• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 55 41.4%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 27 20.3%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 51 38.3%

  • Total voters
    133

Ek number

Well-Known Member
9,052
19,502
188
सुबह अनुराग की नींद लता की आवाज से खुली । उसने देखा वो नंगा ही लेटा हुआ था और उसका लैंड अब भी खड़ा था।
लता ने उसके लैंड को देखते हुए कहा - तू तो सो रहा था पर लगता है इतनी चुदाई के बाद भी ये नहीं सोयेगा। इसे फिर से चूत चाहिए।
अनुराग - अरे दीदी आप कब आईं ? कितने बज गए? सबने उठाया क्यों नहीं।
लता हँसते हुए - रात भर चुदाई की है तो नींद कैसे खुलती। दस बजे हैं। उठ जा और हाँ अपने छोटू को भी शांत कर ले। जब से आई हूँ खड़ा ही देखा है।
अनुराग बाथरूम में गया। उसे मूतने में बहुत दिक्कत आई। उसका लंड बैठ ही नहीं रहा था। उसे फिर याद आया कि नैना ने कुछ तो दवा मिलवाई थी। उसका लंड मूतने के बाद भी ठंढा नहीं हुआ। क्या ही करता निचे आना पड़ा। निचे आया तो देखा लता और वर्षा किचन में है। रूबी और नैना कहीं नजर नहीं आ रही थी।

लता कुछ खाने का सामान लेकर आई और बोली - परेशान मत हो। नैना अपने पापा के साथ घर चली गई है। कह रही थी यहाँ रही तो आराम नहीं मिलेगा।
अनुराग - रूबी ?
अब वर्षा भी वहीँ आ गई थी। वर्षा बोली - आपकी किस्मत अच्छी थी , रात बजा लिया। आज सुबह सुबह उसका पीरियड आ गया।
अनुराग थोड़ा उदास होते हुए बोला - ओह्ह।
लता - तुझसे ज्यादा तो दुखी तेरे जीजा थे। लगा था आज मस्त छूट मिलेगी पर उलटे पाँव वापस जाना पड़ा। दुखी मत हो। पांच दिन बाद फिर मार लेना। वैसे वर्षा अभी क्लीन है।
वर्षा - रहने दो बुआ। कुछ दिन आराम भी करने दो इन्हे। पता चला वापस बीमार पड़ गए।
लता - सच में भाई, बहुत मस्ती हो गई। अब कुछ दिन आराम कर लो।
अनुराग - हम्म। वैसे अभी तो रूबी हाथ आई थी।
तभी पीछे से जम्हाई लेते हुए बोली - पापा , हाथ में तो मैं अब भी हूँ।

रूबी आकर अनुराग के गोद में बैठ गई। उसने बस एक छोटी नाइटी पहनी हुी थी जो की कंधे पर डोरी के सहारे लटकी हुई थी। उसने निचे सिर्फ एक पैंटी पहनी हुई थी क्योंकि उसके पीरियड आ चुके थे पर ऊपर उसने ब्रा नहीं पहना था।

लता - तुझे कुछ भी शर्म नहीं है। ऐसे आकर बैठ गई।
रूबी ने अनुराग का हाथ पकड़ा और अपने मुम्मो पर रखते हुए बोली - मैं तो बस ये कह रही थी की मैं अब भी इनके हाथ में ही हूँ।
अनुराग ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा - बेटी अब इतनी बड़ी हो गई है कि हाथ में नहीं आती है।
लता उठ कर किचन में जाते हुए बोली - तुम सब बेशर्म हो गए हो। मैं चलूँ कुछ बना लूँ , बच्चे भी जागने वाले होंगे।
रूबी - बना लो , वैसे दोनों ने पेट भर दूध पीया है। अभी कुछ देर और सोयेंगे।
वर्षा - तुमने मुझे क्यों नहीं बताया।
रूबी - छोटा कसमसा रहा था। एक उसको दिया तो बेटू ने कुछ देर बाद दुसरा ले लिया। मुझे लगा , तुम पापा का ख्याल रख रही होगी। पर मुझे क्या पता था, कि पापा को मॉर्निंग डोज नहीं दिया है।
कह कर रूबी ने अपना एक स्तन अनुराग के मुँह में ठूंस दिया और बोली - पी लो पापा। इसमें अब भी बहुत दूध है। पर अपने लौड़े को संभाल कर रखो , अंदर ना घुस जाए।

वर्षा वहीँ बैठी थी। उसे जलन हो रही थी। उसका मन था कि वो अब अपने पापा को अपना दूध पिलाती पर रूबी एक नंबर कि कमिनी निकली। ना सिर्फ दूध पीला रही है बल्कि अपने गांड से पापा का लंड भी रगड़ रही है। उसका मन किया कि रूबी को हटा कर खुद अनुराग के गोद में बैठ जाए और ना सिर्फ उसे दूध परोसे पर अपनी चूत भी सौंप दे।

गुस्से में उसने कहा - पापा , चूत में मत घुसाना पर गांड मार लेना।
रूबी ये सुनते ही घबरा गई। रात उसकी गांड खूब मारी गई थी और उसे अब भी दर्द हो रहा था। वो तुरंत उठ कर अनुराग के बगल में बैठ गई और उसे अपने गोद में लिटा दिया और बोली - पापा आप ऐसे दूध पी लो। गांड मत मारना पर।

ये सुनते ही वर्षा हंस पड़ी। पर जब उसने अनुराग के लौड़े को देखा तो घबरा गई। उसका लंड एकदम कड़क हो रखा था और सुपाड़ा एक़दाम लाल। पहले तो उसे लगा कि कहीं सच में रूबी कि चूत में तो नहीं घुस गया था। पर जब जाकर नजदीक से देखा तो वो सुजा भी था और लाल भी। वो तुरंत उठी और रूबी को बोली - चल ह। जाकर ढंग के कपडे पहन ले। पापा को किसी भी तरह से उत्तेजित मत कर।

रूबी - क्या हुआ ?
वर्षा - उधर देख।
लौड़ा देख कर रूबी भी घबरा गई और दोनों कि हालत देख अनुराग भी। वर्षा ने तुरंत नैना को फ़ोन घुमाया। उसने रूबी से तोडा बर्फ ली आने को कहा। रूबी उठ कर गई और पतले से रुमाल में बर्फ के टुकड़े लपेट कर आने लगी। लता ने कहा - क्या हुआ ?
रूबी - कुछ नहीं।
वो जाकर अनुराग के लंड को बर्फ से सेंकने लगी। पर उसके अधखुले स्तन को देख कर अनुराग का लंड शांत कहाँ होने वाला था। लता ने जब ये देखा तो उससे कहा - तू जा , ढंग के कपडे पहन। मैं सेंकती हूँ।

