बहन की मदमस्त चुचियों को देखना चाहता था उसे छूना चाहता था उसे मुंह में भर कर पीना चाहता था जिस तरह से वह हलवाई की बीवी और रामू की मां की चूचियों का स्तनपान किया था अपनी नजर को थोड़ा और नीचे ले जा कर के जब उसने अपनी आंखों से बेहद कामुक और मादक दृश्य देखा तो उससे रहा नहीं गया अपनी बहन की नाजुक हथेली में अपने मोटे कड़क लंड को देखते ही उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गई और वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन के हाथ पर रख दिया और उसकी हथेली को अपनी हथेली में भरकर कस लिया,,,,, अपनी हथेली पर हथेली महसूस होते ही शालू की आंख खुल गई और वह अपने भाई के खड़े लंड की तरफ देखकर उसके चेहरे की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए रघु की आंख खुली हुई थी,,,, मारे उत्तेजना और डर के मारे शालू का गला सूखने लगा,,,, शालू डर के मारा अपना हाथ पीछे की तरफ खींचने लगी,,, लेकिन रघु की मजबूत हथेलियां उसे कस के पकड़े हुए थे और रघु खुद ही अपनी बहन का हाथ पकड़कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा था,,,,,।

यययय,,, यह क्या कर रहा है तू,,,,।

वही जो तुम कर रही थी दीदी,,,,


नहीं ऐसा मत कर यह गलत है,,,।

गलत है तो फिर तुम क्यों कर रही थी दीदी,,,,।( रघु अपनी बहन की हथेली को अपने लंड पर कसते हुए धीरे-धीरे मुठिया ते हुए बोला,,,)

मैं बहक गई थी रघु,,,,( शालू डरते हुए बोली,,,)

क्यों बहक गई थी किस लिए बहक गई थी,,,,,

तेरा यह देखकर,,,,,( शालू आंखों से अपने भाई के लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली)

इसे देख कर बहकने जैसा क्या है,,,,, ऐसा तो सभी लड़कों के पास होता है,,,,, क्या तुम यह बात नहीं जानती,,,,?

तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा और बड़ा है,,,,( शालू अपनी भाई की आंखों में झांकते हुए बोली ना जाने क्यों उसे अपने भाई के द्वारा इस तरह से उसकी हथेली को उसके लंड पर मुठिया ते हुए अच्छा लग रहा था,,,।)

क्या बिरजू का ऐसा नहीं है,,,,,? ( ऐसा कहते हुए रघु हिम्मत दिखाकर अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने हाथ को सीधे उसके कपड़ों के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची पर रख दिया ,,,, शालू अपने भाई के इस तरह की हरकत हो बिरजू का नाम सुनते ही बुरी तरह से चौक गई,,,,।)

बबबब,,, बिरजू कौन बिरजू,,,,,,( शालू एकदम से हड बढ़ाते हुए बोली,,,)

मैं सब जानता हूं दीदी मुझसे कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है,,,,( कुर्ती के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

तू क्या कह रहा है मुझे,,, कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,।


तुम अच्छी तरह से जानती भी हो और समझती भी हो कि मैं क्या कह रहा हूं,,,, बिरजू से प्यार करती हो ना तुम दीदी,,, चोरी-छिपे तुम आम के बगीचे में उससे मिलती हो,,,
( उत्तेजना के मारे यह कहते हुए रघु अपनी बहन की चूची को जोर जोर से दबाने लगा और एक हाथ से अपने लंड को अपनी बहन की हथेली का सहारा लेकर हिलाता रहा अपने भाई की हरकत को देखकर शालू के बदन में खुमारी छाने लगी थी,,,, जो कुछ भी उसका भाई कह रहा था शालू को समझते देर नहीं लगी कि उसका भाई सब कुछ जानता है इसलिए वह बोली,,,।)

इसका मतलब है कि तू सब जानता है,,,।

मैं सब जानता हूं दीदी तुम्हारे प्रेम कहानी के बारे में,,,


देख रहा हूं मां को इस बारे में बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए,,,,

बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी,,,,( इतना कहने के साथ ही रघु अपनी बहन की हथेली पर से अपना हाथ हटा कर उसे अपनी बहन की दूसरी चूची पर रख दिया और दोनों चूची को एक साथ अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया या देखकर शालू बोली,,,।)

यह क्या कर रहा है तू,,,,?


