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Incest पहाडी मौसम

sunoanuj

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ricky4545

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रात को देखा गया सपना दिन में भी सुनैना के होश उड़ा रहा था सुनैना को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि रात को जो कुछ भी हुआ था वह सपना था उसे सब कुछ हकीकत सा ही लग रहा था,,, क्योंकि आज तो कुछ नहीं इस तरह का सपना कभी देखी भी नहीं थी और जो सामान्य सपने होते थे वह तो पूरी तरह से याद भी नहीं होते थे लेकिन रात को देखा गया सपना सुनैना के मानस पटल पर पूरी तरह से छप गया था वह पूरी तरह से आश्चर्यचकित हुई थी उसे इस तरह का सपना क्यों आया,,, जबकि मां बेटे के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है,,,, लेकिन फिर भी यह सपना बार-बार सुनैना की बुर अपने आप ही गीली कर दे रहा था,,,,,,, सपना का एक-एक दृश्य सुनैना कोपूरी तरह से याद था ऐसा लग रहा था कि सपना का एक-एक कृष उसके साथ घटित हुआ हो। उसे सपना के हर एक पल में मादकता और मदहोशी छुपी हुई थी जिसे के बारे में सोचकर ही सुनैना की हालत खराब हो जा रही थी।

सुबह जब वह सो कर उठी तो कुछ देर तक वह बिस्तर पर ही बैठी रह गई थी,,,, सपने में उसके बेटे की यह बात इस बार-बार याद आ रही थी कि वह कमरे में अपने हाथ से ही अपनी प्यास बुझाने की कोशिश करती है और वह चोरी छुपे सब कुछ देखा है,,,, और इस बात से बात से वह बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकती थी कि कमरे के अंदर अपने पति के लिए हाजिरी में उसे अपने हाथ से अपनी जवानी की प्यास बुझाने पर मजबूर होना पड़ रहा था लेकिन यह बात उसे समझ में नहीं आ रही थी कि वाकई में उसका बेटा उसे इस तरह की हरकत करते हुए देखा है या सिर्फ यह एक सपना ही था बार-बार यह सवाल सुनैना को परेशान कर दे रहा था लेकिन फिर भी सपना तो सपना ही होता है वह अपने मन को इस बात से मना कर शांत कर ली थी वरना यह प्रश्न उसे बहुत परेशान कर रहा था और वह अपने मन में सोच रही थी कि उसका बेटा उसके कमरे में रात को झांकने के लिए थोड़ी ना आएगा,,, जैसे तैसे करके सपनो की दुनिया से बाहर आकर वह सामान्य होकर अपनी दिनचर्या में लग गई लेकिन इसके बावजूद भी वह सूरज से नजर नहीं मिल पा रही थी उसे ऐसा ही महसूस हो रहा था कि सच में सूरज रात को उसकी चुदाई कर गया है,,,, इसलिए वहां शर्मिंदगी के कारण सूरज के सामने अपनी नजर को नीचे झुका कर ही कार्य कर रही थी।

सूरज को इस बात की खुशी थी कि उसने अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा और उसकी मां भी उसे इस क्रिया को करते हुए देख ली थी जिससे उसे पता चल गया था कि उसका बेटा उसे देख रहा था,,, अभी ईस क्रियाकलाप का उसकी मां पर क्या असर होता है,,, यही सूरज देखना चाहता था। क्योंकि सूरज भी जानता था कि उसकी मां अपनी साड़ी को यह जानते हुए दी थी वह उसे देख रहा है फिर भी वह साड़ी नीचे नहीं कर पाई थी अब यह जानबूझकर हुआ था या जाने अनजाने में घबराहट की वजह से यह सूरज को नहीं मालूम था लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखों के सामने घटित हुआ था वह बेहद रोमांचक था। सूरज तो अपने मन में यही सोचता था कि बार-बार उसे यह दृश्य देखने को मिले बार-बार उसकी मां उसकी आंखों के सामने पेशाब करें और उसकी बुर से निकलने वाली सिटी की आवाज उसके कानों में घुलकर उसे मदहोश कर दे। यही सब सोचता हुआ वह भी अपनी दिनचर्या में लगा हुआ था क्योंकि उन दोनों को खेत पर भी जाना था,,, समय पर गेहूं की कटाई करनी थी इसलिए वह जल्दी से तैयार हो गया था मां बेटे दोनों खेत में जाने के लिए तैयार हो चुके थे। और रानी को हिदायत देकर सुनैना अपने बेटे के साथ खेत पर चली गई थी और अपने काम में लग गई थी।