उधर नैना ने कई रिंग के बाद फ़ोन उठाया। वर्षा ने उसे साड़ी बात बताई तो उसने कहा - घबरा मत। मेरी फ्रेंड ने कहा था ऐसा होगा। पर टेंशन मत लो। बर्फ से सेंक दो। ठंढा हो जाएगा। नहीं होता तो चुद जाना, पर मुझे फ़ोन मत करना । एक बार फिर से माल निकलवा कर बर्फ से सेंक लेना।
कह कर उसने फ़ोन काट दिया। लता ने उसकी तरफ देखा तो वो बोली - बर्फ से सेंकने को कहा है। आराम मिल जाना चाहिए। वर्ना।

लता - वर्ना क्या ? हॉस्पिटल तो नहीं ले जाना पड़ेगा ? ऐसी हालत देख कर डॉक्टर क्या कहेंगे।
वर्षा - अरे बुआ , कुछ भी मत बोलो। हॉस्पिटल ले जाने कि जरूरत नहीं है। टेंशन मत लो। बर्फ से सेंक दो ठीक हो जायेंगे।

पर अनुराग का लंड तो जैसे क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा था। उसके दोनों बॉल्स में पेन भी होने लगा था। शायद अपनी बहन और बेटी को देख कर टेंशन में था या सच में दवा का असर था।
उसकी हालत देख वर्षा बोली - पापा आप बैडरूम में चलो। बुआ थोड़ा और बर्फ लेकर आओ। रूबी तू घर का काम कर और बच्चे जागें तो उनको देख लेना।
अनुराग को लेकर वर्षा उसके कमरे में पहुँच गई और बिस्तर पर लिटा दिया। उसने अपने सारे कपडे उतार दिए और अनुराग का सर अपने जांघो पर रख कर बोली - पापा आप दूध पियो।
उसका हाथ अनुराग के लंड पर था पर उसे हाथ लगाने से वो दर रही थी। तभी कमरे में लता बर्फ और ठंढा पानी लेकर आ गई।
वर्षा - बुआ जल्दी से नंगी हो जाओ और देखो इनके ड्रावर में कोई क्रीम है क्या ? आपको चुदना पड़ेगा। जब तक इनका माल दुबारा नहीं निकलेगा , तब तक इनका लंड शांत नहीं होगा।

लता ने जल्दी से क्रीम ढूँढा और फटाफट से अपने कपडे उतार दिए। तब तक वर्षा ने अनुराग के लंड पर हौले से अपना जीभ फिराना शुरू किया। जीभ लगते ही अनुराग का लंड और फनफना उठा। वर्षा जानती थी अब इसे गहरे चूत में ही जाना होगा पर वो खुद नहीं ले सकती थी। उसकी चूत अब भी टाइट थी। लता कि चूत का भोसड़ा तो नहीं बना था पर उसके कम्पैरिजन में ढीली जरूर थी। कुछ देर चूसने के बाद वर्षा ने अनुराग का लंड छोड़ दिया और लता से कहा - बुआ अब इस पर क्रीम लगाओ।

लता अनुराग के लंड पर क्रीम लगाने लगी।
वर्षा ने उससे कहा - आओ त्तुम्हे गरम कर दूँ। तुम्हारी चूत गीली होगी तो और आसानी होगी।
लता ने अपने चूत में ऊँगली डाली और निकाल कर दिखाया कहा - साली ये तो कल रात से बाह रही है। इस घर में हुए धमाल को सोच कर बरसे जा रही है। उस पर से सुबह सुबह रूबी जब इसे दूध पीला रही थी तो और गरम हो गई। फिर इस कमरे में तुम दोनों।
वर्षा हँसते हुए - साली बहुत चुदक्कड़ हो तुम बुआ।
ये दोनों तैयारी कर रही थी पर अनुराग कि हालत ख़राब थी। उसने कहा - साली बहनचोद , जल्दी से ऊपर आ। लौड़ा तैयार है , सवारी कर।

लता ने अब अपने एक पेअर को अनुराग के कमर के दूसरी तरफ किया और उसके लंड को चूत पर सेट करके उसके ऊपर बैठ गई। कुछ ही पल में अनुराग का दहकता हुआ लंड लता के चूत में घुस गया। लता को ऐसा महसूस हुआ जैसे गरम गरम लोहे का कोई रॉड उसके चूत में डाल दी गई हो। पर उसे उसी गरम रॉड को तो ठाढ़ा करना था। लता अब अनुराग के ऊपर कूदने लगी।

उधर वर्षा ने अपने मुम्मे को अनुराग के मुँह में ठूंस दिया और बोली - पापा, इसे भी चूसो।
अनुराग - हम्।
वर्षा - पापा, और तीजी से चूसो। नूच डालो मेरे निप्पल को। पी जाओ। आपके लिए ही दूध बचा कर रखा था। आह आह। खाली कर दो मेरे मटके।
उधर लता थकने लगी थी। उसने कूदना छोड़ कमर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था। पर अनुराग का लंड पानी छोड़ने को तैयार ही नहीं था। कुछ देर बाद उसने अपना मुँह पीछे कि तरफ कर लिया। अब उसकी पीठ अनुराग कि तरफ थी।

लता - बहनचोद , बहन और बेटी चोद लिया फिर भी लौड़ा शांत नहीं हो रहा है। अब साले क्या बहु चोदेग। वो भी तैयार है चुदने को। बोल चोदेगा उसे भी। तृप्ति भी मस्त माल है। बोल न भोसड़ी के।
अनुराग ने तृप्ति का नाम सुना तो वर्षा के मुम्मे छोड़ कर बैठ गया। उसने लता को झुका कर कुटिया बना दिया और बोला - पहले तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा फिर तृप्ति हो या नैना सबको चोद कर खुश करूँगा।
लता - हाँ तो बहनहोड़ चोद न। तेजी से चोद।
वर्षा अब अनुराग के पीछे गई और उससे चिपक कर बोली - पापा फाड़ दो बुआ कि चूत। बना दो उसका भोसड़ा।
लता - बहन कि लौड़ी चूत तो अब सूज गई है। तेरा बाप ठंढा ही नहीं हो रहा।
वर्षा - तेरी बिटिया ने ही कुछ दिया था।
लता - बेटीचोद , खुद तो घर में सो रही है। यहाँ मेरी चूत का कबाड़ा कर दिया। खुद तो सील पैक है।
वर्षा - उसकी भी सील जल्दी ही टूटेगी। पापा, बुआ कि गांड भी मस्त है।
लता - हाँ , साले गांड ही मार लो। चूत तो फैट गई है।
वर्षा ने लता के गांड पर खूब सारा क्रीम उलट दिया और अनुराग का लंड पकड़ कर उसके गांड पर फिट कर दिया। बोली - फाड़ दो पापा
अनुराग ने लता के गांड में धक्के लगाने शुरू कर दिए।
वर्षा ने अनुराग के चेहरे को चूमना और चाटना शुरू किया। उसने बड़े ही सेडक्टिव अंदाज में उसके पुरे चेहरे को अपने थूक से गीला कर दिया और बोली - पापा , बुआ कि गांड मस्त है या रूबी कि ?
अनु - दोनों क। मन करता है वहीँ घर बना लूँ।
वर्षा - जल्दी से बुआ कि गांड मार लो , रूबी कि भी मार लेना फिर। ।
लता चीखते हुए बोली - साला , बहन कि चूत। अब निकाल आपला लौड़। मेरी गांड भी जवाब दे गई। चल अपनी बेटी को चोद।
अब तक अनुराग का मन वर्षा को चोदने का हो चूका था।
वर्षा ने धीरे से कहा - अपनी लेखा को चोदोगे।
अनुराग ने तुरंत अपना लंड लता कि गांड से निकाला और वर्षा को पटक दिया और उसके ऊपर हो गया। उसने अपना लंड उसके चूत पर सेट किया और बोला - लेखा ,चोद दूँ तुझे ?
वर्षा - आपकी लेखा तो कबसे चुदने को तैयार है। देखो न चूत भी जुदाई में रो रही है। आप ही अपनी बहन कि चूत के पीछे पड़े थे।
ये सुनते ही अनुराग ने उसे ताबड़तोड़ छोड़ना शुरू किया। वर्षा - आह , आह , पेल दो अपनी लेखा को। बेरहमी से चोदो।
अनुराग - हाँ बहन कि लौड़ी पेल के तेरी चूत का किवाड़ बना दूंगा।
वर्षा - बना दे न। देखती हूँ कितना दम है ? दिखा दम कि सेल बहन कि चूत के लिए ही बेक़रार रहता है ?
अनुराग - चुप , साली चुप। चोदने दे।
वर्षा - चोद , तेरी बिटिया भी चुद गई और बहु भी तैयार है। बोल चोदेगा न उसे
अनुराग - तुम कहो तो उसे भी चोद दूंगा