तुम्हारी खूबसूरत चुचियों से खेल रहा हूं दीदी,,,,,


क्या अपनी बहन की चुचियों से इस तरह से खेलना सही रहेगा,,,,( शालू यह कहते हुए अपनी हथेली को अपने भाई के लंड पर और जोर से कस ली,,,)

जब तक किसी को पता ना चले तब तक सही रहेगा,,,,


मां को पता चल गया तो,,,।


मां को बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी तुम तो जानती हो कि मां कितनी गहरी नींद मैं सोती है अब वह सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,( उत्तेजना के मारे रघु जोर-जोर से अपनी बहन की चूचियों को कुर्ती के ऊपर से ही मसलता हुआ बोला,,,,, और इस तरह से अपने भाई की हरकतों की वजह से शालू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी थी अब वह भी अपने कदम पीछे नहीं लेना चाहती थी,,, इसलिए वह भी मस्ती दिखाते हुए अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को फिर से मुठीयाना शुरू कर दी,,,, अपनी बहन की यह हरकत देखते ही रघु को समझते देर नहीं लगी कि रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है और उसके मुख से गर्म सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,,।)

आहहहहहहह दीदी,,,,,
( दोनों बड़े ही धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए बात कर रहे थे ताकि उनकी आवाज की वजह से उनकी मां ना जाग जाए,,, और दोनों के बीच हो रही वार्तालाप के स्वर इस तरह से फुशफुसाहट भरे थे कि जब एक मर्द और औरत आपस में चुदाई करते हुए आपस में इस तरह से बातें करते हैं कि कोई तीसरा उन दोनों की बातें ना सुन ले इस तरह से दोनों धीमे स्वर में बातें कर रहे थे और अपनी बहन के इस तरह की धीमी आवाज रघु के तन बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना भर रहा था,,,।
Super update Rohnny Bhai..looking forward to the next part.
 