दोपहर का समय होने पर रानी गांव में अपनी सहेलियों के साथ बड़े से पेड़ के नीचे बैठकर बातें कर रही थी कि तभी उनमें से एक सहेली बोली।

रानी क्यों ना हम लोग नदी पर चलते हैं नहाने के लिए वैसे भी गर्मी बहुत है,,,
(उसकी बात सुनकर रानी बोली)

बात तो तु ठीक कह रही है,,, लेकिन मुझे बराबर तैरना नहीं आता अगर कुछ इधर-उधर हो गया तो गड़बड़ हो जाएगी,,,।

अरे कुछ भी नहीं होगा हम लोग हैं ना हम लोगों को अच्छी तरह से तैरना आता है। (उनमें से दूसरी लड़की बोली तो उसकी बात से रानी सहमत हो गई,,, रानी का समय अक्सर इन्हीं सहेलियों के बीच गुजरता अपना काम जल्दी खत्म करके वह दोपहर में इन्हीं लोगों के पास आ जाती थी गप्प लड़ाने के लिए,,, उसकी सहेलियों में दो सहेलियां ऐसी थी जो अपना अनुभव उसे बताती थी,,,और वह भी चुदाई का,,, जिसे सुनकर रानी के तन बदन में कुछ कुछ होता था लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं होता था क्योंकि अब वह खुद अपने भाई से रोज रात को चुदाई का मजा लूटती थी,,, उन लोगों तो कभी कभार यह आनंद मिलता था उन लोगों के बताए अनुसार लेकिन रानी तो बेहद खुश नसीब थी जो रोज उसे चुदाई का सुख मिल रहा था जिसे पाकर वह पूरी तरह से तीर्थ हुई जा रही थी और उसके अंगों में निखार भी आ रहा था। रानी के साथ तीन लड़कियां और थी और वह लोग नदी की तरफ जाने लगे,,,।)


दोपहर का समय होने की वजह से उन लोगों को मालूम था कि इस समय नदी पर कोई नहीं होगा क्योंकि दोपहर के समय अधिकतर लोग अपने घर में आराम करते थे और धूप इतनी तेज थी कि कोई भी नदी की तरफ नहीं जाता था और सीमा के का फायदा उठाकर वह लोग नहाने के लिए नदी पर जा रही थी वैसे वह लोग कभी कबार ही नदी पर नहाने के लिए जाती थी रानी को पांच पांच छः छः महीने लग जाते थे नदी की तरफ जाने में,,, इसलिए उसे ठीक से नदी में तैरना नहीं आता था। वैसे तो उसे भी नदी में नहाने में बहुत मजा आता था और तालाब में वह थोड़ा बहुत देर करना लेती थी क्योंकि तालाब में पानी ज्यादा नहीं होता था लेकिन नदी की बात कुछ और थी अपने भाई के साथ वह झरने से गिर रहे हैं पानी जो एक तालाब में इकट्ठा होता था उसी में नहाने का सुख प्राप्त की थी अगर नदी में नहाना होता तो शायद वह अपने भाई के साथ यह सुख कभी भी नहीं भोग पाती और शायद उन दोनों के बीच इतनी नजदीकीया कभी ना आती। चारों नदी की तरफ चली जा रही थी तभी उनमें से एक सहेली की नजर रानी की चूचियों पर गई जो कुर्ती में कुछ ज्यादा ही उठी हुई दिखाई दे रही थी और उसे देखकर मुस्कुराते हुए वह बोली,,,)

क्या बात है रानी तेरी नारंगिया तो खरबुजे की तरह बढ़ रही है,,, ऐसा क्या हो गया है,,,,।
(अपनी सहेली की बात सुनकर रानी की नजर अपने आप ही अपनी छातियों की तरफ चली गई जो कि वाकई में महीने भर में ही उसका आकार थोड़ा बढ़ने लगा था। वह एकदम से हड़बड़ा गई थी उसकी बात सुनकर लेकिन फिर भी माहौल को संभालते हुए वह बोली,,,)