वर्षा - हाँ चोद के उसे भी माँ बना देना फिर साला घर में दूध कि नदिया बहेंगी। अभी उसके मुम्मे मध्यम साइज के हैं। दूध भरते ही बड़े ही जायेंगे।
अब अनुराग किसी भी पल आ सकता था। उसके बॉल्स भर चुके थे। अनुराग के शरीर में आते तनाव को वर्षा भी महसूस कर चुकी थी।
वर्षा - आह पापा चोद दीजिये मुझे। और तेजी से। इसी बिस्तर पर आपने माँ को चोदा था और अब उनकी दोनों बेटियों को भी। बहुत जल्दी नैना भी चुदेगी। और फिर तृप्ति का नंबर आएगा। दोनों सहेलिया आपके लौड़े का जवानी चढ़ते ही दीवानी हो गई थी। उफ्फ्फ माआ देखो पापा मेरी चूत का क्या हाल कर रहे है। माअअअअअअअअअअ। आअह।

इतना सुनते ही अनुराग के लंड ने झटके लेना शुरू किया और अपना माल वर्षा कि चूत में डालना शुरू कर दिया। अनुराग कुछ निनुते तक झटके लेटा रहा। वर्षा भी अपने चरम अवस्था में थी । उसने अपने दोनों पैरो से अनुराग के कमर को बाँध रखा था। अनुराग के लंड ने इतना माल उगला जैसे लगा , कि वर्षा कि चूत भर गई हो। पूरा माल निकलते ही अनुराग उसके ऊपर निढाल हो गया। वर्षा उसके बाल को सहलाने लगी।

वर्षा - हो गया पापा। बस हो गया। डाल दो अपना पूरा माल मेरे अंदर। बाहर दो मेरी कोख।

वर्षा ने अब अपने चूत को सिकोड़ना शुरू किया और अंदर ही अंदर अनुराग का पूरा माल निचोड़ लिया। लता भी दोनों को सहला रही थी। उसका एक हाथ वर्षा के बालो पर था तो दूसरा अनुराग के पीठ पर। कुछ देर में अनुराग का लंड अपने आप ठंढा पड़ कर सिकुड़ गया और वर्षा कि चूत से निकल गया। अनुराग उसके बगल में लेट गया। लता ने फटाफट से ठंढे कपडे से उसके लंड और आस पास के हिस्से को पोछना शुरु कर दिया। उसने वर्षा से कहा - जाकर धो ले। खूब सारा माल निकला है कमीने ने।
वर्षा वैसे ही सीधे सोइ रही। बोली - महसूस करने दो बुआ। अंदर तक।
लता - तेरे महसूस करने के चक्कर में प्रेग्नेंट हो गई तो ?
वर्षा - सही तो है। पापा के लिए दूध कि कमी नहीं होगी।

वर्षा ने आँखें बंदकर लीं। अनुराग तो कब का नींद के आगोश में जा चूका था। लता ने दोनों के ऊपर चादर डाला फिर अपने कपडे पहन लिए। उसने कमरे में फैले गंध को ख़त्म करने के लिए रूम फ्रेशनर डाला और फिर कमरा बंद करके बाहर निकल गई।

बाहर आते ही बेटू उससे लिपट पड़ा और बोला - बाबा कैसे हैं ? माँ कैसी है ?
लता ने मन ही मन कहा - दोनों तुझे भाई या बहन देने कि तैयारी में हैं। बस नौ महीने का इंतजार है।
लता उसे बोली - ठीक हैं। आराम कर रहे हैं। तूने कुछ खाया ?

लता और रूबी दोनों घर के काम में व्यस्त हो गए। लता ने सोचा अब जल्दी ही नैना कि शादी करवानी पड़ेगी। उसने सोच लिया पहले ही शुभ मुहूर्त में दोनों कि शादी करवा देगी।
Behtreen update
 