Handsome hunk 🌼

New Member
6
29
13
रघु का दिल जोरों से धड़क रहा था उसे पूरा यकीन तो नहीं था लेकिन उम्मीद की किरण नजर आ रही थी कि आज की रात कुछ ना कुछ जरूर होगा शालू के पायल की आवाज सुनकर वह सोने का नाटक करने लगा आंखों को बंद करके वह दिल की धड़कन को नियंत्रित करते हुए अपनी बहन के द्वारा क्या हरकत होती है उसका इंतजार करने लगा,,। रघु के बदन में कसमसाहट हो रही थी और साथ ही वह बेहद उत्तेजना का अनुभव कर रहा था,,। कमर पर लपेटे,,,, हुई तोलिए को वह अपनी जांघों पर डाल दिया था ताकि शालू को देखने पर यही लगे कि वह नींद में अस्त व्यस्त हो गई है,,,। रघु का खड़ा लंड पूरी औकात में आसमान की ऊंचाई नाप रहा था,,,।
शालू के मन में भी हलचल मची हुई थी एक बार फिर से वह अपने भाई के खड़े लंड के दर्शन करना चाहती थी,,, दिल की धड़कन बड़ी तेजी से दौड़ रही थी मानो घोड़ा दौड़ रहा हो,,, उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि उसे आज फिर से अपने भाई की खडे लंड के दर्शन करने को मिल जाएंगे,,, बहुत धीरे-धीरे अपने कदम बड़े आराम से रखते हुए आगे बढ़ रही थी ताकि उसकी मां की नींद ना खुल जाए जो कि बेहद गहरी नींद में सो रही थी और यह बात शालू अच्छी तरह से जानती थी कि उसकी मां बहुत ही गहरी नींद में सोती है इसलिए उसे उसके जाग जाने का डर बहुत ही कम है,,,। धीरे-धीरे वह अपने भाई के करीब पहुंच गई जहां पर वह चटाई बिछाकर बड़े आराम से सो रहा था,,। तभी उसे जो देखने की इच्छा हो रही थी वही दिखाई दिया जो कि अपनी अपनी औकात में खड़ा था शालू अपने भाई के खड़े लंड को देखते ही गनगना गई,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच हलचल होती भी महसूस होने लगी उसके दिल की धड़कन और ज्यादा तेज हो गई,,, उस दिन की तुलना आज उसे अपने भाई का खड़ा लंड एकदम साफ नजर आ रहा था क्योंकि आसमान में चांदनी बिखरी हुई थी,,,। शालू का दिल मचल उठा उसे अपने हाथ में लेने के लिए वह पहले भी दो तीन बार अपने भाई के गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपने हाथ में लेकर उसकी गर्माहट को अपने अंदर महसूस कर चुकी थी लेकिन यह बात हुआ है नहीं जानती थी कि उसका भाई नींद में नहीं बल्कि सिर्फ सोने का नाटक किया करता था और उसे आज भी यही लग रहा था कि उसका भाई नींद में है इसलिए वह एक बार फिर से अपने भाई के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर उसकी गरमाहट को महसूस कर सकेगी,,।
पल भर में ही शालू उत्तेजित हो गई क्योंकि रघु का लंड एकदम डंडे की तरह सीधा खड़ा था उसमें जरा भी लचक नहीं थी,,,,,, शालू धीरे से अपने भाई के करीब बैठ गई वह कभी अपने भाई के चेहरे की तरफ तो कभी उसकी खड़े लंड को देख रही थी,,,, मन में भावनाओं का बवंडर उठ गया था तन बदन में उत्तेजना की लहर और ज्यादा ऊंची लहरा रही थी,,,,, पहले कि अपने भाई के लंड को पकड़ कर देखने की हिम्मत उसे याद थी इसलिए वह एक बार फिर से हिम्मत करके अपना हाथ आगे बढ़ा दी इस बार उसका हाथ कांप रहा था,,,, जो कि पहले भी ऐसा होता था लेकिन आज शालू के मन में कुछ और चल रहा था,,, उसका मन इस समय संभोग सुख से वाकिफ होने के लिए मचल रहा था,,, उसे अपनी बुर के अंदर कुल बुलआहट होती हुई महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते उसने अपने भाई के मोटे तगड़े लंबे लंड को पहले अपनी बीच वाली उंगली से स्पर्श की,, उसकी गर्माहट अपने तन बदन में महसूस करते ही शालु से रहा नहीं गया और और वह उसके समूचे लंड की गोलाई को अपने हाथों की हथेली में समेट ली,,,, शालू को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसने सारी दुनिया को अपनी मुट्ठी में कैद कर ली,, और रघु अपने लंड को अपनी बहन की हथेली ने महसूस करते ही उसकी हथेली की नरम नरम उंगलियों का स्पर्श पाकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके लंड की नसों में रक्त का प्रवाह बड़ी तेजी से होने लगी हो और वह उत्तेजना के मारे अपने गर्म सिसकारियों की आवाज़ को अपने गले के अंदर ही घोट रहा था,,,, उत्तेजना के मारे उसका पूरा बदन कसमसाने लगा,,,, शालू को इस बात का अंदाजा हो गया था कि उसके भाई का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा और लंबा था जिसे वो धीरे धीरे मुठिया रही थी शालू को अपने भाई के लंड को मुठीयाने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,, आश्चर्य और उत्तेजना के मारे उसका मुंह खुला का खुला रह गया था वह रह रह कर पीछे की तरफ देख ले रही थी कि कहीं उसकी मां जाग तो नहीं रही जो कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था उसकी मां तो गहरी नींद मैं सो रही थी,,,। रघु को मजा आ रहा था और आता भी कैसे