पागल हो गई है क्या वैसे ही तो है जैसे थे,,,,।

(रानी अपनी तरफ से सफाई देते हुए गली उसे अच्छी तरह से मालूम जिस तरह से कुछ दिनों से उसके भाई के साथ वह मुझे लूट रही है उसके हिसाब से उसके बदन का उभार बढ़ने लगा था लेकिन यह सच्चाई पर वह पर्दा जा रहे थे जिसे सुनकर उसकी सहेली को उस पर यकीन नहीं हुआ और वह बोली।)

नहीं नहीं मुझे बेवकूफ मत करना तेरी नारंगिया सच में बड़ी हो रही है कहीं ऐसा तो नहीं किसी से मसलवा रही है दबवा रही है।(वह मजे लेते हुए बोली तो उसकी बात से वह एकदम से झेंप गई,,,, उसे अपनी सहेली की बातों पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वह ज्यादा बहस नहीं करना चाहती थी,,, क्योंकि वह जानती थी कि ज्यादा बहस करना ठीक नहीं है क्योंकि उसकी सहेलियां खेली खाई थी उन्हें अच्छी तरह से समझ आता था बदन के अंगों का बदलाव उनके उभारो का बड़ा होना यह सब कुछ बड़ी बड़ी की चीजों का ज्ञान उन लोगों को था इसलिए रानी उन लोगों से बहस करके अपने राज पर से पर्दा नहीं उठाना चाहती थी इसलिए बोली।)


इसलिए मैं यहां नहीं आना चाहती थी तुम लोगो की आदत खराब है,, जब देखो शुरू हो जाते हो,,,, जाने दो मुझे नहीं जाना नदी में नहाने में जा रही हूं,,,घर,,,,(ऐसा कहकर वह नाराज होकर जाने को हुई तो उसकी सहेली उसे रोकते हुए बोली,,,)

अच्छा जाने दे मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी मुझे क्या मालूम था कि तुझे बुरा लग जाएगा।

बुरा लगने जैसी बात ही है अभी हम लोगों की बातें कोई सुन ले तो सबको यही लगेगा कि सच में मेरे साथ कुछ हो रहा होगा सच में मैं किसी के साथ कुछ करवा रही हूं,,, अगर यह सब मेरी मां को पता चल गया तो गजब हो जाएगा मेरी मां तो बिना कुछ सच जानें मुझे कपड़े की तरह धो डालेगी।ड०ट
ड (रानी जानबूझकर यह सब डर दिखा रही थी और उसकी बातें सुनकर उसकी सहेली बोली,,,,)

क्या रानी तू तो एकदम गुस्सा करने लगती है मजाक भी नहीं समझती इस तरह की मजाक तो हम लोगों में होता रहता है ना। तू भी तो इस तरह की बातें करती है,,,,।


नहीं नहीं मैं इस तरह की बातें पर मजाक कभी नहीं करती हां तुम लोग इस तरह की बातें करती हो तो मैं सिर्फ सुनती हूं बाकी पूछ लो किसी से अगर मैं किसी को कुछ कहीं हुं तो,,,,।

चल अच्छा जाने दो छोड़ गुस्सा,,,, अब वह इस तरह की बात नहीं करेगी बस,,,,(उनमें से एक सहेली समझाते हुए बोली,,,, तब जाकर मामला थोड़ा शांत हुआ और फिर वह लोग नदी की तरफ आगे बढ़ने लगे,,,, नदी की तरफ आगे बढ़ते हुए रानी अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा हुआ वह इस बात को यहीं खत्म कर दिया अगर वह उन लोगों को ज्यादा बोलने का मौका देती तो शायद बात का बतंगड़ बन जाता और वह नहीं चाहती थी कि लोगों में इस तरह की बातें फेले,,,

धूप पूरी तरह से सर पर छाई हुई थी गर्मी का महीना होने की वजह से गर्मी भी बहुत थी ऐसे में किसी का बाहर निकलना वाकई में बहुत मुश्किल था क्योंकि इतनी गर्मी और धूप थी कि कोई घर से निकलना ही नहीं चाहता था। गांव के लोग या तो घरों में आराम करते थे या फिर पेड़ की छांव में दिन गुजारते थे,,, ऐसी कड़क धुप में रानी और उसकी सहेलियां नदी में नहाने के लिए चली जा रही थी और देखते ही देखते वह लोग नदी के किनारे पहुंच चुके थे वाकई में इस कड़क दुपहरी में नदी पर सन्नाटा छाया हुआ था दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था और इसी सन्नाटे की वजह से ही तो यह लोग यहां पर नहाने के लिए आए थे। नदी के किनारे पहुंचते ही उन चारों को एहसास हो रहा था कि वाकई में यहां पर नदी के कारण ठंडी हवा बह रही थी जो उन्हें सुकून दे रही थी और उनमें से एक गहरी सांस लेते हुए बोली।)