Ek number

Well-Known Member
9,052
19,502
188
दोपहर तक नैना भी आ गई थी। उसने अगले पांच दिन तक रूबी और अनुराग को सेक्स करने से मना कर दिया था। बल्कि ये भी कह दिया था कि रूबी अनुराग के सामने आने से बचे तो ही अच्छा है। पर उसने वर्षा को कहा था अनुराग के साथ जेंटल सेक्स करे वो भी सिर्फ रात में। वर्षा का सुन कर रूबी और लता पहले तो नाराज हुईं पर बाद में मान गईं।
अगले पांच दिन अनुराग के बहुत ही शांत तरीके से गुजरे। दोपहर के बाद अक्सर नैना चली आती थी। दोनों शाम को घूमने निकल जाते। रात को बच्चों के सोने के बाद वर्षा अनुराग के साथ सोने चली आती थी। अनुराग और वर्षा दोनों लगभग रोज ही सेक्स करते थे।
उधर लता ने पंडित बुला कर दोनों कि शादी कि डेट फिक्स करने का प्लान कर लिया था। एक हफ्ते बाद आने वाले इतवार में लता ने पंडित को अपने यहाँ बुला लिया था। उस दिन उसने सबको अपने यहाँ बुलाया था। उस दिन रूबी भी लता के यहाँ चली गई थी। दोनों मिलकर सुबह से ही नाश्ता खाना बना रहे थे।
सुबह ग्यारह बजे के आस पास अनुराग और वर्षा भी लता के यहाँ पहुँच गए। कुछ देर बाद पंडित जी भी पहुँच गए। दोनों की कुंडलियां देखने के बाद तिथि देख रहे थे तभी अविनाश और तृप्ति ने अमेरिका से वीडियो कॉल किया। कॉल उनके स्मार्ट टीवी पर आयी थी। तो दोनों बड़े पिक्चर पर दिख रहे थे। तृप्ति और अविनाश भी तैयार थे। उन दोनों को देख कर अनुराग और वर्षा खुश हो गए।
अनुराग - काश तुम दोनों भी यहाँ होते ?
अविनाश - पापा, हम भी दो महीने में आ जायेंगे। बात हो गई है। आज भी समझ लीजिये वहीँ हैं। वैसे डेट क्या निकली ?
लता - पंडित जी बताईये कौन सा शुभ मुहूर्त है ?
पंडित - तीन महीने बाद दशहरे के बाद की एक डेट है।
शेखर - सही है। और आज का दिन कैसा है ?
पंडित - आज भी शुभ दिन है।
तभी अंदर से रूबी आई और उसने दो अँगूठिया निकाली और कहा - जब दिन बढ़िया है तो आज सगाई भी कर ही दें क्या ?
ये सुनकर सभी तालियां बजाने लगे। नैना शर्मा गई।
अनुराग - यार , मतलब आप सबने सब तैयारी कर राखी थी।
लता - अब इतना प्यार है तो प्यार को सील कर देते हैं।
रूबी ने मजाक में कहा - जय फायदा सील तोड़ने का मौका तो शादी के बाद ही मिलेगा।
उसकी दोअर्थी बातें सुन कर सब मुश्कुरा उठे।
कुछ ही देर में अनुराग और नैना ने अंगूठियां एक्सचेंज की। फिर खाने पीने के कार्यक्रम के बाद पंडित जी को विदा कर दिया गया। अविनाश और तृप्ति भी देर रात होने की वजह से कॉल डिसकनेक्ट कर दिए। सभी खुश थे। नैना शर्मा रही थी। अनुराग भी कुछ संकोच में थे। पर रूबी और लता बहुत खुश थे। पर खुश तो शेखर भी था।
बात चीत चल ही रही थी की शेखर ने धीरे से कहा - भाई , अब तो शादी भी हो गई। अब कोई शर्त पुरी करेगा।
ये सुनकर रूबी शर्मा गई। लता बोली - क्यों रूबी ? बता क्या इरादे हैं ?
रूबी - अभी तो नए जोड़े को बात करने का मौका दीजिये। आज तो उनका दिन है।
लता - ठीक है , करने दे इन्हे बात। हम अलग चलते हैं।
रूबी - आज नहीं। कल आप लोग हमारे यहाँ आइयेगा। आप सबको ताजे दूध की चाय भी मिलेगी और बाकी सब भी। आज तो पापा और नै माँ का दिन है।
लता - चल जैसी तेरी मर्जी। जब तक ये दोनों बात करते हैं हम सब कहीं घूम आते हैं।
ये सब सुनकर अनुराग बोल पड़ा - ये क्या लगा रखा है तुम सबने। हम पहली बार थोड़े ही मिले हैं। उसके अलावा क्या इस बूढ़े के लिए इतना हंगामा हो रहा है ?
अनुराग की ये बात उनकर सभी औरतें बोल पड़ी - बूढ़ा कौन है ?
नैना - खबरदार जो ये बात बोली तो।
अनुराग ने कान पकड़ कर कहा - सॉरी।
अब रूबी बोल पड़ी - अब तो आपको नैना को साबित करना पड़ेगा की आप बूढ़े नहीं हैं। चलिए हम सब चलते हैं।

उसके कुछ ही देर बाद नैना और अनुराग को घर में छोड़ कर सब चले गए। घर में रह गए तो सिर्फ नैना और अनुराग। क्या बातें करेंगे ? सिर्फ बातें करेंगे ?
Shandaar update
 

rajeev13

Active Member
1,603
1,951
159
दोपहर तक नैना भी आ गई थी। उसने अगले पांच दिन तक रूबी और अनुराग को सेक्स करने से मना कर दिया था। बल्कि ये भी कह दिया था कि रूबी अनुराग के सामने आने से बचे तो ही अच्छा है। पर उसने वर्षा को कहा था अनुराग के साथ जेंटल सेक्स करे वो भी सिर्फ रात में। वर्षा का सुन कर रूबी और लता पहले तो नाराज हुईं पर बाद में मान गईं।
अगले पांच दिन अनुराग के बहुत ही शांत तरीके से गुजरे। दोपहर के बाद अक्सर नैना चली आती थी। दोनों शाम को घूमने निकल जाते। रात को बच्चों के सोने के बाद वर्षा अनुराग के साथ सोने चली आती थी। अनुराग और वर्षा दोनों लगभग रोज ही सेक्स करते थे।
उधर लता ने पंडित बुला कर दोनों कि शादी कि डेट फिक्स करने का प्लान कर लिया था। एक हफ्ते बाद आने वाले इतवार में लता ने पंडित को अपने यहाँ बुला लिया था। उस दिन उसने सबको अपने यहाँ बुलाया था। उस दिन रूबी भी लता के यहाँ चली गई थी। दोनों मिलकर सुबह से ही नाश्ता खाना बना रहे थे।
सुबह ग्यारह बजे के आस पास अनुराग और वर्षा भी लता के यहाँ पहुँच गए। कुछ देर बाद पंडित जी भी पहुँच गए। दोनों की कुंडलियां देखने के बाद तिथि देख रहे थे तभी अविनाश और तृप्ति ने अमेरिका से वीडियो कॉल किया। कॉल उनके स्मार्ट टीवी पर आयी थी। तो दोनों बड़े पिक्चर पर दिख रहे थे। तृप्ति और अविनाश भी तैयार थे। उन दोनों को देख कर अनुराग और वर्षा खुश हो गए।
अनुराग - काश तुम दोनों भी यहाँ होते ?
अविनाश - पापा, हम भी दो महीने में आ जायेंगे। बात हो गई है। आज भी समझ लीजिये वहीँ हैं। वैसे डेट क्या निकली ?
लता - पंडित जी बताईये कौन सा शुभ मुहूर्त है ?
पंडित - तीन महीने बाद दशहरे के बाद की एक डेट है।
शेखर - सही है। और आज का दिन कैसा है ?
पंडित - आज भी शुभ दिन है।
तभी अंदर से रूबी आई और उसने दो अँगूठिया निकाली और कहा - जब दिन बढ़िया है तो आज सगाई भी कर ही दें क्या ?
ये सुनकर सभी तालियां बजाने लगे। नैना शर्मा गई।
अनुराग - यार , मतलब आप सबने सब तैयारी कर राखी थी।
लता - अब इतना प्यार है तो प्यार को सील कर देते हैं।
रूबी ने मजाक में कहा - जय फायदा सील तोड़ने का मौका तो शादी के बाद ही मिलेगा।
उसकी दोअर्थी बातें सुन कर सब मुश्कुरा उठे।
कुछ ही देर में अनुराग और नैना ने अंगूठियां एक्सचेंज की। फिर खाने पीने के कार्यक्रम के बाद पंडित जी को विदा कर दिया गया। अविनाश और तृप्ति भी देर रात होने की वजह से कॉल डिसकनेक्ट कर दिए। सभी खुश थे। नैना शर्मा रही थी। अनुराग भी कुछ संकोच में थे। पर रूबी और लता बहुत खुश थे। पर खुश तो शेखर भी था।
बात चीत चल ही रही थी की शेखर ने धीरे से कहा - भाई , अब तो शादी भी हो गई। अब कोई शर्त पुरी करेगा।
ये सुनकर रूबी शर्मा गई। लता बोली - क्यों रूबी ? बता क्या इरादे हैं ?
रूबी - अभी तो नए जोड़े को बात करने का मौका दीजिये। आज तो उनका दिन है।
लता - ठीक है , करने दे इन्हे बात। हम अलग चलते हैं।
रूबी - आज नहीं। कल आप लोग हमारे यहाँ आइयेगा। आप सबको ताजे दूध की चाय भी मिलेगी और बाकी सब भी। आज तो पापा और नै माँ का दिन है।
लता - चल जैसी तेरी मर्जी। जब तक ये दोनों बात करते हैं हम सब कहीं घूम आते हैं।
ये सब सुनकर अनुराग बोल पड़ा - ये क्या लगा रखा है तुम सबने। हम पहली बार थोड़े ही मिले हैं। उसके अलावा क्या इस बूढ़े के लिए इतना हंगामा हो रहा है ?
अनुराग की ये बात उनकर सभी औरतें बोल पड़ी - बूढ़ा कौन है ?
नैना - खबरदार जो ये बात बोली तो।
अनुराग ने कान पकड़ कर कहा - सॉरी।
अब रूबी बोल पड़ी - अब तो आपको नैना को साबित करना पड़ेगा की आप बूढ़े नहीं हैं। चलिए हम सब चलते हैं।