नहीं भले वह उसकी बड़ी बहन थी लेकिन थी तो एक लड़की ही खूबसूरत जवान जिसके हाथों की गर्मी उसके लंड को पिघलाने के लिए सक्षम थी,,,। शालू जिस तरह से अपने भाई के लंड को हिला रही थी रघु को इस बात का डर था कि कहीं उसके लंड की पिचकारी ना निकल जाए,,। रघु का बदन कसमसा रहा था वह बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों को बंद किए हुए था वह अपनी आंखों को खोलकर अपनी बहन की इस कामुक हरकत को देखना चाहता था उसका आनंद लेना चाहता था लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं आप खोलते हैं उसकी बहन डर के मारे चली ना जाए लेकिन आज ऐसा होने देना नहीं चाहता था आज उसके लंड ने बगावत किया हुआ था,,,, क्योंकि दोपहर से ही उसका लंड पूरी तरह से खड़ा का खड़ा था जिसका कारण थी लाला की बहू जिसे उसने उसे की ले कपड़ों में देखा था और उसके गोलाकार नितंबों को देखकर काफी उत्तेजना महसूस किया था,,,। उसके मदमस्त कर देने वाले संतरो को देख कर उसकी मत मस्त जवानी तो रघु का मोटा तगड़ा लंड खड़े होकर सलामी दे रहा था अपने लंड की गर्मी को आज वह अपनी बहन के ऊपर निकालना चाहता था,,,, जो कि इस समय उसके लंड को हिला रही थी,,,,।
आहहहहह,,,,आहहहहहहह,,,( ना चाहते हुए भी शालू के मुख से इस तरह की गरम सिसकारी की आवाज निकलने लगी और इस तरह की आवाज को सुनकर रघु एकदम से पागल होने लगा अपनी आंखों को खोल देना चाहता था अपनी बहन के हाथ पर हाथ रखकर साथ में अपने लंड को ही लाना चाहता था लेकिन ना जाने क्यों उसके अंदर डर था लेकिन शालू मजे लेना चाहती थी वह चाहती थी कि उसका भाई आंख खोल दें नींद से जाग जाए,,,, इस तरह के ख्याल उसके मन में आ रहे थे लेकिन डर भी लग रहा था कि उसका छोटा भाई उसके बारे में क्या सोचेगा,,,, शालू से अपने तन बदन की उत्तेजना और अपने भाई के खड़े लंड का सुरूर बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसके तन बदन में आग लग रही थी उत्तेजना के मारे उसकी बुर से मदन रस बहने लगा था शालू के लिए अपने हालात को संभाल पाना नाजुक होता जा रहा था और यही यही हाल रघु का भी था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन दोनों भाई बहन की नींद उड़ी हुई थी रघु तो सिर्फ सोने का नाटक कर रहा था और शालू एकदम बेवकूफ थी कि इतना भी नहीं समझ पा रही थी कि इस तरह से किसी के लंड को पकड़ने पर वह गहरी नींद में नहीं बल्कि नींद उड़ जाती है,,, शालू को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उसका भाई सोने का नाटक कर रहा है,,,, और शालू उत्तेजित होते हुए एक हाथ से अपने भाई के लंड को हिलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी चूची को मसलने लगी,,, कपड़ों के ऊपर से ही अपनी कामुक हरकत की वजह से वह काफी उत्तेजित हुए जा रहे थे उसके मन में हो रहा था कि काश यह हरकत उसका भाई अपने हाथों से करता तो कितना मजा आता,,, शालू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपनी आंखों को बंद करके आनंद की अनुभूति को महसूस कर रही थी तभी रघु हिम्मत दिखाते हुए अपनी आंख को हल्के से खोला तो उसे अपनी बहन का खूबसूरत चेहरा नजर आने लगा,,,। जो कि इस समय और ज्यादा खूबसूरत लग रहा था उसके लाल गाल उसकी उत्तेजना की कहानी बयां कर रहे थे उसकी आंखें बंद थी जिससे पता चल रहा था कि उसे इस क्रिया को करने में कितना आनंद प्राप्त हो रहा है वह अपनी नजरों को नीचे की तरफ लाया तो देखकर दंग रह गया उसकी बहन अपने हाथों से ही अपनी चूची को दबा रही थी जो कि इस समय कपड़ों के अंदर थी यह देख कर रघु के तन बदन में आग लग गई,,, रघु अपनी बहन की मदमस्त चुचियों को देखना चाहता था उसे छूना चाहता था उसे मुंह में भर कर पीना चाहता था जिस तरह से वह हलवाई की बीवी और रामू की मां की चूचियों का स्तनपान किया था अपनी नजर को थोड़ा और नीचे ले जा कर के जब उसने अपनी आंखों से बेहद कामुक और मादक दृश्य देखा तो उससे रहा नहीं गया अपनी बहन की नाजुक हथेली में अपने मोटे कड़क लंड को देखते ही उसकी उत्तेजना चरम सीमा पर पहुंच गई और वह अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन के हाथ पर रख दिया और उसकी हथेली को अपनी हथेली में भरकर कस लिया,,,,, अपनी हथेली पर हथेली महसूस होते ही शालू की आंख खुल गई और वह अपने भाई के खड़े लंड की तरफ देखकर उसके चेहरे की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए रघु की आंख खुली हुई थी,,,, मारे उत्तेजना और डर के मारे शालू का गला सूखने लगा,,,, शालू डर के मारा अपना हाथ पीछे की तरफ खींचने लगी,,, लेकिन रघु की मजबूत हथेलियां उसे कस के पकड़े हुए थे और रघु खुद ही अपनी बहन का हाथ पकड़कर अपने लंड पर ऊपर नीचे करके हिलाने लगा था,,,,,।