वाह कितना गजब नजारा है। देखो तो सही दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा है और कितनी ठंडी हवा बह रही है।
(उसकी बात सुनकर उनमें से दूसरी लड़की बोली जिसने सबसे पहले यहां पर आने के लिए प्रस्ताव रखा था)

हां यार तू सच कह रही है चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है और सूरज ढलने तक कोई आने वाला नहीं है,,, मेरा तो मन कह रहा है सारे कपड़े उतार कर नंगी होकर नदी में कूद जाऊं सच कहूं तो नंगी होकर नहाने में मजा बहुत आता है,,,(उनमें से दूसरी लड़की बोली,,,, और उसकी बात सुनकर रानी एकदम से उत्साहित होते हुए बोली,,,,)


क्या बात कर रही है तू हमेशा बिना कपड़ों के ही नहाती है क्या,,,,?

तो क्या कपड़े पहनकर नहाने में कितनी दिक्कत होती है,,,,।

लेकिन नदी में,,,, नहाने में तुझे शर्म नहीं आती बिना कपड़ों के,,,, पागल हो गई है क्या सबको दिखाकर नहाती है क्या,,?


अरे बुद्धू,, नदी में नहीं लेकिन घर के अंदर नहाती हुं बिना कपड़ों के,,,,, सच में इतना मजा आता है कि पूछ मत,,,,।


तेरा भाई भी तो है ना क्या कभी उसने कभी देखा नहीं,,,,,(दूसरी लड़की बोली यह सवाल रानी के मन में भी आया था लेकिन उसने यह सवाल पूछी नहीं थी क्योंकि उसके घर में भी उसका बड़ा भाई था जिसके साथ उसके जिस्मानी ताल्लुकात बन चुके थे,,,, इसलिए उसने इस बात की जिक्र नहीं की लेकिन यही सवाल उसकी सहेली ने पूछ ली थी इसलिए उसे थोड़ी राहत महसूस हुई थी,,,,)


देखा है ना बहुत बार देखा है,,,,।
(वह एकदम सहज होते हुए बोली और उसकी बात सुनकर बाकी की तीनों रानी सहित एकदम से चौंक गई उनमें से एक बोल पड़ी,,,)

क्या कह रही है तू तेरा भाई तुझे बहुत बार नंगी देख चुका है नहाते हुए वह तुझे कुछ बोलता नहीं,,,,।

बोलेगा क्या बस देखता रहता है फिर चला जाता है,,।

ओहहहह इसका मतलब है कि तेरा भाई तेरी जवानी का आशिक हो चुका है,,,(उनमें ऐसे एक लड़की बोली,,,,)

अब यह तो नहीं मालूम लेकिन हो सकताहै,,,।

(वह एकदम सहज होते हुए बोली को जिस तरह से बात कर रही थी उसे देखकर रानी को उसके ऊपर शक हो रहा था,,, उसे ऐसा लग रहा था कि उसकी तरह उसके और उसके भाई के बीच जरूर कुछ चल रहा है क्योंकि इसकी शुरुआत ही ही तो देखा ताकि से हुई थी उसका भाई भी तो उसे बिना कपड़ों के देखा था उसे पेशाब करते हुए देखा था,,, उसका नंगा जिस्म उसकी नंगी गांड उसका खूबसूरत बदन नंगी चूचियां उसकी गुलाबी बुर यही सब देख कर तो उसका भाई भी उसे पर पूरी तरह से फिदा हो चुका था और आलम यह था कि अब रोज उसकी चुदाई करता था। अगर उन दोनों में ऐसा हो सकता है तो उसकी सहेली और उसके भाई में जरूर ऐसा कुछ हो रहा है बस वह खुलकर बात नहीं रही है अगर ऐसा है तो क्या हर एक घर में इसी तरह का रिश्ता कायम होता है,,,, अपने मन में उतरे सवाल का खुद ही जवाब देते हुए वह बोली,,,, हो सकता है क्यों नहीं हो सकता वह भी तो सीधी-सादी और संस्कारी थी लेकिन उसके भाई की हरकत और जवानी की आग ने उसे भी जवानी का खेल खेलने पर मजबूर कर दि। फिर उनमें से ही एक लड़की बोली,,,)