उसके कुछ ही देर बाद नैना और अनुराग को घर में छोड़ कर सब चले गए। घर में रह गए तो सिर्फ नैना और अनुराग। क्या बातें करेंगे ? सिर्फ बातें करेंगे ?
बहुत शानदार खासकर दोअर्थी संवाद के तो क्या कहने 😅
 

Chalakmanus

Member
174
314
64
सुबह अनुराग की नींद लता की आवाज से खुली । उसने देखा वो नंगा ही लेटा हुआ था और उसका लैंड अब भी खड़ा था।
लता ने उसके लैंड को देखते हुए कहा - तू तो सो रहा था पर लगता है इतनी चुदाई के बाद भी ये नहीं सोयेगा। इसे फिर से चूत चाहिए।
अनुराग - अरे दीदी आप कब आईं ? कितने बज गए? सबने उठाया क्यों नहीं।
लता हँसते हुए - रात भर चुदाई की है तो नींद कैसे खुलती। दस बजे हैं। उठ जा और हाँ अपने छोटू को भी शांत कर ले। जब से आई हूँ खड़ा ही देखा है।
अनुराग बाथरूम में गया। उसे मूतने में बहुत दिक्कत आई। उसका लंड बैठ ही नहीं रहा था। उसे फिर याद आया कि नैना ने कुछ तो दवा मिलवाई थी। उसका लंड मूतने के बाद भी ठंढा नहीं हुआ। क्या ही करता निचे आना पड़ा। निचे आया तो देखा लता और वर्षा किचन में है। रूबी और नैना कहीं नजर नहीं आ रही थी।

लता कुछ खाने का सामान लेकर आई और बोली - परेशान मत हो। नैना अपने पापा के साथ घर चली गई है। कह रही थी यहाँ रही तो आराम नहीं मिलेगा।
अनुराग - रूबी ?
अब वर्षा भी वहीँ आ गई थी। वर्षा बोली - आपकी किस्मत अच्छी थी , रात बजा लिया। आज सुबह सुबह उसका पीरियड आ गया।
अनुराग थोड़ा उदास होते हुए बोला - ओह्ह।
लता - तुझसे ज्यादा तो दुखी तेरे जीजा थे। लगा था आज मस्त छूट मिलेगी पर उलटे पाँव वापस जाना पड़ा। दुखी मत हो। पांच दिन बाद फिर मार लेना। वैसे वर्षा अभी क्लीन है।
वर्षा - रहने दो बुआ। कुछ दिन आराम भी करने दो इन्हे। पता चला वापस बीमार पड़ गए।
लता - सच में भाई, बहुत मस्ती हो गई। अब कुछ दिन आराम कर लो।
अनुराग - हम्म। वैसे अभी तो रूबी हाथ आई थी।
तभी पीछे से जम्हाई लेते हुए बोली - पापा , हाथ में तो मैं अब भी हूँ।

रूबी आकर अनुराग के गोद में बैठ गई। उसने बस एक छोटी नाइटी पहनी हुी थी जो की कंधे पर डोरी के सहारे लटकी हुई थी। उसने निचे सिर्फ एक पैंटी पहनी हुई थी क्योंकि उसके पीरियड आ चुके थे पर ऊपर उसने ब्रा नहीं पहना था।

लता - तुझे कुछ भी शर्म नहीं है। ऐसे आकर बैठ गई।
रूबी ने अनुराग का हाथ पकड़ा और अपने मुम्मो पर रखते हुए बोली - मैं तो बस ये कह रही थी की मैं अब भी इनके हाथ में ही हूँ।
अनुराग ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा - बेटी अब इतनी बड़ी हो गई है कि हाथ में नहीं आती है।
लता उठ कर किचन में जाते हुए बोली - तुम सब बेशर्म हो गए हो। मैं चलूँ कुछ बना लूँ , बच्चे भी जागने वाले होंगे।
रूबी - बना लो , वैसे दोनों ने पेट भर दूध पीया है। अभी कुछ देर और सोयेंगे।
वर्षा - तुमने मुझे क्यों नहीं बताया।
रूबी - छोटा कसमसा रहा था। एक उसको दिया तो बेटू ने कुछ देर बाद दुसरा ले लिया। मुझे लगा , तुम पापा का ख्याल रख रही होगी। पर मुझे क्या पता था, कि पापा को मॉर्निंग डोज नहीं दिया है।
कह कर रूबी ने अपना एक स्तन अनुराग के मुँह में ठूंस दिया और बोली - पी लो पापा। इसमें अब भी बहुत दूध है। पर अपने लौड़े को संभाल कर रखो , अंदर ना घुस जाए।