यययय,,, यह क्या कर रहा है तू,,,,।

वही जो तुम कर रही थी दीदी,,,,


नहीं ऐसा मत कर यह गलत है,,,।

गलत है तो फिर तुम क्यों कर रही थी दीदी,,,,।( रघु अपनी बहन की हथेली को अपने लंड पर कसते हुए धीरे-धीरे मुठिया ते हुए बोला,,,)

मैं बहक गई थी रघु,,,,( शालू डरते हुए बोली,,,)

क्यों बहक गई थी किस लिए बहक गई थी,,,,,

तेरा यह देखकर,,,,,( शालू आंखों से अपने भाई के लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली)

इसे देख कर बहकने जैसा क्या है,,,,, ऐसा तो सभी लड़कों के पास होता है,,,,, क्या तुम यह बात नहीं जानती,,,,?

तेरा कुछ ज्यादा ही मोटा और बड़ा है,,,,( शालू अपनी भाई की आंखों में झांकते हुए बोली ना जाने क्यों उसे अपने भाई के द्वारा इस तरह से उसकी हथेली को उसके लंड पर मुठिया ते हुए अच्छा लग रहा था,,,।)

क्या बिरजू का ऐसा नहीं है,,,,,? ( ऐसा कहते हुए रघु हिम्मत दिखाकर अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपने हाथ को सीधे उसके कपड़ों के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची पर रख दिया ,,,, शालू अपने भाई के इस तरह की हरकत हो बिरजू का नाम सुनते ही बुरी तरह से चौक गई,,,,।)

बबबब,,, बिरजू कौन बिरजू,,,,,,( शालू एकदम से हड बढ़ाते हुए बोली,,,)

मैं सब जानता हूं दीदी मुझसे कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है,,,,( कुर्ती के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची को दबाते हुए बोला,,,)

तू क्या कह रहा है मुझे,,, कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,।


तुम अच्छी तरह से जानती भी हो और समझती भी हो कि मैं क्या कह रहा हूं,,,, बिरजू से प्यार करती हो ना तुम दीदी,,, चोरी-छिपे तुम आम के बगीचे में उससे मिलती हो,,,
( उत्तेजना के मारे यह कहते हुए रघु अपनी बहन की चूची को जोर जोर से दबाने लगा और एक हाथ से अपने लंड को अपनी बहन की हथेली का सहारा लेकर हिलाता रहा अपने भाई की हरकत को देखकर शालू के बदन में खुमारी छाने लगी थी,,,, जो कुछ भी उसका भाई कह रहा था शालू को समझते देर नहीं लगी कि उसका भाई सब कुछ जानता है इसलिए वह बोली,,,।)

इसका मतलब है कि तू सब जानता है,,,।

मैं सब जानता हूं दीदी तुम्हारे प्रेम कहानी के बारे में,,,


देख रहा हूं मां को इस बारे में बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए,,,,

बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी,,,,( इतना कहने के साथ ही रघु अपनी बहन की हथेली पर से अपना हाथ हटा कर उसे अपनी बहन की दूसरी चूची पर रख दिया और दोनों चूची को एक साथ अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया या देखकर शालू बोली,,,।)

यह क्या कर रहा है तू,,,,?


तुम्हारी खूबसूरत चुचियों से खेल रहा हूं दीदी,,,,,


क्या अपनी बहन की चुचियों से इस तरह से खेलना सही रहेगा,,,,( शालू यह कहते हुए अपनी हथेली को अपने भाई के लंड पर और जोर से कस ली,,,)

जब तक किसी को पता ना चले तब तक सही रहेगा,,,,


मां को पता चल गया तो,,,।


मां को बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा दीदी तुम तो जानती हो कि मां कितनी गहरी नींद मैं सोती है अब वह सुबह से पहले उठने वाली नहीं है,,,,( उत्तेजना के मारे रघु जोर-जोर से अपनी बहन की चूचियों को कुर्ती के ऊपर से ही मसलता हुआ बोला,,,,, और इस तरह से अपने भाई की हरकतों की वजह से शालू के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी थी अब वह भी अपने कदम पीछे नहीं लेना चाहती थी,,, इसलिए वह भी मस्ती दिखाते हुए अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को फिर से मुठीयाना शुरू कर दी,,,, अपनी बहन की यह हरकत देखते ही रघु को समझते देर नहीं लगी कि रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है और उसके मुख से गर्म सिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,,।)

आहहहहहहह दीदी,,,,,
( दोनों बड़े ही धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए बात कर रहे थे ताकि उनकी आवाज की वजह से उनकी मां ना जाग जाए,,, और दोनों के बीच हो रही वार्तालाप के स्वर इस तरह से फुशफुसाहट भरे थे कि जब एक मर्द और औरत आपस में चुदाई करते हुए आपस में इस तरह से बातें करते हैं कि कोई तीसरा उन दोनों की बातें ना सुन ले इस तरह से दोनों धीमे स्वर में बातें कर रहे थे और अपनी बहन के इस तरह की धीमी आवाज रघु के तन बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना भर रहा था,,,।
भाई जान ले लो ऐसे अपडेट से
आगे बढ़ाओ यार
करवाओ अब शालू का काम
 
Top