मुझे तो लगता है किसका भाई से चोदता होगा तभी तो देख इसका रंग निखरता जा रहा है,,।
(उसकी सहेली की बात सुनकर दूसरी लड़की बोली)

क्यों रे यह सच कह रही है ना तभी तु बहुत खिली-खिली सी नजर आती है,,,,।

(इस सवाल का जवाब उसने बिल्कुल भी देना उचित नहीं समझी और एकदम नदी के किनारे पहुंच कर अपनी कमीज उतरने लगी और एकदम से कमी से उतर कर उसे एक किनारे पर बड़े से पत्थर पर रख दी उसकी नंगी चूचियां वाकई में पीली धूप में चमक रही थी जिसे देखकर बाकी की तीन लड़कियां आश्चर्य से उसे देखती रह गई,,,, उसकी हरकत को देखकर रानी बोली)

क्या सच में तू अपने सारे कपड़े उतार कर नहाएगी,,,,।

तो क्या देख नहीं रही है चारों तरफ सन्नाटा है यहां पर हम लोगों को देखने वाला कोई नहीं है यही मौका है बिना कपड़ों के नहाने का मजा लूटने का कसम से बहुत मजा आएगा फिर देखना कितना मजा आता है,,,,,।
(वह एकदम आत्मविश्वास के साथ बोल रही थी रानी को लग रहा था कि यह वाकई में अपनी सारे कपड़े उतार कर नदी में कूद जाएगी उसकी बातें सुनकर रानी को भी बिना कपड़ों के नदी में नहाने का मन कर रहा था क्योंकि वह बिना कपड़ों के एक बार अपने भाई के साथ तालाब में नहाने का सुख प्राप्त कर चुकी थी उस समय उसे बहुत मजा आया था लेकिन यहां पर वह जल्दबाजी दिखाने नहीं चाहती थी वह देखना चाहती थी कि बाकी की लड़कियां तैयार होती है कि नहीं इसलिए वह उन दोनों को देखने लगी जो उसके साथ खड़ी थी तब तक वह लड़की अपनी सलवार खोलकर उसे भी उतार कर बड़े से पत्थर पर रख दी और एकदम से नंगी हो गई,,,, उसका नंगा जिस्म वाकई मे बेहद आकर्षक था रानी भी उसके खूबसूरत बदन को देख रही थी अपने मन में सोच रही थी वाकई में इसका बदन कितना खूबसूरत है ऐसे में अगर सच में इसका भाई ईसे नंगी नहाते हुए देखता होगा तो जरूर वह इसकी चुदाई कीए बिना नहीं रह पाया होगा।

वैसे तो वह रानी जितनी खूबसूरत नहीं थी रानी जितना रंग भी उसका निखार नहीं था रंग हल्का सा लगा हुआ था लेकिन बदन का बनावट उसका हर एक अंग एक अलग आकर्षण लिए हुए था जो कि किसी भी मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए काफी था,,,,, वह एकदम से नंगी होने के बाद तीनों की तरफ देखते हुए बोली,,,।

अरे बुद्धू लोग साथ में कपड़े तो लाए नहीं है,,,, अगर कपड़ों के साथ नदी में उतरे तो फिर नहाने के बाद क्या पहनोगी गीले कपड़ों में घर जाओगी,,,,।

(उसकी बात सुनकर तीनों को यही लग रहा था कि वाकई में उसका कहना बिल्कुल उचित था उन चारों ने अपने साथ सुखे हुए कपड़े लाई नहीं थी अगर वह लोग कपड़ों के साथ नदी में उतर कर नहाती है तो गीले कपड़ों में घर जाने में दिक्कत हो जाएगी इसलिए उनमें से एक लड़की बोली,,,)

बात तो यह सही कह रही है और यहां पर कोई है भी नहीं देखने वाला चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ है क्यों ना आज बिना कपड़ों के नहा ले,,,
 

Raz-s9

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Bai Muje piyar koro story me three some Acca nehi laga ,plz this story me three some add math koro ,you are the best writer this forum,thanks
 
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sunoanuj

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बहुत ही शानदार अपडेट दिया है !
 
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