वर्षा वहीँ बैठी थी। उसे जलन हो रही थी। उसका मन था कि वो अब अपने पापा को अपना दूध पिलाती पर रूबी एक नंबर कि कमिनी निकली। ना सिर्फ दूध पीला रही है बल्कि अपने गांड से पापा का लंड भी रगड़ रही है। उसका मन किया कि रूबी को हटा कर खुद अनुराग के गोद में बैठ जाए और ना सिर्फ उसे दूध परोसे पर अपनी चूत भी सौंप दे।

गुस्से में उसने कहा - पापा , चूत में मत घुसाना पर गांड मार लेना।
रूबी ये सुनते ही घबरा गई। रात उसकी गांड खूब मारी गई थी और उसे अब भी दर्द हो रहा था। वो तुरंत उठ कर अनुराग के बगल में बैठ गई और उसे अपने गोद में लिटा दिया और बोली - पापा आप ऐसे दूध पी लो। गांड मत मारना पर।

ये सुनते ही वर्षा हंस पड़ी। पर जब उसने अनुराग के लौड़े को देखा तो घबरा गई। उसका लंड एकदम कड़क हो रखा था और सुपाड़ा एक़दाम लाल। पहले तो उसे लगा कि कहीं सच में रूबी कि चूत में तो नहीं घुस गया था। पर जब जाकर नजदीक से देखा तो वो सुजा भी था और लाल भी। वो तुरंत उठी और रूबी को बोली - चल ह। जाकर ढंग के कपडे पहन ले। पापा को किसी भी तरह से उत्तेजित मत कर।

रूबी - क्या हुआ ?
वर्षा - उधर देख।
लौड़ा देख कर रूबी भी घबरा गई और दोनों कि हालत देख अनुराग भी। वर्षा ने तुरंत नैना को फ़ोन घुमाया। उसने रूबी से तोडा बर्फ ली आने को कहा। रूबी उठ कर गई और पतले से रुमाल में बर्फ के टुकड़े लपेट कर आने लगी। लता ने कहा - क्या हुआ ?
रूबी - कुछ नहीं।
वो जाकर अनुराग के लंड को बर्फ से सेंकने लगी। पर उसके अधखुले स्तन को देख कर अनुराग का लंड शांत कहाँ होने वाला था। लता ने जब ये देखा तो उससे कहा - तू जा , ढंग के कपडे पहन। मैं सेंकती हूँ।

उधर नैना ने कई रिंग के बाद फ़ोन उठाया। वर्षा ने उसे साड़ी बात बताई तो उसने कहा - घबरा मत। मेरी फ्रेंड ने कहा था ऐसा होगा। पर टेंशन मत लो। बर्फ से सेंक दो। ठंढा हो जाएगा। नहीं होता तो चुद जाना, पर मुझे फ़ोन मत करना । एक बार फिर से माल निकलवा कर बर्फ से सेंक लेना।
कह कर उसने फ़ोन काट दिया। लता ने उसकी तरफ देखा तो वो बोली - बर्फ से सेंकने को कहा है। आराम मिल जाना चाहिए। वर्ना।

लता - वर्ना क्या ? हॉस्पिटल तो नहीं ले जाना पड़ेगा ? ऐसी हालत देख कर डॉक्टर क्या कहेंगे।
वर्षा - अरे बुआ , कुछ भी मत बोलो। हॉस्पिटल ले जाने कि जरूरत नहीं है। टेंशन मत लो। बर्फ से सेंक दो ठीक हो जायेंगे।

पर अनुराग का लंड तो जैसे क़ुतुब मीनार जैसे खड़ा था। उसके दोनों बॉल्स में पेन भी होने लगा था। शायद अपनी बहन और बेटी को देख कर टेंशन में था या सच में दवा का असर था।
उसकी हालत देख वर्षा बोली - पापा आप बैडरूम में चलो। बुआ थोड़ा और बर्फ लेकर आओ। रूबी तू घर का काम कर और बच्चे जागें तो उनको देख लेना।
अनुराग को लेकर वर्षा उसके कमरे में पहुँच गई और बिस्तर पर लिटा दिया। उसने अपने सारे कपडे उतार दिए और अनुराग का सर अपने जांघो पर रख कर बोली - पापा आप दूध पियो।
उसका हाथ अनुराग के लंड पर था पर उसे हाथ लगाने से वो दर रही थी। तभी कमरे में लता बर्फ और ठंढा पानी लेकर आ गई।
वर्षा - बुआ जल्दी से नंगी हो जाओ और देखो इनके ड्रावर में कोई क्रीम है क्या ? आपको चुदना पड़ेगा। जब तक इनका माल दुबारा नहीं निकलेगा , तब तक इनका लंड शांत नहीं होगा।

लता ने जल्दी से क्रीम ढूँढा और फटाफट से अपने कपडे उतार दिए। तब तक वर्षा ने अनुराग के लंड पर हौले से अपना जीभ फिराना शुरू किया। जीभ लगते ही अनुराग का लंड और फनफना उठा। वर्षा जानती थी अब इसे गहरे चूत में ही जाना होगा पर वो खुद नहीं ले सकती थी। उसकी चूत अब भी टाइट थी। लता कि चूत का भोसड़ा तो नहीं बना था पर उसके कम्पैरिजन में ढीली जरूर थी। कुछ देर चूसने के बाद वर्षा ने अनुराग का लंड छोड़ दिया और लता से कहा - बुआ अब इस पर क्रीम लगाओ।

लता अनुराग के लंड पर क्रीम लगाने लगी।
वर्षा ने उससे कहा - आओ त्तुम्हे गरम कर दूँ। तुम्हारी चूत गीली होगी तो और आसानी होगी।
लता ने अपने चूत में ऊँगली डाली और निकाल कर दिखाया कहा - साली ये तो कल रात से बाह रही है। इस घर में हुए धमाल को सोच कर बरसे जा रही है। उस पर से सुबह सुबह रूबी जब इसे दूध पीला रही थी तो और गरम हो गई। फिर इस कमरे में तुम दोनों।
वर्षा हँसते हुए - साली बहुत चुदक्कड़ हो तुम बुआ।
ये दोनों तैयारी कर रही थी पर अनुराग कि हालत ख़राब थी। उसने कहा - साली बहनचोद , जल्दी से ऊपर आ। लौड़ा तैयार है , सवारी कर।

लता ने अब अपने एक पेअर को अनुराग के कमर के दूसरी तरफ किया और उसके लंड को चूत पर सेट करके उसके ऊपर बैठ गई। कुछ ही पल में अनुराग का दहकता हुआ लंड लता के चूत में घुस गया। लता को ऐसा महसूस हुआ जैसे गरम गरम लोहे का कोई रॉड उसके चूत में डाल दी गई हो। पर उसे उसी गरम रॉड को तो ठाढ़ा करना था। लता अब अनुराग के ऊपर कूदने लगी।

उधर वर्षा ने अपने मुम्मे को अनुराग के मुँह में ठूंस दिया और बोली - पापा, इसे भी चूसो।
अनुराग - हम्।
वर्षा - पापा, और तीजी से चूसो। नूच डालो मेरे निप्पल को। पी जाओ। आपके लिए ही दूध बचा कर रखा था। आह आह। खाली कर दो मेरे मटके।
उधर लता थकने लगी थी। उसने कूदना छोड़ कमर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था। पर अनुराग का लंड पानी छोड़ने को तैयार ही नहीं था। कुछ देर बाद उसने अपना मुँह पीछे कि तरफ कर लिया। अब उसकी पीठ अनुराग कि तरफ थी।

लता - बहनचोद , बहन और बेटी चोद लिया फिर भी लौड़ा शांत नहीं हो रहा है। अब साले क्या बहु चोदेग। वो भी तैयार है चुदने को। बोल चोदेगा उसे भी। तृप्ति भी मस्त माल है। बोल न भोसड़ी के।
अनुराग ने तृप्ति का नाम सुना तो वर्षा के मुम्मे छोड़ कर बैठ गया। उसने लता को झुका कर कुटिया बना दिया और बोला - पहले तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा फिर तृप्ति हो या नैना सबको चोद कर खुश करूँगा।
लता - हाँ तो बहनहोड़ चोद न। तेजी से चोद।
वर्षा अब अनुराग के पीछे गई और उससे चिपक कर बोली - पापा फाड़ दो बुआ कि चूत। बना दो उसका भोसड़ा।
लता - बहन कि लौड़ी चूत तो अब सूज गई है। तेरा बाप ठंढा ही नहीं हो रहा।
वर्षा - तेरी बिटिया ने ही कुछ दिया था।
लता - बेटीचोद , खुद तो घर में सो रही है। यहाँ मेरी चूत का कबाड़ा कर दिया। खुद तो सील पैक है।
वर्षा - उसकी भी सील जल्दी ही टूटेगी। पापा, बुआ कि गांड भी मस्त है।
लता - हाँ , साले गांड ही मार लो। चूत तो फैट गई है।
वर्षा ने लता के गांड पर खूब सारा क्रीम उलट दिया और अनुराग का लंड पकड़ कर उसके गांड पर फिट कर दिया। बोली - फाड़ दो पापा
अनुराग ने लता के गांड में धक्के लगाने शुरू कर दिए।
वर्षा ने अनुराग के चेहरे को चूमना और चाटना शुरू किया। उसने बड़े ही सेडक्टिव अंदाज में उसके पुरे चेहरे को अपने थूक से गीला कर दिया और बोली - पापा , बुआ कि गांड मस्त है या रूबी कि ?
अनु - दोनों क। मन करता है वहीँ घर बना लूँ।
वर्षा - जल्दी से बुआ कि गांड मार लो , रूबी कि भी मार लेना फिर। ।
लता चीखते हुए बोली - साला , बहन कि चूत। अब निकाल आपला लौड़। मेरी गांड भी जवाब दे गई। चल अपनी बेटी को चोद।
अब तक अनुराग का मन वर्षा को चोदने का हो चूका था।
वर्षा ने धीरे से कहा - अपनी लेखा को चोदोगे।
अनुराग ने तुरंत अपना लंड लता कि गांड से निकाला और वर्षा को पटक दिया और उसके ऊपर हो गया। उसने अपना लंड उसके चूत पर सेट किया और बोला - लेखा ,चोद दूँ तुझे ?
वर्षा - आपकी लेखा तो कबसे चुदने को तैयार है। देखो न चूत भी जुदाई में रो रही है। आप ही अपनी बहन कि चूत के पीछे पड़े थे।
ये सुनते ही अनुराग ने उसे ताबड़तोड़ छोड़ना शुरू किया। वर्षा - आह , आह , पेल दो अपनी लेखा को। बेरहमी से चोदो।
अनुराग - हाँ बहन कि लौड़ी पेल के तेरी चूत का किवाड़ बना दूंगा।
वर्षा - बना दे न। देखती हूँ कितना दम है ? दिखा दम कि सेल बहन कि चूत के लिए ही बेक़रार रहता है ?
अनुराग - चुप , साली चुप। चोदने दे।
वर्षा - चोद , तेरी बिटिया भी चुद गई और बहु भी तैयार है। बोल चोदेगा न उसे
अनुराग - तुम कहो तो उसे भी चोद दूंगा

वर्षा - हाँ चोद के उसे भी माँ बना देना फिर साला घर में दूध कि नदिया बहेंगी। अभी उसके मुम्मे मध्यम साइज के हैं। दूध भरते ही बड़े ही जायेंगे।
अब अनुराग किसी भी पल आ सकता था। उसके बॉल्स भर चुके थे। अनुराग के शरीर में आते तनाव को वर्षा भी महसूस कर चुकी थी।
वर्षा - आह पापा चोद दीजिये मुझे। और तेजी से। इसी बिस्तर पर आपने माँ को चोदा था और अब उनकी दोनों बेटियों को भी। बहुत जल्दी नैना भी चुदेगी। और फिर तृप्ति का नंबर आएगा। दोनों सहेलिया आपके लौड़े का जवानी चढ़ते ही दीवानी हो गई थी। उफ्फ्फ माआ देखो पापा मेरी चूत का क्या हाल कर रहे है। माअअअअअअअअअअ। आअह।

इतना सुनते ही अनुराग के लंड ने झटके लेना शुरू किया और अपना माल वर्षा कि चूत में डालना शुरू कर दिया। अनुराग कुछ निनुते तक झटके लेटा रहा। वर्षा भी अपने चरम अवस्था में थी । उसने अपने दोनों पैरो से अनुराग के कमर को बाँध रखा था। अनुराग के लंड ने इतना माल उगला जैसे लगा , कि वर्षा कि चूत भर गई हो। पूरा माल निकलते ही अनुराग उसके ऊपर निढाल हो गया। वर्षा उसके बाल को सहलाने लगी।

वर्षा - हो गया पापा। बस हो गया। डाल दो अपना पूरा माल मेरे अंदर। बाहर दो मेरी कोख।

वर्षा ने अब अपने चूत को सिकोड़ना शुरू किया और अंदर ही अंदर अनुराग का पूरा माल निचोड़ लिया। लता भी दोनों को सहला रही थी। उसका एक हाथ वर्षा के बालो पर था तो दूसरा अनुराग के पीठ पर। कुछ देर में अनुराग का लंड अपने आप ठंढा पड़ कर सिकुड़ गया और वर्षा कि चूत से निकल गया। अनुराग उसके बगल में लेट गया। लता ने फटाफट से ठंढे कपडे से उसके लंड और आस पास के हिस्से को पोछना शुरु कर दिया। उसने वर्षा से कहा - जाकर धो ले। खूब सारा माल निकला है कमीने ने।
वर्षा वैसे ही सीधे सोइ रही। बोली - महसूस करने दो बुआ। अंदर तक।
लता - तेरे महसूस करने के चक्कर में प्रेग्नेंट हो गई तो ?
वर्षा - सही तो है। पापा के लिए दूध कि कमी नहीं होगी।

वर्षा ने आँखें बंदकर लीं। अनुराग तो कब का नींद के आगोश में जा चूका था। लता ने दोनों के ऊपर चादर डाला फिर अपने कपडे पहन लिए। उसने कमरे में फैले गंध को ख़त्म करने के लिए रूम फ्रेशनर डाला और फिर कमरा बंद करके बाहर निकल गई।

बाहर आते ही बेटू उससे लिपट पड़ा और बोला - बाबा कैसे हैं ? माँ कैसी है ?
लता ने मन ही मन कहा - दोनों तुझे भाई या बहन देने कि तैयारी में हैं। बस नौ महीने का इंतजार है।
लता उसे बोली - ठीक हैं। आराम कर रहे हैं। तूने कुछ खाया ?

लता और रूबी दोनों घर के काम में व्यस्त हो गए। लता ने सोचा अब जल्दी ही नैना कि शादी करवानी पड़ेगी। उसने सोच लिया पहले ही शुभ मुहूर्त में दोनों कि शादी करवा देगी।
Bhai aapki kahani bohot mazedar hai.

Kripya update dete rahe.
 

Arunpandal

New Member
26
45
13
दोपहर तक नैना भी आ गई थी। उसने अगले पांच दिन तक रूबी और अनुराग को सेक्स करने से मना कर दिया था। बल्कि ये भी कह दिया था कि रूबी अनुराग के सामने आने से बचे तो ही अच्छा है। पर उसने वर्षा को कहा था अनुराग के साथ जेंटल सेक्स करे वो भी सिर्फ रात में। वर्षा का सुन कर रूबी और लता पहले तो नाराज हुईं पर बाद में मान गईं।
अगले पांच दिन अनुराग के बहुत ही शांत तरीके से गुजरे। दोपहर के बाद अक्सर नैना चली आती थी। दोनों शाम को घूमने निकल जाते। रात को बच्चों के सोने के बाद वर्षा अनुराग के साथ सोने चली आती थी। अनुराग और वर्षा दोनों लगभग रोज ही सेक्स करते थे।
उधर लता ने पंडित बुला कर दोनों कि शादी कि डेट फिक्स करने का प्लान कर लिया था। एक हफ्ते बाद आने वाले इतवार में लता ने पंडित को अपने यहाँ बुला लिया था। उस दिन उसने सबको अपने यहाँ बुलाया था। उस दिन रूबी भी लता के यहाँ चली गई थी। दोनों मिलकर सुबह से ही नाश्ता खाना बना रहे थे।
सुबह ग्यारह बजे के आस पास अनुराग और वर्षा भी लता के यहाँ पहुँच गए। कुछ देर बाद पंडित जी भी पहुँच गए। दोनों की कुंडलियां देखने के बाद तिथि देख रहे थे तभी अविनाश और तृप्ति ने अमेरिका से वीडियो कॉल किया। कॉल उनके स्मार्ट टीवी पर आयी थी। तो दोनों बड़े पिक्चर पर दिख रहे थे। तृप्ति और अविनाश भी तैयार थे। उन दोनों को देख कर अनुराग और वर्षा खुश हो गए।
अनुराग - काश तुम दोनों भी यहाँ होते ?
अविनाश - पापा, हम भी दो महीने में आ जायेंगे। बात हो गई है। आज भी समझ लीजिये वहीँ हैं। वैसे डेट क्या निकली ?
लता - पंडित जी बताईये कौन सा शुभ मुहूर्त है ?
पंडित - तीन महीने बाद दशहरे के बाद की एक डेट है।
शेखर - सही है। और आज का दिन कैसा है ?
पंडित - आज भी शुभ दिन है।
तभी अंदर से रूबी आई और उसने दो अँगूठिया निकाली और कहा - जब दिन बढ़िया है तो आज सगाई भी कर ही दें क्या ?
ये सुनकर सभी तालियां बजाने लगे। नैना शर्मा गई।
अनुराग - यार , मतलब आप सबने सब तैयारी कर राखी थी।
लता - अब इतना प्यार है तो प्यार को सील कर देते हैं।
रूबी ने मजाक में कहा - जय फायदा सील तोड़ने का मौका तो शादी के बाद ही मिलेगा।
उसकी दोअर्थी बातें सुन कर सब मुश्कुरा उठे।
कुछ ही देर में अनुराग और नैना ने अंगूठियां एक्सचेंज की। फिर खाने पीने के कार्यक्रम के बाद पंडित जी को विदा कर दिया गया। अविनाश और तृप्ति भी देर रात होने की वजह से कॉल डिसकनेक्ट कर दिए। सभी खुश थे। नैना शर्मा रही थी। अनुराग भी कुछ संकोच में थे। पर रूबी और लता बहुत खुश थे। पर खुश तो शेखर भी था।
बात चीत चल ही रही थी की शेखर ने धीरे से कहा - भाई , अब तो शादी भी हो गई। अब कोई शर्त पुरी करेगा।
ये सुनकर रूबी शर्मा गई। लता बोली - क्यों रूबी ? बता क्या इरादे हैं ?
रूबी - अभी तो नए जोड़े को बात करने का मौका दीजिये। आज तो उनका दिन है।
लता - ठीक है , करने दे इन्हे बात। हम अलग चलते हैं।
रूबी - आज नहीं। कल आप लोग हमारे यहाँ आइयेगा। आप सबको ताजे दूध की चाय भी मिलेगी और बाकी सब भी। आज तो पापा और नै माँ का दिन है।
लता - चल जैसी तेरी मर्जी। जब तक ये दोनों बात करते हैं हम सब कहीं घूम आते हैं।
ये सब सुनकर अनुराग बोल पड़ा - ये क्या लगा रखा है तुम सबने। हम पहली बार थोड़े ही मिले हैं। उसके अलावा क्या इस बूढ़े के लिए इतना हंगामा हो रहा है ?
अनुराग की ये बात उनकर सभी औरतें बोल पड़ी - बूढ़ा कौन है ?
नैना - खबरदार जो ये बात बोली तो।
अनुराग ने कान पकड़ कर कहा - सॉरी।
अब रूबी बोल पड़ी - अब तो आपको नैना को साबित करना पड़ेगा की आप बूढ़े नहीं हैं। चलिए हम सब चलते हैं।

उसके कुछ ही देर बाद नैना और अनुराग को घर में छोड़ कर सब चले गए। घर में रह गए तो सिर्फ नैना और अनुराग। क्या बातें करेंगे ? सिर्फ बातें करेंगे ?
Dost
Aapki dusri vali story pr bhi updates dijiye na ...
Bohat jabardast story h vo apne achanak hee break lgaa rakhe h uss pr
 
Top